सोलन: बघाट बैंक मामला, 32 लाख के लोन पर लगाया 76 लाख का ब्याज
बघाट बैंक के ऋण की रिकवरी की सुनवाई कर रहे सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (एआरसीएस) भी एक मामले को देखकर हैरान रह गए, जिसमें बैंक ने ऋण की मूल राशि से कई गुना अधिक ब्याज ही लगा दिया। कंडाघाट क्षेत्र के ऋणधारक ने मशरूम प्लांट के लिए बघाट से करीब 32 लाख रुपए का ऋण लिया था। आज वह ऋण 1.08 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें 76 लाख रुपए बैंक ने ब्याज लगाया हुआ है। जब ऋणधारक एआरसीएस की अदालत में पेश हुआ तो उन्होंने कहा वह ऋण का भुगतान करने के लिए तैयार है, लेकिन ऋण राशि 1.08 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें ब्याज बैंक ने किस आधार पर 76 लाख रुपए जोड़ा है। यह उन्हें आज तक बैंक ने नहीं बताया है।
बघाट बैंक ने नियमों को ताक पर रखकर कई ऋण मंजूर किए हैं। ऋण की रिकवरी को लेकर एआरसीएस की विशेष अदालत में इसके खुलासे हो रहे हैं। सोलन के अश्वनी खड्ड में 8 बीघा भूमि पर बैंक ने 4.85 करोड़ रुपए का ऋण दे दिया। यह ऋण अब एनपीए हो गया है। एआरसीएस की अदालत में इस मामले की भी सुनवाई हुई। एआरसीएस ने सभी को निर्देश दिए कि या तो ओटीएस से ऋण का भुगतान करें नहीं तो ऋणधारक के साथ गारंटर की भी संपत्ति को अटैच किया जाएगा। वहीं बघाट बैंक के एक ऋण डिफाल्टर को एआरसीएस ने कहा कि ऋण का भुगतान करें या तो फिर जेल जाने को तैयार रहे। हुआ यूं कि एक ऋण डिफाल्टर जिन्होंने बैंक से करीब 18 लाख रुपए का ऋण लिया हुआ था, लेकिन भुगतान नहीं कर रहा है। बैंक ने ऋण के लिए एक बिस्वा या इससे कम जमीन को गिरवी रखा हुआ है। इससे ऋण की वसूली होना संभव नही है। उनसे एआरसीएस ने ऋण का भुगतान करने को कहा।
एक ऋण डिफाल्टर द्वारा बैंक को दिया गया 10 लाख रुपए का चैक बाऊंस हो गया है। बैंक ने सम्बन्धित डिफाल्टर को इस चैक की राशि को जमा करवाने के निर्देश दिए हैं, नहीं तो चैक बाऊंस का मामला दर्ज करवाया जाएगा। एआरसीएस सोलन गिरीश नड्डा ने बताया कि वीरवार को उनकी अदालत में करीब 49 मामलों की सुनवाई थी। इनमें से 34 मामलों में ऋण की रिकवरी की सुनवाई की गई। इसमें अधिकांश ने ओटीएस से अपना ऋण जमा करने का अवसर मांगा है। इन सभी को एक महीने का समय दिया गया है। इसके अलावा 4 संपत्तियों को अटैच करने व 2 गाड़ियों को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं।
