दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राह्मण और एससी चेहरों को तवज्जो मुमकिन

सुक्खू मंत्रिमंडल में सात मंत्रियों ने शपथ ले ली है लेकिन अब भी तीन मंत्री पद रिक्त है। मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शामिल सुधीर शर्मा और राजेश धर्माणी का नाम एक दिन पहले तक लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन सात नवनियुक्त मंत्रियों की लिस्ट में इन दोनों ही नेताओं के नाम पर मोहर नहीं लगी। लिहाजा दोनों ही नेताओं के समर्थकों में निराशा है। आलम ये है कि राजेश धर्माणी के एक समर्थक ने तो विरोध में अपने बाल तक मुंडवा लिए। इन दोनों के अलावा पहले मंत्रिमंडल विस्तार में एक और नेता के हाथ निराशा आई है, वो है सुंदर सिंह ठाकुर। मंत्री पद के चाहवान सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस बनाकर सेट कर दिया गया। दरअसल माना जा रहा था कि मंडी संसदीय क्षेत्र से दो मंत्री पद दिए जा सकते है, एक नाम जगत सिंह नेगी का तय था और दूसरा नाम सुंदर ठाकुर का माना जा रहा था। किन्तु ऐसा हुआ नहीं। बहरहाल अब भी सुक्खू कैबिनेट के तीन स्थान रिक्त है और इन स्थानों के लिए सुधीर और राजेश धर्माणी के अलावा भी कई दावेदार है। इन तीन स्थानों को भरते वक्त कांग्रेस को क्षेत्रीय संतुलन के साथ -साथ जातिगत संतुलन का भी विशेष ख्याल रखना होगा। सीएम सहित अब तक नौ मंत्री शपथ ले चुके है। पहले जातिगत नजरिये से सुक्खू कैबिनेट पर निगाह डालते है। मुख्यमंत्री सहित कुल नौ मंत्रियों में से 6 राजपूत है, एक ब्राह्मण, एक एससी और एक ओबीसी। ऐसे में शेष तीन पदों पर मुमकिन है कि एससी और ब्राह्मण विधायकों को तवज्जो मिले।
अब संसदीय क्षेत्रवार मौजूदा मंत्रिमंडल पर निगाह डाले तो शिमला संसदीय क्षेत्र को पांच, मंडी संसदीय क्षेत्र को एक और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को भी एक ही मंत्री पद मिला है। वहीँ मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते है। जिला के हिसाब से देखे तो सबसे ज्यादा तीन मंत्री पद शिमला को मिले है, इसके अलावा सोलन, सिरमौर, कांगड़ा और किन्नौर को एक -एक मंत्री पद मिला है। मुख्यमंत्री हमीरपुर जिला से है, तो उप मुख्यमंत्री ऊना जिला से। चम्बा जिला को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिला चुका है। अब तक सबसे बड़े जिला कांगड़ा को सिर्फ एक मंत्री पद मिला है और ऐसे में संभव है कि कांगड़ा को दो मंत्री पद और मिले। शेष एक मंत्री पद जिला बिलासपुर या जिला मंडी में से किसी एक को मिल सकता है। दिलचस्प बात ये है कि बिलासपुर और मंडी से कांग्रेस के सिर्फ एक -एक विधायक जीते है, मंडी की धर्मपुर सीट से चंद्रशेखर और बिलासपुर की घुमारवीं सीट से राजेश धर्माणी विधानसभा पहुंचे है। माहिर मान रहे है कि इन दोनों में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है और दूसरे को कैबिनेट रैंक या विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर सेटल किया जा सकता है। रोचक बात ये है कि ये दोनों ही सीटें हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आती है, यानी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को सीएम और डिप्टी सीएम के अतिरिक्त एक मंत्री और मिल सकता है।
जानकार मान रहे है कि शेष दो मंत्री जिला कांगड़ा और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के हिस्से जायेंगे। इनमें से एक मंत्री एससी कोटे से हो सकता है और दूसरा ब्राह्मण। जो एससी चेहरा चर्चा में है वो है जयसिंहपुर से दूसरी बार विधायक बने यादविंदर गोमा। दरअसल बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान चाहता है कि अधिक से अधिक एससी चेहरों को कैबिनेट में जगह मिले, ऐसे में संभव है कि गोमा कई वरिष्ठ नेताओं को पछाड़ कर मंत्री पद ले जाएं। वहीँ ब्राह्मण चेहरे की बात करें तो सुधीर शर्मा के अलावा ज्वालामुखी विधायक संजय रतन मजबूत दावेदार है। इनके अलावा रघुबीर बाली भी ब्राह्मण है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में सुधीर शर्मा की शपथ न होने के बाद माहिर मान रहे है कि संजय रतन का दावा भी अब मजबूत है।