मंडी शहर अब केबल व नेटवर्किंग तारों के मक्कड़जाल से होगा मुक्त
** विद्युत बोर्ड ने ऑपरेटरों को थमाया नोटिस
मंडी: जिले में मंडी शहर में बिजली की खंभों पर मक्कड़जाल की तरह लटकी केबल, टेलीकॉम नेटवर्किंग की तारों को हटाने का मुद्दा शहरी निकाय के चुनावों में हर बार गुंजता है, लेकिन शहर की सरकार बनते ही हर बार यह मुद्दा गायब हो जाता है। तारों का यह जंजाल पिछले दो दशकों से विद्युत बोर्ड के लिए सिरदर्द बना हुआ है और यह जंजाल कम होने की बजाय और फैल रहा है। शहर की सरकार द्वारा मक्कड़जालनुमा इन तारों को हटाने के लिए कोई उचित कदम न उठाने के बाद विद्युत बोर्ड ने अब अपने स्तर पर ही कसरत शुरू कर दी है।
बता दें कि पिछले महीने 24 अगस्त को विद्युत बोर्ड के मंडी डिविजन कार्यालय द्वारा बिजली के खंभों से इन तारों को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था। इस नोटिस पर शहर के केबल व इंटरनेट नेटवर्किंग ऑपरेटरों ने कोई संजीदगी नहीं दिखाई, जिसके बाद अब विभाग ने 24 सितंबर को एक और अंतिम नोटिस भेजा, जिसमें 15 दिन के भीतर इन तारों को हटाने का अल्टीमेटम ऑपरेटरों को दिया गया है। विद्युत विभाग का कहना है कि यदि शहर के ऑपरेटरों द्वारा इस नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आगे विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा। वहीं विभाग का यह भी कहना है कि बिजली के खंभों पर झूल रही इन तारों के जंजाल से ही शहर में शॉर्ट सर्किट की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। इन तारों के कारण शॉर्ट सर्किट होने से यदि कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी इन्हीं ऑपरेटर्ज की होगी।
इस बारे में विद्युत उपमंडल-1 मंडी सहायक अभियंता नरेश ठाकुर ने बताया, "बिजली के खंभों पर बेतरतीब ढंग से लटकी इन तारों को हटाने के लिए विभाग एक्शन मोड में हैं। शहर में अनाधिकृत तरीके से लटकी इन तारों के कारण जहां विभाग के कर्मचारियों को खंभे पर लगी बिजली की तारों के रखरखाव में कई परेशानियां होती है। वहीं, शॉर्ट सर्किट होने का भी खतरा बना रहता है। बता दें कि मंडी शहर में हर ओर बिजली के खंभों पर तारों का ही जंजाल नजर आता है। तारों के ये मक्कड़जाल जहां शहर की खूबसूरती को बदनुमा दाग लगा रहे है। वहीं, शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं को भी बुलावा दे रहे हैं। वहीं, अब विद्युत विभाग ने शहर वासियों को इन तारों के जाल से मुक्ति दिलाने के कवायत शुरू कर दी, जिसके तहत अनधिकृत तरीके से लटकी इन तारों को हटाने के लिए अंतिम नोटिस भी विभाग की ओर से विभिन्न ऑपरेटरों को भेजे गए हैं।