हिमाचल की जेलों में कैदियों के साथ नहीं होगा जातीय भेदभाव

**जाती या संप्रदाय के आधार पर नहीं दिया जाएगा काम
अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाती के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा और न ही उनके रिकॉर्ड में हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई यानी समुदाय या संप्रदाय का उल्लेख होगा...हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में अब संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने अधिसूचना भी जारी की है। कैदियों में जातीय आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण और पृथक्करण नहीं किया जाएगा। मैला ढोने, सीवरेज प्रणाली और सैप्टिक टैंक की सफाई भी कैदियों से नहीं करवाई जाएगी। कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट के तीन अक्टूबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर ये बदलाव किए गए हैं. कारागार नियमावली में किए गए नए संशोधन के अनुसार, जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव न हो और अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में रहने वाले कैदियों के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा।