विधानसभा शीतकालीन सत्र : पहले दिन वाटर सेस पर खूब तपा तपोवन
-मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम में हुई तीखी बहस
धर्मशाला। कांगड़ा जिले के धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज सुबह 11 बजे शुरू हुआ। यह शीतकालीन सत्र पहले दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के साथ काफी गर्मा गया। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायक विधानसभा परिसर में पोस्टर्स पहने हुए कांग्रेस सरकार की गारंटियों को लागू न करने के विरोध में नारेबाजी करने लगे। हालांकि सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें पोस्टर पहनकर विधानसभा सत्र में जाने नहीं दिया गया।
वहीं, 11 बजे बैठक शुरू हुई तो भाजपा दोपहर तक शांत नजर आई। लेकिन जब सवा दो बजे मुख्यमंत्री सुक्खू ने वाटर सेस पर केंद्र सरकार को कोसा तो इस पर विपक्ष भड़क उठा और सदन में हंगामा शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश के हित बेचने का काम किया। भाजपा सरकार की ओर से एसजेवीएन को दी तीन बिजली परियोजनाओं के समझौते को वर्तमान सरकार को इसी वजह से रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में जहां पर भाजपा की सरकारें हैं, वहां वाटरसेस लिया जा रहा है, जबकि प्रदेश में इसे लागू नहीं होने दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र कोर्ट चला गया है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विपक्ष के अन्य विधायकों ने कहा कि सच यह नहीं है। केंद्र सरकार की सभी राज्यों के लिए वाटरसेस पर एक ही नीति है। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आमने-सामने हो गए और सदन में खूब हंगामा हुआ।