मंडी: शिकारी देवी, कमरूनाग और शैटाधार में सीजन की पहली बर्फबारी...
मंडी: बीते कल प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी देखने को मिली है। वहीं, मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी माता शिकारी देवी, शैट्टाधार, तुगासींगढ जैसे धार्मिक स्थलों में इस सर्दी का पहला हिमपात होने से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फबारी से ऊंची चोटियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। चोटियों में हल्की बर्फबारी के बाद मंडी जिला ठंड की चपेट में आ गया है। बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार के लिए मंडी जिले की सभी ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का अलर्ट जारी किया था। हालांकि उम्मीद के मुताबिक बर्फबारी नहीं है, लेकिन हल्की बर्फबारी से पर्यटकों और बागवानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। आने वाले दिनों में बागवानों को अच्छी बर्फबारी की उम्मीद है। उपमंडल अधिकारी थुनाग रमेश कुमार ने बताया कि शिकारी माता मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। थुनाग में किसी भी पर्यटक के बर्फबारी के बीच फंसे होने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि मौसम के खराब होने पर शिकारी माता और ऊंची चोटियों पर बने किसी मंदिर या क्षेत्रों में न जाएं।
जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी के कपाट हर साल 15 नवंबर के बाद 4 से 5 मार्च तक के लिए बंद रहते हैं, क्योंकि इसके बाद यहां हल्की बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाती है। सराज घाटी में जंजैहली से 16 किलोमीटर दूर शिकारी देवी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिस पर आज तक कोई छत नहीं बनाई गई है। मंदिर कमेटी के सदस्य धनीराम ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया था कि कई कोशिशों के बाद भी इस रहस्यमय शिकारी देवी मंदिर की छत नहीं बन पाई। शिकारी माता खुले स्थान पर आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती है। कई कोशिशें करने के बाद माता ने मंदिर पर छत बनाने की अनुमति नहीं दी। माता की अनुमति के बिना यहां एक पत्थर भी नहीं लगाया जा सकता है। बारिश, आंधी, तूफान और बर्फबारी में भी शिकारी माता खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती हैं। शिकारी शिखर की पहाड़ियों पर हर साल सर्दियों में कई फीट तक स्नोफॉल होता है।\ मंदिर के प्रांगण में भी कई फीट तक बर्फ गिर जाती है, लेकिन छत न होने के बाद भी माता की मूर्ति पर ना बर्फ टिकती है और ना ही जमती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण अज्ञातवास में पांडवों ने करवाया था।