नगर निगम सोलन का हक़ - भाग 2
12 पंचायतों को शामिल करने की आवश्यकता, सिर्फ सपरून ने दी सहमति
सोलन को नगर निगम बनाने के लिए शहर की समीपवर्ती 12 पंचायतों को शहरी परिसीमन में शामिल किया जाना आवश्यक हैं। दरअसल, बिना इन पंचायतों के विलय के 50 हज़ार जनसँख्या का मापदंड पूरा नहीं होता। इनमें से कुछ पंचायतों का आंशिक विलय होना हैं तो कुछ का पूरा। नगर निगम के लिए अब तक आश्वासन तो खूब मिले, लेकिन जिन पंचायतों को शहर में मिलाया जाना हैं उन्हें कभी भी एक मंच पर लाकर चर्चा नहीं की गई।
जानकारी के अनुसार 2018 में नगर परिषद् ने ऐसी 8 पंचायतों को नोटिस जारी किये थे, किन्तु कुछ नहीं हुआ। नगर परिषद् अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर के अनुसार हालहीं में लोकसभा चुनाव की आचार सहिंता लगने से पूर्व कुछ पंचायतों को नोटिस ज़ारी किये गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी पंचायत से कोई जवाब नहीं मिला हैं। हालांकि मिली जानकारी अनुसार इनमें से एक पंचायत (सपरून ग्राम पंचायत ) ने ग्राम सभा में इस हेतु प्रस्ताव पारित किया हैं। इसके अतिरक्त किसी भी पंचायत की ग्राम सभा में इस हेतु प्रस्ताव पारित होने की कोई जानकारी नहीं हैं।
फ्लोटिंग आबादी कहीं अधिक
2011 सेंसेस के अनुसार शहर की आबादी करीब 39200 हैं। किन्तु इसमें कोई संशय नहीं हैं कि शहर की फ्लोटिंग आबादी 70 हज़ार से भी अधिक हैं। शहर में करीब 20 छात्र रहते हैं, जो आसपास के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ले रहे हैं।
लोग भी चाहते हैं शामिल होना
विलय की जाने वाली पंचायतों को एक मंच पर लाकर कभी चर्चा नहीं की गई। कई पंचायतों के लोग भी नगर निगम में शामिल होना चाहते हैं, किन्तु उनसे कभी भी संवाद स्थापित करने का प्रयास नहीं किया गया।
ग्राम पंचायत सपरून ने किया प्रस्ताव पास
अधिकांश ग्राम पंचायतों की ग्राम सभा में इस हेतु प्रस्ताव नहीं लाया गया। सिर्फ ग्राम पंचायत सपरून में इस हेतु 7 जुलाई को प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें पंचायत के आबादी बहुल क्षेत्र को शहरी परिसीमन में शामिल करने पर सहमति बनी थी।
वित्तीय लाभ पर नहीं स्पष्टता
विलय होने वाली पंचायतों को क्या लाभ दिए जाएंगे और उनके वित्तीय लाभ कब तक और किस प्रारूप में ज़ारी रहेंगे, इस बार में कोई फार्मूला नहीं सुझाया गया।