मंडी: गाद में डूबा 84 करोड़ की योजना का ट्रैश रैक, मंडी में पानी के लिए हाहाकार

मंडी शहर में शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी पेयजल के लिए हाहाकार मचा रहा। हालात यह है कि प्राकृतिक जल स्रोतों पर लोगों की भीड़ लग रही है। सुबह-शाम लोग प्राकृतिक स्रोतों से पानी लाकर गुजारा कर रहे हैं। मानसून की पहली ही बारिश से मंडी शहर की करीब 84 करोड़ रुपये खर्च कर बनाई ऊहल पेयजल योजना हांफ गई है। करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद बरसात में गाद भरने जैसी स्थिति से निपटने और निर्बाध पेयजल मुहैया करवाने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किए जा सके हैं। बरसात की शुरूआत में ही महत्वपूर्ण पेयजल योजना के हांफने से मंडी शहर के लोगों में भारी आक्रोश है। योजना के ठप होने से लगातार तीसरे दिन भी पेयजल की सप्लाई न मिलने से शहर में स्थिति बिगड़ने लगी है। लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लाना पड़ रहा है। इससे दिनचर्या के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, ऐसे में लोगों को पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। बावड़ियों और अन्य स्रोतों पर भी पानी के लिए लोगों की कतारें लग रही हैं। मंडी शहर के जैंचू नौण, शिवा बावड़ी, स्कूल बाजार, पैलेस कालोनी, पुलघराट आदि स्थानों पर शनिवार को दिनभर पानी के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। शहरवासियों में अशोक कुमार, रचना, रीता देवी, राजेश ठाकुर, नरेंद्र सैणी, राकेश, संजीव कुमार, निशांत, ओम प्रकाश, शिवम, धर्मचंद, रेखा आदि ने बताया कि पेयजल के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग को चाहिए कि बरसात में पेयजल के लिए पुख्ता इंतजाम करें। बारिश के कारण बरोट से लगातार पानी ऊहल नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नदी के आर-पार बनी ट्रेंच वीयर में बार-बार गाद भर रही है। ट्रेंच वीयर में लगा ट्रैश रैक बंद हो रहा है। इसे साफ करने के लिए कर्मचारी को ट्रेंच वीयर में उतरना पड़ेगा, जिसकी इस समय गहराई 4 से 5 फीट है। इसके ऊपर तीन से चार फीट पानी की गहराई है। ऐसे में इसकी अभी सफाई करना संभव नहीं हो पा रहा है। शहर के कुछ इलाकों में वैकल्पिक व्यवस्था से पेयजल सप्लाई देने का प्रयास किया जा रहा है।