हिमाचल में बदली सरकारी भर्ती प्रक्रिया: अब पहले 'ट्रेनी', फिर सरकारी नौकरी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में सीधी भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह बदलते हुए एक नई 'जॉब ट्रेनी स्कीम' लागू कर दी है। अब ग्रुप-A, ग्रुप-B और ग्रुप-C पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को पहले एक तय समय के लिए 'जॉब ट्रेनी' के रूप में रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित वेतन की जगह मासिक मानदेय मिलेगा, और परफॉर्मेंस आधारित मूल्यांकन के बाद ही वे स्थायी नियुक्ति की पात्रता प्राप्त करेंगे।
क्या है नई नीति का मकसद?
सरकार का कहना है कि इस नई भर्ती नीति का उद्देश्य सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। इस स्कीम के ज़रिए युवाओं में जवाबदेही, प्रेरणा और पेशेवर रवैये को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, यह मॉडल सरकारी प्रशासनिक तंत्र को अधिक दक्ष, परिणामोन्मुख और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
नई स्कीम के प्रमुख बिंदु:
सीधी नौकरी नहीं, पहले ट्रेनी: चयनित उम्मीदवारों को पहले “Job Trainee” के रूप में तय मानदेय पर नियुक्त किया जाएगा। यह सीधी सरकारी नौकरी नहीं मानी जाएगी।
प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव: ट्रेनी कार्यकाल के दौरान उम्मीदवारों को विभागीय जिम्मेदारियों के अनुसार रोल-आधारित प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव दिया जाएगा।
दो साल बाद परीक्षा: दो साल की ट्रेनी अवधि के बाद एक Efficiency Test (प्रशिक्षण उपरांत परीक्षा) अनिवार्य होगी। इसे पास करने पर ही आगे स्थायी नियुक्ति पर विचार किया जाएगा।
गारंटी/एफिडेविट अनिवार्य: नियुक्ति से पहले उम्मीदवार को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह सरकारी सेवाओं से जुड़े किसी भी लाभ का दावा नहीं करेगा।
नियमित कर्मचारी का दर्जा नहीं: जॉब ट्रेनी किसी भी रूप में सरकार का नियमित कर्मचारी नहीं माना जाएगा। उसे CCS, CCA, पेंशन, अवकाश जैसे नियमों का लाभ नहीं मिलेगा, और वह इस आधार पर कोई दावा भी नहीं कर सकता।
मानदेय पर नियुक्ति: चयनित ट्रेनी को सरकार द्वारा तय मासिक मानदेय मिलेगा, जो वित्त विभाग द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
TA/DA और मेडिकल लाभ: जरूरत पड़ने पर ट्रेनी को TA/DA मिलेगा। साथ ही HIMCARE और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधा भी दी जाएगी।
आरक्षण नीति लागू: आरक्षण और बैकलॉग पदों पर भी यह नीति लागू होगी और रोस्टर प्रणाली का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
नियम उल्लंघन पर सेवा समाप्ति: यदि किसी ट्रेनी पर अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, या अन्य गंभीर आरोप सिद्ध होते हैं, तो सेवा समाप्त की जा सकती है।
सेवा स्थायी करने के नियम: ट्रेनी कार्यकाल पूरा करने के बाद अगली वित्तीय वर्ष में स्थायी नियुक्ति पर विचार किया जाएगा—परंतु केवल तभी जब उम्मीदवार सरकार द्वारा निर्धारित योग्यता परीक्षा (Efficiency Bar Test) में सफल होगा।
कहां लागू होगी यह स्कीम?
यह नीति सभी विभागों में कुछ पदों को छोड़कर Group-A, Group-B और Group-C पदों पर लागू होगी।
कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यह नीति रिफॉर्म-ओरिएंटेड फ्रेमवर्क का हिस्सा है, जिसका मकसद भर्ती प्रणाली को दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।