हिमाचल में होगी जातीय जनगणना, दिल्ली में सीडब्ल्यूसी बैठक में हुआ फैसला
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-जातिगत सर्वेक्षण के बाद आर्थिक आधार पर भी होगा सर्वे
हिमाचल प्रदेश में भी जातीय जनगणना होगी। दिल्ली में सोमवार को संपन्न कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी ) की मीटिंग में इसे लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। सीडब्ल्यूसी की चार घंटे तक चली चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव के मुताबिक, कांग्रेस शासित हिमाचल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी जातीय गणना करेंगे। देश में आज से पहले कभी भी जातीय जनगणना नहीं हुई।
खास बात यह है कि आर्थिक बदहाली झेल रहे प्रदेश में सरकार दूसरे चरण में आर्थिक सर्वेक्षण भी करेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पिछड़े और गरीब तबके तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने को इस सर्वेक्षण का आधार बताया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में बाकायदा इस बारे में प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में कांग्रेस ने अन्य तीन राज्यों के साथ ही हिमाचल में भी जनगणना को जातिगत मोड़ देने का फैसला किया है। दरअसल, देश में कांग्रेस की सरकार चार राज्यों में है और इन सभी में भविष्य में एक साथ पहले जातिगत और उसके बाद आर्थिक आधार पर गणना होगी। हिमाचल के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकारें हैं और यहां भी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने जातिगत सर्वेक्षण का फैसला किया है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में जातिगत सर्वे को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है। इसके साथ ही कांग्रेस देश की दूसरी ऐसी पार्टी भी बन गई है जो जातिगत आधार पर जनसंख्या की गणना करने जा रही है। इससे पूर्व हाल ही में बिहार सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण किया है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने इस सर्वेक्षण के बाद सामने आए आंकड़ों को भी सार्वजनिक कर दिया है। खास बात यह है कि कांग्रेस ने इस सर्वे में आर्थिक आधार को भी जोड़ा है। पार्टी के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से पहले बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की अध्यक्षता में आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में फैसला आने के बाद सांसद राहुल गांधी ने मीडिया को कांग्रेस के इस कदम की जानकारी दी।
जहां जीतेंगे, वहां जातिगत सर्वे करवाएंगे
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि हिमाचल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जातीय जनगणना करवाई जाएगी। इसके बाद जिन राज्यों में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी, उनमें भी जातिगत सर्वे करवाने का फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि समाज का एक्स-रे होना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्स-रे करवाने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों को उनका हक दिलवाने के लिए इसके बाद आर्थिक आधार पर भी सर्वेक्षण होगा।