महंगाई ने कमर तोड़ी, जनता का तेल निकाल रही सरकार : मुकेश

बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में विपक्ष भी महंगाई के मुद्दे को भुनाकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है। कोरोना काल में सड़क पर उतर सरकार को घेरना मुमकिन नहीं है सो अग्निहोत्री ने मीडिया बयानों और सोशल मीडिया को विरोध का मंच बनाया है और वे लगातार सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहाेत्री ने कहा कि महंगाई ने तमाम रिकार्ड तोड़ डाले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सात साल पहले केंद्र की सत्ता में आने के समय महंगाई नियंत्रित करने का वादा किया था। पेट्रोल-डीजल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत वीडियो क्लिप हैं। हालांकि उस वक्त कच्चे तेल के रेट उफान पर थे। पर आज तो कच्चा तेल 32-33 रुपये है। बावजूद इसके जनता को राहत देने की बजाय सरकार जनता का ही तेल निकालने में लगी है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भारी भरकम इक्साइज़ ड्यूटी ने पेट्रोल की दरों में आग लगा रखी है। बीते साल केंद्र ने इस से चार लाख करोड़ के आसपास की कमाई की, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 77 फीसदी अधिक बताई जाती है। इसलिए कच्चे तेल के दाम कम होने के बावजूद उपभोक्ता को फायदा नहीं दिया गया। एक साल पेट्रोल का रेट 25 रुपये बढ़ा है।
अग्निहोत्री ने कहा कि तेल का रेट निर्धारण करने के लिए कच्चे तेल का रेट में तेल शुद्ध करने की लागत, इक्साइज़ डयूटी, डीलर मुनाफ़ा, सेंट्रल इक्साइज़ व राज्यों का टैक्स जोड़ा जाता है। वर्तमान में केंद्र सरकार करीब 33-34 रुपये प्रति लीटर सेंट्रल इक्साइज़ ले रही है। तेल शुद्ध करने के दाम तो अढ़ाई रुपये के आसपास है, डीलर की कमीशन पेट्रोल पर पौने चार और ड़ीजल पर अढ़ाई रुपये बताई जाती है। बाक़ी राज्य के टैक्स है। अग्निहोत्री का कहना है कि हिमाचल सरकार पेट्रोल पर 15 रुपये 50 पैसे और डीजल पर 9 रुपये टैक्स लगा रही है। इसलिए पेट्रोल 90 और डीजल 82 रुपये प्रति लीटर के आसपास चल रहा है। केंद्र और राज्य दोनों आम जनता पर महंगाई का बोझ डाल रहे है। अग्निहोत्री का कहना है कि कोरोना के इस मुश्किल समय में आम आदमी को रहत देने की आवश्यकता है, पर महंगाई आफत बन चुकी है। रोजगार रहे नहीं और बढ़ती महंगाई से जीवन यापन मुश्किल हो गया है। न सिर्फ पेट्रोल डीजल बल्कि खाद्य तेल, दालें और आटे तक के दाम आसमान छू रहे है।
झूठे थे वादे, प्रदर्शन करने वाले मौन क्यों ?
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि विपक्ष में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभाओं में चिल्ला -चिल्ला कर नारे देते थे "सस्ता पेट्रोल-डीजल चाहिए कि नहीं चाहिए, बहुत हुई महंगाई की मार, और भी बहुत कुछ। पर वो सब झूठ था और सत्ता मिलने के बाद मोदी ने आम जनता को कोई रहता नहीं दी। आज आम आदमी त्रस्त ही। जो भाजपाई सड़कों पर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते थे, अब मौन क्यों है ?