** आईटीसी लिमिटेड फूड्स डिवीजन कपूरथला लेगी कैंपस साक्षात्कार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जोगेंद्रनगर स्थित डोहग में 12 नवंबर को आईटीसी लिमिटेड फूड्स डिवीज़न कपूरथला पंजाब दो वर्षीय आईटीआई धारक प्रशिक्षुओं का कैंपस साक्षात्कार लेने जा रही है। साक्षात्कार प्रात: 10 बजे से आईटीआई परिसर डोहग में लिया जाएगा। आईटीआई प्रधानाचार्य इं. नवीन कुमारी ने बताया कि कैंपस साक्षात्कार में विभिन्न ट्रेड्स में आईटीआई पास युवा व युवतियां भाग ले सकते हैं जिनमें इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मशीनिस्ट,वायरमैन,इलेक्ट्रॉनिक्स,मोटर मैकेनिक व्हीकलस और महिला उम्मीदवारों के लिए केवल कोपा ट्रेड शामिल है। इस साक्षात्कार के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष (जिनका जन्म 1 अप्रैल 1999 से 3 अगस्त 2005 के बीच हो) रखी है तथा आईटीआई उत्तीर्ण वर्ष 2017 से 2024 तक होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि चयनित उम्मीदवारों को कंपनी द्वारा ग्यारह हज़ार छः सौ रूपये मासिक वजीफा और आठ सौ रूपये उपस्थिति प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ कपूरथला शहर से कंपनी तक आने व जाने की सुविधा, शिफ्ट के दौरान सब्सिडाइज खाना व चाय, बिना किसी शुल्क के दो जोड़ी वर्दी, हाइजिन यूनिफार्म और सुरक्षा जूते भी कंपनी की ओर से प्रदान किए जाएंगे। कंपनी की नीति के अनुसार आकस्मिक अवकाश व चिकित्सा अवकाश भी चयनित उम्मीदवार को को दिए जाएंगे। साथ ही वार्षिक पूर्व नियोजन और नियमित स्वास्थ्य जांच निशुल्क होगी। उन्होने बताया कि कैंपस साक्षात्कार में भाग लेने के इच्छुक युवा 12 नवम्बर को प्रात: 10 बजे आईटीआई में सभी मूल दस्तावेजों व प्रमाणपत्रों जिसमें अपना बायोडाटा, पासपोर्ट साइज फोटो, शैक्षणिक दस्तावेज व एनटीसी प्रमाण पत्र साथ में लाना सुनिश्चित करें। इस बारे अधिक जानकारी के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में संपर्क कर सकते हैं।
प्रदेश सरकार के सामाजिक सरोकार के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम ने महिलाओं को भैया दूज पर नि:शुल्क यात्रा की व्यवस्था की थी। निगम ने 78.64 लाख का अनुदान इसके लिए छोड़ा है। यानी सरकार ने इस दिन जो मुफ्त यात्रा सुविधा महिलाओं को दी है, वो एचआरटीसी ने छिड़ी। इसमें 63.39 लाख का अनुदान केवल महिलाओं की यात्रा का है, बाकी 15.25 लाख अन्य श्रेणियों की नि:शुल्क यात्रा का है। निगम ने जीरो टिकट की व्यवस्था की थी। यानी महिलाओं को टिकट तो दिया गया , लेकिन उनसे पैसे नहीं लिए गए। यानी यदि निगम इनका टिकट के पैसे लेता तो 63.39 लाख की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम रोजाना 50 लाख का अनुदान रियायती सफर पर देता है। यह पहल न केवल सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देती है। प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना सिरमौर जिला के उन किसानों के लिए संजीवनी बन गई है, जो किसान अभी भी पारंपरिक मक्की व गेहूं की फसलों पर आधारित अपनी आजीविका का गुजर बसर कर रहे थे। मात्र छह साल की अवधि में प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों के लिए कमाऊ पुत बन चुकी है। हालत यह है कि अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों से प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जा रही मक्की की खरीदारी बाजारों से अधिक दामों पर करनी शुरू कर दी है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से उगाई जा रही मक्की की फसल की खरीदारी 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदारी शुरू कर दी है। सरकार की इस प्रोत्साहन योजना से सिरमौर जिला में प्राकृतिक तौर पर मक्की की खेती से जुड़े किसान बेहद खुश है। वर्तमान में हालत यह है कि जिला सिरमौर में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का आंकड़ा 3450 पहुंच चुका है। सिरमौर जिला में वर्तमान में 2275 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फसल लगाई जाती है, परंतु इनमें से 3450 किस जिला सिरमौर के ऐसे हैं, जो 470 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक तौर तरीके से नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से मक्की की पैदावार कर रहे हैं। नेचुरल खेती के प्रोत्साहन से मात्र पांच से छह साल की अवधि के भीतर ही सिरमौर जिला में 208 किसान वर्तमान में ऐसे हैं जिनके पास सरप्लस मक्की की फसल की उपज हुई है। जिला के 208 किसानों के पास वर्तमान में 520 क्विंटल मक्की की फसल सरप्लस है। इस सरप्लस फसल को विभाग प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से किसानों से खरीद रहा है। अब सरकार मक्की की प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों से जो मक्की की खरीदारी करेगी, उसको पीसकर मक्की का आटा एक किलो व पांच किलो की पैकिंग में बाजारों में बेचा जाएगा। अधिकारियों की माने तो वर्ष 2018 में सरकार द्वारा मक्की की खेती से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना शुरू की गई थी। यह योजना किसानों के लिए संजीवनी बन रही है। विभागीय अधिकारियों की माने तो मक्की के किसानों को आरंभ में मक्की को बेचने के लिए मार्केट की दिक्कत रहती थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 प्रति किलो निश्चित कर किसानों की आमदनी का जरिया बढ़ा दिया है। यही कारण है कि अब सिरमौर जिला में भी किसान मक्की की प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे है। मक्की की फसल से जुड़े किसानों के लिए सबसे बड़ी खुशी की खबर यह भी है कि जिला सिरमौर का कृषि विभाग किसानों के खेतों से ही 2500 से 2900 प्रति क्विंटल के हिसाब से प्राकृतिक तरीके से उगाई गई मक्की की फसल की खरीदारी कर रही है। यदि किसान स्वयं अपनी फसल को विभाग द्वारा चिन्हित बिक्री केद्रों में बेचना चाहते हैं, तो वहां पर 3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से मक्की की फसल खरीदी जा रही है। सिरमौर जिला के नाहन व पांवटा साहिब में खरीद केंद्र बनाए हैं। इन दो मक्की खरीद केंद्रों में अभी तक सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से 201.66 क्विंटल मक्की की खरीदारी की जा चुकी है। सिरमौर के आत्मा प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक डा. साहब सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों के लिए कारगर बन रही है। सिरमौर जिला में 3450 किसान मक्की की प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं, जो 470 हेक्टेयर भूमि में मक्की की नेचुरल फार्मिंग कर रहे हैं। जिला सिरमौर के 208 किसानों ने मक्की की सरप्लस उपज पैदा की है, जिनके पास से विभाग 520 क्विंटल मक्की की फसल खरीद रहा है।
स्कूल में तबेला या तबेले में सरकारी स्कूल...यह सवाल जनजातीय क्षेत्र भरमौर के राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर स्कूल में जाने पर अपने आप ही जहन में आ जाता है। गाय-भैंसों के रंभाने की आवाज के बीच 50 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल भवन की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण और अभिभावक सरकारी सिस्टम के सामने 35 साल से बीन बजा रहे हैं। लेकिन आज तक किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी। यूं ही हिमाचल शिक्षा के स्तर में शीर्ष तीन से 21वें स्थान पर नहीं फिसला...इसके कई कारण हैं। शिक्षकों की कमी और ग्रामीण स्तर स्कूल भवनों का अभाव भी एक कारण है। इसका सबूत भरमाैर का राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर है। सिंयुर स्कूल में कक्षा के बाहर मवेशी बंधे रहते हैं और अंदर बच्चे पढ़ाई करते हैं। सोमवार को जब भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनकराज सिंयुर पंचायत का दौरा करने पहुंचे तो इसी दौरान उच्च पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों से मिलने के लिए वहां गए। जब उन्होंने पाठशाला के बरामदे में बंधे हुए मवेशियों को देखा तो अपने कार्यकर्ताओं से इस बारे में पूछा। तब उन्होंने बताया कि यह स्कूल 35 साल से ऐसे ही चल रहा है। इस स्कूल की किसी ने सुध नहीं ली। उधर, विधायक डॉक्टर जनकराज ने बताया कि वह पाठशाला की इस हालत का मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सम्मुख भी इस समस्या को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस की सरकार स्कूलों को बंद करने का कार्य कर रही है। ऐसे में जनजातीय क्षेत्र की पाठशालाओं की हालत में सुधार करने में सरकार का कोई ध्यान नहीं है, लेकिन वह इस मुद्दे को चंबा से लेकर शिमला तक उठाएंगे। भरमौर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 35 साल में राज्य मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधायक रहे, लेकिन आज तक किसी ने भी इस पाठशाला को अपना भवन दिलाने की जहमत नहीं उठाई। सिंयुर उच्च पाठशाला निजी भवन में चल रही है। वहां पर मवेशियों को बांधे जाने की उन्हें जानकारी नहीं है। इस बाबत जानकारी जुटाकर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैं।
** दिवाली पर एक्स्ट्रा चीनी भी नहीं मिली, सरकार को अप्रूवल के लिए भेजी फाइल प्रदेश के राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल रही हैं। राशन डिपुओं में सरसों का तेल और दालें नहीं मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई प्रभावित हुई है। गौर हो कि राशन डिपुओं में सरसों का तेल और दाले न मिलने से लोगों को दुकानों से महंगे दाम पर राशन लेना पड़ रहा है। प्रदेश के राशन डिपुओं में दाल चना और माह की दाल नहीं मिल रही है। इसके अलावा कई जगहों पर सरसों का तेल भी नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को दिवाली पर मिलने वाली अतिरिक्त चीनी का कोटा भी उपोभक्ताओं को नहीं मिला है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में करीब साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार की ओर से प्रति राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सबसिडी पर तीन दालें (मलका, माश, दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी और एक किलो नमक दिया जा रहा है। इसके अलावा आटा और चावल केंद्र सरकार सबसिडी पर उपलब्ध करवा रही है। इस बार दिवाली के त्योहार पर प्रदेश के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को प्रति परिवार के हिसाब से 500 ग्राम अतिरिक्त चीनी नहीं मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई पिछले महीने से दालों सहित अन्य सामान की सप्लाई नहीं आई है। राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को पूरा राशन न मिलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को बाजार में महंगे दामों पर राशन लेना पड़ रहा है। वहीं जानकारी के अनुसार फाइल प्रदेश सरकार से अप्रूवल के लिए भेजी गई है। इसके बाद भी टेंडर होने की संभावना है। अप्रूवल मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में खाद्य वस्तुओं की सप्लाई शुरू हो जाएगी। बहरहाल प्रदेश भर के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई प्रभावित हुई है।
कुल्लू: किरतपुर मनाली फोरलेन पर अब मंडी से मनाली का सफर फिर से महंगा होने जा रहा है, क्योंकि टकोली और डोहलूनाला में फिर से अब टोल टैक्स लिया जाएगा। दोनों बैरियर को साल 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद बंद कर दिया था। अब करीब 16 महीने बाद यह टोल टैक्स नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की तैयारी है। इससे यहां सफर करने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भी अब टोल टैक्स पर जेब खाली करनी होगी। प्राधिकरण के अधिकारी फोरलेन मरम्मत की स्थिति के अनुसार ही टोल टैक्स का निर्धारण करेंगे। 2 स्थानों पर फिर टोल टैक्स शुरू होने से जनता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुल्लू के रहने वाले टैक्सी चालक कविंदर ठाकुर का कहना है कि टोल टैक्स शुरू होने से टैक्सी चालकों के लिए भी मुश्किलें बढ़ेगी। उन्होंने कहना है कि मंडी से मनाली तक न सिर्फ 2 जगह टोल टैक्स देना पड़ेगा, जबकि सड़कों की खस्ता हालत को देखते हुए अभी यह टोल टैक्स शुरू नहीं होना चाहिए। पर्यटकों के लिए ये सफर और महंगा होगा, क्योंकि यहां टोल देने के बाद, मनाली पहुंचने से पहले पर्यटकों को ग्रीन टैक्स भी देना पड़ता है। वहीं, कुल्लू के टैक्सी चालक सुभाष गौतम कहना है कि फिर से टोल टैक्स शुरू होने से टैक्सी चालकों की जेब पर भारी बोझ पड़ेगा। खराब सड़कों के कारण पहले ही कुल्लू मनाली में पर्यटकों की आवाजाही कम है। वहीं, अब यह टोल शुरू होने से उन्हें बार-बार टैक्स देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पहले ही कुल्लू से मनाली तक टैक्सी का किराया 1500 रुपए है। इसके बाद टोल टैक्स देने और पेट्रोल भरने के बाद ड्राइवर कैसे अपना खर्चा पूरा करेगा। इससे कई वाहन चालक अपनी गाड़ियों की किश्त भरने में भी असमर्थ हो जाएंगे।
उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने सोमवार को नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय एनकॉर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और पुलिस विभाग के अधिकारियों को नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों पर अंकुश लगाने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें । उन्होंने जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज विभिन्न मामलों की समीक्षा की और अब तक जब्त किए गए मादक पदार्थ का ब्यौरा उपलब्ध करने को कहा । उपायुक्त ने पुलिस विभाग को जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों के साथ-साथ जांच के तहत और कोर्ट में विचाराधीन मामलों की रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग द्वारा शुरू किए गए नंबर 100 पर मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग से संबंधित शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और मादक पदार्थों को जब्त करने के साथ-साथ इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस द्वारा जिला में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए जहां नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री की संभावना है। उन्होंने कहा कि एनकॉर्ड कमेटी का मुख्य उद्देश्य नशाखोरी पर लगाम लगाना है। उपायुक्त ने कहा कि नशाखोरी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के साथ- साथ लोगों खासकर युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसके लिए स्कूल, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए ताकि देश की भावी पीढ़ी को नशे से बचाया जा सके। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव चौहान ने किया । इस अवसर पर एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला, सहायक आयुक्त आबकारी जीवन लाल वत्सी, जिला कल्याण अधिकारी जी एल शर्मा, सहायक अरण्यपाल पार्वती मंडल वंदना सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में नवंबर माह के सर्द मौसम में भी अब गर्मी का एहसास हो रहा है। इस सीजन में सूर्य की बढ़ती तपिश के कारण नवंबर माह में अधिकतम तापमान के रिकाॅर्ड टूट गये है। प्रदेश में जहां अक्टूबर माह में सुखा रहा वहीं नवंबर माह का आगाज भी शुष्क मौसम के साथ हुआ।मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक शोभित कटियार ने कहा कि हिमाचल में अगले दस दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को प्रदेश के चंबा,कांगड़ा व लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। 8 नवंबर के बाद अधिकतम व न्यूनतम तापमानों में गिरावट आने की संभावना है, लेकिन बावजूद इसके तापमान फिर भी सामान्य से अधिक बने रहेंगे। बद्धत्व तापमानों का कारण पश्चिमी विक्षोभ का न आना व मौसम शुष्क बने रहना है।
कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में चोरों ने एक दुकान का ताला तोड़कर 12 बोर की 6 बंदूकें चोरी कर ली हैं। वहीं, अब शिकायत मिलने के बाद पुलिस की टीम ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा ढालपुर में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच की जा रही है, ताकि चोरी के आरोपियों का पता चल सके। दुकान मालिक ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। दुकान के मालिक कौशल कपूर ने बताया कि 1 नवंबर की रात को वह अपनी दुकान में ताला लगाकर घर चला गया था, लेकिन अगली सुबह 2 नवंबर को जब वो दुकान पर आया तो उसने देखा कि शटर के दोनों ताले टूटे हुए थे। वहीं, दुकान के अंदर से 12 बोर की छह एसबीबीएल बंदूकें गायब थीं। चोरी की गई बंदूकों की कीमत लाखों में है। कुल्लू पुलिस के अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने कहा कि, 'पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 305, 331 (4) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की मदद ले रही है। जल्द ही शातिर पुलिस की गिरफ्त में होगा। इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वाले शातिरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अभी तक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों का पता नहीं चल पाया है। चोरों ने बंदूकों पर हाथ साफ क्यों किया ये बड़ा सवाल हैं। क्या चोर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पुलिस ने अवैध रूप से हथियार बरामद किए थे। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। ये मामला उपमंडल पांवटा साहिब के तहत पुलिस थाना माजरा के अंतर्गत सामने आया था। पुलिस ये जांच कर रही है कि अवैध हथियार कहां से आए थे। पुलिस ने आरोपी मीर कासिम के खिलाफ पुलिस थाना माजरा में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी को 4 नवंबर तक कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिमला में रविवार को लोअर बाजार स्थित सब्जी मंडी में प्याज 80 रुपये प्रति किलो तक बिका। दिवाली के बाद प्याज की कीमतों में अचानक हुई वृद्धि ने उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को हैरान कर दिया है। लोअर बाज़ार सब्जी मंडी में तीन दिनों में प्याज के दामों में 20 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। तीन दिन पहले प्याज 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि दिवाली के चलते देशभर में सब्जी मंडियां दो से तीन दिन तक बंद रहती हैं। इसके चलते शिमला में प्याज की कम खेप पहुंची है। मांग के अनुसार कम फसल पहुंचने के चलते दामों में बढ़ोतरी हो गई है। हालांकि टमाटर के दाम अब घटना शुरू हो गए हैं। नासिक से टमाटर की नई फसल पहुंचना शुरू हो गई है। रविवार को टमाटर 50 रुपये प्रतिकिलो तक बिका है। आने वाले दिनों में टमाटर के दामों में और ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद है। लोअर बाजार सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान विश्वेश्वर नाथ ने बताया कि रविवार को मंडी में 100 से 200 बोरी प्याज ही पहुंचा। बाकी दिनों में 500 से 600 बोरी प्याज प्रतिदिन पहुंचता है।आने वाले दिनों में आवक बढ़ने के साथ ही इसके दाम कम हो जाएंगे।
** हिमाचल की हर पंचायत को मिलेगा ई-रिक्शा, घर-घर से उठाएगा कचरा ** ई-रिक्शा पर सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए बनेंगे केबिन हिमाचल सरकार प्रदेश की सभी 3,615 पंचायतों को ई-रिक्शा देने की तैयारी कर रही है। यह ई-रिक्शा घर-घर से कचरा उठाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-1 के तहत निचले इलाकों की 80 पंचायतों के लिए ई-रिक्शा खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार ने खरीद का जिम्मा इलेक्ट्रॅानिक विकास निगम को सौंपा है। खरीद के मानक परिवहन विभाग के सहयोग से तय किए गए हैं। घरों से इकट्ठा होने वाले कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। पंचायतें इस खाद को बेचकर कमाई करेंगी और यह पैसा विकास कार्यों पर भी खर्च किया जाएगा। हिमाचल को हरित राज्य बनाने के उद्देश्य से सरकार ने पंचायतों के लिए ई-रिक्शा खरीदने का निर्णय लिया है। राज्य में पंचायतों की अलग-अलग भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर पंचायती राज विभाग ने परिवहन विभाग के सहयोग से ई-रिक्शा खरीद को लेकर मानक और तकनीकी विशिष्टताएं तय की हैं। पंचायत स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाने की भी योजना है। ई-रिक्शा पर सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए केबिन बनेंगे। पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र पर कचरे की छंटनी कर उससे कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी। छंटनी के बाद निकले लोहा, धातू, कांच, प्लास्टिक आदि और कंपोस्ट खाद बेचकर मिलने वाली धनराशि को पंचायत के बैंक खाते में जमा किया जाएगा और योजना के तहत काम पर रखे जाने वाले सहयोगियों को मानदेय दिया जाएगा।
**अमेरिका में हुआ अंडर-19 विश्व चैंपियनशिप कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की वंशिका गोस्वामी ने कोलोराडो अमेरिका में यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप अंडर-19 में स्वर्ण पदक जीता। महिलाओं की 80 किलोग्राम वर्ग में जर्मनी की विक्टोरिया गेट को वंशिका ने महज 1 मिनट 37 सेकेंड में हरा दिया। वंशिका गोस्वामी ने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित इस प्रतियोगिता में वंशिका ने अपने शानदार प्रदर्शन से यह सफलता हासिल की है। वंशिका गोस्वामी ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्टार-3 रेफरी कैलाश शर्मा के मार्गदर्शन में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण शुरू किया था। वंशिका की प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक स्कूल ज्वालाजी से हुई हैं। 12वीं क्लास में उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समलोटी (नगरोटा बगवां) से पढ़ाई की। वहां कोच कैलाश शर्मा के मार्गदर्शन में वंशिका ने बॉक्सिंग का प्रशिक्षण शुरू किया और स्कूल गेम्स में स्टेट चैंपियन बनीं। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में भी रजत पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोच कैलाश शर्मा ने वंशिका को एडवांस ट्रेनिंग के लिए बाहर जाने की सलाह दी। इसके बाद वंशिका ने हरियाणा की एक निजी अकादमी से कोचिंग ली और साईं रोहतक में उसका चयन हुआ। वंशिका ने सांई रोहतक में मुख्य कोच अमनप्रीत के मार्गदर्शन में अपनी खेल प्रतिभा को निखारा। वर्तमान में वंशिका पंडित सुशील रतन राजकीय महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के साथ-साथ बॉक्सिंग का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर रही हैं। वंशिका की इस कामयाबी पर सीएम सुक्खू ने भी बधाई दी है। वंशिका गोस्वामी जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी से संबंध रखती हैं। वंशिका गोस्वामी ज्वालाजी के तहत पड़ने वाली दरंग पंचायत की निवासी है। उनके पिता शशि गोस्वामी पुलिस में सेवारत हैं और दादा दीपराज गोस्वामी भी पुलिस विभाग से रिटायर हुए हैं। उनका परिवार हमेशा से ही खेलकूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहा है। बता दें कि अमेरिका में हुई इस यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के मुक्केबाजों ने 17 पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार पारा गिर रहा है। प्रदेश में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा चुका है। हालांकि प्रदेश में अधिकतम तापमान मौजूदा समय में सामान्य से 4 से 6 डिग्री अधिक चल रहा है। अभी आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने का पुर्वानुमान है। रात में तापमान शून्य के आस-पास पहुंच गया है। सुबह शाम लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य का मौसम शुष्क रहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। औसत न्यूनतम तापमान सामान्य रहा. अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा है। सबसे अधिक न्यूनतम तापमान -2.8 डिग्री सेल्सियस ताबो में दर्ज किया गया। सबसे अधिक तापमान ऊना में 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। हिमाचल में नवंबर महीने में भी गर्मी का एहसास हो रहा है। अक्सर हिमाचल में अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में ठंड का आगमन हो जाता है, लेकिन इस बार नवंबर में भी कई स्थानों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक या इसके आस-पास है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में 9 नवंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में दिन के समय तापमान सामान्य ही रहेगा। सुबह-शाम लोगों को ठंड का एहसास होगा। पहली नवंबर को तापमान में रिकॉर्ड उछाल दर्ज हुआ था। शुक्रवार को कल्पा में 40, चंबा 14, शिमला 8 और कांगड़ा, सोलन व मनाली में 4 साल बाद नवंबर में सबसे अधिक तापमान रहा। कल्पा में शुक्रवार को तापमान 23.6 डिग्री रिकार्ड हुआ था। 1984 में कल्पा में अधिकतम तापमान 24.5 रिकॉर्ड रहा था। शुक्रवार को चंबा में 2010 के बाद 30 डिग्री और शिमला में 2016 के बाद 22 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था। वहीं, हिमाचल प्रदेश में 123 सालों में तीसरी बार अक्टूबर महीना सबसे सूखा रहा। इस साल अक्टूबर महीने में 97 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में सामान्य 25.1 मिमी बारिश के मुकाबले 0.7 मिमी बारिश हुई है। ऐसे में बारिश कम होने के चलते अक्टूबर महीने में प्रदेशभर में सूखा छाया रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश हुई, यानी की यहां पर बारिश हुई ही नहीं है। इसके अलावा अक्टूबर महीने में लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक अधिकांश दिनों में कम बारिश के साथ हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है। अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी।
** पर्यटक शिमला में खुल कर ले रहे राहत की सांस शिमला: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से हवा बहुत जहरीली हो गई है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दिल्ली की इस जहरीली हवा से राहत पाने के लिए लोग अब पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। दिल्ली के मुकाबले हिमाचल प्रदेश में एयर क्वालिटी बहुत बेहतर है। एक तरफ जहां दिल्ली समेत अन्य शहरों में हवा बेहद खराब हो चुकी है, लेकिन हिमाचल में इसका असर ज्यादा देखने को नहीं मिला है। हिमाचल के शहरों में वायु गुणवत्ता काफी बेहतर है। ऐसे में दिल्ली सहित मैलानी क्षेत्र से काफी संख्या में पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं। शिमला में पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है. यहां पर आकर पर्यटक सुहावने मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं। शिमला में मौसम बिल्कुल साफ बना हुआ है। पर्यटकों के आने से शिमला शहर में होटल पैक है। काफी समय के बाद शिमला में होटल में ऑक्युपेंसी भी 70 फीसदी तक पहुंच गई है। शिमला पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है। लोगों ने काफी ज्यादा पटाखे जलाए हैं, जिससे दिल्ली की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। वहां पर सांस लेने में भी दिक्कत आ रही है, जिसके चलते वो कुछ दिन शिमला में रहने का प्लान बनाकर आए हैं और यहां पर मौसम काफी सुहावना बना हुआ है। दिल्ली में अभी भी तापमान काफी ज्यादा है, लेकिन शिमला में मौसम काफी अच्छा बना हुआ है। सुबह शाम यहां पर काफी ठंड भी है। बाहरी राज्यों से काफी तादात में पर्यटक इन दिनों शिमला पहुंच रहे हैं। खासकर पर्यटक कालका से शिमला ट्रेन में पहुंच रहे हैं। शिमला में आने वाली सभी ट्रेनें पूरी तरह से पैक होकर शिमला पहुंच रही है। वहीं, ट्रेनों में एडवांस बुकिंग चल रही है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सोमवार से वोकेशनल शिक्षा ठप हो जाएगी। वेतन एरियर नहीं मिलने पर सभी 2400 व्यावसायिक शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। वह मांगें पूरी होने तक सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे। वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया और शिमला के अध्यक्ष धीरज शर्मा ने बताया कि कंपनियों के तुगलकी फरमानों से व्यावसायिक शिक्षक परेशान हैं। कंपनियां सरकार के आदेशों को भी दरकिनार कर रही हैं। सरकार ने कंपनियों को आदेश जारी किए थे कि 20 अक्तूबर तक व्यावसायिक शिक्षकों का एरियर जारी कर दिया जाना चाहिए। उसके बावजूद भी अभी दो कंपनियों ने एरियर जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां मनमाने ढंग से वेतन प्रदान करती हैं, इसकी कोई समय अवधि भी तय नहीं है। इसके विरोधस्वरूप शिक्षकों ने चार नवंबर से हड़ताल करने का फैसला लिया है। वोकेशल शिक्षक संघ के पदािधकारियों ने वेतन देने के नाम पर निजी कंपनियों पर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिवाली से पहले ही पूरे प्रदेश के कर्मचारियों का वेतन 28 अक्तूबर को जारी करने के आदेश जारी किए। लेकिन निजी कंपनियाें ने मनमानी करते हुए किसी भी व्यावसायिक शिक्षक को वेतन प्रदान नहीं किया है। कंपनियां सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रही है। इन्हीं कारणों से वोकेशनल शिक्षकों में रोष है।
भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का त्योहार आज, 3 नवंबर रविवार को मनाया जा रहा है। भाई दूज पर बहनों द्वारा अपने भाई को तिलक लगाया जाएगा। मान्यता हैं कि इससे जहां भाई की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती तो वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है। इस त्योहार को भाई-बहन के प्यार के पर्व के रूप में मनाया जाता है, लेकिन भाई दूज के दिन भाई और बहन को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। कुल्लू के आचार्य विजय कुमार ने बताया, "भाई दूज का त्योहार एक पवित्र त्योहार है। इसलिए नियमों के अनुसार ही इस त्योहार को मनाना चाहिए." आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भाई दूज भाई और बहन को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। भाई दूज पर तिलक के समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। तिलक करते समय बहन का मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहन अपने भाई को लकड़ी की या चावल की चौकी बनाकर तिलक करें। बहन तिलक करने से पहले भाई के सिर पर फूल, पान, सुपारी, और पैसा रखें और भाई की कलाई पर मौली बांधे। इस दिन भाई को तिलक करने से पहले बहनें खाना न खाएं। भाई दूज के दिन भाई-बहन आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें। इस दिन भाई और बहन सात्विक भोजन ही करें। भाई दूज पर मांसाहार बिल्कुल भी नहीं खाएं। भाई दूज पर भाई को भोजन कराने के बाद बहनें खाना खाएं। बहनों को भाई दूज के दिन भाई को उपहार देना चाहिए। भाई दूज पर भाई-बहन काले रंग के कपड़े न पहनें। इस दिन भाई-बहन पीले, लाल, गुलाब, हरे रंग के कपड़े पहन सकते हैं। आचार्य विजय कुमार का कहना है कि भाई दूज एक पवित्र त्योहार है। ये भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के पर्व है। ये त्योहार भाई और बहन के बीच अटूट प्यार को दर्शाता है। इसलिए इस पवित्र पर्व को मनाने के लिए भाई और बहन दोनों को ही इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
भाई दूज का त्यौहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की दूसरी तारीख को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती है। ऐसे में इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनके हाथ पर मौली बांधती हैं। इसके साथ ही बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भी कामना करती हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भाई दूज के दिन पर जो भाई अपनी बहन से तिलक लगवाता है उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। आचार्य रमेश कुमार का कहना है कि, 'भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8:22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात 11:06 पर होगा। भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 मिनट से लेकर दोपहर 3:22 तक रहेगा। ऐसे में 2 घंटे 12 मिनट का मुहूर्त तिलक लगाने के लिए काफी शुभ है। आचार्य रमेश कुमार ने कहा कि, 'बहनों को अपने भाई के तिलक और आरती के लिए थाली तैयार करनी चाहिए। तिलक से पहले चावल के मिश्रण से एक चौकी बनानी चाहिए और उस चौकी पर भाई को बैठाकर शुभ मुहूर्त में उसका तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद बहन अपने भाई को सुपारी, पान, बताशे फूल आदि देकर उसकी आरती उतारे। तिलक और आरती होने के बाद भाई भी अपनी बहन को उपहार दे और उसकी रक्षा का वचन दे। आचार्य रमेश कुमार शर्मा का कहना है कि, 'भाई दूज को लेकर पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने अपने भाई यमराज की लंबी उम्र के लिए व्रत किया था और यमराज ने भी इसी दिन अपनी बहन को दर्शन दिए थे। शास्त्रों के अनुसार यमुना अपने भाई से मिलने के लिए काफी व्याकुल थी और द्वितीय तिथि के दिन ही यमराज अपनी बहन से मिलने आए थे। इसलिए यमुना ने अपने भाई की बहुत आव भगत की थी। वहीं, यमराज ने भी प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि अगर इस दिन कोई भी भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी। इसके अलावा यमुना ने अपने भाई से वचन लिया था कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए. भाई दूज पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनों के द्वारा व्रत भी रखा जाता है। वहीं इसी दिन यमराज के साथ-साथ चित्रगुप्त की भी उपासना की जाती है।
** 2 की पहले हो चुकी है मौत कुल्लू जिला की पर्यटन नगरी मनाली में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हुए पैराग्लाइडर के पायलट को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। पैराग्लाइडर का पायलट सर्बिया का रहने वाला है और अब विदेशी पायलट का ढालपुर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। रेस्क्यू टीम ने बीती रात को 10 हजार फीट की पहाड़ी पर चढ़कर उसे सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार सर्बिया के रहने वाले पायलट ने जिला कांगड़ा के बीड़ बिलिंग से उड़ान भरी थी, लेकिन वह आसमान में दिशा भटक गया और मनाली की पहाड़ियों में पतालसू पीक के समीप दुर्घटना का शिकार हो गया। ऐसे में पायलट ने अपने बचाव के लिए संदेश भेजा था। 34 साल के पायलट की टांगों में फ्रैक्चर हो गया है। ऐसे में मनाली एडवेंचर टुअर ऑपरेटर्स एसोशिएसन से भी पायलट को रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी गई थी। एसोसिएशन के सदस्य जोगिंदर ने बताया कि, 'उनकी टीम से बीते शुक्रवार शाम चार बजे के करीब मदद मांगी गई थी। रात 8 बजे उनकी टीम चढ़ाई करते हुए पतालसू पीक पर पहुंची वहां पर उन्होंने देखा कि पायलट के पैर में चोट लगने के बाद खून निकल रहा था और उसकी हालत को देखते हुए टीम के सदस्यों ने उसे रात को ही रेस्क्यू कर लिया। उनके साथ एक बैकअप टीम भी मौजूद थी और सोलंग गांव के लोगों ने भी इसमें काफी सहयोग किया है। इससे पहले इसी सप्ताह में मनाली के मढ़ी में एक पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पैराग्लाइडर उड़ा रही विदेशी महिला की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई थी। मृतक महिला की पहचान चेक गणराज्य की रहने वाली मिसुर्सवा डिटा केसका के रूप में हुई थी।वहीं, मंगलवार को भी बीर-बिलिंग में एक बेल्जियम पैराग्लाइडर की मौत हो गई थी। पैराग्लाइडर अपना पैराशूट नहीं खोल पाया था। यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब अलग-अलग उड़ान भरने वाले दो पैराग्लाइडर हवा में टकरा गए, जिससे बेल्जियम के पैराग्लाइडर फेयरेट की मौत हो गई। हादसे में पोलिश पैराग्लाइडर घायल हो गया था।
हिमाचल प्रदेश में 123 सालों में तीसरी बार अक्टूबर महीना सबसे सूखा रहा। इस साल अक्टूबर महीने में 97 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में सामान्य 25.1 मिमी बारिश के मुकाबले 0.7 मिमी बारिश हुई है। ऐसे में बारिश कम होने के चलते अक्टूबर महीने में प्रदेशभर में सूखा छाया रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश हुई, यानी की यहां पर बारिश हुई ही नहीं है। इसके अलावा अक्टूबर महीने में लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक अधिकांश दिनों में कम बारिश के साथ हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है। अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी। इस बीच, लाहौल-स्पीति के कोकसर में 9 और 10 अक्टूबर को हल्की बर्फबारी हुई। 6 अक्टूबर को प्रदेश के कुछ इलाकों में अच्छी बारिश होने के अलावा ज्यादातर दिनों में प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहा। वहीं, मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश में अगले सात दिनों तक शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है। यानी की अगले 7 दिनों तक प्रदेश में बारिश नहीं होगी और आसमान साफ रहेगा, जिससे की अधिकतम तापमान में भी वृद्धि हो सकती है।
**अक्तूबर माह में दर्ज की 12 फीसदी की वृद्धि ** दिवाली पर हुआ सात हजार करोड़ का कारोबार देवभूमि हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के त्योहारों में खरीदारी को लेकर खूब धनवर्षा हुई है। महापर्व दिवाली के दिन राज्य में लगभग सात हजार करोड़ रुपये कारोबार का अनुमान है, जिससे व्यापारी वर्ग अपनी लागत पर मुनाफा होने से खुशी का अनुभव कर रहे हैं। दिवाली पर व्यापार में आए उछाल का मुख्य कारण राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों को पहले आया वेतन भी बना है। सरकार ने इस बार कर्मचारियों को वेतन 28 और पेंशन 30 अक्तूबर तक बैंक खाते में डाल दी थी। इसके चलते लोगों ने भी दिवाली को खुशी खुशी मनाते हुए बाजार में जमकर खरीदारी की। हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन से जुड़ा राज्य है और यहां का अधिकतर व्यापार पर्यटकों की आमद से जुड़ा है, लेकिन त्योहारी पर्व में औद्योगिक हब होने के साथ जिला सोलन बद्दी-बरोटीवाला और ऊना जिला, बड़ा जिला होने के चलते कांगड़ा और राजधानी शिमला अच्छे कारोबार का हब बने हैं। अन्य जिलों में भी दिवाली की रात अच्छे व्यापार की सौगात दुकानदारों को मिली है। बाजार में लोगों ने खरीदारी कर खूब धन वर्षा की। हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष सोमेश शर्मा ने बताया कि दिवाली दो दिन की असमंजस को लेकर इस बार लोगों की खरीदारी दो भागों में विभाजित रही। दिवाली पर्व पर लगभग सात हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने 30 अक्तूबर को रिकार्ड 2.92 करोड़ कमाई की है। दिवाली के दिन भी निगम ने 2.72 करोड़ रुपये कमाए। सामान्य दिनों में रोजाना एचआरटीसी औसतन 2.3 करोड़ कमाई करता है। 30 अक्तूबर को निगम ने सामान्य के मुकाबले करीब 90 लाख और दिवाली के दिन 31 अक्तूबर को 70 लाख रुपये अधिक कमाई की है। दिवाली पर एचआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए करीब 200 अतिरिक्त बसों का संचालन किया। पूरे अक्तूबर में एचआरटीसी ने कुल 76.53 करोड़ आय अर्जित की है जो बीते साल से 12 फीसदी अधिक है। बीते साल अक्तूबर में निगम ने 68.49 करोड़ कमाए थे। इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में एचआरटीसी ने 519 करोड़ कमाई की है जबकि बीते वर्ष पहले सात महीनों में 456 करोड़ आय हुई थी। बीते साल के मुकाबले इस साल पहले सात महीनों में करीब 63 करोड़ अधिक कमाई की है। निगम की कमाई कोविड पूर्व की स्थिति से भी बेहतर है। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 7 महीनों में निगम ने 503 करोड़ कमाए थे, इस साल 16 लाख अधिक कमाई की है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहनचंद ठाकुर ने बताया कि कर्मचारियों की मेहनत से निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है। बीते एक साल में निगम की कमाई करीब 14 फीसदी बढ़ी है। दिवाली पर 30 और 31 अक्तूबर को दो दिन में ही निगम ने 5.64 करोड़ रुपये कमाए हैं।
हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग ने शुक्रवार को राज्य में 600 किलोमीटर तक फैली प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में ट्राउट मछली पकड़ने पर चार महीने का प्रतिबंध लगा दिया। प्रदेश में ट्राउट के लिए अनुकूल ठंडे क्षेत्रों की नदियों और उनके सहायक नदी नालों में 1 नवंबर से 28 फरवरी 2025 तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि सरकारी ट्राउट मछली फार्म और निजी फार्मों/रेसवेज से ट्राउट मछली की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। प्रतिबंध केवल ट्राउट जलाशयों, नदियों/नालों में खेल मछली पकड़ने पर लागू होगा। इन चार माह में इन जलाशयों में ट्राउट मछली प्रजनन अच्छे से हो इसके लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें शिमला जिले में गांव महला से गांव हाटकोटी तक पब्बर नदी, ब्यास नदी और इसकी सहायक नदियां, कुल्लू में सरवरी नाला जलधारा सहित इसके स्रोत से सरवरी नाला के साथ इसके संगम तक, कुल्लू में पार्वती, गडसा नदियां, इनकी सहायक नदियां, कुल्लू में सैंज नदी व इसकी सहायक नदियां, कुल्लू, मंडी जिले में ब्यास नदी के साथ इसके संगम के ऊपर तीर्थन नदी व इसकी सहायक नदियां शामिल हैं। बरोट में संतुलित जलाशय, पोषित जलमार्गों सहित मंडी, कांगड़ा जिले में ऊहल नदी और इसकी सहायक नदियां, चंबा में चाकोली पुल के नालों पर सम्पूर्ण भंडाल नाला, इसके सहायक नाले, किन्नौर में सतलुज नदी में बास्पा नदी, भाबा नाले और चिस्सो धाराएं इस प्रतिबंध क्षेत्र में शामिल हैं। कांगड़ा में मैंझा पुल के नालों पर न्यूगल नाला और इसके सहायक नाले, टिक्कर डोली में सस्पेंशन पुल के नाले पर बनेर खड्ड का दस किलोमीटर का विस्तार क्षेत्र, कुल्लू जिले में सतलुज नदी प्रणाली में कुर्पण धारा और इसकी सहायक धाराओं के क्षेत्र पर भी अधिसूचना लागू होगी।उधर, ठंडे जल क्षेत्रों में तैनात मत्स्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी शहर में दिवाली की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब हो गया। बद्दी का AQI लेवल 316 माइक्रो ग्राम पहुंच गया। बद्दी में इस साल की हवा का यह सबसे दूषित स्तर है। दिवाली के बाद शुक्रवार को दिल्ली से हिमाचल प्रदेश तक हवा की सेहत बेहद खराब रही। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध भी बेअसर रहा। दिल्ली में 362 एक्यूआई के साथ हवा बहुत खराब श्रेणी में रही। यह बीते तीन वर्षों में दिल्ली के लिए सबसे प्रदूषित दिवाली थी। यही नहीं, दिल्ली शुक्रवार को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर रही। हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ से लेकर पहाड़ों की रानी शिमला तक प्रदूषण बढ़ गया है।बद्दी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 तक पहुंच गया। यह खतरनाक श्रेणी में आता है। स्वच्छ आबोहवा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध राजधानी शिमला में भी एएक्यूआई 92 दर्ज किया गया। 27 अक्तूबर को यह 31 था। शुक्रवार को बिलासपुर में एएक्यूआई 189 रहा। प्रदेश के कई क्षेत्रों में एक नवंबर को भी दिवाली मनाई गई। इससे हिमाचल के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके आधिकारिक आंकड़े शनिवार तक जारी हो सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था। वहीं, उत्तर प्रदेश के संभल में शुक्रवार को एक्यूआई 318 और मुरादाबाद में 301 दर्ज किया गया। आगरा में भी धुंध छायी रही। दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 37 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में बताया।
हिमाचल के प्लानिंग और स्पेशल एरिया के पहाड़ी क्षेत्रों में अब नेशनल हाईवे से एक मीटर नीचे भवनों का निर्माण होगा। सरकार ने हिमाचल में वैली व्यू को बचाने के लिए यह फैसला लिया है। नियम मैदानी इलाकों में लागू नहीं होंगे। पहाड़ी क्षेत्रों में भी उन जगह पर नियम लागू किया जाएगा, जहां पहाड़ और हर भरे पेड़ होंगे। हिमाचल में देश-विदेश के पर्यटक पहाड़ों और हरी भरी वादियों को निहारने आते हैं, ऐसे में सरकार की ओर से प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क के ऊपरी किनारे में नियम लागू नहीं होगा। हिमाचल में 60 प्लानिंग और 36 स्पेशल एरिया हैं। सरकार ने एरिया के अधिकारियों को वैली व्यू की पहचान करके सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। दिसंबर तक एरिया नोटिफाई हो जाएंगे। इससे पहले नेशनल हाईवे से डेढ़ मीटर ऊंचे मकान बनाने की अनुमति थी। इससे भी वैली व्यू खराब हो रहा है। इसके चलते अब सरकार ने सड़क से एक मीटर नीचे भवन निर्माण के लिए मंजूरी देने का फैसला किया है। वैली व्यू का प्रावधान सुंदर दृश्यों की सुरक्षा और प्राकृतिक परिदृश्य को बनाए रखने के लिए निर्धारित किया गया है, जो हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के सौंदर्य और पर्यावरणीय मूल्य में योगदान दे सकता है। हिमाचल में जहां से एनएच गुजरते हैं, वहां नियम लागू होगा। ऐसे एरिया की पहचान की जा रही है।
दिवाली पर्व पर हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) बसों की भारी डिमांड के मद्देनजर एचआरटीसी प्रबंधन ने यात्रियों की सुविधा के लिए ऑन डिमांड अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है। आज यानि 30 अक्तूबर को शिमला, चंडीगढ़ और दिल्ली सहित अन्य बड़े बस अड्डों पर एक रूट पर 40 से अधिक यात्रियों की मांग पर एक स्पेशल बस चलाने का फैसला लिया गया है। यह बसें पूर्व निर्धारित बसों से अतिरिक्त होंगी।दिवाली पर्व के चलते मंगलवार को भी निगम की बसों में भारी भीड़ रही। एचआरटीसी ने विभिन्न रूटों पर करीब 115 अतिरिक्त बसों का संचालन किया। उधर, एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक यातायात देवासेन नेगी ने बताया कि मंगलवार को करीब 115 अतिरिक्त बसें चलाई गई हैं, बुधवार को 40 से अधिक सवारियों के होने पर ऑन डिमांड स्पेशल बसें चलाई जा रहीं। किसी भी सूरत में दिवाली पर यात्रियों को बसों की किल्लत पेश नहीं आने दी जाएगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम दिवाली पर 31 अक्तूबर को शाम 5:00 बजे के बाद स्थानीय बसें संचालित नहीं की करेगा। शाम 5: 00 बजे के बाद प्रस्थान करने वाली बस सेवाओं को इस प्रकार चलाया जाएगा कि अंतिम बस शाम पांच बजे प्रस्थान करे। वहीं, लंबी दूरी की अधिकतर बस सेवाओं को एक साथ जोड़ा जा सकता है। इन लंबे रूटों की सेवाओं को 31 अक्तूबर को इस तरह से चलाया जाएगा कि जनता को सुविधा मिल सके और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बसें खाली न चलें। दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार और शिमला के लिए कम से कम एक रात्रि सेवा मंडल प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि महत्वपूर्ण स्थानों से दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार और शिमला के लिए कम से कम एक रात्रि सेवा उपलब्ध हो। 31 अक्टूबर की शाम से 1 नवंबर की सुबह तक सीमित/संक्षिप्त परिचालन को तत्काल बहाल किया जाएगा। इस संबंध में एचआरटीसी के महाप्रबंधक पंकज सिंघल की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 4 दिसंबर को निजी और सरकारी स्कूलों में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे होगा। इसके लिए जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार कर दिए हैं। इसमें प्रदेश भर के सभी डाइट प्रधानाचार्य और उपनिदेशक गुणवत्ता नियंत्रण को शामिल किया गया। संबंधित मास्टर ट्रेनर को लिए एससीईआरटी सोलन में सोमवार को कार्यशाला हुई। इसमें प्रदेश भर से 52 मास्टर ट्रेनर ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ एससीईआरटी प्रिसिंपल हेमंत कुमार ने किया। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे की प्रदेश समन्वयक सुनिता कुमारी ने बताया कि कार्यशाला में एनसीईआरटी से डॉ. गुलफाम ने प्रदेश भर से आए डाइट प्रधानाचार्य और उपनिदेशक गुणवत्ता नियंत्रण को सर्वे के संबंध में प्रशिक्षण दिया। यह मास्टर ट्रेनर अपने जिलों में जिला की एक टीम गठित करेंगे। जिसमें जेबीटी और बीएड प्रशिक्षुओं को भी निरीक्षण के लिए शामिल किया जाएगा। इस निरीक्षण से पहले संबंधित प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह फील्ड टीमें चयनित स्कूलों में जाकर एनसीईआरटी और परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे की ओर से जारी पाठ्य सामग्री के संबंध में गणित और भाषा विषय का सर्वे करेगी। इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर परख उसे अपनी शिक्षा नीतियों में शामिल करेंगी। राष्ट्र स्तर पर एनसीईआरटी और प्रदेश स्तर पर इसे एससीईआरटी की ओर से समन्वयक किया जा रहा है। जबकि जिला स्तर पर इसे डाइट, शिक्षा उपनिदेशक को शामिल किया गया है। जबकि खंड स्तर पर इसकी निगरानी खंड शिक्षा अधिकारी भी करेंगे।
हिमाचल बागवानी विभाग में बागवानी विकास परियोजना के तहत कार्यरत 500 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों का रोजगार छिनने की कगार पर पहुंच गया है। विश्व बैंक की 1134 करोड़ से वित्त पोषित परियोजना-2016 में सूबे के विभिन्न जिलों से सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयर, फैसिलिटेटर, तकनीकी फैसलिटेटर, फार्म प्रबंधक, सहायक फार्म प्रबंधक, प्रबंधन सहायक लेखाकार और अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनका करार 31 अक्तूबर को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में 500 से अधिक कर्मचारी आठ साल की सेवाओं के बाद बेरोजगार हो जाएंगे। इन कर्मचारियों की नियुुक्ति बागवानी विकास सोसायटी के तहत हुई थी। हिमाचल बागवानी विकास परियोजना कर्मचारी संघ के सदस्य कार्तिक, पंकज, अनिल, कमल, विनीत शर्मा, विनोद, अमित ने कहा कि संघ लगातार प्रदेश सरकार और विभाग से विश्व बैंक की वित्त पोषित परियोजना में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थायी रोजगार के लिए नीति बनाने की मांग कर रहा है। बागवानी विकास परियोजना का करार समाप्त होने से कार्यरत 260 अनुबंध आधार, 230 आउटसोर्स और 22 से अधिक पुनर्नियुक्ति पर सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों का रोजगार छिन जाएगा। उन्होंने सरकार और विभाग से स्थायी नीति बनाने की मांग करते हुए रोजगार को सुरक्षित करने की मांग उठाई है। इस संबंध में बागवानी विकास परियोजना के परियोजना निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने कहा कि विश्व बैंक की ओर से 1134 करोड़ से वित्त पोषित बागवानी विकास परियोजना-2016 के सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं। अब इसके लिए कोई बजट नहीं आएगा। कहा कि 31 अक्तूबर को बागवानी विकास परियोजना का करार समाप्त हो जाएगा।
हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधियों की बैठक हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में परिषद की ओर से शिक्षा एवं गुणवत्ता पर विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज शैल ने बताया कि परिषद ने 21 सूत्रीय मांगपत्र शिक्षा बोर्ड को दिया था। इसमें एक-एक विषय पर विमर्श के साथ चर्चा की गई। कक्षा छठी से संस्कृत की नवीन पुस्तक को नए सत्र से शुरू करने पर सचिव ने कहा कि एनसीईआरटी की ओर से निर्मित नवीन पाठ्यपुस्तक कक्षा छठी से वर्ष 2026 से आरंभ की जाएगी। बोर्ड सचिव ने बताया कि कक्षा छठी के लिए कुछ विषयों की पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं, जबकि कुछ पुस्तकें तैयार हो रही हैं। इन पुस्तकों को 2026 से ही पढ़ाया जाएगा। कक्षा छठी से आठवीं तक संस्कृत व्याकरण की पुस्तक लगाने के लिए शिक्षा बोर्ड सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि यद्यपि एनसीईआरटी की तरफ से पुस्तक निर्धारित नहीं है लेकिन विद्यार्थियों को इसकी आवश्यकता है। इसको देखते हुए बोर्ड इसे अपने स्तर पर तैयार करेगा। इसके लिए सचिव ने परिषद को जल्द प्रारूप बनाकर भेजने को कहा। परिषद ने आग्रह किया कि विभिन्न कक्षाओं में प्रश्नपत्रों में अनुवाद के कुछ व्यवहारिक वाक्य शामिल किए जाएं ताकि छात्र भाषा के व्यवहारिक पक्ष में भी निपुण बन सकें। इसके लिए भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने सचिव से पुस्तकों की पाठन शैली के प्रशिक्षण के संदर्भ में पाठ्यक्रम विभाजन एवं प्रश्नपत्र निर्माण पर शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाने का प्रस्ताव रखा। इस पर भी सचिव ने सभी शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी करवाने की स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने प्रस्ताव रखा कि कक्षा 11वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम विभाजन व उसमें व्याकरण का समरूप समायोजन किया जाना भी आवश्यक है। इसकी स्वीकृति भी बोर्ड सचिव ने प्रदान की। बैठक में परिषद ने मांग रखी कि कक्षा छठी से अष्टमी तक हिन्दी व्याकरण की एक पुस्तक है। लेकिन उसमें कक्षानुसार पाठ्यक्रम विभाजन नहीं है। इसे देखते हुए आवश्यक संशोधन कर कक्षानुसार छठी, सातवीं, आठवीं के लिए अलग-अगल निर्धारण किया जाए। जैसा कि अंग्रेजी के व्याकरण की पुस्तक में निर्धारित है। इसके साथ कक्षा नाैवीं व 10वीं तक हिंदी व्याकरण की एक पुस्तक है। लेकिन उसमें कक्षानुसार पाठ्यक्रम विभाजन नहीं है। इसमें भी आवश्यक संशोधन कर कक्षानुसार अलग-अलग निर्धारण किया जाए। इस पर भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने कहा कि कक्षा छठी से आठवीं तक हिमाचल की लोक संस्कृति और योग पुस्तक में बहुत संशोधन की आवश्यकता है। इसमें दी गई सामग्री में हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति की वास्तविकता अनुसार जानकारी को समायोजित किया जाना आवश्यक है। शीर्षक के अनुसार विषयों का सही समावेश तथा उचित अभ्यास कार्य जोड़ने की आवश्यकता है। इसके साथ योग विषय को उसमें दिए गए मंत्रों को शुद्ध रूप से जोड़ने तथा उनके वास्तविक अर्थ तथा भाव को समायोजित करने की आवश्यकता है। इस विषय पर भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की और यथाशीघ्र आवश्यक संशोधन बोर्ड को देने के लिए कहा। बैठक में परिषद ने प्रस्ताव रखा कि कक्षा नाैवीं व दसवीं के प्रश्नपत्र में आवश्यक संशोधन किया जाए। प्रश्नपत्र में पाठ्य-पुस्तकों को भी महत्त्व दिया जाए। क्योंकि प्रश्नपत्र में पाठ्यपुस्तक से समावेश कम हो रहा है। न्यूनतम 40 प्रतिशत पाठ्यपुस्तक से 40 प्रतिशत व्याकरण भाग एवं 20 प्रतिशत अपठित भाग का समावेश प्रश्नपत्र में हो। इस पर भी सचिव ने समीक्षा करने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया। पाठ्यपुस्तकों में द्रष्टव्य अशुद्धियों के संदर्भ में बोर्ड सचिव ने बताया कि यह कार्य एनसीईआरटी के अधिकार क्षेत्र में है। एक बार उनकी वेबसाइट पर प्राप्त पुस्तक को देखें। यदि वहां भी अशुद्धि है तब इस विषय में उनसे बात की जाएगी। यदि बोर्ड स्तर पर ही अशुद्धि है तब उसे ठीक कर लिया जाएगा। बैठक में अकादमी अधिकारी शालिनी, सहायक सचिव, अनुभाग अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ परिषद् के महासचिव डॉ. अमित शर्मा, उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, आईटी सचिव डॉ. विवेक शर्मा, कांगड़ा के अध्यक्ष डॉ. अमनदीप शर्मा, मंडी अध्यक्ष लोकपाल, बिलासपुर के महासचिव डॉ. जितेंद्र कुमार सहित 15 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के बाजारों में धनतेरस पर खरीदारी के लिए लोग उमड़ पड़े हैं। राजधानी शिमला सहित अन्य बाजारों में लोगों की भीड़ है। कुल्लू के ढालपुर मैदान में सजी अस्थायी मार्केट में धनतेरस के मौके पर मंगलवार को खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बाजार में लोगों ने गर्म कपड़ों के साथ अन्य सामान की खरीदारी की। इस बार अस्थायी बाजार के व्यापारियों को 7 नवंबर तक के व्यापार करने के लिए समय दिया गया है, ऐसे में व्यापारियों को बेहतर कारोबार होने की उम्मीद है। दुकानदार रवि ने कहा कि आधा स्टॉक बचने के चलते अब सामान भी सस्ता कर दिया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार धनतेरस पर खरीदारी बेहद शुभ होने वाली है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार को धनतेरस के रूप में मनाई जाएगी। धन त्रयोदश के दिन प्रदोष काल यानि सूर्य अस्त और रात्रि की संधि के समय त्रिपुष्कर योग बन रहा है। ऐसे में प्रदोष काल शाम 6:38 बजे से 8:24 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने से शुभ फल मिलेगा। धनतेरस पर बर्तन, सोना, चांदी, वाहन, तांबे के बर्तन की खरीदारी करना शुभ रहेगा। खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:32 से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। दोपहर 2:51 से शाम 4:14 बजे तक रहेगा राहुकाल। राहुकाल के बाद खरीदारी करना शुभ है। त्रयोदशी तिथि बुधवार दोपहर 1:14 बजे तक रहने पर खरीदारी की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश में विंटर सीजन के लिए सैलानियों की आवभगत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। समर सीजन के बाद होटल कारोबार को पटरी पर लाने के लिए राज्य पर्यटन विकास निगम ने अपने होटलों में ठहरने पर 10 से 40 फीसदी तक डिस्काउंट देने का फैसला लिया है। इसमें काजा के स्पीति, सुंदरनगर के सुकेत और शिमला के विल्ली पार्क होटल को छोड़कर निगम के सभी होटलों में यह सुविधा दी गई है। पर्यटकों के लिए होटलों में यह छूट 1 नवंबर से 20 दिसंबर तक रहेगी। अक्तूबर में निगम के होटलों में ऑक्यूपेंसी 25 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी तक हो गई है। पर्यटन निगम ने प्रदेश के करीब 53 होटलों में छूट देने का फैसला लिया है। शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली और चंबा सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में स्थित निगम के होटलों में छूट की सुविधा मिलेगी। कमरों की बुकिंग करवाने के लिए सैलानियों को पर्यटन निगम की वेबसाइट पर सभी होटलों की रेट लिस्ट के साथ जानकारी मिलेगी। निगम ने इस बाबत वेबसाइट को अपडेट कर दिया है। उधर, निगम के महाप्रबंधक अनिल तनेजा ने बताया कि पर्यटकों को 20 दिसंबर तक कमरों की बुकिंग पर 10 से 40 फीसदी छूट दी जा रही है। 11 से 15 नवंबर तक लवी और रेणुका मेले के दौरान होटल बुशैहर रिजेंसी और रेणुकाजी होटल में कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कसौली के रोस कॉमन, होटल नूरपुर, चिंदी के होटल ममलेश्वर, नगर में होटल कुंजम, कुल्लू के सिल्वरमून, नारकंडा के होटल हाटू, डलहौजी के मणिमहेश और गीतांजलि, नालदेहरा के गोल्फ ग्लेड होटल, मनाली के होटल हडिंबा कॉटेज और फागू के एप्पल ब्लॉसम में 30 फीसदी और मनाली के होटल लॉग हट्स में 40 फीसदी तक की छूट दी गई है। इसके अलावा शिमला में होलीडे होम में 25 फीसदी की छूट दी गई है।पर्यटन निगम के होटल हमीर, रोहड़ू के चांशल, चंबा के होटल इरावती, चिंतपूर्णी हाइटस, होटल बघाल, होटल ज्वालाजी, स्वारघाट के हिल टॉप, रामपुर के बुशैहर रिजेंसी, धर्मशाला के कुणाल, होटल शिवालिक, पांवटा साहिब के होटल यमुना, पालमपुर के द न्यूगल होटल, पोंग बांध में कैपिंग स्थल, होटल चंपक, खड़ापत्थर में होटल गिरीगंगा, पालमपुर में होटल टी-बड, चामुंडाजी में यात्री निवास, कसौली में होटल रोमन, धर्मशाला में होटल धौलाधार और कश्मीर हाउस, सराहन में होटल श्रीखंड, जोगिंदरनगर में होटल उहल, खज्जियार के होटल देवधर, बरोग में होटल पाइनवुड, शिमला में होटल पीटरहॉफ, होटल रेणुकाजी, मैक्डोलगंज में होटल क्लब हाउस, राजगढ़ टूरिस्ट इन, भरमौर के होटल गौरीकुंड, केलांग के होटल चंद्रभागा, क्यारीघाट के मेघदूत, चायल के होटल पैलेस, मनाली के होटल रोहतांग मनालसू और कल्पा के किन्नर कैलाश में 20 फीसदी और मैक्लोडगंज में होटल भागसू में 10 फीसदी की छूट दी गई है।
** कुल्लू में विजिलेंस ने दबिश देकर 40 पेटी बीयर बरामद कर एक आरोपी को किया गिरफ्तार. कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में नशा और नशे के कारोबारी लगातार अपने पैर पसार रहे हैं। आए दिन प्रदेशभर से नशे संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी नशे का कारोबार फैल रहा है। ताजा मामले में कुल्लू विजिलेंस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक कार से 40 पेटी यानी 480 बोतल बीयर बरामद की है। आरोपी की पहचान यशपाल निवासी जिला कुल्लू के रूप में हुई है। विजिलेंस की टीम ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है कि शराब तस्करी में उसके साथ और कौन-कौन शामिल है. पंजाब से बीयर के अलावा और कितनी शराब आई है, इसकी पूछताछ की जा रही है। विजिलेंस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी विजिलेंस कुल्लू अजय कुमार ने बताया कि काफी समय से विजिलेंस की टीम को शिकायत मिल रही थी कि कुल्लू में पंजाब से अवैध शराब और बीयर ब्रिकी के लिए आ रही है, जिसे अवैध रूप में लाकर शहर में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इसी आधार पर विजिलेंस की टीम ने नाकाबंदी की थी। नकाबंदी के दौरान एक डस्कर कार (नंबर HP 34 E 2861) की जब चेकिंग की गई तो कार से 40 पेटी यानी 480 बोतल बीयर बरामद की गई है। विजिलेंस की टीम ने मामले में संपत्ति और गाड़ी दोनों को जब्त कर लिया है। आरोपी को भी मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों की अनुबंध सेवाओं को मान्यता देने का निर्णय लिया गया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत याचिकाकर्ता जेबीटी, टीजीटी और सीएंडवी शिक्षकों द्वारा दी गईं अनुबंध सेवाओं को उनके नियमितीकरण के बाद वरिष्ठता और परिणामी लाभों के उद्देश्य में गिना जाएगा। सोमवार को इस बाबत अतिरिक्त सचिव शिक्षा ने निदेशालय को पत्र जारी किया है। शिक्षकों को वरिष्ठता मिलने के बाद वित्तीय लाभ देने को लेकर वित्त विभाग की ओर से अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे। ताज मोहम्मद एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य के मामले में उच्च न्यायालय के निर्णय के कार्यान्वयन के संबंध में शिक्षा विभाग ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राज्य सरकार ने वरिष्ठता और नियमितीकरण पर अन्य लाभों के उद्देश्य से प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों की संविदा सेवाओं को मान्यता देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय जेबीटी, टीजीटी और सीएंडवी सहित शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए हुआ है। हालांकि, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के परिणाम के साथ-साथ उपलब्ध किसी भी अन्य कानूनी उपाय पर भी यह निर्णय निर्भर करेगा। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं के लिए कोई भी मौद्रिक लाभ हिमाचल प्रदेश वित्त विभाग के निर्देशों की ओर से शासित होगा, जो समान स्थिति वाले कर्मियों के लिए मौजूदा नियमों के साथ संगतता सुनिश्चित करता है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने जून-जुलाई में करवाई गई स्नातकोत्तर कोर्स में 16 पीजी कोर्स के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए है। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने बताया कि घोषित किए गए परिणाम में एमएससी केमिस्ट्री फिजिक्स, बॉटनी, जियोलॉजी, ईवीएस, एमएससी भूगोल, बायो टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के परिणाम घोषित किए है। इसके अलावा एमसीए दूसरे सेमेस्टर, एमएससी मैथ के दूसरे और चौथे सेमेस्टर, एमए हिंदी और संस्कृत दूसरे सेमेस्टर, एमबीए दूसरे सेमेस्टर, एमटीटीएम के दूसरे और चौथे सेमेस्टर, एमबीए आरडी के दूसरे और बैचलर डिग्री बीएचएम के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के परिणाम घोषित किए है। परिणाम ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए है। इसे छात्र अपने लॉग इन आईडी के माध्यम से देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा इन डिग्री कोर्स के पहले और तीसरे सेमेस्टर की री अपीयर परीक्षा के परिणाम भी घोषित किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश विवि ने बीएफए डिग्री के ऑड सेमेस्टर की परीक्षा के शेड्यूल को जारी कर दिया है। ये परीक्षाएं 6 नवंबर से शुरू होंगी, जो 2 दिसंबर तक संचालित की जाएगी। विवि के परीक्षा नियंत्रक ने इन पहले, तीसरे, पांचवें, सातवें सेमेस्टर की परीक्षा का विस्तृत शेड्यूल जारी कर विवि की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। छात्र इसे वहां देख सकते है। विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षण संस्थान इक्डोल/ सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजूकेशन ने बीएड जुलाई-2024 के बैच के ऑनलाइन और ऑफलाइन पर्सनल कांटेक्ट प्रोग्राम का शेड्यूल जारी कर दिया है। इसे छात्रों की सुविधा के लिए विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इसमें कोआर्डिनेटर के नाम सहित पीसीपी का ब्यौरा जारी किया गया है।
** शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में अब सरकार सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा लेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर शिक्षा विभाग प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति, वेतन, सेवा अवधि को लेकर अधिकारी मंथन कर रहे हैं। दूरदराज स्कूलों में जाने से नियमित शिक्षक गुरेज करते हैं। इस कारण इन क्षेत्रों के अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई शिक्षकों की कमी के चलते प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिर से स्कूलों में पढ़ाने का अवसर देने जा रही है। सूत्रों के अनुसार सेवानिवृत्त शिक्षकों को अनुबंध के तौर पर नियुक्ति दी जाएगी। अनुबंध कब तक रहेगा, इन्हें वेतन कितना मिलेगा, इसको लेकर विधि, कार्मिक और वित्त विभाग के साथ चर्चा चल रही है। नए सत्र से सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्तियां दी जा सकती है। नवंबर में शिक्षा विभाग इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार दूरदराज क्षेत्रों में नियुक्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जा सकते हैं। स्थानीय सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। विषय विशेष के शिक्षक अगर अन्य क्षेत्रों में भी सेवाएं देने को तैयार होंंगे, तो उन्हें ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों डोडरा क्वार के प्रवास में अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने को कहा है। हिमाचल में स्कूलों को गोद लेने वाली योजना के तहत सेवानिवृत्त शिक्षक अभी भी इच्छा अनुसार बिना वेतन सेवाएं दे सकते हैं। योजना में विभाग ने यह विशेष प्रावधान किया है। सरकारी स्कूलों में सुधार लाने को स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके तहत सभी मंत्री, विधायक, सांसद और अफसर सरकारी स्कूल गोद लेंगे। गोद लेने वालों को मेंटर बनाकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने और गुणात्मक शिक्षा के लिए भी सहयोग करना होगा। श्रेणी-1 व 2 के राजपत्रित अधिकारी जैसे उपायुक्त, एसपी, वन मंडलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षकों को कम से कम एक स्कूल गोद लेकर उसका संरक्षक बनने को कहा गया है।
** अब तक 1 हजार से अधिक कार्ड हो चुके हैं बंद हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से दिए जा रही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ न उठाना उपभोक्ताओं को अब भारी पड़ सकता है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को उचित मूल्य की दुकानों से लगातार तीन महीने तक सस्ते राशन का कोटा न उठाने वाले उपभोक्ताओं के राशन कार्ड को बंद करने का आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अब तक प्रदेश भर में 1 हजार से अधिक कार्ड बंद किए जा चुके हैं , जिन्हें अब डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। विभाग के मुताबिक ऐसे राशन कार्ड को इसलिए ब्लॉक किया गया है, जो तीन महीने से लगातार राशन का कोटा नहीं ले रहे थे। ऐसे में शायद इन्हें सस्ते राशन की जरूरत नहीं होगी। इसलिए प्रदेश में तीन महीने तक राशन का कोटा न उठाने वाले के कार्ड ब्लॉक किए जा रहे हैं, ताकि इस राशन को जरूरतमंद उपभोक्ताओं को दिया जा सके। वहीं, इस बारे में जिला खाद्य नियंत्रकों को तीन महीने से राशन न लेने वाले उपभोक्ताओं के कार्ड ब्लॉक कर मुख्यालय को सूचित करने के निर्देश जारी किए दिए हैं। हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन के वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी करवाई भी जा रही है, जिसके लिए पिछले कई महीनों से प्रक्रिया चल रही है। लेकिन बार-बार मौका देने पर भी बहुत से राशन कार्ड धारकों ने ई-केवाईसी नहीं की है। 22 जुलाई 2024 के आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में राशन कार्ड में दर्ज 16,35,735 सदस्यों ने ई-केवाईसी नहीं कराई थी। हालांकि, इसके बाद आंकड़े में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन अभी भी लाखों सदस्यों की ई-केवाईसी होना बाकी है। अब भी अगर राशन कार्ड धारक ई-केवाईसी नहीं कराते हैं तो ऐसे उपभोक्ताओं को सस्ते राशन की सुविधा से हाथ धोना पड़ सकता है। बता दें कि प्रदेश में राशन कार्ड में दर्ज कुल सदस्यों की संख्या 73,32,413 है। इसमें 22 जुलाई तक 56,85,157 लोगों की ई-केवाईसी हुई थी। ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन मिले। ये देखा गया है कि कई राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड में शामिल सदस्यों की स्थिति विवाह होने और किसी सदस्य का निधन होने से बदल चुकी है। इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड से ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके। अगर कोई भी राशन कार्ड में इन सदस्यों की जानकारी को अपडेट करवाना चाहते हैं तो उनको ई-केवाईसी करवानी पड़ेगी।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर के संयुक्त मोर्चा ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सुक्खू सरकार से आर या पार की लड़ाई का मन बना लिया है। बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ ने सरकार पर बोर्ड की दशा को सुधारने के बजाए बोर्ड को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड में 51 इंजीनियर के पद खत्म करने के साथ ही आउटसोर्स पर रखे गए 81 ड्राइवरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारी सरकार के इस फैसले से भड़क गए हैं। ऐसे में हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा ने सरकार के फैसले के खिलाफ आज दोपहर बाद 1.30 बजे प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान सरकार के खिलाफ आंदोलन को और उग्र करने की रणनीति भी तैयार की जाएगी, जिसमें कर्मचारी राज्य में ब्लैक आउट करने का भी फैसला ले सकते हैं। संयुक्त मोर्चा का आरोप है कि सरकार की ओर से बिजली बोर्ड की स्थिति को ठीक करने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी बिजली बोर्ड को तीन हिस्सों ट्रांसमिशन, जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में बांट कर इसका निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। इसके बाद भी सरकार ने अगर सभी फैसलों को वापस नहीं लिया तो बोर्ड के कर्मचारी और अधिकारी सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो जाएंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि सरकार बिजली बोर्ड के खिलाफ हिडन एजेंडे पर काम कर रही है। उन्होंने सरकार की ओर से बोर्ड के पुनर्गठन किए जाने का आरोप लगाया है। संघ ने सरकार को इस बारे में पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर इसके बाद भी सरकार ने संघ की मांगों को हल्के से लेने का प्रयास किया तो प्रदेश भर में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। यही नहीं बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा ने सरकार को ब्लैक आउट की भी चेतावनी दे दी है। हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के अनुसार सरकार बिजली बोर्ड और कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। ऐसे में अब कर्मचारी और इंजीनियरों ने सरकार को इसका कड़ा जवाब देने का मन बना लिया है। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इसमें 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल करना। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकालने के आदेश वापस लेना। बिजली बोर्ड में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना। बिजली बोर्ड में टी-मेट के 1030 पदों को जल्द भरना। वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी करना। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ का भुगतान आदि प्रमुख मांगे हैं।
हिमाचल प्रदेश में दिवाली तक मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान धूप खिलने से अधिकतम पारा और चढऩे के आसार हैं। प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय मौसम में ठंडक बढ़ गई है। ताबो में न्यूनतम पारा माइनस दो डिग्री तक पहुंच गया है। मैदानी जिलों के मौसम में भी अब ठंडक बढऩा शुरू हो गई है। ऊना, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर का न्यूनतम तापमान शिमला से भी कम रहा। प्रदेश में पहली नवंबर तक मौसम साफ बना रहने की आशंका जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी और न्यूनतम तापमान में कमी आने का पूर्वानुमान है। हालांकि, 29 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार दिन में पहाड़ी क्षेत्रों में धूप खिलने से रात को इन क्षेत्रों से गर्म हवाएं मैदानों में पहुंचते हुए ठंडी होंगी।
**क्वार से ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का किया शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डोडरा-क्वार में रात्रि विश्राम करने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। शिमला जिला के डोडरा-क्वार को यहां की दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ‘काला पानी’ के रूप में जाना जाता है। राज्य के गठन के बाद से कई मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने यहां रात्रि विश्राम नहीं किया था। मुख्यमंत्री ने डोडरा-क्वार से ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सेवानिवृत्त शिक्षक हरदयाल खेपन के घर पर रात्रि विश्राम किया। शनिवार शाम करीब 7.45 बजे उनके घर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का हरदयाल के परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सभी औपचारिकताओं से दूर मुख्यमंत्री ने आग के पास बैठकर परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और उनकी स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘आप आंगन में आग कब जलाते हैं? हमारी स्थानीय बोली में हम इसे घ्याना कहते हैं और इसे अक्सर सर्दियों के मौसम में होने वाली शादियों के दौरान लगाया जाता है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनके दैनिक जीवन, भोजन और स्थानीय रीति-रिवाजों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। समुदाय की महिलाओं ने उनके स्वागत में स्थानीय देवता क्वार जाखा को समर्पित गीत ‘लामण’ से शुरुआत करते हुए पारंपरिक गीत गाए। रात के खाने में उन्होंने लगभग आठ ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक भोजन का आनंद लिया। मुख्यमंत्री को बेटू, कोदा और फाफरे की रोटी के साथ-साथ स्थानीय व्यंजन जैसे सिड्डू, ओगला, चेंऊं और स्थानीय राजमाह की दाल परोसी गई। मीठे में लिमडी नामक एक स्थानीय व्यंजन भी परोसा गया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री के आगमन पर अपनी खुशी जाहिर की। जयप्रदा, हेमलता और प्रतिभा ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए भोजन का मुख्यमंत्री ने आनन्द लिया और सराहना की, जिससे वे सम्मानित महसूस कर रही हैं। हरदयाल की बेटी और प्रशिक्षित जेबीटी शिक्षिका पल्लवी ने मुख्यमंत्री की मेजबानी के बारे में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उनका हमारे घर में रहना हमारे परिवार के लिए गर्व का विषय है। इस यादगार क्षण को जीवन भर के लिए संजोए रखने के लिए हमने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी ली।’’ हरदयाल मुख्यमंत्री के सादगी भरे और विनम्र व्यक्तित्व के कायल हो गए और सभी ग्रामीणों ने उनके विनम्र स्वभाव की सराहना की। रविवार की सुबह मुख्यमंत्री ने ढांडरवाड़ी-2 महिला मंडल की महिलाओं के साथ नाश्ता किया। स्थानीय स्वयं सहायता समूह की सदस्य भारता देवी और अनीता भेटन ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री को शहद के साथ घर का बना सिड्डू परोसा और उन्होंने इसका भरपूर आनंद लिया। हमने उन्हें अन्य स्थानीय व्यंजन भी परोसे। उनकी मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि हमें अपने जीवनकाल में ऐसा अवसर पहले कभी नहीं मिला।
कुल्लू: जिले की लग घाटी के कालंग गांव में आग लगने से अढ़ाई मंजिला मकान पूरी तरह से जलकर राख हो गया। आग लगते ही स्थानीय लोगों ने इसे बुझाने का प्रयास किया साथ ही दमकल विभाग को भी मामले की सूचना दी। जानकारी के अनुसार सोहजू राम के मकान में सुबह के समय अचानक आग लग गई। मकान को आग लगता देख सभी परिवार के सदस्य बाहर निकले और उन्होंने ग्रामीणों को सूचित किया। ग्रामीणों ने भी आग बुझाने का काम शुरू किया, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि पल भर में ही सारा मकान जलकर राख हो गया। मकान के भीतर रखा सामान और राशन भी इसकी चपेट में आ गया। प्रभावित परिवार के मुखिया सोहजू राम ने बताया कि आग लगने से उनकी पूरी संपत्ति जलकर राख हो गई है। ऐसे में प्रशासन से आग्रह है कि उनके लिए प्रशासन कुछ व्यवस्था करे, ताकि ठंड के दिनों में परिवार को किसी परेशानी का सामना न करने पड़े। एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने बताया कि राजस्व, पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। आग लगने के कारणों की छानबीन की जा रही है। प्रभावित परिवार को राहत राशि और अन्य जरूरी सामान भी वितरित किया जाएगा। इसके अलावा नुकसान के रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी, ताकि प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा मिल सके। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया है। पुलिस की टीम भी आग लगने के कारणों की छानबीन में जुट गई है। पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंचकर राहत कार्यों में जुट गई है। आग लगने के चलते प्रभावित परिवार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
हिमाचल को मानसून सीजन में इस साल भी करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। प्रदेश को इस साल लैंडस्लाइड की 46, बादल फटने की 12 और बाढ़ जैसी 39 घटनाओं का सामना करना पड़ा है, जिससे प्रदेश को 1613 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। ये जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने शिमला में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) के साथ एक डीब्रीफिंग बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। ये टीम मानसून के दौरान प्रदेश में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची थी। मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा, "राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर केंद्र सरकार को एक व्यापक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें बताया गया है कि प्रदेश में अनुमानित नुकसान लगभग 1,613.50 करोड़ रुपए का हुआ है। मानसून सीजन में राज्य को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान लैंडस्लाइड, बादल फटने और बाढ़ से सड़कें, सिंचाई योजनाएं और आवासीय क्षेत्र व्यापक स्तर पर प्रभावित हुए हैं। राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में लैंडस्लाइड की 46, बादल फटने की 12 और 39 बाढ़ जैसी घटनाओं का सामना किया, जिससे जान-माल को बहुत नुकसान हुआ। ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन में 174 लोगों की जान गई है। वहीं, 144 लोगों ने बारिश के कारण अपनी जान गंवाई है। इसके अलावा करीब 206 लोग घायल हुए हैं. 31 लोग लापता हुए हैं और 222 पशुधन हताहत हुए हैं। इस दौरान 1405 घरों और पशु आश्रय भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की बहाली के लिए अनुमानित 621.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि इस दौरान जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ। 5505 जल आपूर्ति योजनाएं, 1213 सिंचाई परियोजनाएं, 99 मल निकासी परियोजनाएं, 69 बाढ़ सुरक्षा कार्य और 57 हैंडपंप क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे प्रदेश को 540.88 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधनों का आग्रह किया गया है। भौगोलिक स्थलाकृति के कारण राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, डॉपलर रडार और आपातकालीन कर्मियों को तैनात करने के हर संभव प्रयासों के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए केंद्रीय सहायता की जरूरत है। ओंकार चंद शर्मा ने हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों की आवश्यकताओं के दृष्टिगत राहत मैनुअल में सुधार करने का आग्रह किया है, ताकि प्रभावित लोगों को समय पर राहत पहुंचाने और पुनर्निर्माण में सहायता मिल सके। वहीं, आपदा प्रबंधन निदेशक एवं विशेष सचिव डीसी राणा ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के मौके पर मूल्यांकन के लिए आईएमसीटी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने टीम को प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी और राज्य की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए उदार केंद्रीय सहायता का आग्रह किया।
** कोर्ट के आदेश न माने तो विभागों पर लगेगा जुर्माना हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को सभी विभागों को अदालत के आदेशों की अनुपालना करने से संबंधित निर्देश जारी करने को कहा है। कई विभाग अदालत में जवाब दायर करने में आनाकानी कर रहे हैं और कुछ बहुत देरी से दे रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए विभागों को चेतावनी जारी करते कहा कि अगर आदेशों की अनुपालना नहीं की गई तो संबंधित विभाग पर जुर्माना लगाया जाएगा। एक अन्य मामले में न्यायाधीश ज्योत्सना रिवॉल दुआ की अदालत ने शिक्षा विभाग को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर आदेशों की अनुपालना नहीं की गई तो उसे कॉस्ट लगाई जाएगी। दुआ की अदालत ने शिक्षा विभाग पर 5 मामलों में बीस-बीस हजार रुपये कॉस्ट लगाई है। जुर्माने की राशि को याचिकाकर्ता को देने को कहा है। प्रार्थियों ने अदालत से ताज मोहम्मद के मामले में पारित निर्णय के आधार पर उनकी अनुबंध की तिथि से वरिष्ठता व अन्य लाभ देने की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने मामले में शिक्षा विभाग को आदेश पारित कर दिए थे। विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की ओर से नाम की सिफारिश भेजने के बाद कर्मचारियों की पदोन्नति रोकना आसान नहीं होगा। हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के बाद निलंबित जिला अग्निशमन अधिकारी (डीएफओ) को पदोन्नति के साथ बहाल करने का फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता को विभाग में डीएफओ के पद पर पदोन्नत किया गया था। 28 सितंबर 2022 को डीपीसी की सिफारिश के बाद याचिकाकर्ता को डीएफओ के पद पर पदोन्नत किया गया। उसके अगले ही दिन 29 सितंबर को रिश्वत मांगने के मामले में विभाग को उपकरण सप्लाई करने वाले एक व्यक्ति ने उन पर एफआईआर दर्ज करवाई। 30 को विभाग ने याचिकाकर्ता की पदोन्नति रोक दी और उसे सेवाओं से भी निलंबित कर दिया। इसी फैसले के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर शिमला-कालका के बीच हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। जनहित याचिका का निपटारा कर करते हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इस मार्ग पर दोबारा अतिक्रमण न हो। अगर संबंधित अधिकारी को सूचना मिले कि फिर से किसी भी व्यक्ति ने अनाधिकृत निर्माण और अतिक्रमण किया है तो उसके खिलाफ वह तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें। सूचना मिलने के बाद अधिकारी अगर समय पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो उनको बर्खास्त किया जाएगा और उनके खिलाफ विभागीय करवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला भी दायर होगा। जनहित याचिका का निपटारा न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैथला की खंडपीठ ने किया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के निदेशक ने अदालत के 22 दिसंबर 2023 और 26 मार्च 2024 के आदेशों का अनुपालन करने पर 17 मई 2024 को हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जो भी अवैध निर्माण और अतिक्रमण किया गया है, उसे हटा दिया गया है। अदालत ने कहा कि ऐसे सभी मामलों को 31 मार्च 2025 तक समाप्त करने के आदेशों का अनुपालन करने को कहा है। बता दें कि वर्ष 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क पर गैर तरीके से अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अनाधिकृत पार्किंग के कारण यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही थी। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों को प्रतिवादी बनाया था। जनहित याचिका के लंबित रहने के दौरान कुछ अन्य निजी व्यक्तियों को भी पार्टी बनाया गया था। संबंधित विभागों की ओर से पहले दायर हलफनामों में कहा गया था कि शिमला कालका राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अतिक्रमण, बडोग कसौली सड़क के किनारो पर अवैध निर्माण और जाबली में भी अवैध निर्माण पाया गया था।
हिमाचल में सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में दो या इससे अधिक साल से खाली पड़े पदों को खत्म करने को लेकर जारी अधिसूचना के बाद सियासी भूचाल मच गया है, जिसको लेकर अब सोशल मीडिया में सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। वहीं, विपक्ष ने भी पदों को समाप्त करने को लेकर सरकार को घेरा है, जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। वहीं, सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी पदों को समाप्त किए जाने को लेकर कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ये सही है कि हमारी वित्तीय स्थिति अनुकूल नहीं है। फिर भी हमारी सरकार विकास के कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दो साल में 25 से 30 हजार नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि हम आंकड़ों के साथ इसे विधानसभा में रखेंगे की किस-किस क्षेत्र में नौकरियां प्रदेश में दी गई हैं। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की जिम्मेवारी हैं। इसकी गंभीरता को समझते हुए हर कैबिनेट की मीटिंग में नए पद सृजित करना हमारी प्राथमिकता रहती है। उन्होंने कहा कि सरकारी सेक्टर के अलावा हम निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। इसके लिए हम नई होम स्टे पॉलिसी भी ला रहे हैं, जिसे अगली कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा, जिसका प्रदेश के युवाओं को लाभ होगा। हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए लंबित रिजल्टों को भी समय-समय पर घोषित किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कहा कि जयराम ठाकुर जो कहते हैं कि कैबिनेट सब कमेटियां समय खरीदने को बनती है, तो वे अपनी सोच को हमारे ऊपर थोपने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि हाल ही में जो नया बवाल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बारे में बताना चाहता हूं कि वित्त विभाग ने कहा है कि जो पद बहुत समय से नहीं भरे गए हैं, उनको कन्वर्ट किया जा रहा है। ऐसे 15 साल पहले सृजित किए गए पदों का आज के दौर में कोई औचित्य नहीं है। ऐसे ने इन पदों को नई पोस्टों में कन्वर्ट किया जा रहा है। इसको जयराम ठाकुर राजनीतिक रंग देने का असफल प्रयास कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर खुद मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं, जिसकी उनको पूरी जानकारी होनी चाहिए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वित्त विभाग का प्रयास रहता है कि सरकार की बचत हो सके, लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर को कम करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगर इसमें कोई कमी है, जिससे युवाओं के हित प्रभावित हो रहे हैं तो हम इस विषय को अगली कैबिनेट में उठाएंगे, ताकि युवाओं के हितों की रक्षा हो। उन्होंने कहा कि सरकार कोई ऐसा फैसला नहीं लेगी, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है, जो उन्होंने बात रखी है हम उससे सहमत हैं।
** सुक्खू सरकार को दी चेतावनी हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। अब संयुक्त कर्मचारी महासंघ भी हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारियों के समर्थन में उतर गया है। संघ ने सुक्खू सरकार को चेताते हुए कहा है कि सरकार वार्तालाप करके बिजली बोर्ड में चल रहे गतिरोध को तोड़ें, वरना प्रदेश में हालात बिगड़ जाएंगे। संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सरकार ने बिजली बोर्ड में 51 पदों को समाप्त कर दिया, 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया है, ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर मेमोरेंडम दिया है। सरकार वार्तालाप करके उनकी मांगों पर विचार करे और नौकरियों को बहाल करें। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों ने 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन का आह्वान किया है। सरकार अगर उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के समर्थन में संयुक्त कर्मचारी महासंघ को भी मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। वहीं, संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार के दो साल या इससे अधिक समय से खाली चल रहे सभी पदों को समाप्त करने वाली नोटिफिकेशन पर हैरानी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश में खाली चल रहे हजारों पद समाप्त हो जाएंगे। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सीएम सूक्खु को अपने आस-पास अच्छे सलाहकारों की टीम रखनी चाहिए और कर्मचारी नेताओं से भी वार्तालाप करना चाहिए, ताकि इस तरह की अधिसूचना करने के बाद सीएम को स्वयं स्पष्टीकरण के लिए न आना पड़े।
हिमाचल प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना हांफ गई है। लोगों को इस योजना के तहत डिपो में राशन नहीं मिल रहा है। इस योजना के तहत उपभोक्ता हिमाचल में कहीं भी किसी भी डिपो से राशन ले सकते हैं। लेकिन डिपो में लगी पॉश मशीनों में राशनकार्ड की एंट्री ही नहीं हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को दिक्कतें पेश आ रही हैं। शुरुआत में इस योजना के तहत लोगों को राशन मिलना शुरू हो गया था। इसके बाद साफ्टवेयर में बार-बार खराबी आने से योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। अब खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग एनआईसी के तहत इस योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयास में है। हिमाचल में इस योजना को लागू हुए करीब तीन साल हो चुके हैं। चार जिलों में यह योजना शुरू की गई। लेकिन अब सिस्टम ठप पड़ गया है। हिमाचल के कई डिपो में ट्रायल पर इस योजना को शुरू किया गया था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से कई परिवारों के ऐसे सदस्य पाए गए, जिनके दो-दो जगह पर राशन कार्ड में नाम है। ऐसे में विभाग की ओर से इन्हें राशन नहीं दिया गया। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने बताया कि एक सप्ताह के बाद सिस्टम ठीक हो जाएगा। एनआईसी से बातचीत करके इस योजना को शुरू किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार की ओर से प्रति राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर तीन दालें (मलका, माश, दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी और एक किलो नमक दिया जा रहा है। इसके अलावा आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है। तीन महीने तक डिपो से सस्ता राशन न लेने पर लोगों के राशनकार्ड ब्लॉक हो रहे हैं। दिक्कतें उन लोगों को आ रही है जो गांव से आकर शहर में रह रहे हैं। ऐसे में लोगों को घर जाकर राशन लेना पड़ रहा है।
जन शिकायत निवारण के लिए मुख्यमंत्री की अनूठी पहल, लोगों के साथ डिनर भी करेंगे सुखविंदर सुक्खू दिल्ली दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 26 अक्तूबर को शिमला जिला के दूरदराज क्षेत्र डोडरा-क्वार की महिलाओं को ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ से लाभान्वित करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम डोडरा में करेंगे और देर शाम तक लोगों की समस्याएं सुनेंगे। वह क्वार में गांव के लोगों के साथ डिनर भी करेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दूरदराज के गांवों में जाकर लोगों की शिकायतों का उनके घर द्वार पर निवारण करना है और इसी तरह के निर्देश मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी जारी किए गए हैं, ताकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के समाधान के लिए जिला मुख्यालयों में न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की पहल और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने गांवों की ओर रुख करने का निर्णय लिया है, ताकि विकास कार्यों के माध्यम से उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि गांव के लोग भोले-भाले तथा मेहनती हैं, जो रोजमर्रा की कठिनाइयों का डटकर सामना करते हैं तथा वर्तमान सरकार उनकी कठिनाइयों को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनके घर द्वार पर जाकर उनसे संवाद करेगी और जन समस्याओं का मौके पर निपटारा सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार दौरे के दौरान जनसमूह को संबोधित करने के अलावा उनसे व्यक्तिगत रूप से भी मिलेंगे तथा अधिकारियों को लोगों की शिकायतों का तत्काल निवारण करने के निर्देश देंगे। एसडीएम डोडरा-क्वार धर्मेश ने कहा कि क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री की इस पहल से काफी उत्साहित हैं। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद कैबिनेट मंत्री भी नवंबर के महीने से इस तरह के दौरे शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू शनिवार 26 अक्तूबर को प्रात: 11:20 बजे चैधार मैदान में गसांगो से जिसकुन तक संपर्क सडक़ का उद्घाटन करेंगे और डोडरा से चमधार तक सडक़ और गांव पुजारली (डोडरा क्वार) से टाल पुल होते हुए उत्तराखंड सीमा तक संपर्क मार्ग का शिलान्यास करेंगे। इसके उपरांत वह जनता को संबोधित कर उनकी समस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर बाद 2:10 बजे आईपीएच निरीक्षण हट क्वार में लोगों की समस्याएं सुनेंगे और क्वार में विभिन्न संस्थानों और अस्पतालों का दौरा करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का मीडिया स्पष्टीकरण आज थोड़ी देरी से हुआ क्योंकि उनके पास बैक डेट की अधिसूचना हाथ नहीं आई थी। शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में जयराम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विचित्र परिस्थितियां चल रही हैं। व्यवस्था परिवर्तन के बजाय व्यवस्था पतन का कार्य चल रहा है। ऐसा हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में एक अधिसूचना जारी होती है, फिर उसके ऊपर प्रतिक्रिया आती है और उसके बाद उसे बैक डेट में बदल दिया जाता है। ऐसी ही अधिसूचना हिमाचल प्रदेश में नौकरियां समाप्ति की भी हुई। वैसे तो नोटिफिकेशन 26 अक्तूबर की है पर इसे 23 अक्तूबर की डेट में बनाया गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पल-पल पलटूराम की सरकार चल रही है। अधिसूचनाओं पर लीपापोती कर ठीक करने का प्रयास लगातार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आए थे तो कांग्रेस पार्टी झूठी गारंटियों का प्रचार कर रही थी, उनके नेताओं ने कहा था कि हिमाचल में 5 लाख नौकरियां, एक साल में एक लाख नौकरियां और 65,000 खाली पदों को भरा जाएगा। लेकिन दो साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है। यह जीरो परफॉर्मेंस वाली सरकार है, कांग्रेस सरकार ने जो वादे किए थे उसके विपरीत ही काम चल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मीडिया को पूरी बातें पढ़कर आने को समझते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश में दो ही लोग ज्ञान के भंडार हैं और कोई और बुद्धिजीवी इन अधिसूचनाओं को नहीं समझ सकता और विपक्ष तो बिल्कुल भी नहीं। हम निवेदन करेंगे कि मुख्यमंत्री जी आप पढ़कर आएं, पढ़ने का ज्ञान ना दें। जयराम ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश में अधिकारियों का तांडव मचा हुआ है। इसीलिए बार-बार हर बात का स्पष्टीकरण देना पड़ता है। नौकरी समाप्ति को लेकर अधिसूचना का प्रदेश में व्यापक असर होगा। इसके मुताबिक आपने प्रदेश में 1.50 लाख नौकरियां को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रो. प्रेम कुमार धूमल की भाजपा सरकार के समय जो अधिसूचना हुई थी उसमें किसी भी पद को समाप्त करने की बात नहीं थी, उल्टा पदों को नियमित करने की बात की गई थी। उसमें नौकरियों को बढ़ावा देने की बात की गई थी। साथ ही नौकरियां को पक्की बनाने की बात की गई थी। जयराम ने कहा कि यह सरकार अधिसूचना की सरकार बन कर रह गई है, टॉयलेट टैक्स अभी तक वापस नहीं लिया गया है पर उसकी अनेकों अधिसूचनाएं निकल गई हैं।
जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल के तहत आने वाले जिभी क्षेत्र के भलाग्रां में सुबह-सबेरे एक काष्ठकुणी शैली के मकान में अचानक आग लगी। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। आग की लपटें उठते ही क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, वहीं लोग आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन घर काष्ठकुणी शैली का होने के चलते आग चारों तरफ फैली और देखते ही देखते घर राख के ढेर में तबदील हो गया। लोगों के अनुसार अनुसार आग की लपटें उठते ही हालांकि अग्रिशमन केंद्र को भी जानकारी दी गई थी, लेकिन 1 घंटे तक टीम मौके पर नहीं पहुंची। घर सडक़ के बिल्कुल साथ था। यदि समय पर अग्रिशमन वाहन घटनास्थल पर पहुंच जाता, तो मकान को बचाया जा सकता था। जानकारी के अनुसार यह मकान काफी बड़ा था और इसमें कई कमरे थे। मकान सहित सारी संपत्ति जलकर राख हो गई है। प्रभावित परिवार की लाखों की संपत्ति नष्ट हो गई है और परिवार सर्द रातों में खुलेआसमान तले रहने को मजबूर कर दिया है। यह मकान भाग सिंह का बताया जा रहा है।
हिमाचल में दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर शिमला न आना पड़े, इसके लिए सुक्खू सरकार ने खुद घरद्वार पर जाकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए अनूठी पहल की है। इसके तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र डोडरा-क्वार की महिलाओं को ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ से लाभान्वित करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम डोडरा-क्वार में करेंगे। ऐसे में सीएम सुक्खू देर शाम तक लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनका मौके पर समाधान करने की भी कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दूरदराज के गांवों में जाकर लोगों की शिकायतों का उनके घरद्वार पर निवारण करना है। इसी तरह के निर्देश मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी जारी किए गए हैं। जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे, ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के समाधान के लिए जिला मुख्यालयों में न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की पहल और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने गांवों की ओर रुख करने का फैसला लिया है, ताकि विकास कार्यों के जरिए उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि गांव के लोग भोले-भाले और मेहनती होते हैं। जो रोजमर्रा की कठिनाइयों का डटकर सामना करते हैं। ऐसे में वर्तमान सरकार उनकी कठिनाइयों को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनके घरद्वार पर जाकर उनसे संवाद करेगी और जन समस्याओं का मौके पर निपटारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार दौरे के दौरान जनसमूह को संबोधित करने के अलावा उनसे व्यक्तिगत रूप से भी मिलेंगे और अधिकारियों को लोगों की शिकायतों का तत्काल समाधान करने के निर्देश देंगे ।
हिमाचल प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की अन्य विभागों के कामों में तैनाती पर रोक लगा दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देशों का पालन करने के लिए पत्र जारी किया है। पत्र में स्पष्ट किया है कि चुनाव और जनगणना के कार्यों के अलावा किसी अन्य विभाग के काम के लिए शिक्षक नहीं जाएंगे। प्रशिक्षण और सेमीनार में जाने के लिए भी निदेशालय की मंजूरी लेनी होगी। शिक्षकों की गैरहाजिरी के चलते स्कूलों में प्रभावित हो रही पढ़ाई व्यवस्था का इसके लिए हवाला दिया गया है। सरकारी स्कूलों में गिरते शैक्षिक मानकों के मद्देनजर प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षकों की मौजूदगी के महत्व पर जोर देते हुए यह निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में किए गए निरीक्षणों में चिंताजनक परिणाम सामने आए हैं, जिसमें राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) में राज्य की रैंकिंग 2021 में 13 से गिरकर 21 हो गई है। इसको देखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के लिए अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देना शुरू किया गया है, लेकिन छात्रों की शिक्षा पर बाहरी गतिविधियों के लिए शिक्षकों की तैनाती के नकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं। कई प्राथमिक विद्यालय केवल एक या दो शिक्षकों के साथ संचालित होते हैं, जिससे उनकी अनुपस्थिति विशेष रूप से पढ़ाई का नुकसान कर रही है। ऐसे में निदेशालय ने अनिवार्य किया है कि चुनाव या जनगणना कर्तव्यों से संबंधित गतिविधियों के लिए शिक्षकों को निदेशालय से पूर्व अनुमति के बिना अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए। शिक्षकों की अनधिकृत तैनाती के लिए जिला उपनिदेशकों को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। पत्र में कहा है कि छात्रों के शैक्षिक अनुभवों की सुरक्षा के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों से सामूहिक प्रयासों का आह्वान भी किया है। इन आदेशों का पालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित शिक्षक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
**रेस्क्यू के लिए मंगवाया हेलीकॉप्टर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बीड़ बिलिंग से उड़े तीन विदेशी पैराग्लाइडर कुल्लू जिला की ऊंची पहाड़ियों में फंसे गए हैं, जिनको रेस्क्यू करने के लिए कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा सरकार से हेलीकॉप्टर की मांग की गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि बीड़ बिलिंग से तीन विदेशी पैराग्लाइडरों ने उड़ान भरी थी। जो दिशा भटक कर कुल्लू जिला में फोजल की ऊंची पहाड़ियों के बीच में फंस गए हैं, जिनमें एक पैराग्लाइडर यूके दूसरा न्यूजीलैंड तथा तीसरा ऑस्ट्रेलिया का बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें उड़ान भरने वाला एक पैराग्लाइडर चालक घायल हो गया है। बताया कि तीनों विदेशी पैराग्लाइडर जिला की लगभग 4 से 5000 फीट की ऊंचाई पर फोजल की पहाड़ियों के बीच में फंसे हुए हैं, जिनको रेस्क्यू करने के लिए गई टीम ने हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने का आग्रह किया है। विकास शुक्ला के मुताबिक प्रशासन द्वारा तीनो पेराग्लाइडरों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर मंगवाया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
**निर्माण कार्य को समयबद्ध पूर्ण करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार सांय नई दिल्ली के द्वारका में निर्माणाधीन हिमाचल निकेतन का दौरा कर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को इसका निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल निकेतन के निर्माण से हिमाचलवासियों को विभिन्न कार्यों के लिए राजधानी में ठहरने की सुविधा मिलेगी। इसकेे बनने से विशेषकर विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। इस पांच मंजिला भवन का निर्माण 57.72 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।