प्रदेश ही नहीं देश के सियासी पटल पर भी दमदार है अनुराग
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर निसंदेह हिमाचल का वो चेहरा है जिसे देश-विदेश में भी लोग न सिर्फ पहचानते है, बल्कि पसंद भी करते है। वर्तमान में मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा युवा एवं खेल मंत्रालय का भार संभाल रहे 48 वर्षीय अनुराग ठाकुर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चौथी बार सांसद है। 2019 में जब मोदी सरकार दूसरी बार सत्ता में लौटी तो अनुराग ठाकुर को वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था। फिर जुलाई 2021 में उनका कद बढ़ा और वे केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन गए। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में जन्में और पले बढ़े अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे है। पर इसका मतलब ये नहीं है कि अनुराग आसानी से सियासत में स्थापित हो गए। उन्होंने एक आम कार्यकर्ता की तरह वर्षों संगठन में काम किया और हर मौके पर खुद को साबित भी किया। 2010 में वे भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और लगातार तीन टर्म तक इस पद पर रहे। संभवतः वे भाजयुमो में अब तक के सबसे लोकप्रिय अध्यक्ष रहे है। क्रिकेट की सियासत में भी अनुराग ठाकुर की खासी दिलचस्पी रही है। साल 2000 में अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने और चार बार इस पद पर रहे। प्रदेश में धर्मशाला स्टेडियम उन्हीं की देन है। इसी बीच मई 2016 में अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के प्रेजिडेंट भी बने लेकिन लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उन्हें ये पद छोड़ना पड़ा।
बहरहाल भाजपा समर्थकों का एक बड़ा तबका ये चाहता है कि अनुराग प्रदेश की कमान संभाले। उधर बार-बार अनुराग ठाकुर दोहराते रहे है कि वे केंद्र में खुश है और फिलवक्त प्रदेश की सियासत में एंट्री का उनका कोई इरादा नहीं है। पर हिमाचल की सियासत से अनुराग को अलग नहीं रखा जा सकता। वैसे भी जानकार मान रहे है कि आठ दिसंबर को रिवाज नहीं बदला तो भाजपा में बहुत कुछ बदलना है। ऐसे में मुमकिन है कि 2027 आते-आते समीरपुर से शिमला का सियासी मार्ग फिर प्रशस्त हो जाएँ। पर अनुराग ठाकुर केंद्र की राजनीति का भी बड़ा नाम है। वर्तमान में कैबिनेट मंत्री है। अनुराग पार्टी के उन चुनिंदा चेहरों में से एक है जो अक्सर कैमरे के आगे आकर सरकार की बात रखते है। अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के उन गिने चुने नेताओं में से है जिनकी पहचान देश के हर कोने में है। ऐसे में अगर अनुराग केंद्र में भी जमे रहते है तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उनमें सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता है।