कांगड़ा : अवरुद्ध गुर्दे की धमनी का एंजियोप्लास्टी द्वारा उपचार

फोर्टिस कांगड़ा के कार्डियोलाॅजिस्ट एवं किडनी रोग विशेषज्ञ ने दी मरीज का राहत
मनोज कुमार। कांगड़ा
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के डॉक्टर ने 80 वर्षीय महिला पर रीनल एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। वह कई वर्षों से अनियंत्रित रक्तचाप से पीड़ित थीं। हाल ही में उसका रक्तचाप बढ़ना शुरू हो गया था और उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी थी, जिसके लिए उसे कई बार क्रिटिकल केयर में भर्ती करने की आवश्यकता भी पड़ी। जहां उन्हें कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अतीत ग्वालकर और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. कुलदीप ने डायग्नोस किया। डॉक्टरों ने सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद मरीज के गुर्दे की धमनियों का डॉपलर किया, जिससे उसकी दाहिनी गुर्दे की धमनी में रुकावट की संभावना दिखाई दी। एंजियोग्राफी ने उसकी दाहिनी गुर्दे की धमनी में गंभीर रुकावट की पुष्टि की। बाद में डॉ अतीत ने उनकी एंजियोप्लास्टी और दाहिनी गुर्दे की धमनी की स्टेंटिंग की। स्टेंटिंग के दो महीने बाद उनका रक्तचाप नियंत्रण में है और उन्हें अपने बीपी के लिए किसी दवा की आवश्यकता नहीं है।
डॉ. अतीत ने कहा कि गुर्दे की धमनी स्टेनोसिस अकसर उन रोगियों में संदिग्ध होता है जो अनियंत्रित उच्च रक्तचाप या कम उम्र में उच्च रक्तचाप विकसित करने वाले रोगियों में उपस्थित होते हैं। सावधानीपूर्वक मूल्यांकन समय पर संदेह में मदद कर सकता है। एंजियोप्लास्टी द्वारा अवरुद्ध गुर्दे की धमनी को खोलकर रोग का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। हाल ही में ऐसे ही रोगी थे, जिन्हें गुर्दे की धमनी स्टेनोसिस के कारण सांस की तकलीफ के लिए बार-बार आईसीयू में प्रवेश की आवश्यकता थी और उनके गुर्दे की एंजियोप्लास्टी की।
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में इस तरह का यह दूसरा मामला है। किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. कुलदीप ने कहा कि हम अकसर ऐसे रोगियों को देखते हैं, जो उच्च रक्तचाप और गुर्दे की शिथिलता के साथ उपस्थित होते हैं। मूल्यांकन करने पर उनमें से कुछ को गुर्दे की धमनी स्टेनोसिस होती है। यह अकसर एक इलाज योग्य बीमारी है और समय पर ढंग से पहचान किए जाने पर रोगियों को काफी लाभ होता है। रोगी के बेटे ने कहा कि मेरी माँ का बीपी प्रतिदिन 4 से 5 अलग-अलग दवाओं के साथ भी अनियंत्रित रहा। हमें उसे हाई बीपी के लिए भी भर्ती कराना पड़ा। प्रक्रिया के बाद हमें उसके बीपी नियंत्रण के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ा।