हिमाचल में महंगाई की मार से पहले ही परेशान लोगों को अब डिपुओं में सामान खरीदते वक्त झटका लगने वाला है। वित्तीय संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाला राशन महंगा कर दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों से डिपुओं के लिए राशन का कोटा भेजा जा रहा है। ऐसे में जब सितंबर की पहली तारीख को उपभोक्ता डिपुओं में राशन का कोटा खरीदने जाएंगे तो उन्हे इस महीने की तुलना में आटा और चावल के अधिक दाम चुकाना होगा। प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे। सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं। नए रेट कल यानी एक सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं। इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और चावल महंगा हुआ है। कल से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा। अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है। इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है। वहीं, आटे के भी अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे। अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इसी तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है। सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा कर दिया है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा। अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। ऐसे में बीपीएल परिवारों को चावल के 3.15 रुपए और आटे के 2.30 रुपए अधिक चुकाने होंगे। वहीं, दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है और राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है। ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है, जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं।
शिमला: स्वास्थ्य के मोर्चे पर चमकदार उपलब्धियों वाले राज्य हिमाचल के अस्पतालों में लाइफ सेविंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 498 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के धूल फांक रहे हैं। इन्हीं में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए। कुल उपलब्ध 914 वेंटीलेटर्स में से केवल 416 वेंटीलेटर्स का ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग हो रहा है। ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती की तरफ से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है। ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने चार हिस्सों में बंटे सवाल में वेंटीलेटर्स की संख्या, उनका उपयोग और ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि कुल 914 वेंटीलेटर्स हैं और उनमें से 416 का प्रयोग हो रहा है, बाकी 498 बेकार पड़े हैं और इन्हीं में से 128 खराब हैं। सतपाल सिंह सत्ती ने ये भी जानना चाहा था कि कौन-कौन से ऑक्सीजन प्लांट खराब हैं। हिमाचल के अस्पतालों में कुल 56 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट्स हैं। इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है। पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है। इन प्लांट्स में ऑक्सीजन उत्पादित होने के बाद स्टोर नहीं होती। इनमें से 24 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं. एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है। इसके अलावा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है। यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। रीजनल अस्पताल बिलासपुर के सभी 24 वेंटीलेटर्स कार्यशील हैं। वहीं, बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमीरपुर में 69 में से केवल 18 ही वेंटीलेटर्स काम कर रहे हैं। कुल 51 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हैं। तकनीकी स्टाफ की कमी इनके उपयोग में न लाए जाने का कारण बताया गया है। सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेटर्स हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं। किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के हैं। कुल्लू के रीजनल अस्पताल के हालात ये हैं कि यहां पर सभी के सभी 21 वेंटीलेटर्स तकनीकी स्टाफ न होने से उपयोग में नहीं लाए जा रहे। नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 60 बिना उपयोग के हैं। जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेटर्स प्रयोग में लाए जा रहे हैं। डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेटर्स ही काम कर रहे हैं। नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है। यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सदन से लेकर सड़क तक जयराम ठाकुर के निवास स्थान के आसपास उड़ने वाले ड्रोन का मामला छाया रहा। विधानसभा के मानसून सेशन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर पुलिस वाले उनके सरकारी आवास के आसपास ड्रोन उड़ा रहे हैं। ये जासूसी करने जैसा है और उनकी निजता का हनन है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की जांच की बात कही तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार किसी की जासूसी नहीं कर रही है। यदि नेता प्रतिपक्ष को ऐसा लगता है तो मामले की जांच की जाएगी। बाद में खुलासा हुआ कि जिसे जयराम ठाकुर जासूसी वाला ड्रोन समझ रहे थे, वो दरअसल शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड का ड्रोन था। ये शिमला शहर को राउंड दि क्लॉक पानी उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे को लेकर उड़ाया जा रहा था। इस सर्वे को लेकर जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने बाकायदा वीडियो जारी कर स्थिति भी स्पष्ट की है। शिमला शहर के सभी वार्डों के नागरिकों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जियो मैपिंग की जा रही है। इसी कड़ी में ये ड्रोन उड़ रहे हैं। इस बारे में संबंधित प्रशासन से अनुमति ली गई है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने स्वेज इंडिया कंपनी को जियो मैपिंग का काम सौंपा है।
** भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की तैयारी प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही 21 भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने के लिए हरी झंडी दी है। भंग कर्मचारी चयन आयोग में शुरू हुई लॉ अफसर और और लीगल इंस्पेक्टर के भर्ती परीक्षाओं का नतीजा जल्द घोषित होगा। प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही 21 भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने के लिए हरी झंडी दी है। कैबिनेट बैठक में इस परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर ने भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रथम चरण में उन पोस्ट कोड की भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित किया जाएगा जो अंतिम चरण में हैं और उनमें भरे जाने वाले पदों की संख्या कम है। इस कड़ी में पोस्ट कोड 994 लॉ अफसर के एक पद, इंस्पेक्टर लीगल के तीन पदों का नतीजा सबसे पहले घोषित किया जाएगा। इन दोनों परीक्षाओं में प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। हर परीक्षा का नतीजा घोषित करने से पूर्व आयोग में नियमों में कमेटियों का गठन होता है। कमेटियों का गठन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा हैं। ऐसे में उम्मीद है कि करीब दो साल से अटकी इन भर्तियों के नतीजे जल्द घोषित होंगे। पेपर लीक मामला सामने आने के बाद से जांच के चलते इन भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया थम गई थी। नतीजे घोषित न होने से अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के प्रशासनिक अधिकारी जितेंद्र सांजटा ने कहा कि 21 पोस्ट कोड का नतीजा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन पोस्ट कोड की प्रक्रिया अंतिम चरण में है उनके नतीजे जल्द घोषित होंगे।
**HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी 1 लाख बढ़ाई हिमाचल में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (HPBOCWB) के चेयरमैन नरदेव कंवर की 1 लाख की सैलरी बढ़ा दी है। अभी तक HPBOCWB चेयरमैन को 30 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं, लेकिन सैलरी बढ़ाने के बाद अब नरदेव को हर महीने 1 लाख 30 हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा भत्ते और दूसरी सुविधाएं अलग से मिलेगी। वहीं, सरकार के पास कर्मचारियों के डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर देने के लिए पैसे नहीं है। सरकारी कर्मचारी डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में वित्तीय स्थिति खराब होने का हवाला देने वाली सुक्खू सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार 125 यूनिट फ्री बिजली और पानी के फ्री बिलों की सुविधा को समाप्त कर सरकारी खजाने को भरने का दावा कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाया जा सके। इसी बीच सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर की सैलरी सीधी 1 लाख रुपए बढ़ दी है. सैलरी में एक लाख इजाफा होने से सरकार के खजाने पर साल का 12 लाख का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बता दें कि सैलरी बढ़ाने के आदेश 30 जुलाई को किए गए थे, लेकिन सचिवालय में कर्मचारियों के साथ टकराव के बाद कर्मचारियों ने इसके आदेशों की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल की है, जिस पर अब लोग सोशल मीडिया में भी HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी एक लाख रुपए बढ़ाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हिमाचल सरकार वर्तमान में 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी है, जिसके लिए सरकार विभिन्न मंचों से पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहरा रही है। वहीं, विपक्ष 6 मुख्य संसदीय सचिवों के सहित सलाहकार, OSD, बोर्ड-निगमों में चेयरमैन की लंबी फौज खड़ी करने पर सरकार को घेर रही है। भाजपा का आरोप है कि सरकार की फिजूलखर्ची से ही सरकार के खजाने को चूना लग रहा है। इसके अलावा सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सवाल उठाया है कि अगर सरकार की वित्तीय स्थिति खराब है तो सैलरी बढ़ाने के लिए कहां से पैसा आ रहा है? जबकि सरकारी कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार का खजाना खाली है।
** भूस्खलन से 72 सड़कें ठप हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मानसून कमजोर पड़ गया है। राजधानी शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से ही धूप खिली हुई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कुछ भागों में 6 सितंबर तक हल्की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। 2 सितंबर के लिए कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 3 सितंबर के लिए बिजली चमकने व अंधड़ का अलर्ट है। शुक्रवार रात को सुंदरनगर में 44.8, शिलारू 43.1, जुब्बड़हट्टी 20.4, मनाली 17.0, शिमला 15.1, सलापड़ 11.3 और डलहौजी में 11.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उधर, राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 72 सड़कों पर आवाजाही बंद रही। इसके अतिरिक्त 32 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। प्रदेश के पांच जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में अगस्त के दौरान सामान्य से अधिक बादल बरसे। शेष सात जिलों में सामान्य कम बारिश दर्ज हुई। 1 से 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य से पांच फीसदी कम बारिश हुई। मानसून सीजन में भी सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 से 31 अगस्त तक 256.8 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है, इस बार अगस्त में 244.7मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून सीजन के दौरान सिर्फ शिमला जिला में सामान्य से 55 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शेष 11 जिलों में कम बादल ही बरसे। इस मानसून सीजन में 27 जून से अब तक राज्य में बादल फटने की 51 व भूस्खलन की 37 घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं में 34 लोगों की माैत हुई। पांच घायल हुए और 33 अभी भी लापता है। मानसून में 122 घर, 17 दुकानें व 24 गोशालाओं को क्षति पहुंची। 149 पालतु पशुओं को भी जान गंवानी पड़ी।
पंजाब के पठानकोट से बीते दो दिन पहले छोटे बच्चे की किडनैपिंग का मामला सामने आया था, जिसमे सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी। फुटेज में साफ तौर पर देखा जा रहा था कि किडनैपिंग करने आए लोगो ने बच्चे को स्कूल से घर लौटते समय सविफ्ट गाड़ी में किडनैप कर लिया था, जिसके बाद बच्चे के परिवारजनों ने पुलिस को सूचित किया था और पंजाब पुलिस तथा हिमाचल प्रदेश जिला नूरपुर के अधीक्षक अशोक रत्न व डीएसपी विशाल वर्मा ने अपनी टीम सहित मुस्तैदी दिखाते हुए बच्चे को करीब 24 घंटो में ढूंढ निकाला। इसमें पंजाब पुलिस व हिमाचल पुलिस का बहुत बड़ा योगदान रहा, जिसके चलते पंजाब पुलिस तथा हिमाचल पुलिस की लोग खूब सहारना कर रहे है, जिन्होंने एक परिवार का छोटा बच्चा सुरक्षित परिवारजनों को लौटाया है, वहीं लोगों ने पुलिस जिला नूरपुर के अधीक्षक अशोक रत्न व डीएसपी विशाल वर्मा की खूब सराहना की। इस दौरान अधीक्षक अशोक रत्न ने सभी अभिवावकों से आग्रह किया कि अपने बच्चो का स्कूल जाते व आते समय पूरा ध्यान रखें और छोटे बच्चों को अकेले बाहर न भेजें। इस तरह की अप्रिय घटना होने पर घबराएं न और पुलिस पर भरोसा बनाए रखें और स्थानीय थाने में सूचित जरूर करें ताकि पुलिस सफलतापूर्वक अपनी जांच कर सके।
हिमाचल प्रदेश के राज्य सहकारी बैंक की नौहराधार शाखा में इसी माह सामने आए बहुचर्चित करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले के मामले की जांच के लिए अब पुलिस विभाग की साइबर टीम ने भी डेरा डाल लिया है। साइबर टीम भी नौहराधार पहुंच गई है और तकनीकी आधार पर इस सारे गड़बड़झाले को खंगालने में जुट गई है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच संगड़ाह पुलिस थाना के एसएचओ बृज लाल मेहता के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है। इसके साथ-साथ एसआईटी को ऑडिट रिपोर्ट का भी इंतजार है। फिलहाल बैंक प्रबंधन द्वारा इस पूरे मामले को लेकर ऑडिट करवाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसी बीच साइबर टीम भी कम्प्यूटर इत्यादि से तकनीकी आधार पर इस पूरे घोटाले में अनियमितताओं को लेकर जांच में जुट चुकी है। उधर 5 दिन के पुलिस रिमांड के बाद मामले के आरोपी निलंबित सहायक प्रबंधक ज्योति प्रकाश को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश देकर सेंट्रल जेल नाहन भेज दिया है। बता दें कि बैंक प्रबंधन की तरफ प्रारंभिक जांच के मुताबिक 4 करोड़ 2 लाख रुपये के घोटाले को लेकर संगड़ाह पुलिस थाना में आरोपी सहायक प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया। इसके बाद प्रबंधन ने आरोपी को निलंबित कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा द्वारा जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। इसके बाद गत 25 अगस्त को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह सामने आ सकेगा कि इस पूरे घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं। ऐसे में मामले में अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती है। बैंक प्रबंधन द्वारा मामले में अब तक कुल 7 कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि 10 को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। साथ ही पूरा स्टाफ शाखा से ट्रांसफर किया गया है। प्रबंधन की तरफ से उपभोक्ताओं को भी आश्वस्त किया गया है कि नियमों के मुताबिक टाइम बाउंड में उनकी राशि को लौटाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रयासों के बाद किसान अब रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। ऐसे में किसानों को मंडियों में उत्पादों के उचित दाम मिल सके, इसके लिए सरकार ने प्राकृतिक तकनीक के पैदा की जाने वाली गेहूं की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये प्रति किलो कर दिया है। ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। हिमाचल प्रदेश में हजारों किसान प्राकृतिक खेती की तकनीक से पैदावार ले रहे हैं। इस पहल के लिए देश और दुनिया में हिमाचल के प्रयासों की सराहना हो रही है। ऐसे में हिमाचल से प्राकृतिक खेती की तकनीक के टिप्स लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य एवं पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (आईएनआरएई) के चार वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। एलआईएसआईएस के उप निदेशक प्रो. एलिसन मैरी लोकोंटो के नेतृत्व में टीम में शोधकर्ता प्रो. मिरेइल मैट, डॉ. एवलिन लोस्टे और डॉ. रेनी वैन डिस शामिल हैं। वो प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। प्राकृतिक खेती के जरिए उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। इसके अतिरिक्त किसानों की आर्थिक को मजबूत करने के लिए गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीटारा प्रमाणन प्रणाली शुरू की गई है, जिसे किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू किया जा रहा है। वहीं हिम-उन्नति योजना को राज्य में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य रसायन मुक्त उत्पादन और प्रमाणन करना है। इसके तहत करीब 50 हजार किसानों को शामिल करने और 2600 कृषि समूह स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा राज्य सरकार डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। आईएनआरएई के वैज्ञानिक तीन सप्ताह तक डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय, नौणी और राज्य के अन्य स्थानों का दौरा करेंगे। उनका दौरा यूरोपीय आयोग की ओर से वित्त पोषित एक्रोपिक्स परियोजना (अंतर्राष्ट्रीय सह-नवप्रवर्तन गतिशीलता और स्थिरता के साक्ष्य की ओर कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण में सह-नवप्रवर्तन को आगे बढ़ाना है। फ्रांस से आते प्रतिनिधिमंडल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में राज्य सरकार के प्रयासों और सीटारा प्रमाणन प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईएनआरएई इस प्रमाणन प्रणाली को अन्य देशों में अपनाने की संभावना तलाशेगा।
** सरकार ने पेश किए आंकड़े शिमला: इन दिनों सोशल मीडिया पर शराब के अधिक दाम वसूल करने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। वीडियो में शराब के अधिक दाम ग्राहकों से वसूलने के आरोप लगे थे। ये सवाल विधानसभा के मानसून सत्र में भी गूजा। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार से सवाल किया था। सदन में अनुपूरक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि शराब पर ओवरचार्जिंग के लिए सख्त प्रावधान किया गया है। इससे निपटने के लिए 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक जुर्माना है। पहले यह 5 हजार से लेकर 25 हजार तक था। सरकार ने ओवर चार्जिंग करने पर 2022-2023 में शराब विक्रेताओं पर ₹ 15,12,000 का जुर्माना लगाया है। 2023-2024 में ₹ 17, 5000, 2024 में अगस्त महीने तक ₹ 15,21,000 जुर्माना लगाया जा चुका है। शराब की विक्री के दौरान ओवरचार्जिंग को लेकर प्रदेशभर से शिकायतें आ रहीं थी। इसको लेकर समय-समय पर सरकार की ओर से कार्रवाई भी की गई है। बता दें कि आबकारी नीति के तहत बॉटल्ड इन ओरिजिन (सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर/बायो वाइन, साइडर) पर 10 प्रतिशत लाभांश और भारत में निर्मित सभी बीयर ब्रांड पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देसी शराब पर 30 प्रतिशत लाभांश, देश में बनी लो ब्रांड अंग्रेजी शराब पर 15 फीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी लाभांश तय किया गया है। न्यूनतम विक्रय मूल्य से 10 से 30 फीसदी लाभांश से अधिक शराब के विक्रय से संबंधित शिकायत के लिए विभाग ने दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। इस संबंध में शिकायतकर्ता कांगड़ा जोन में दूरभाष नम्बरः 01894230186, मण्डी जोन में 01905223499, शिमला जोन में 01772620775 सम्पर्क कर सकते हैं। विभाग का नियंत्रण कक्ष सप्ताहभर 24 घंटे कार्यशील रहता है और सभी नागरिक इस प्रकार के मामले संज्ञान में आते ही टोल फ्री नम्बर 18001808063, दूरभाष नम्बर 0177-2620426 और व्हाट्स-एप नम्बर 94183-31426 पर जानकारी साझा कर सकते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन-भत्ते दो महीने के लिए विलंबित होंगे। यानी बाद में मिलेंगे। विधायकों ने भी ऐसा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल विधानसभा सदन को इस संबंध में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम वित्तीय परिस्थिति के दृष्टिगत अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों व मुख्य संसदीय सचिवों सहित अपने वेतन व भत्ते दो माह तक विलंबित करता हूं। इसके अतिरिक्त आप सभी सदस्यों से भी अपने वेतन एवं भत्ते स्वेच्छा से विलंबित करने का आग्रह करता हूं। सीएम ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण हैं। राजस्व घाटा अनुदान जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपये थी, इस वर्ष 1800 करोड़ कम होकर 6258 करोड़ रुपये हो गई है। अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपये और कम होकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। पीडीएनए की लगभग 9042 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। एनपीएस एनपीएस अंशदान के लगभग 9200 करोड़ रुपये पीएफआरडीए से प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसका हम केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी मुआवजा जून 2022 के बाद मिलना बंद हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। ओपीएस बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। सीएम ने आगे कहा कि हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।
** इसी माह मिलेगा पचास फीसदी हिस्सा शिमला: कर्मचारियों की डीए व एरियर की डिमांड को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 75 और इससे ऊपर की आयु वाले पेंशनर्स को एरियर की घोषणा कर दी है। बुधवार को वित्त विभाग के प्रधान सचिव की तरफ से जारी ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया कि पहली जनवरी 2016 से पेंशन/फैमिली पेंशन का संशोधित एरियर तय घोषणा के अनुसार दिया जाएगा। इस संदर्भ में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 अगस्त को देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में घोषणा की थी। ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि उपरोक्त आयु वर्ग के पेंशनर्स को बकाया एरियर का पचास फीसदी दिया जाएगा। यानी बाकी बचे 45 फीसदी एरियर का आधा यानी 22.5 फीसदी इसी माह में दे दिया जाएगा। अगस्त 2024 में जिन पेंशनर्स की आयु 75 या इससे अधिक हो गई है, वे इस एरियर के पात्र होंगे। 55 फीसदी एरियर का हो चुका है भुगतान: उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पेंशनरों को 55 फीसदी एरियर का भुगतान कर चुकी है। बकाया एरियर 45 फीसदी है। इस 45 फीसदी में से आधा हिस्सा यानी 22.5 फीसदी इसी माह जारी किया जाएगा। पेंशनर्स के अलावा फैमिली पेंशनर्स को भी इसका लाभ मिलेगा। इस बारे में प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी पीडीए यानी पेंशन डिस्बर्सिंग अथॉरिटीज को निर्देश जारी किए हैं कि पात्र पेंशनर्स को एरियर का भुगतान तय समय में किया जाए। अब इस आयु वर्ग के पेंशनर्स को कुल मिलाकर 77.50 फीसदी भुगतान हो जाएगा। बाकी 22.5 फीसदी आने वाले समय में दिया जाएगा।
** लंबी लाइनों में खड़े होने से मिलेगा छुटकारा मंडी: अस्पतालों में इलाज करवाने आए मरीजों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है कि उन्हें लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहकर पर्ची कटवानी पड़ती है, जिससे की मरीजों को और ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मरीजों को इसी दिक्कत से निजात दिलाने के लिए हिमाचल के जोनल अस्पताल मंडी ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे मरीजों या उनके तीमारदारों को लंबी-लंबी लाइनों में लगकर घंटों इंतजार नहीं करना होगा। अब पर्ची काउंटर पर पहुंचे ही पर्ची झट से बन जाएगी, जिसके लिए बस एक क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत है। मंडी के जोनल अस्पताल में आपको पर्ची के लिए इंतजार न करना पड़े और आपके काउंटर पर पहुंचते ही पर्ची मिल जाए, इसके लिए मोबाइल फोन पर 'आभा' ऐप डाउनलोड करके पेशेंट का अकाउंट खोलना होगा। इसके बाद काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, जिसके बाद एक घंटे के लिए एक टोकन नंबर जनरेट होगा। इसके बाद पर्ची काउंटर पर सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में मरीज को दिखाना है, ये सब बताने के साथ ही आपकी पर्ची बन जाएगी। क्यूआर कोड को भविष्य में पर्ची बनाने के लिए मोबाइल की गैलरी में भी रखा जा सकेगा। जब भी पर्ची बनानी हो तो आभा ऐप में क्यूआर कोड को स्कैन किया, टोकन नंबर लिया औप पर्ची काउंटर पर थोड़ी सी जानकारी देने के बाद पर्ची बना ली। जोनल अस्पताल मंडी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डीएस वर्मा ने बताया, " डीसी मंडी ने पर्ची बनाने में घंटों लगने वाली लाइन की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत फिलहाल ट्रायल बेसिस पर ये व्यवस्था की गई है। अगर ये व्यवस्था पूरी तरह से सफल रही तो पर्ची काउंटर पर पर्चियां बहुत जल्दी बनना शुरू हो जाएंगी। अभी तक पर्ची बनाने के लिए मरीज का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, जिस विभाग में दिखाना है उसकी सारी जानकारी देनी होती हैं। इसे भरने में काफी समय लग जाता था। नई व्यवस्था में अगर कोई क्यूआर कोड को स्कैन करके पर्ची बनाने आता है तो सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में दिखाना है बताने पर पर्ची तुरंत बन जाएगी। वहीं, डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जोनल अस्पताल के पर्ची काउंटर पर लगने वाली लंबी लाइनों का मामला उनके ध्यान में था। उन्होंने प्रशासन को इसमें सुधार करने के निर्देश दिए थे, ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिल सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से पर्ची बनाने से व्यवस्था में सुधार आएगा। आगे भी ऐसी व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जा रहा है कि अस्पताल आने वाले मरीज की घर पर ही पर्ची बन जाए। डीसी मंडी ने बताया कि छुट्टी से अगले दिन अस्पताल आने वाले मरीजों की ज्यादा संख्या को देखते हुए अस्पताल के पिछली ओर कोविड के दौरान बनाए गए काउंटर में भी 9:30 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पर्चियां बनाई जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सेशन का आज गुरुवार को तीसरा दिन है। 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलने वाले मानसून सत्र में आज सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होगी। ऐसे में प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहले आरक्षण और भर्तियां, अटल आदर्श विद्यालय, शराब के ठेके और नीति, जल आपूर्ति, रिक्त पद, फसलों को हुए नुकसान, अवैध शराब आदि जैसे विषयों पर सवाल आएंगे। इसके अलावा कुछ विधेयक भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे। प्रश्नकाल में तारांकित व अतारांकित दोनों को मिलाकर कुल 81 सवाल लिस्टेड हैं। इनमें 52 सवाल तारांकित हैं। मानसून सत्र के तीसरे दिन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी दस्तावेजों की एक-एक प्रति सभा पटल पर रखेंगे, जिसमें कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 619 (4) के तहत हिमाचल प्रदेश कृषि उद्योग निगम सीमित का 52वां वार्षिक प्रतिवेदन, वर्ष 2021-22 (विलंब के कारणों सहित); और हिमाचल प्रदेश कृषि, बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 1986 (1987 का अधिनियम संख्या 4) की धारा 45 (4) के तहत डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन का वार्षिक लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014- 15 एवं 2015-16 (विलंब के कारणों सहित) रखी जाएगी। डॉ. जनक राज और सुख राम चौधरी जलवायु परिवर्तन के मध्यनजर वन महोत्सव के माध्यम से पौधरोपण और कार्बन क्रेडिट पर सदन सरकार से नीति बनाने की सिफारिश करेंगे। इसके अलावा जीत राम कटवाल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व व वन भूमि पर बने घरों और गौशालाओं के नियमितीकरण करने के सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे। राकेश जम्वाल बीबीएमबी की ओर से निर्मित व संचालित जल विद्युत परियोजनाओं के कारण उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे। वहीं, जीत राम कटवाल भारतीय प्रजातंत्र व कल्याणकारी राज्य में चिन्हित संवैधानिक प्रावधानों के तहत सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने तथा विषमताओं के निवारण बारे में सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते भूस्खलन से निगुलसरी में रामपुर-किन्नौर एनएच-पांच ठप हो गया है। सोलन-मीनस मार्ग भी 13 घंटे बंद रहा। राजधानी शिमला में मंगलवार रात को भारी बारिश से तीन पेड़ गिरे, कुछ क्षेत्रों में डंगे ढहे और भवनों को भी नुकसान हुआ है। बुधवार को शिमला में 2, डलहौजी में 4, मंडी में 1, कल्पा में 2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। हिमाचल में वीरवार को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। शुक्रवार से बारिश का दौर थमने का पूर्वानुमान है। जिला किन्नौर के निगुलसरी में एनएच-पांच भूस्खलन के कारण बाधित हो गया है। इससे जिले के हजारों लोगों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। ऊपरी पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से एनएच को बहाल करना चुनौती बना हुआ है। बुधवार सुबह भी करीब साढ़े छह बजे बाधित एनएच को बहाल करने में जुटी मशीन पर बोल्डर गिर गए और मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। ऑपरेटर भी बाल-बाल बचा। बीते कई दिनों से निगुलसरी में एनएच-पांच ऊपरी पहाड़ी के दरकने से अवरुद्ध हो रहा है। यातायात ठप होने से जिले के हजारों लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार देर शाम सात बजे भी निगुलसरी में एनएच-पांच पर ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने का सिलसिला जारी हुआ। बुधवार को भी दिनभर भूस्खलन का सिलसिला जारी रहा और वाहनों के पहिये पूरी तरह से जाम हो गए हैं। राजधानी शिमला में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। शहर में तीन जगह पेड़ गिरे हैं। छोटा शिमला में सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के भवन पर मंगलवार देर रात देवदार का बड़ा पेड़ गिर गया। इससे भवन को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा रुल्दूभट्ठा वार्ड के कुफ्टाधार में बारिश से रास्ता बह गया। कुल्लू जिले में भी मंगलवार रात को भारी बारिश हुई है। 16 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। पतलीकूहल के हलाण-दो में एक नाले में बाढ़ आने से सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। वहीं मलाणा, गुशैणी और न्यूली में आठ बिजली के ट्रांसफार्मर बाधित हो गए हैं। जिला सिरमौर के हरिपुरधार में बियोंग गांव में भूस्खलन होने से सोलन-मीनस मार्ग 13 घंटे बंद रहा। मंगलवार रात दस बजे बंद हुआ मार्ग बुधवार सुबह 11 बजे खुला। मंगलवार रात को शिमला में 36, मनाली में 42, जुब्बड़हट्टी में 39, कुफरी में 40, नारकंडा में 41, भरमौर में 18, धौलाकुआं में 12 और कसौली में 22 मिलीमीटर बारिश हुई। मंगलवार रात को शिमला में न्यूनतम तापमान 15.6, धर्मशाला में 19.4, ऊना में 22.3, नाहन में 23.9, सोलन में 19.0, मनाली में 15.7, कांगड़ा में 21.5, मंडी में 20.5, बिलासपुर में 23.8, हमीरपुर में 23.4 और चंबा में 22.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन है। सत्र के पहले दिन लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला विधेयक पेश किया गया, जो कि बिना चर्चा के ही पारित हो गया। वहीं, इसके अलावा नियम 67 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा न देने से नाराज भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया था, जिसके चलते सत्र का पहला दिन हंगामे भरा रहा। सदन के दूसरे दिन की कार्यवाही में शाहपुर विधायक केवल सिंह पठानिया ने बल्क ड्रग पार्क से जुड़ा सवाल किया, जिसके जवाब में उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने बताया कि बल्क ड्रग पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क बनने पर 50 हजार करोड़ का टर्न ओवर होगा। इससे 20 हजार रोजगार मिलेगा। इस पार्क के लिए मुंबई में 2165 करोड़ के MOU हुए और दुबई में 2645 करोड़ रुपये के MOU किए गए। ये पार्क 31 मार्च 2026 तक पूरा होगा।
*जयराम ठाकुर बोले, पूर्व सरकार ने 4500 करुणामूलकों को दी नौकरी आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन है। सत्र के दूसरे दिन करुणामूलकों को नौकरी के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय इस मामले में सबसे ज्यादा काम हुआ है। आपकी सरकार को 20 महीने का समय हो गया है और आपकी सरकार ने सिर्फ काम रोकने का काम किया है। जयराम ठाकुर ने सदन में सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार बताए की पूर्व सरकार के समय 5 साल में कितने करुणामूलकों को रोजगार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जब भी कोई काम अटकाना हो तो कमेटी बना दी जाती है। जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल में पूछा कि क्या समयबद्ध तरीके से रोजगार मिलेगा? जिसके जवाब में सीएम सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल में 180 करुणामूलक आधार पर रोजगार दिए हैं। सरकारी कर्मी की विधवा पत्नी को 9 महीने में करुणा मूलक आधार पर नौकरी दी जाएगी। जिसपर विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि करुणामूलकों के लिए जो कमेटी रोहित ठाकुर की अगुवाई में बनी है, क्या वो एमएलए से सुझाव लेगी? जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि कमेटी में विपक्ष के सदस्यों की राय लेने में कोई आपत्ति नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए सदन में कहा कि पूर्व सरकार ने 4500 पात्र लोगों को करुणामूलक आधार पर नौकरी दी थी, जबकि इस सरकार ने सिर्फ 180 लोगों को रोजगार दिया है।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन के सभी सदस्य विधानसभा में पहुंच गए हैं और प्रश्नकाल शुरू हो चुका है। भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने करुणामूलक आधार पर रोजगार से जुड़ा सवाल किया, जिसके जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि रोजगार के 1415 मामले करुणामूलक आधार पर लंबित हैं। इस मामले में रोहित ठाकुर की अगुवाई में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी की पहली बैठक में निर्णय लिया गया है कि मेरिट व एजुकेशन के आधार पर करुणामूलकों को नौकरी दी जाएगी। ये मामला लंबे समय से चला आ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में आज यानी बुधवार को मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी भी दी है। खराब मौसम को लेकर आज विभाग ने प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बीते कल यानी मंगलवार को भी भारी बारिश हुई, जिससे कई सड़क मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक प्रदेश में मंगलवार को हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है और पेड़ गिरने के मामले भी सामने आए हैं, जिसके कारण से प्रदेशभर में अभी 126 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। शिमला जिले में 41 सड़कें गाड़ियों की आवाजाही के लिए बंद हैं, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के बाद मंडी जिले में सबसे ज्यादा 59 सड़कें बंद हैं। इसके बाद सोलन में 12 सड़कें, कांगड़ा में 10 सड़कें, कुल्लू में 6 सड़कें, सिरमौर में 4 और ऊना, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में 1-1 सड़क बंद है। इसके अलावा बद्दी में भी बुनियादी ढांचे, खासकर सड़कों को भारी बारिश से खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में 1191 बिजली और 27 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को शिमला जिले के जुब्बड़हट्टी में शाम तक सबसे ज्यादा 101 मिमी बारिश दर्ज की गई। 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अब तक बारिश में 23 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में औसत 591.8 मिमी बारिश के मुकाबले 453.4 मिमी बारिश हुई है। मंगलवार को शिमला जिले का नारकंडा 11.4 डिग्री तापमान के साथ हिमाचल का सबसे ठंडा स्थान रहा, जबकि ऊना 34 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में इन दिनों हजारों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु इस धार्मिक यात्रा के लिए चंबा पहुंच रहे हैं। इस बीच बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में मणिमहेश की यात्रा पर निकले 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। चंबा पुलिस जांच कर रही है कि ये हादसा कैसे हुआ, बताया जा रहा है कि ये सभी लोग मणिमहेश यात्रा के लिए निकले थे। जहां इनकी कार हादसे का शिकार हुई और कार के खाई में गिरने के कारण 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 घायलों की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। जिन्हें नागरिक अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि चंबा में 26 अगस्त से चंबा जिले में स्थित प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा शुरू हो चुकी है। इस धार्मिक यात्रा के लिए रोजाना सैंकड़ों लोग चंबा पहुंच रहे है। आलम ये है कि भरमौर नेशनल हाइवे पर इन दिनों गाड़ियों का रेला निकल रहा है, जिसके कारण लंबा जाम लग रहा है और गाड़ियां घंटो इस जाम में फंस रही है। हर साल देशभर से हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शिरकत करने के लिए पहुंचते हैं। इस साल ये यात्रा 26 अगस्त से लेकर 11 सितंबर तक चलेगी। इससे पहले 24 अगस्त को भी पठानकोट-चंबा नेशनल हाइवे पर बनीखेत के पास एक कार खाई में गिर गई थी। इस हादसे में कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 3 घायलों को डलहौजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें भी चंबा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था।
हिमाचल में डीए और एरियर के भुगतान की मांग कर रहे कर्मचारी नेताओं पर सरकार ने एक्शन लिया है। प्रदेश के देहरा में आयोजित किए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीए और और छठे वेतन आयोग का संशोधित एरियर का भुगतान की कोई घोषणा नहीं की थी, जिससे कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के तहत पांच कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सचिवालय प्रांगण में जनरल हाउस किया, जिसमें डीए और एरियर का भुगतान की मांग को लेकर सरकार पर अपनी भड़ास निकाली थी। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार को वार्ता के लिए एक दिन का भी अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कर्मचारियों को वार्ता के लिए न बुलाकर सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ बयान जारी कर आग में घी डालने का काम कर दिया, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के कर्मचारी नेता और भड़क गए और 23 अगस्त को फिर से बुलाए गए जनरल हाउस कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर जमकर अपना गुबार निकाला। ऐसे में सरकार ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के तहत पांच कर्मचारी संगठनों के 10 कर्मचारी नेताओं को भड़काऊ भाषण देने पर कारण नोटिस जारी किया है। इसमें पांचों कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष और महासचिव शामिल हैं। हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि सरकार डीए और एरियर के भुगतान को लेकर घोषणा करेगी, लेकिन देहरा में आयोजित हुए स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर के भुगतान की घोषणा की। हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया। वहीं, सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही थी। ऐसे में लाखों कर्मचारी सुक्खू सरकार से नाराज चल रहे हैं। प्रदेश में हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों को सरकार कुछ न कुछ देने की घोषणा करती है। इस बार भी उम्मीद थी कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर्मचारियों को कम से कम 4 फीसदी डीए की किस्त देने की घोषणा की जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी है, जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी है। अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय होगी। वहीं, केंद्र ने अपने कर्मचारियों को तीनों किस्त जारी कर दी हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने डीए की एक भी किस्त नहीं दी है। इसको लेकर 12 अगस्त को मुख्यमंत्री से मिलकर मांग भी की गई थी। संशोधित वेतनमान का एरियर काफी समय से पेंडिंग है। पिछली बार सरकार ने 0.025 फीसदी के हिसाब से एरियर दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी, जिसे सभी कर्मचारियों ने नकार दिया था और सरकार को अधिसूचना वापस लेनी पड़ी थी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा का कहना है, "सरकार ने 10 कर्मचारी नेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया है। इसको लेकर अब अगली रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि डीए और एरियर का भुगतान न करने के विरोध में आज से सभी काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे।
**सेहरा सजाने का मां का सपना टूटा, बिछड़ गई जुड़वां भाइयों की जोड़ी ** 6 साल पहले सेना में हुए थे भर्ती हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र आंजभोज के गांव भरली निवासी वीर सपूत आशीष कुमार अपने वतन की सेवा में बलिदान हो गए। मां संतरो देवी का अपने लाडले बेटे के सिर पर सेहरा बांधने का सपना था पर उन्हें क्या पता था कि होनी को कुछ और ही मंजूर है। वहीं जुड़वां भाइयों की जोड़ी भी टूट गई है। बेटे की शहादत की खबर के साथ ही मां का सपना टूट गया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। गिरिपार के आंजभोज व पांवटा साहिब में शोक की लहर है। भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठुंडू व पूर्व अध्यक्ष विरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वीर सपूत आशीष कुमार ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन अलर्ट’ के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश को अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है लेकिन जवान के पूरे परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद का जुड़वां भाई रोहित एक निजी कंपनी में सेवारत है। आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च 1999 को हुआ। वर्तमान में 19 ग्रेनेडियर बटालियन के अधीन अरुणाचल प्रदेश में सेवारत थे। करीब 6 साल पहले आशीष सेना में भर्ती हुआ। बताया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश में सैन्य ऑपरेशनल गतिविधि के दौरान सेना के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली। इसमें गिरिपार के भरली गांव के वीर सपूत आशीष के भी शहीद होने की खबर है। शहीद आशीष की पार्थिव देह वीरवार तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठुंडू व पूर्व अध्यक्ष विरेंद्र सिंह चौहान समेत पदाधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कहा कि भूतपूर्व सैनिक संगठन लगातार 19 ग्रेनेडियर के नुमाइंदों तथा परिवार से संपर्क में है, जिससे शहीद की पार्थिव देह जल्द से जल्द उनके पैतृक गांव पहुंच सके।
मणिमहेश यात्रा के दौरान सड़क हादसे में चार लोगों की मौत की सूचना है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह करीब 9:00 बजे गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई। गाड़ी गिरने की आवाज सुन भरमाणी माता मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं और पुलिस जवानों ने बचाव अभियान आरंभ कर दिया। दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कुलबीर सिंह राणा ने सड़क हादसे की पुष्टि की है।
देश और प्रदेश में लहसुन की मांग के साथ बीज के दाम भी बढ़ गए हैं। इस बार किसानों को पिछले वर्ष के मुकाबले 100 रुपये प्रतिकिलो अधिक दाम में लहसुन बीज की खरीद करनी होगी। इन दिनों सोलन सब्जी मंडी में जम्मू और कुल्लू का बीज पहुंचा है। यह बीज ग्रेड के हिसाब से 220 से 280 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। आने वाले दिनों में इसमें और उछाल आने की भी संभावना जताई जा रही है। इस बार किसानों को भी लहसुन के अच्छे दाम मिले हैं। इसमें 100 से 250 रुपये प्रति किलो तक लहसुन की खरीद सब्जी मंडी में की गई है। सोलन, सिरमौर, कुल्लू, सहित अन्य जिलों में सितंबर से अक्तूबर के बीच लहसुन की बिजाई का कार्य किया जाता है। सोलन में हर वर्ष लहसुन का करोड़ों रुपये का कारोबार होता हैं। बीते वर्ष सोलन मंडी में 120 से 180 रुपये प्रतिकिलो तक लहसुन का बीज किसानों को मिला था, जबकि इस वर्ष 100 रुपये महंगा मिलेगा। सोलन, सिरमौर का लहसुन सोलन मंडी से देश सहित विदेश को भी सप्लाई किया जाता हैं। सोलन में करीब 600 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की पैदावार की जाती हैं। कृषि विभाग भी किसानों को लहसुन का बीज देता है। इसमें विभाग ने भी निदेशालय को बीज की मांग भेज दी है। इसमें किसानों को बीज अनुदान पर प्रदान किया जाता है, जबकि अधिकतर किसान सब्जी मंडी सोलन से बीज की खरीद करते हैं। जिले भर में अधिकतर किसान जम्मू का बीज लगाते हैं। सब्जी मंडी सोलन के आढ़ती आशीष ठाकुर ने बताया कि इस बार लहसुन के बीज की मांग अधिक है, जिससे इसके दाम भी बढ़ गए है। सोलन में सिरमौर में सितंबर और अक्तूबर में बिजाई कार्य किया जाता है।
**सेब के दामों में गिरावट से बागवान परेशान प्रदेश कांग्रेस सरकार की लापरवाही व नालायकी की वजह से सेब बागवान हताश और निराश महसूस कर रहा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने कहा कि बागवानों का उत्पाद मंडियो में सस्ते दामो पर बिक रहा है। प्रदेश सरकार व APMC का हिमाचल की मंडियों में कोई नियंत्रण नही रह गया है। व्यपारियों व खरीदारों को सेब कौड़ियों के दाम खरीदने की खुली छूट दी जा रही है। बरागटा ने कहा इस तरह की कार्यप्रणाली से मिलीभगत का अंदेशा लगाया जा सकता है। सेब व्यपार के इतिहास में पहली मर्तबा सेब रिकार्ड 1000 से 1500 रुपये दो दिन के अंदर दाम गिरा है, जबकि पूर्व में 100 से 200 रुपये तक कि ही गिरावट देखने को आती थी। बहरहाल यह चिंता का विषय है,सरकार से मांग है कि तुरन्त इस मामले में हस्तक्षेप करें व बागवानों को सेब के उचित दाम दिलाने में सहयोग करें। बरागटा ने कहा की बड़ी हैरत की बात यह है कि सेब बाहुल क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले कांग्रेस सरकार में मंत्री व विधायकों ने सेब गिरावट व बागवानों को आ रही अन्य असुविधाओं को लेकर चुप्पी साधी हुई है, जबकि चुनावों में कांग्रेस से अपने घोषणा पत्र में पांचवी गारेंटी में कहा था कि बागवान तय करेंगे फलो की कीमत और आज कांग्रेस की वो गारेंटी कहां गई, बागवान ये बात जानना चाहते है। कांग्रेस ने आज तक केवल किसानों बागवानों को गुमराह करने का काम किया है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार में पूर्व बागवानी मंत्री नरेन्द्र बरागटा ने बागवानों के हितों को देखते हुए बागवानी के क्षेत्र में अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए है, जिसको बागवान हमेशा याद रखेंगें ।
** नियम 67 पर चर्चा न देने से विपक्ष ने किया वॉकआउट हिमाचल मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने कड़े तेवर दिखा दिए हैं। विपक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही सदन में जमकर हंगामा किया नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष से प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा देने की मांग की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद विपक्ष द्वारा सदन में नारेबाजी शुरू की और सदन से वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। आए दिन घटनाएं सामने आ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रही है। उन्होंने कहा कि बीते दिन बद्दी में एक मारपीट का मामला सामने आए जहां पर 15 लोग लोगों ने तीन युवकों की डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी. जिसमें एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल है। जयराम ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर कोर्ट परिसर में ही फायरिंग हुई, जहां पर एक व्यक्ति घायल हुआ था और उसमें एक पूर्व विधायक का बेटा शामिल था। ऐसी कई घटनाएं हैं, जो प्रदेश भर में हो रही है। शिमला के पुलिस थाने में ही कुछ युवक घुसकर पुलिस वालों के साथ मारपीट की। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार ने कानून व्यवस्था के लिए पुलिस नहीं बल्कि किसी और चीज के लिए पुलिस को लगाया गया है। विपक्ष के विधायकों को प्रताड़ित करने और उनके फोन की रिकॉर्डिंग करने के लिए। यही नहीं चुने हुए विधायकों को चार-चार घंटे तक थानों में पूछताछ के बहाने प्रताड़ित किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश कामों में पुलिस जवान न लगाकर कुछ विधायकों को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। यही नहीं पुलिस मुख्यालय में 25 के करीब अधिकारियों को रखा गया है, उन्हें बैठने तक को कुर्सी नहीं मिल रही है। इन सब मुद्दों को लेकर आज जब सदन में मामला उठाया गया तो मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बद्दी वाला मामला चिट्टे से संबंधित मामला है और इस पर चर्चा देने से मना किया जा रहा है। जिसे प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। सदन में इतने गंभीर मामले को लेकर चर्चा नहीं दी गई जिसके चलते उन्हें वॉकआउट करना पड़ा।
**पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप शिमला: चुराह से बीजेपी विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के खिलाफ एक युवती से अश्लील चैट करने का गंभीर आरोप लगे थे। अब उनके खिलाफ हिमाचल में महिला कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा की अगुवाई में हिमाचल महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से विधानसभा तक मार्च निकाला। इस दौरान महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'बेटी को न्याय दो...न्याय दो' के नारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने विधायक हंसराज को जेल भेजने की मांग की है। इस दौरान बैरिकेडिंग कर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। महिला पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की भी हुई। महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी और उनके मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच करवाने की मांग के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान सीएम सुक्खू ने उन्हें पूरी जांच का भरोसा भी दिलाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि, 'हिमाचल में बेटियां खतरे में हैं। बीजेपी के विधायक हंसराज पर उनकी पार्टी के ही बूथ अध्यक्ष की बेटी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक पर एफआईआर हुई थी, लेकिन उसके बाद क्या हुआ? इसका जवाब जानने के लिए हम पुलिस हेडक्वार्टर जाएंगे। क्या एफआईआर न्याय है? क्या एफआईआर के बाद हंसराज की गिरफ्तारी और पूछताछ होनी चाहिए थी या नही? उनके फोन जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाना चाहिए था या नहीं? बेटी भारी दबाव में है, लेकिन ये मामला रफा-दफा नहीं होगा। बीजेपी का पूरा परिवार हिमाचल की बेटी के साथ नहीं अपने आरोपी विधायक के साथ खड़ा है। अब ये मामला वापस नहीं होगा। हम सरकार से मांग करेंगे कि विधायक पर आरोप लगाने वाली युवती को सुरक्षा दी जाए। इस मामले को रफा-दफा करने की बजाय तुरंत विधायक को गिरफ्तार किया जाए। बेटियों के दोषी विधायक की जगह विधानसभा में नहीं जेल में है। अलका लांबा ने कहा कि 'आरोप लगाने वाली बेटी दबाव में है, लेकिन पुलिस पर क्या दबाव है? एफआईआर को दबाने से कुछ नहीं होगा। फोन में सबूत नष्ट हो सकते हैं और सबूत नष्ट होने से बेटियों को न्याय नहीं मिलता है। हमें मालूम है प्रदेश सरकार ने अगर बीजेपी के विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेजा तो दिल्ली की सरकार यहां की सरकार को तंग करना शुरू कर देगी, लेकिन हम हिमाचल सरकार के साथ खड़े हैं। एफआईआर के बाद आरोप लगाने वाली युवती पर दबाव बनाना शुरू हुआ था। बता दें कि विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के खिलाफ एक युवती से अश्लील चैट करने का गंभीर आरोप लगाए थे। युवती की शिकायत पर जिले के महिला थाने में मामला भी दर्ज हुआ था। युवती ने विधायक से जान का खतरा बताते हुए कई संगीन आरोप लगाए थे। एसपी चंबा को इस बाबत लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद महिला थाने में FIR दर्ज भी हुई, लेकिन इसके बाद आरोप लगाने वाली युवती अपने बयान से पलट गई। युवती ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि 'सोशल मीडिया और मीडिया में चलाई जा रही खबरों के बाद मेरे पिता मेरे पास आए। 8 अगस्त 2024 को विधायक हंसराज के खिलाफ मैनें महिला थाना चंबा में रिपोर्ट दर्ज करवाई और 16 अगस्त को पुलिस ने मुझे कोर्ट में पेश किया जहां मैंने बिना किसी दबाव के अपने बयान जज के सामने दर्ज करवाए हैं, जिसमें मैंने स्पष्ट किया मेरे द्वारा विधायक पर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। मैंने गलतफहमी, मानसिक तनाव और बहकावे के बाद विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। मेरी शिकायत के आधार पर चुराह कांग्रेस के नेताओं व मीडिया ने झूठी खबरें फैलाई हैं। मेरे पिता के विधायक के साथ पारिवारिक संबंध हैं। सोशल मीडिया पर विधायक और मेरे परिवार के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। मेरी हाथ जोड़कर सब लोगों से विनती है कि ऐसी अफवाहें ना फैलाई जाएं। इस मामले को लेकर चुराह के विधायक हंसराज का बयान भी सामने आया है। विधायक ने कहा "मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। यह एक राजनीतिक साजिश है और इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा निजी अखबार को दिए इंटरव्यू के बाद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस हो या फिर किसान संगठन दोनों कंगना रनौत के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। कंगना के बयान बाद हुई फजीहत के बाद भाजपा को प्रेस नोट जारी करना पड़ा कि कंगना रनौत के बयान से भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। ये बयान कंगना का निजी मत है। वहीं, कंगना को निर्देश दिए कि वो भविष्य में ऐसा कोई बयान न दे। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना रनौत पर निशाना साधा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंगना रनौत ने जो बयानबाजी किसानों के ऊपर की है और किसान आंदोलन में चीन का और अमेरिका का हाथ होने की संभावना जताई है। ये बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और मजाक का केंद्र बन रहा है। इसकी स्थिति विदेश मंत्रालय को सपष्ट करनी चाहिए कि क्या केंद्र की मोदी सरकार की विदेश नीति इतनी कमजोर है कि हमारे आंतरिक मुद्दों में चीन और अमेरिका हस्ताक्षेप कर रहा है। वहीं, केंद्रीय नेतृत्व ने जिस प्रकार कंगना के बयान से पल्ला झाड़ा है वो इस चीज को दर्शाता है कि मानसिक दिवालियापन जो है वो भाजपा की सांसद के बयानों में झलक रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कंहना रनौत को नसीहत देते हुए कहा कि जब आप एक चुने हुए पद पर होते हैं तो गंभीरता और सोच समझकर बयान देने चाहिए। क्योंकि इनका असर भारत तक ही नहीं विदेशों तक होता है और जो विदेशों के साथ हमारी कूटनीति होती है उस पर बड़ा प्रश्नचिन्ह पैदा करती है। मैं उनको कहना चाहता हूं कि उनको ज्यादा ध्यान मंडी संसदीय क्षेत्र के मुद्दों पर देना चाहिए। जिनके लिए अभी तक उनके पास समय नहीं है। वो एक दिन के तूफानी दौरे पर आती हैं और चली जाती हैं। उनको स्थिति सपष्ट करनी चाहिए श्वेत पत्र लाना चाहिए कि वो कितना सहयोग वो दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के लिए लाई हैं खासकर मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए। उनको विवादित बयानों से और सैंसलैस बयान जो वो समय समय पर देती हैं और जिनके लिए वो जानी जाती हैं उससे उनको बचना चाहिए। सोमवार को हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी ने कहा कि "राजनीति की समझ आने में कंगना रनौत को अभी समय लगेगा। फिल्मों में अभी तक कंगना स्क्रिप्ट पढ़कर काम करती रही है, लेकिन राजनीति फिल्मी स्क्रिप्ट पर नहीं चलती है। मंडी से सांसद बनने के बाद अब कंगना संवैधानिक पद पर हैं। इसलिए कंगना को अब मुद्दों की गंभीरता को समझ कर बयानबाजी करनी चाहिए"। बता दें कि कंगना रनौत ने एक निजी अखबार को इंटरव्यू को में बयान दिया था कि ''अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। पंजाब में उपद्रवी किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थी। कंगना रनौत के इस बयान पर विपक्ष लगातार हमलावर है। कांग्रेस ने कंगना पर एनएसए के तहत एक्शन लिए जाने की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग शिमला ने आज मंगलवार और बुधवार को प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर आंधी और बिजली गिरने को लेकर चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मानसून की शुरुआत यानी 27 जून के बाद से अब तक प्रदेश में बारिश में 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हिमाचल में 584.2 मिमी औसत के मुकाबले सिर्फ 439.9 मिमी बारिश हुई है। प्रदेश में बरसात के चलते सोमवार शाम तक 41 सड़कें बंद थी। कुछ इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते इन सड़कों को अभी तक पीडब्ल्यूडी विभाग बहाल नहीं कर पाया है। मंडी में सबसे ज्यादा 14 सड़कें बंद हैं। इसके बाद कांगड़ा में 9 सड़कें, शिमला में 8 सड़कें, कुल्लू में 6 सड़कें और चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और ऊना जिलों में एक-एक सड़क बंद है. बारिश से प्रदेश में 211 बिजली योजनाएं बाधित हुई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 27 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री से लेकर 26 अगस्त तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 254 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 385 लोग घायल हुए हैं, जबकि 30 लोग लापता हैं. 172 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 447 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 57 दुकानें और 433 गौशालाएं भी बरसात में क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस साल बरसात में अब तक प्रदेश को करीब 1,21,694 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को करीब 55249 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि जल शक्ति विभाग को 48856 लाख और विद्युत विभाग को 98 लाख का नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने काउंसलिंग के आधार पर जेबीटी शिक्षकों के पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी है। जेबीटी की बैचवाइज भर्ती (अनुबंध आधार) के लिए विभाग की ओर से नवंबर 2023 में काउंसलिंग आयोजित की गई थी। जेबीटी पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन संबंधित जिलों के अंतर्गत मेरिट, जिलों के लिए उनके द्वारा दी गई वरीयता के क्रम के आधार पर किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश संबंधित प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशकों की ओर से अलग से जारी किए जा रहे हैं। निदेशालय के अनुसार विभाग की ओर से 11 अक्तूबर 2023 को विज्ञापित कुल 1161 पदों के लिए 1122 चयनित अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित किया गया है। उपयुक्त अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण 10 पद (2 ओबीसी डब्ल्यूएफएफ और 8 एससी डब्ल्यूएफएफ) भरे नहीं जा सके। 29 पदों (अनारक्षित-13, ईडब्ल्यूएस-6, एससी-6, एससी बीपीएल-1, ओबीसी-2 और एसटी-1) का परिणाम 2023 के सीडब्ल्यूपी संख्या 9043 तथा 2023 के सीडब्ल्यूपी संख्या 9032 और 9035 में उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर सुरक्षित रखा गया है। निदेशालय के अनुसार हालांकि, परिणाम तैयार करने में पूरी सावधानी बरती गई है, फिर भी अनजाने में हुई त्रुटि/तकनीकी त्रुटि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को किसी भी समय उसमें सुधार करने का अधिकार है। नियुक्ति आदेश एवं अन्य जानकारी के लिए चयनित अभ्यर्थी संबंधित जिले के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार को 11 बजे शुरू होगा। 10 दिन तक चलने वाला सत्र 9 सितंबर तक चलेगा। चौदहवीं विधानसभा के छठे सत्र के पहले दिन विपक्ष प्रश्नकाल को बाधित कर हंगामा कर सकता है। सदन में सड़क-पुलों, आपदा, अपराध, नशा, स्कूलों के विलय जैसे कई विषयों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान होगा। मानसून सत्र में 936 प्रश्न उठेंगे। इनमें से 640 तारांकित होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री और मंत्रियों के मौखिक जवाब के लिए भेजा गया है। 296 प्रश्न अतारांकित होंगे, जिनके उत्तर लिखित में दिए जाएंगे। सत्र से एक दिन पहले भाजपा ने विधायक दल की बैठक में सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई, जबकि कांग्रेस विधायक दल मंगलवार सुबह पलटवार के लिए रणनीतिक बैठक करेगा। सोमवार को विधानसभा परिसर शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सत्र में सदस्यों से कुल 936 प्रश्नों की सूचनाएं मिली हैं। इन्हें नियमानुसार सरकार को भेजा गया है। प्रश्नों के माध्यम से जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, उनमें मुख्यतया स्कूलों का विलय, प्रदेश में हाल में भारी वर्षा, बाढ़, प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न हुई स्थिति, सड़कों, पुलों का निर्माण, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर, कॉलेजों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों आदि का उन्नयन एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, पर्यटन, उद्यान, पेयजल की आपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, बढ़ते आपराधिक मामलों, सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि आदि पर आधारित हैं। सदस्यों ने प्रश्नों के माध्यम से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुख्य मुद्दों को भी उजागर किया है। इसके अतिरिक्त नियम 62 के तहत 7, नियम 63 के तहत 1, नियम 101 के तहत 10 सूचनाएं, नियम 130 के तहत 20 और नियम 324 के तहत 4 सूचनाएं सदस्यों से प्राप्त हुई हैं। इन्हें भी आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेषित किया गया है। सत्र में इन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी। पूर्व में पारित 5 बिलों पर राज्यपाल ने स्वीकृति दी है और इन्हें सदन के पटल पर रखा जाएगा। इन्हें अधिनियम के रूप में जाना जाएगा।
** स्पीकर की बुलाई बैठक से बीजेपी का किनारा, संसदीय कार्य मंत्री भड़के हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। सत्र शांति पूर्वक चल सके इसके लिए विधानसभा स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में विपक्ष का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। इससे विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विधानसभा सत्र से पहले स्पीकर की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाना आम प्रक्रिया है। बैठक के दौरान पक्ष-विपक्ष कैसे शांतिपूर्ण तरीके से सदन को चलाए सदन की कोई कार्रवाई हंगामे की भेंट ना चढ़े और ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा हो इसके लिए स्पीकर की ओर से सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है, लेकिन बीजेपी ने बैठक में शामिल न होकर अपने तेवर दिखा दिए हैं। वहीं, उद्योग एवं संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि, 'सर्वदलीय बैठक में नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ये परंपरा रही है कि सत्र से पहले स्पीकर सभी दलों को बुलाते हैं। सभी पक्षों के लोग अपना पक्ष रखते हैं, लेकिन बीजेपी की तरफ कोई बैठक में नहीं आया है। ये अच्छी परंपरा नही हैं। स्पीकर का कार्यालय निर्दलीय है और दलगत राजनीति से ऊपर है। सदन में कौन किन मुद्दों को रखना चाहता है इस पर चर्चा होती है। आमतौर पर मानसून सत्र 5 से 6 दिन का रखा जाता है, लेकिन पहली बार ये सत्र दस दिन तक रखा गया है, क्योंकि सरकार की मंशा है कि हर सदस्य अपना पक्ष रखे और कोई सकारात्मक सुधार कोई सरकार को देता है उसे सरकार मानेगी। बैठक से पहले उन्होंने नेता विपक्ष से बात की थी। सरकार चाहती है कि सदन एकदम अच्छे से चले।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सेशन कल यानी मंगलवार से आरंभ होगा। इस बार मानसून सेशन दस दिन का होगा। ये 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलेगा। पूर्वाह्न 11 बजे से आरंभ हो रहे सेशन में सबसे पहले दिवंगत सदस्यों के प्रति शोक उद्गार रखे जाएंगे। सदन के पूर्व सदस्यों टेक चंद, नारायण सिंह स्वामी व दौलतराम चौधरी की स्मृतियों को साझा किया जाएगा। उसके बाद प्रश्नकाल में सहारा योजना, मंडी हवाई अड्डा, आपदा से नुकसान, स्वास्थ्य जैसे विषयों पर सवाल आएंगे। इसके अलावा कुछ विधेयक भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व अन्य नियम-130 के तहत प्रस्ताव लाएंगे कि सदन में बरसात से हुए नुकसान पर चर्चा की जाए। इस प्रस्ताव में पहली बार विधायक बनी लाहौल-स्पीति की अनुराधा राणा भी शामिल होंगी। इसके अलावा नियम-62 के तहत भी दो प्रस्ताव पहले दिन की कार्यवाही की लिस्ट में हैं। मंडी जिला के धर्मपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर हमीरपुर-मंडी नेशनल हाईवे की खराब हालत और नेशनल हाईवे के निर्माण से सिंचाई योजनाओं के प्रभावित होने और घरों को पहुंचे नुकसान पर ध्यान आकर्षित करेंगे। इसी प्रकार, भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार नगरोटा बगवां के ट्रांसपोर्टर से करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार न करने पर नियम-62 के तहत सदन का ध्यान आकर्षित करेंगे। प्रश्नकाल में तारांकित व अतारांकित दोनों को मिलाकर कुल 54 सवाल लिस्टेड हैं। इनमें 36 सवाल तारांकित हैं। सदन की पहले ही दिन की कार्यवाही हंगामेदार होने के आसार हैं। प्रश्नकाल में अधिकांश सवाल युवा विधायकों की तरफ से पूछे जाएंगे। भाजपा के दीप राज, डॉ. जनक राज व लोकेंद्र की तरफ से कई सवाल पहले दिन की कार्यसूची में शामिल हैं। ये अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं को उठाएंगे। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए और फिर उपचुनाव जीतकर आए इंद्र दत्त लखनपाल व सुधीर शर्मा के सवाल भी पहले दिन की कार्यसूची में शामिल हैं। इसके अलावा बरसात के दौरान हुए नुकसान को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार के आसार हैं। सदन की कार्यवाही से पहले स्पीकर के कक्ष में सर्वदलीय बैठक होगी। हिमाचल में दो ही दल हैं। भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य किसी दल का यहां कोई सदस्य नहीं है। पिछली बार सदन में अवश्य राकेश सिंघा के रूप में एक विधायक माकपा से थे। ऐसे में सर्वदलीय बैठक में भाजपा और कांग्रेस के ही सदस्य होंगे। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग की अपील करेंगे। भाजपा एवं कांग्रेस के विधायक दल की अलग-अलग मीटिंग होगी। दोनों दल सदन में अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। सत्ता पक्ष सेशन में विपक्ष की तरफ से उठाए जाने वाले मुद्दों पर तर्कपूर्ण उत्तर देने की रणनीति तैयार करेगा। कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की अगुवाई सीएम सुक्खू करेंगे और भाजपा की बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर करेंगे। इस बार सेशन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी अतिरिक्त रूप से की गई है। सैकड़ों पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे। करीब 600 जवान सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। परिसर में एक एंबुलेंस भी डॉक्टर की सुविधा के साथ मौजूद होगी।
हिमाचल में लाखों एपीएल परिवारों के लिए इस बार भी राहत की खबर है। सरकार ने सितंबर महीने के लिए डिपुओं में दिए जाने वाले सस्ते राशन का आवंटन कर दिया है। इसके मुताबिक प्रदेश के पांच हजार से अधिक डिपुओं में एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले राशन के कोटे में कोई कट नहीं लगाया है। एपीएल परिवारों को सितंबर महीने में भी 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड दिया जाएगा। राहत की बात ये है कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल के कोटे में कोई कट नहीं लगाया है। हिमाचल में उससे पहले हर दो तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन अब एक साल से राशन की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं किया जा रहा है, जिससे लाखों एपीएल परिवारों ने कुछ राहत मिलेगी। हिमाचल में मौसम की बेरुखी का असर फसलों की पैदावार पर पड़ा रहा है। इस बार भी समय पर बारिश न होने से बुआई पर असर पड़ा है, जिससे बाजार में डिमांड और सप्लाई में अंतर नजर आ सकता है। ऐसे में खुले बाजार में खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे लोगों की डिपुओं पर निर्भरता अधिक बढ़ गई है। उपभोक्ता अब डिपुओं में मिलने वाले सस्ते राशन का कोटा नहीं छोड़ते हैं। ऐसे उचित मूल्य की दुकानों में सस्ते राशन की लिफ्टिंग 100 फीसदी पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने सितंबर माह के लिए राशन कोटे का आवंटन किया है। प्रदेश भर में अगले महीने उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से एपीएल परिवारों के लिए 20,952 मीट्रिक टन राशन वितरित किया जाएगा, जिसमें 14,490 मीट्रिक टन गेहूं का आटा और 6,382 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को 29 अगस्त से सस्ते राशन के परमिट जारी होंगे। प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है, इसमें एपीएल परिवारों की कुल संख्या 12,24,448 है। इसमें 11,52,003 एपीएल परिवार है। वहीं, एपीएल टैक्स पेयर की कुल संख्या 72,445 है। इसके तहत एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44,19,312 है. जिसमें एपीएल परिवारों आबादी 41,26,583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2,92,729 है, जिन्हें अगले महीने 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड दिया जाएगा।
**'मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना' लागू करने का मंत्रिमंडल ने लिया फैसला हिमाचल प्रदेश में अब विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता के बच्चों के पालन पोषण और शिक्षा के लिए हिमाचल सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। बीते कल मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमे ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ को लागू करने का फैसला लिया गया। इसका उद्देश्य एकल महिलाओं और विकलांग माता-पिता को अपने बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देना है। इस योजना के तहत पात्र बच्चों को 18 साल की आयु तक शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए 1,000 रुपये का मासिक अनुदान मिलेगा। इसके अलावा, इस योजना के तहत ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के साथ उच्च शिक्षा के लिए पढ़ाई का खर्च और हॉस्टल के खर्च के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
पुलिस कर्मियों के रियायती सफर के एवज में अब एचआरटीसी को हर महीने करीब 9 करोड़ रुपये मिलेंगे। बीते 15 सालों से पुलिस कर्मियों केे रियायती यात्रा सुविधा के एवज में एचआरटीसी को 110 रुपये के हिसाब से महज 1.98 करोड़ मिल रहे थे। एचआरटीसी प्रबंधन ने प्रदेश सरकार को इसे भी निगम के घाटे का बड़ा कारण बताया था। मंत्रिमंडल की बैठक में रियायती यात्रा सुविधा के एवज में 110 रुपये मासिक के स्थान पर 500 रुपये लेने का फैसला लिया है। पिछली मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस कर्मियों की एचआरटीसी बसों में रियायती यात्रा सुविधा बंद कर दी गई थी। निर्णय लिया गया था कि पुलिस जवानों को परिवहन निगम की बसों में यात्रा करते हुए टिकट लेकर यात्रा करनी होगी। ऑन ड्यूटी बस सफर करने पर पुलिस जवान अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह टीए-डीए क्लेम कर सकेंगे। बीते 15 सालों से पुलिस कर्मी मासिक महज 110 रुपये देकर निगम की बसों में रियायती सफर कर रहे थे। एचआरटीसी प्रबंधन का दावा था कि पुलिस विभाग से निगम को मासिक महज 1.98 करोड़ रुपये मिल रहे हैं और भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। पुलिस की मुफ्त यात्रा बंद होने से हर महीने 35 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। रियायती यात्रा सुविधा वापस लेने के बाद पुलिस कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से मिलकर यात्रा सुविधा बहाल रखने की मांग की थी। इस बीच परिवहन निगम ने सभी कर्मचारियों को बसों में रियायती सफर करने वाले सभी वर्गों के यात्रियों को जीरो टिकट जारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे निगम की बसों में रियायती यात्रा का लाभ लेने वाले लोगों का सही आंकड़ा मिल सके और सरकार को इससे अवगत करवाया जा सके।
प्रदेश में सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 27 और 28 अगस्त को अधिकांश जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 29 से 31 अगस्त तक प्रदेश में फिर से साफ रहने के आसार हैं। रविवार को राजधानी शिमला में सुबह के समय मौसम साफ रहा। दोपहर बाद बादल झमाझम बरसे। शाम को फिर शहर में मौसम साफ होने के साथ धूप खिली। धर्मशाला, ऊना, सोलन, कुफरी, नारकंडा, जुब्बड़हट्टी में भी बारिश हुई। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में रविवार को मौसम मिलाजुला रहा। 29.9, नाहन में 29.2, मनाली में 24.8 और शिमला में 22.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
** 15 घंटे ट्रैफिक जाम में फंसे श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश में सोमवार, 26 अगस्त से आधिकारिक तौर पर उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा शुरू हो रही है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग मणिमहेश यात्रा के लिए चंबा जिले के भरमौर पहुंच रहे हैं। वहीं, यात्रा के अधिकारिक तौर पर शुरू होने से भरमौर नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की मानों बाढ़ आ गई हो। नेशनल हाईवे पर पिछले करीब 15 घंटो से मणिमहेश यात्री ट्रैफिक में फंसे हुए हैं। लूणा से लेकर दुनाली, खड़ा मुख से भरमौर तक जगह-जगह जाम लगा हुआ है। इस जाम में सैकड़ों के हिसाब से गाड़ियां व मोटरसाइकिल फंसे हुई हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा भी मौके पर लगातार ट्रैफिक को बहाल किए जाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हाईवे पर गाड़ियां इतनी ज्यादा तादाद में हैं कि अभी तक जाम की स्थिति बनी हुई है, जिसमें यात्री भी खासे परेशान हो रहे हैं। बता दें कि मणिमहेश यात्रा में जन्माष्टमी पर्व पर उम्मीद से कहीं ज्यादा यात्री भरमौर की ओर पहुंच रहे हैं। पहाड़ी इलाका, सड़क के कई हिस्से तंग होने और दोनों तरफ से बड़े वाहनों की आवाजाही के कारण यहां पर पिछले तीन दिन से लोग यूं ही जाम की समस्या का सामना कर रहे हैं। मगर शनिवार शाम को नेशनल हाईवे पर जो जाम लगा वो अभी तक बहाल होने का नाम नहीं ले रहा है। जन्माष्टमी के पहले ही जाम को बहाल करने और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। आलम ये है कि यहां पर लोग अपनी गाड़ियों को छोड़कर पैदल ही मणिमहेश की ओर रुख करने को मजबूर हो गए हैं। हर साल मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन को लेकर कई बैठकें की जाती हैं, जिसमें सड़कों की दशा को सुधारने की ओर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है, लेकिन पिछले करीब 10 सालों से यहां पर एनएच द्वारा सड़क चौड़ीकरण का काम चला हुआ है, जो कि कछुआ गति से आगे बढ़ रहा है। सरकार और प्रशासन द्वारा भी अभी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिसके कारण हर साल यहां पर श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बग्गा से लेकर भरमौर तक सड़क की खराब दशा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं व यात्रियों को परेशानी में डाल रहा है।
**पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा यूपीएस के उपरान्त कर्मचारियों के मन से सेवानिवृति के बाद आर्थिक असुरक्षा की शंका का भाव हुआ समाप्त ** धूमल ने प्रधानमंत्री मोदी को यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूरी पर धन्यवाद व्यक्त किया वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी देने के फैसले का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय को कर्मचारियों के हित में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम बताया, जिससे सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित और संरक्षित रहेगा। प्रो. धूमल ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चात यूनिफाइड पेंशन स्कीम द्वारा मिलने वाले वित्तीय सुरक्षा लाभों से कर्मचारी और अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। 25 वर्ष नौकरी करने के पश्चात कर्मचारियों को उसकी एवरेज बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा और यदि कर्मचारी 10 साल नौकरी करता है तो उसको कम से कम ₹10000 पेंशन प्रतिमाह जरूर मिलेगी यही नहीं सेवानिवृत कर्मचारियों की मृत्यु के पश्चात उसकी पत्नी को 60% पेंशन मिलेगी। यूनिफाइड पेंशन स्कीम आने के उपरांत जो कर्मचारी और अधिकारियों के मन में सेवा निवृत्ति के पश्चात आर्थिक सुरक्षा को लेकर एक शंका का माहौल बना हुआ था वह समाप्त होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि UPS के तहत कर्मचारियों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इस योजना के अंतर्गत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों द्वारा अंशदान किया जाएगा, जो एक केंद्रीय कोष में जमा होगा। इस कोष का सुरक्षित और पारदर्शी निवेश किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को उनकी सेवा के बाद पेंशन के रूप में एक स्थिर आय प्राप्त होगी। यह स्थिरता कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा का आधार बनेगी। प्रो धूमल ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पेंशन प्रक्रिया को पारदर्शी और स्थिर बनाया गया है। सरकार द्वारा कोष का प्रबंधन किया जाएगा, जिससे पेंशन की राशि का निर्धारण निष्पक्ष और संतुलित तरीके से होगा। इससे कर्मचारियों को पेंशन के मामले में किसी भी तरह की असुरक्षा का सामना नहीं करना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि UPS ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया है। यह समायोजन सभी कर्मचारियों को एक समान पेंशन का अधिकार देता है, जिससे उन्हें भविष्य में किसी भी असमानता का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह समायोजन विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो पुरानी और नई पेंशन योजनाओं के बीच भ्रमित थे। उन्होंने कहा कि UPS के माध्यम से सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा। पेंशन की राशि को इस प्रकार से निर्धारित किया गया है कि वह कर्मचारियों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो। इससे कर्मचारियों को वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी और वे सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने जीवन को सम्मानजनक तरीके से जी सकेंगे। प्रो धूमल ने कहा कि यह योजना न केवल कर्मचारियों के लिए लाभकारी है, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगी। UPS के माध्यम से कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी मिलने से उनके परिवार के सदस्य भी सुरक्षित और संरक्षित महसूस करेंगे। प्रो. धूमल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह योजना कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि UPS न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें उनके योगदान को उचित सम्मान देने में भी सहायक होगी। प्रो. धूमल ने आशा व्यक्त की कि इस योजना से कर्मचारियों को आत्मविश्वास मिलेगा और वे अपनी सेवाओं को और भी अधिक समर्पण और उत्साह के साथ निभा सकेंगे।
हिमाचल में प्रदेश सरकार जहां करोड़ों के बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण के लिए प्रयासरत है, वहीं हर महीने फेल हो रहे दवाओं के सैंपल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। हिमाचल में बन रही दवाओं के लगातार फेल हो रहे सैंपल से फार्मा हब के नाम से मशहूर हिमाचल का नाम खराब हो रहा है। हिमाचल में करीब 600 फार्मा कंपनियां सालाना 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में एक के बाद एक हिमाचल में बनी दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं। इस साल अब तक प्रदेश में बनी 85 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं। बीते साल भी जनवरी से लेकर जुलाई तक 107 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। इसके बाद सरकार ने टास्क फोर्स गठित कर दोषियों पर कार्रवाई करने का दावा किया था, बावजूद इसके दवाओं के सैंपल फेल होने का सिलसिला लगातार जारी है। दवा निर्माता कंपनियां मुनाफा कमाने के लिए सब स्टैंडर्ड दवाएं बना रही हैं। हिमाचल में बीबीएन, पांवटा साहिब, कालाअंब, सोलन, संसारपुर टैरेस, गगरेट, मेहतपुर व कुमारहट्टी औद्योगिक क्षेत्र हैं। जीवन रक्षक दवाओं के अलावा हार्ट, किडनी, बुखार, मधुमेह, एलर्जी, दर्द, सर्दी-जुकाम, बीपी, गैस, उल्टी, हड्डियों के दर्द, कान, आंख व दांतों के दर्द जैसी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं। केंद्रीय दवा मानक एवं नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने प्रदेश में बनने वाली दवाओं के सैंपल फेल होने पर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएसओ) हर महीने राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग अलर्ट जारी करता है। इसमें जिन दवाओं के सैंपल फेल होते हैं, उनकी सूची जारी की जाती है। बाजार में ये दवाएं उपलब्ध होने के कारण लोग इन दवाओं का सेवन कर लेते हैं क्योंकि सैंपल फेल होने के बाद ही इन दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाया जाता है। इससे पहले यह दवाएं बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होती हैं। प्रदेश में अगस्त में 20 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इन सभी दवाओं के स्टॉक को बाजार से वापस मंगवा लिया है। सभी दवा उत्पादकों को नोटिस जारी कर लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। एक सप्ताह में सभी दवाएं वापस कंपनी में पहुंच जाएंगी। जिन कंपनियों में दवाओं के अधिक सैंपल फेल हुए हैं, अब वहां के कर्मचारियों को एक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं दवा नियंत्रक अधिकारियों का कहना है कि सैंपल फेल होने के कारण गुणवत्ता ही नहीं कई अन्य कारण भी होते हैं। कई बार लेबल सही नहीं होता है। यही नहीं जहां पर स्टोर में दवा रखी होती है वहां पर तापमान की कंडीशन क्या है, इससे भी सैंपल फेल होना निर्भर करता है। अधिकारियों के अनुसार हिमाचल में दवाओं के सैंपल फेल होने की रेशो अन्य राज्यों से कम है। प्रदेश में केवल एक फीसदी दवाओं के ही सैंपल फेल हुए हैं जोकि अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। हिमाचल में दवा कंपनियों के 90 फीसदी सैंपल लिए जाते हैं जबकि देश के अन्य राज्यों के केवल दस फीसदी ही सैंपल लिए जाते हैं। हिमाचल की कंपनियों की बनी दवाओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। यही कारण है कि हिमाचल की 250 दवा कंपनियों को विदेशी एजेंसियों ने अप्रूवल दी है। प्रदेश में दवाओं के सैंपल लेने की रेशो अन्य राज्यों से 9 गुणा अधिक है। 90 फीसदी सैंपल प्रदेश से उठाए जाते हैं। केवल 10 फीसदी सैंपल अन्य राज्यों से लिए जाते हैं। सैंपल फेल होने के बाद सभी दवाइयां बाजार से वापस मंगवाई जाती हैं। फेल होने के कारणों का पता लगाया जाता है। दोबारा सैंपल फेल न हों इसके लिए विभाग की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।
हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक आज संडे को होने जा रही है। प्रदेश सचिवालय में दोपहर 12 बजे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले 8 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों में सैकड़ों पदों को भरने का निर्णय मुहर लगी थी। अब मानसून सत्र से ठीक दो दिन पहले होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। इस दौरान बैठक में विभिन्न विभागों के कई एजेंडे लाए जा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार वर्तमान में खराब वित्तीय हालत से जूझ रही है। सरकार का खजाना खाली है, जिससे सरकार के पास कर्मचारियों का डीए और एरियर के भुगतान तक पैसे नहीं हैं। ऐसे में 15 अगस्त को कर्मचारियों को डीए की किस्त जारी न होने से कर्मचारी नाराज चल रहे हैं, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी परिसंघ सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ डीए और एरियर के भुगतान को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कर्मचारी नेता अफसरशाही और नेताओं की फिजूलखर्ची को लेकर उठा सवाल उठा रहे हैं, लेकिन सरकार का तर्क है कि वित्तीय संकट के कारण डीए और एरियर के भुगतान को अभी खजाने में पैसे नहीं है। ऐसे में आज होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में खराब वित्तीय हालातों से पार पाने पर चर्चा हो सकती है। इस दौरान कैबिनेट में कई कड़े निर्णय भी लिए जा सकते हैं, ताकि कर्मचारियों को देनदारियां को कम किया जा सके। प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति और कर्मचारियों की देनदारी के साथ बेरोजगारी भी एक बहुत बड़ी समस्या है, जिससे निपटने के लिए कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नए पद सृजित करने का भी निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, विभिन्न विभागों में खाली चल रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के खाली पदों को भरने के लिए भर्तियां करने पर फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस बीच कैबिनेट की बैठक मानसून सत्र से दो दिन पहले होने जा रही है, जिसमें मानसून सत्र में विपक्ष के सवालों को लेकर रणनीति तैयार की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। कर्मचारी पेंडिंग डीए और एरियर की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते कर्मचारी में भारी गुस्सा है। इसी बीच कर्मचारियों सड़क पर उतरे तो हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने सरकारी कर्मचारियों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि सरकार के पास कोई नोट छापने की मशीन नहीं है। अगर कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें वर्तमान में मिलने वाली सुविधाएं मिलती रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़े होना होगा। मंत्री के इस बयान से कर्मचारियों में खासा रोष है। हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने मंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि बिलासपुर से बाहर चुनाव लड़ कर दिखाएं, उनके खिलाफ मेरा कर्मचारी खड़ा होगा। इतना ही नहीं संजीव शर्मा ने कहा कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे, उन्हें तो जबरदस्ती मंत्री बनाया गया है।
** 38 उड़ानें, 389 भक्तों ले किया सफर मणिमहेश यात्रा की हेलिटैक्सी सेवा के तहत शुक्रवार को दोनों तरफ कुल 38 उड़ानें ही हो पाई है, जबकि बीच में मौसम खराब होने के चलते कुछ समय के लिए उड़ाने भी नहीं हुई और तीन से चार मर्तबा हेलिकाप्टर को भी बीच राह से लौटना पड़ा है। प्रशासन से मिले आंकड़ों के तहत थुम्बी एविएशन के हेलिकाप्टर में शुक्रवार को कुल 389 यात्रियों ने सफर किया है, जबकि सेवा प्रदान करने वाली अन्य कंपनी का आंकड़ा अभी तक एडीएम कार्यालय को नहीं मिल पाया था। उल्लेखनीय है कि मणिमहेश हेलिटैक्सी सेवा 22 अगस्त से आरंभ हुई है। शुक्रवार को भरमौर से गौरीकुंड के लिए हवाई उड़ानों का दूसरा दिन रहा। लिहाजा शुक्रवार को थुम्बी एविएशन की कुल 21 उड़ानें हुई, जिसमें 115 यात्रियों ने भरमौर से गौरीकुंड के लिए उडान भरी, जबकि 98 श्रद्धालुओं ने डल झील में आस्था की डुबकी लगाने के बाद गौरीकुंड से भरमौर की राह पकड़ी है। एडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हेलिटैक्सी सेवा प्रदान कर रही दूसरी कंपनी राजस एयरो स्पोट्र्स के हेलीकाप्टर से भरमौर से गौरीकुंड के लिए 86 उड़ानें भरी, जबकि गौरीकुंड से भरमौर के लिए 90 यात्रियों ने सफर किया। इस तरह इस कंपनी के हेलिकाप्टर में शुक्रवार को कुल 176 ने सफर किया है। मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे के साथ ही चौरासी मंदिर परिसर में भी पूरी तरह से रौनक आ गई है। भगवान भोले नाथ के भजनों और उद्घोषों से पूरा भरमौर कस्बा शिवमयी हो गया है। श्रद्धालुओं के भारी संख्या में पहुंचने से यहां के कारोबारियों को भी बेहतर कारोबार की उम्मीद जगी है। उपमंडल मुख्यालय भरमौर समेत आसपास के हिस्सों के कारोबारियों को मणिमहेश यात्रा कारोबार के लिहाज से बड़ी लाभदायक रहती है। यात्रा के दिनों में स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय फसलों को बेचने के लिए सडक़ किनारे अस्थायी रूप से दुकानें लगाई जाती है।
प्रदेश के कॉलेजों के शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों के प्रोत्साहन के लिए शिक्षा विभाग नई योजना बना रहा है। अभी तक स्कूल स्तर के शिक्षकों को ही हर साल पांच सितंबर को सम्मानित किया जाता है। इसी वर्ष से कॉलेजों के शिक्षकों से भी आवेदन मांगकर पुरस्कार देने की योजना बनाई गई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में हुई विभागीय बैठक में इस योजना को शुरू करने का फैसला लिया गया। मंत्री ने अधिकारियों से इस बाबत विस्तृत योजना बनाने को कहा है। योजना से मुख्यमंत्री को अवगत करवाकर लागू किया जाएगा। हर साल शिक्षक दिवस पर स्कूलों में पढ़ाने वाले 30 शिक्षकों को सरकार सम्मानित करती है। कॉलेजों के शिक्षकों को इस योजना से अभी तक अलग रखा गया था। अब कॉलेज शिक्षकों के प्रोत्साहन के लिए अलग से योजना बनाकर सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सरकार से इस योजना को मंजूरी मिलते ही प्रयास रहेंगे कि इसी वर्ष से सम्मानित किया जाए। स्कूली शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए चयनित करने के लिए 27 सितंबर से दूसरे चरण की छंटनी प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली चयन कमेटी इन शिक्षकों के साक्षात्कार लेगी। बीते दिनों ही शिक्षा विभाग ने पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के स्कूलों में जाकर उनकी उपलब्धियों का मूल्यांकन किया है। स्कूली बच्चों की परीक्षाएं भी ली गई हैं। बच्चों को प्राप्त होने वाले अंकों के आधार पर शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में एसीसी, अंबुजा व अल्ट्राटेक कंपनियों ने प्रति बैग दस रुपये सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं। शुक्रवार से नए दाम पर सीमेंट बेचना शुरू कर दिया है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर के मुताबिक एसीसी गोल्ड का दाम 460 रुपये प्रति बैग से बढ़कर 470 हो गया है। एसीसी सुरक्षा 430 रुपये में मिलेगा। अल्ट्राटेक सीमेंट विक्रेता सतपाल ने बताया कि अल्ट्राटेक सीमेंट का बैग 430 में मिलेगा। अंबुजा सीमेंट विक्रेता रोहित के मुताबिक 425 रुपये प्रति बैग बिकने वाला सीमेंट अब 435 में मिलेगा। सूत्रों के अनुसार जल्द 10 से 20 रुपये प्रति बैग दाम और बढ़ेंगे। राहत की बात यह है कि पिछले एक माह में सरिये के दाम 600 रुपये प्रति क्विंटल कम हुए हैं। बाजार में सरिया 5,500 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की हितैषी है। सरकार ने अपनी गारंटी को पूरा करते हुए पहली कैबिनेट बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाल की और 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों को उनका हक दिया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने पांच साल में एक बार भी कर्मचारियों की ओपीएस की मांग पर गौर नहीं किया बल्कि कर्मचारियों को प्रताड़ित किया गया। पुरानी पेंशन बहाल होने से पहले जहां सेवानिवृत्त कर्मचारियों 3,700 रुपये मिल रहे थे वहीं अब उन्हें 37,000 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। लाखों कर्मचारियों को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और एरियर की जवाबदेही को लेकर मीडिया के सामने भी और विधानसभा में श्वेत पत्र लाकर भी बताया जा चुका है। 75 हजार करोड़ का बोझ अलग है, लोन अलग हैं। इसके अलावा पिछली सरकार कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़ कर गई है। नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया है और उन्हें सारे भुगतान इस वित्त वर्ष में किए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर जिस तरह का रुख अपनाया इस पर उन्हें बहुत अफसोस है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अपनी मांग रखने का अधिकार है लेकिन मांग के साथ सरकार के खिलाफ आरोप-प्रत्योराप लगाकर आलोचना करना भी गलत है। उन्होंने कहा कि सचिवालय के कर्मचारी अन्यों के मुकाबले सरकार की आर्थिक स्थिति को बहुत ही बेहतर तरीके से समझते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कड़े फैसले ले रहे हैं। बिजली बोर्ड, एचआरटीसी, अन्य बोर्ड व निगम जो घाटे में चल रहे हैं और संभावनाएं तलाशी जा रही हैं कि उन्हें किस तरह घाटे से उबारा जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने जिस तरह का रवैया अपनाया उसकी सरकार को कभी उम्मीद नहीं थी। नरेश चौहान ने कहा कि सरकार को हर वर्ग के लिए काम करना है। किसानों, बागवानों बेरोजगारों हर वर्ग के लिए योजनाएं बनानी हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी बातचीत के जरिए सरकार के समक्ष अपनी मांग रखें तभी मिल बैठकर यह मसला सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल में सरकार ने कर्मचारी हित में बहुत सारे फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कर्मचारियों का आह्वान किया कि कर्मचारी किसी भी तरह के बहकावे में न आएं।
** 10 लाख 50 हजार रुपये की लागत से निर्मित महिला मंडल भवन मूरंग का किया लोकार्पण राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत शाम पूह खण्ड के ग्राम पंचायत मूरंग का दौरा कर 10 लाख 50 हजार रुपये की लागत से निर्मित महिला मंडल भवन मूरंग (गा्रमंग) का लोकार्पण किया। राजस्व मंत्री ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के हर एक वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रही है और समावेशी विकास के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार की देन है जिससे जनजातीय लोगों को वनों में सामुदायिक भागीदारी का अधिकार प्राप्त हुआ है और ग्रामीण लोगों को वनों से जीवन यापन करने में सहायता प्राप्त हुई है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेत्तृव में प्रदेश सरकार विकास की दृष्टि से नए आयाम स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने का कार्य कर रही है ताकि सरकारी कार्य प्रणाली और अधिक शीघ्रता से आगे बढ़े और प्रदेश की आर्थिकी सुदृढ हो सके। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के ढांचे को मज़बूत करने के लिए 6 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है जिससे अब निर्धन एवं उपेक्षित वर्गों के बच्चों को उनके घर-द्वार के निकट बेहतर शिक्षा उपलब्ध होगी। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बागवानों के उत्थान एवं विकास के प्रति निरंतर प्रयासरत है और जनजातीय जिला किन्नौर में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दृष्टिगत सेब की उन्नत किस्मों को विकसित किया जा रहा है ताकि बागवानों को अपनी उपज के उचित दाम मिल सके तथा युवा पीढ़ी भी बागवानी की ओर आकर्षित हो सके। बागवानी मंत्री ने बताया कि प्रदेश के लघु एवं सीमांत बागवानों को लाभ पहुंचाने तथा उनकी आय में वृद्धि करने के मद्देनजर पूरे प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन इस वर्ष से आरंभ कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए सभी संपर्क मार्गों को सेब सीजन से पूर्व दुरुस्त किया जा रहा है ताकि किसानों व बागवानों को उनकी नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। राजस्व मंत्री का ग्राम पंचायत मूरंग पहुंचने पर स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया तथा उनके समक्ष क्षेत्र की समस्याओं को रखा तथा कैबिनेट मंत्री ने प्राप्त हुई सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन दिया तथा महिला मंडल मूरंग (गा्रमंग) की महिलाओं को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर 10 हजार रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर इस अवसर पर किनफैड के अध्यक्ष चंद्र गोपाल नेगी, गा्रम पंचायत मूरंग के प्रधान अनूप कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष उमेश नेगी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पूह के अध्यक्ष प्रेम नेगी, सहित कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी सहित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार चंडीगढ़-kullu -धर्मशाला को जोड़ने वाले नए हवाई रूट का प्रस्ताव तैयार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के दो प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी सुनिश्चित करना है, जिसके लिए संबंधित एयरलाइंस कंपनी और अन्य एजेंसियों के साथ चर्चा की जा रही है। इसमें कुल्लू और धर्मशाला के बीच नई सीधी हवाई सेवा के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 'राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। सुविधा संपन्न पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई नए कदम उठाए जा रहे हैं और इस दिशा में हवाई सेवा को सुदृढ़ किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश अलौकिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है और यहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। प्रदेश सरकार बेहतर पर्यटन अधोसंरचना का विकास कर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित कर रही है जिससे क्षेत्रीय आर्थिकी को बल मिलेगा.प्रदेश में पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी। प्रदेश सरकार के समग्र और समावेशी प्रयासों के फलस्वरूप राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों को देश के अन्य भागों से हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। लोगों को दिल्ली-शिमला-दिल्ली, शिमला-धर्मशाला-शिमला हवाई सेवा प्रतिदिन और अमृतसर-शिमला-अमृतसर और अमृतसर-कुल्लू-अमृतसर हवाई सेवा सप्ताह में तीन दिन उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश में हवाई यात्रा सुविधा में वृद्धि करने के साथ-साथ राज्य सरकार नए हेलीपोर्ट भी विकसित कर रही है। प्रदेश की पर्यटन राजधानी जिला कांगड़ा के रक्कड़ और पालमपुर, चम्बा और किन्नौर जिला के रिकांगपिओ में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने 13 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी भौगोलिक क्षेत्र में हेलीपोर्ट पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी यात्रा सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में यह हेलीपोर्ट स्थानीय लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने में मददगार होंगे। इनके महत्त्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट निर्मित कर रही है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने जिला कांगड़ा को हिमाचल की पर्यटन राजधानी घोषित किया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला में आवश्यक पर्यटन अधोसंरचना को स्तरोन्नत किया जा रहा है। इस दिशा में कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण किया जा रहा है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस हवाई अड्डे के विस्तारीकरण से यहां बड़े विमान उतर सकेंगे और इससे हवाई यात्रा की लागत में भी कमी आएगी। प्रदेश सरकार के इस कदम से क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
**तीन बार गुस्ताखी माफ़, चौथी बार रद्द होगा लाइसेंस शराब के शौकीनों के लिए यह खबर अच्छी है। अब शराब कारोबारी शराब के तय दरों से अधिक दाम वसूल नहीं पाएंगे। और अगर ऐसा कोई करता है तो आप इसकी शिकायत व्हाट्सप्प के जरिए कर सकते है। मनमानी दाम पर शराब बेचने वाले ऐसे कारोबारियों पर हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 व इसके तहत बनाए गए नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिकायत के जाँच में यदि कारोबारी ओवर चार्जिंग में दोषी पाए जाने पर ठेकेदार को पहले उल्लंघन पर 15000 रुपये, दूसरे उल्लंघन पर 25000 रुपये, तीसरे उल्लंघन पर 50000 रुपये और चौथे उल्लंघन पर एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई ठेकेदार ओवर चार्जिंग करते हुए चार बार से अधिक दोषी पाया जाता है तो संबंधित आबकारी अधिकारी तुरन्त जोनल कलेक्टर को ठेकेदार के विरूद्ध हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम 2011 की धारा 29 के अंतर्गत कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगा। जिसके तहत ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित या रद्द हो सकता है। आबकारी आयुक्त डॉ यूनुस खान ने बताया कि आबकारी नीति के तहत बॉटल्ड इन ओरिजिन (सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर/बायो वाइन, साइडर) पर 10 प्रतिशत लाभांश और भारत में निर्मित सभी बीयर ब्रांड पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देसी शराब पर 30 प्रतिशत लाभांश, देश में बनी लो ब्रांड अंग्रेजी शराब पर 15 फीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी लाभांश तय किया गया है। न्यूनतम विक्रय मूल्य से 10 से 30 फीसदी लाभांश से अधिक शराब के विक्रय से संबंधित शिकायत के लिए विभाग ने दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। वाट्स-एप नम्बर 94183-31426 पर शिकायतकर्ता शिकायत कर सकते हैं ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ गया है। 24 अगस्त तक मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। 25 अगस्त से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के आसार हैं। 25 से 27 अगस्त तक बादल बरसने की संभावना जताई गई है। वीरवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली। कहीं भी बारिश दर्ज नहीं हुई। प्रदेश में अभी भी 56 सड़कें, 10 बिजली ट्रांसफार्मर और 5 पेयजल योजनाएं ठप हैं। बारिश का दौर थमते ही मैदानी जिलों में उमस बढ़ गई है। वीरवार को ऊना में अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक पहुंच गया। शुक्रवार और शनिवार को भी प्रदेश के सभी क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। 25 अगस्त से बारिश के आसार हैं। बुधवार रात को शिमला में न्यूनतम तापमान 15.8, कल्पा में 15.0, धर्मशाला में 18.5, ऊना-कांगड़ा-मंडी में 22.5, नाहन में 23.3, केलांग में 9.8, सोलन में 19.5, मनाली में 18.8, बिलासपुर में 24.8, हमीरपुर में 23.1 और चंबा में 21.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।