किसकी सरकार..क्या कहता हैं फलोदी का सट्टा बाजार
![falaudi-satta-bazaar-on-elections](https://firstverdict.com/resource/images/news/image33556.jpg)
- यहाँ विधानसभा चुनावों से लेकर अमेरिका के चुनावों तक पर लगता हैं सट्टा !
- चुनावों में सट्टे के लिए विख्यात है फलोदी
फलोदी ; ताजा पहचान ये है कि ये कस्बा नया -या जिला बना है, पहले जोधपुर जिला का भाग हुआ करता था। हालांकि अब भी ये कस्बे की तरह ही है, एक ऐसा जीवंत कस्बा जहाँ पुरानी इमारतों की वास्तुकला उसके समृद्ध इतिहास की आज भी गवाही देती है। सर्दी के दिनों में यहां से नज़दीक खिचन नाम के एक गांव में प्रवासी पक्षी मौसम का मज़ा लेने आते हैं। पर ये फलोदी की असल पहचान नहीं है। पहचान ये है कि फलोदी का सट्टा बाजार के लिए पूरे देश में नाम है, या बदनाम है; ये सब अपने हिसाब से तय करते है। दरअसल ये ही फलोदी की पहचान है। यहां नुक्कड़ से लेकर घरों तक सट्टा खेला जाता है। कहते है फलोदी में सट्टे का काम बीते 500 साल से चल रहा है। बड़े से लेकर बच्चे तक फलोदी सट्टा बाजार में एक्टिव हैं। सट्टा यहां के लोगों का जूनून है। अगर कुछ नहीं होता है तो हवा में चप्पल उछालकर दांव लगा लेते हैं कि चप्पल उल्टी गिरेगी या सीधे।
फलोदी में चार तरह का सट्टा लगता है। इनमें बारिश, क्रिकेट, चुनाव और अंकों का सट्टा शामिल है। पर जिसने इसे अलग पहचान दिलाई वो है चुनाव का सट्टा। विधानसभा और लोकसभा चुनव में ही नहीं, अमेरिका का राष्ट्रपति कौन बनेगा, ये भी यहाँ का सट्टा बाज़ार बता देता है। कहते है यहां चुनावी सट्टा देश में पहले चुनावों के साथ ही शुरू हो गया था।
चुनाव के दौरान फलोदी के मुख्य बाज़ार में बने चौक में सुबह 11 बजे से लोग जमा होने शुरू होते हैं और देर रात तक जमावड़ा लगा रहता है। दृश्य कुछ ऐसा होता है मानो चुनावी विश्लेषकों का कोई समूह समीक्षा कर रहा हो। तथ्यों पर आधारित तर्क वितर्क होता है। इसके लिए सट्टेबाज ख़बरों पर पैनी नजर रखते हैं। साथ ही अलग-अलग इलाक़ों में बात कर लोगों की नब्ज़ टटोलते हैं, यानी उनका अपना सर्वे होता है। ये राजनीतिक दलों के आंतरिक समीकरणों को देखकर भी अपना आंकलन करते हैं। कहते है हवा का रुख भांपने में ये कोई गलती नहीं करते। इस सट्टे के कारोबार में दलाल, लगाइवाल और खाइवाल, तीन कड़ियां होती हैं। जानकार कहते हैं कि सट्टा बाज़ार का चुनावी आंकलन अधिकांश मौकों पर सही साबित होता है। सट्टा ग़ैर-क़ानूनी है, ऐसे में स्वाभाविक है इस बाजार में सब कुछ ज़ुबानी और एक दूसरे के भरोसे पर चलता है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और लाजमी है जब चुनाव राजस्थान का हो तो निगाह फलोदी सट्टा बाजार पर भी टिकी है। बताया जा रहा हैं कि राजस्थान में फलोदी का सट्टा बाजार भाजपा की सरकार बनने का दावा कर रहा है, वहीं इनके अनुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही होगी। इनकी मानें तो प्रचार के अंतिम सप्ताह में पीएम मोदी के धुआँधार प्रचार का लाभ राजस्थान में भाजपा को मिला है। फलोदी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजों की भी भविष्यवाणी हो रही है। इनके अनुसार छत्तीसगढ़ में जहाँ कांग्रेस रिपीट कर सकती है, तो वहीं मध्य प्रदेश में 2018 की तरह ही कांटे का मुकाबला है जहाँ कांग्रेस को चंद सीटें ज्यादा मिल सकती है। आपको बता दें कि फलोदी सट्टा बाजार का आंकलन हिमाचल, कर्नाटक और गुजरात विधानसभा में करीब-करीब ठीक था। हालांकि, पश्चिम बंगाल में फलौदी सट्टा बाजार भाजपा को जीता रहा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बहरहाल मतदान की गणना 3 दिसंबर को की जाएगी तभी साफ हो पाएगा कि कहाँ किसकी सरकार बनेगी।
नोट : सट्टा बाजार के दावों का हम समर्थन नहीं करते है। इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे तथाकथित रुझानों को दिखाना है। सट्टा खेलना गैर-कानूनी है, कृपया इससे दूरी बनाए रखें।
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