मंडी (धर्मपुर): श्रमिक कल्याण बोर्ड में मजदूरों का नवीनीकरण करने के लिए यूनियन आयोजित करेगी शिविर

रुके लाभ जारी न होने के विरोध में 23 को सरकाघाट से भेजेंगे मांगपत्र और 10 अक्टूबर को मंडी में होगा विरोध
मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य श्रम कल्याण उप कार्यालय सरकाघाट में बोर्ड के रुके कार्यों को पुनः बहाल करने के लिए बोर्ड के फैसलों को जल्द लागू करने बारे बोर्ड कर्मचारियों से चर्चा की। जिसका नेतृत्व सीटू के ज़िला प्रधान व श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने किया। बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मंडी ज़िला में सबसे ज्यादा मज़दूर धर्मपुर खण्ड के बोर्ड से पंजीकृत हैं जिनकी संख्या 19 हज़ार से अधिक हैलेकिन पिछले दो साल बोर्ड का काम लगभग बन्द रहा और मनरेगा मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण रोक दिया गया था लेकिन अब ये रोक हट गई है इसलिए सीटू से सबंधित यूनियन ने अगले एक महीने में पात्र मजदूरों का नवीनीकरण करवाने के लिए क्षेत्र स्तर पर शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है।जिसके चलते 16 सितंबर को कांगो का गहरा 17 को सजाओपीपलु 19 को लखरेहड़ 20 को टिहरा 21 को धर्मपुर 24 को संधोल और 28 को बरोटी में शिविर आयोजित किए जाएंगे,जिनमें नवीनीकरण बारे पूर्ण जानकारी मज़दूरों की दी जायेगी।अगले चरण में अक्टूबर माह में पंचायत स्तर पर भी ऐसे शिविर व बैठकें आयोजित किये जायेंगे ताकि अगले दो महीनों में सभी मजदूरों का नवीनीकरण हो सके।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड से पिछले तीन साल की लम्बित वित्तिय सहायता अभी भी सही तरीके से व समय पर जारी नहीं हो रही है और जो आवेदन बोर्ड राज्य कार्यालय शिमला को भेजे जाते हैं उन्हें बार बार ऑब्जेक्शन लगा कर वापिस लौटाया जा रहा है।मंडी ज़िला श्रम कल्याण अधिकारी कार्यालय में 31 हज़ार मज़दूरों के फ़ार्म लंबित पड़े हैं और जो सात हज़ार बोर्ड कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे थे उन्हें तीसरी चौथी बार वापिस लौटा दिया गया है इसलिए यूनियन बोर्ड की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ 23 सितंबर को सभी खण्डों से बोर्ड को ज्ञापन भेजेगी और 15 दिनों में ये लाभ जारी नहीं होते हैं तो 10 अक्टूबर को मंडी ज़िला के साथ साथ प्रदेश के सभी ज़िलों में बोर्ड के ख़िलाफ़ यूनियन प्रदर्शन करेगी।
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इसके विरोध में गत बोर्ड बैठक की प्रोसिडिंग को भी अनुमोदित नहीं किया है और अध्यक्ष को तीन पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज़ करवाया है लेकिन बाबजूद उसके कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हो रहा है इसलिए अब मज़बूरी में आंदोलन करने के लिए निर्णय लेना पड़ा है लेकिन यूनियन अभी भी बोर्ड की कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त करने और लंबित लाभ जल्द जारी करने की मांग करती है।गत 5 अगस्त को हुई बोर्ड की बैठक में अगले तीन महीने में ये सभी लाभ जारी करने का फ़ैसला हुआ है लेकिन अभी तक मंडी ज़िला के एक भी मज़दूर की वित्तिय सहायता जारी नहीं कि गयी।