250 करोड़ से डबल लेन होगी छैला-कुमारहट्टी सड़क, मुख्यमंत्री ने दिए DPR बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान लोगों को बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कोटखाई सीएचसी का दर्जा बढ़ाकर उसे नागरिक अस्पताल बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सब-जज कोर्ट, उप-मंडलीय पशु चिकित्सा अस्पताल और अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थान प्रगति नगर में सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने की बात कही। इसके अलावा, आईटीआई प्रगति नगर में डिप्लोमा इन कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और सोलर टेक्नीशियन के नए ट्रेड शुरू करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने खलटू नाले और चमशु नाले पर पुल निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये और टिक्कर बस स्टैंड के लिए तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, 250 करोड़ रुपये की लागत से छैला-ओच्छघाट-कुमारहट्टी सड़क को डबल लेन बनाने की भी घोषणा की और अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए।
सुक्खू ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आई आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बागवानों के सेब और अन्य उत्पादों को सड़ने से बचाया और समय पर मंडी तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान 22 हजार परिवार प्रभावित हुए थे, लेकिन राज्य सरकार ने सभी चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज नहीं मिला और पीडीएनए के 9000 करोड़ रुपये भी जारी नहीं किए गए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया और जुब्बल-कोटखाई की सड़कों के लिए 28 करोड़ रुपये प्रदान किए। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड और राज्य सरकार के फंड से कुल 286 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए हैं और आने वाले समय में और धन व्यय किया जाएगा।
सुक्खू ने राज्य सरकार की ओर से सेब बागवानों के लिए की गई घोषणाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक रूप से डेढ़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है और अब यह 12 रुपये प्रति किलो हो गया है। उन्होंने कहा कि छोटे सेब बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन योजना लागू की गई है और अगले वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन पर वजन भी लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कई कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 3000 शिक्षकों की भर्ती की योजना बनाई है और हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आईजीएमसी शिमला, टांडा और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 85 करोड़ रुपये की लागत से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी और प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।