सीएम सुक्खू: हिमाचल में सेब बागवानी के लिए 500 करोड़ रुपये की बनेगी योजना
हिमाचल प्रदेश में बागवानी विकास के लिए प्रदेश सरकार उच्च घनत्व पौधरोपण को बढ़ावा देगी। प्रदेश सरकार ने एचडीपी-2 परियोजना लागू करने का फैसला लिया है। एचडीपी-2 परियोजना के वित्त पोषण के लिए सरकार विश्व बैंक को प्रस्ताव भेजेगी। सोमवार को बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में भंडारण और विपणन व्यवस्था विकसित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत बागवानों से खरीदे जाने वाले सेब का पैसा डीबीटी सुविधा के तहत सीधे बागवानों के बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था लागू करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों को उत्पादों के सही दाम मिलें, इसके लिए सरकार द्वारा जिला स्तर पर आधुनिक कोल्ड स्टोर विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। ऊना जिला में आलू की प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में सेब बागवानी के कायाकल्प के लिए सरकार 500 करोड़ रुपये की परियोजना बनाने पर भी विचार कर रही है, इसकी अवधि पांच वर्ष होगी। प्रदेश में वित्त वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान राज्य योजनाओं की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष में बागवानी विकास योजना के तहत पावर टिल्लर और पावर स्प्रेयर पर 12.84 करोड़ खर्च किए गए जिससे 4244 बागवान लाभान्वित हुए।
वित्त वर्ष 2024-25 में इसके तहत अब तक 9 करोड़ रुपये खर्च कर 3156 बागवानों को लाभान्वित किया गया है। एंटी हेलनेट स्कीम में 14.45 करोड़ खर्च कर 1767 लोगों को फायदा हुआ है। हिमाचल पुष्प क्रांति योजना पर पिछले वित्त वर्ष के दौरान 11 करोड़ रुपये खर्च कर 750 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। बैठक में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव बागवानी सी. पालरासु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।