भूंडा महायज्ञ के दौरान पशु बलि देने पर हिमाचल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार को भूंडा महायज्ञ के दौरान पशु बलि देने पर नोटिस जारी किया है। यह महायज्ञ 2 से 5 फरवरी तक शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र में आयोजित हुआ था, जहां पशुओं की बलि दी गई। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में एक कानूनी नोटिस पहले ही उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और एसडीएम को भेजा था, जिसमें उन्होंने पशु बलि पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बावजूद, नियमों का पालन किए बिना महायज्ञ के दौरान पशुओं की बलि दी गई, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन था। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार शामिल थे, ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में प्रस्तुत किए गए अपने दस्तावेजों में सोशल मीडिया पर वायरल हुई उन वीडियो का भी उल्लेख किया है, जिनमें खुलेआम पशु बलि दी जा रही थी। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, और हिमाचल सरकार को याचिका में लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए हलफनामा दायर करना होगा। इस याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में पशु बलि की परंपरा सदियों से चली आ रही है, और कुल्लू दशहरा जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में इस प्रथा को कानूनी अनुमति दी गई है, बशर्ते कि कुछ शर्तों का पालन किया जाए। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कुल्लू दशहरा में पशु बलि को लेकर शर्तों के साथ अनुमति दी थी, लेकिन रोहड़ू में इस बार इन शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि वर्तमान समय में पशु बलि को आधुनिक समाज के दृष्टिकोण से गलत माना जाता है और समाज में बदलाव की आवश्यकता है।