जयराम सरकार ने हिमाचल को शिखर से सिफर तक पहुंचा दिया: मुकेश अग्निहोत्री

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश की जयराम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि विभिन्न मामलों पर वे निरंतर सरकार काे घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन आने वाले दिनों में उपचुनाव भी होने हैं, सो अग्निहोत्री टॉप गियर में दिख रहे है। मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि जयराम सरकार ने हिमाचल काे शिखर से सिफर तक पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल का विकास प्रदेश निर्माता डॉ. परमार और आधुनिक हिमाचल के निर्माता वीरभद्र सिंह कांग्रेस की देन है, जिसे संजोकर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जयराम राज में प्रदेश का विकास सिर्फ सराज तक ही सिमट कर रह गया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा के दिवंगत सांसद रामस्वरूप शर्मा आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से करवाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि अगर परिवार चाहेगा तो जांच सीबीआई से करवाई जाएगी लेकिन अब तक ऐसा क्यों नहीं हुआ ? मुकेश ने कहा कि अब परिवार भी चाह रहा है तो इसकी जांच सीबीआई से ही करानी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में होने वाले चार उप चुनाव से पहले सरकार आनन-फानन में घाेषणाएं कर रही है। प्रदेश की जनता सब जानती है कि इस वक्त केंद्र और प्रदेश की सरकार कितने पानी में हैं। मुकेश की माने ताे ठीक उप चुनाव से पहले लोकलुभावन भाषण देने से भाजपा को जीत नहीं मिलने वाली।
सराज से आगे नहीं बढ़ पाए सीएम
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज से आगे नहीं बढ़ पाए और सिर्फ विधायक की भूमिका में ही हैं। विकास के लिए आने वाले बजट और नौकरियों की बंदरबांट हो रही है। उन्होंने सीएम से पूछा कि हवाई अड्डे के लिए जमीन कब फाइनल होगी और कब हवाई अड्डा बनकर तैयार होगा। भाजपा के मेनिफेस्टो में फैक्टर टू लागू करने की बात कही गई है मगर आज तक फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा नहीं मिला है।
चारों उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की होगी जीत
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने दावा किया कि प्रदेश में होने वाले चार उपचुनाव पर कांग्रेस की जीत हाेगी। उन्होंने कहा कि अर्की और फतेहपुर विधानसभा सीट पहले ही कांग्रेस के पास थी। अब जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र और मंडी संसदीय सीट पर भी जीत हमारी हाेगी। मुकेश ने आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी सरकार से खुश नहीं हैं। यही वजह है कि बीते दिनों कुछ लाेगाें काे मनाने के लिए बोर्ड एवं निगमों में डेढ़ साल के लिए पद सौंपा गया।