देश का मान बनी अटल टनल रोहतांग
हिमाचल प्रदेश की कई विकासात्मक उपलब्धियों में से एक अटल टनल रोहतांग भी है l पीर-पंजाल की पहाड़ी को भेद कर 3600 करोड़ की लागत से देश का मान बनी अटल टनल रोहतांग को अपनी खूबियों व विशेषताओं के चलते दुनिया भर में सम्मान मिला है। दुनिया की सबसे ऊंचाई 10040 फीट पर बनी इस हाईवे टनल से जहाँ देश की सरहदों तक पहुँच पाना आसान हुआ है, वहीँ सदियों से सर्दियों का कहर झेलने वाले लाहौल घाटी के लोगों के दुख भी दूर हुए हैं। अब सर्दियों में भी यहाँ के लोगों का सम्पर्क पूरी तरह से दुनिया से नहीं टूटता l छह महीने बर्फ से ढकी रहने वाली लाहौल घाटी टनल बनने से सालभर के लिए मनाली से जुड़ गई है। घाटी में पर्यटन को पंख लगे और सर्दियों में भी पर्यटक लाहुल आने लगे। अटल टनल का छोर मनाली की तरफ से सुहानी वादियों से शुरू होता है और दूसरा छोर लाहुल स्पीति में निकलता है। बर्फ से ढकी यह वादियां पर्यटकों को खूब भाती हैं।
पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन जून 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे एक स्ट्रैटजिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। टनल के दक्षिण छोर तक सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। जून 2010 को तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अटल सुरंग की आधारशिला रखी थी। बीआरओ ने स्ट्रॉबेग व एफकान कंपनी के माध्यम से आधुनिक टनल का निर्माण किया। उस दौरान टनल की लागत 1500 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन पूरी तरह बनने के बाद निर्माण पर 3600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं l अटल टनल बनने के बाद मनाली से लेह की दूरी करीब 45 किमी कम हुई है और अब लेह जाने के लिए रोहतांग पास नहीं जाना पड़ता है l अब लेह के लिए पांच घंटे कम लगते हैं l
अटल टनल को 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन एक तरफा 5000 वाहनों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीए नियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से लैस है। आपातकालीन कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन तथा प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगाए हैं। प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्त स्वत: किसी घटना का पता लगाने वाला सिस्टम लगा है। प्रत्येक किलोमीटर दूरी पर एयर क्वालिटी गुणवत्ता निगरानी तथा प्रत्येक 25 मीटर पर निकासी प्रकाश/निकासी इंडिकेटर पूरी टनल में प्रसारण प्रणाली और प्रत्येक 50 मीटर दूरी पर फायर रेटिड डैंपर्स व प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर कैमरे लगाए हैं।
प्रधान मंत्री मोदी ने किया था उद्घाटन
3 अक्तूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन किया था l इसके बाद से अटल टनल देशभर के पर्यटकों के लिए पहली पसंद बनी है l अब मनाली जाने वाला हर टूरिस्ट इसके दीदार के लिए जाता है ल इसके निर्माण में 150 इंजीनियरों एक हजार मजदूरों ने अपनी सेवाएं दी। 10040 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी टनल के निर्माण में 2 लाख 37 हजार 596 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है। करीब 3200 करोड़ से तैयार विश्व की इस अत्याधुनिक टनल में पहली बार ऑस्ट्रियन तकनीक का प्रयोग किया गया है। एक साथ दो ट्रैफिक टनल वाली सुरंग के निर्माण में 14508 मीट्रिक टन इस्पात का इस्तेमाल हुआ है। अटल टनल के नीचे एक और आपातकालीन सुरंग है। आपात स्थिति में टनल से बाहर निकलने में आसानी होगी।