राजीव गाँधी के इन तीन फैसलों से बदली हिंदुस्तान की तस्वीर
( words)
हिंदुस्तान के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। महज 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21वीं सदी के भारत का निर्माता माना जाता है। बतौर प्रधानमंत्री एक बार राजीव गाँधी ने माना था कि भ्रष्टाचार की वजह से एक रुपये में से सिर्फ 15 पैसे ही वास्तविक जरुरतमंदो तक पहुँच पाते है।
कहा जाता है कि राजीव कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे और न ही उनकी पत्नी सोनिया ये चाहती थी। पर माँ इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद हालत कुछ यूँ बदले कि राजीव को राजनीति में आना पड़ा।जाने राजीव गाँधी के उन तीन फैसलों के बारे में जिन्होंने हिंदुस्तान की दशा -दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पंचायतों को किया सशक्त :राजीव गांधी मानते थे कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सशक्त नहीं होगी, तब तक सबसे निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। इसलिए राजीव ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त बनाने का काम शुरू किया।
- भारत में कंप्यूटर व संचार क्रांति लाये : राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। कंप्यूटर को घर -घर पहुँचाने के लिए उन्होंने कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की पहल की। उनके कार्यकाल में भारत में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की दिशा में काफी विकास हुआ। हिंदुस्तान की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां एमटीएनएल और वीएसएनएल भी उन्ही के कार्यकाल में स्थापित हुई।
- वोट देने की उम्र सीमा घटाई: हिंदुस्तान में पहले 21 वर्ष या अधिक के लोग ही पहले वोट दे सकते थे। प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में ही इस व्यवस्था में बदलाव हुआ और उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार दिया।