आईआईटी रोपड़ और शूलिनी विश्वविद्यालय ने उन्नत शोध और नवाचार के लिए किया समझौता

अत्याधुनिक शोध और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, शूलिनी विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के AWaDH (प्रौद्योगिकी नवाचार हब) ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य अनुवाद संबंधी शोध, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और कौशल विकास में उल्लेखनीय प्रगति सुनिश्चित करना है। एमओयू पर शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. प्रेम कुमार खोसला और आईआईटी रोपड़ के डॉ. पुष्पेंद्र पी. सिंह (डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट व परियोजना निदेशक, iHUB-AWaDH) ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत दोनों संस्थान एक साइबर-फिजिकल सिस्टम (CPS) प्रयोगशाला स्थापित करेंगे, जो उन्नत शोध और अंतःविषय तकनीकी विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगी। इसके अलावा, एमओयू के तहत 15 क्रेडिट का संयुक्त माइनर प्रोग्राम (AI + X) शुरू किया जाएगा, जो ‘लर्निंग बाय प्रैक्टिस’ पद्धति पर आधारित होगा और इसमें छात्रों को शूलिनी विश्वविद्यालय और आईआईटी रोपड़ से संयुक्त प्रमाणन प्राप्त होगा। इस कार्यक्रम में ‘X’ का अर्थ कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों का अंतःविषय एकीकरण है, जिससे छात्रों को विभिन्न उद्योगों में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सहयोग को शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसे नवाचार के पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के साथ-साथ छात्रों को भविष्य के उद्योगों के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। अनुमान है कि यह साझेदारी न केवल शोध क्षमताओं को मजबूत करेगी बल्कि अकादमिक और औद्योगिक संबंधों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।