उम्मीदों की गठरी के साथ बिंदल बने 'बॉस'

प्रदेश अध्यक्ष को बदल भाजपा एक दफा फिर हिमाचल में संगठन को धार देने की कवायद में जुट गई है l नए प्रदेश अध्यक्ष ने आते ही भाजपा को विजय श्री की ओर आगे बढ़ाने का दावा कर दिया है l संगठन की सर्जरी की शुरुआत हो गई है और जल्द 'बॉटम टू टॉप' बड़े बदलाव तय है l उम्मीद है कि अब भाजपा डिफेंसिव नहीं बल्कि सुपर अग्रेसिव होकर मैदान में उतरेगी। उम्मीद है कि प्रदेश भाजपा का कायाकल्प होगा और उम्मीद है कि अब गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा l उपेक्षित नेताओं को तवज्जो की उम्मीद है और आम कार्यकर्ताओं को आवश्यक संवाद की l बहरहाल उम्मीदों की इस गठरी के साथ ही डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हो चुकी है और अब आने वाला वक्त ही तय करेगा कि बिंदल की अगुवाई में भाजपा क्या रंग कितना निखरता हैl
विदित रहे कि पहले उपचुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए परिस्थितियां ठीक नहीं रही है l बेशक हार के कारण कई हो मगर बात घूम फिर कर हर बार लचर संगठन पर आकर ही टिक जाया करती रही l 'सरकार और संगठन एक है' के नारों के बीच भाजपा की संगठनात्मक मिस मैनेजमेंट किसी से छुपी नहीं रही l चुनावों में न तो पार्टी आपसी धड़ों में किसी तरह का कोई संतुलन दिखा और न ही पार्टी बागियों को मना पाई l 'पार्टी विद डिसिप्लिन' के संगठन की हालत इतनी खराब थी कि एक तिहाई सीटों पर बागियों ने ताल ठोकी थी । खुद प्रधानमंत्री मोदी के फ़ोन के बाद भी बगावत की लपटें सुलगती रही l ये पोलिटिकल मिस मैनेजमेंट ही था जो लगातार पार्टी की लुटिया डुबाता रहा, और अब पार्टी ने सभी माहिरों को चौंकाते हुए डॉ राजीव बिंदल को संगठन की सरदारी सौंपी है l
भाजपा के तेज़ तर्रार नेताओं में शामिल डॉ राजीव बिंदल पार्टी के निष्ठावान नेताओं में से है, और बिंदल की मैनेजमेंट और सियासी कौशल का भी कोई सानी नहीं l बिंदल की संगठनात्मक कुशलता भी औरों से बेहतर आंकी जाती है l इसके अतिरिक्त बिंदल फिलवक्त किसी गुट विशेष में नहीं माने जाते है, सो पार्टी में संतुलन साधने के लिहाज से भी उनकी नियुक्ति अच्छा कदम साबित हो सकती हैl बहरहाल भाजपा को एक मेकओवर की ज़रुरत थी जो अब पार्टी को मिलता दिखाई दे रहा है। उम्मीदें बढ़ गई है कि अब एक तय रणनीति पर पार्टी आगे बढ़ेगी और नगर निगम शिमला और लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बेहतर होगी l
यहाँ इस बात का ज़िक्र भी ज़रूरी है कि बिंदल तीन सालों के अंतराल में दूसरी बार अध्यक्ष बने है l पिछली बार बिंदल के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहते हुए स्वास्थ्य विभाग में अवैध लेनदेन की एक घटना सामने आई थी जिसके बाद बिंदल ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी l अब फिर बिंदल की ताजपोशी हो चुकी है और कार्यकर्ताओं ने पूरी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया है और कार्यकर्ताओं के साथ ही एक चुनौती भी बिंदल के स्वागत में खड़ी है, वो है शिमला नगर निगम चुनाव । अपने हिसाब से संगठन में जोड़ तोड़ करने या एडजस्ट होने का समय बिंदल को नहीं मिला है, बल्कि सीधे ही उन्हें बीच रण में उतारा गया है l अब बिंदल आते ही कोई चमत्कार कर पाते है या नहीं, ये तो 4 मई को ही पता चलेगा l