श्रीखंड महादेव यात्रा: 11 साल में पहली बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा 8,500 पार
श्रीखंड ट्रस्ट के अंतर्गत 2014 से शुरू श्रीखंड महादेव यात्रा के 11 सालों में पहली बार देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का आंकड़ा 8,500 पार पहुंच गया है। यह धार्मिक यात्रा शनिवार को आधिकारिक तौर पर समाप्त हो जाएगी। शनिवार को यात्रा के अंतिम दिन यात्रियों का अंतिम जत्था रवाना किया जाएगा, जो बेस कैंप सिंहगाड में 30 जुलाई तक लौटेगा। बीते 13 दिनों में 8,509 यात्री पंजीकरण के बाद महादेव के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। इस वर्ष श्रीखंड महादेव यात्रा सबसे सफल यात्राओं में से एक रही है। प्रशासन की ओर से किए गए पुख्ता इंतजाम भी इसका प्रमुख कारण रहा। प्रशासन की तैयारियों से श्रद्धालुओं को कोई परेशानी पेश नहीं आई।
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली ने नैन सरोवर से श्रीखंड महादेव तक की चढ़ाई तक रस्से लगाए। इनकी मदद से सभी श्रद्धालुओं ने ग्लेशियर पार किए। एसडीआरएफ की टीम ने कई श्रद्धालुओं को आपात सेवाओं में सहयोग दिया। पांच सेक्टरों में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट की पूरी टीम दिन-रात श्रद्धालुओं की मदद के लिए जुटी रही, जिसमें मेडिकल टीम का अहम योगदान रहा है। पहली बार दो निजी संस्थानों ने दो बेस कैंप में निशुल्क ओपीडी की सेवा प्रदान की। इसमें विश्व मानव रूहानी केंद्र ने सबसे कठिन बेस कैंप भीमडवारी में दो बिस्तर की ओपीडी की सेवाएं उपलब्ध करवाईं। सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड संस्थान ने सिंहगाड में मेडिकल सेवाएं देकर श्रद्धालुओं की मदद की।
एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने श्रीखंड महादेव तक चलकर स्वयं इंतजामों और रास्तों का जायजा लिया, जिसकी रिपोर्ट उपायुक्त कुल्लू को भेजी। उन्होंने कहा कि काली टाॅप से बराहटी नाला तक के 12 किमी ट्रैक पर श्रद्धालुओं को पेयजल का सामना करना पड़ा। जलशक्ति विभाग से यहां पेयजल लाइनों की मरम्मत कर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। रास्तों में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए और पब्लिक टाॅयलेट बनाए जाएंगे। इसके अलावा जो कमियां रही हैं, उन्हें सुधारने के लिए उपायुक्त कुल्लू को पूरी रिपोर्ट भेजी गई है। श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान कई भक्तों और समाजसेवी संस्थानों ने लंगर सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें तरह-तरह के व्यंजनों का श्रद्धालुओं ने स्वाद चखा। वहीं क्षेत्र के स्थानीय लोगों का यात्रा के दौरान कारोबार खूब चमका। इससे स्थानीय लोगों में भी यात्रा को लेकर बेहद उत्साह दिखा।