आपदा से बागवान परेशान, एचपीएमसी केंद्र बंद होने से बागवान सेब फेंकने को मजबूर

रामपुर बुशहर की ननखड़ी तहसील की अड्डू पंचायत में बागवानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि सेब सीजन के चरम पर होने के बावजूद बागवान अपनी मेहनत से उगाए सेब खुले में फेंकने को मजबूर है। सड़क मार्ग बाधित होने और एचपीएमसी का खरीद केंद्र न खुलने के कारण बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। ग्राम पंचायत प्रधान पिंकु खुंद ने बताया, "क्षेत्र में कई दिनों से सड़कें बंद होने के चलते सेब को मंडियों तक पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा हैं। एचपीएमसी का खरीद केंद्र भी समय पर न खुलने से बागवानों को कोई सहारा नहीं मिल पा रहा है। प्राकृतिक आपदा के कारण हालात और भी खराब हो गए है। बागवानों की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं।"
बागवानों ने बताया कि मौसम की मार और प्रशासनिक लापरवाही ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया हैं। कुछ बागवान तो इतने मजबूर हो गए हैं कि अपनी मेहनत की पूरी उपज खुले में फेंक रहे है। स्थानीय बागवान देवराज शिला, गुड्डू राम शिला, रमेश चंद जतराल, अमित जतराल और रमेश ठाकुर भी सड़क और एपीएमसी खरीद केंद्र बंद होने से परेशान है। इन बागवानों ने कहा, "इस बार बागवानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी हैं। क्षेत्र की अधिकांश जनता की आजीविका सेब पर ही निर्भर है, लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया हैं।" बागवानों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि बागवानी ऋण, खासकर केसीसी (कृषि ऋण) की माफी की जाए। ताकि वे आने वाले सीजन के लिए तैयार हो सके। बागवान सरकार से राहत की आस लगाए बैठे है।