बजट : सत्ता पक्ष को लगा सर्व हितकारी तो विपक्ष में बताया रटा रटाया दस्तावेज
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वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है। ये मौजूदा सरकार के कार्यकाल का आखिरी और 5वां बजट था। 63 हजार करोड़ के कर्ज के बीच चुनावी साल में लोक लुभावना बजट पेश करना तलवार की धार पर चलने समान था। जयराम सरकार ने ही अपने चार साल के कार्यकाल में लगभग 22000 करोड़ का ऋण लिया है और हालत ये है कि पुराना कर्ज चुकाने के लिए भी ऋण लेना पड़ रहा है। जाहिर है ऐसे में इस बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदे नहीं की जा रही थी। बावजूद इसके खजाना खाली के साथ ही जयराम ठाकुर ने संतुलित बजट देने का प्रयास किया। 3 घंटे 2 मिनट के बजट भाषण में जयराम ठाकुर ने सभी वर्गों का ख्याल रखने का प्रयास किया।
उधर, जैसा अपेक्षित था नेताओं ने बजट को सियासी चश्मे से देखा। विपक्ष ने बजट की कमियां और खामियां गिनाई और सात ही सियासी पोस्टमार्टम भी किया। इस चुनावी बजट करार दिया और बढ़ते कर्ज के बीच हुई घोषणाओं पर सवाल भी उठायें। सरकार द्वारा पेश किये इस बजट को विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन करार दिया। बजट को लेकर क्या रहा नेताओं का पक्ष, पेश है ये विशेष रिपोर्ट
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ये सरकार कर्ज की बैसाखी से ही चलेगी : मुकेश अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सदन में प्रस्तुत किया हिमाचल का बजट केवल दशाहीन और दिशाहीन है। इस बजट में सरकार द्वारा प्रेदश के विकास का कोई जिक्र नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार पहले ही कर्ज में डूबी है हुई है, ऐसे में इस बजट में की गयी घोषणाओं के लिए धनराशि कहां से आएगी इस बात का जवाब भी जयराम सरकार के पास नहीं है। इस बजट से साफ है कि सरकार कर्ज की बैसाखी से ही चलेगी। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि बजट में कर्मचारियों के मसलों को लेकर भी कोई जिक्र नहीं किया गया है। सभी कर्मचारी वर्ग जो इस बजट से आस लगाए बैठे थे उनके बारे में सरकार ने कोई जिक्र तक नहीं किया है। इस बजट में संशोधित वेतनमान का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर भी जो कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे थे, उस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किये गए इस बजट से प्रदेश के विकास की राशि और कम होगी। प्रदेश में 14 लाख बेरोजगार हैं, उनके बारे में कोई जिक्र नहीं है। नेशनल हाईवे का कोई उल्लेख नहीं है। प्रदेश के आउटसोर्स कर्मियों के बारे में कोई चिंता नहीं है। कुल मिलाकर ये बजट महज आंकड़ों का दस्तावेज है।
बजट में अर्थव्यवस्था सुधार के कोई उपाय नहीं : प्रतिभा सिंह
सासंद प्रतिभा सिंह का कहना है कि बजट को लोकलुभावन बनाने की पूरी कोशिश की गई है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि पिछले बजट में की गयी घोषणाएं अब तक पूरी नहीं हुई है और इस बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने का समय अब मुख्यमंत्री के पास बचा नहीं है। प्रदेश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था किसी से छिपी नहीं है और इस बजट में अर्थव्यवस्था सुधार के कोई भी उपाय नहीं सुझाए गए हैं। ये बजट पूरी तरह से दिशाहीन है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से निपटने की भी इस बजट में कोई कारगर योजना नहीं है। यह बजट महज आंकड़ों का दस्तावेज है, जो आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत राजनीतिक लाभ लेने के लिए लोगों को लुभाने के लिए बनाया गया है।
चार साल के कार्यकाल में केवल माफिया का विकास हुआ : सुखविंदर सिंह सुक्खू
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट के बाद दी प्रतिक्रिया में जहां प्रदेश में हाल ही में हुए शराब प्रकरण को लेकर सरकार का घेराव किया है तो वहीँ कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी के लिए भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि वर्तमान सरकार के चार साल के कार्यकाल में केवल माफिया का विकास हुआ है। हाल ही में राज्य में शराब कांड हुआ है जिसमे कई लोगो की जान गई, लेकिन सरकार ने इस विषय पर एक बार भी चर्चा नहीं की।सुक्खू का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ 2021 में पूर्व कांग्रेस विधायक सोहन लाल शर्मा ने सुंदरनगर में आंदोलन करके अवगत भी करवाया था ,लेकिन बावजूद इसके आज खोखो में शराब बिक रही है और शराब माफिया की जांच करने के लिए गठित एसआइटी में पुलिस अफसर उसी जगह के हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि सरकार को माफिया पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून लाने की जरूरत है, जिसमें सरकार नाकाम रही है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के कर्मचारियों का प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन वर्तमान सरकार कर्मचारी विरोधी है। सुक्खू ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकारी विभागों के कर्मचारियों, निगम वार्डों के कर्मचारियों, नगर निगम सभी को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के वित्तीय लाभ दिए जाएंगे।
कुल मिलाकर बजट एक रटारटाया दस्तावेज :राजेंद्र राणा
चुनावी वर्ष में सरकार द्वारा की जा रही हर घोषणा पर विपक्ष हमलावर रुख इख्तियार किये हुए है। प्रदेश सरकार द्वारा पेश किये गए बजट को विधायक राजेंद्र राणा ने पूरी तरह से नीरस व संवेदनहीन बताया है। राजेंद्र राणा का कहना है कि सरकार द्वारा चुनाव की दृष्टि से पेश किए गए बजट में एक बार फिर जनता को ठगने का असफल प्रयास किया है। पिछले बजट में हुई घोषणाएं अभी तक धूल चाट रही हैं, जिन पर सरकार की न कोई जवाबदेही, न ही कोई सफाई आई है। प्रदेश कर्जे के पहाड़ में निरंतर दबा जा रहा है। यह बजट प्रदेश के लिए शिगूफा साबित हो रहा है। कुल मिलाकर यह बजट एक रटा रटाया दस्तावेज साबित हो रहा है, जिससे प्रदेश के आमजन को कोई आस नहीं बन पा रही है। राजेंद्र राणा का कहना है कि प्रदेश में 14 लाख शिक्षित बेरोजगार मारे-मारे फिर रहे हैं। इनके भविष्य को लेकर इस बजट में न तो सरकार ने कोई चिंता जताई है और न कोई सटीक बात की है। कर्मचारियों के प्रति सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर लगातार संवेदनहीन बनी हुई है। कर्मचारियों के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं कहा गया है।
राजेंद्र राणा का कहना है कहा कि कोरोना काल में लाखों लोग जिनकी नौकरियां छूट गई हैं, गुजर बसर के लिए प्रदेश में मारे-मारे फिर रहे हैं। सरकार के पास इस वर्ग के लिए भी कोई योजना बजट में संबोधित नहीं हुई है। करुणामूलक नौकरियों की आस में लोग घर बैठे-बैठे बुजुर्ग होते जा रहे हैं लेकिन सरकार इसको लेकर भी संवेदनहीन बनी हुई है। मध्यम तबके के व्यापारी से लेकर हर आम तबके के लोगों को बजट में कोई आस नहीं दिखी है।
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सर्व स्पर्शी और सर्व हितकारी है बजट :प्रेम कुमार धूमल
जयराम सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट की जहां विपक्ष के नेता कटाक्ष कर रहे है तो वहीं सत्तापक्ष के नेता इस बजट कि प्रशंसा कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस बजट की सराहना की है। पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि यह बजट विकास की राह पर अग्रसर हिमाचल प्रदेश को गति प्रदान करेगा। बजट में वृद्धों, गृहिणियों, विधवाओं, बच्चों, किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ी सौगात की घोषणा की गई है। धूमल का कहना है कि जयराम सरकार द्वारा पेश किया गया ये बजट प्रदेश की 70 लाख जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बजट है। पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि वर्तमान सरकार ने इस बजट को किसान, बागवान, युवाओं, महिलाओं, सीनियर सिटीजन व आम जनता को ध्यान में रख कर बनाया है। ये बजट सर्व स्पर्शी और सर्व हितकारी है जो कठिन आर्थिक परिस्थितियों में प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट प्रदेश के भविष्य को उज्जवल बनाने वाला है।
हिमाचल को नई दिशा व दशा देने वाला बजट : अनुराग ठाकुर
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए 51365 करोड़ के बजट को केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक संतुलित बजट बताया है। अनुराग ठाकुर का कहना है कि जो विपक्ष इस बजट को दिशाहीन बता रहे है उन्हें शायद ये मालूम नहीं है कि ये बजट हिमाचल को नई दिशा-दशा देने वाला बजट है। अनुराग ठाकुर का कहना है कि प्रदेश की जयराम सरकार द्वारा पेश किया गया यह बजट विकासोन्मुखी है। इस बजट में कर्मचारियों, कारोबारियों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों समेत समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखने का पूरा प्रयास किया गया है। इस बजट से हिमाचल के हर वर्ग का सशक्तिकरण होगा और प्रदेश के विकास में भागीदारी का पूरा अवसर मिलेगा।
अनुराग ठाकुर का कहना है कि हिमाचल में भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने पहाड़ी प्रदेश के विकास के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। हर बार की तरह इस बार के भी केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने हिमाचल का विशेष ध्यान रखने का काम किया था जोकि मोदी के हिमाचल के प्रति विशेष स्नेह को दिखाता है। अनुराग ठाकुर का कहना है कि जिस प्रकार केंद्रीय बजट में हिमाचल के विकास का ध्यान रखा गया उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी हिमाचल कि जनता के हित के लिए ये बजट बनाया है।
ऐतिहासिक एवं आम आदमी का बजट : सुरेश भारद्वाज
विपक्ष को घेरते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि ये कोई लोकलुभावन बजट नहीं है बल्कि आम आदमी का बजट है । सुरेश भारद्वाज का कहना है कि प्रदेश सरकार के इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। बजट व्यावहारिक है और सभी वर्गों को इस बजट से लाभ होगा। कोविड-19 महामारी के दौरान शहरी युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना आरम्भ की गई थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना पर 5 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। सुरेश भारद्वाज का कहना है कि शहरी बेरोजगार युवाओं को रोजगार की गारंटी, पात्रता एवं अन्य शर्तों से संबंधित विधेयक भी विधानसभा में पेश किया जाएगा। हिमाचल देश का पहला राज्य होगा जहां मनरेगा कि तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में आजीविका के लिए कानून बनाया जाएगा।
सुरेश भारद्वाज का कहना है कि इस बजट में जो भी घोषणाएं मुख्यमंत्री द्वारा की गई है वो आम जनता के हित में है। मुख्यमंत्री का वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष की गयी है, जबकि पहले यह आयु सीमा 70 वर्ष थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 40000 अतिरिक्त पात्र लोगों को पेंशन प्रदान की जाएगी। ऐसे सभी वर्ग जो वर्तमान में 850 रुपये प्रतिमाह की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उन सबकी पेंशन बढ़ाकर 1000 रुपए किया गया है। दिव्यांगजनों व विधवाओं को दी जा रही पेंशन को 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह किया गया है। 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों की पेंशन को 1500 रुपए से बढ़ाकर 1700 रुपए प्रतिमाह किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 1300 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। कुल मिलाकर ये बजट हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए बनाया गया है
जयराम सरकार जनता का दर्द समझती है: सुरेश कश्यप
सरकार के कार्यकाल के इस अंतिम बजट की जहाँ भाजपा के नेता सराहना कर रहे है वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने भी इस बजट को शानदार एवं जानदार बताया है। सांसद सुरेश कश्यप का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए एक बेहतरीन बजट प्रस्तुत किया है। यह बजट शानदार एवं जानदार है, जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। हिमाचल के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए आयु सीमा को बड़ा कर 60 वर्ष कर दिया गया है, मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक बड़ा सामाजिक लाभ होगा, इस बजट में पशुपालन क्षेत्र के लिए भी 469 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस कर्मयोगी सरकार ने पहाड़ी गाय के संरक्षण हेतु उत्कृष्ट फार्म स्थापित किए जाने का प्रावधान भी किया है और कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 583 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
सांसद सुरेश कश्यप का कहना है कि जयराम सरकार के बजट में किसानों- बागवानों की सुविधा हेतु प्रदेश में एक और फूल मंडी स्थापित की जाएगी और साथ ही उज्ज्वला और गृहिणी सुविधा योजना के तहत अब 3 निःशुल्क सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे महिलाओं एवं जनता को बड़ा लाभ होगा। यह सच में वो सरकार है, जो जनता का दर्द समझती है। सुरेश कश्यप का कहना है कि हिमकेयर योजना का जनता को बड़ा लाभ हुआ है, जो कि प्रत्यक्ष रूप से दिखता है, जनता के लिए यह बजट खुशखबरी लेकर आया है।