लोग चाहते थे राजनीति में आऊं, मैं आ गया: भवानी सिंह पठानिया
उपचुनाव नज़दीक है तो कई मंत्री फतेहपुर का भी चक्कर काट गए है। इस सरकार का सिर्फ एक एजेंडा है रिबन काटो और शिलान्यास करो। अगर सरकार ये इवेंट छोड़कर कुछ अच्छा काम करे तो प्रदेश का विकास हो सकता है.....टिकट देना पार्टी का अधिकार है और टिकट मांगना हर उस कार्यकर्त्ता का अधिकार है जो चुनाव क्षेत्र में अपनी और पार्टी की जीत सुनिश्चित करवा सके। पार्टी जिसको भी टिकट देगी हम उसके साथ चलेंगे। स्व.सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया प्रदेश और फतेहपुर की राजनीति में नया नाम है। पिता के देहांत के बाद भवानी कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर राजनीतिक विरासत को संभालने फतेहपुर आ गए। बहरहाल आगामी उपचुनाव में संभावित है कि कांग्रेस उन्हें ही उम्मीदवार बनाये,हालांकि पार्टी के भीतर भी कुछ लोग उनके नाम पर सहमत नहीं दिख रहे। अलबत्ता भवानी पर वंशवाद का ठप्पा लगा है लेकिन उनके पास एक सोच है, एक नजरिया है जिसके आधार पर वे अपनी राजनीतिक पारी आगे बढ़ाना चाहते है। वंशवाद, उन विज़न और सम्बह्वित चुनौतियों को लेकर फर्स्ट वर्डिक्ट ने भवानी सिंह पठानिया से विशेष बातचीत की ...
सवाल : फतेहपुर उपचुनाव के लिए आप कांग्रेस की तरफ से टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक माने जा रहे है, मगर वंशवाद का ठप्पा आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। इस चुनौती का सामना आप किस तरह करेंगे ?
जवाब : वंशवाद का ये शोर ज़मीनी स्तर पर नहीं दिख रहा। मैं बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा रहा हूँ और मेरा एक बेहद सक्सेसफुल कॉर्पोरेट करियर रहा है। मैं अपनी मर्जी से राजनीति में नहीं आया बल्कि ये जनता का प्यार है जो मुझे राजीनति में लेकर आया है। मेरे पिता सुजान सिंह पठानिया जी के निधन के बाद जनता ये ही चाहती थी कि मैं उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल कर और उनके बताए हुए रस्ते पर आगे बढ़कर फतेहपुर का विकास करूँ और निसंदेह मैं वैसा ही करूँगा। लोग चाहते थे मैं राजनीति में आऊं, मैं आ गया। मैं अपना कॉर्पोरेट करियर छोड़ कर जनता के लिए राजनीति में आया हूँ और आश्वस्त करता हूँ जनता के लिए ही काम करूँगा।
सवाल : कांग्रेस की तरफ से फतेहपुर उपचुनाव की टिकट के और भी कई दावेदार है, क्या आपको लगता है कि ये टिकट आप ही को मिलेगा ?
जवाब : मेरे जीवन का ये सिद्धांत रहा है कि मैं उन्ही चीज़ों पर काम करता हूँ जो मेरे नियंत्रण में होती है। फिलहाल मेरे बस में ये है कि लोगों के बीच जाऊं और जितना मुझसे हो सके में लोगों के काम आऊं। खुद अपने स्तर पर और एडमिनिस्ट्रेशन लेवल पर भी मुझसे जो भी हो पाए, मैं लोगों की सहायता कर पाऊं। ये सब मेरे कण्ट्रोल में है और इनपर काम भी कर रहा हूँ। टिकट देना पार्टी का अधिकार है और टिकट मांगना हर उस कार्यकर्त्ता का अधिकार है जो चुनाव क्षेत्र में अपनी और पार्टी की जीत सुनिश्चित करवा सके। इसमें किसी के साथ कोई द्वेष नहीं, किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। पार्टी जिसको भी टिकट देगी हम उसके साथ चलेंगे। मैं सिर्फ यही कहूंगा कि अगले 5 इलेक्शन तक सुजानपुर सीट कांग्रेस के पास ही रहेगी, चेहरा कोई भी हो।
सवाल : क्या आप कांग्रेस को जीत के लिए आश्वस्त कर चुके है ?
जवाब : देखिये इसमें आश्वस्त करने जैसी कोई बात नहीं है। जनता इस सरकार से काफी परेशान है, चाहे वो प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार। केंद्र में 2014 से भाजपा की सरकार है लेकिन मुझे नहीं लगता कि जनता उनके काम से खुश है। महंगाई चरम पर है, पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे है। तेल का दाम जब बढ़ता है तो शेष सभी चीज़ें भी महंगी हो जाती है, बस का और टैक्सी का किराया बढ़ जाता है, किसानों के उत्पाद महंगे हो जाते है, खाद्य सामग्रियों के दाम भी बढ़ते है। इस महंगाई ने लोगों का जीना हराम कर दिया है और ये आज का सबसे ज्वलंत मुद्दा है। दूसरा बड़ा मुद्दा है बेरोज़गारी, इस समय बेरोजगारी दर पिछले 40 सालों में सर्वाधिक पहुँच चुकी है। इसी तरह से अगर हिमाचल की बात करें तो यहाँ तो भाजपा सरकार और प्रशासन के बीच कोई तालमेल नहीं है। हिमाचल का हर व्यक्ति ये कहता है कि सरकार तो 2017 से पहले थी, अब तो केयर टेकर है। फतेहपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, ठेकेदार जनता का पैसा लूट रहे है। सड़के बनने से पहले उखड़ जाती है। जनता में सरकार के खिलाफ भारी रोष है। अपने कार्यकाल में स्व. सुजान सिंह पठानिया जी ने जो कार्य किए है उनको आज भी जनता याद करती है, यही कारण है कि सेंटीमेंट फैक्टर भी हमारे साथ है। इन सभी चीज़ों को देखते हुए मैं आश्वस्त हूँ कि इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत होगी और सिर्फ इन्हीं उपचुनाव में नहीं बल्कि आगामी 2022 के आम चुनाव में भी कांग्रेस ही जीतेगी।
सवाल : फतेहपुर के किन मुद्दों को लेकर आप जनता के बीच जाएंगे ?
जवाब : अगर हम जीतते है तो जनता के काम करने के लिए हमारे पास करीब एक वर्ष होगा। इस एक साल में फतेहपुर के 5 मेजर प्रोजेक्ट्स है, जिन पर हम काम करेंगे। ये वो परियोजनाएं है जिनका पैसा सेंक्शन हो चुका है या किन्ही कारणों की वजह से वापिस जा चुका है। सबसे पहला प्रोजेक्ट है चरूड़ी की सड़क और पुल का निर्माण। ये साढ़े 6 करोड़ की एक परियोजना है जो लंबित पड़ी है। दूसरा रे कॉलेज की बिल्डिंग का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है, उसे जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे। तीसरा काम है फतेहपुर का मिनी सचिवालय जिसका काम अब तक नहीं हुआ। हालांकि सरकार ने चुनाव नज़दीक देख ज़रूर लिपापोती शुरू की है। चौथा राजा का तालाब में बनने वाला कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और पांचवी जो स्कीम जानती चरूडिया में सेंक्शन हुई है उसे भी पूरा करेंगे। मैं हमेशा जनसांख्यिकीय लाभांश यानी डेमोग्राफिक डिविडेंड की बात करता हूँ। भारत में अधिकतर युवाओं की जनसंख्या है। हम यूरोप या जापान जैसे देश नहीं है जहां वृद्धों की संख्या ज़्यादा है। हम हमारे यूथ एनर्जी को अगर सही जगह चैनलाइज करें तो जीडीपी को बढ़ाना कोई बड़ी बात नहीं है। जो एक साल हमें मिलेगा उसमें विधायक निधि का पैसा हम युवाओं की डेवलपमेंट और उनकी एजुकेशन में लगाएंगे। दूसरा हमारे विकास के एजेंडा में युवाओं के साथ-साथ महिलाओं को भी हम हमेशा प्राथमिकता देंगे। अगले एक साल में हम विकास का ये ब्लूप्रिंट तैयार करेंगे और अगले 5 साल में हम इसे रफ्तार देंगे। इसक अलावा पर्यटन, कृषि विकास, मधुमक्खी पालन, प्राकृतिक जड़ी बूटियों से सम्बंधित कार्य भी फतेहपुर में किये जा सकते है। फतेहपुर को हम एक एजुकेशन हब, एक स्पोर्ट्स हब और एक मेडिकल हब की तरह डेवलप करना चाहते है।
सवाल : फतेहपुर बीजेपी की गुटबाज़ी को लेकर आप क्या कहेंगे, क्या यह कांग्रेस के लिए एक प्लस प्वॉइंट हो सकता है ?
जवाब : देखिये बीजेपी में क्या हो रहा है, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। यह उनका निजी मामला है। हम किसी जाति, वंश, धर्म या व्यक्ति विशेष के आधार पर चुनाव नहीं लड़ने वाले है। हमारा एक मात्र एजेंडा है, क्या हम पांच से दस साल में पांच से छह हजार परिवारों के लिए 25 हजार रुपए प्रति माह इनकम जेनरेट करवा सकते है या नहीं करवा सकते है। बीजेपी के कैंडिडेट से हमें फर्क नहीं पड़ता क्यों कि हिमाचल की प्रबुद्ध जनता हर एक चीज़ से परिचित है। हिमाचल की अच्छी बात यह है कि पूरे हिंदुस्तान में साक्षर राज्य में हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यहां पर जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता। हमारे लिए यह सौभाग्य से कम नहीं है कि हम ऐसे राज्य में रहते है जो डेवलपमेंट इंडेक्स में बहुत आगे है और हमारा एजेंडा हिमाचल का विकास करवाना है। युवाओं, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए रोजगार मुहैया करवाना है। इसके अलावा कैसे हमने हिमाचल के विकास को गति देनी है हम इसके लिए लगातार मंथन करते आये है।
सवाल : सरकार के कामकाज को लेकर कितने संतुष्ट है? क्या कहना चाहेंगे?
जवाब : देखिये सरकार की घोषणाओं पर कितना काम हुआ इसकी असल तस्वीरें जनता के ज़हन में है। जैसे मैंने कहा कि हिमाचल की जनता अब सरकार के जूठे वादों में नहीं आने वाली। ये सरकार सिर्फ चुनाव के समय ही जनता को याद करती है। उपचुनाव नज़दीक है तो कई मंत्री फतेहपुर का भी चक्कर काट गए है। इस सरकार का सिर्फ एक एजेंडा है रिबन काटो और शिलान्यास करो। मैं सरकार से ये ही कहना चाहूंगा कि यह तरकीब पुरानी हो चुकी है, इन तरकीबों से आप अपने वोट बढ़ा नहीं रहें बल्कि घटा रहे है। हिमाचल की जनता पढ़ी-लिखी है, जनता को मालूम है कि क्या काम धरातल पर हो रहे है और क्या नहीं। आज की जनता को, मीडिया को सरकार गुमराह नहीं कर सकती। ये हवाई घोषणाएं बंद की जानी चाहिए। मुझे तो डर लगता है कि कहीं ये फतेहपुर को ही जिला न बना दें। ये बचकानी हरकतें है। अगर सरकार ये इवेंट छोड़कर कुछ अच्छा काम करे तो प्रदेश का विकास हो सकता है।