** मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर अर्पित की पुष्पांजलि ** राजीव गांधी के योगदान को किया गया याद सद्भावना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज छोटा शिमला स्थित राजीव चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी की जयन्ती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को सद्भावना दिवस शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी को राष्ट्र आधुनिक भारत निर्माता के रूप में जानता है। प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने लोगों और समाज की सोच को बदलने के लिए अनेक दूरदर्शी निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान वह नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के अध्यक्ष थे। एनएसयूआई की मांग पर राजीव गांधी ने युवाओं के मताधिकार के उपयोग की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की, ताकि देश का युवा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सके। उनके कार्यकाल की यह सबसे बड़ी उपलब्धि थी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राजीव गांधी के दूरदर्शी निर्णयों के फलस्वरूप आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी देश बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जब भारत की सुपर कम्प्यूटर की मांग को ठुकराया, तब उनके सशक्त नेतृत्व ने देश ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए निर्णायक कदम उठाए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं के अधिकारों की उन्होंने पुरजोर वकालत की और पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने विधानसभा और संसद में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए आवाज उठाई। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा व संजय अवस्थी, हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, पार्षदगण, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मंडी: कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या के बाद देशभर में गुस्सा देखने को मिल रहा है। महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद से देशभर के डॉक्टर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं। प्रदेशभर में 17 अगस्त से डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मृतक महिला डॉक्टर के लिए न्याय और अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। मंडी जिले में लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद कर रखी हैं। हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक में 20 अगस्त को भी ओपीडी बंद रखने और आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है। कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स, प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों के डॉक्टर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वहीं, ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि आपात स्थिति में मरीजों को हर संभंव इलाज दिया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। अस्पतालों में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर अपने कार्य स्थल पर ही सुरक्षित नहीं होंगे तो उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा जरूर होता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले का राजनितिकरण नहीं होना चाहिए और इस प्रकार के जघन्य अपराध में पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए। प्रदर्शन कर रही महिला चिकित्सक ने कहा कि डॉक्टरों को रात्रि सेवा के दौरान अपनी सुरक्षा की चिंता होती है और इसके कारण उनका काम भी प्रभावित होता है। डॉक्टर के ऊपर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि पीड़ित महिला डॉक्टर के मामले में जल्द से जल्द न्याय दिया जाए और डाक्टरों की सुरक्षा को सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए।
पिछले महीने बजट में सरकार ने कस्टम ड्यूटी में कटौती का फैसला किया गया। इसके बाद से सोने के कीमतों में कमी आ रही हैं। इससे निवेशकों की रुची भी बढ़ रही है। कीमतों में ताजा गिरावट उन लोगों के लिए अवसर है जिन्होंने सोने में अबतक निवेश नहीं किया है। सरकार ने कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतें 6 फीसदी गिरकर 69,000 रुपये प्रति ग्राम हो गई है। पिछले एक साल में सोने ने 21.10 फीसदी का रिटर्न दिया है। 20 अगस्त को भारत में सोने की कीमतें 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है। सबसे ज्यादा प्योरिटी वाले 24 कैरेट सोने की कीमत 72,760 रुपये प्रति 10 ग्राम है। आभूषण खरीदने वाले लोग 22 कैरेट सोना खरीदते है, क्योंकि थोड़े से मिश्र धातु मिश्रण के कारण अपनी अतिरिक्त मजबूती के लिए जाना जाता है। आज 22 कैरेट सोना की कीमत 66,690 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इस बीच चांदी की कीमत 85,800 रुपये प्रति किलोग्राम है।
हिमाचल में राजस्व विभाग से संबंधित आम लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ को आज वार्ता का समय दिया है। ये वार्ता अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा के साथ दोपहर करीब 12 बजे होगी, जिसमें महासंघ की मांगों को लेकर चर्चा होगी, जिसके बाद महासंघ आज ही ऑनलाइन सेवाएं देने का फैसला लेगा। 12 जुलाई को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पटवारी और कानूनगो को जिला से स्टेट कैडर में किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिससे नाराज संयुक्त ग्रामीण एवं राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से लोगों को ऑनलाइन सेवाएं न देने का निर्णय लिया था। ऐसे में प्रदेश भर के नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगों के हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। यही नहीं प्रदेश भर में लोगों के ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। इससे आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, मानवीय पहलू को देखते हुए प्रदेश में आपदा से जुड़े कार्य की इस निर्णय बाहर रखा गया है. वहीं, इसी बीच 15 अगस्त को देहरा में मनाए गए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान महासंघ के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक हुई थी, जिसमें महासंघ ने स्टेट कैडर सहित अन्य मांगों को लेकर मिले आश्वासन के बाद फिर से ऑनलाइन सेवाएं देने का निर्णय लिया था, लेकिन एक ही दिन में संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने यू टर्न लेते हुए फिर से ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी हैं। प्रदेश में लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार और महासंघ की आज एक बार फिर से मीटिंग निर्धारित हुई है। ये बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा के साथ होगी, जिसमें महासंघ पटवारियों और कानूनगो की लंबित मांगों को रखेगा। इस दौरान अगर इन सरकार मांगों को माने जाने को लेकर अपनी सहमति देती है तो पटवारी और कानूनगो 21 अगस्त से लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देनी शुरू कर देंगे, जिसके बाद लोगों को राहत मिल सकती है। बता दें कि प्रदेश भर में पिछले करीब 33 दिनों से लोगों के ऑनलाइन सर्टिफिकेट नहीं बन रहे हैं, जिससे प्रदेश स्तर में 2 लाख से अधिक ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। ऐसे में लोगों के जरूरी काम लटक गए है। इस तरह से लोग भी सरकार और महासंघ के बीच चल रहे विवाद के समाप्त होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ताकि, उन्हें अधिक समस्या का सामना न करना पड़े। हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी (पटवारी) एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में कुछ मांगों को लेकर संशय रह गया था, जिसको दूर करने के लिए आज राज्य सचिवालय में महासंघ की अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक निर्धारित हुई है, जिसमें इन मांगों को लेकर चर्चा होगी। इसके बाद महासंघ अपना निर्णय सुनाएगा।
शिमला: एचआरटीसी के घाटे के 168 रूट प्राइवेट ऑप्रेटरों को दिए जाएंगे और इन रूटों पर प्राइवेट बस ऑप्रेटर्ज बसें चलाएंगे। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो गया है। निगम के करीब 50 घाटे वाले रूट पहले निजी ऑप्रेटरों को दिए जा चुके हैं। अब 168 रूटों को निजी हाथों में देने के बाद निगम में भी बड़े स्तर पर बदलाव होगा। निगम का बस बेड़ा कम होगा, जिसके बाद कर्मचारियों की कैडर स्ट्रैंथ भी कम करनी पड़ेगी। एचआरटीसी में 12 हजार कर्मचारी हैं। इसमें 9 हजार चालक- परिचालक हैं। निगम प्रबंधन के अनुसार घाटे के रूटों पर बस सेवा बंद होने के बाद चालक-परिचालक सरप्लस हो जाएंगे। पहले चरण में युक्तिकरण की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इसके तहत सरप्लस स्टाफ को अन्य डिपुओं में भेजा जाएगा। अगले 5 सालों में कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं, कितनों की पदोन्नति देय है इसका पूरा खाका तैयार किया जाएगा। इसके अनुसार आगामी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। यदि निगम के पास फिर भी स्टाफ सरप्लस हो जाता है तो अन्य विभागों को चालक-परिचालकों को भेजने का निर्णय लिया जा सकता है या फिर सरप्लस पूल में इन कर्मचारियों को भेजा जाएगा। निगम चालकों को तो अन्य विभागों में भेज सकता है, लेकिन परिचालकों से क्या काम लेना है इस पर अभी विचार चल रहा है।
हिमाचल के राशन डिपुओं में मिलने वाला आटा-चावल भी अब उपभोक्ताओं को महंगा मिलेगा। करीब 15 साल बाद आटा-चावल के दाम बढ़ाए गए हैं। हालांकि, प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को चावल और गेंहू केंद्र सरकार मुहैया करवाती है। लेकिन प्रदेश सरकार का तर्क है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने की भाड़ा दरें बढ़ गई हैं। इसलिए राशन के रेट बढ़ाए गए हैं। अभी एपीएल उपभोक्ताओं को डिपुओं में आटा 9:30 रुपये से प्रतिकिलो मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलो, चावल 10 रुपये से बढ़ाकर 13 रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसी तरह बीपीएल (35 किलो राशन, प्रति व्यक्ति पांच किलो) वाले उपभोक्ताओं को चावल 6.85 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति किलो और आटा 7 रुपये से बढ़ाकर 9.30 रुपये किलो मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक एक सितंबर को इस नई व्यवस्था लागू की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में करीब साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। इनमें से साढ़े 12 लाख के करीब एपीएल उपभोक्ता हैं, जबकि अन्य आईआरडीपी और करदाता हैं। सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को 6 किलो चावल, 10 से 13 किलो आटा, दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और एक किलो नमक सब्सिडी पर दिया जा रहा है।
भंग कर्मचारी चयन आयोग के बहुचर्चित पेपर लीक मामले में एक और आरोपी अभ्यर्थी परीक्षा का टॉपर है। पेपर लीक मामले में दर्ज 14वीं एफआईआर में पुलिस रिमांड पर चल रहा आरोपी अमित रावत असिस्टेंट स्टोरकीपर (पोस्ट कोड 822) भर्ती परीक्षा में 82 अंक लेकर टॉपर रहा था। मार्च 2022 में इस परीक्षा का नतीजा घोषित होने के बाद अमित बिजली बोर्ड हमीरपुर के सर्किल कार्यालय में तैनात था। वह तीन माह पूर्व ही नियमित हुआ था। अब बिजली बोर्ड प्रबंधन ने भी कर्मचारी का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया हैं। भंग आयोग के कार्यकाल में पेपरलीक का यह खेल लंबे समय से आयोग में चल रहा था। दो साल की सेवाओं के बाद आरोपी अभ्यर्थी नियमित भी हो गए थे। इस भर्ती की लिखित परीक्षा में प्रदेशभर के हजारों युवाओं ने हिस्सा लिया था, जबकि पेपर खरीद कर आरोपी परीक्षा में मेरिट हासिल कर नौकरी लग गया। पेपर लीक मामले की मुख्य आरोपी उमा आजाद का बड़ा बेटा नितिन भी आयोग की दो परीक्षा पास कर नौकरी लगा था। वह भी एक परीक्षा में टॉपर रहा था। इसके अलावा विभिन्न पोस्ट कोड में दर्ज एफआईआर में कई आरोपी अभ्यर्थी मेरिट में रहे हैं। डेढ़ साल की लंबी जांच में विजिलेंस ने 14वीं एफआईआर दर्ज की है। दो दर्जन के करीब पोस्ट कोड की परीक्षाएं विजिलेंस जांच के दायरे में हैं। कैबिनेट सब कमेटी ने विभिन्न पोस्ट कोड के नतीजे घोषित करने के आदेश नवगठित राज्य चयन आयोग को दिए हैं लेकिन जांच के दायरे में शामिल परीक्षाओं में उन पदों पर नतीजे घोषित नहीं किए जा रहे है जिनमें अभ्यर्थी आरोपी हैं। जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 में भी पांच पदों को रिक्त रखा गया है। इस परीक्षा को पास करने वाले पांच अभ्यर्थी भी पेपरलीक में आरोपी हैं। एसपी विजिलेंस कुलभूषण वर्मा का कहना है कि जांच जारी है। कर्मचारी का रिकाॅर्ड ब्रांच से मांगा गया है। यह कर्मचारी कुछ माह पूर्व ही नियमित हुआ था। मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड प्रबंधन को जल्द इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
शिमला में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन की राज्य कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यूनियन के अध्यक्ष केडी शर्मा ने बीते कल बोर्ड की खराब हालत पर चिंता जताई। उन्होंने कहा 53 साल के इतिहास में बिजली बोर्ड की हालत आज सबसे दयनीय है, जिसके लिए सीधे तौर प्रदेश सरकार दोषी है। बिजली बोर्ड जैसी बड़ी संस्था को सरकार पिछले डेढ़ साल से एडहॉक प्रबंधन पर चला रही है। केडी शर्मा ने कहा, लंबे समय से अस्थायी प्रबंधन की वजह से बोर्ड की हालत खराब है, जिन अधिकारियों को बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है, उन्होंने डेढ़ साल से राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है, जिसका खामियाजा बिजली बोर्ड के साथ कर्मचारियों व पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा प्रबंध निदेशक लंबे समय से अस्थायी तौर पर आगन्तुक की तरह 7 से 10 दिन में एक बार आ रहे हैं, जिससे बिजली बोर्ड में पूर्णकालिक निदेशक व निदेशक मंडल की बैठकें समय पर नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में लंबे समय से कई महत्वपूर्ण निर्णय व पदोन्नतियां लटकी पड़ी हैं। पिछले साल मई महीने में सर्विस कमेटी ने जो निर्णय लिए हैं उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसमें 20 मई 2023 को निदेशक मंडल ने बोर्ड में 1100 तकनीकी कर्मचारियों को भरने का फैसला लिया था, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। यूनियन ने अधिकारियों की वजह से डेढ़ साल में बोर्ड और प्रदेश की जनता को हुए नुकसान की चार्जशीट तैयार कर आगामी कार्रवाई को सरकार के लिए भेजी थी, लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में यूनियन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा इस कुप्रबंधन के कारण बिजली बोर्ड गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जिस कारण कर्मचारियों व पेंशनर्ज के वित्तीय लाभ रुके पड़े हैं। स्थिति ये है कि पिछले एक साल से कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अर्जित अवकाश व ग्रेच्युटी की अदायगी नहीं हो पाई है। आज बिजली बोर्ड कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है। तकनीकी कर्मचारियों को 48-48 घंटे ड्यूटी देनी पड़ रही है, जिस कारण प्रति वर्ष 30 से 45 कर्मचारी हादसे का शिकार हो रहे हैं। बीते साल 9 नियमित और 5 आउटसोर्स कर्मचारी अकाल मौत का शिकार हुए हैं। वहीं, कुल 27 कर्मचारियों को हादसे में गंभीर चोटें आई हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी लोगों को बेहतर बिजली सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं, इसके बाद भी साल 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को अभी तक पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित रखा गया है। केडी शर्मा ने कहा इस तरह के कुप्रबंधन की वजह से बिजली बोर्ड कर्मचारियों का धैर्य अब टूट रहा है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने आज और आगामी दो दिनों के लिए भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार मंडी, कुल्लु, हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा जिले में अलग-अलग जगहों पर गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला और सोलन जिले में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि बाकी जिलों में मौसम विभाग ने हल्की बारिश को लेकर आशंका जाहिर की है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज 19 अगस्त और 20-21 अगस्त को प्रदेश में मौसम खराब रहेगा और अलग-अलग जगहों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। वहीं, प्रदेश में आगामी दिनों में मैदानी और निचले पहाड़ी और मध्य पहाड़ी इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में प्रदेश में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। वहीं, इस दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी ज्यादा बदलाब दर्ज नहीं किया गया है। पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान सामान्य रहा जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। सबसे कम न्यूनतम तापमान कुकुमसेरी में 9.08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान धौलाकुआं में 34.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा शिमला में 24.0, कांगड़ा में 32.0, धर्मशाला में 29.4, सोलन में 30.0, नाहन में 28.7, सुंदरनगर में 32.9, कुल्लू में 34.6, मनाली में 27.7, बिलासपुर में 33.4 और ऊना में 34.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के 20 लाख कनेक्शन लगे हैं। अब इन्हें जल शक्ति विभाग की ओर से हर महीने पानी का बिल आएगा। जल शक्ति विभाग ने उपभोक्ताओं का आंकड़ा जुटा लिया है। 50 फीसदी ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके पास दो-दो कनेक्शन हैं। लोगों को अब इन दोनों कनेक्शनों के बिलों की अदायगी करनी पड़ेगी। प्रति कनेक्शन हर महीने 100 रुपये बिल आएगा। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद जल शक्ति विभाग ने बिल कैसे वसूलना है, इसे लेकर होमवर्क शुरू कर दिया है।उपभोक्ताओं ने पहले जल शक्ति विभाग से पानी के कनेक्शन ले लिए थे। इसके बाद जल जीवन मिशन के तहत भी पानी का अतिरिक्त कनेक्शन ले रखा है। सरकार ने बीपीएल, एकल नारी, विधवा महिला, दिव्यांग श्रेणी के लोगों को निशुल्क पानी देने का फैसला लिया है। ऐसे लोगों की पहचान स्थानीय स्तर पर ही होगी और इसका पूरा डाटा विभाग के बिलिंग सॉफ्टवेयर में फीड किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व जयराम सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मई 2022 में ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पानी देने का फैसला लिया था। जबकि सुक्खू सरकार ने प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति का तर्क देकर मुफ्त पानी देने की योजना को सीमित कर दिया है। राज्य सरकार की आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी के मीटर लगाने की योजना है। जल शक्ति विभाग गांवों में पानी के मीटर भी लगाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में होटल, होम स्टे, ढाबा और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी चल रही हैं, उनके लिए पानी का बिल व्यावसायिक होगा।
सीएम ने प्राथमिक अध्यापकों को वितरित किए टैबलेट, मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना का किया शुभारम्भ
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर में शिक्षा विभाग की दो महत्त्वकांक्षी पहलों प्राथमिक स्कूल शिक्षकों को टैबलेट वितरण और मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के शिक्षा एवं प्रशासनिक कार्यों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा प्रदान करने के प्रयासों के तहत प्रदेश में 17,510 प्राथमिक स्कूल शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे। इस नवीन पहल का उद्देश्य शिक्षण कार्यों में आधुनिकरण को बढ़ावा देना, डिजिटल शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करना और उपस्थिति दर्ज करने और डाटा अपडेट करने जैसे प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाना है। इस सुविधा से शिक्षा में गुणात्त्मक सुधार होगा और शिक्षक बच्चों के लिए शिक्षा संबंधी सामग्री को प्रभावी तरीके से पेश करेंगे। इसके अतिरिक्त इन टैबलेट के माध्यम से अध्यापक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेकर अपना ज्ञानवर्धन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने के लिए तैयार की गई अभिनव योजना ‘मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना’ का भी शुभारम्भ किया। यह योजना मौजूदा मिड-डे-मील की पूरक होगी और राज्य के 15,181 स्कूलों के नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को लाभ मिलेगा। वर्तमान में राज्य में 5,34,293 बच्चे मिड-डे-मील योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना के आरम्भ होने से बच्चों को अब अतिरिक्त पौष्टिक आहार मिलेगा। योजना के अंतर्गत बच्चों की पसन्द को ध्यान में रखते हुए सप्ताह में एक बार उबले हुए अंडे या फल दिए जाएंगे और स्थानीय बाजार से ताजे फल खरीदे जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना के लिए 12.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश गुणात्त्मक शिक्षा क्षेत्र की रैंकिंग में फिसलकर 18वें स्थान पर पहुंच गया है। लेकिन वर्तमान सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रयासरत है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करते हुए बच्चों को गुणात्त्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार करने के लिए प्रदेश सरकार तीन स्तरों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणात्त्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इसके अंतर्गत शिक्षकों को शैक्षणिक भ्रमण पर विदेश भेजा जा रहा है, प्रथम चरण में नवीन शिक्षण प्रणालियों जानने के लिए 217 शिक्षकों को सिंगापुर भेजा गया, प्रदेश में शिक्षा अधोसंरचना के विकास पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। राज्य की प्रत्येक विधानसभा में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन और उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और शिक्षक महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। इसलिए समाज में शिक्षकों का स्थान महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का स्थानांतरण वर्ष में एक बार करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, 5000 अध्यापक वर्षभर स्थानांतरण की प्रक्रिया में घिरे रहते थे। स्कूल संबंधी लैटर्ज के लिए आउट सोर्स आधार पर स्टाफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पांच से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों के लिए परिवहन सुविधा के लिए 20000 रुपये भी व्यय किए जाएंगे। पिछली भाजपा सरकार के बिना स्टाफ की उपलब्धता के 400 से अधिक शिक्षण संस्थानों के खोलने के निर्णय की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य स्कूलों से अध्यापकों को नए खोले गए स्कूलों में भेजा गया जिससे शिक्षा का स्तर गिरा। इन बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को शून्य नामांकन वाले स्कूलों को बंद करना पड़ा। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए महाविद्यालयों का भी युक्तिकरण किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पिछली भाजपा सरकार के पास कड़े निर्णय लेने का साहस नहीं था। उन्होंने केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए सम्पन्न परिवारों के बिजली और पानी के बिल माफ किए। मुफ्त में बांटने की यह प्रक्रिया अगर इसी प्रकार जारी रहती तो प्रति व्यक्ति कर्ज दो लाख रुपये तक पहुंच जाता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकट आर्थिक स्थिति के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया है और इस वर्ष 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशनभोगियों को एरियर का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी मेरे परिजनों के समान है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अभी छः माह का और समय लगेगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने पर एरियर और मंहगाई भत्ते प्रदान किए जाएंगे। केंद्र सरकार के पास एनपीएस फंड का नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का पैसा फसा हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से यह धनराशि वापिस लाने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 850 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्टता केन्द्रों में स्तरोन्नत कर रही है। सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अन्तर्गत 6 हजार अनाथ बच्चों को चिल्डर्न ऑफ दे स्टेट के रूप में अपनाया है। इस योजना में 27 वर्ष की आयु तक इन बच्चों की शिक्षा देखभाल, वार्षिक यात्रा का खर्च और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोलन जिला के कण्डाघाट में लगभग 300 विशेष रूप से सक्षम बच्चों को विशेष शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए 500 मीटर के दायरे के संस्थानों में कलस्टर सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षण संस्थानों में न्यू एज कोर्सिज जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा लर्निंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल मशीन, तकनीशियन मैकेट्रॉनिक्स, फाइबर-टू-होम टैक्नॉलिजी, सोलर टैक्नॉलिजी और इंटरनेट ऑफ थिंगस (आईओटी) तकनीशियन ट्रेनिंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश गुणात्त्मक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर है, जिसमें हमीरपुर जिला पूरे राज्य में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके दृष्टिगत सरकार को कुछ कठोर निर्णय भी लेने पड़े हैं, जिसके भविष्य में ठोस परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि पांच से कम विद्यार्थियों को निकटवर्ती स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट प्रदान करने की योजना के सकारात्मक परिणाम भविष्य में सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार को विरासत में खराब आर्थिक व्यवस्था मिली थी। इसके बावजूद सरकार द्वारा प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। शिक्षा विभाग 7 हजार पदों को भरने जा रहा है, जिसमें 2300 पद भरे जा चुके हैं। इसके अलावा, जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है उन स्कूलों में अतिरिक्त स्टाफ भी तैनात किया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक सुरेश कुमार, कैप्टन रणजीत सिंह राणा और विवेक शर्मा, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष रामचन्द्र पठानिया, एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा, पूर्व विधायक अनिता वर्मा, सोहन लाल और मनजीत डोगरा, कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा, सुभाष ढटवालिया और नरेश ठाकुर, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत सिंह, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान राजेश शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमन भारती और अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
देश-दुनिया से कटे मलाणा के लिए हेलिकॉप्टर से राशन पहुंचाने की कोशिश सफल नहीं हो पाई। प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से राशन मलाणा पहुंचाना था। इसके लिए भुंतर एयरपोर्ट से राशन लेकर हेलिकॉप्टर ने उड़ान भी भरी। लगातार दूसरे दिन हेलिकॉप्टर मलाणा में अस्थायी हेलीपैड पर नहीं उतर पाया। मलाणा गांव के सामने वाली पहाड़ी पर हेलिकॉप्टर से राशन सामग्री फेंकी गई लेकिन कई राशन के पैकेट जमीन पर गिरने के बाद फट गए। हेलिकॉप्टर के हेलीपैड में उतरने की मलाणा के ग्रामीण उम्मीद लगा बैठे थे, लेकिन उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने बिना किसी मशीनरी की सहायता से अस्थायी हेलीपैड तैयार किया था। इसके लिए पहाड़ी जैसी दिखने वाली जगह को समतल किया गया। एक सप्ताह तक गांव के लोग जगह को समतल करने में लगे रहे। अस्थायी हेलीपैड बनने के बाद प्रशासन ने यहां के लिए राशन हेलिकॉप्टर से भेजने का निर्णय लिया। शनिवार को हेलिकॉप्टर जैसे ही मलाणा पहुंचा तो पायलट ने उतारने में जोखिम समझते हुए नहीं उतारा। मलाणा के लोग शनिवार को हेलिकॉप्टर को देखने के लिए यहां पहुंचे थे। मलाणा पंचायत के प्रधान राजू राम ने कहा कि हेलीकॉप्टर दूसरे दिन भी नहीं उतर पाया। उन्होंने प्रशासन से समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि लोगों तक जल्द राशन पहुंचाया जाए तो परेशानी न हो।एसडीएम सदर विकास शुक्ला ने कहा कि अब तक मलाणा में 15 क्विंटल राशन पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर की बजाय पैदल मार्ग से राशन मलाणा पहुंचाया जाएगा।
**मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्ट हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में मौसम विभाग ने फ्लैश फ्लड का अलर्ट दिया है। यहां आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जिन पांच जिलों के लिए इस तरह की चेतावनी दी गई है उनमें चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला व सिरमौर हैं। यह अलर्ट रविवार को दोपहर 11.30 बजे तक के लिए दिया गया है। राज्य में अगले पूरे सप्ताह के दौरान मॉनसून सक्रिय रहेगा। मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रदेश में 23 अगस्त तक अनेक स्थानों पर बारिश होने का अलर्ट दिया है। उक्त अवधि के दौरान कुछ स्थानों पर बहुत ज्यादा बारिश होने की भी चेतावनी जारी की गई है। वहीं किन्नौर व लाहौल स्पीति में कम बारिश होने का पूर्वानुमान है। मगर शेष जिलों में अनेक स्थानों पर बारिश होने का अलर्ट है। राजधानी शिमला की बात करें तो शुक्रवार को जहां सूर्य देव के दर्शन हुए वहीं शनिवार सुबह भी मौसम ठीक था। शिमला धुंध की आगोश में नहीं था मगर शनिवार को दोपहर में मौसम बिगड़ गया और बारिश हुई। दोपहर के समय यहां तेज बारिश हुई है। शिमला के साथ कुल्लू, मंंडी, चंबा, सिरमौर में भी एक दो स्थानों पर तेज बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि मैदानों सहित पहाड़ों पर सुबह की शुरूआत धूप खिलने के साथ हुई थी। मगर दिन के समय बादलों के घिरने के चलते कई स्थानों पर बारिश हुई है, जिससे तापमान में भी गिरावट आई है। प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान भी राज्य के कई स्थानों पर झमाझम बारिश हुई है। हमीरपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। यहां पर 76.0 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना में 67.2 मिलीमीटर बारिश आंकी गई है। धर्मशाला में 40 .2, मंडी में 34.6, बिलासपुर में 40.8, जोगिन्द्रनगर में 35.0 और शिमला के सराहन में 31.0 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के चलते जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में कई स्थानों पर नुकसान हुआ है। ऐसे में अगर अगामी दिनों के दौरान भी भारी बारिश होती है तो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
99 स्कूलों में जीरो एडमिशन, 361 में पांच से कम रही छात्रों की संख्या **शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने जारी की अधिसूचना **मल्टी टास्क वर्कर पर भी सरकार ने लिया फैसला **बच्चों की ट्रांसफर की डिप्टी डायरेक्टर से सेंटर हैड टीचर तक की जिम्मेदारी तय **बंद स्कूलों की जमीन और भवन होंगे शिक्षा विभाग के अधीन हिमाचल मंत्रिमंडल में हुए फैसले के बाद शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कुल 460 सरकारी स्कूलों को बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इनमें से 99 प्राइमरी और मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी एडमिशन नहीं थी। इन्हें डीनोटिफाई कर दिया गया है, जबकि 361 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को जहां छात्र संख्या पांच से कम थी, नजदीकी दूसरे स्कूल में मर्ज किया गया है। बंद किए गए इन सरकारी स्कूलों के स्टाफ, छात्रों, ऑफिस रिकॉर्ड और भवनों का क्या होगा? इसे लेकर अलग से दिशा निर्देश लिखित में जारी हुए हैं। इन निर्देशों के अनुसार शिक्षा सचिव ने कहा है कि बंद होने वाले स्कूल का वर्तमान स्टाफ नजदीक के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में जाएगा और ये टीचर विद पोस्ट ट्रांसफर होंगे। इस ट्रांसफर के लिए पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। बंद होने वाले स्कूल के मल्टी टास्क वर्कर या वाटर करियर को संबंधित ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर के डिस्पोजल पर जाएगा। बंद होने वाले स्कूल के बच्चों को नजदीकी स्कूल में ट्रांसफर करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर से लेकर सेंटर हैड टीचर तक जिम्मेदारी होगी। डीनोटिफाई हुए स्कूलों का ऑफिस रिकॉर्ड सेंटर स्कूल में रखा जाएगा, जबकि मर्ज हुए स्कूलों का जिस स्कूल में मर्ज हुए हैं, उस स्कूल में रखा जाएगा। बंद होने वाले स्कूलों का फर्नीचर, किताबें या अन्य सामान उसी कॉ प्लेक्स के ज्यादा एनरोलमेंट वाले स्कूलों को दिया जाएगा। बंद होने वाले स्कूलों में जिला कैडर यानी जेबीटी इत्यादि की सेंक्शन पोस्ट डिप्टी डायरेक्टर के कॉमन पूल में डाल दी जाएगी, जबकि टीजीटी जैसी स्टेट लेवल की पोस्ट डायरेक्टरेट लेवल के कॉमन पूल में रखी जाएगी। ये पद बाद में एक्सीलेंस स्कूलों को दिए जा सकते हैं। बंद किए गए स्कूलों की जमीन और भवन शिक्षा विभाग के तहत ही रहेंगे, लेकिन लोकल ग्राम पंचायत या अर्बन लोकल बॉडी इन्हें लाइब्रेरी, जिम, स्पोट्र्स कंपलेक्स इत्यादि के लिए इस्तेमाल कर सकती है।। जीरो एनरोलमेंट वाले 99 प्राइमरी-मिडल स्कूलों पर एक्शन प्राइमरी स्कूल जीरो एनरोलमेंट के कारण बंद किए गए, उनमें घुमारवीं ब्लॉक-1 के प्राइमरी स्कूल रंदौह, भरमौर ब्लॉक के बैलमुंह, सिहुंता ब्लॉक के भतलैहरी, गरौला ब्लॉक के सुनकर, हमीरपुर ब्लॉक के दरवाना गुरजन, हमीरपुर ब्लॉक का खतवीन, बैजनाथ का सुनपुर, भरवाना का जैंद, डाडासीबा का बधल नॉन, देहरा का कियोरी, इंदौरा का रत्नगढ़, कवाली का सौहरा, कोटला ब्लॉक का थारु और गुजरेहरा, कांगड़ा का बदी बेहरी, लंबागांव का अंबोटू छत, नगरोटा सूरियां का भतर, नूरपुर का बासादबियाला, पंचरूखी का अपर रजौत, पालमपुर ब्लॉक का जुगैहर, राजा का तलाब ब्लॉक का सरगोतरन, रक्कड़ ब्लॉक का नौरी, रेट एट शाहपुर का कुरेला, धीरा ब्लॉक का अच्छर, निचार का कंगरग, निरमंड का चंबू और कटमोर, कुल्लू वन-टू और थ्री ब्लॉक के बडियाणा, सरली, प्रभी, केलांग ब्लॉक वन के कोलोंग, सुरथंग और पेयोकर, केलांग ब्लॉक टू के नैनघर, उदयपुर का अघर और ंाजार, सैगालु ब्लॉक का छलाहर, चौंतड़ा ब्लॉक का कुफरू और जरल सहाज, धर्मपुर ब्लॉक का वन और टू ब्लॉक का फागुल, शेरपुर, बेरी, सिराज ब्लॉक की सेरीमनबढ़, करसोग वन ब्लॉक की धनियारा, दंग्र वन और टू ब्लॉक की संतोग, कदूंड, समलंग और नशधारा, ऑट ब्लॉक के शेगलीधार, निहरी ब्लॉक के छैओरी, देहा ब्लॉक के माईपुल, खरौरी, कलहार और कठियाणा, जुब्बल ब्लॉक का शमोट, कोठु, नदल, चौपाल ब्लॉक का कोट और कुपवी, टिक्कर ब्लॉक का सेरिधार और टांगरी, कुमारसैन का कोट, मशोबरा ब्लॉक का कोट, सिपुर, नेरी, बदफर सुन्नी ब्लॉक का नवी और नालाह, ननखड़ी का शोला, बियोट, कुंठ और टुटू, रामपुर सराहन टू का पशहाड़ा,कंधार, किन्फी, पैशगांव, रणर ब्लॉक की मगवानी, गवास, रामपुर ब्लॉक के कांडी, कुहल, परोग,कुपवी ब्लॉक का चुरांह, कफोटा ब्लॉक का गुजोन और रांगुवा, राजगढ़ ब्लॉक के शड़ पजोगा, शड़ोग, नेरीजांगला और नारग के सरहोग स्कूल शामिल है। 10 मिडल स्कूल भी इसी कारण बंद किए गये हैं। इनमें पांगी का परेग्राम, निचार का गारसू, निरमंड का मोइन, आनी का कास्था, स्पीति का गियू, चौंतड़ा टू का भ्रां, दं्रग वन का अंदरालू, सिराज टू का कांडी कोछरा, सुंदरनगर टू का बढू और मझास स्कूल शामिल हैं। 58 मिडिल स्कूल बंद नयनादेवी ब्लॉक में देहानी, सदर ब्लॉक में धामना, चंबा वन ब्लॉक में ककैला, भोरंज ब्लॉक में सैंड, बिझड़ी ब्लॉक में अंबोटा, कोदरा, सुजानपुर ब्लॉक में भेड़ा, बैजनाथ ब्लॉक में चोबू, थाथी, चढिय़ार ब्लॉक में चढिय़ार खास, धीरा ब्लॉक में चरखोला, धर्मशाला ब्लॉक में दियारा, पंचरूखी में अप्पर दत्तल बोहाल, कोटला ब्लॉक में सिहुणी, भरवांड़ा, पूह में रोपा और सुनम, कल्पा ब्लॉक में पोवारी, निरमंड ब्लॉक में थंथल, काजा ब्लॉक में कियाटो, धर्मपुर-2 ब्लॉक में ढलारा और शेरपुर, सुंदरनगर ब्लॉक में घेरा, गोपालुपर-वन में छतर टंडोह, सैगालु ब्लॉक में लगधार, जुब्ब्ल ब्लॉक में ढडोट, जरशाली, सैंसंग-2, तूरन, कोटखाई ब्लॉक में कोटी, मरुथू, सपोहिल, कुमारसैन ब्लॉक में चलाण, कुपवी ब्लॉक में बागी, संत, ननखड़ी ब्लॉक में शिला, नेरवा में धमरोली, रामपुर ब्लॉक में रदौली, उरमन, जांगला में भगवारी, मंगहारा, सुन्नी में हिमरी, चौहारा में जगनोटी, शिमला में गवाही-2, सुन्नी ब्लॉक में मचरेणा, कुमारसैन ब्लॉक में चलान, कोटखाई ब्लॉक में स्पोयल, जुब्ब्ल में खरशाल, रोहडू़ में शालावत, नेरवा में थनगार, रामपुर फस्र्ट में पेट, कफोता में श्माह, पटटा महलोग ब्लॉक में शेरला, अंब ब्लॉक में राजपुर जसवां, बंगाड़ा ब्लॉक में हथवाना और जोल ब्लॉक में चरोली स्कूल को मर्ज किया। 361 प्राइमरी स्कूलों पर ताले घुमारवीं वन और टू ब्लॉक में दोहरु, सोनखर, कसारू, भंडल, लुहनू, जोल देखतर, गुलानी, कुहू मझवार, बदरौण, सथाली, झंडूता ब्लॉक में कोहली, ठिहरा, जौहर देहानी, सदर ब्लॉक में चिकरी, बरनू, पंचहैली, धमना, चरौल जतन, बैंग चैंमबियारा, नयनादेवी ब्लॉक में बधराण, सवारघाट ब्लॉक में धधराणा, नैलन, गौला, पट्टा, बनीखेत ब्लॉक में दूहका, चौंतड़ा, भरमौर ब्लॉक में लमनौथ और पलानी, चंबा वन में चैली, चुवाड़ी ब्लॉक में खोपरु, ढडियारु, बनोई, गरोला ब्लॉक में धोनी, लुहानी, जूवन, भूजनली, टूह, तियारी, मगलून, घेरा ब्लॉक में धार, मेहला टू ब्लॉक में थलोल, सिहुंता ब्लॉक में चैलेरिया, खडेंद्र, दूरधाला, भौंट, खनौरा, अनैन, धनून, सुंधला ब्लॉक में मंझली, छतरैल, तैलरु, खुहंड, भोरंज ब्लॉक में ककरोल, जिजविन, बडियाना, कोट रिसवान, मतलाना, बिझड़ी ब्लॉक में घुमारवी, नलवाड़ बहतर, भूतण, खजियान, मनजारा, थाना, समन कोटी, अंबोटा, ब्रिसविन ब्लह, जलौड़ी में प्लासी, जिआना, बल्ह, हमीरपुर ब्लॉक में थाना लोहारन, हलाना, रोपा कोट, करोष, सुजानपुर ब्लॉक में दारला, बजरोल, निहारी, खोलू, बैजनाथ ब्लॉक में करनारठू, करोट, सरमन, भरवाणा ब्लॉक में सिहोल, चंद्र, भरौड़ा टू, लोहर मलंग, चडिय़ार ब्लॉक में कथौन, कांगड़ी, तैंबर, तंबारु, डाडासीबा ब्लॉक में बरवारा, लग थकरन, नियार, बधल, लोहर नेरी, लोअर बसलैहर, देहरा में कलरू और दंग्र अंब, धर्मशाला ब्लॉक में घियाना खूरड़, सिकना द मोड, भतड़, धीरा ब्लॉक में टिका ब्लह, हरबरल, नेनॉन, कहांपठ, तोरु, घंघारा, फतेहपुर ब्लॉक में लरहूं, झरोली, हड़वाल, ज्वाली में बधैला,बनहारा, जैशर चटवांडा, जंड्ऱोह, कांगड़ा में सुरानी, मैहालू, बाला मटौर, पैहग, अब्दुलपुर, खुंडियां का जमूली, कोटला का बधरैला, लंबागांव का काथला, सुभाषनगर, त्रिंडा, नगरोटा बगवां का नेरा और अबांरी, नूरपुर का बासा वजेरियन, पालमपुर का गडियारा, बगौरा, कुसमल, रामरछन, पंचरूखी का तोरान, होल्सू, अप्प दत्तल, बडैहर, खजुरनु, थाला, किहली, राजा का तालाब ब्लॉक का घरनोट, मकरोली, बासा पठानिया, डडवारा, कुतन, रक्कड़ ब्लॉक का कुरियल घेरा, धार खरोटी, थूरल का पूर्बा-2, भिला, कल्पा ब्लॉक के छिन्नी, कश्मीर सांग्ला, निचार ब्लॉक के पुनांग, करसीम, कुफनू कोलोनी, पुह ब्लॉक में स्वेडन और हैंगमठ, आनी ब्लॉक में मुंगरी, रोपा, ओलवा, भूतिबहन, बशावल, धैर, बंजार ब्लॉक में शारुनगर, मनहम, कुल्लु वन और टू ब्लॉक के धारी, टिक्कर, रशकर, जिआनी, पलयानी, डिंगडिंगी, त्रिसारी, नगर ब्लॉक के कास्टा, गौर, सैंज ब्लॉक के हुरला टू, बिहाली, काजा ब्लॉक लंगजा टू, ताबो, कुंगरी घोंपा, तांगटी योगमा, सैलिंग लोसर टू,काजा टू और गुलिंग, उदयपुर के झोलिंग टू, शकोली, सलपत, उडग़ोज, औट के शाहनी, बाता, बल्ह के खियुरी, बलवानी, छातरु, ट्रोह, चचियोट ब्लॉक के भुरला, चौंतड़ा वन और टू ब्लॉक में कुंकर, पाबो, नरहोली, सनन खेरा, कलेहारू, खजूर, कोहन, मठी बनवार, दुंग वन और टू ब्लॉक में गवालान, खलैल, छहतर, बड़ागांव, छैला पन, त्रयोकना, तिलि पटन, जककरकुट, भटोग, त्रसवन, गोपालपुर वन और टू ब्लॉक के सरौली, गेहरा, रेशर हैवेन, कठोगां, भाहनू, हवानी, जनीन कास बरी मतोली, बदौं, सलोआ, करसोग वन और टू ब्लॉक में चनयाणा, फंडोल, सेयोग, कुंठरी, कांडा, रशोग, मेरोठ, कामनू, बगैण, नराहां, थोगी, निहरी ब्लॉक में सोझा, जबराश, रिवाल्सर ब्लॉक में सनगन, सदर ब्लॉक में पंजैहटी,रखून, काशला, सैगालू ब्लॉक में ढलवाहां, सलवाहां ब्लॉक के सीढ़, सिराज वन और टू ब्लॉक में धनयार, मातला, सढिय़ार सुंदरनगर ब्लॉक एक के खरोटा और सिहरल , सुंदरनगर ब्लॉक दो के कोटला, चौहारा ब्लॉक के गोक्सवारी, चौपाल ब्लॉक के टिकरी और मामवी, देहा ब्लॉक के जोए, कलहर, पलाना, डोडरा कवार ब्लॉक के लागनू और पट्टा डोबू, जुब्बल ब्लॉक के कैरी और बाकन, कसुम्पटी ब्लॉक के बाथमाना, कोटखाई ब्लॉक के किआरवी, बनोल, रूखाला, बरामू, केहमली, सारंधार, खोला, भारोन, जोले, कुमारसैन ब्लॉक के भूतकंडा, एम. चंगाधार, बहाली, बनकोटी, लौघा, जेल्ठी, चिमला, चरूथी, मनडोली, रोपा, कुमारसेन के नगरोट, कुफरबाग, मतियाना का बिशरी, ननखड़ी ब्लॉक के खमाली खलेट, जुन्नी, बस्ताधार, नेरवा का केवली, रामपुर ब्लॉक के प्रांदली, मंढोंग, तलाई, रामपुर-1 के जगुनी, शैलीबमोद, रांसर जांगला का रनोल, रोहड़ू ब्लॉक के कोटसारी, कपरीधार, बार्टू, खगटेड़ी, कंद्रोरा, सराहन के तालरा, निन्वी छल्लड़ी, सराहन बुशहर के दुगीसेरी, शिमला का लझून, सुन्नी ब्लॉक के दमोग, खोब, भराउ, रिओग, पन्याली, कंदौला, मकराचा, ठियोग के कुफ्टा, ढली, बकरास ब्लॉक के दुरेच, शलियान, कफोटा ब्लॉक के केरका गुइना, च्योग, भट्टड़, खोरनवाला का रुंदाना, माजरा का कटल, नाहन के नोगली, नारग के नोमचट, चानालाग, राजगढ़ के पंति दवंग, हिडुता, संगड़ाह के शज खिल, रनवा, सतौन के ददुआ काइला, बाग तिलवाड़ी, शिलाई के जिमटवाड़, सेरखी, सुरला के डोलसरी, बाकारला, अर्की के बंबिरा, सरली, पेओठा, सेरी, धर्मपुर ब्लॉक के नकीयार, अलोब्रा, धुंडन के निचला समलोह, घ्याना याना, शौग, कंडाघाट के कश्मीरी चायमा, कदौर, कुठड़ के राजपुरी, साई मंझ, एंजी डी, नालागढ़ केधार, चंबा धरल, रामशहर ब्लॉक के पंजाल, भलसी, अंब के राजपुर जस्वान, बंगाणा ब्लॉक के पनेड़, खनेड़, भरमौट, गुगहां कलां, गगरेट-1 ब्लॉक के घनाड़ी अप्पर, सलोह बेरी एलटी, तराली, कुठैड़ा जस-जी, जोल के बुहाना, कुद को बंद कर दिए गए है।
हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इसके सहभागी लैंडस्टैक एडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया। हिप्पा के निदेशक शुभ करण सिंह और लैंडस्टैक एडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक सानन की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य संयुक्त तौर पर ‘समावेशी भूमि सुधारों को समावेशी भू-प्रशासन में बदलने के लिए राज्य क्षमता का निर्माण’ परियोजना पर कार्य करना हैै। इसका उद्देश्य भू-प्रशासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को सुव्यवस्थित करना है, ताकि भू-प्रशासन में सुधार और नागरिक सेवाओं व जनकल्याण के क्षेत्रों में सार्वजनिक नीति लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सके। इस परियोजना से जहां ज्ञान व कौशल का आदान-प्रदान होगा, वहीं हिपा को प्रशिक्षुओं के बड़े समूह के लिए नेतृत्व और वार्ता कौशल के क्षेत्र में सहयोग मिलेगा। संस्थान में प्रशिक्षुओं के लिए अब विश्व स्तरीय मानक प्रबंधन दक्षताओं की पहुंच सुनिश्चित होगी।
पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने विधानसभा के मानसून सत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था पर सरकार द्वारा एक बिल प्रस्तुत करते हुए इस पर सशक्त कानून बनाने की मांग की है। पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राज्य महामंत्री एल डी चौहान, अध्यक्ष मनोज कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर शर्मा सहित राज्य मीडिया प्रभारी दीप कुमार ठाकुर ने प्रदेश सरकार के सत्ता में आते ही चुनावी वादे के अनुसार कैबिनेट में बिना किसी संगठन के दबाव के OPS बहाल करने के निर्णय को ऐतिहासिक कहा है। एल ड़ी चौहान ने कहा कि उंन्होने वर्ष 2015 से OPS बहाली के अभियान को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई तथा वर्ष 2018 तक इस अभियान को प्रदेश सहित अन्य प्रांतों में फ्रंट पर चलाया तथा 2017 में DCRG को भी लागू करवाया अतः पुरानी पेंशन व्यवस्था पर भविष्य में किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसके लिए इस पर विधानसभा में कानून बनाया जाना वर्तमान में बहुत जरूरी है। पिछले वर्ष प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री ने भी स्वयं OPS पर कानून बनाने की पैरवी की थी। पुरानी पेंशन व्यवस्था पर विधानसभा के मानसून सत्र में एक सशक्त कानून बनाने बारे पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की तरफ से माँगपत्र माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व समस्त केबिनेट मंत्री को उनके कार्यालय के माध्यम से तथा ईमेल के माध्यम से दिया गया है, ताकि इस विषय पर पुनः ध्यानाकर्षण हो सके तथा विधानसभा के इसी सत्र में बिल लाकर कानून बन सके। हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को पूर्ण उम्मीद है कि OPS बहाली पर कानून बनाकर वर्तमान सरकार कर्मचारियों के मन मे भविष्य को लेकर उठ रहे सवाल व संशय पर लगाम लग सके।
हिमाचल प्रदेश के लिए काफी राहत की खबर है। कई सालों से लंबित पड़ी बहुउद्देशीय फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना को आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं AIBP के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। हिमाचल प्रदेश की सिंचाई प्रणाली में यह बड़ी सफलता है। अब इस योजना के सिरे चढ़ने की उम्मीद बंध गई है। ऐसे में अब फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना पूरी होने पर जिला कांगड़ा के एक बड़े हिस्से में किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकेगा, जिससे खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने से किसानों की आर्थिक सेहत सुधरेगी। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इसको लेकर खुशी जाहिर की है। बता दें कि जिला कांगड़ा के नूरपुर में फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना बीते 13 सालों से लंबित पड़ी है। इस दौरान कई सरकार सत्ता में आई और गई, लेकिन यह परियोजना फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाई थी। साल 2011 में 204 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से शुरू हुई इस परियोजना की लागत अब 646 करोड़ रुपये पहुंच गई है। प्रदेश में फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना पर सरकार अब तक अपने संसाधनों से 283 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इस योजना को सिरे लगाने के लिए प्रदेश सरकार लंबे समय से केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग कर रही थी। वहीं, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने फरवरी 2023 में दिल्ली का दौरे के दौरान उन्होंने पूर्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मुलाकात की थी। अपने दिल्ली के दौरे के दौरान डिप्टी सीएम ने फिन्ना सिंह परियोजना के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी करने की अपील की थी। उन्होंने फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना के लिए केंद्र से मिलने वाली 340 करोड़ रुपये की मदद राशि जल्द जारी करने का आग्रह किया था। जो मांग अब जाकर पूरी हुई है। फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना का कार्य पूरा होने से जिला कांगड़ा के एक बड़े हिस्से में किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के तहत कांगड़ा जिले की चक्की खड्ड पर लाहडू के पास एक डैम का निर्माण किया जा रहा है। एक सुरंग के जरिए नूरपुर के विभिन्न गांवों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे सूखा पड़ने और जरूरत के समय किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ने से किसानों की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी। ऐसे में किसानों के लिए ये परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है।
शिमला: 9 अगस्त को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है। देशभर में डॉक्टर को न्याय दिलवाने की मांग की जा रही है। इसकी आंच अब सूदूर हिमाचल तक पहुंच गई है। शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पश्चिम बंगाल की घटना के लिए ममता बनर्जी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री के शासन में महिला के साथ सरकारी बलात्कार हुआ। इस दौरान राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी से सब कांग्रेस नेता डर गए हैं। मामला अगर भाजपा शासित राज्य का हो तो राहुल और प्रियंका गांधी केवल ट्रेजेडी टूरिज्म करने जाते हैं। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कहा, "बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला पहला नहीं है। बंगाल में लगातार महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं। ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ इस तरह का अपराध होना झकझोर देने वाला है। देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री के शासनकाल में महिला के साथ सरकारी रेप हुआ है। इस रेप केस को रफा दफा करने में सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। समय रहते मामला सीबीआई को नहीं सौंपा गया। जहां पर वारदात हुई वहां अगले दिन ही कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया गया, जिस कमरे में वारदात को अंजाम दिया गया वहां पर मॉब ने तोड़फोड़ मचा दी, जिससे साफ होता है कि इस कांड से टीएमसी का सीधा लिंक है। इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर को भी पीटा जा रहा है। एक व्यक्ति को बलि का बकरा बनाकर बाकी लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री जानबूझकर उस व्यक्ति को जल्द से जल्द फांसी देने की बात कर रही है जो प्रासंगिक नहीं है। राधिका खेड़ा ने इस दौरान कांग्रेस पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला न्याय की बात करती है, लेकिन राहुल गांधी ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। 5 दिन के बाद एक ट्वीट किया मगर ममता बनर्जी के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि "राहुल गांधी डरो मत देश की बेटियों की आवाज बनो"। राधिका खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस के नेता ट्रेजडी टूरिज्म के लिए केवल तब जाते हैं, जब मामला भाजपा शासित राज्य का हो। मगर ट्रेजेडी टूरिज्म क्वीन प्रियंका भी इस बार कुछ खास नहीं बोली, ममता बनर्जी से कांग्रेस के सब नेता डर गए हैं।
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशक ने शिक्षण कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) समय पर जमा करने के संबंध में राज्य भर के सभी उप-निदेशकों को चेतावनी पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कई एसीआर जमा नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द एसीआर जमा नहीं करवाने वाले डिफाल्टर अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक दिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान देरी का कारण या तो एसीआर शुरू न करना या संबंधित सरकारी कर्मचारियों द्वारा अधूरे स्व-मूल्यांकन हैं। निदेशक ने इन देरी को दूर करने के लिए तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया है। संस्थानों के प्रमुखों और उपनिदेशकों से आग्रह किया है कि वे पूर्णता प्रक्रिया की सावधानीपूर्वक निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की रिपोर्ट बिना किसी देरी के भेजी जाएं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए एसीआर सितंबर 2024 के अंत तक प्रस्तुत होनी चाहिए। निदेशक ने चेतावनी दी है कि अनुपालन में किसी भी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके परिणामस्वरूप डिफॉल्टरों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है। प्रत्येक एसीआर को वर्णानुक्रम में व्यवस्थित किया जाना चाहिए, जिसमें जन्म तिथि, नियुक्ति की तिथि, मोबाइल नंबर और डोजियर नंबर जैसे विवरण शामिल हों, साथ ही विभिन्न कैडर श्रेणियों के लिए अलग-अलग अग्रेषण पत्र भी हों। निदेशक ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की चूक को रोकने के लिए तत्काल व्यक्तिगत ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता को रेखांकित किया है और निर्धारित कार्यक्रम का पूर्ण पालन करने की अपेक्षा की है।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेगा। राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर तथा राज्य महासचिव भरत शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों का शीघ्र समाधान निकालने हेतु मुख्यमंत्री से मिलेगा और विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त हुए मांगपत्र मुख्यमंत्री को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किए जाएंगे। इस मुलाकात के दौरान, प्रतिनिधिमंडल विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के लंबित मुद्दों को मुख्यमंत्री के सामने रखेगा l दो बार संविदा (Contract) कर्मचारियों के नियमितीकरण करना, प्रमुख मुद्दों में 12% महंगाई भत्ता तथा वर्ष 2016 के वेतन आयोग के अनुसार बकया राशि का तुरंत भुगतान, विभिन्न विभागों के विभिन्न वर्गों में वेतन विसंगति, विभिन्न विभागों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी रिक्त पदों को जल्द भरना, हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम, जिला परिषद तथा अन्य छूटे विभागों के लिए पुरानी पेंशन का प्रावधान, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करना, विभिन्न विभाग के विभिन्न वर्गों के पद नाम बदलना, जल रक्षक का अनुबंध में शामिल करने के लिए अवधि 12 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष करना, आवास भत्ते में लंबे समय से वृद्धि न होने के कारण विभिन्न कर्मचारी वर्ग का आवास भत्ता बढ़ाने की मांग, विभागीय पदोन्नती समय पर हो, करूनामुल्क आधार पर विभिन्न विभागों में लंबित मामलों का निपटारा कर सभी को वन टाइम रिलैक्सेशन देकर नियुक्ति देना, जिला परिषद कर्मचारियों को विभाग में मर्ज करने, मिड डे मील वर्कर,आंगनवाड़ी सहायिका के लिए स्थाई नीति, आउटसोर्स कर्मचारी के लिए स्थाई नीति, मल्टी टास्क कर्मी के लिए स्थाई नीति, सहित अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल रहेंगे। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकालना और उनके हितों की रक्षा करना होगा। राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा संगठन की ओर से जो सुझाव सरकार के समक्ष रखे जाएंगे उन सभी सुझावों पर मुख्यमंत्री जरूर विचार करेंगे और हमे आश्वस्त है कि इस मुलाकात के बाद कर्मचारियों की विभिन्न विभागियों समस्याओं में से अधिक का समाधान जरूर निकलेगा l
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की मलाणा घाटी में भारी बारिश के कारण डैम फटने से जहां सड़क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, मलाणा गांव जाने का रास्ता भी बुरी तरह से खराब हो गया। ऐसे में अब भुंतर से एक हेलीकॉप्टर राशन लेकर मलाणा गांव की ओर रवाना हुआ। इस दौरान सीपीएस सुंदर ठाकुर और एसडीएम विकास शुक्ला भी हेलीकाप्टर में मौजूद रहे। ऐतिहासिक गांव मलाणा में राशन की किल्लत से जूझ रहे लोगों को अब इससे राहत मिलने वाली है। हेलीकॉप्टर में मलाणा के लिए आटा, चावल और तेल सहित अन्य खाद्य पदार्थ भेज दिया गया है। करीब 2,500 की आबादी वाला मलाणा दो सप्ताह से देश-दुनिया से कटा हुआ है। बादल फटने के बाद सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में लोगों को जान जोखिम में डालकर पहाड़ी रास्ते से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है। गांव में राशन का स्टॉक समाप्त है। बीते दिन वीरवार से गांव में मेला भी शुरू हो गया है, ऐसे में ग्रामीणों के सामने मुश्किल यह है कि वे मेहमानों को क्या खिलाएंगे? इसके अलावा सड़क बहाल होने में छह माह का समय भी लग सकता है। हेलिकॉप्टर से राशन गांव में पहुंच सके, इसके लिए ग्रामीण स्वयं ही बिना किसी मशीनरी के हेलीपैड का निर्माण कर रहे हैं। पूरे मलाणा के लोग हेलीपैड तैयार करने में सहयोग कर रहे हैं। सामूहिक भागीदारी से बनाए इस हेलीपैड में अब हेलीकॉप्टर को उतारा जाएगा।
** शीशा तोड़ा, बाइक सवार दोनो शातिर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा की गाड़ी पर अज्ञात बाइक सवारों ने रॉड से हमला किया है। वारदात गुरुवार शाम की बताई जा रही है, जब विधायक पंजाब के जालंधर से लौट रहे थे। इस दौरान होशियार शहर पार करने के बाद दो बाइक सवारों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और पिछले शीशे में रॉड से वार किया। इससे उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया। विधायक विवेक शर्मा ने बताया कि मामले को लेकर होशियारपुर पुलिस को शिकायत दी है। जानकारी के मुताबिक कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा गुरुवार शाम पंजाब के जालंधर से अपने विधानसभा क्षेत्र लौट रहे थे। होशियारपुर शहर को पार करते ही ग्रामीण इलाका शुरू हो जाता है। सूनसान रास्ते में बाइक सवार दो लोगों ने उनकी गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। मौका पाकर बाइक सवारों ने एक रॉड गाड़ी के पिछले शीशे पर दे मारी। इसके बाद विधायक के चालक ने काफी दूर तक शातिरों का पीछा किया। लेकिन दोनों चकमा देकर फरार हो गए। विवेक शर्मा ने होशियारपुर पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। विवेक शर्मा ने कहा कि हमले में गाड़ी को कुछ नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि होशियापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश से जगह-जगह भूस्खलन से एक नेशनल हाईवे व 116 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित है। आज सुबह 10:00 बजे तक राज्य में 21 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप रहे। राज्य में 11 जल आपूर्ति योजनाएं गाद आने से प्रभावित चल रही हैं। शिमला, मंडी, कुल्लू व कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा सेवाएं प्रभावित है। लोक निर्माण व अन्य विभाग संबंधित सेवाओं की बहाली के काम में लगे हैं। उधर, कांगड़ा जिले केदेवग्रां में पालमपुर से पंचरुखी व जयसिंहपुर सड़क का कुछ हिस्सा बह गया। साथ ही पानी व मलबा साथ लगते घर के आंगन में घुसा गया। इससे आंगन में खड़ी गुड्डू पुत्र राम लाल की स्कूटी बह गई। साथ ही घर आए मेहमान की स्कूटी भी मलबे के साथ बह गई। भारी बारिश से पालमपुर में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का डंगा गिर गया। प्रदेश के कुछ भागों में आगामी एक सप्ताह तक मौसम खराब रहने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कुछ स्थानों पर 16 से 20 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल के कई भागों में बीती रात से भारी बारिश हो रही है। कांगड़ा में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 155 मिलीमीटर बारिश हुई है। कांगड़ा की कई सड़कें इससे जलमग्न हो गई। नदी-नाले उफान पर है। कांगड़ा के ही धर्मशाला में 150.7 मिलीमीटर, सिरमौर के नाहन में 119.9 मिमी, नयना देवा में 78.2 मिमी और पांवटा साहिब में 48 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौमस विभाग ने कांगड़ा, चंबा, सोलन और सिरमौर जिला में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बारिश के बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है। अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। प्रदेश में आज और कल मानसून एक्टिव रहेगा। मानसून 17 व 18 अगस्त को कमजोर पड़ेगा। इन दो दिनों के दौरान कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में ही हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में नॉर्मल से 25 प्रतिशत कम बारिश हुई है। IMD के अनुसार, 1 जून से 14 अगस्त के बीच प्रदेश में 497.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 373.3 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। प्रदेश में 2 NH-159 सड़कें बंद, सेब ढुलाई में परेशानी प्रदेश में बीते चार दिनों के दौरान हुई बारिश से 2 नेशनल हाईवे सहित 159 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद पड़ी है। शिमला जोन में सबसे ज्यादा 111 सड़कें अवरुद्ध है। इससे सेब ढुलाई में बागवानों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। मंडी जोन में 17, हमीरपुर में 10 और कांगड़ा जोन में 21 सड़कें बंद पड़ी है। शिलाई को जोड़ने वाला हाईवे 24 घंटे से ज्यादा समय से बंद है। किन्नौर को जोड़ने वाला हाईवे भी बंद पड़ा है। हालांकि पिछले कल कुछ देर को बहाल कर दिया गया था, मगर वह रात में दोबारा बंद हो गया है। इससे किन्नौर जिला का राजधानी शिमला से संपर्क कट गया है। किसानों की फसले तबाह प्रदेश में इस मानसून सीजन में भारी बारिश से 1083 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा 470 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। इस बरसात में किसानों-बागवानों की फसलों को भी करोड़ो रुपए की चपत लगी है |
**मनाली के विधायक को भी आया धमकीभरा फ़ोनकॉल स्वतंत्रता दिवस से पहले गगरेट के विधायक राकेश कालिया और सीएम सुक्खू को फ़ोन में धमकी मिली हैं। कल 15 अगस्त है, जहां एक ओर पुरे भारत में स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल के नेताओ को स्वतंत्रता दिवस न मनाने और तिरंगा न फहराने के लिए धमकी भरे फ़ोन कॉल्स आ रहे है। सीएम सुक्खू और गगरेट के विधायक राकेश कालिया को फ़ोन भी अंजान नंबर से आया, जिसमें खालिस्तान नेता गुरविंदर सिंह पन्नू के द्वारा 15 अगस्त को न मानने को लेकर फोन पर धमकियां दी गई और कहा गया कि अगर कल तिरंगा फेहराया तो सीएम सुक्खू को मार देंगे। इसके साथ साथ ये धमकी दी गई कि मौजूद सभी भारतीयों को बम से उड़ा देंगे। और अब एक बार फिर मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ को भी धमकी भरा कॉल आया है, जिसमे ये कहा गया कि वो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मार दें तो मनाली को भी खालिस्तान का हिस्सा बनाया जाएगा। मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस की टीम भी मामले की जांच में जुट गई है। एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है।
**मनाली के विधायक को भी आया धमकीभरा फ़ोनकॉल स्वतंत्रता दिवस से पहले गगरेट के विधायक राकेश कालिया और सीएम सुक्खू को फ़ोन में धमकी मिली हैं। कल 15 अगस्त है, जहां एक ओर पुरे भारत में स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल के नेताओ को स्वतंत्रता दिवस न मनाने और तिरंगा न फहराने के लिए धमकी भरे फ़ोन कॉल्स आ रहे है। सीएम सुक्खू और गगरेट के विधायक राकेश कालिया को फ़ोन भी अंजान नंबर से आया, जिसमें खालिस्तान नेता गुरविंदर सिंह पन्नू के द्वारा 15 अगस्त को न मानने को लेकर फोन पर धमकियां दी गई और कहा गया कि अगर कल तिरंगा फेहराया तो सीएम सुक्खू को मार देंगे। इसके साथ साथ ये धमकी दी गई कि मौजूद सभी भारतीयों को बम से उड़ा देंगे। और अब एक बार फिर मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ को भी धमकी भरा कॉल आया है, जिसमे ये कहा गया कि वो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मार दें तो मनाली को भी खालिस्तान का हिस्सा बनाया जाएगा। मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस की टीम भी मामले की जांच में जुट गई है। एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है।
शिमला जिले के समेज में आपदा के 14वें दिन आज भी सर्च ऑपरेशन जारी है। अब तक त्रासदी के बाद 16 शव बरामद हो चुके हैं, जिनमें से 7 शवों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से एक शव चार साल के आद्विक का है, जो अपनी मां कल्पना और अपनी बहन के साथ बाढ़ में बहने के बाद लापता हो गया था वहीं, बाकी बचे लापता लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन आज भी जारी हैं। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को समेज की पहाड़ियों पर बादल फटने के कारण आई बाढ़ में पूरा गांव बह गया, जिसमें 36 लोग बाढ़ में बहकर लापता हो गए, जिनमें से 7 लोगों के शव रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिए हैं, जबकि 29 लोगों की खोज अभी भी जारी है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी कुछ दिनों के लिए मौसम खराब रहने वाला है। मौसम विभाग ने आगामी 6 दिनों के लिए प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। 14 अगस्त से 20 अगस्त तक प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा मौसम विभाग ने 15 अगस्त के दिन प्रदेश में फ्लैश फ्लड को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। खासकर सिरमौर जिले में आगामी कल बाढ़ आने का खतरा बना रहेगा। वहीं, मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेशभर में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। आज भी हिमाचल के विभिन्न जगहों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में हिमाचल प्रदेश में अब 100 आबादी वाले गांव सड़क सुविधा से जुड़ेंगे। चरण 1, 2 और 3 में हिमाचल में अधिकांश ढाई सौ से एक हजार की आबादी वाले गांव सड़क से जुड़ गए हैं। अब चरण-4 में छोटे गांव में सड़कें पहुंचाई जानी हैं। इससे हिमाचल में ढाई सौ के करीब गांव को फायदा होगा। प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को सड़कों के प्रोजेक्ट को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का मानना है कि चरण-4 में सड़कों की लंबाई 900 किलोमीटर के करीब है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। जिन ठेकेदारों को सड़कें बनाने के काम आवंटित किए गए हैं। उन्हें पांच साल तक सड़कों की रिपेयर करनी होगी। वह स्वयं सड़कों का निरीक्षण कर रहे हैं। चंबा दौरे के बाद अब मंडी में सड़कों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसमें जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर मौके पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा लोगों से भी सड़कों के बारे में बात की जाएगी। दौरे के बाद सचिवालय में अधिकारियों के साथ रिव्यू बैठक होनी है। इसमें अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। सड़कों, पुलों और भवनों के निर्माण कार्यों में कोताही बरतने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी। समय समय पर विभाग की ओर से कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। तीन बार नोटिस जारी होने के बाद इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विंग को मजबूत किया गया है। विंग को जगह-जगह पर चल रहे निर्माण कार्यों की निरंतर गुणवत्ता जांचने के लिए नमूने लेने के निर्देश दिए गए हैं ताकि गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जा सके।
हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों के आठ-आठ स्कूलों में रीडिंग रूम बनेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की बजट घोषणा पढ़ो हिमाचल अभियान लागू करने में शिक्षा विभाग जुट गया है। स्थानीय युवा इन रीडिंग रूम का प्रयोग कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। बुर्जुर्गों सहित अन्य लोगों को पढ़ने के लिए यहां समाचार पत्र व अन्य पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी। अभियान को सफलतापूर्वक चलाने और जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ सदस्यों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों की एक समिति भी बनाई जाएगी। प्रदेश में पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में पढ़ो हिमाचल नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ करने का ऐलान किया है। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को जोड़ा जाना है। अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विशेष रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे। इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों को चलाने में आम जन की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जाएगा। मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को योजना को लागू करने के पत्र जारी किए हैं। शिक्षा निदेशालय ने बताया कि प्रदेश के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में आठ-आठ स्कूलों का चयन किया जाना है। ऐसे स्कूलों को चयनित करने को कहा गया है जहां पहले से ही वाचनालय की सुविधा है। स्कूल प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि चयनित स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दें कि वे छात्रों, स्थानीय ग्रामीणों और ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं के लिए पठन-पाठन की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक स्कूल पुस्तकालय के संचालन की देखरेख करने तथा आम जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ सदस्यों तथा स्थानीय समुदाय के सदस्यों की एक समिति बनाए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से हिमाचल नौ राज्यों में एनएसयूआई के राज्य अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मंजूरी के बाद इनकी नियुक्ति की गई है। अभिनंदन ठाकुर को हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जानकारी दी गई।
शिमला: भारतीय सेना की अग्निवीर योजना की लिखित परीक्षा पास करने वाले युवाओं को शिमला भर्ती कार्यालय की ओर से फिजिकल टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर जिलों के युवा www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। फिजिकल टेस्ट प्रिथी मिलिट्री स्टेशन, अवेरीपट्टी, रामपुर बुशहर में 3 सितम्बर से 9 सितम्बर 2024 के बीच होंगे। युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए 1600 मीटर की दौड़ पूरी करनी होगी। कम से कम छह और अधिकतम 10 चिनअप, 9 फीट गड्डे को पार करने के साथ जिग जैग बैलेंस दिखाना होगा। सेना भर्ती कार्यालय शिमला की भर्ती निदेशक कर्नल पुष्विंदर कौर ने बताया कि, 'उम्मीदवार अपने साथ दसवीं एवं बारहवीं पास की मार्कशीट, मूल निवास स्थाई प्रमाणपत्र (Bonafide / Himachali Cert), डोगरा/ माइनॉरिटी प्रमाणपत्र (Dogra Class/ Minority Cert.), जाति प्रमाणपत्र (Caste Cert.), चरित्र प्रमाणपत्र (Character Cert.) केवल नायब तहसीलदार/ तहसीलदार कार्यालय से क्यूआर कोड के साथ ऑनलाइन जारी किया हुआ ही मान्य होगा। उम्मीदवारों को ऐफिडेविट (भर्ती नोटिफिकेशन के अनुसार), 20 रंगीन पासपोर्ट साइज़ फोटो, जिसका बैकग्राउंड नेवी ब्लू हो और अविवाहित होने का प्रमाणपत्र लाना होगा, जिन उम्मीदवारों के पास टेक्निकल शिक्षा प्रमाणपत्र (NIELIT/ITI), एनसीसी और वैध खेल कूद प्रमाणपत्र हो तो उसे अपने साथ जरुर लेकर आएं। उम्मीदवारों के पिताजी सेवानिवृत या सेवारत हैं उन्हें उम्मीदवार ‘रिलेशनशिप सर्टिफिकेट’ एवं साथ में 'डिस्चार्ज बुक' की कॉपी लेकर भर्ती के लिए आना होगा। भर्ती निदेशक कर्नल पुष्विंदर कौर ने युवाओं से आह्वान किया है कि एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई भी दिक्कत होने से भर्ती कार्यालय शिमला में संपर्क करें। भर्ती कार्यालय शिमला ऐसे में हरसंभव मदद करेगा। साथ ही उन्होंने अभ्यर्थियों को दलालों से भी सावधान रहने की सलाह दी है। बता दें कि शिमला भर्ती कार्यालय की ओर से शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के युवाओं की ऑनलाइन लिखित परीक्षा विभिन्न केंद्रों पर 22 अप्रैल को आयोजित की गई थी।
** मुकेश अग्निहोत्री ने साझा की जानकारी लंबे अरसे से लंबित पड़ी फ़ीना सिंह सिंचाई योजना को केंद्र सरकार ने मंज़ूरी दी। क़रीब 300 करोड़ राज्य कोष से खर्च करने के बाद एक दशक से लटकी थी यह परियोजना। अब बाक़ी राशी केन्द्र उपलब्ध करबायगा। यह राशी भी क़रीब 300 करोड़ के आसपास रहेगी। यह योजना कांगडा ज़िले के लिए वरदान रहेगी। हिमाचल में सरकार बनने के बाद से इसे लगातार हम केन्द्र से उठा रहे थे। इस मंज़ूरी के लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल का आभार एवं राज्य के जल शक्ति विभाग ब सहयोगी अफ़सरों को बधाई। याद रहे यह हिमाचल के पानी विभाग का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिस के लिए लम्बा संघर्ष हुआ।
हिमाचल में सुक्खू सरकार ने बड़ा फेरबदल करते हुए 27 तहसीलदारों का तबादला किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। सरकार की तरफ से जारी आदेशों के मुताबिक नीलम कुमारी को चंबा से बदलकर टेंपल ऑफिसर ब्रजेश्वरी जिला कांगड़ा लगाया गया है। नीलक्ष शर्मा तहसील ऑफिस ननखडी से ट्रांसफर करके अब तहसीदाद रिकवरी डीसी ऑफिस सिरमौर का जिम्मा देखेंगे। अपूर्व शर्मा तहसील कांगड़ा भेजा गया है। बालकृष्ण को तहसील ऑफिस की जिम्मेवारी सौंपी गई हैं। डॉ आशीष शर्मा को तहसील ऑफिस भोरंज जिला हमीरपुर का दायित्व सौंपा गया है। रजत सेठी को तहसील थुनाग जिला मंडी में तहसीलदार लगाया गया है। संजीव गुप्ता को तहसील ऑफिस शिमला रूरल का जिम्मा देखेंगे। ऋषभ शर्मा को तहसील ऑफिस पांवटा साहिब में अपनी नई जिम्मेवारी संभालेंगे। वहीं, सुनील चौहान को हिमुडा शिमला में तहसीलदार लगाया गया है। परीक्षित कुमार को तहसील रामपुर जिला शिमला में अपना कार्यभार संभालेंगे। इसके अतिरिक्त हीरालाल घेजटा को तहसीलदार तहसील अर्बन होंगे। विक्रम जीत सिंह तहसील थुरल जिला कांगड़ा में अपना नया पदभार संभालेंगे। सुमेध शर्मा टीसीपी शिमला एक्स कैडर पोस्ट लगाया गया है। वहीं, जय सिंह की ट्रांसफर तहसील डडाहु जिला सिरमौर के लिए की गई है। इसी तरह से कुलताज को बदल कर तहसील नगरोटा सुरियां जिला कांगड़ा भेजा गया है। शिखा कुमारी की तहसील घनारी जिला ऊना में तहसीलदार का जिम्मा सौंपा गया है। अजय कुमार की ट्रांसफर तहसील ज्वाली जिला कांगड़ा के लिए की गई है। विनोद कुमार को तहसील होली जिला में तहसीलदार लगाया गया है। नितेश ठाकुर की तहसील भुंतर जिला कुल्लू के लिए ट्रांसफर की गई है। वहीं, प्रवीण कुमार को तहसील धर्मशाला जिला कांगड़ा के लिए भेजा गया है। इसके अतिरिक्त गिरि राज को स्टैंप सेल हिमाचल प्रदेश सचिवालय में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभिषेक चौहान अब तहसील कुपवी जिला शिमला में नई जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं, राजीव रांटा को एससी/एसटी कॉर्पोरेशन सोलन भेजा गया है। इसके अलावा मनोहर लाल को टेंपल ऑफिसर ज्वाला जी लगाया गया है। राहुल कुमार की ट्रांसफर तहसील ज्वालामुखी जिला कांगड़ा के लिए की गई है। कैलाश कौंडल की बदली सेटलमेंट अर्की जिला सोलन के लिए की गई है। इसी तरह से वरुण गुलाटी की ट्रांसफर तहसील करसोग जिला मंडी के लिए की गई है।
बागवानों की फसल का पैसा न चुकाने के बाद बाहरी राज्यों की मंडियों में पलायन करने वाले डिफाल्टर आढ़तियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने कृषि उपज विपणन बोर्ड को ऐसे आढ़तियों के खिलाफ हुई शिकायतों का रिकाॅर्ड खंगालने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश की मंडियों में काम करने वाले कुछ डिफाल्टर आढ़तियों ने लाइसेंस का नवीनीकरण न होने के बाद हरियाणा की मंडियों में काम शुरू कर दिया है। सरकार ने बागवानों से भी पंजीकृत आढ़तियों को ही फसल देने का आग्रह किया है। बागवानों से ठगी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। अब तक एसआईटी कुल 3,451 में से 3,076 शिकायतों का निपटारा कर चुकी है और बागवानों को करोड़ों रुपये की पेमेंट भी करवाई गई है। बाहरी राज्यों में पलायन करने वाले डिफाल्टर आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा भी एसआईटी को सौंपने की तैयारी है। राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि बागवानों से आग्रह है कि अपनी फसल मंडियों में पंजीकृत आढ़तियों को ही बेचें ताकि फसल का पैसा न देने वाले आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने लोगों से आह्वान किया है कि वे प्रदेश भर में ठप पड़ी या खराब हालत की सडक़ों के बारे में जानकारी भेजें। विक्रमादित्य सिंह के इस आह्वान के बाद सडक़ों को लेकर सवाल उठाने वालों ने कुछ ही समय में हज़ारो कमेंट कर दिए, जिसमे लोगो ने अपने क्षेत्र की सड़को की जानकारी दे दी। अब पीडब्ल्यूडी मंत्री इस जानकारी के बाद आगामी कौन सा कदम उठाएंगे या सबसे पहले किस सडक़ का मुआयना करने जाएंगे, इस पर सभी प्रदेशवासियों की नजरें टिकी हुई हैं। विक्रमादित्य सिंह ने पिछले साल सडक़ ठप होने की जानकारी दूरभाष पर देने की सलाह दी थी। इसके लिए विभाग ने एक नंबर भी जारी किया था और इस नंबर पर रोजाना अनेक फोन विभाग के पास आ रहे थे। अब यह दूसरी बार है, जब मंत्री लोगों के साथ संपर्क साधकर प्रदेश की खराब सडक़ों को सुधारने का प्रयास कर रहे है और इसको लेकर अब लोगो में काफी उत्सुकता देखी जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बैचवाइज आधार पर नियुक्त जेबीटी शिक्षकों के स्कूलों में फिर से विद्यार्थियों की संख्या जांची जाएगी। 1,100 शिक्षकों की नियुक्तियाें के एक साथ आदेश होने के चलते कुछ कमियां रह जाने की प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को शिकायतें मिली हैं। बताया जा रहा है कि कुछ ऐसे स्कूलों में भी शिक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं जिन्हें बंद या मर्ज किया जाना है। ऐसे में निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से दोबारा से नियुक्तियों को जांचने के लिए कहा है।शिक्षा निदेशालय से जिला उपनिदेशकों को जारी पत्र में कहा गया है कि प्रतिनियुक्तियों के सहारे चल रहे स्कूलों को नियुक्तियों में पहली प्राथमिकता दी जाए। देखा जाए कि इन स्कूलों में पांच से अधिक विद्यार्थी होने चाहिए। इसके अलावा सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे 20 से अधिक विद्यार्थियाें की संख्या और बहुत अधिक नामांकन वाले स्कूलों में ही जेबीटी शिक्षकों को नियुक्त किया जाए। राज्य सरकार ने बीते दिनों ही विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 108 और पांच व पांच कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 451 स्कूलों को दो से तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित स्कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 1,100 शिक्षकों की नियुक्तियों के एकसाथ आदेश जारी होने से कुछ कमियां सामने आई हैं। इन कमियों को ठीक करने के लिए जिला अधिकारियों से दोबारा से नवनियुक्त शिक्षकों वाले स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को जांचने को कहा गया है।
हिमाचल प्रदेश में स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी महाविद्यालयों में भी शिक्षकों के युक्तिकरण की तैयारी हो गई है। जिन महाविद्यालयों में सरप्लस शिक्षक हैं, वहां से उन्हें अन्यत्र महाविद्यालयों में भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदेश के सभी महाविद्यालयों से इस बारे में डाटा मांगा है। युक्तिकरण को लेकर कॉलेज प्रधानाचार्यों से मांगी जानकारी के बाद कॉलेज शिक्षकों में हड़कंप है क्योंकि व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर सत्ता में आई प्रदेश कांग्रेस सरकार कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों की युक्तिकरण को लेकर पहले ही आगे बढ़ चुकी है। अब इस कड़ी में सरकारी महाविद्यालयों की बारी है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर उच्चतर शिक्षा विभाग ने सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के माध्यम से जानकारी एकत्रित कर प्रदेश सरकार को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। महाविद्यालयों में माइनर में तो विद्यार्थियों की संख्या सही होती है लेकिन मेजर विषय में बहुत कम विद्यार्थी हैं, जबकि मेजर विषयों के शिक्षकों की संख्या अधिक है। दरअसल प्रदेश में कई ऐसे महाविद्यालय हैं, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या नाममात्र है, लेकिन संबंधित विषय के शिक्षकों की संख्या अधिक है। विद्यार्थियों की कम संख्या के बावजूद कई शिक्षक सालों से गृह जिले में डटे हुए हैं जबकि कुछ ऐसे महाविद्यालय भी हैं, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, लेकिन वहां शिक्षकों की कमी है। जिन महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी है वहां पर विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं सरकार के खजाने पर भी अतिरिक्त भार पड़ रहा है। बीए प्रथम वर्ष, बीए द्वितीय वर्ष, बीए तृतीय वर्ष, बीएससी प्रथम वर्ष, बीएससी द्वितीय वर्ष, बीएससी तृतीय वर्ष, बीकॉम प्रथम वर्ष, बीकॉम द्वितीय वर्ष, बीकॉम तृतीय वर्ष, एमए, एमकॉम और एमएससी में विद्यार्थियों की दाखिला संख्या, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या, शिक्षकों पर कार्यभार कितना इसकी स्वीकृत परफार्मा पर जानकारी मांगी गई है। नियमानुसार 40 विद्यार्थियों की कक्षा पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है, लेकिन कई जगह 4 से 5 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। खास बात यह है कि विद्यार्थियों की संख्या का संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष बारीकी से अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि गलत आंकड़े की गुंजाइश बिलकुल न रहे। प्रदेश सरकार के आदेश पर शिक्षकों के युक्तिकरण को लेकर प्रदेश के महाविद्यालयों से जानकारी जुटाई जा रही है ताकि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या और शिक्षकों की संख्या की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला और अटल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाना (एआईएमएसएस) चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 नए पदों का सृजन कर भरने की मंजूरी दी है। इस पहल से जरूरतमंद लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित होंगी। इन पदों में सामान्य चिकित्सा में 10 पद, बाल रोग में तीन, आर्थोपेडिक्स, आपातकालीन चिकित्सा और नेत्र विज्ञान में दो-दो पद और त्वचा विज्ञान और ईएनटी में एक-एक पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में इस स्टाफ की तैनाती से लोग विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं से लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाना को यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में एक-एक नए पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ देखभाल में विस्तार इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रोगियों को विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने को प्राथमिकता दे रही है। आईजीएमसी शिमला के अलावा, सरकार डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में भी विभिन्न श्रेणियों के 462 पदों को भर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा पर्याप्त पैरामेडिकल और अन्य सहायक कर्मचारियों को भरने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन पदों में 400 स्टाफ नर्स, 43 ऑपरेशन थियेटर सहायक, 11 नर्सिंग ऑर्डरली-सह-ड्रेसर, दो आहार विशेषज्ञ, एक फिजियोथेरेपिस्ट और चार डेटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। बीते दिन ऊना और सिरमौर जिले में बारिश ने कहर बरसाया है। वहीं, मौसम विभाग ने एक बार फिर से चंबा, किन्नौर, मंडी, सिरमौर और शिमला जिले में फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की आशंका को देखते लोगों से एहतियात बरतने की सलाह दी है। मौसम वैज्ञानिक संदीप ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकतर हिस्सों में बारिश हुई है। अलगे चार दिनों तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा और कई हिस्सों में तेज बारिश होने की भी संभावना है। खासकर कुल्लू, बिलासपुर, शिमला, मंडी और कांगड़ा में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक संदीप के अनुसार इस दौरान प्रदेश में नदी-नाले उफान पर रह सकते हैं। लोगों को नदी-दलों से दूर रहने की सलाह दी गई है। फ्लैश फ्लड को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। चंबा, किन्नौर, मंडी, सिरमौर और शिमला जिले में फ्लैश फ्लड को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। अगले चार दिनों तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। हालांकि इस दौरान भारी बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी। पहले जहां बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। वहीं, अब चार दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया।
** ट्रैफिक वन वे होने से बढ़ी परेशानी हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-मनाली फोरलेन हाईवे की दशा सुधरने के बजाय और खस्ता होती जा रही है। शनिवार की रात से हो रही बारिश के कारण हाईवे पर कैंची मोड़ से ऊपर यह रोड एक बार फिर धंसना शुरू हो गया है, जिसके बाद यहां से अब ट्रैफिक को भी एकतरफा भेजा जा रहा है। मंडी जिला के पंडोह के कैंची मोड़ से लेकर दयोड़ तक यह हालात है। करीब ढेड़ किलोमीटर के इस पैच में सड़क जगह-जगह से धंस गई है, जिसका एक कारण फोरलेन निर्माणाधीन कंपनी के द्वारा सही से निकासी नालियां न बना पाना भी माना जा रहा है। कैंचीमोड़ से डयोड़ तक बने इस पैच में बीते शनिवार रात को जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ, जिस कारण भी यह हाईवे जगह-जगह से खराब हो गया है। हालांकि फोरलेन निर्माणाधीन कंपनी द्वारा मशीन लगाकर मलबे को हटाया जा रहा है, लेकिन हाईवे की मेंटेनेंस सही से नहीं हो पा रही है। कैंची मोड़ की पहाड़ी से बरसात का सारा पानी हाईवे पर बहता है, जिससे कुछ महीने पहले 40 करोड़ की लागत से लगाए गए डंगे के साथ सड़क को भी खतरा पैदा हो गया है। हाईवे पर पानी बहने के कारण इस डंगे के साथ सड़क में भी जगह जगह दरारें पड़ना भी शुरू हो गई है। बता दें कि पिछली बरसात के दौरान भी कैंची मोड़ से लेकर दयोड़ तक यह फोरलेन जगह-जगह से कई फीट तक धंस गया था, जिसके बाद निर्माणाधीन कंपनी द्वारा इस फोरलेन को दुरूस्त करने के लिए मात्र लीपापोती ही गई है। अब इस बरसात में भी यह हाईवे एक बार फिर से धंसना शुरू हो गया है। यहां से अब एकतरफा ट्रैफिक ही गुजर रहा है, जिससे हाईवे पर जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 50 लाख सेब के डिब्बे की मांग बढ़ी है। पहले टेलीस्कोपिक डिब्बे तैयार होते थे, लेकिन इस बार यूनिवर्सल डिब्बे बनाए जा रहे हैं। वहीं, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पांच रुपये डिब्बे के दाम भी सस्ते हुए हैं। प्रदेश में 250 के करीब गत्ता उद्योग हैं। इसमें 100 से अधिक उद्योग सेब के डिब्बे ही तैयार करते हैं। पहले टेलीस्कोपिक डिब्बे बनते थे जिसमें 28 से 30 किलो तक सेब आ जाता था, लेकिन इस बार यूनिवर्सल डिब्बे ही बागवानों को भेजे जा रहे हैं। इस डिब्बे में 20 किलो ही सेब आता है। ऐसे पिछले वर्ष जहां पर ढाई करोड़ सेब के डिब्बे लगे थे वहीं, इस बार यह पचास लाख बढ़ कर तीन करोड़ तक पहुंच गए हैं। जिन उद्यमियों के पास पुराने टेलीस्कोपिक डिब्बे पड़े हुए थे, उन्होंने यह डिब्बे नाशपाती और आडू आदि के लिए सप्लाई कर दिए हैं। सेब के लिए सभी उत्पादकों ने नए सिरे से डिब्बे तैयार कर अच्छी गुणवत्ता के सप्लाई किए जा रहे हैं, जिसमें एक माह तक सेब खराब नहीं होगा। यही नहीं यूनिवर्सल डिब्बे के दाम भी पांच रुपये कम हैं। जीएसटी कम होने से सेब के डिब्बे के दाम भी कम हुए है और सेब उत्पादकों को 60 रुपये तक डिब्बे पहुंच रहा है। गत्ता उद्योग संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश सरदाना ने बताया कि इस बार प्रदेश से तीन करोड़ तक गत्ते के डिब्बे तैयार होगे। कालाअंब, बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में गत्ता संचालक सेब के डिब्बे तैयार करते हैं। गत्ता उद्योग संघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष मुकेश जैन, वर्तमान अध्यक्ष आदित्य सूद ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार पांच रुपये की सेब के डिब्बे सस्ते हुए हैं। जीएसटी कम होने से रेट में कमी आई है। वहीं अब एक डिब्बे में 20 किलो सेब आने से डिब्बे की संख्या बढ़ गई है। गत्ता संचालकों को काम मिला है वहीं सेब उत्पादकों को भी कम दाम में डिब्बे मिल रहे है। वहीं यूनिवर्सल डिब्बे में सेब खराब होने का खतरा भी कम हो गया है।
सिरमौर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर हंसराज की अदालत ने आरोपी सुनील कुमार पुत्र बाबूराम निवासी मोतीपुर, जिला लखीमपुर (उत्तर प्रदेश) को पत्नी की मौत के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषी को 5 साल की साधारण कैद और 20,000 रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 4 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने दोषी को आईपीसी की धारा 201 के तहत 1 साल की साधारण कैद व 5,000 रुपये का जुर्माना और आईपीसी की धारा 498 के तहत भी 1 साल की साधारण कैद व 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अदालत में मामले की पैरवी जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने की। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी चंबा सुरील ने देते हुए बताया कि आरोपी सुनील कुमार अपनी पत्नी के साथ जिला सिरमौर के पुरुवाला में किराए का कमरा लेकर रहता था। 4 मार्च 2021 को पुलिस को सूचना मिली कि सुनील कुमार ने अपनी पत्नी के साथ कुछ गलत किया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके कमरे का दरवाजा खुलवाया। कमरे में एक लोहे का बक्सा मिला, जिसमें उसकी पत्नी का शव था। पुलिस जांच में पता चला कि सुनील कुमार अपनी पत्नी पर शक करता था और अकसर उसके साथ लड़ता था। 2 मार्च 2021 को सुनील कुमार ने अपनी पत्नी के साथ लड़ाई की और उसकी पत्नी ने अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आरोपी ने शव को लोहे के बक्से में छिपा दिया था। इस मामले में अदालत ने 27 गवाहों और तमाम साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराते हुए अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया और दोषी पति को उपरोक्त सजा सुनाई।
पंजाब के जेजो खड्ड में आई बाढ़ में बारातियों की गाड़ी बह गई है। ये बाराती हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हैं। जिला ऊना के देहला गांव के लोग इनोवा गाड़ी से पंजाब के होशियारपुर जिले के महालपुर में शादी के लिए जा रहे थे। पंजाब की जेजो खड्ड में पानी के तेज बहाव से गाड़ी समेत 10 लोग बह गए। अभी तक 9 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, एक शख्स अभी लापता है, जिसकी तलाश की जा रही है। वहीं, हादसे के वक्त एक युवक किसी तरह बचकर पानी से बाहर निकल आया था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस का कहना है कि लापता लोगों की तलाश जारी है। पुलिस ने 9 लाशें बरामद कर ली हैं। ये लोग हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। हिमाचल के जिले ऊना के देहला से ये लोग गाड़ी में सवार होकर पंजाब के नवांशहर आ रहे थे। इस दौरान खड्ड पार करते हुए यह हादसा हुआ।
हिमाचल प्रदेश में नशे का खात्मा करने के इरादे से प्रदेश की सुक्खू सरकार जिला सिरमौर में राज्य स्तरीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र खोलेगी। रविवार को प्रदेश सरकार ने यह नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया है। ये केंद्र सिरमौर जिला के पच्छाद उपमंडल के कोटला बड़ोग में स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र के स्थापित होने से मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों की सहायता की जाएगी और उन्हें नशीली दवाओं पर अपनी निर्भरता से उबरने और आत्मनिर्भरता के साथ समाज में फिर से एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को नशे से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि, 'राज्य सरकार ने युवाओं को मादक पदार्थों के खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इसका उद्देश्य उन्हें नशे की लत से बचाना है। इसी के चलते कोटला बड़ोग में सरकार राज्य स्तरीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र को स्थापित करेगी। आज के दौर में युवाओं को नशे से दूर रखना सबसे बड़ी चुनौती है। समाज को भी नशे की लत से जूझ रहे लोगों का मनोबल बढ़ाना चाहिए, ताकि वो दृढ़ इच्छाशक्ति से मादक पदार्थों का सेवन छोड़ सकें। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सिंथेटिक मादक पदार्थों के सेवन को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। नशा मुक्ति केंद्र का उद्देश्य एक ही परिसर में सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करके इसेे संकट से उत्पन्न गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य मुद्दों से निपटना है। नशा मुक्ति केंद्र में कमरे, शौचालय, भोजन की व्यवस्था, मनोरंजन स्थल, पुस्तकालय, व्यायामशाला, खेल, ध्यान और योग की सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त केंद्र में कौशल विकास व व्यावसायिक प्रशिक्षण और इन-हाउस उपचार, भोजन, कपड़े और लॉन्डरी जैसी अनिवार्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस समग्र दृष्टिकोण का उद्देश्य नशे की लत से जूझ लहे लोगों के लिए महत्वपूर्ण सहायता और पुनर्वास सेवाओं का मानकीकरण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे से जूझ रहे पुरुष और महिलाओं के लिए इस केंद्र में 100 बिस्तरों की सुविधा होगी। इस केंद्र का उद्देश्य राज्य के युवाओं को नशे से दूर रखना और समाज में सकारात्मक योगदान सुनिश्चित करना हैं। नशा मुक्ति केंद्र के लिए चयनित स्थल 157 बीघा और 07 बिस्वां में फैला हुआ है। यहां मौजूदा इमारतों को मामूली मरम्मत के साथ फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की योजना भी तैयार की गई है। लोक निर्माण विभाग को कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने और ऐसे लोगों को मुख्यधारा में लाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, राज्य सरकार आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराएगी। इसके अतिरिक्त केंद्र में नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों की उचित देखभाल के लिए पर्याप्त स्टाफ भी सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि सिरमौर जिला तीन राज्यों के साथ सटा है। 225 किलोमीटर में से 223 किलोमीटर की सीमा हरियाणा और उत्तराखंड को छूती है, जबकि दो किलोमीटर का एरिया यूपी के साथ भी लगता है। ऐसे में यहां राज्य स्तरीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करना सरकार का सराहनीय प्रयास है। इससे काफी हद तक नशे की लत में जा चुके लोगों को लाभ मिल सकेगा।
**समेज क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति हुई बहाल समेज त्रासदी में लापता लोगों को परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है।अभी तक पहचान न हुए शवों में से दो शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है। इनमें संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर उम्र 54 वर्ष की पहचान इनके पुत्र राजेश कुमार के डीएनए से हुई है। इसके साथ ही रूप सिंह सुपुत्र सुखराम डाकघर सरपारा तहसील रामपुर उम्र 52 वर्ष की पहचान इनके पुत्र साहिल के डीएनए मिलान करके हुई है। पुलिस ने 37 के करीब डीएनए सैंपल लिए हुए है। इन्ही के आधार पर डीएनए मिलान हो रहा है।उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि कई शव क्षत-विक्षत हालात में मिले है, जिनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन हमने ऐसे लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए है। फिर शवों के डीएनए सैंपल से मिलान करवा रहे है। इनमें से दो शवों के डीएनए मिलान कर लिए गए है। यह दोनों व्यक्ति शिमला जिला के क्षेत्र में रहते थे।पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग बहुत शानदार तरीके से की हुई थी। इसी की वजह से शवों की पहचान हो पाई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सर्च आपरेशन के दौरान मिलने वाले हर शव की पहचान हो। इसी कड़ी में हमने वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया है। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से जांच को प्रभावी बनाया जाता है। डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव मिल पा रहे है। क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव ही नहीं थी। हमने पूरी योजना से डीएनए सैंपल प्रोफाईलिंग की है। इसी तरह अन्य शवों की पहचान करने में लगे है। समेज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। करीब दस दिन बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में लग गए। कई जगह से पाईपें, बिजली के खंबे एवं तारें पूरी तरह गायब हो गई थी। ऐसे में संबधित विभागों ने नई तारें, खंबे और पानी की पाईपें बिछाई है। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि समेज में बिजली और पेयजल की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। दोनों विभागों ने दिन रात मेहनत करके कार्य को तीव्र गति से अंजाम दिया है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी कुछ दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके अलावा मौसम विभाग ने आंधी तुफान को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश भर में 16 अगस्त तक भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। शनिवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और लैंडस्लाइड और बाढ़ के कारण प्रदेशभर में 135 सड़कें बंद रहीं। मौसम विभाग ने आज रविवार को भी चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के अलग-अलग हिस्सों में बारिश के साथ हल्के से मध्यम स्तर की बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। लाहौल-स्पीति, चंबा और सिरमौर जिले में भारी बारिश, लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड के कारण भारी नुकसान हुआ है। हालांकि गनीमत रही की इन घटनाओं में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। लाहौल-स्पीति पुलिस ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ज्यादा सावधानी बरतने और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी है। जिले में तेजी से नदी-नालों में पानी का स्तर बढ़ रहा है। बीते कुछ दिनों में प्रदेश भर में भारी बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार शाम से सबसे ज्यादा 168.3 मिमी बारिश सिरमौर के नाहन में दर्ज की गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, सिरमौर में 42, कुल्लू में 37, मंडी में 29, शिमला में 17, कांगड़ा में पांच, किन्नौर में 4, लाहौल और स्पीति जिले में एक सड़क बंद है। प्रदेशभर में 135 सड़कें बंद हैं, जबकि बारिश के कारण 24 बिजली और 56 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए हिमुडा प्रदेश में पहला ऊर्जा दक्षता आधुनिक व्यवसायिक परिसर बनाएगा। शिमला के विकासनगर में करीब 100 करोड़ की लागत से व्यवसायिक परिसर बनाया जाएगा। इस भवन में ऊर्जा की खपत घटाने के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के सहयोग से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा। नगर नियोजन, आवास और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने दिल्ली में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। धर्माणी ने बताया कि तीन महीने के भीतर भवन का नक्शा तैयार कर इसी साल निर्माण कार्य शुरू करने का लक्ष्य है। अगले दो साल के भीतर आधुनिक व्यवसायिक परिसर बनकर तैयार हो जाएगा। भवन में कार्यालय, रिटेल चेन, मल्टीपर्पज हॉल, बैंक्वेट हॉल, फूड कोर्ट सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भवन की पूरी बिजली सोलर सिस्टम से उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट सरकार के लक्ष्यों के अनुरूप हाई बिल्डिंग रैंकिंग हासिल करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस अवसर पर राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा जिला कांगड़ा के वास्तुकला विभाग और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के बीच तकनीकी ज्ञान साझा करने के लिए भी समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। उन्होंने प्रदेश में हिल आर्किटेक्चर में विशेषज्ञ पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर भी चर्चा की। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली के निदेशक प्रो. वीके पॉल ने एमओयू हस्ताक्षरण कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन किया।इस मौके पर हिमुडा के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक कार्यरत शिक्षकों को अब जनजातीय क्षेत्रों में नियुक्त किया जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का युक्तिकरण करने को लेकर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उच्च और प्रारंभिक शिक्षा के जिला उपनिदेशकों को जारी पत्र में जनजातीय क्षेत्रों में रिक्त पड़े पदों को प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरने के आदेश दिए गए हैं। विद्यार्थियों की अधिक संख्या वाले स्कूलों को शिक्षकों की तैनाती करने में प्राथमिकता देने को कहा गया है। बदले जाने वाले शिक्षकों की हर माह 5 तारीख तक उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को सूचना देना भी अनिवार्य कर दिया गया है। शैक्षणिक दक्षता बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि उच्च और प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक अब स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर जनजातीय जिलों में शिक्षकों की तैनाती की निगरानी करेंगे। प्रत्येक उप निदेशक को छात्र नामांकन संख्या पर विचार करना होगा और प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक विभागाध्यक्ष को स्कूल-वार प्रतिनियुक्तियों का विवरण देते हुए मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। निदेशक पर्याप्त स्टाफिंग सुनिश्चित करने के लिए इन रिपोर्टों की समीक्षा करेंगे। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिला मुख्यालय और उपमंडल मुख्यालयों में स्थित स्कूलों में सरप्लस शिक्षक कार्यरत हैं। एक ही विषय के कई स्कूलों में दो से तीन शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यार्थियों की संख्या कम होने के बावजूद शिक्षकों की कई स्कूलों में आवश्यकता से अधिक नियुक्तियां की गई हैं। इसी कड़ी में अब शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षकों की सभी श्रेणियों जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी, प्रवक्ता स्कूल न्यू का युक्तिकरण करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों को अब जनजातीय क्षेत्रों के ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षकों की भारी कमी है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर इन शिक्षकों को जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में भेजा जाएगा। शिक्षा सचिव ने विभगाीय अधिकारियों से सरप्लस शिक्षकों और कमी से जूझ रहे स्कूलों की सूची तैयार करने के निर्देंश दिए हैं। शिक्षक उपलब्धता, छात्र नामांकन का उपायुक्त भी करेंगे आकलन प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा माहौल बनाने के लिए अब जिला उपायुक्तों का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके तहत उपायुक्त नियमित रूप से शिक्षक उपलब्धता और छात्र नामांकन का आकलन करेंगे और आवश्यक निर्देश प्रदान करेंगे। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय शैक्षिक मांगों के साथ शिक्षण संसाधनों को बेहतर ढंग से संरेखित करना है।
हिमाचल प्रदेश सरकार HRTC को घाटे से उभारने के लिए कई अहम फैसले लेने की तैयारी में है और खबर ये भी है कि महिलाओ को HRTC बसों में मिलने वाली 50 % छूट को घटाकर 25 % किया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश के सरकारी स्कूल के बच्चो के लिए HRTC बसों में फ्री सफर को बंद किया जा सकता है और बच्चो के लिए कम से कम और निर्धारित किराया तय करने पर भी सरकार विचार कर रही है। हाल में ही हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पुलिस कर्मियों को निगम की बसों में निशुल्क सफर बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि इसके बाद पुलिस कर्मियों में रोष भी देखने को मिला है। पुलिस कर्मियों का कहना था कि उन्हें कभी भी फ्री सफर की सुविधा नहीं मिली। दरसल पुलिस कर्मियों को महीने के 250 रुपए देकर HRTC बसों में सफर करने की सुविधा मिलती थी। इससे पहले HRTC निदेशक मंडल की बैठक में निजी स्कूलों के बस पास की दरें दोगुना करने और कार्ड वैधता अवधि दो साल से घटा कर एक साल करने का निर्णय लिया जा चुका है। हालांकि बीते कुछ समय से निगम प्रबंधन द्वारा लिए गए फैसलों से HRTC की आय में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई है। बीते सालों के मुकबले इस साल निगम की आय बढ़ी है और कर्मचारियों को भी वेतन महीने की पहली तारीख को मिला है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि HRTC को घाटे से उभारने के लिए सरकार अभी कई अहम फैसले लेगी। सरकार के इन फैसलों से बेशख लोगो को अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी पड़े लेकिन निगम को घाटे से उभारने के लिए कुछ फैसले लेना तो ज़रूरी है।