कसौली: मनरेगा अधिसूचना का विरोध, पंचायत प्रतिनिधियों ने की अधिसूचना रद्द करने की मांग
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कसौली (हेमेंद्र कंवर) - दून विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों, उपप्रधानों, पंचायत सदस्यों और अन्य प्रतिनिधियों ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में 17 मार्च 2025 को हिमाचल प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा से संबंधित जारी अधिसूचना का विरोध किया गया, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक पंचायत में निजी और सार्वजनिक केवल 20 कार्य ही संचालित किए जाएंगे। पंचायत प्रधानों ने इस अधिसूचना को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि बड़ी पंचायतों में 800 से 1000 तक जॉब कार्ड धारक होते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कार्यस्थल पर काम पूरा हो जाता है, लेकिन निर्माण सामग्री और मिस्त्री की भुगतान प्रक्रिया एक साल या उससे अधिक समय तक लंबित रहती है। ऐसे में अधूरे भुगतान के कारण कार्य ऑनलाइन अधूरे दिखते हैं, जिससे नए कार्यों को स्वीकृति नहीं मिल पाती। प्रतिनिधियों ने कहा कि इस अधिसूचना के चलते वे एक वर्ष में केवल आठ से दस परिवारों को ही रोजगार दे पाएंगे, जबकि बाकी जॉब कार्ड धारक बेरोजगार रह जाएंगे। पंचायत प्रतिनिधियों ने दून विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री से मांग की कि इस अधिसूचना को शीघ्र रद्द किया जाए ताकि ग्रामीण जनता को निरंतर रोजगार मिल सके। साथ ही, पंचायत प्रतिनिधियों ने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। बैठक में
बलवंत ठाकुर, प्रधान, ग्राम पंचायत चंडी
रमेश ठाकुर, प्रधान, ग्राम पंचायत दाडवा
सतीश कुमार, प्रधान, ग्राम पंचायत बढ़लग
कैलाश शर्मा, प्रधान, ग्राम पंचायत कुठार
सुरेंद्र कुमार, प्रधान, ग्राम पंचायत घडसी
रंजना, प्रधान, ग्राम पंचायत पट्टा
हेमा देवी, प्रधान, ग्राम पंचायत बुखार केनेता
प्रेमचंद, प्रधान, ग्राम पंचायत ढकरयाना
मदन ठाकुर, प्रधान, ग्राम पंचायत गोयला
खेमचंद, प्रधान, ग्राम पंचायत गांगुडी
हेमंत ठाकुर, उपप्रधान, ग्राम पंचायत जाड़ला
हरिदास, उपप्रधान, ग्राम पंचायत मंडेसर
इसके अलावा, विभिन्न पंचायतों के प्रधान, वार्ड पंच और संगठन के पदाधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे