सिद्धारमैया vs डीके शिवकुमार या कोई सरप्राइज ?

कर्नाटक में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और पार्टी ने बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर भी माथपच्ची शुरू हो गई है। सीएम पद की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सबसे आगे हैं और इन दोनों में से किसी एक नेता का चुनाव पार्ट के लिए सरदर्द साबित हो सकता है। सिद्धारमैया ज्यादा अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं और उनके पास सरकार चलाने का अनुभव है, जबकि डीकेएस चुनौती देने वाले नेता हैं और सोनिया गांधी करीबी हैं। ऐसे में आलाकमान के लिए फैसला मुश्किल होने वाला है। वैसे माहिर मान रहे है कि अगर सभी विधायकों के बहुमत के साथ भी फैसला लिया जाता है तो सिद्धारमैया अधिक स्वीकार्य मुख्यमंत्री चेहरा हो सकते है।
सिद्धारमैया : बड़ा कद, लम्बा राजनैतिक अनुभव
राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता सिद्धारमैया को फिर से मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सिद्धारमैया साल 2013 से लेकर साल 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। ऐसे में सिद्धारमैया पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने कार्यकाल के दौरान कई सामाजिक-आर्थिक सुधार योजनाएं शुरू की थी जिन्होंने उन्हें आर्थिक कमजोर वर्ग के बीच ख़ासा लोकप्रिय बनाया।
पर अपनी पिछली सरकार के दौरान उन्होंने कुछ ऐसे फैसले भी लिए थे जिनसे लिंगायत, विशेष रूप से हिंदू वोटरों के बीच में उनकी लोकप्रियता घटी, मसलन टीपू सुल्तान को इतिहास से हटाकर उनका महिमामंडन करना, जेल से आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई और एसडीपीआई के कई कार्यकर्ताओं को रिहा करना इत्यादि। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके नेतृत्व में रिपीट करने में कामयाब नहीं रही थी जिसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस के साथ गठबंधन सरकार बनाई। हालाँकि वो सरकार महज एक साल ही चल सकी। अब दोबारा बहुमत मिलने पर क्या कांग्रेस फिर सिद्धारमैया को सीएम पद सौपेंगी, ये देखना रोचक होगा।
डीके शिवकुमार: प्रदेश अध्यक्ष, कमतर नहीं दावा
चुनाव नतीजे के एक दिन पहले ही डीके शिवकुमार ने एक ट्वीट किया है, जिससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि डीके शिवकुमार की दावेदारी कम नहीं है। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक एक दिन पहले डीके शिवकुमार ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी तीन सालों की मेहनत का ट्रेलर का वीडियो साझा करते हुए, एक किस्म से अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर दी है। डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट से लगातार 9वीं बार विधायक हैं। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने में शिवकुमार की अहम् भूमिका है।
हालाँकि मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप में उन्हें साल 2019 में दिल्ली के तिहाड़ जेल में दो महीने बिताने पड़े थे। शिवकुमार कई बार कह चुके है कि जेल में रहने के दौरान उनके साथ नियम पुस्तिका के खिलाफ सबसे कठोर व्यवहार किया गया था क्योंकि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध थी। अब कांग्रेस क्या राज्य के सबसे अनुभवी नेता माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर उन्हें वरीयता देगी, इस पर सबकी निगाह टिकी है।
सरप्राइज की सम्भावना भी खारिज नहीं !
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से आते है और खरगे के नाम को लेकर भी कयास लगते रहे है। कर्नाटक कांग्रेस में दो ताकतवर गुट यानी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गुट आमने- सामने है और दोनों नेताओं के समर्थक खुलकर एक दूसरे पर वार करते नजर आए हैं। दोनों नेताओं के बीच खींचतान बनी हुई है, ऐसे में क्या खरगे सरप्राइज हो सकते है, ये देखना रोचक होगा। हालाँकि इसकी संभावना कम है पर राजनीति में कुछ भी मुमकिन होता है।