स्कोर लेवल : मंडी नगर निगम पर भाजपा, पालमपुर पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार
- वीरेंद्र भट्ट मेयर और माधुरी कपूर बनी डिप्टी मेयर
हिमाचल प्रदेश के मंडी नगर निगम पर फिर से भाजपा ने कब्जा कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने शनिवार को सर्वसम्मति से नया मेयर व डिप्टी मेयर चुन लिया है। पूर्व डिप्टी मेयर वीरेंद्र भट्ट को नया महापौर और माधुरी कपूर को उप महापौर बनाया गया है। मंडी में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए वोटिंग की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि 15 में से 11 पार्षद भाजपा के पास पहले से थे। वहीँ तीन दिन पहले ही राज्य सरकार ने विधायकों को भी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोटिंग राइट दिया है। मंडी नगर निगम की परिधि में तीन विधानसभा क्षेत्र पड़ते है। तीनों विधानसभा पर भाजपा का कब्जा है। ऐसे में तीन भाजपा विधायकों के वोट को मिलाकर भाजपा के पास 14 का बहुमत था। वहीँ कांग्रेस ने मंडी में मेयर व डिप्टी बनाने की कोशिश भी नहीं की।
वहीँ पालमपुर नगर निगम में एक बार फिर कांग्रेस के मेयर व डिप्टी मेयर बने है। गोपाल सूद महापौर, जबकि उप महापौर के तौर पर राजकुमार की ताजपोशी हुई है। नगर निगम पालमपुर में 15 वार्ड हैं और इन 15 वार्डों में कांग्रेस के पास 11, दो भाजपा व दो निर्दलीय पार्षद हैं। दो निर्दलीय पार्षदों ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। ऐसे में ढाई साल के बाद हुए महापौर उप महापौर के चुनाव में भाजपा के पास कोई मौका हीनहीं था। यह पहले से ही तय था कि महापौर व उप महापौर कांग्रेस का ही बनेगा।
दो नगर निगमों के बाद अब सोलन और धर्मशाला नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर का चयन होना है। सोलन नगर निगम पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। यहां कांग्रेस पहले ही पूर्ण बहुमत की स्थिति में है। विधायक के वोटिंग राइट से एक ओर वोट बढ़ा है। मगर, धर्मशाला में विधायक को वोटिंग राइट मिलने से मुकाबला रोचक हो गया है।
धर्मशाला नगर निगम में उलटफेर की सम्भावना बन सकती है। 17 में से कांग्रेस के पास 5 पार्षद और भाजपा के पास 8 पार्षद है। यहां दो निर्दलीय पार्षद भाजपा समर्थित और दो कांग्रेस समर्थित जीते हुए हैं। यानी चार निर्दलीय है। यहां विधायक कांग्रेस का है। ऐसे में कांग्रेस विधायक और चार निर्दलीय का मेयर-डिप्टी मेयर चुनने में निर्णायक भूमिका रहने वाली है। उधर सोलन में कांग्रेस की कलह में उम्मीद देख रही भाजपा की आस पूरी होती है या नहीं, ये देखना रोचक होगा। माना जा रहा है कि कांग्रेस यहाँ दोनों गुटों के बीच सहमति बननाने के प्रयास में है और मुमकिन है पार्टी को इसमें कामयाबी भी मिल जाएँ।