प्रेम कुमार धूमल को मैंने नहीं, सुजानपुर की जनता ने हराया: राणा
2022 के चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल राजनीति में काफी सक्रीय हाेते नजर आ रहे हैं, जिसका प्रभाव कहीं न कहीं सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा पर भी पड़ता दिख रहा है। कारण यह है कि 2017 के चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को राजेंद्र राणा ने पराजित किया था। तब राणा की इस जीत ने भाजपाई बारात का दूल्हा ही बदल दिया। मगर राणा मानते हैं कि धूमल को उन्होंने नहीं, बल्कि सुजानपुर की जनता ने हराया और उन्हें हराने के लिए धूमल ने हमीरपुर सीट छाेड़ कर सुजानपुर को चुना था। अब प्रदेश में होने वाले 4 उपचुनाव, 2022 का विधानसभा चुनाव, स्व. वीरभद्र सिंह के न होने से उनकी राजनीति पर असर, जयराम सरकार के कार्यकाल और मंडी संसदीय उपचुनाव में प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारने से संबंधित कई मुद्दों पर फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा से बात की, पेश है उसके कुछ अंश...
सवाल: प्रदेश में होने वाले चार उपचुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारी कहां तक पहुंची है?
जवाब: राज्य में होने वाले चारों उपचुनाव में कांग्रेस की जीत तय है। संगठन पूरी तरफ से तैयार हैं। बैठकों का दौर भी जारी है। अब सिर्फ हमें निर्वाचन आयोग से अधिसूचना का इंतजार है। हाल ही में प्रदेश के चार नगर निगमों के चुनाव हुए ताे कांग्रेस ने सोलन और पालमपुर में जीत दर्ज की। आने वाले दिनों में मंडी संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं ताे निश्चित रूप से कांग्रेस के प्रत्याशी ही जीतेंगे। इस वक्त सरकार और भाजपा के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई भी एजेंडा नहीं हैं। कारण यह है कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जनता तंग आ चुकी है। हालात यह है कि डबल इंजन की सरकार में भी विकास का दौर समाप्त हाे चुका है। प्रदेश सरकार पूरी तरह से ऋण पर चल रहा है। जयराम सरकार चाहे ताे केंद्र से पूरा सहयोग मांग सकती है, लेकिन इनमें दम नहीं हैं। काेराेना काल में नौकरियां गई, हजारों लोग बेरोजगार हुए, लेकिन सरकार ने उसे रिचार्ज करने के लिए कोई पॉलिसी ही नहीं बनाई। ऐसे में उपचुनावाें में जनता भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएगी।
सवाल: आप फतेहपुर उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षक है लेकिन पार्टी के ही कुछ लोगों ने टिकट को लेकर परिवारवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: अभी चुनावी नोटिफिकेशन जारी होने में समय लग सकता हैं। इससे पहले टिकट मांगने का सबको अधिकार होता है, लेकिन पार्टी हाईकमान ही टिकट का अंतिम फैसला करेगा। जहां तक फतेहपुर में टिकट काे लेकर परिवारवाद का सवाल हैं, तो ये गलत है। एक डॉक्टर का बेटा अच्छा डॉक्टर बन सकता है ताे नेता के बेटा भी ताे नेता बन सकता है। कांग्रेस ऐसे नेता काे टिकट देगी जो जीतने वाला हाे। टिकट मांगना सबका हक है। विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई, फतेहपुर, अर्की और मंडी संसदीय क्षेत्र में पार्टी जीतने वाले नेता को ही टिकट देगी।
सवाल: 2022 के चुनाव से पहले पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल काफी सक्रिय दिख रहे हैं, इससे सुजानपुर में कितना प्रभाव पड़ेगा?
जवाब: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का कद काफी बड़ा है। पर सुजानपुर की जनता उनके कार्यों से खुश नहीं थी, सो मतदाताओं ने 2017 के चुनाव में परिणाम सामने दिया। यहां पर विकास कार्यों के लिए एक भी ईंट नहीं लगी थी, ताे जनता में नाराजगी देखने को मिली। दूसरा उस साल मैंने प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वे मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए हमीरपुर छाेड़ कर सुजानपुर आए। लोग यह भी कहते हैं कि राजेंद्र राणा ने धूमल काे हराया, लेकिन मैं यह कहता हूं कि मैंने धूमल को नहीं, बल्कि जनता को उन्हें हराया। इन दिनों सुजानपुर में भाजपा वाले बार-बार यही कह रहे हैं कि कांग्रेस के 50 लोग भाजपा में शामिल हुए। ऐसा बिलकुल नहीं हैं। हकीकत ये है कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाले लाेगाें की संख्या काफी है। आने वाले दिनों में काफी कुछ हाे सकता है और भाजपा से नाराज सैकड़ों लोग कांग्रेस में शामिल हाेंगे। प्रेम कुमार धूमल की सक्रियता से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सवाल: स्व. वीरभद्र सिंह ही आपको कांग्रेस में लेकर आए थे, अब उनके न होने से कोई असमंजस ताे नहीं?
जवाब: हां यह बात सही है कि मुझे कांग्रेस में लाने वाले स्व. वीरभद्र सिंह ही थे। उन्हाेंने मेरे चुनाव क्षेत्र में हर काम करके दिया। मैंने साै काम बाेलाे ताे उन्हाेंने साै के साै काम करके दिए। पार्टी में उनके न होने से कोई असमंजस की स्थिति नहीं हैं। हम सबको स्व. वीरभद्र सिंह के बताये हुए रास्ते पर चल कर संगठन को और मजबूत करना हाेगा। वीरभद्र सिंह ऐसे नेता थे, जो बेसहारा को सहारा दिया करते थे।
सवाल: क्या मंडी उपचुनाव में वीरभद्र परिवार को टिकट मिलना चाहिए?
जवाब: मेरे हिसाब से मंडी संसदीय सीट पर पूर्व सांसद एवं स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी काे चुनाव लड़ना चाहिए। अधिकांश कांग्रेस नेता इसी पक्ष में हैं। मेरा यही मानना है कि पार्टी यदि प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारती है ताे जनता काे आशीर्वाद जरुर मिलेगा। हमने भी प्रतिभा सिंह से आग्रह किया है। इसी क्षेत्र में कई बार सांसद बन कर स्व. वीरभद्र सिंह केंद्र में मंत्री बने और हमेशा से ही हिमाचल के विकास की बात केंद्र के समक्ष रखी, जसी आज भी लोग याद करते हैं।
सवाल: जयराम सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल काे आप कितने अंक देना चाहेंगे?
जवाब: जयराम सरकार के साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरी तरह से निराशाजनक रहा। जनता दुखी है कि विकास कार्य नहीं हाे रहे हैं। सिर्फ और सिर्फ सिराज और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास हुआ हैं। अब तक के कार्यकाल में मैं जयराम सरकार काे 100 में दो डिजिट में भी अंक नहीं देना चाहूंगा। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका परिणाम देखने काे मिलेगा और जनता भी इन्हे डबल डिजिट में नहीं पहुंचाएगी। भाजपा वाले मिशन रिपीट का सपना देख रहे हैं, जो कभी साकार नहीं हाे सकता।