हाल-ए-कांग्रेस : दूल्हा कौन नहीं पता, किसकी बारात में जाना है ये भी नहीं पता

2020 में हुए कैबिनेट फेरबदल के बाद जयराम कैबिनेट में बतौर वन, युवा एवं खेल मंत्री एंट्री हुई थी फायर ब्रांड नेता राकेश पठानिया की। उसी समय से कांगड़ा की सियासत में पठानिया ही भाजपा का प्राइम फेस बने हुए है। पठानिया नूरपुर से विधायक हैं और हर मसले पर बेबाक अंदाज में अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। विधानसभा में भी सत्ता पक्ष के बचाव में पठानिया की बुलंद आवाज खूब गूंजती रही हैं। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने राकेश पठानिया से विशेष बातचीत की। वन विभाग में अनियमितताओं का मुद्दा हो या नई खेल नीति का विजन, नए ज़िलों के गठन का मुद्दा हो या कर्मचारियों की लंबित मांगो का प्रश्न, पठानिया ने खुलकर हर सवाल का अपने अंदाज में जवाब दिया। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश ....
पंकज सिंगटा। फर्स्ट वर्डिक्ट
सवाल : सांसद खेल महाकुम्भ प्रदेश में फिर से शुरू हो गया है। जो युवा इसमें हिस्सा ले रहे है उनके लिए आगे क्या स्कोप रहेंगे ?
उत्तर : लगभग पौने दो साल से कोरोना के चलते कई प्रतिबन्ध रहे हैं। स्कूल, स्टेडियम, जिम सब कुछ बंद था। पर अब लगता है कि तीसरी लहर जा चुकी है और हमारी इम्युनिटी भी ठीक है और बच्चों को भी टीके लग चुके है। कुछ ही समय में हम सांसद खेल महाकुम्भ को पूरे प्रदेश में लांच करेंगे। हमने 22 साल के बाद अपनी स्पोर्ट्स पॉलिसी भी लांच की है जो एक बैलेंस्ड स्पोर्ट्स पॉलिसी है। यह खेल महाकुम्भ टैलेंट सर्च का भी माध्यम हैं। मैं बिलासपुर, ऊना और अन्य क्षेत्रों के सांसद खेल महाकुम्भ के कार्यक्रमों में गया, जहां मैंने अचंभित करने वाली प्रतिभाएं देखी। पहले यह सांसद खेल महाकुम्भ था लेकिन अब इसके साथ प्रदेश सरकार ने इसे अपना लिया है। इससे फर्क ये पड़ा है कि अब हमने इवेंट्स बढ़ा दिए और टैलेंट स्पॉट शुरू कर दिया है। हमे बास्केटबॉल के टूर्नामेंट में 6 सवा 6 फुट की बेटियां मिली, जो शायद गांव से आती थी, अपना एक मैच खेलती थी और गांव चली जाती थी। अपना 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन कर के शादी कर लेती थी। हिमाचल में इतना ज्यादा रिच टैलेंट है कि हम इस खेल महाकुम्भ के माध्यम से उन्हें आगे लेकर जा सकते है। हम स्पोर्ट्स पॉलिसी में लेकर आये है कि हर जिले में हम अकादमियां तैयार करेंगे। अब केंद्र में भी हमारी सरकार है और केंद्र में हमारा हिमाचल का ही एक नौजवान केंद्रीय मंत्री भी है। अनुराग ठाकुर से बहुत सी उम्मीदें है, निश्चित तौर पर हमें उनकी सहायता मिलेगी।
सवाल : आप युवा सेवाएं मंत्री भी है, हाल ही में मंडी के अंदर नकली शराब कांड सामने आया था। प्रदेश में नशे का कारोबार भी लगातार बढ़ता जा रहा है। किस तरह के कार्य उसे रोकने के लिए किये जा रहे है ?
उत्तर : मैं कहूंगा नशा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। रातों रात अमीर बनने के लिए जो लोग ये धंधा करते है वो समाज के सबसे बड़े दुश्मन है और इनका पोलिटिकल बैकग्राउंड कहाँ है वो आप सब को पता चल गया है। मैं समझता हूँ कि यदि हमारा युवा ही नशे में चला गया तो हमारा प्रदेश और देश दोनों का भविष्य ही खतरे में है। सरकार इसे लेकर संजीदा हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
सवाल : आप वन मंत्री है, वन विभाग के अंदर किस तरह के नए रिफॉर्म्स लाये गए है और किस तरह वन विभाग कार्य कर रहा है कि आर्थिकी को और ज्यादा मजबूत किया जाए ?
उत्तर : वन विभाग में हम बहुत सारे रिफॉर्म्स लाये है और बहुत सारे काम अभी करने को है। अभी मुझे कुछ ज्यादा समय नहीं हुआ है पर उसके बावजूद भी हमने खेर के ऊपर भी बहुत सारा काम करना शुरू किया है। खेर की अगर बात करें तो हमारे पास यह एक बहुत बड़ी फारेस्ट वेल्थ है जिसका अगर ठीक से उपयोग किया जाये तो हम प्रदेश के रेवेन्यू में एक बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन दे सकते है। इसी तरह इसकी प्रोसेसिंग में बहुत सी त्रुटियां थी जिसको हम ठीक करके प्रदेश के युवाओं को इस काम में लगाना चाहेंगे। हमारा जो माल है वो बाहर जाना बंद हो और हमारे लोग यही पर इसका प्रोसेस कर पाए, इसको लेकर हम बहुत जल्द कदम उठाएंगे। अन्य कई महत्वपूर्ण रिफॉर्म्स पर भी हम काम कर रहे हैं। पौधरोपण की बात करें तो इस साल हमने 15 हजार हेक्टेयर में पौधरोपण किया है और लगातार हमारा यह काम आगे बढ़ रहा है। वन विभाग में हमने 400 गार्ड भर्ती किये है और जो हमारी स्टाफ की कमी थी उसको भी हमने काफी हद तक पूरा किया है। आने वाले वक्त में भी आवश्यक निर्णय लिए जायेंगे।
सवाल : वन विभाग में बहुत सारी अनियमितताएं है। कई स्थानों में कर्मचारी केवल रजिस्टर में ड्यूटी पर तैनात है लेकिन वह वहां मौजूद नहीं है। इसके अलावा और भी बहुत सारी अनियमितताएं है, उन्हें किस तरह से दूर किया जायेगा।
उत्तर : मैं इस बात को मानता हूँ कि बहुत सारी अनियमितताएं है और इसमें समय लगेगा। हम लोग इस पर काम कर रहे है। मुझे उम्मीद है हमने जिस तरह से शिकंजा कसा है, जिस तरह से हम लोग पॉलिसी पर काम कर रहे है, सब ठीक होगा। हमें कोरोना काल में बहुत नुक्सान हुआ है जिस कारण हम अपने काम पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाए। इस दौरान हमारा हेल्थ सेक्टर प्राथमिकता बन गया और हमारा सारा फोकस जो था वो हिमाचल के लोगों को बचाने पर लग गया था। हमको समय थोड़ा कम मिला, लेकिन मुझे आशा है कि नतीजे अच्छे ही होंगे।
सवाल : 2022 विधानसभा चुनाव बहुत नजदीक है और कांग्रेस लगातार कह रही है कि फिर से सत्ता में वापसी करेगी। आप भी मिशन रिपीट की बात कह रहे हैं। किस तरह होगा मिशन रिपीट ?
उत्तर : कांग्रेस का यह एक बहुत बड़ा ख्वाब है, बहुत बड़ा सपना है जो बहुत जल्द टूटने वाला है। ये चार उपचुनाव में जो फैसले आये है, उसके बाद इनका जोश बढ़ा हुआ है। पर आज इनके पास दूल्हा कौन है ये भी इन्हें नहीं पता, किसकी बारात में इनको जाना है ये भी नहीं पता, कौन राज्य को लीड करने वाला है ये भी इनको नहीं पता। एक बिल्कुल कन्फ्यूज्ड और डिवाइडेड कांग्रेस है। देश के लोगों ने मन बना लिया है कि अब कांग्रेस के अलावा कुछ और सोचना पड़ेगा और उसका एक विकल्प केवल और केवल भाजपा है। एक समय था जब हमारे पास देश में एक मुख्यमंत्री नहीं होता था आज हमारे पास 16 है। कहाँ इनके पास 26 मुख्यमंत्री हुआ करते थे अब दो रह गए है। पंजाब वाला तो 4 दिन के बाद जाने वाला है। हमारी सरकार रिपीट करेगी इसकी हम आपको गारंटी देते है।
सवाल : कर्मचारी सरकार से लगातार नाराज़ दिख रहे है। पुरानी पेंशन बहाली की बात हो, करुणामूलक संघ, एनएचएम कर्मचारी या अन्य कर्मचारी, सब लगातार नाराज दिख रहे है। आपको नहीं लगता कि इस तरह से भाजपा के लिए 2022 का चुनाव मुश्किल होने वाला है ?
उत्तर : देखिये कर्मचारी अगर अब भी नाराज होंगे तो फिर अब कभी खुश नहीं हो सकते। जितना जयराम सरकार ने उन्हें दिया है उतना किसी भी सरकार ने उन्हें नहीं दिया है। साढ़े सात सौ करोड़ के बेनिफिट्स तो हमने अभी उनको दिए है। पुलिस के बच्चों की बात थी, उनके साथ इतना बड़ा धोखा हुआ था। ये 2015 में हुआ था और तब कांग्रेस की सरकार थी। हमने उसे सही किया। नई पेंशन स्कीम 2003 में कांग्रेस लेकर आई। जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को इतना दिया हैं कि गिनाने लगा तो शायद कोई अंत न हो। मैं यही कहूंगा कि जयराम सरकार कर्मचारी हितेषी सरकार हैं और कर्मचारी हित में हमने कई बड़े निर्णय लिए हैं और आगे भी हम सकारात्मक रुख रखते हैं।
सवाल : नए जिलों को बनाने की मांग जोरों पर है और भाजपा सरकार का भी सकारात्मक रवैया इस मुद्दे को लेकर दिख रहा है। किस तरह से देखते है।
उत्तर : मैं यह व्यक्तिगत तौर पर महसूस करता हूँ कि हिमाचल को और जिलों की जरुरत है। मैं यदि नूरपुर की ही बात करूँ तो हर काम के लिए लोगों को कांगड़ा जाना पड़ता हैं। हमने इस बात को उठाया है और मैं तो पिछले 17 सालों से इस बात की लड़ाई लड़ रहा हूँ। हमने धरने प्रदर्शन भी दिए है, हमने जुलुस भी निकाले है, हमने बहुत कुछ किया है। अब मैं मंत्री हूँ इसलिए मैं खुलकर कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन मैंने अपने हाईकमान के आगे ये बात रखी है। मुख्यमंत्री से भी हमने निवेदन किया है। फैसला ये लोग करेंगे और मुझे पूर्ण विश्वास है कि हिमाचल के हक में और नूरपुर के हक में ये फैसला होगा।
सवाल : नूरपुर की यदि बात करे तो यहां पिछले कई सालों से ये देखने को मिल रहा है कि एक बार राकेश पठानिया जीत कर आते है और एक बार कांग्रेस के प्रत्याशी जीत कर आते है। क्या कहेंगे ?
उत्तर : देखिये जब मैं 2007 में जीता था तो आज़ाद जीता था और मुझे 29900 वोट पड़े थे और भाजपा को 4 हजार और कांग्रेस के प्रत्याशी को 24000 वोट पड़े थे। 2012 में मैं फिर से आज़ाद था, मुझे 24000 के करीब वोट पड़े थे, भाजपा को 6400 के करीब और कांग्रेस को 26000 वोट पड़े थे। उस समय यदि टिकट मिली होती तो चुनाव हारने का कोई मतलब ही नहीं था। अब कोई टिकट की लड़ाई नहीं है। मैंने जब भी आजाद लड़ा है तो पूरी की पूरी भाजपा मेरे साथ रही है लेकिन बीच में कोई ऐसा एलिमेंट होता है जिनका नेशनल पार्टी के साथ थोड़ी सी एफिलेशन रहती है। विकास की अगर बात करें तो मैंने यहाँ के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जबकि कांग्रेस के राज में यहाँ फूटी कौड़ी का काम नहीं हुआ। जनता विकास को प्राथमिकता देंगी और फिर एक एक बार मौका देगी।
सवाल : नूरपुर में भाजपा के अंदर अंतर्कलह देखने को मिल रही है। आपकी पार्टी के ही एक नेता है जो साफ तौर पर कह रहे है की वह 2022 में चुनाव लड़ने वाले है। इसी के साथ वह ये भी लगातार आरोप लगा रहे है की नूरपुर में कोई विकास नहीं हुआ है। यदि इस तरह की अंतर्कलह चलती रही तो आपको नहीं लगता कि कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा ?
उत्तर : देखिये कोई अंतर्कलह नहीं है, जो लोग केवल भाजपा का ठप्पा लगा कर ये सब बोल रहे है उन लोगों ने आज तक किसी मंडल की बैठक में भाग नहीं लिया है। कभी जिले की बैठक में भाग नहीं लिया है। इन लोगों का भाजपा से कुछ भी लेना देना नहीं है। केवल एक माफिया है, यहाँ पर जिसके खिलाफ मैं कई सालों से लड़ाई लड़ रहा हूँ और आगे भी मेरी लड़ाई जारी रहेगी। माफिया को मैं परमिशन नहीं देने वाला हूँ कि वह खुल के हमारे खड्डों का बेडागर्क कर दे, खुल के यहाँ पर नशे का कारोबार हो। ये सारा काम हमने रोका है और इस काम को हम आगे भी रोकेंगे। मुझे और भाजपा को यहां कोई चिंता नहीं है। बेतहाशा विकास हुआ है, आप एक पंचायत मुझे गिनवाइये जहाँ काम नहीं हुआ है। मैं आपकी टीम के साथ हर पंचायत में चलने के लिए तैयार हूँ। आप खुद जनता से पूछियेगा। हर पंचायत , हर गांव, हर गली में काम हो रहा हैं, निरंतर विकास हो रहा हैं और आगे भी जारी रहेगा। चुनाव में काम बोलता हैं और मुझे यकीन मेरा काम बोलेगा।