शिमला: विद्युत बोर्ड यूनियन ने CM सुक्खू से खाली पदों पर जल्द भर्ती की उठाई मांग
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बिजली बोर्ड में भारी स्टाफ कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नितिश भारद्वाज, महासचिव प्रशांत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नन्द लाल, झाबे राम शर्मा, ललित कुमार, सुनील चौधरी, मुख्य संगठन सचिव अनिल वर्मा और मुख्य सलाहकार यशवंत चौहान ने प्रेस को जारी संयुक्त बयान में कहा कि यह कदम प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा।
यूनियन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया निजी एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर न की जाए। इसके बजाय इसे विद्युत बोर्ड लिमिटिड के माध्यम से मेरिट के आधार पर किसी निर्धारित नीति के तहत संचालित किया जाए, ताकि चयनित कर्मचारी एक निश्चित समयावधि में बोर्ड के नियमित कर्मचारी बन सकें। यूनियन का कहना है कि आउटसोर्स प्रणाली शोषण पर आधारित है और इसी व्यवस्था के कारण कई आउटसोर्स कर्मचारी पिछले वर्षों में दुर्घटनाओं का शिकार होकर मौत या स्थायी विकलांगता का सामना कर चुके हैं, जिससे उनके परिवार कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में स्टाफ की कमी इस हद तक बढ़ गई है कि कई स्थानों पर सीढ़ी पकड़ने तक के लिए दूसरा कर्मचारी उपलब्ध नहीं है और कर्मचारी अकेले ही जोखिमपूर्ण कार्य करने को मजबूर हैं। विद्युत उपकेंद्रों में भी स्टाफ की भारी कमी है, जिसके चलते कर्मचारियों को अकेले ही शिफ्ट ड्यूटी निभानी पड़ रही है। यूनियन ने सरकार से कैबिनेट द्वारा मंजूर 1000 टी-मेट और 70 हेल्पर (पावर हाउस) पदों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की मांग की है, ताकि बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में सहायता मिल सके। साथ ही, पहले से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने और यूनियन के 18वें महाअधिवेशन में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को शीघ्र लागू करने की भी मांग की गई है। यूनियन पदाधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही बोर्ड प्रबंधन को आवश्यक दिशा–निर्देश जारी करेंगे।
