कुल्लू: नदी पर पुल न होने से 40 छात्रों ने छोड़ा विद्यालय, एक साल बाद भी नहीं बन पाया पुल

कुल्लू जिला के मणिकर्ण घाटी में बीते साल 1 जुलाई को मलाणा डैम फटने से भरी नुकसान हुआ था। डैम फटने के चलते सड़कें और नदी किनारे कई गांव भी इसकी चपेट में आए। वहीं डैम फटने के दौरान मणिकर्ण घाटी के बलाधी गांव को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। लेकिन हैरानी की बात यह कि इस घटना को एक साल बीत जाने के बाद भी इस पुल को दुरुस्त नहीं किया गया, और पुल न होने के कारण 40 छात्रों ने भी स्कूल जाना बंद कर दिया। एक साल तक पुल का निर्माण न होने के कारण ग्रामीणों ने अपने स्तर पर नदी के ऊपर एक पुलिया बना दी,लेकिन अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से उस पुलिया के बहने का भी खतरा बन गया है। जिसके बाद बलाधी गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को डीसी कुल्लू और प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि जल्द यहां पर पुल की व्यवस्था की जाए।
डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल जिला परिषद सदस्य रेखा गुलेरिया ने बताया कि 1 साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण न होने के कारण स्थानीय लोगों को कई दिक्कते पेश आ रही है, साथ ही बच्चों कि पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों नदी का बहाव बढ़ने के चलते यहां स्कूल से घर वापस आ रहे स्कूली छात्र फंस गए. जिन्हें ग्रामीणों के द्वारा कड़ी मशक्कत से पुलिया के आर पार करवाया गया ,और ऐसी स्थिति देख ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि जब तक पुल का निर्माण नहीं होता तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल ना भेज कर घर पर ही रखेंगे।
जिला परिषद सदस्य रेखा गुलेरिया ने कहा कि पुल के निर्माण को ले कर ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय विधायक के साथ भी मुलाकात की, लेकिन विधायक भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में मानसून दस्तक देगा उससे नदी पर बनी पुलिया के बहने का भी खतरा बना हुआ है। ऐसे में नदी को पार करने के लिए पहले पुल की व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि बलाधी गांव के ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।