हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर के प्राचार्य को निलंबित करने का विकल्प विचाराधीन

बिलासपुर: हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक एवं प्राचार्य पर कई छात्राओं द्वारा यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं। यौन उत्पीड़न समिति की जांच रिपोर्ट भी प्राचार्य के खिलाफ है, जिसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी प्राचार्य को निलंबित करने का भी विकल्प विचाराधीन है। मामले की जांच 21 अप्रैल से तीन महिला सदस्यों वाली यौन उत्पीड़न कमेटी द्वारा की गई, जिसमें करीब तीस छात्राओं से विस्तृत पूछताछ की गई। जांच के दौरान छात्राओं द्वारा प्राचार्य के खिलाफ दिए गए साक्ष्यों में उनके अनुचित संदेश भी शामिल हैं।
यह शिकायत 8 अप्रैल को सुंदरनगर इंजीनियरिंग कॉलेज के एक पूर्व छात्र द्वारा समग्र ई-समाधान पोर्टल पर दर्ज कराई गई थी। शिकायत में बताया गया कि आरोपी प्राचार्य पहले भी सुंदरनगर इंजीनियरिंग कॉलेज में संकाय सदस्य रहते हुए छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार करते थे और यह रवैया अब भी जारी है। मामले का विवाद तब और बढ़ा जब 22 मई को प्राचार्य का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन पर छेड़छाड़ का आरोप था। इसी दिन कॉलेज में छात्र-छात्राओं ने पांच घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। शाम को पुलिस ने एक छात्रा की शिकायत पर प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें छात्रा ने पिछले साल अस्पताल में इलाज के दौरान प्राचार्य द्वारा छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था। फिलहाल आरोपी जमानत पर है और सदर थाना पुलिस मामले की अलग से जांच कर रही है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने पुष्टि की है कि यौन उत्पीड़न समिति की रिपोर्ट प्राचार्य के खिलाफ है और विभाग जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेगा, जिसमें निलंबन भी शामिल हो सकता है।