हिमाचल प्रदेश सरकार की उचित मूल्यों की दुकान यानी राशन के डिपुओं पर मिलने वाले राशन के दामों में बढ़ोतरी हो गई है। आटा-चावल के दामों में इसी महीने से बढ़ोतरी की गई है, जबकि तेल के दाम पिछले महीने से ही बढ़ा दिए गए थे। सुक्खू सरकार ने एपीएल के साथ-साथ बीपीएल कोटे के राशनकार्ड धारकों की दरों में भी बढ़ोतरी की है। वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा डिपो के राशन में की गई इस बढ़ोतरी से मंडी की जनता खुश नजर नहीं आ रही है। मंडी शहर के उपभोक्ताओं का कहना है कि तेल के दामों में अत्यधिक बढ़ोतरी हो गई है। बाजार में भी इसी कीमत पर तेल उपलब्ध है। उपभोक्ताओं का कहना हैं कि सरकार राशन की गुणवत्ता पर ध्यान दे और निम्न वर्ग के लिए रियायतों को जारी रखे, ताकि सरकारी राशन से ऐसे परिवारों का गुजर-बसर सही ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदेश के सभी लोगों के बारे में सोचना चाहिए। वहीं, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले जिला मंडी के नियंत्रक विजय सिंह हमलाल ने बताया कि तेल की नई दरें पिछले महीने से जबकि आटा और चावल की नई दरें इस महीने से लागू कर दी गई हैं। सरसों तेल पहले 113 रूपए प्रति लीटर की दर से मिलता था, जोकि पिछले महीने से 123 रूपए प्रति लीटर कर दिया गया है। तेल के दाम एपीएल और बीपीएल के लिए एक जैसे ही हैं। इसके अलावा एपीएल कोटे में पहले आटा 9 रूपए 30 पैसे प्रति किलो की दर से मिलता था, उसमें अब 2 रूपए 70 पैसे की बढ़ोतरी करके 12 रूपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है। चावल पहले 10 रूपए में मिलता था, इसमें 3 रूपयों की बढ़ोतरी करके 13 रूपयों में दिया जा रहा है। बीपीएल श्रेणी को दिए जाने वाले एकस्ट्रा राशन की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। निर्धारित कोटे की दरों में कोई बदवाल नहीं किया गया है, लेकिन एकस्ट्रा राशन लेने की जो लिमिट तय की गई है, उसकी दरों में इजाफा किया गया है। बीपीएल श्रेणी को आटा पहले 7 रूपए प्रति किलो की दर से मिलता था, जिसमें 2 रूपए 30 पैसे की बढ़ोतरी करके 9 रूपए 30 पैसे कर दिया गया है। इसी तरह से चावल पहले 6 रूपए 85 पैसे प्रति किलो की दर से मिलते थे, जिसमें अब 3 रूपए 15 पैसों की बढ़ोतरी करके 10 रूपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है।
** मंडी में रोजाना बढ़ी 20 हजार लीटर खरीद हिमाचल प्रदेश सरकार ने मिल्क फेडरेशन के जरिए खरीदे जाने वाले दूध के दामों में बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद मंडी में पशुपालकों के चेहते खिल उठे हैं, जिससे मंडी में मिल्क फेडरेशन के द्वारा खरीदे जा रहे इस दूध में रोजाना 20 हजार लीटर की बढ़ोतरी हो गई है। बता दें कि इस साल सरकार ने दूध के दामों में 13.20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। अब गाय के दूध को 45 रुपए जबकि भैंस के दूध को 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। प्रदेशभर के स्थापित मिल्क फेडरेशन के 11 संयंत्रों पर दूध की खरीद सामान्य से अधिक हो गई है। हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के मार्केटिंग मैनेजर संदीप ठाकुर ने बताया, "प्रदेश में जहां रोजाना 1.40 लाख लीटर दूध खरीदा जाता था। उसका आंकडा अब 1.90 लाख लीटर रोजाना तक पहुंच गया है। इसमें प्रदेश में 50 हजार लीटर प्रति दिन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मंडी जिले के चक्कर स्थित मिल्क प्लांट में पहले हर रोज 50 हजार लीटर दूध खरीदा जाता था, जिसमें 20 हजार की बढ़ोतरी होने के बाद अब यह आंकड़ा 70 हजार लीटर तक पहुंच गया है। संदीप ठाकुर ने बताया कि दूध की खरीद बढ़ने के साथ ही मिल्क फेड द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों में भी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पशुपालकों ने इसके लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया है। पशुपालक पितांबर शर्मा, राजकुमार और दया राम ने बताया कि पहले वे अच्छे दामों के लिए दूध को मंडी शहर या फिर अन्य स्थानों पर बेचने के लिए ले जाते थे। उसके लिए इन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन जबसे प्रदेश सरकार ने दूध खरीद के दामों में बढ़ोतरी की है तभी से ही अब ये सारा दूध मिल्क फेडरेशन के सेंटर पर बेच रहे हैं। इन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार ने दूध के दामों में जो और बढ़ोतरी करने का वादा किया है उसे भी जल्द ही पूरा किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद गाय का दूध 80 रुपये और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जाएगा। हालांकि अभी ये आंकड़ा कही गई बात के आधे तक ही पहुंच पाया है। पशुपालकों ने उम्मीद जताई कि भविष्य में जल्द ही सरकार अपना वादा पूरा करके पशुपालकों को लाभांवित करेगी, लेकिन इतना जरूर है कि पहले के मुकाबले दामों में बढ़ोतरी हुई है और अब मिल्क फेडरेशन भी रोजाना 50 हजार लीटर अतिरिक्त दूध खरीद रहा है।
** ग्रामीणों को प्रति कनेक्शन चुकाने होंगे 100 रुपये हिमाचल में आर्थिक तंगी से उबरने के लिए सुक्खू सरकार ने लोगों का मुफ्त बिजली पानी बंद कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व की जयराम सरकार ने लोगों को जो फ्री पानी की सुविधा दी थी। सुक्खू सरकार ने इस सुविधा को वापस ले लिया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 1 अक्टूबर से पानी के प्रति कनेक्शन 100 रुपए चुकाने होंगे। अगर किसी ने पानी के अपने नाम दो कनेक्शन लिए हैं तो ऐसे उपभोक्ताओं को हर महीने पानी 200 रुपये पानी का बिल भरना होगा। सरकार ने पानी व सीवरेज का नया दाम तय कर दिया है। अब नई दरों पर लोगों को पानी मिलेगा। वहीं, कनेक्शन, मेंटेनेंस पर भी लोगों को अब पैसा देना होगा। इस बारे में जल शक्ति विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे। प्रदेश सरकार ने पानी का टैरिफ रेट निर्धारित कर दिया है। अब 0 से 20 किलोलीटर पानी खर्च करने पर 19.30 रुपए, 20 से 30 किलोलीटर पर 33.28 रुपए, 30 किलोलीटर से अधिक पर 59.90 रुपए प्रति किलोलीटर की दर निर्धारित की गई हैं। पानी के कनेक्शन पर मिनिमम मेंटेनेंस चार्ज 110 रुपए प्रति माह लगेगा। मीटर खराब होने पर तीन महीने का एवरेज बिल आएगा और 444.07 रुपए प्रतिमाह की दर से वसूली होगी। यह सभी दरें ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं पर लागू होंगी। प्रदेश में बड़े होटलों के लिए नई दरें 0 से 30 किलोलीटर पर 106.30 रुपए, 30 किलो लीटर से 75 किलोलीटर तक 141.76 रुपए, 75 किलोलीटर से ऊपर 194.85 रुपए की दर से बिल वसूला जाएगा। इसी तरह से होटलों के लिए मिनिमम मेंटेनेंस चार्ज 220 रुपए प्रति महीना तय किया गया है। वहीं, खराब मीटर पर 7779.70 रुपए के हिसाब से पैसा वसूला जाएगा। नॉन डोमेस्टिक, नॉन कमर्शियल कनेक्शन के लिए दरें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 153.07 रुपए प्रति किलोलीटर तय की गई हैं। खराब मीटर में 7072.45 रुपए की दर से हर महीने वसूली होगी। इसी तरह से सीवरेज कनेक्शन के लिए भी नई दरें तय की हैं। सीवरेज का एडिशनल कनेक्शन लेने में दोगुनी राशि वसूल की जाएगी। डोमेस्टिक के लिए यह चार्ज 500 रुपए तय किया गया है। कॉमर्शियल के लिए 1 हजार रुपए और नॉन डोमेस्टिक नॉन कमर्शियल पर 2500 रुपए लिए जाएंगे। शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज पर वाटर चार्जिज का 30 फीसदी पैसा लिया जाएगा। शहरों में कुछ संस्थानों की ओर से अपने वाटर सोर्सेज का इस्तेमाल होता है उनसे सीवरेज का प्रति शीट 25 रुपए वसूलेंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सप्लाई में अतिरिक्त पेयजल कनेक्शन लेने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं का रेट 200 रुपए होगा। कमर्शियल रेट 500 रुपए निर्धारित किया गया है। नॉन डोमेस्टिक नॉन कमर्शियल को यह दर 2500 रुपए तय की गई है। शहरों में डोमेस्टिक एडिशनल कनेक्शन 1 हजार रुपए में मिलेगा। कमर्शियल कनेक्शन को 1500 रुपए देने होंगे। वहीं, नॉन कमर्शियल नॉन डोमेस्टिक में 2500 रुपए रखे गए हैं। जल शक्ति विभाग ने कमर्शियल उपभोक्ताओं व संस्थाओं के लिए भी नई दरें तय की हैं। सरकारी संस्थानों, अस्पतालों, स्कूल, धर्मशाला, धार्मिक स्थलों, ढाबों, दुकानों, वॉशिंग सेंटरों, होम स्टे, प्राइवेट अस्पतालों, निजी स्कूलों, निजी कार्यालयों, रेस्तरां व अन्य सामान्य होटलों के लिए 0 से 20 किलोलीटर पानी 19.30 रुपए प्रति किलोलीटर, 20 से 30 किलोमीटर पानी पर 33.28 रुपए, 30 से 50 किलोलीटर पर 59.90 रुपए, 50 किलोलीटर से 100 किलोलीटर पर 106.30 और 100 किलोलीटर से अधिक पानी की खपत पर 150 रुपए प्रति किलोलीटर की दर तय की गई है। इनसे मिनीमम मेंटेनेंस चार्ज 110 रुपए फिक्स किए गए हैं। खराब मीटर पर 444.07 रुपए की दर से वसूली होगी। नगर निगम सोलन और पालमपुर के लिए बल्कि वाटर सप्लाई की दर 100 रुपए प्रति किलोलीटर निर्धारित की गई है। वहीं, सिंचाई योजनाओं पर 75 रुपए के हिसाब से रेट लिया जाएगा। सरकार ने शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं को कुछ इंसेंटिव भी तय किया है। उनके एरिया में वाटर चार्जिज की बेहतरीन कलेक्शन यानी यदि 75 फीसदी से 100 फीसदी तक राजस्व जुटाते हैं, तो उनको कुल कलेक्शन का 15 फीसदी पैसा दिया जाएगा। यही उनकी कलेक्शन 50 से 75 फीसदी तक रहती है, तो 10 फीसदी पैसा मिलेगा और यदि 50 फीसदी तक कलेक्शन रहती है, तो पांच फीसदी का इंसेंटिव इन संस्थाओं को दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुछ श्रेणियों के लिए फ्री पानी की सुविधा को जारी रखा है। इनमें विधवाओं, तलाकशुदा महिलाएं व दिव्यांगजन शामिल हैं। वहीं, जिन परिवारों की वार्षिक आय 50 हजार रुपए तक की है। उनसे मौजूदा पानी की दरों की 50 फीसदी राशि ही वसूल की जाएगी।
** कहा, हिमाचली हैं बहुत अच्छे लोग लेकिन अपनी जमीन और बेटियों की रक्षा जरूरी शिमला: सांसद कंगना रनौत ने हिमाचल में बाहर से आने वाले लोगों को लेकर सवाल किया है। उन्होंने कहा "हिमाचली अच्छे लोग होते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोग अपनी जमीन की रक्षा ना करें। हमने देखा है कि भारत में बाहर से आने वाले लोगों की घुसपैठ हमेशा रही है। लोग यहां नकली नाम का प्रयोग कर दूसरे धर्म के नाम पर व्यवसाय चला रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में बाहर से आने आने वाले लोगों का मुद्दा यहां के स्थानीय लोगों ने उठाया है। इससे प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को खतरा है जो एक बड़ा मुद्दा है। हमने अक्सर यह देखा है कि वोट बैंक के लिए यह सब किया जाता है, जबकि सरकार निकम्मी बैठी है। कश्मीर में भी 90 के दशक में क्या हुआ था। किस तरह से डेमोग्राफी को बदला गया था। जमीन और बेटियों की अगर कोई रक्षा नहीं कर पाए तो हमने इसका परिणाम देखा हुआ है। वहीं, कंगना रनौत ने सांसद राहुल गांधी पर भी जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा "राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत के खिलाफ बातें करते हैं। वह अपनी सत्ता के लिए देश के टुकड़े करने से नहीं हिचकिचाते। उनकी देश के प्रति भावना सभी को पता है। कंगना रनौत ने कहा "इमरजेंसी बहुत बड़े बजट की फिल्म है। इसको लेकर हम सभी को नुकसान हो रहा है। सेंसर बोर्ड को अब दायित्व लेकर इस फिल्म को जल्द से जल्द रिलीज करवाना चाहिए। सांसद कंगना रनौत ने कहा, मैनें जिस तरह से ये फिल्म बनाई है मुझे फिल्म इंडस्ट्री का कोई साथ नहीं मिला।
** टेस्ट करवाने के बाद लौट वापस घर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तबीयत एक बार फिर खराब हो गई है। आज सुबह स्वास्थ्य जांच के लिए सीएम सुक्खू आईजीएमसी अस्पताल शिमला पहुंचे। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका हेल्थ चेकअप किया गया एवं जरूरी टेस्ट लिए और उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। दरअसल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शनिवार सुबह 6 बजे आईजीएमसी अस्पताल पहुंचे। उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते वो जांच के लिए अस्पताल आए थे। जहां सीएम का अल्ट्रासाउंड किया गया और जरूरी टेस्ट किए गए, जिसके बाद उन्हें वापिस भेज दिया गया। गौरतलब है कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बीमार हो गए थे। उन्हें पेट में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद वो 25 अक्टूबर को शिमला के आईजीएमसी अस्पताल शिमला में एडमिट रहे थे। उसके बाद भी जब उनकी तबीयत ठीक नहीं हो पाई थी तो वो इलाज के लिए एम्स दिल्ली चले गए थे और 27 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक एम्स में एडमिट रहे थे। सीएम सुक्खू एम्स में 15 दिनों तक एडमिट रहे थे। जहां से सेहत में सुधार होने के बाद सीएम सुक्खू वापस हिमाचल प्रदेश लौट आए थे। हालांकि फिलहाल आईजीएमसी के डॉक्टरों ने बताया कि सीएम सुक्खू का स्वास्थ्य ठीक है और डॉक्टरों द्वारा इसे एक रूटीन चेकअप बताया जा रहा है।
** 300 यूनिट से ज्यादा खर्च करने पर सब्सिडी बंद हिमाचल में 90 हजार करोड़ कर्ज के बोझ के नीचे दबी प्रदेश सरकार ने आर्थिक सेहत सुधारने के लिए लोगों की जेब से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले जिस कांग्रेस में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी दी थी। प्रदेश की सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी उसी कांग्रेस की सरकार ने उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट देना शुरू कर दिया है। महंगाई का ये झटका अक्टूबर से 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं की जेब को लगेगा। ये इसलिए कि सुक्खू सरकार ने 300 से ज्यादा यूनिट बिजली खर्च होने पर सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। इस बारे में सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ बढ़ाने के लिए पत्र लिखा हैं। ऐसे में अब सरकार के फैसले के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को 300 से ज्यादा यूनिट बिजली खर्च करने पर पहले के मुकाबले अब महंगी बिजली मिलेगी। बिजली बेचकर देश के दूसरे राज्यों को रोशन करने वाले ऊर्जा राज्य हिमाचल में ही उपभोक्ताओं को अगले महीने से बिजली महंगी मिलेगी। प्रदेश में अभी 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 1.03 रुपये सब्सिडी की सुविधा दी जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को 300 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करने पर 5.22 रूपये का टैरिफ लगता है, लेकिन प्रदेश सरकार की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। ऐसे में सरकार ने अब अधिक बिजली खर्च करने पर दी जाने वाली 1.03 रुपये यूनिट सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है। इस तरह से अब 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च होने पर टैरिफ बढ़कर 6.25 रुपये हो जाएगा। यानी इस दर से अधिक बिजली खर्च करने पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिल थमाया जाएगा। अब अगर उपभोक्ता महंगाई की मार से बचना चाहते हैं तो उन्हें बिजली की अधिक खपत पर नियंत्रण रखना होगा, ताकि हर महीने बिजली के यूनिट 300 से कम रहे। तभी उपभोक्ता महंगाई की मार से बच पाएंगे। सरकार की बिजली महंगी करने का फैसला अक्टूबर महीने से प्रभावी हो जाएगा। प्रदेश में 300 से अधिक यूनिट बिजली खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 92 हजार से अधिक है।
मेले के आयोजन के प्रबंधों को लेकर श्री रेणुकाजी में हुई बैठक उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधान सभा विनय कुमार ने आज जिला सिरमौर के रेणुकाजी में 11 से 15 नवंबर, 2024 को आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के सफल आयोजन के लिए श्री रेणुका जी विकास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विधान सभा उपाध्यक्ष ने कहा की श्री रेणुकाजी अंतराष्ट्रीय मेला है, जो हिमाचल प्रदेश ही नहीं अपितु हमारे राज्य के साथ लगते अन्य राज्यों की धार्मिक आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा की मेले की महत्वता को देखते हुए इसके सफल आयोजन का दायित्व मेला समिति के सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्यों का है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले को सफल बनाया जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष ने मेले के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने को कहा ताकि क्षेत्र की पवित्रता व आगंतुकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मेले में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए और मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्लास्टिक प्रयोग पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा की मेले के दौरान मेले में आने वाले स्थानीय लोगों व पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए स्ट्रीट लाइट लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने मेले के दौरान परिवहन, यातायात, पार्किंग , स्वास्थ्य सुविधा व सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए उपाध्यक्ष ने गोताखोर की व्यवस्था व जलापूर्ति सुचारू बनाए रखने को कहा। विनय कुमार ने कहा की मेले में महिलाओं के लिए विशेष घाट बनाया जाएगा। उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने उपाध्यक्ष को आश्वस्त करवाया की जिला प्रशासन अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के सफल आयोजन के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए उपस्थित अधिकारियों को उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। मेला समिति सदस्य सचिव एवं उपमंडलाधिकारी नाहन सलीम आज़म ने बैठक का संचालन किया। बैठक में मेला समिति के सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 780 मेगावाट की जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना को एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपने की मंजूरी दी गई। 1630 मेगावाट की रेणुकाजी और 270 मेगावाट की थाना प्लाउन पंप स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पक्ष में आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप समिति के गठन को मंजूरी दी, जिसमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यदविंदर गोमा शामिल होंगे। रोगी कल्याण समितियों को मजबूत करने के लिए सिफारिशें प्रदान करना। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम घोषित करने के लिए अधिकृत किया है, जबकि जांच और अदालती कार्यवाही के अंतिम परिणाम आने तक पोस्ट कोड 903 के तहत पांच पद और पोस्ट कोड 939 के तहत छह पद खाली रखे हैं। इसने शैक्षणिक अनुसंधान को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सोलन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को राज्य स्तर पर स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शीर्ष संस्थान के रूप में पदोन्नत करने को भी मंजूरी दे दी। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास प्रदान करने के लिए 12 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी) को मजबूत करने का निर्णय लिया। 'डॉ.' के लाभों को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 'यशवंत सिंह परमार ऋण योजना' विदेशी शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने के इच्छुक पात्र मेधावी छात्रों के लिए है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान करती है। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के सिविल अस्पताल देहरा और सिरमौर जिले के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना को मंजूरी दे दी, जिससे उन्हें आधुनिक देखभाल सुविधाओं से लैस किया जाएगा। देहरा में एचपीएसईबीएल के अधीक्षण अभियंता और खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। वन विभाग में सहायक वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया। मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 33 पद भरने को मंजूरी दी गई। इसमें लाहौल-स्पीति जिले के सिस्सू में एक नया पुलिस स्टेशन खोलने के साथ-साथ इसे कार्यात्मक बनाने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 18 पदों के सृजन और भरने पर सहमति व्यक्त की गई। चम्बा जिले के हटली में नई खुली पुलिस चौकी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पद सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, जिला जेल मंडी में पुलिस उपाधीक्षक के दो पद, डिस्पेंसर का एक पद, सहायक निदेशक (जीव विज्ञान और सीरोलॉजी) का एक पद और गृह में प्रयोगशाला सहायक (रसायन विज्ञान और विष विज्ञान) के तीन पद भरने का भी निर्णय लिया गया। विभाग। हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के 10 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला जिले के शोघी और सोलन जिले के कसौली, जाबली, बरोटीवाला, नालागढ़ और बद्दी के ईएसआई स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा अधिकारी (दंत) के छह पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक सेवा विभाग को छह मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान करने की मंजूरी दे दी।
सिरमौर/ कपिल शर्मा: डॉ वाई एस परमार पब्लिक स्कूल हरिपुरधार की छात्र अदिति राणा का राज्यस्तरीय अंडर -14 कबड्डी प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ है। संगड़ाह ब्लॉक से अदिति राणा एक मात्र खिलाड़ी है जिनका चयन इस प्रतियोगिता के लिए हुआ है। प्रतियोगिता का आयोजन 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक शिमला जिले के सुन्नी में होंग संगड़ाह ब्लॉग में पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई पब्लिक स्कूल ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचा है। यह रिकॉर्ड डॉ वाई एस परमार पब्लिक स्कूल हरिपुरधार ने अपने नाम किया है। जिला की टीम में सबसे अधिक पांच खिलाड़ियों का चयन शिलाई ब्लॉक से हुआ है। राजगढ़ ब्लॉक के तीन, नौहराधार ब्लॉक के दो, पावटा, सतोन व संगड़ाह ब्लॉक से एक एक खिलाड़ियों का चयन इस प्रतियोगिता के लिए हुआ है। अदिति राणा की प्रतिभा निखारने में उनके कोच विनय छींटा का सरहानीय योगदान रहा है। छींटा ने अदिति राणा को तीन महीने तक निशुल्क परीक्षण दिया है। अदिति अपनी सफलता का श्रय अपने कोच विनय छींटा व पीईटी सुरेंद्र शर्मा को दिया है। सुरेंद्र शर्मा भारत की आठ सदस्यीय तकनीकी कमेटी के सदस्य है।
** हिमाचल में उपजे विवाद से करवाया अवगत ** सीएम को फोन कर घटनाओं को रोकने के केसी वेणुगोपाल ने दिए निर्देश हिमाचल प्रदेश के शिमला में मस्जिद विवाद के बाद पूरे प्रदेश में हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन किए जा रहे है। प्रदेश भर में मस्जिदों के बाहर नारेबाजी की जा रही है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। वही इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष इकबाल मुहमद की अगवाई में एक मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुचा, जिसमे कई मस्जिदों के इमाम भी शामिल थे । प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से मुलाकात की और उन्हें प्रदेश की स्थिति से अवगत करवाया ओर कहा कि हिमाचल में खास कर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है आए दिन मस्जिदों के बाहर प्रदर्शन किए जा रहे है, जिससे मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल बनाया जा रहा है और माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वही इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रतिनिधि मंडल को कांग्रेस महासचिव कैसी वेणुगोपाल के पास लेकर पहुचा और हिमाचल में एक समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं को रोकने की अपील की। वही मौके से ही वेणु गोपाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से फोन पर बात की और इन घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए। केसी वेणुगोपाल ने आश्वासन दिया कि कॉंग्रेस पार्टी आपसी सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध है और राहुल गॉंधी के मुहब्बत के नारे के साथ न्याय करने के लिए पुरज़ोर कोशिश कर रही है।
** प्राइवेट होटलों में दिया जा रहा डिस्काउंट हिमाचल प्रदेश में अब बर्फ से ढकी चोटियां पर्यटकों को आकर्षित करने लगी हैं। लाहौल-स्पीति और मनाली की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली में अब ऑक्यूपेंसी 30 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले टूरिस्ट व्हीकल का आंकड़ा भी 500 के पार हो गया हैं। इस वीकेंड में पर्यटन कारोबारियों को ऑक्यूपेंसी बढ़ने की उम्मीद है। अन्य राज्यों से मनाली पहुंचने वाली लग्जरी बसें का आंकड़ा 35 के पार हो गया। वहीं, रोहतांग पास में भी पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। बीते दिन भी लगभग 115 टूरिस्ट व्हीकल रोहतांग पहुंचे। इसके अलावा सैलानियों को कुल्लू-मनाली के निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। वहीं, पर्यटन कारोबारी भी दशहरा सीजन को लेकर आकर्षक पैकेज बनाने में जुट गए हैं। मनाली के पर्यटन कारोबारी दलीय, चुनी लाल, प्रताप व प्रेम ने बताया कि बीते दिन मनाली में पर्यटकों की बाहरी राज्यों से 35 लग्जरी बसें पहुंचीं। बरसात के चलते पर्यटन कारोबार चौपट गया था। सितंबर के पहले सप्ताह में लग्जरी बसों की संख्या 10 तक रह गई थी। इससे पहले अगस्त में मनाली के होटलों में ऑक्यूपेंसी 15 प्रतिशत थी, जो कि अब 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इस वीकेंड पर इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है। मनाली में अब पर्यटन कारोबारी नवरात्रि की तैयारी में जुटे है। स्नो वैली रिजॉर्ट के एमडी विम्पी बक्शी, मनाली ग्रैंड के मैनेजर हैप्पी, ग्लेशियर रिजॉर्ट के मैनेजर किशन व माहीन काटेज के मैनेजर राजू ने बताया कि कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान पर्यटन कारोबार में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। होटल एसोसिएशन मनाली के उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर ने कहा कि इस बार दशहरा सीजन बेहतर चलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मनाली के पर्यटन कारोबारी दशहरा व दिवाली सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
** न्यायमूर्ति राजीव शकधर की सिफारिश निरस्त शिमला: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पूर्व न्यायमूर्ति राजीव शकधर को हिमाचल हाईकोर्ट का सीजे नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के नाम की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को वर्ष 2011 में 30 सितंबर को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इस समय हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव हैं। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का स्थानांतरण हुआ है। उनके स्थान पर नया सीजे नियुक्त होना है। इसके लिए पहले न्यायमूर्ति राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हुई थी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर इसी साल 18 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट से सेवानिवृत हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इसी साल 11 जुलाई को राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हिमाचल हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर की थी। उस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब नई सिफारिश के अनुसार न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को नियुक्त करने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से ये सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को 18 अक्टूबर को न्यायमूर्ति राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। यहां बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति एमएस रामचन्द्र राव ने मई 2023 में कार्यभार संभाला था। पिछली सिफारिश के तहत उन्हें झारखंड के मुख्य न्यायाधीश बनाने की बात कही गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के सात राज्यों में हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की थी।
** प्रदेशभर में खोले 19 खरीद केंद्र हिमाचल में खरीफ सीजन में तैयार हो रही धान की फसल को बेचने के लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। किसानों को घर द्वार पर धान की फसल बेचने की सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार ने 19 खरीद केंद्र खोले हैं। इन केंद्रों में किसान अपनी सुविधा के मुताबिक धान की फसल को बेच सकते हैं। यही नहीं किसान समय पर अपनी फसल को बेच सके, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने धान की फसल की खरीद करने के लिए बुकिंग का पोर्टल भी खोल दिया हैं। इस तरह से किसान धान की फसल बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। धान की खरीद के लिए पोर्टल खुलने के साथ ही किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। विभाग ने किसानों का पंजीकरण करने के लिए hpappp.nic.in पोर्टल का लिंक तैयार किया हैं। हिमाचल में किसानों से सरकार धान की फसल खरीदेगी। विभाग के इस पोर्टल पर धान खरीद से जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध है। प्रदेश भर में स्थापित किए गए 19 केंद्रों में 10 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक धान की खरीद की जाएगी। किसानों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सरकार ने अबकी बार धान की फसल का खरीद मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। हिमाचल प्रदेश में धान खरीद के लिए 19 केंद्र बनाए गए है। इसमें एचपीएससीएससी चिड़गांव जिला शिमला, अनाज मंडी फतेहपुर, पांवटा साहिब धौलाकुंआ जिला सिरमौर, एपीएमसी रामपुर, मलपूर बद्दी जिला सोलन, रियाली, एचपीएससीएससी गोडाऊन कवार, एचपीएससीएससी गोडाऊन सलूणी जिला चंबा, एचपीएससीएससी गोडाऊन शिलाई, एचपीएससी एससी गोडाऊन तीसा, मार्केट यार्ड नालागढ़, एचपीएससीएससी गोडाऊन ददाहू, एचपीएससीएससी गोडाऊन हरिपुरधार जिला सिरमौर, मार्केट यार्ड टकारला, मीलवां, नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा, रियाली, औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल जिला ऊना में धान खरीद केंद्र बनाए हैं।
** शिविर में स्कूली बच्चों सहित अन्य लोगों ने लिया भाग चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट सिरमौर द्वारा सीडीपीओ नाहन ब्लॉक के माध्यम से जागरुकता शिविर लगाए जा रहे है। आज यह जागरुकता शिविर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पनार और राजकीय उच्च पाठशाला कोटला में लगाया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को पोषण माह के अंतर्गत बाल पोषण के बारे में और बच्चों के लिए बनी हेल्पलाइन तथा उनके अधिकारों/कानूनों व योजनाओं के बारे में जागरूक करना था।जागरुकता कार्यक्रम के दौरान सीडीपीओ कार्यालय से आई ब्लॉक कोर्डिनेटर (पोषण परियोजना) आरती देवी ने उपास्थित बच्चो व अध्यापकों को पोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । उन्होंने बच्चों के न्यूट्रिशन के बारे में जानकारी प्रदान की तथा बताया कि बच्चों को अपने सेहत को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि शारीरिक रूप से वह मानसिक रूप विकसित हो सके। इसके पश्चात आंगनवाड़ी सुपरवाइजर वीर सिंह द्वारा आंगनबाड़ी के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की । जागरुकता कार्यक्रम में चाइल्ड हेल्पलाइन सुपरवाइजर सुरेशपाल ने कार्यक्रम चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन फोन सेवा 1098 के माध्यम से अनाथ अर्ध-अनाथ, स्कूल छोड़ चुके, घर से भागे हुए, मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम, छेड़छाड़ से पीड़ित व अन्य किसी भी कारण से शोषित बच्चों हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी के साथ साथ बच्चों के अधिकारों व कर्तव्यों के बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन केस वर्कर राजेन्द्र सिंह द्वारा उपस्थित बच्चों को जेजे एक्ट 2015, पोक्सो अधिनियम 2012, बाल श्रम अधिनियम व बाल विवाह कानून के संबंध में भी बच्चों और अध्यापकों को जागरूक किया गया, साथ ही बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में में उदाहरण सहित समझाया गया। बच्चो व अध्यापकों को सुखाश्र्य योजना और स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे सभी को बताया गया कि यदि किसी के द्वारा नाबालिक बच्चों को बहलाया-फुसलाया जाता है तो इसे किसी भी रूप में नजर अंदाज ना किया जाए उसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर अवश्य दी जाए ताकि उसे जरूरतमंद और मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद की जा सके। इस कार्यक्रम में दोनो स्कूल के कुल 117 बच्चों, 11 अध्यापकों, 08 आंगनवाड़ी वर्कर्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया ।
हिमाचल प्रदेश के जो युवा पुलिस कांस्टेबल बनने की इच्छा पाले हुए हैं, उनके लिए एक सुख की खबर है। हिमाचल प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग जल्द ही कांस्टेबल के करीब 1250 पदों की भर्ती विज्ञापित करने वाला है। इसके लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस तरह एक साल बाद इंतजार खत्म होने वाला है। सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 14 सितंबर 2023 को 1226 पद भरने के कैबिनेट में फैसला लिया था। उसके बाद कई अड़चनों के कारण भर्ती नहीं हो सकी। बाद में पदों की संख्या भी बढ़ाई गई और आयु सीमा में भी छूट दी गई। पहले ये भर्ती पुलिस विभाग अपने स्तर पर करता था, लेकिन पूर्व की जयराम सरकार के समय हुए विवाद के बाद पुलिस मुख्यालय ने भर्ती प्रक्रिया से हाथ खींच लिया था। उसके बाद भर्ती का जिम्मा राज्य लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करने का फैसला लिया। इसके लिए आयोग ने एनआईसी (नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर) की मदद ली है। ये सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो गया है। आयोग ने इस सॉफ्टवेयर को विभिन्न स्तरों पर परखा है। अब लोकसेवा आयोग इस सॉफ्टवेयर की प्रक्रिया से संतुष्ट है और जल्द ही पदों को विज्ञापित किया जाएगा। विज्ञापन के समय भर्ती संबंधी सभी शर्तों को जारी किया जाएगा। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत में पद विज्ञापित हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों पर भर्ती कर रहा है। पुलिस कांस्टेबल के ये पद क्लास थ्री के तहत आते हैं। आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर खुद आईपीएस रह चुके हैं। वे भारतीय सेना में कैप्टन भी रहे है। अपनी स्वच्छ छवि, भारतीय सेना की बैकग्राउंड और आईपीएस अफसर की सेवा के अनुभवों के कारण कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर फूल प्रूफ सिस्टम तैयार करने में विश्वास रखते हैं। वे तकनीकी मामलों में भी सिद्धहस्त हैं इसलिए किसी भी प्रकार के सॉफ्टवेयर की जानकारी रखते हैं। उनकी अगुवाई में आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों की भर्ती कर रहा है। ऐसे में युवाओं में भी आयोग की भर्ती प्रक्रिया में भरोसा है। इस बार सुखविंदर सिंह सरकार ने कांस्टेबल भर्ती में महिलाओं का कोटा बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया है। महिला कांस्टेबल के कुल 292 पद होंगे। इस बार की भर्ती में ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर दौड़ को भी जोड़ा गया है। आयु सीमा में एक साल की छूट दी गई है। इसके अलावा पुरुष कांस्टेबल के पदों की संख्या 870 रहेगी। चालकों सहित अन्य पद भी भरे जाने है। राज्य सरकार ने इस साल जून महीने में हुई कैबिनेट भर्ती में 1226 पदों में 30 पद और जोड़े हैं। पहले ये पद जिलावार विज्ञापित होते थे और जिलावार ही भर्ती भी होती थी, लेकिन इस बार भर्ती स्टेट वाइज होंगीं। इस भर्ती में पूर्व की तरह ही फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट्स की जांच आदि भी पुलिस ही करेगी।
शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया ने अतारांकित प्रश्न संख्या 996 में आयुष मंत्री से सवाल पूछा था कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकार कितनी धनराशि ईनाम के तौर पर प्रदान कर रही है। खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रुप में कितनी धनराशि और अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं सरकार की ओर से प्रदान की जाती हैं। सरकार की ओर से लिखित जानकारी में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण जयंती खेल नीति-2021 बनाई गई है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकार की ओर से इनाम राशि प्रदान की जा रही है। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए दैनिक भत्ते एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। खिलाड़ियों को रोजाना डाईट मनी भी दी जाती है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को डाईट राशि 250 रुपये प्रतिदिन की दर से निर्धारित की है। खिलाड़ियों को विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 200 किलोमीटर की दूरी की यात्रा के लिए थर्ड एसी के किराये की प्रतिपूर्ति की जाती है। 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी के लिए इकॉनमी क्लास की हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। विभिन्न श्रेणी के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सीधी भर्ती के अर्न्तगत विभिन्न सरकारी विभागों/ बोर्डों/निगमों में 3 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 1999 से अब तक कुल 889 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उक्त योजना के अर्न्तगत रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को बीमा चिकित्सा सुविधा एवं खेल किट इत्यादि प्रदान की जा रही है। विभाग में खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना की गई है, जिसके अर्न्तगत अर्न्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करते समय यदि किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो उसे 10 हजार से 25 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
** मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट ** 24 सितंबर के बाद मॉनसून की विदाई की संभावना हिमाचल प्रदेश में अभी मॉनसून की बौछारों से राहत मिलने के आसार नही है। भले ही प्रदेश में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, बावजूद इसके सितंबर माह में जमकर बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने 18-19 सितंबर को येलो अलर्ट जारी किया है। 20 सितंबर के बाद बारिश के इस क्रम से राहत मिलने की संभावना है, लेकिन मध्यवर्ती क्षेत्रों में 24 सितंबर तक कुछ क्षेत्रों में मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश से मानसून की विदाई 24 सितंबर के बाद होने की संभावना है।राजधानी में आज दिनभर बादलों की लुक्का छिप्पी जारी रही और रुक रुक कर हल्की वर्षा होती रही मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने कहा कि गत 24 घण्टों के दौरान सोलन, सिरमौर, मंडी, बिलासपुर, शिमला व कांगड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई है।
** 283 करोड़ की लागत बनकर होगा तैयार जिला कुल्लू में विरोध के बावजूद भी बिजली महादेव रोपवे को वन संरक्षण अधिनियम (FCA) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल गई है।अनुमति मिलते ही अब रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। रोपवे का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड करेगी। निर्माण कंपनी को काम अवार्ड कर दिया गया है। वहीं, अब जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और पर्यटक भी आसानी से यहां पहुंच पाएंगे। एफसीए के तहत परमिशन मिलने के बाद अब जल्द यहां पर रोपवे तैयार किया जाएगा. वहीं, रोपवे के बन जाने से घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इस रोपवे के बनने से 36 हजार पर्यटक एक दिन में बिजली महादेव के दर्शन कर सकते हैं और यहां के पर्यटन को भी इससे काफी लाभ होगा। दशकों से लटके बिजली महादेव प्रोजेक्ट को अब जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में कुल्लू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये एक अहम कड़ी का काम करेगा। पांच मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल हमीरपुर से रोपवे का भूमि पूजन किया गया था। रोपवे बन जाने के बाद पर्यटक बिजली महादेव का सफर आसानी से कर सकेंगे। रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मौहल के साथ बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 2.33 किलोमीटर होगी। अभी तक बिजली महादेव के दर्शन करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बिजली महादेव का दौरा तब किया गया था, जब वह प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। उन्होंने चार जून 2000 को बिजली महादेव मंदिर में माथा टेका था। पांच नवंबर 2017 को वह कुल्लू आए थे। इस दौरान एक जनसभा में बिजली महादेव का जिक्र भी किया था। बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनाने का उनका ये सपना जल्द पूरा होने वाला है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि बिजली महादेव रोपवे के बन जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। कुल्लू से वाया रामशिला होते हुए रास्ते में जिन लोगों की दुकानें, ढाबे, होटल, रेस्तरां आता है, उन सभी को रोजगार चौपट हो जाएगा। इसके अलावा रोपवे के लिए पेड़ों का भी कटान किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि इसका लाभ बड़ी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है।
** न्यू शिमला पुलिस थाना भी पैदल हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सेशन संपन्न हुआ है। इस बार सेशन में 480 तारांकित व 299 अतारांकित सवाल पूछे गए। वहीं, सेशन में सरकार ने कुल 25 बिल पारित किए हैं। कांगड़ा जिले की इंदौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने 10 सितंबर को 999 प्रश्न संख्या (क) के तहत मुख्यमंत्री सीएम सुक्खू से प्रदेश के पुलिस थानों में स्थायी वाहनों को लेकर सवाल किया। विधायक ने सीएम से डिटेल मांगी थी कि प्रदेश में ऐसे कितने पुलिस थाने हैं, जिनके पास स्थायी वाहन नहीं है। अपने एक अन्य सवाल में विधायक ने पूछा था कि क्या यह सत्य है कि पुलिस थाना इन्दौरा में स्थायी वाहन नहीं है, यदि हां तो वाहन कब तक उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने इन दोनों प्रश्नों का जवाब देते हुए डिटेल दी और कहा प्रदेश में कुल 23 पुलिस थाने ऐसे हैं जिनके पास स्थाई वाहन नहीं है। दूसरे सवाल के जवाब में सीएम ने कहा जी हां पुलिस थाना इन्दौरा के पास अपना स्थायी वाहन नहीं है। पुलिस थाने को वाहन उपलब्ध करवाने के लिए मामला प्रगति पर है।
शिलाई: भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला द्वारा ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में 'राजभाषा हिंदी अभियान' के तहत 'राज्य स्तरीय अन्तर महाविद्यालय' समारोह का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के अंर्तगत निबंध, कविता वाचन, भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं करवाई गई,जिसमें प्रदेश भर के अंतर महाविद्यलयों के छात्रों ने भाग लिया। राजकीय महाविद्यालय शिलाई हिन्दी विभागाध्यक्ष आरके ठाकुर ने बताया कि रिज मैदान पर स्थित गेयटी थियेटर में आयोजित "राजभाषा हिंदी" अभियान के तहत हुए समारोह में शिलाई महाविद्यालय की छात्रा विनाक्षी ठाकुर एमए हिंदी तृतीय सेमेस्टर ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया है, जिस के लिए महाविद्यालय प्रबंधन ने क्षेत्र का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी तथा सम्मानित किया। राजभाषा हिन्दी कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार और सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए चलाया गया एक विशेष अभियान है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी को देश की राजभाषा के रूप में स्थापित करना और इसे विभिन्न सरकारी, प्रशासनिक, और न्यायिक कार्यों में प्राथमिक भाषा के रूप में लागू करना है। हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए राजभाषा अधिनियम 1963 लागू किया गया, जिसमें यह निर्धारित किया गया कि केन्द्र सरकार के कामकाज में हिन्दी का अधिकतम उपयोग होना चाहिए।
शिलाई(सिरमौर): शिलाई गावँ में पीने के पानी का संकट बरकरार है मंगलवार को युवा संघर्ष समिति के युवा, कस्तूरबा महिला मंडल तथा प्रगति महिला मंडल की महिलाएं पेयजल की किल्लत के चलते एक प्रतिनिधिमंडल जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता से मिला तथा ज्ञापनो के माध्यम से पेयजल किल्लत की समस्या का तुरंत समाधान करने की मांग की गई तथा शिलाई गावँ के लिए निर्मित पेयजल उठाऊ योजना डूमोट खाला से शिलाई गावँ को चालू करने की मांग की इन्होंने बताया कि शिलाई के लिए दशकों पूर्व बनी नेडा खड्ड उठाऊ पेयजल योजना से शिलाई बाजार को ही नियमित पेयजल मिलता है शिलाई गावँ को तो सप्ताह बाद ही पानी नसीब होता है सरकारी कार्यालय व सरकारी आवास कुहन्ट-बाली-कोटि प्रवाह पेयजल लाइन से जुड़े है जिसमे 24 घण्टो पानी चलता है इसलिए अधिकारियों व कर्मचारियों को कोई दिक्कत नही है शिलाई गावँ को विभाग ने इस लाइन से नही जोड़ा नेड़ा खड्ड लिफ्ट योजना से शिलाई बाजार व शिलाई गावँ जुड़ा हुआ है बाजार के लोगो को तो इससे पर्याप्त पानी मिल जाता है लेकिन गावँ की हालत यह है कि गर्मियों में तो 20-20 दिन बाद पानी मिलता है लेकिन बरसात में भी 6-7 दिनों के बाद पानी नसीब हो रहा है जिसके कारण लोगो को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है बताते चले कि शिलाई गावँ की पापो का खाला से आने वाली प्रवाह पेयजल लाइन विभागीय लापरवाही की शिकार हो गई है जिससे पेयजल की अधिक किल्लत हो गई जल शक्ति विभाग पेयजल की इस लाइन को वर्षों से ठीक नही कर पा रहा है जिसके कारण गावँ के कुछ लोगो ने इसी पेयजल के स्त्रोत से निजी पेयजल लाइनें प्लास्टिक पाइपों में अपने घर तक पानी पहुंचाया है लेकिन विभाग बंद पड़ी इस पेयजल लाइन को चालू नही कर पाया है इस कारण भी गावँ के लोगो को पानी की किल्लत हो रही है और विभाग 6-6 दिन बाद लिफ्ट का पानी छोड़ रहा है इस सम्बंध में ग्राम पंचायत शिलाई ने भी अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग मंडल शिलाई को पारित एक प्रस्ताव में लिखा है कि शिलाई गावँ के ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है तुरंत नई उठाऊ योजना डूमोट से शिलाई को शुरू की जाए पंचायत प्रधान शीला नेगी ने बताया कि गावँ के करीब 400 परिवारो के लिए सरकार द्वारा नई उठाऊ पेयजल योजना डूमोट से बनाई है जिसका ट्रायल भी हो चुका है इस योजना को तुरंत चालू किया जाए उधर जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता प्रदीप चौहान ने महिलाओं व ग्रामीण युवाओं की पेयजल समस्या ज्ञापन मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि तीन दिनों के भीतर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा डूमोट खड्ड से गावँ शिलाई के लिए पृथक निर्मित उठाऊ योजना को चालू कर दी जाएगी जिससे ग्रामवासियों की पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा। इस मौके पर कस्तूरबा महिला मंडल,प्रगति महिला मंडल की महिलाओं सीमा देवी,लीला नेगी,सोरतो देवी,बालमा देवी,वबीता देवी,रीता देवी,अतरो देवी,तारा देवी,सुशील तोमर,सन्नी देवी, जग्गो देसाइक,विद्या देवी,कौशल्या,सत्य तोमर,किरण,सुमित्रा,शीलादेवी,सुनीता,विजमा,ललिता,सविता तथा युवा संघर्ष समिति के मोहन नेगी,विक्रम नेगी,कपिल तोमर,रणजीत नेगी,अजय तोमर,मनोज नेगी,मोहन लाल,देवेंद्र सिंह,तनुज तोमर,प्रियांशु,अमित तोमर,शुपा राम केशव तोमर,अमित तोमर,दलीप सिंह,स्वरूप सिंह,,आँशुक,राहुल,तपेश तोमर,किशन सिंह,बलबीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिले में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिले में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। बुधवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसों से यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा।
***पुन्नरधार स्कूल ने जीता ऑल राउंड का खिताब सिरमौर रेणुका जी (नोहरा धार ) जॉन अंडर-19 बॉयज खेलकूद प्रतियोगिता में पुनर धार स्कूल का रहा दबदबा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बॉग धार में संपन्न हुई अंडर-19 बॉयज खेलकूद प्रतियोगिता में ऑलराउंडर बेस्ट, बॉलीबाल, खो खो व बेडमिन मे पुनर धार स्कूल प्रथम स्थान में आकर ट्रॉफी पर कब्जा किया।नोहरा धार अंडर-19 वर्ग के टूर्नामेंट का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय य बोगधार में समापन हुआ। इस चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता में ऑल राउंड बेस्ट का खिताब पुन्नरधार स्कूल के नाम रहा। वालीबॉल प्रतियोगिता में विनर पुन्नरधार स्कूल व नौहराधार स्कूल रनरअप रहा। कबड्डी के फाइनल मुकाबले में पीवाईपी चाढ़ना स्कूल ने ट्रॉफी अपने नाम की, जबकि रनरअप नौहराधार के स्कूल रहा।खो खो व बैडमिंटन में पुन्नरधार स्कूल ने बाज़ी मारी, जबकि बेडमिंटन रनरअप बोगधार स्कूल रहा। योगा में नौहराधार स्कूल ने बाजी मारी। इसी तरह सांस्कृतिक की कार्यक्रम में लोक नृत्य प्रतियोगिता में चौरास प्रथम रहा, समूह गान में भी चौरास व एकल गान में भी चौरास प्रथम रहा। आर्केस्ट्रा में बोगधार प्रथम, एकांकी में बोगधार प्रथम रहा। इस मौके पर पीटी आई कमल राज, डीपीई हिमांशु,डीपीई वीरेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, शशिपाल चौहान । आदि सभी स्कूलों के शारीरिक अध्यापक समेत अभिभावक मौजूद रहे। पुनर धार पाठशाला के प्रधानाचार्य हेमराज सिमर ने कमल राज पीटी आई व डीपीई वीरेंद्र व अंडर-19 बॉयस के खिलाड़ियों को बधाई दी। पीटी आई कमल राज व डीपीई वीरेंद्र ने जिला के लिए चयनित खिलाड़ियों को जिले में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी।
** यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवानों ने 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार से अधिक पेटी सेब मंडियों में भेजा यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था प्रदेश में सेब बागवानी के क्षेत्र में बहुआयामी प्रयास है, जिससे बागवानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम प्राप्त करने में मदद मिल रही है। सरकार के इस कदम से बागवानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है। प्रदेश में बागवानों को पैकिंग समाधान की आवश्यकता और सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है। पारम्परिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की शंका व कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिलेगी। यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे सेब को होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है व गुणवत्ता बनी रहती है। इससे जहां बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवान का बचाव होगा। यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए विशेष मानक भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें आकार, तहों की संख्या, वजन अथवा क्षमता आदि मानकों का पालन कर उच्च गुणवत्ता वाले कार्टनों के माध्यम से फलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए बागवानों का समर्थन, कार्टन की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था के माध्यम से कार्टन का सही उपयोग करने के प्रति जानकारी व जागरूकता प्रदान की गई। स्थानीय स्तर पर कार्टन निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहित कर बागवानों को कार्टन उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। बागवानों की आय में वृद्धि तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सल कार्टन महत्त्वपूर्ण कदम है। अन्य फसलों के लिए भी ये पहल एक आदर्श के रूप में देखा जा रही है। इस वर्ष सेब सीजन के दौरान प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 यूनिवर्सल कार्टन से सेब की फसल अभी तक देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जा चुकी है। हिमाचल प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अन्तर्गत मंडियों द्वारा तथा समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 13 लाख 1668 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया। कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1312, ऊना समिति द्वारा 918, बिलासपुर 456 तथा हमीरपुर के माध्यम से 1921 व चम्बा कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया। एचपीएमसी द्वारा भी लगभग 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं।
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में वर्ष भर तीज त्यौहार हर्षों-उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। जिनका अपना विशेष महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन त्यौहारों की अपनी विशिष्ट पहचान है। जहां ग्रामीण बड़े शौक से इन त्यौहारों के आने की तैयारियां करते हैं। इनमें सायर पर्व एक बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। मंडी जनपद में सायर पर्व का बड़ा महत्व है। यह त्यौहार बरसात खत्म होते ही अश्विन माह की पहली तिथि को मनाया जाता है। जिसमें सबसे पहले सायर पूजन होता है। परिवार के सभी सदस्य ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने उपरांत सैर की पूजा करते हैं। देवताओं को नई फसलों और फल आदि का भोग लगाया जाता। इनमें धान की बाली, भुट्टा (गुल्लू), खट्टा (बड़ी नीबू), ककड़ी और अखरोट आदि की पूजा की जाती है। उसके बाद परिवार के छोटे सदस्य अपने से बड़ों को दृभ देकर आशीर्वाद लेते हैं। मंडी जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे और बड़े सभी सैर की द्रुभ का खासा आनंद लेते हैं। बच्चे टोलियों में निकल कर गांव गांव जाकर द्रुभ देकर बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। सैर त्यौहार की पूर्व संध्या को सग्रांद पर्व मनाया जाता है। जिसमें तरह तरह के व्यंजन पकाकर ग्रामीण एक दूसरे को मेहमानबाजी की दावत देते हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब गिफ्ट डीड लैंड पर ही सड़कों का निर्माण नहीं होगा। गिफ्ट डीड का पहले विभाग के नाम पर म्यूटेशन करवाया जाएगा। उसके बाद विभाग आगे की कार्रवाई शुरू करेगा, ताकि कोई भी लैंड होल्डर बाद में कोर्ट में मुआवजे की मांग न कर सके। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सालों पहले लोग गांव में सड़क निर्माण करते समय गिफ्ट डीड पर लैंड देते थे। सालों से ऐसा ही चलता आ रहा था। हमने भी उसी परंपरा का पालन किया। प्रदेश के अधिकतर गांवों में लोक निर्माण विभाग द्वारा गिफ्ट डीड के आधार पर सड़के निकाली गई हैं, लेकिन कई सालों बाद अब लोग इस गिफ्ट डीड से साफ इंन्कार करते हुए मुआवजे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे है। कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार को यह मुआवजा भी देना पड़ रहा है। इस मुआवजे के कारण प्रदेश सरकार की आर्थिक हालत और खराब होती जा रही हैं। प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस तरह के मामले आने के बाद सरकार ने सीख ली है और अब गिफ्ट डीड की गई जमीन पर बिना म्यूटेशन के सड़क नहीं बनाई जाएगी। इसे लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी आदेश जारी किए गए हैं। मंडी जिला के सराज विधानसभा के जंजैहली में सराज टेलेंट एवं टूरिज्म फेस्टिवल के शुभांरभ के मौके पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सराज के जंजैहली में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी भी बढ़ी है। इस क्षेत्र के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाएगी, ताकि कुल्लू मनाली की तरह इस क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके।
प्रदेशभर में हिंदू संगठनों द्वारा अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर आवाज उठाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद ने आज हिमाचल बंद का ऐलान किया है। दोपहर 1:30 बजे तक सभी दुकानें बंद रखने की अपील की है। वहीं, कुल्लू जिले में भी व्यापार मंडल ने आधे दिन के लिए कुल्लू और भुंतर में बंद का आह्वान किया है। मंडी में अवैध मस्जिद को तोड़ने के लिए नगर निगम ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है, जबकि सुन्नी में आज हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा, जिसे देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़े।
हिमाचल: विश्व सहयोग आर्थिक मंच और ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के परिसंघ ने पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को वैश्विक पुरस्कार नेताजी सुभाष चंद्र वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया है। 13-14 सितंबर को तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैक्लोडगंज में देश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से WCo-OPEF की ओर से आयोजित 'सहकारी आर्थिक ढांचे के माध्यम से असमानता को कम करने के लिए वैश्विक सहमति बनाने पर एशिया-प्रशांत सम्मेलन' में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उन्हें यह सम्मान दिया है। सार्वजनिक नीति में विधायक सुधीर शर्मा के नेतृत्व और सामाजिक कार्य, खेल और हिमालयी बागवानी में विशेष रुचि से ग्रामीण भारत के विकास के लिए उनकी उत्कृष्ट और अदम्य सेवा के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। मूल रूप से एक कृषक होने के नाते वे पहाड़ी कृषि के प्रति किसानों की क्षमता निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने शहरी विकास के लिए अपनी गहरी सोच के लिए महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त योगदान दिया है। मौजूदा वक्त में सुधीर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। साल 2003 में वे पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पांचवीं बार के विधायक हैं। राज्य में तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान साल 2012 से साल 2017 तक सुधीर शर्मा शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पिता पंडित संत राम राज्य के कद्दावर नेता रहे हैं। विधायक सुधीर शर्मा ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसे धर्मशाला की जनता को समर्पित किया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिला बाल सरंक्षण कार्यलय सिरमौर तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी नाहन, के संयुक्त तत्वधान से विक्रम बाग में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारी नाहन कार्यक्रम की शुरुआत की गई और उनके द्वारा विभाग द्वारा बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में व पोषण के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी प्रदान की गई । सभी को बताया गया कि सभी आयरनयुक्त भोजन ले ताकि आप और आपके बच्चे स्वस्थ रहे और खुशहाल जीवन व्यतीत करें। परामर्शदाता परवीन अख्तर ने कार्यकम की शुरुआत की ओर जिला बाल संरक्षण की तरफ बच्चों को मिलने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही पॉस्को एक्ट, बाल विवाह कानून, स्पॉन्सरशिप, मुख्यमंत्री सूखा श्रय योजना ,और बच्चों से सम्बंदित कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी ! सुपरवाइजर द्वारा बेटी है अनमोल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और मुख्यमंत्री शगुन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी सांझा की गई ! इस दौरान आंगनवाडी वर्कर द्वारा पोषण माह के तहत प्रदर्शनी भी लगाई थी । इस दौरान चाइल्ड हेल्पलाइन से केस वर्कर्स राजेंद्र सिंह द्वारा हेल्पलाइन के बारे जानकारी दी कि यह एक आपातकालीन सेवा है जो 24x7 घंटे काम करती है और बताया गया कि जब आप देखे की कोई बच्चा (0-18 वर्ष के बीच का) बेबस, बेसहारा ओर मुसीबत में फंसा देखे तो उसकी सूचना हेल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर कॉल कर जरूर दें । इस नम्बर पर कॉल करने वाले कि जानकारी गुप्त रखी जाती है। इस दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी नाहन से इशाक मोहम्मद , आगनवाड़ी सुपरवाइजर प्रदीप भटनागर , पंचायत के वॉर्ड मेंबर, जिला बाल संरक्षण से काउंसलर प्रवीण अख्तर , चाइल्ड हेल्पलाइन से केस वर्कर राजेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य बिंदुओं से जुड़े मामले में पुनर्विचार के आदेश दिए हैं। केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित (जर्म फ्री) करने के बाद उसी स्थान पर वापिस छोड़े जाने के नियम बनाए हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत बनाए गए नियम में आवारा कुत्तों को नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित करने के बाद वापिस उसी स्थान पर छोड़ा जाता है, जहां से उन्हें नसबंदी के लिए पकड़ा जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है। अभी जो किया जा रहा है, वैसा करने से छोटे बच्चों व बुजुर्ग लोगों को कुत्तों के आक्रमण का खतरा अधिक है। हाईकोर्ट ने इस बात को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा कि उपरोक्त प्रावधान में उपरोक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसी तर्ज पर राज्य के वन विभाग को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए। इन आदेशों में राज्य सरकार को मानव-वन्यजीव संकट का व्यापक अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ निकायों को शामिल करने और सभी हितधारकों के साथ-साथ स्थानीय आबादी को इस बारे में जागरूक करने को कहा गया है। राज्य सरकार को बंदरों की व्यापक जनगणना और इनसे समस्या वाले क्षेत्रों/स्थानों की पहचान करने के आदेश भी जारी किए हैं। साथ ही फसल वाले खेतों की सुरक्षा के लिए अवरोध लगाने और सौर बाड़ लगाने पर भी विचार करने को कहा गय। ये ख्याल रखने के लिए भी आदेश दिए कि यह बाड़ जानवरों अथवा इंसानों के लिए घातक न हो। सरकार को पशु परिवहन नियम-1978 का पालन करते हुए पास के वन क्षेत्रों में बंदरों के पुनर्वास के लिए वन क्षेत्रों में फलदार पेड़ उगाने पर विचार करने को कहा गया है। बीमार और घायल बंदरों के बारे में जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने और इसका व्यापक प्रचार करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में आईएएस समेत सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों के कामकाज को अब गुड-वेरी गुड के मानक पर नहीं आंका जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब अधिकारियों के कामकाज को 1 से 10 तक के नंबरों से आंका जाएगा। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 1-2 या 9-10 नंबर देने का तर्क भी देना अनिवार्य कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने राजपत्र में रिपोर्ट बनाने के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। अब काम नहीं करने वाले अफसरों की रिपोर्ट में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों और अधिकारियों को कार्यभार मिलेगा। जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिकारियों के कार्य परिणामों में बदलाव लाने को सरकार ने नियमों को संशोधित किया है। कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया है। वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत और कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदंड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश की चर्चित एचएएस अधिकारी ओशीन शर्मा को नोटिस मिला है। लाइमलाइट में बनी रहने वाली HAS अधिकारी ओशिन शर्मा की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। सोशल मीडिया पर हीरो की भूमिका निभाने वाली ओशीन शर्मा अपनी ड्यूटी के मामले में जीरो साबित हुई हैं और यही कारण है कि उन्हें एसडीएम धर्मपुर ने नोटिस जारी कर ये पूछा है कि प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों में देरी क्यों की जा रही है। बता दे कि ओशिन शर्मा मंडी जिले के धर्मपुर के संधोल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। जब उन्होंने तहसीलदार संधोल के पद पर अपनी सेवाएं शुरू की थी तो उन्होंने दिन रात काम किया, जिससे उनकी खूब वाहवाही हुई लेकिन धीरे-धीरे ओशीन शर्मा इन कार्यों से दूर और सोशल मीडिया के करीब आती हुई नजर आई वो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं। वह लोगों को सोशल मीडिया पर परीक्षाओं की तैयारियों से संबंधित जानकारी भी देती हैं ओशीन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी करती हैं और सामाजिक कुरितियों के प्रति लोगों को सचेत करने में भी अपना योगदान देती हैं, लेकिन ओशिन शर्मा शायद सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा एक्टिव हो गई कि वे अपने प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों को भूल गई। यही कारण रहा कि जब डीसी मंडी ने उनके कार्यों की समीक्षा की तो वह संतोषजनक नहीं पाए गए और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
**राज्य में भूस्खलन से 37 सड़कें बाधित हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 17 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 12 व 13 सितंबर के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर, राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 37 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। वहीं दो पुल भी क्षतिग्रस्त चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त 106 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं। माैसम विभाग के अनुसार 12 सितंबर की देर रात से 14 सितंबर तक वर्षा की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान हल्की से मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा होगी। बारिश की अधिकतम तीव्रता 13 सितंबर को सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, किन्नौर और आसपास के क्षेत्रों में होगी। इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। मंडी, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। 14 सितंबर से वर्षा की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है। साथ ही अपनी यात्रा को माैसम की स्थिति के अनुसार प्लान करने की सलाह दी गई है।
शिमला के संजौली में बनी मस्जिदो को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आज प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि संजौली मुद्दे की गहराई तक जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रयास आगे न किए जा सकें। किन कारणों से ये परिस्थितियां बनी हैं, इसके कारण क्या रहे हैं। स्थानीय लोगों में रोष के कई कारण हैं। ऐसी अनेकों घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिली हैं। सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश का बंटाधार किया है। कांग्रेस को पता ही नहीं है कि सरकार चलानी कैसे है। कांग्रेस किए गए झूठे वायदे पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक-एक हफ्ता अपने वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा दिया। अब दूध और पर्यावरण के नाम पर सेस लगाने वाले हैं, किसी न किसी तरह जनता की जेब से पैसा निकालने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है और जनता पर बोझ डाल रही है। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं चला पा रही है तो इन्हें छोड़ देना चाहिए। वायदे पूरे करने के लिए जनता पर टैक्स का बोझ लादा जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि कर्नाटक की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में खुशहाली आई है। अब वहां पर्यटकों की भरमार है, भारी निवेश आने से नए रिकार्ड बने हैं और आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है, जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा और अपने लिए सुख सुविधाएं जुटाई, वर्तमान में उनके उम्मीदवार हारते हुए दिख रहे हैं। उमर अब्दुला पहले कहते थे मैं विधानसभा नहीं लडूंगा, अब दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों जगह हालत खस्ता लग रही है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस किस दिशा में जा रही हैं? जहां पर पत्थरबाजी, नशा बेचने, अलगाववादी औक आतंकवादी सोच वाले लोगों को जेलों से छोड़ने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि यह लोग जम्मू-कश्मीर में नई आफत खड़ी करना चाहते हैं। आफत खड़ी होने से जम्मू-कश्मीर की शांति भंग होगी। नेशनल कांफ्रेंस औक कांग्रेस धारा 370 को पुन: लागू करने की बात भी जम्मू-कश्मीर में कह रही हैं। ये दर्शाता है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां रिजर्वेशन खत्म करना चाहते हैं, वहीं इनकी पार्टी और परिवार ने लोकतंत्र की हत्या इमरजेंसी लगाकर की थी और संविधान में कई संशोधन पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक किए, जिससे साफ है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ हैं और अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनके हक भी छीनना चाहते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य जल्द ही क्लाउड पर शिफ्ट होगा। कार्य को क्लाउड पर शिफ्ट करने का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। क्लाउड सिस्टम पर जाने से जहां बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों को राहत मिलेगी, वहीं परीक्षा परिणाम देखने और आवेदन करने वालों को भी साइट के हैंग से पेश आने वाली समस्याओं से भी सदा के लिए निजात मिलेगी। स्कूल शिक्षा बोर्ड से सरकारी सहित कई निजी स्कूल संबद्धता प्राप्त किए हुए हैं, जिसके चलते बोर्ड प्रबंधन के पास हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों का डाटा पहुंचता है। यह अधिकतर ऑनलाइन ही रहता है। साइट पर डाटा अपलोड करने में दिक्कत पेश आती है। दूसरी ओर शिक्षा बोर्ड जब भी रिजल्ट निकालता है, तो अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट देखने में सर्वर स्लो होने के कारण दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा शिक्षा बोर्ड की ओर से जब अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाते हैं तो सर्वर के स्लो होने के कारण मुश्किल होती है। शिक्षा बोर्ड को बार-बार अंतिम तिथि में बदलाव करना पड़ता है। अब स्कूल प्रबंधन और अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाने सहित बोर्ड के अन्य कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए क्लाउड पर शिफ्ट किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा बोर्ड में पिछले कुछ दिनों से छात्र हित में काफी बदलाव किए गए हैं। इसी कड़ी में बोर्ड की कार्यप्रणाली को भी क्लाउड बेस्ड बनाया जा रहा है, ताकि रिजल्ट और आवेदन करने के दौरान अभ्यर्थियों को खासी राहत मिलेगी।
**फैसला सरकार पर छोड़ा हिमाचल के काॅलेजों के प्राचार्य प्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं हैं। प्राचार्य इस बार भी मेरिट आधार पर एससीए का गठन चाहते हैं। मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) और सरदार पटेल विवि (एसपीयू) की खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद की बैठक में विभिन्न काॅलेजों से पहुंचे प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। एचपीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने प्राचार्यों से चुनाव करवाने के बारे में राय ली। देर तक चली बैठक में प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव न करवाने की सलाह दी। प्राचार्यों ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव करवाने से काॅलेजों समेत विवि में अकादमिक सेशन गड़बड़ा जाएगा और कक्षाएं प्रभावित होंगी। अगर चुनाव प्रत्यक्ष करवाए जाते हैं तो चुनावी प्रक्रिया में कम से कम एक माह से अधिक का समय लगेगा, ऐसे में पढ़ाई प्रभावित होगी। लिहाजा, कॉलेजों में अप्रत्यक्ष रूप से मेरिट आधार पर एससीए का गठन होना चाहिए। कुलपति एक दो दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। चुनाव प्रत्यक्ष होंगे या मेरिट पर, अब इसका फैसला सरकार ही लेगी। बता दें कि विवि और कॉलेजों में हिंसा बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष चुनाव वर्ष 2013 में बंद हैं। बैठक में कुलपति ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को यूजीसी नेक टीम का दौरा करवाकर ग्रेडिंग करवाने के निर्देश दिए। कहा कि कॉलेज चाहे छोटा हो या बड़ा, ग्रेडिंग करवाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अब कॉलेजों के पात्र शिक्षक सभी विषयों में भी पीएचडी करवा सकेंगे, इसके लिए वे गाइड बन सकेंगे। यह फैसला हो चुका है, विवि जल्द अधिसूचना जारी करेगा। परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द निकाले जा सकें उसके लिए क्लस्टर प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके लिए काॅलेजों को जोन में बांटा जाएगा और एक नोडल महाविद्यालय बनाकर वहां पर ही पेपरों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे करीब डेढ़ महीने का समय बचेगा और परिणाम एक माह के भीतर निकाले जा सकेंगे। प्राचार्यों ने इस प्रयास की सराहना की और सहयोग करने की बात कही। प्राचार्यों ने कॉलेजों की व्यवस्थाओं में और सुधार लाने के सुझाव दिए।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छोग टाली ने छात्रों के बाद छात्राओं की जुड्डो की जिला स्तरीय प्रतियोगिता की ट्रॉफी जीत कर अपना परचम निरंतर जारी रखा। इस विद्यालय की तीन छात्राओ तथा तीन छात्रों ने जिला में स्वर्ण पदक हासिल कर राज्य की प्रतियोगिताओं हेतु अपना स्थान सुनिश्चित किया । इन विद्यार्थियों में वर्तिका ठाकुर,मानवी ठाकुर, अंकिता , काव्य ठाकुर,आदित्य एवम दीक्षित लोथान शामिल हैं। 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के लड़कों तथा लड़को की खंड सतरीय प्रतियोगिताओं को जीत कर यह विद्यार्थी जिला स्तर पर भी अपनी विजय कामयाब रखने में सफल हुए। गौरतलब है कि विद्यालय में सीमित संख्या के कारण बड़ी तथा सामूहिक खेलो हेतु टीम बना पाना संभव नहीं होने के कारण खेल प्रशिक्षक सूर्या व्यक्तिगत खेलो को प्राथमिकता देते आए है विद्यालय के कार्यकारी प्रधानाचार्य सुरेंद्र पुंडीर ने खेल प्रशिक्षक राम लाल सूर्या को भूरी भूरी प्रशंशा की । विधालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनोज ठाकुर, पूर्व उपाध्यक्ष जिला परिषद परीक्षा चौहान, प्रधान ग्राम पंचायत अंजना ठाकुर आदि स्थानीय लोगो का मानना है कि विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता भूपेंद्र चौहान, रामानंद सागर, राजू राम शर्मा, सुरेश ठाकुर, अलका भलेइक, प्रोमिला कुमारी, राम लाल ठाकुर, राम लाल सूर्या, ललिता कुमारी, प्राची पंवार प्राथमिक पाठशाला मुख्याध्यापिका मीरा वर्मा राजेंद्र चौहान आदि सभी एक संयुक्त परिवार की तरह विद्यालय तथा विद्यार्थियों को तरक्की हेतु कार्य कर रहे है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छोगटाली प्रतिवर्ष राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करता आया है तथा खेलो इंडिया तथा अन्य क्रीड़ा छात्रावास में भी इस विद्यालय के विद्यार्थी प्रतिवर्ष चयनित होते जा रहे है। प्रधानाचार्य तथा विद्यालय प्रबंधन समिति ने आशा व्यक्त की की आगामी खेलों में भी विद्यालय के छात्र एवम छात्राएं बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का आभार प्रकट किया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल व हिमाचल वासियों का कल्याण सदा ही मोदी की प्राथमिकताओं में रहा है। चाहे प्रदेश में भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की मोदी सरकार ने हिमाचल के हितों से कभी कोई समझौता नहीं किया साथ ही विकास कार्यों में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। यह हर्ष का विषय है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी दी है। इस मंज़ूरी से प्रदेश के लाखों लोगों के सर पर पक्की छत का सपना पूरा होगा व मौसम की मार से बचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने हर परिवार को पक्का मकान देने की नीति के अंतर्गत देश के अन्य छोटे राज्यों में हिमाचल को प्राथमिकता देते हुए देवभूमि के लिए सबसे ज़्यादा घर मंज़ूर किए हैं। देवभूमि हिमाचल के हितों का विशेष ध्यान रखने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों के पात्रों को तीन किश्त में 1 लाख 50 हज़ार रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते हैं। यह ग़रीबों के प्रति मोदी की चिंता व उनके उन्नति के लिए प्रधानमंत्री की कर्तव्यपरायणता का प्रमाण है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आवंटन किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो 4 करोड़ से ज़्यादा घर दिये गए हैं उसमे 70% घर की मालकिन या संयुक्त मालकिन महिलाएं हैं। आवास योजना के अंतर्गत लगभग 54 से 55% लाभ हमारे एससी और एसटी भाइयों बहनों को मिला है” श्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में जब राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी, तब मोदी जी ने हिमाचलवासियों के बचाव और राहत से लेकर पुनर्वास तक के लिए सभी उपाय किए लेकिन कांग्रेस की सरकार केंद्र से मिले पैसों को भी सही से उपयोग नहीं कर सकी और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी रही। कांग्रेसी नेता अपनी उपलब्धि क्यों नहीं बताते? आज कांग्रेस के नेता सिर्फ़ बयानवीर बने हैं लेकिन आपदा के दौरान इन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया यह बताएँ। कांग्रेसी नेता यदि भूल गए हों तो उन्हें फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि कि हिमाचल में आपदा के दौरान मैं 3 बार तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हज़ार घर आवास योजना के अन्तर्गत व 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत मंज़ूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किस्तों में ₹180 - 180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिये भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिये गये हैं”
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कंपनियों ने 20 दिन में दूसरी बार सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी की है। रविवार रात को सीमेंट कंपनियों ने प्रति बैग पर 15 रुपये बढ़ाए हैं। इससे पहले 24 अगस्त को 10 रुपये की वृद्धि की गई थी। अब एसीसी सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। एसीसी गोल्ड का रेट भी 490 रुपये हो गया है। यही भाव अंबुजा और अल्ट्राटेक सीमेंट के भी हो गए हैं। सीमेंट कंपनियों ने 20 दिनों में प्रति बैग पर 25 रुपये की बढ़ोतरी कर लोगों को महंगाई का झटका दिया है। सोलन के सीमेंट विक्रेता हनी साहनी ने बताया कि सीमेंट के दामों 15 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। अब लोगों को सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। यह रेट सोमवार सुबह से ही लागू हो गए हैं।
मंडी: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने के लिए बनाई जा रही पॉलिसी पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट दौर के बीच आय के नए-नए विकल्पों को तलाशा जा रहा है. प्रदेश की मौजूदा सरकार भी हिमाचल की इनकम बढ़ाने के लिए आय के स्त्रोंतों को खोज रही है. भांग की खेती भी उसी का ही एक हिस्सा है और इसे लीगल करने के लिए पहले से ही कवायत शुरू हो गई थी. इस खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी ने सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसे विपक्ष ने भी स्वीकारा है. वहीं, जयराम ठाकुर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते नेश के प्रचलन के बीच भांग की खेती को व्यवहारिक तौर पर लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण कार्य है. उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि सरकार पहले भांग की खेती के नफे-नुकसान सही ढंग से जान ले और फिर उसके बाद ही इसे लागू करने की दिशा में प्रयास करें. जयराम ने साफ किया कि विपक्ष इस पॉलिसी के विरोध में नहीं है, लेकिन आने वाले समय में सरकार का इस पर क्या रुख रहता है, उस हिसाब से इसपर विचार किया जाएगा.इसके अलावा जयराम ठाकुर ने प्रदेश में सरकार द्वारा बंद किए जा रहे और बदले जा रहे संस्थानों को लेकर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मंडी जिले के साथ प्रदेश सरकार शुरू से ही भेदभाव कर रही है. पहले यहां पूर्व की सरकार द्वारा खोले गए सैंकड़ों संस्थान बंद कर दिए गए और अब संस्थानों को बदला जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सदन में भी इस बात को प्रमुखता से रखा गया है. संस्थान जनहित के लिए खोले जाते हैं और सरकार को इस बात को सोचना चाहिए. अगर किसी दूसरे स्थान पर संस्थान की जरूरत है तो वहां नया संस्थान खोला जाए.
कल से प्रदेश में स्कूलों की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। यहां बहुत सारे स्कूलों में पहले से ज्यादा बच्चों की चहल-पहल दिखाई देगी जबकि कई स्कूलों पर ताला लटका हुआ दिखाई देगा। दरअसल प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले शिक्षा निदेशालय को आदेश दिए थे कि प्रदेश में जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है उन्हें मर्ज कर दिया जाए।हिमाचल प्रदेश में मर्ज किए गए 419 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सोमवार से कक्षाएं नजदीकी स्कूलों में लगेंगी। शिक्षा विभाग ने मर्ज स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आसपास के स्कूलों में पंजीकृत करवा दिया है। प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को दो किलोमीटर और मिडल स्कूल के विद्यार्थियों को तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिए हैं। 9 सितंबर से इन विद्यार्थियों की कक्षाएं नए स्कूलों में ही लगेंगी। सरकार ने पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले 419 प्राइमरी और मिडल स्कूलों को मर्ज किया है। मर्ज किए गए 65 मिडल स्कूलों में कार्यरत 80 टीजीटी के अन्य स्कूलों में तबादले कर दिए गए हैं। अब जेबीटी और सीएंडवी वर्ग के करीब 500 शिक्षक अगले सप्ताह नए स्कूलों में शिफ्ट किए जाएंगे। इनके तबादले करने की प्रक्रिया इन दिनों प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में जारी है। विद्यार्थियों की स्कूलों में कम संख्या होने के चलते पड़ रहे वित्तीय बोझ को कम करने और बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के उद्देश्य से सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि टीजीटी वर्ग के तबादले कर दिए गए हैं। जेबीटी और सीएंडवी को बदलने की प्रक्रिया जारी है। सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि मर्ज किए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएं। कोई भी विद्यार्थी दाखिले लेने से छूटना नहीं चाहिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने और संस्थानों की मजबूती के लिए कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आंकड़ों ने हैरान किया है। प्रति विद्यार्थी सरकार 37 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं। कई जगह शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। इस सब कमियों को भी जल्द सुधारा जाएगा।
**7सितंबर के बाद वर्षा से राहत के आसार हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दस्तक के साथ ही इसकी रफ्तार धीमी पड़ गयी थी। इस सीजन के दौरान पूरे प्रदेश में 22% कम बारिश हुई है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में सितंबर माह में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान कुछ क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई और प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में तीन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा इस वर्ष मॉनसून सीजन के दौरान 1 से 4सितंबर तक प्रदेश में 22% कम बारिश दर्ज की गई है।जबकि सितंबर माह में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार दिनों में तीन जिलों को छोड़कर वर्षा की रफ्तार में कमी आने की संभावना है।आज के लिए मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है।कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड के साथ सटे सोलन सिरमौर व शिमला के कुछ एक क्षेत्रों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश भी हो सकती है।वहीं 7 सितंबर के बाद पूरे प्रदेश में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी ।
पिछले सप्ताह जेबीटी बैच वाइज का रिजल्ट काफी लंबे समय के बाद आया और स्टेशन भी मिले जिससे जेबीटी बैचवाइज कैंडिडेट ने राहत की सांस ली। इस पर जेबीटी बेरोजगार संघ ने हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया और साथ ही सरकार से आग्रह किया कि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन में भी जल्द से स्टेशन दिए जाएं । जेबीटी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने कहा कि जेबीटी वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन की बैच वाइज कॉउंसलिंग नवबंर 2023 में हुई थी ,जिसका रिजल्ट 10 जुलाई 2024 को आ गया परंतु अभी तक स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं । जिस से वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन के काफी लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने बैच वाइज भर्ती के लिए 9-10 सालों से इंतजार किया लंबे इंतजार के बाद उनका रिजल्ट आया था परंतु स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं जबकि जेबीटी बैच वाइज की भर्ती का रिजल्ट और स्टेशन एक साथ लग गए हैं । जबकि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन वाले अभी तक अपने अप्पोइंटमेट का इंतज़ार कर रहे हैं । जगदीश परयाल ने सरकार से मांग रखी किया कि जेबीटी वार्ड वालो को भी जल्दी से नियुक्ति दी जाए ताकि जल्द से स्कूलों को नए अध्यापक मिले और इन लोगो की भी समस्या का समाधान हो जेबीटी यूनियन ने कहा कि उन्हें प्रदेश सरकार पर पूर्ण भरोसा है कि वह जल्द इन्हें नियुक्ति देकर आगे जेबीटी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करेंगे अभी प्रदेश में लगभग 4500 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं जेबीटी प्रशिक्षु 4-5 सालों से जेबीटी कमीशन का इंतजार कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का विलम्ब अब जेबीटी भर्ती में ना किया जाए क्योंकि जेबीटी वालो का बहुत शोषण पिछले काफी सालों से हो रहा है ।
अपने क्षेत्र के इतिहास को लिखित रूप देने के लिए मायाराम शर्मा द्वारा शाठी पाशी का चौतरा सिरमौर रियासत गिरीपार क्षेत्र ग्राम टिटियाना किताब का विमोचन माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ठाकुर और उच्च शिक्षा एवं तकनीकी मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा किया गया। किताब का मुख्य उद्देश्य अपने क्षेत्र के इतिहास को लिखित रूप प्रदान करना है क्योंकि इससे पहले गिरीपार क्षेत्र में बहुत कम इतिहास लिखित रूप में उपलब्ध है इस किताब में सिरमौर रियासत के इतिहास के साथ गिरीपार क्षेत्र के सामाजिक धार्मिक राजनैतिक सांस्कृतिक ताने-बाने के साथ गांव में सिरमौर के राजा द्वारा स्थापित ऐतिहासिक शाठी पाशी चौतरे का इतिहास शामिल किया गया है। इसके अलावा महासू महाराज और अन्य देवी देवताओं का ऐतिहासिक विवरण भी शामिल किया गया है।किताब में गिरीपार क्षेत्र के देवी देवताओं धार्मिक मान्यताओं और उत्सव का भी विस्तार से विवरण दिया गया है। इसके अलावा जौनसार बाबर और गिरीपार क्षेत्र के आपसी संबंधों पर विस्तार से जानकारी दी गई है। किताब में ऐतिहासिक हारूल और महासु देवता की विरसु गाथा का वर्णन विस्तार से किया गया है। लामण, बोलिया और पहाड़ी दोहे, लिबर का वर्णन भी किताब में किया गया है। इस ऐतिहासिक किताब में गांव में हुए महत्वपूर्ण कार्य और शांत महायज्ञ का भी वर्णन किया गया आने वाली पीढ़ी के लिए यह किताब ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इस किताब में अपने क्षेत्र के इतिहास को संजोने का प्रयास किया गया है। मायाराम शर्मा ने सभी से निवेदन किया है कि इस किताब को जरूर खरीदे और पढ़े इस किताब से होने वाली कमाई गरीब बच्चों के पढ़ाई पर खर्च की जाएगी।
उपमंडल संगडाह के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार को पंचायत भवन ददाहू में संघर्ष समिति अध्यक्ष एवं संयोजक प्रताप सिंह तोमर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विस्थापितों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर मंथन करने के उपरांत भारी संख्या में आए विस्थापितों का दल पंचायत भवन से एचपीसीएल कार्यालय तक जुलूस निकालकर बाध प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी भड़ास निकाली । इसके उपरांत पूरा जलूस परियोजना के महाप्रबंधक आर के चौधरी के कार्यलय में जा पहुंचा। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिल ने सबसे पहले गृह विहीन परिवारों की सूची जारी करने में देरी किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गत वर्ष 95 लोगों की सूची जारी की गई थी जिसमें एक वर्ष बीतने के उपरांत भी बांध प्रबंधन अन्य लोगों की सूची जारी करने में नाकाम रहा। इसके उपरांत डूब क्षेत्र में रह रहे प्रत्येक परिवार को पूर्ण विस्थापित का दर्जा दिए जाने के साथ पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना में बांध प्रबंधन द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाए जाने की बात की गई। इसके अतिरिक्त टोक्यो में विस्थापितों के लिए खरीदी गई जमीन का अधिकतर हिस्सा वहां से बह रही खड्ड एवं गिरीं बांटा नदी में बह गया है उसमें विस्थापितों का रह पाना नामुमकिन है। विस्थापितों को मकान निर्माण के लिए दिए जा रही 28 लाख की राशि बहुत कम है इसे लोक निर्माण विभाग के आकालित मूल्य के बराबर विस्थापितों को प्रदान किया जाए। इसके साथ माह प्रबंधक से पूछे गए सवालों में बांध निर्माण के उपरांत रेणुका जी संगड़ाह मार्ग की दूरी 12 से 14 किलोमीटर बढ़ जाएगी जन संघर्ष समिति की मांग के अनुसार यदि मोहतू एवं चमियाना के बीच पुल निर्माण करवाया जाए तो यह दूरी मौजूदा दूरी से लगभग 4 किलोमीटर काम हो जाएगी। श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति ने बांध प्रबंधन को एक महीने का समय देते हुए कहा कि यदि एक माह के अंतराल में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष समिति प्रबंधन का घेराव एवं कड़ा विरोध करेगी। बांध प्रबंधन के महाप्रबंधक आर के चौधरी ने कहा कि 20 अगस्त को बो ओ डो की बैठक हो चुकी है जिसमें उन्होंने जन संघर्ष समिति द्वारा दी गई मांगों को बैठक में क्रमवार तरीके से रखा है उन्होंने कहा कि 1362 परिवारों की सूची तैयार कर 10 सितंबर से एमपीए एफ कार्ड सियूं गांव से आरंभ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को मकान बनाने का पैसा तभी दिया जाएगा जब वह 150 स्क्वायर मीटर जमीन पर मकान बना होगा या फिर मकान बनाने के दौरान किस्तों में प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी प्रत्येक मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा जा रहा है।
हमीरपुर भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने प्रदेश सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोला है। हमीरपुर पहुंचे विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। आशीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास प्रदेश में सरकार की नाकामियों को छुपाने के अलावा और कोई काम नहीं है। सीएम सुक्खू और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने दो महीने का वेतन विलंबित करने की बात कह कर जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। बार-बार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। प्रदेश में लूटपाट और भ्रष्टाचार चरम पर है। युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर धोखा किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की गारंटी दी गई, लेकिन अभी तक महिलाओं को इनसे पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। लोग अब सरकार की कार्यप्रणाली को भली-भांति समझ रही है और अब जनता सरकार को जवाब देगी। हमीरपुर विधायक ने कहा कि सीएम सुक्खू के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा हिमाचल प्रदेश की जनता भुगत रही है। प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भुगत रहा है। प्रदेश सरकार अपने वादे भी पूरे नहीं कर पा रही है। अभी तक उन्होंने अपनी चुनावी गारंटियां पूरी नहीं की हैं। मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों पर दोनों हाथों से खजाने का पैसा लूटा कर प्रदेश को कर्ज के दलदल में इस कदर धकेल दिया है कि आने वाले कई सालों तक प्रदेश आर्थिक रूप से खड़ा नहीं हो पाएगा।
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और सरकार पर फिजूल खर्ची के आरोप लगा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट होने की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि जब से सरकार सत्ता में आई है, पहले दिन से हिमाचल को साल 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कही है। अर्थव्यवस्था में सुधार करने की प्रक्रिया में प्रदेश सरकार काम कर रही है। ये जो कहा जा रहा है कि प्रदेश में फाइनेंशियल मेस हो गया है ये गलत है। अगर हमने दो वेतन भत्तों को विलंबित किया है तो अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा जो 85 हजार करोड़ की देनदारियां की बात कर रही है वो भाजपा सरकार छोड़ कर गई है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों को 7% DA दिया। प्रदेश में 14 प्रकार की सब्सिडी दी जा रही है, जिनको आवश्यकता नहीं उन्हें भी मिल रही है। हजारों लोग सबसिडी छोड़ने की बात कह रहे हैं, हजारों लोगों ने बिजली पानी की सब्सिडी छोड़ने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाए हुए सिर्फ 19 महीने हुए हैं। पूर्व सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी। वर्तमान सरकार इसमें सुधार कर रही है। इसमें पैसों की जरूरत है। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी जो है, वो समय पर मिलेगी और पेंशन भी दी जाएगी। 28 कर्मचारियों को एरियर दे दिया है। केंद्र सरकार से 9200 करोड़ रुपए एनपीएस और 9300 करोड़ रुपए पीडीएन का मिलना है। बीबीएमबी में 4300 करोड़ रुपये का शेयर है, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट से निर्देश भी दिए हैं। वहीं, प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राजनीति करने के आरोप लगाए और कहा कि भाजपा नेता बिना तैयारी के बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कभी ड्रोन से जासूसी की बता कर रहे हैं कभी फाइनेंशियल मेस की बात कर रहे हैं। विपक्ष के नेताओं को होमवर्क करके आने की जरूरत है।
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों बाद शनिवार को कहीं भी बादल नहीं बरसे। राजधानी शिमला समेत सभी जिलों में धूप खिली रही। बिलासपुर और ऊना में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। रविवार को भी हिमाचल में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। दो और तीन सितंबर को कई जगह बारिश का येलो अलर्ट है। चार सितंबर से फिर मौसम साफ रहने की संभावना है। शनिवार शाम तक प्रदेश में 70 सड़कें और 22 बिजली ट्रांसफार्मर बंद रहे। शिमला जिला में 35, मंडी में 12, कांगड़ा में 11, कुल्लू में 9, लाहौल-स्पीति-ऊना और सिरमौर में एक-एक सड़क आवाजाही के लिए बंद है। राजधानी शिमला में शनिवार को दिन भर धूप खिली। बीते एक सप्ताह से शहर में सुबह या शाम बारिश हो रही थी।शनिवार को बारिश से राहत मिली। हालांकि शाम के समय शहर में बादल छा जाने से मौसम में कुछ ठंडक हुई। मैदानी जिलों के मौसम में धूप खिलने से उमस बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने दो और तीन सितंबर को कुछ क्षेत्रों में भारी व अन्य स्थानों पर सामान्य बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है। 26 जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में 471.1 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 613.8 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। शेष सात जिलों सोलन, चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, हमीरपुर और ऊना में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में महंगाई की मार से पहले ही परेशान लोगों को अब डिपुओं में सामान खरीदते वक्त झटका लगने वाला है। वित्तीय संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाला राशन महंगा कर दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों से डिपुओं के लिए राशन का कोटा भेजा जा रहा है। ऐसे में जब सितंबर की पहली तारीख को उपभोक्ता डिपुओं में राशन का कोटा खरीदने जाएंगे तो उन्हे इस महीने की तुलना में आटा और चावल के अधिक दाम चुकाना होगा। प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे। सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं। नए रेट कल यानी एक सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं। इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और चावल महंगा हुआ है। कल से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा। अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है। इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है। वहीं, आटे के भी अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे। अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इसी तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है। सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा कर दिया है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा। अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। ऐसे में बीपीएल परिवारों को चावल के 3.15 रुपए और आटे के 2.30 रुपए अधिक चुकाने होंगे। वहीं, दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है और राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है। ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है, जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं।
शिमला: स्वास्थ्य के मोर्चे पर चमकदार उपलब्धियों वाले राज्य हिमाचल के अस्पतालों में लाइफ सेविंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 498 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के धूल फांक रहे हैं। इन्हीं में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए। कुल उपलब्ध 914 वेंटीलेटर्स में से केवल 416 वेंटीलेटर्स का ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग हो रहा है। ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती की तरफ से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है। ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने चार हिस्सों में बंटे सवाल में वेंटीलेटर्स की संख्या, उनका उपयोग और ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि कुल 914 वेंटीलेटर्स हैं और उनमें से 416 का प्रयोग हो रहा है, बाकी 498 बेकार पड़े हैं और इन्हीं में से 128 खराब हैं। सतपाल सिंह सत्ती ने ये भी जानना चाहा था कि कौन-कौन से ऑक्सीजन प्लांट खराब हैं। हिमाचल के अस्पतालों में कुल 56 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट्स हैं। इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है। पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है। इन प्लांट्स में ऑक्सीजन उत्पादित होने के बाद स्टोर नहीं होती। इनमें से 24 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं. एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है। इसके अलावा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है। यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। रीजनल अस्पताल बिलासपुर के सभी 24 वेंटीलेटर्स कार्यशील हैं। वहीं, बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमीरपुर में 69 में से केवल 18 ही वेंटीलेटर्स काम कर रहे हैं। कुल 51 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हैं। तकनीकी स्टाफ की कमी इनके उपयोग में न लाए जाने का कारण बताया गया है। सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेटर्स हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं। किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के हैं। कुल्लू के रीजनल अस्पताल के हालात ये हैं कि यहां पर सभी के सभी 21 वेंटीलेटर्स तकनीकी स्टाफ न होने से उपयोग में नहीं लाए जा रहे। नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 60 बिना उपयोग के हैं। जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेटर्स प्रयोग में लाए जा रहे हैं। डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेटर्स ही काम कर रहे हैं। नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है। यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है।