15 राज्य, 357 लोस सीटें और सिर्फ 14 सांसद..अब यात्रा से उम्मीदें
( words)
![BHARAT-JODO-NYAY-YATRA-COVERING-100-LOKSABHA-SEATS](https://firstverdict.com/resource/images/news/image34422.jpg)
- 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा
15 राज्य, 357 लोकसभा सीटें और कांग्रेस के सिर्फ 14 सांसद। सत्ता और कांग्रेस के बीच ये ही बड़ा फर्क है। ये ही जहन में रखते हुए कांग्रेस ने राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रूट तय किया है। हालांकि यात्रा उक्त 15 राज्यों की सिर्फ 100 लोकसभा सीटों से गुजरेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 357 में से कांग्रेस के खाते में सिर्फ 14 सीटें आई थी। जहाँ गठबंधन था वहां सहयोगी भी कुछ ख़ास नहीं कर सके थे।
दरअसल कांग्रेस का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गाँधी की छवि को बदला, राहुल गाँधी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है और कांग्रेस की कर्णाटक और तेलंगाना में जीत के पीछे भी भारत जोड़ो यात्रा एक अहम वजह है। ये ही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले अब कांग्रेस फिर एक यात्रा निकालने जा रही है। मकसद साफ है, राहुल सड़क पर उतरेंगे, 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा सीटों को पैदल नापेंगे, जनसंवाद भी होगा और कार्यकर्ताओं में जोश भी आएगा। बहरहाल क्या और कितना होगा, ये लोकसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे पर कांग्रेस आगामी चुनाव में सब कुछ झोंकने को तैयार है।
यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत 67 दिनों में 6713 किमी का सफर तय करेंगे। यह यात्रा 15 राज्यों के 110 जिले से होकर गुजरेगी और इसके अन्तर्गत 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा सीटें आएगी। यात्रा का सबसे लंबा चरण उत्तर प्रदेश में होगा जहां राज्य के 20 जिलों को कवर करने के लिए 11 दिन आवंटित किए गए हैं। 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश में, सबसे पुरानी पार्टी को पिछले चुनावों में कांग्रेस के एक लोकसभा सांसद के साथ कोई सीट नहीं मिली थी। सोनिया गांधी यूपी की रायबरेली सीट से एकमात्र कांग्रेस सांसद हैं। वहीँ यात्रा बिहार के सात जिलों और झारखंड के 13 जिलों से भी गुजरेगी, राहुल गांधी की यात्रा बिहार और झारखण्ड में क्रमशः 425 किमी और 804 किमी की दूरी तय करेगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर, नागालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और अंत में महाराष्ट्र राज्यों से होकर गुजरेगी।
विदित रहे कि इससे पहले राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक भारत जोड़ो यात्रा की थी। 145 दिनों की यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में खत्म हुई थी। तब राहुल ने 3570 किलोमीटर की यात्रा में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था।
दरअसल कांग्रेस का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गाँधी की छवि को बदला, राहुल गाँधी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है और कांग्रेस की कर्णाटक और तेलंगाना में जीत के पीछे भी भारत जोड़ो यात्रा एक अहम वजह है। ये ही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले अब कांग्रेस फिर एक यात्रा निकालने जा रही है। मकसद साफ है, राहुल सड़क पर उतरेंगे, 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा सीटों को पैदल नापेंगे, जनसंवाद भी होगा और कार्यकर्ताओं में जोश भी आएगा। बहरहाल क्या और कितना होगा, ये लोकसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे पर कांग्रेस आगामी चुनाव में सब कुछ झोंकने को तैयार है।
यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत 67 दिनों में 6713 किमी का सफर तय करेंगे। यह यात्रा 15 राज्यों के 110 जिले से होकर गुजरेगी और इसके अन्तर्गत 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा सीटें आएगी। यात्रा का सबसे लंबा चरण उत्तर प्रदेश में होगा जहां राज्य के 20 जिलों को कवर करने के लिए 11 दिन आवंटित किए गए हैं। 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश में, सबसे पुरानी पार्टी को पिछले चुनावों में कांग्रेस के एक लोकसभा सांसद के साथ कोई सीट नहीं मिली थी। सोनिया गांधी यूपी की रायबरेली सीट से एकमात्र कांग्रेस सांसद हैं। वहीँ यात्रा बिहार के सात जिलों और झारखंड के 13 जिलों से भी गुजरेगी, राहुल गांधी की यात्रा बिहार और झारखण्ड में क्रमशः 425 किमी और 804 किमी की दूरी तय करेगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर, नागालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और अंत में महाराष्ट्र राज्यों से होकर गुजरेगी।
विदित रहे कि इससे पहले राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक भारत जोड़ो यात्रा की थी। 145 दिनों की यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में खत्म हुई थी। तब राहुल ने 3570 किलोमीटर की यात्रा में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था।
जहाँ सत्ता में, वहां यात्रा नहीं
दिलचस्प बात ये है कि जिन तीन राज्यों में कांग्रेस के सीएम है वहां ये यात्रा नहीं पहुंचेगी। यात्रा कर्णाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश से नहीं गुजरेगी। संभवतः यहाँ कांग्रेस ने पूरी तरह लोकसभा चुनाव का जिम्मा स्थानीय नेतृत्व को देने का निर्णय ले लिया है। शायद पार्टी को लगता है कि इन तीन राज्यों में पार्टी की स्थिति बेहतर है।