राज्य सरकार ने कफ्र्यू में सुबह 6 से सायं 8 बजे तक छूट देने का निर्णय लिया है, ताकि आम लोगों को सुविधा मिल सके। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के दृष्टिगत आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर जिला बसें सोमवार से आरम्भ हो जाएंगी, इसलिए बसों में और बस अड्डों पर उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को सभी बस अड्डों पर भीड़ को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध करवाना होगा। उन्होंने कहा कि बसों में 60 प्रतिशत से अधिक यात्री नहीं होने चाहिए और चालक, परिचालकों को स्वास्थ्य विभाग के सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सम्बन्धित प्रभावी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को सामाजिक दूरी के प्रति जागरूक करने के लिए बस अड्डों व अन्य स्थानों पर होर्डिंग लगाने, लोगों को मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के अलावा और उद्घोषणाओं के लिए ध्वनि प्रसार संयत्र की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों में लोगों की आवाजाही के लिए बिना किसी पास के अनुमति होगी, लेकिन अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए पास की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले लोगों को क्वारंटीन में रहना होगा। उन्होंने कहा कि रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा और अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोगों को होम क्वारंटीन में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वारंटीन में रखे गए लोगों को कोविड-19 टैस्ट नेगेटिव आने के बाद ही घर जाने की अनुमति दी जाएगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि 25 अप्रैल से अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 1.60 लाख से अधिक हिमाचलवासी राज्य में वापिस पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 91,000 को होम क्वारंटीन और 7000 से अधिक को संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पाॅजिटिव मरीजों के सम्पर्कों का पता लगाने और स्क्रीनिंग करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि उन लोगों का समय पर उपचार और वायरस को फैलने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन सुविधाओं को मजबूत तथा अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को बड़े पैमाने में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे लोगों को होम क्वारंटीन नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, जे.सी. शर्मा और ओंकार शर्मा तथा मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यकरणी का गठन होने के बाद रविवार को पहली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्य्म से हिमाचल प्रदेश किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश शर्मा बवली की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस बैठक में प्रदेश कार्यकरणी के सभी सदस्यों के साथ सभी जिलों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे। इस दौरान किसान मोर्चा के सदस्यों ने केंद्र की मोदी के सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के सफल एवं गौरवमय कार्यकाल के लिए बधाई दी। भाजपा किसान मोर्चा अध्य्क्ष डॉ राकेश शर्मा बवली ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया है। कहा, यह साल कई नजरिए से अविस्मरणीय व इतिहास के पन्ने में दर्ज होने वाला रहा। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व धारा 35 ए समाप्त किया गया। तीन तलाक बिल पास कराकर महिलाओं को समान अधिकार दिलाया गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। विश्वव्यापी कोरोना के संकट में पीएम नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता, निर्णय व उठाए गए कदमों से भारत विश्व में अनुकरणीय बना। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया है और इसके लिए 20 लाख हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। आत्मनिर्भर भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में हम सब सुदृढ़ संकल्पित हों। इस दौरान डॉ राकेश बवली ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री मंत्री एक बीघा योजना की जानकारी प्रदेश की हर पँचायत व गाँव मे किसान मोर्चा के कार्यकर्ता पहुँचाएंगे। इस दौरान किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी को एक बीघा योजना को पूरे देश मे शुरू करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा हिमाचल की यह योजना अब पूरे देश मे शुरू की जा रही है जो प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है। इस दौरान डॉ राकेश बवली ने सभी जिला अध्यक्षों से कहा कि जिला व मण्डल कार्यकरणी की घोषणा अगले 10 दिनों के अंदर करके प्रदेश कार्यालय में इसकी सूचियाँ भेजी जाए।
कोरोनावायरस के विरुद्ध भारत की इस लड़ाई में देश के हर नागरिक अपना सहयोग दे रहा है। शिमला शहर को बीमारी से बचाये रखने के लिए नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारी भी खूब मेहनत कर रहे है। शिमला के वार्ड नम्बर 14 में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भारतीय जनता युवा मोर्चा शिमला द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में पुलिस कर्मी, स्वास्थ्य कर्मचारि, नगर निगम कर्मचारी निस्वार्थ हो कर प्रदेश की रक्षा के लिए दिन रात सेवा कर रहे हैं इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि हम इनका सम्मान करें और इन्हे पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध कराएँ। भारद्वाज ने कहा कि आज भाजपा युवा मोर्चा ने शिमला नगर निगम में दिन रात काम करने वाले नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की जिन्होंने शहर को साफ रखने में अहम रोल अदा किया है और कोरोना महामारी के दौरान भी अपनी जिंदगी को दांव पर लगा कर शहर वासियों के घरों से कूड़ा उठाया है, इनको उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया है। जब पूरा शहर घर मे था तब यह कर्मचारी दिन रात हमारी सेवा में तत्तपर थे।
राज्य के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में ग्रामीणों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) वरदान साबित हुई है। इस योजना से न केवल क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित हुए है बल्कि लोगों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है। कोविड-19 महामारी ने जहां समस्त विश्व को विवश कर दिया है वहीं हर प्रकार की गतिविधियों पर विराम भी लगा दिया था। कोविड-19 के कारण किन्नौर में विकास कार्यो पर रोक लग गई थी, जिससे समाज के कमजोर वर्गों का भविष्य खतरे में था। निराशा के इस समय में केंद्र सरकार ने गत माह मनरेगा कार्यो को आरंभ करने के निर्णय से मनरेगा अधिनियम के तहत काम करने वाले कई लोगों के जीवन में नई आशा प्रदान की है। लाॅकडाउन के दौरान आर्थिक संकट के कारण अपनी आजीविका गवा चुके तथा अनिश्चितता के बीच झूल रहे लोगों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना की। राज्य सरकारों द्वारा मनरेगा कार्यों को पुनः आरंभ करने के निर्णय ने नौकरी खो चुके और अपने क्षेत्र के विकास में योगदान करने के इच्छुक लोगों को सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस निर्णय ने प्रदेश में विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को सहारा दिया है। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में भौगोलिक विविधताओं के कारण कार्य करने की सीमा तकरीबन पाँच से छह महीने तक रहती है। मनरेगा के तहत कुल 65 में से 61 पंचायतों में विकास कार्य आवंटित किए गए हैं, जहाँ कार्य पूरे जोरों पर चल रहे हैं और लोगों को घरों के समीप रोजगार प्रदान किया जा रहा है। कुल 785 विकास कार्य प्रगति पर हैं, जिनमें कार्य करने वाले 6931 श्रमिक समय पर मजदूरी की राशि के भुगतान के लिए सरकार केे आभारी हैं। ऊॅंचाई वाले क्षेत्रों में कार्यों को पूरा करने के लिए पंचायतों और मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया गया है। कल्पा खंड की 25 पंचायतों में लगभग 328 विकास कार्य किए जा रहे हैं जबकि निचार विकास खंड की 18 पंचायतों में 399 कार्य और पूह विकास खंड की 20 पंचायतों में 58 कार्य किए जा रहे हैं। भौगोलिक विशेषताओं के कारण मनरेगा के तहत जनजातीय क्षेत्रों में मानदेय 248 रुपये प्रतिदिन है जबकि राज्य के शेड्ढ भागों में यह राशि 198 रुपये प्रतिदिन है। जिला किन्नौर ग्रामीण विकास एजेंसी की उप-निदेशक और परियोजना अधिकारी जयवंती नेगी ठाकुर के अनुसार ”हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 678327 कार्य-दिवस का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, जिले को 7918.05 लाख रुपये आवंटित किए गए है। जिले की सभी 65 पंचायतों में मनरेगा विकास कार्य सुनिश्चित करने के उदद्ेश्य से कल्पा खंड के लिए 827.85 लाख रुपये, निचार खंड के लिए 4554.10 लाख रुपये और पूह विकास खंड के लिए 2486.10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत किए गए। वर्तमान में किन्नौर में 19,173 जाॅब कार्ड धारक हैं।“ पूह के एक मजदूर सोनम के शब्दों में ”मैं सरकार का आभारी हूं कि उन्होंने इस योजना के तहत काम शुरू किया है, क्योंकि मुझे मेरे परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा था।“ इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी सरकार का आभार व्यक्त किया है। जिला किन्नौर ग्रामीण विकास एजेंसी की परियोजना अधिकारी के अनुसार मजदूर सामाजिक दूरी के मानदंडों और सरकार के अन्य दिशा-निर्देर्शों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं और हमें चल रहे सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की आशा हैं।
सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र धर्मशाला व इवनिंग कॉलेज शिमला में गैस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत लगभग एक सौ प्राध्यापकों के फरवरी से मई 2020 तक के लंबित वेतन को तुरन्त जारी करने की मांग की है। सीटू ने इनको वेतन न देना शोषण की पराकाष्ठा करार दिया है। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि इन लगभग एक सौ प्राध्यापकों का प्रदेश सरकार द्वारा जमकर शोषण किया जा रहा है। गैस्ट फैकल्टी के अंर्तगत कार्यरत ये अध्यापक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, रीजनल सेंटर धर्मशाला व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सांध्यकालीन केंद्र को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। रीजनल सेंटर धर्मशाला के कुल छप्पन लोगों के शैक्षणिक स्टाफ में से चबालिस गैस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं जबकि केवल दस प्राध्यापक रेगुलर हैं व दो सेवानिवृत हो चुके हैं। इस तरह रीजनल सेंटर धर्मशाला को कई वर्षों से यही गैस्ट फैकल्टी का स्टाफ चला रहा है व अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को संवार रहा है। कमोबेश इसी तरह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व इवनिंग कॉलेज की स्थिति है। इन प्राध्यापकों को बहुत कम वेतन दिया जाता है। यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार इन प्राध्यापकों को प्रति लेक्चर एक हज़ार रुपये मिलने चाहिए परन्तु रीजनल सेंटर धर्मशाला जैसी जगह में इनको केवल पांच सौ रुपये प्रति लेक्चर मिल रहे है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद द्वारा इन्हें एक हज़ार रुपये वेतन देने का निर्णय लिया जा चुका है परन्तु इसके बावजूद इन्हें इस से आधा केवल पांच सौ रुपये प्रति लेक्चर दिया जा रहा है। इसी तरह यूजीसी नियमों के तहत एक महीने का इन्हें अधिकतम वेतन पचास हज़ार रुपये मिलना चाहिए जबकि इन्हें केवल पच्चीस हज़ार रुपये मिल रहा है। यह शोषण की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा है कि इन गैस्ट फैकल्टी प्राध्यापकों की इन तीन केंद्रों में छात्रों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है परन्तु उनके अधिकारों की रक्षा के बजाए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासन व सरकार इनका भारी शोषण कर रहे हैं। इस कोरोना महामारी के समय में ऑनलाइन कक्षाओं को यही प्राध्यापक संचालित कर रहे हैं। इस सबके बावजूद न तो उन्हें यूजीसी नियमों के तहत वेतन मिल रहा है और न ही कोरोना महामारी के इस भयंकर समय में इन्हें फरवरी से लेकर मई तक के वेतन भुगतान किया गया है। यह केंद्र सरकार द्वारा 20 मार्च व 29 मार्च 2020 को जारी की गई अधिसूचनाओं व आदेशों का पूर्ण उल्लंघन है जिसके अनुसार कोरोना काल में सरकारी, अर्ध सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में कार्यरत किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती नहीं की जा सकती है और न ही उसे रोका जा सकता है। इन आदेशों के अनुसार किसी कर्मचारी की छंटनी भी नहीं हो सकती है। किसी भी कर्मचारी के इस समय की अवधि के बर्तन का उसे भुगतान न करना एपिडेमिक एक्ट व डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट का भी उल्लंघन है। उन्होंने प्रदेश सरकार व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप की मांग की है ताकि गैस्ट फैकल्टी में कार्यरत इन प्राध्यापकों की आर्थिक व मानसिक सुरक्षा की जा सके।
भाजपा प्रदेश के मुख्यप्रवक्ता रणधीर शर्मा ने केंद्र सरकार मोदी-2.0 के 1 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कहा कि मोदी सरकार 2.0 का पहला वर्ष बहुत ही प्रभावशाली और चुनौतीपूर्ण रहा है। प्रभावशाली इसलिए कि जनादेश शासन की गति, सरकारी योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, मजबूत बुनियादी ढांचा और दशकों से लटके हुए मुद्दों के समाधान को उच्च प्राथमिकता दी गई। चुनौतीपूर्ण इसलिए कि कोविड-19 और अम्फान चक्रवात ने जो अभूतपूर्व संकट खड़े किए, उससे दुख और विपदा तो आई ही साथ ही भारी नुकसान हुआ। लेकिन आज देश में एक निर्णय लेने वाली उत्तरदाई सरकार है जो देशवासियों के लिए सीकर मंद है साथ ही जिसके पास दृष्टि और दूरदर्शिता है जो इन चुनौतीपूर्ण समय से देश को बाहर निकालने का सामर्थ्य रखती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के सुरक्षा कवच और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के बाद भारत निश्चित ही इस कठिन समय से बाहर आ जाएगा। साथ ही देश ने सहकारी संघवाद के बेहतरीन उदाहरण को क्रियान्वित होते हुए भी दिखा है , लेकिन अब हमें बगैर अचूक प्रत्येक नागरिक को उसके द्वारा इस कठिन स्थिति को समझाने और सर्वोत्तम आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद देना है आने वाले दिनों में यह देश माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए जैसे अनुच्छेद 370 हटाना, नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त, तीन तलाक, करतारपुर गलियारा राष्ट्र को समर्पित, ब्रू-रियांग समझौता और बोडो समझौता। उन्होंने कहा आयुष्मान भारत के तहत एक करोड़ से ज्यादालाभार्थी : भारत ने आयुष्मानभारत योजना के तहत एक करोड़ से ज्यादालोगों को लाभ प्रदान कर इस दिशा में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। अटल पेंशन योजना के 5 वर्ष पूरे : अटल पेंशनयोजनाने 23 करोड़ लोगोंकानाम दर्जकर असाधारणकार्य किया । ' ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट : भारतने 142 वें पायदान से छलांग लगाकर 63 वेंपायदान पर जगह बना ली है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 14.5 करोड़ किसान होंगे लाभान्चित : संशोधित योजना से लग भग 2 करोड़ और किसानों को कवर करने का निर्णय लिया गया है। 10 बैंकों के विलयसे बनेचार बड़े बैंक : सार्वजनिक क्षेत्रके 10 बैंकों का विलयकरचार बड़े बैंक बनानेसे आर्थिक वृद्धि कोगति मिलेग। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 26 मार्च 2020 को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की गई, जिसमें 80 करोड़ गरीबों को कुल 5 महीने तक हर महा 5 किलो गेहूं चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल मुफ्त दी जाएगी और 20 करोड महिला जनधन खाताधारकों को अगले 3 महीने तक हर माह 500 दिए जाएंगे।
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक यूनुस ने बताया कि विभाग द्वारा आयोजित क्लिक एंड अनलाॅक हिमाचल एट इट्स बेस्ट- ‘घर के झरोखे से’ ऑनलाइन फोटो प्रतियोगिता के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस प्रतियोगिता का आयोजन 1 मई से 20 मई, 2020 तक किया गया। प्रतियोगिता में इमेल के माध्यम से 3484 फोटो प्राप्त हुए थे, जिसमें धर्मशाला के अनन्य महाजन ने प्रथम पुरस्कार, धनवाड़ चम्बा के हैरीसन सलवानी ने दूसरा और शाहपुरा दिल्ली के अर्पित कथूरिया ने तीसरा पुरस्कार जीता है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को क्रमशः 10 हजार, आठ हजार और पांच हजार रुपये पुरस्कार के रूप में प्रदान किए गए। चैथे से 10वें पुरस्कार प्राप्त विजेताओं को अढ़ाई-अढ़ाई हजार रुपये जिसमें वरिति शर्मा संजौली शिमला ने चैथा, अभिनव जोशी नादौन ने पांचवा, अभिनन्दन ठाकुर पालमपुर ने छठा, शालीन बिलिंग भटिंडा पंजाब ने सातवां, साहिल सिंह शाहपुर व अरूण कुमार हमीरपुर ने आठवां, सौरव वर्मा हमीरपुर व नीरज ठाकुर मनाली ने नवां और गौरव शर्मा चम्बा व शिवानी रस्तोगी ने दसवां पुरस्कार प्राप्त किया है। 25 प्रतिभागियों को एक-एक हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार व प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अध्यक्ष रजनीश ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को बोर्ड निधि से एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड के लिए एक करोड़ रुपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आदित्य नेगी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष उपलब्धियों भरा रहा है, जिसमें एक मजबूत, जीवंत, ऊर्जावान और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष के दौरान मोदी सरकार ने अयोध्या में एक भव्य श्री राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के अलावा अनुच्छेद 370 को खत्म करने, तीन तलाक को अपराध घोषित करने, आतंकवाद-रोधी कानून, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन तलाक के उन्मूलन ने मुस्लिम महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत प्रदान की है और उनके सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, जिससे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला था, एक ऐतिहासिक निर्णय था, जो भारत में कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के लिए आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को जम्मू कश्मीर डिवीजन और लद्दाख डिवीजन के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया, जिससे पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश मिला कि दिल्ली उसी क्षमता में जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। जय राम ठाकुर ने कहा कि एनडीए सरकार द्वारा अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान लिया गया एक और ऐतिहासिक निर्णय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम था, जो तीन पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) में अल्पसंख्यक वर्गों के धार्मिक उत्पीड़न और विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए इन देशों के गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक दूरदर्शिता और मजबूत नेतृत्व के कारण ही आज देश कोरोना जैसी महामारी के संकट से प्रभावी ढंग से निपट रहा है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया के अधिकांश शक्तिशाली राष्ट्र भी इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए कठिन संघर्ष कर रहे थे, तो प्रधानमंत्री द्वारा समय पर लगाए गए लाॅकडाउन के निर्णय के कारण आज भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की है। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महामारी से देश को बाहर निकालने के लिए तथा समाज के सभी वर्गों के आर्थिक पुनरूत्थान के लिए वर्तमान केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के सबसे बड़े आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और लगभग 80 करोड़ लोगों को अनुदान पर राशन प्रदान किया गया है और संकट की इस घड़ी में जनधन योजना के तहत लगभग 20 करोड़ महिलाओं के खातों में पैसा जमा किया गया है।
युवा कांग्रेस रामपुर ने उपमंडलाधिकारी रामपुर के माध्यम से राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के PPE किट एवं कोरोना संबंधित स्वास्थ्य उपकरणों के ख़रीद मे घोटाले को लेकर सी बी आई जांच करवाने हेतु ज्ञापन पत्र दिया। अभी हाल ही में कुछ दिनों पूर्व हिमाचल प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य विभाग में वैश्विक महामारी कोरोना संबंधित स्वास्थ्य उपकरणों एवं PPE किट खरीद में बहुत बड़ा घोटाला उजागर हुआ है ओर यह घटना देवभूमि हिमाचल प्रदेश को पूरे देश में शर्मसार करने वाली है जिसकी चर्चा पूरे देश मे हुई है। युवा कांग्रेस रामपुर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के इस घोटाले में स्वास्थ्य निदेशक व भाजपा से जुड़े नेता का जो ऑडियो वायरल हुआ जिसमें 5 लाख रुपये की रिश्वत स्वास्थ्य निदेशक को देने की बात हुई है, उससे पूरे प्रदेश भर में सनसनी फैल गई है तथा यह घोटाला प्रदेश की जनता के समक्ष उजागर हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के इस घोटाले के उजागर होने के बाद देश व प्रदेश भर में इसकी खूब चर्चा व सरकार की किरकिरी हुई तथा कोरोना जैसी महामारी में घोटाला उजागर होने से प्रदेश की जनता में सरकार के ऊपर से विश्वास उठ गया है। इस घोटाले को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं पर आरोप लगने शुरू हुए ओर आरोपी स्वास्थ्य निदेशक जो कि 31 मई 2020 को पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे उनके सेवा विस्तार देने के लिए भाजपा नेता द्वारा ही सरकार को पैरवी की जा रही थी। जिससे ऐसा प्रतीत होता कि इस घोटाले के तार भाजपा सरकार से जुड़े हुए है । इस घोटाले के उजागर होने के बाद विपक्ष के दबाव के चलते भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल को भी अपने संगठन के पद से इस्तीफा देना पड़ा है। युवा कांग्रेस रामपुर ने इस ज्ञापन पत्र के माध्यम से राज्यपाल को बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान इस प्रकार के घोटाले की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है तथा प्रदेश सरकार के भीतर फैले भ्रष्टाचार को उजागर करती है और प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करती है। युवा कांग्रेस रामपुर मांग करती है कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय सी बी आई जाँच प्रदेश के किसी भी वर्तमान न्यायाधीश के अधीन हो तथा पूरे मामला मामले की निष्पक्ष जांच हो। हम आपसे मांग करते है कि जनता का सरकार के ऊपर से विश्वास उठ चुका है इसलिए आप अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस घोटाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें । प्रदेश की जनता इस बात से भली भांति परिचित है कि स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य निदेशक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अधीन नही बल्कि प्रदेश सरकार के अधीन काम करता है। अतः भाजपा की तरफ से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है जोकि महज़ मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है। प्रदेश में पिछले कुछ महीने से स्वास्थ्य मंत्री का पद खाली होने के बाद से यह विभाग हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अधीन है इसलिये स्वास्थ्य विभाग में जो कोरोना किट घोटाला महुआ है वह सरकार की जवाबदेही तय करती है तथा सरकार की नाकामी को दर्शाती है और इसलिए युवा कांग्रेस रामपुर नैतिक तौर पर इस घोटाले के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करती है व सी बी आई जांच की मांग करती है। हम आपसे माँग करते है कि प्रदेश सरकार में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आप उचित कदम उठाए तथा अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग कर इस घोटाले की जाँच करने के लिए सख़्त दिशानिर्देश जारी करें क्योंकि सरकार इस घोटाले में संलिप्त अपने भाजपा नेताओं व अधिकारी को बचाने का प्रयास कर रही है। इसलिए युवा कांग्रेस इस घोटाले की किसी वर्तमान न्यायाधीश के अधीन स्वतंत्र सी बी आई जाँच की माँग करती है और नैतिक तौर पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग करती है। प्रदेशसचिव जौनी कायथ, सहसचिव पवन चौहान, उपाध्यक्ष मंडी लोकसभा अंकुर शर्मा, प्रवक्ता राहुल सोनी, महासचिव अशवनी शर्मा, हिमांशु व अन्य मौजूद रहे।
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के एक साल की उपलब्धियों को ऐतिहासिक, अभूतपूर्व और शानदार बताते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत एक बार पुनः विश्व गुरू बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि यह एक वर्ष का कार्यकाल देश की अखंडता, संप्रभुसत्ता, गौरव को बढ़ाने वाले के साथ देश के जनमानस की दशा और दिशा बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि आज 130 करोड़ देशवासी अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अराध्य की तरह पूर्ण श्रद्धा और विश्वास करते हैं और अपनी जान छिड़कते हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का यह एक वर्ष का कार्यकाल देश और दुनिया को नई दिशा देने वाला है। डा. बिन्दल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अभूतपूर्व साहस और दृढ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए देश की आजादी के समय से लंबित जम्मू कश्मीर के मामले को एक झटके में निपटाते हुए धारा 370 और 35 ए को समाप्त कर ‘एक देश एक निशान’ के फार्मूले को लागू कर अखंड भारत की परिकल्पना को साकार किया है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से जम्मू कश्मीर के हमारे भाई गर्व के साथ सिर उठा कर चल रहे हैं और हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य जम्मू कश्मीर और लददाख केन्द्र शासित प्रदेश के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए है। डा. बिन्दल ने कहा कि मुस्लिम समाज की महिलाओं के साथ दशकों से चले आ रहे भेदभाव को समाप्त करते हुए तीन तलाक की कुरीति को अवैध घोषित कर नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को आजादी से जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि पडौसी देशों में धर्म के आधार पर भेदभाव का शिकार भारतवंसियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का जो कानून लाया है वह अपने आप में महान युगांतकारी निर्णय है। उन्होंने कहा कि भगवान राम लला जो राजनीतिक दलों के तुच्छ दृष्टिकोण के कारण दशकों से टेंट में रखे गए थे उनके लिए आयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति तो ऐसी है कि वह अपनी सांप्रदायिक सोच के कारण भगवान राम के अस्तित्व को मानने को तैयार नहीं है, जबकि हम भारतीयों की हर सांस में प्रभु श्री राम बसते हैं। डा. बिन्दल ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा जी के नेतृत्व में सरकार और संगठन स्तर पर जिस प्रकार कोरोना महामारी से निपटपने के लिए अभूतपूर्व पग उठाए गए उसकी प्रशंसा यूएनओ, डब्ल्यूएचओ और अमेरिका जैसे देशों ने की है। उन्होंने कहा कि मोदी अपने शानदार जन हितैषी निर्णयों और दृढ़ इच्छा शक्ति के फलस्वरूप ग्लोबल लीडर के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रभावित देश के 130 करोड लोग जिसमें, श्रमिक वर्ग, किसान, बागवान, गरीब जनता, मध्यम वर्ग, लघु एवं मध्यम उद्योग समूह आदि को राहत प्रदान करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज भारत के इतिहास की सबसे बड़ी राहत राशि पैकेज है। डा. राजीव बिन्दल ने कहा कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में शानदार कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट काल में प्रदेश भाजपा सरकार और भाजपा संगठन ने जिस मुस्तैदी से गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा की है उसकी देश और प्रदेश में भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में हिमाचल का कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में भूख नहीं सोया, रोगी को समय पर दवा मिली और वरिष्ठ नागरिकों तथा अन्य जरूतमंदों की प्रमुखता से देखभाल की गई, यह प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
आईपीएस अफसर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रधान सचिव संजय कुंडू हिमाचल के अगले डीजीपी होंगे। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। डीजीपी सीता राम मरडी 31 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संजय कुंडू सीएम जयराम ठाकुर के करीबी अधिकारियो में गिने जाते हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद आईपीएस संजय कुंडू को प्रिंसिपल सेक्रेटरी टू सीएम लगाया था। हालांकि डीजीपी के लिए 3 आईपीएस अफसर 1984 बैच के सोमेश गोयल, 1989 बैच के एसआर ओझा और 1989 बैच के ही संजय कुंडू के नाम का पेनल यूपीएससी ने फाइनल कर सरकार को भेजा था। लेकिन सरकार ने कुंडू को डीजीपी बनाने का फैसला किया है। संजय कुंडू एक जून से कार्यभार संभालेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के पीपीई किट घोटाले में गिरफ्तार कथित आरोपी स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी है। हालांकि विजिलेंस गुप्ता का 5 दिन का रिमांड मांग रही थी लेकिन जिला सत्र ने ये कह कर उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया कि 10 दिनों में उन्होंने गुप्ता से क्या पूछताछ की। ऑडियो क्लिप के अलावा विजिलेंस के पास गुप्ता के ख़िलाफ़ क्या सबूत है? इस पर विजिलेंस संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। गुप्ता के वकील कश्मीर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि पीपीई किट ख़रीद कमेटी में स्वास्थ्य सचिव और डिप्टी डायरेक्टर का ज्यादा रोल है। ऐसे में गुप्ता को बेवजह गिरफ्तार किया गया है। जिला सत्र न्यायाधीश ने ये भी कहा कि इस दौरान गुप्ता गवाह और किसी को फ़ोन नहीं करेंगे। यदि कोई गड़बड़ी करते हैं तो उनकी जमानत रद्द करने के लिए विजिलेंस कोर्ट आ सकती है। इसलिए ये जमानत सशर्त दी गयी है। बता दे कि 26 मई को जिला सत्र न्यायाधीश ने उन्हें 5 तीन के पुलिस रिमांड पर भेजा था। गुप्ता को स्वास्थ्य विभाग में मेडकिल ख़रीद घोटाले में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। एक 43 सेकंड का ऑडियो वायरल होने के बाद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।
प्रदेश सचिवालय में तय रेट से महंगे दाम पर सैनिटाइजर बेचने के मामले में हिमाचल सरकार ने सचिवालय के सुपरिटेंडेंट को निलंबित कर दिया है। सचिवालय प्रशासन की विभागीय जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई है। सचिवालय सामान्य प्रशासन सचिव देवेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। अभी इस मामले में विजिलेंस जांच चल रही है लेकिन उससे पहले विभाग की ओर से की गई कार्रवाई में सुपरिटेंडेंट की संलिप्ता को देखते हुए उसे निलंबित किया गया है। जानकारी के मुताबिक 50 रुपए के सैनिटाइजर पर 130 रुपए की मोहर लगाने के लिए आरएंडआई ब्रांच के इस अधिकारी ने सरकारी ठेकेदार पर दबाव बनाया था। सुपरिटेंडेंट को जब सरकारी ठेकेदार ने 130 रुपए की मुहर लगाने के लिए इंकार कर दिया तो उसने जबरन उसे कंट्रोल रूम में बैठा कर मुहर लगाने दी। इस मामले में 18 मई को विजिलेंस ने सचिवालय के मुख्य गेट की सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया था। जिसे खंगालने पर पाया गया है कि आरएंडआई का यह अधीक्षक और सरकारी ठेकेदार सरकारी गाड़ी में साथ आते है। उसके बाद सचिवालय प्रशासन ने भी इसमे विभागीय कार्रवाई शुरू की और अब अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। बहरहाल अभी इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है ओर सचिवालय अधीक्षक को निलंबित किया गया है। अभी इस मामले में और भी कई परते खुल सकती है। Attachments area
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केन्द्र सरकार से चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित करने की मांग की है ताकि समूचे उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को इसका लाभ मिल सके। इस संदर्भ में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 1993 में मणिपुर के इम्फाल में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था और उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के छह राज्यों के महाविद्यालयों को इसके साथ जोड़ा गया था। वर्ष 2014 मेें केन्द्र सरकार ने बिहार के पूसा में एक और केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय खोलने की योजना बनाई। जय राम ठाकुर ने कहा कि उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 3.1 करोड़ की जनसंख्या वास करती है और कुल 3,31,993 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के अन्तर्गत जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, केन्द्र शासित राज्य तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड राज्य फैले हैं। यह पूरा क्षेत्र जैव विविधता में समृद्ध है और इसमें प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिज, पानी और वन की प्रचूरता होने के कारण यह क्षेत्र विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस क्षेत्र का प्रमुख राज्य है और सतलुज, रावी, ब्यास, चिनाब और यमुना नदियां यहां से बहती हैं। राज्य में कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों में बहुत क्षमता है और यदि यहां केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना होती है तो जहां शोध एवं अनुसंधान कार्य को गति मिलेगी, वहीं समूचे उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के लोग खुशहाल बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर केन्द्र स्थल में स्थापित है और हवाई जहाज, रेल व सड़क मार्ग से जुडा हुआ है। इससे संस्थान में पर्याप्त अधोसेरचना उपलब्ध है। इसका परिसर 615 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसके साथ कृषि, पशु औषधालय एवं पशु विज्ञान, सामुदायिक विज्ञान जैसे महाविद्यालय सम्बद्ध है तथा 12 क्षेत्रीय शोध स्टेशन, सब-स्टेशन, 8 कृषि विस्तार केन्द्र का नेटवर्क भी जुड़ा हुआ है। जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार राज्य सरकार की इस मांग को मान लेती है तो दोनों को लाभ होगा, क्योंकि केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए न्यूनतम संसाधनों और लागत की आवश्यकता पड़ेगी। यह केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा कृषि विश्वविद्यालय बनकर उभर सकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को यहां वर्तमान अधोसंरचना श्रमशक्ति का लाभ मिलेगी, जब कि राज्य को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में एक उत्कृष्ट संस्थान मिलेगा।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष 30 मई 2020 को पूरा होने जा रहा है। उन्होनें कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार-2 का एक वर्ष का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा, कई दशकों से देश के आम जनमानस की इच्छाओं एवं आकांक्षाओं का सपना पूरा हुआ, जैसे तीन तलाक की समाप्ति हेतु कानूना बनाना, धारा-370 को हटाना, लद्दाख को अलग केन्द्र शासित राज्य बनाना, अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना, शरणार्थियों के लिए नागरिक संशोधन कानून बनाना आदि प्रमुख उपलब्धियां हैं। इसके अतिरिक्त कोरोना संकट के समय जब पूरा विश्व इस महमारी बुरी तरह प्रभावित है, ऐसे में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने समय रहते लॉक डाउन की घोषणा सहित अन्य प्रभावी कदम उठाये। इन कदमों के लिए विश्व के कई देशों व संगठनों ने माननीय प्रधानमंत्री की सराहना भी की। भाजपा महामंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के स्वर्णिम एक वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर कल यानि 30 मई, 2020 को सांय 4.00 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा फेसबुक लाईव के माध्यम से राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी नेता व कार्यकर्ता इस फेसबुक लाईव से जुड़ेंगे और अन्य लोगों को भी उनके सम्बोधन सुनने का आग्रह करेंगे। उन्होनें कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री जी के "आत्मनिर्भर भारत" के संकल्प को पूरा करने के लिए लोगों से स्वदेशी चीजे अपनाने व लोकल को वोकल बनाने का भी आग्रह करेगी। त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि आगामी समय में भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री द्वारा लिखित एक पत्र जिसमें आत्मनिर्भर भारत का संकल्प विश्व कल्याण हेतु भारत की भूमिका एवं कोविड-19 के फैलने से बचाव हेतु सावधानियों एवं स्वस्थ रहने हेतु अच्छी आदतों के संकल्प के आह्वान को देश भर में 10 करोड़ घरों तक पहुंचाएगी। साथ ही प्रदेश के सातों मोर्चां द्वारा संपर्क अभियान चलाया जाएगा जिसमें प्रत्येक मंडल पर बड़े पैमाने पर फेस कवर व सैनिटाइजर वितरित किए जाएंगे। स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने हेतु सभी कार्यकर्ता संकल्प लेंगे तथा "डिजीटल सम्पर्क" के माध्यम से प्रत्येक बूथ पर व्हाट्सएप ग्रुप का गठन किया जाएगा तथा पार्टी की पत्रिका दीप कमल संदेश का डिजिटल प्रकाशन होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश "वर्चुअल रैली" करने जा रही है जिसमें 750 से अधिक की संख्या वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ेगी। प्रत्येक मोर्चा प्रदेश भर में 500-500 लोगों को जोड़ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वर्चुअल रैली करेंगे और इन वर्चुअल रैलियों के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की आर्थिक घोषणाओं एवं योजनाओं की समाज के सभी वर्गों के बीच में व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी। इन कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने के लिए पार्टी ने मुझे त्रिलोक जम्वाल, प्रदेश महामंत्री को कार्यक्रम का प्रांत संयोजक लगाया है और संसदीय क्षेत्रानुसार भी संयोजकों की नियुक्ति भी कर दी गई है जिसमें हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, मण्डी संसदीय क्षेत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, प्रदेश सचिव पायल वैद्य शिमला संसदीय क्षेत्र तथा कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में प्रदेश सचिव विशाल चौहान इन कार्यों को विशेष रूप से देखेंगे।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर तथा वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार जब जब भी प्रदेश में सत्ता में रही है, प्रदेश में भ्रष्टाचार के नये आयाम स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी की सरकार अपने कार्यकाल के दौरान बुरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त थी उस पार्टी के नेताओं को नैतिकता की बात करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि विगत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का जो रिकार्ड बना उसकी गिनती करना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने विगत कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार का ध्यान प्रदेश के विकास की ओर कम तथा अपने मुख्यमंत्री को कोर्ट-कचहरी से बचाने में व्यतीत हुआ। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जब प्रदेश का मुखिया और उनका पूरा परिवार जमानत पर रहा। बिक्रम सिंह और गोविन्द ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में शराब के थोक व्यापार के लिए गठित किए गए हिमाचल प्रदेश बेवरेज लिमिटेड की स्थापना से प्रदेश केे राजस्व को 200 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य अपने चहेतों को करोड़ों रूपये का लाभ पहुंचाना था। उद्योग मंत्री एवं वन मंत्री ने कहा कि इस लिमिटेड की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा तत्कालीन आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चैधरी द्वारा विभाग की संस्तुति को नजरअंदाज करते हुए की गई थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा कम्पनी के गठन के लिए उचित समय दिए बिना की गई थी, जबकि उस समय प्रदेश में एल-1 व एल-13 थोक विक्रय लाईसेंस की एक सुदृढ़ प्रक्रिया उपलब्ध थी। मंत्रियों ने कहा कि कम्पनी को डिस्टलरों व बोटलरों से शराब खरीद कर परचून वितरकों को जारी करनी थी। इसमें उधार लेन-देन नहीं होना था और हिमाचल प्रदेश बेवरेज लिमिटेड को केवल नकद भुगतान के बाद ही परचून विक्रेताओं को शराब पहुंचानी थी। उन्होंने कहा कि इस कम्पनी ने ऐसा नहीं किया और परचून विक्रेताओं को उधार पर शराब दी जिससे कम्पनी को भारी नुक्सान हुआ और परचून विक्रेताओं के पास भारी मात्रा में उधार फंस गया। इसके अतिरिक्त चार कम्पनियों को भंडारण लाईसेंस दिए गए जिनमें रंगड़ बूरूरी, सीबकस, ब्लयू लाईन व जी.आई. सी. शामिल है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस थानों में 14 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा उगाही के लिए के प्रदेश की विभिन्न अदालतों में 20 सिविल सूट दर्ज किया गए हैं। इन मंत्रियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बेवरेज लिमिटेड को तात्कालीन प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के ऊना, चम्बा तथा किन्नौर जिलों में परचून व्यापार करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि परचून व्यापार कम्पनी के किसी भी अनुच्छेद का हिस्सा नहीं था व न ही इसके लिए कम्पनी को प्राधिकृत किया गया था। उन्होंने कहा कि इन तीन जिलों में कम्पनी का परचून व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ और प्रदेश के राजस्व को 67 करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ।
राज्य सरकार ने संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा दिया है और अब इस भाषा को और अधिक व्यावहारिक व सरल बनाने के प्रयास होने चाहिए ताकि इसे जनता के बीच लोकप्रिय बनाया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के न्यूजलेटर का विमोचन करने के बाद यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड द्वारा न्यूजलेटर को हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में लाने का प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोरोना महामारी के कारण लाॅकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को गृह शिक्षण सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से दूरदर्शन ज्ञानशाला कार्यक्रम भी शुरू किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड को सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रयास करना चाहिए ताकि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों को अनुचित साधनों का उपयोग करने से रोका जा सके। उन्होंने मार्च, 2019 की परीक्षा में असफल हुए विद्यार्थियों को स्टेट ओपन स्कूल प्रशिक्षणार्थियों के साथ-साथ उनके शैक्षणिक वर्ष को बचाने के लिए एक अवसर प्रदान करने के लिए बोर्ड के प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, वैदिक गणित और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। हिमाचल प्रदेश बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन धर्मशाला के अयक्ष डाॅ. सुरेश कुमार सोनी ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार स्कूलों में 45 परीक्षा केंद्रों का प्रबंधन ‘सावित्री बाई फुले’ के नाम से महिला कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा, जो भारत की पहली महिला शिक्षक और 1848 में पुणे में पहले भारतीय गर्ल स्कूल की संस्थापक थीं। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न स्कूल परिसरों में 1,09,315 पौधे भी लगाए गए हैं। निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा और शिक्षा बोर्ड और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
बीजेपी के बेड़े में भ्रष्टाचार के छेद होने के बाद अब इसके कई मुसाफिर सुरक्षित ठिकानों की ओर छलांगें लगाने लगे हैं क्योंकि उनको लग रहा है कि सत्ता सुख का यह बेड़ा कभी भी डूब सकता है। यह बात राज्य कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि जो सरकार जीरो क्रप्शन टोलरेंस की दलीलें व दुहाई देती थी, उसी सरकार के आधे कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। महामारी के आतंक के बीच हेल्थ विभाग में उजागर हुए बेखौफ भ्रष्टाचार ने सरकार की चुलें हिला कर रख दी है। सरकार के शुरू दिन से ही हेल्थ विभाग भ्रष्टाचार की सुर्खियां बटोर रहा है। हेल्थ विभाग में बेखौफ चल रहे भ्रष्टाचार ने पहले हेल्थ मिनिस्टर की विकेट उड़ाई, फिर सफाई, दुहाई व बचाव के प्रयासों ने कई अफसरों को बली का बकरा बनाया। यह दीगर है कि सरकार पर हावी-प्रभावी 2-4 अफसरों की जुंडली ने सरकार की आंखों का तारा बन कर अपने सिहांसनो को महफूज रखा है। हेल्थ विभाग में लगातार चला आ रहा भ्रष्टाचार कोरोना महामारी के दौरान भी बदस्तूर चला आ रहा है। मामला सेनेटाइजर खरीद में कर्रप्शन का हो या पीपीई किट खरीद का घोटाला हो या फिर हिमुडा की जमीन खरीद में करोड़ों के लेने देन के संगीन आरोप हों भ्रष्टाचार बेखौफ चलता रहा और सरकार यह दलीलें देती रही कि उनका दामन पाक-साफ है। मसला पुलिस या पटवारियों की भर्ती का हो या विश्वविद्यालयों में डिग्रियों की खरीद फरोख्त का हो या फिर ताजा कड़ी में भ्रष्ट तंत्र व नेताओं के भ्रष्टाचार गठबंधन का हो, जिसके प्रकोप ने अब रुष्ट व असंतुष्ट भाजपाईयों के आक्रोश में पार्टी मुखिया व सरकार के दामन को दागदार किया है, इस सरेआम चल रहे भ्रष्टाचार से अब जनता का विश्वास इस सरकार से पूरी तरह उठ चुका है। जनता अब यह सोचने पर मजबूर है कि क्या यह उसी सरकार के लोग हैं जिन्होंने जीरो कर्रप्शन टोलरेंस के वायदे व बातें करके जनादेश हासिल किया है और अब भ्रष्टाचार का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। जहां कोरोना महामारी आम जनता के लिए आपदा का सबब साबित हो रहा है, वहीं सरकार के भ्रष्ट तंत्र में यह महामारी भ्रष्टाचार से इस तंत्र की तिजोरियां भरने का मौका साबित हो रही है। राणा ने कहा कि आज जनता और विपक्ष ही नहीं बीजेपी के अपने लोग भी सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार से आजिज आ चुके हैं और अब सरकार ने अपने बचाव में खुद के मंत्री, मुखियों की बली लेने का सिलसिला शुरू हुआ है, जबकि कई भ्रष्टाचार के असली बकरों को बचाने के लिए सरकार अब भरपूर प्रयास में जुट गई है।
21वीं सदी में भारत ने विज्ञान, शिक्षा, तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य जैसे सभी क्षेत्रों में विकास मे नए आयाम स्थापित किए हैंे। भारतवासियों ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि उसे कोरोना वायरस नामक महामारी से मानव जीवन के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार संचार तकनीक के विभिन्न माध्यमों का प्रयोग कर लोगों को सूचारू रूप से सूचनाएं प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार लोगों तक सही सूचनाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर आपातकालीन परिचालन केन्द्र स्थापित किए हैं। प्रदेश और प्रदेश के बाहर रह रहे लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर- 0177-2622204, 2629688, 2629939 सहित टोल फ्री नम्बर- 1070 और 1077 स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, जिला स्तरीय आपातकालीन परिचालन केन्द्र के लिए अतिरिक्त दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। बिलासपुर जिला के लिए 01978-224901, चम्बा के लिए 01899-226951, हमीरपुर के लिए 01972-221277, कांगड़ा के लिए 01892-229050, किन्नौर के लिए 01786-223151, कुल्लू के लिए 01902-225630, लाहौल-स्पिति के लिए 01900-202509, मण्डी के लिए 01905-226201, शिमला के लिए 0177-2800880, सिरमौर के लिए 01702-226401, सोलन के लिए 01792-220882 और ऊना जिला के लिए 01975-225045 दूरभाष नम्बर स्थापित किए गए हैं। अन्य राज्यों में रहने वाले हिमाचली लोगों की सहायता के लिए भी हेल्पलाइन नम्बर-0177-2626076 और 2626077 स्थापित किए गए हैं। चण्डीगढ़ के लिए 0172-5000103, 5000104 तथा मोबाइल नम्बर-81463-13167 व 99888-98009 और दिल्ली के लिए 011-23711964, मोबाईल नम्बर-96685-39423 व 88028-03672 नम्बरों के माध्यम से लोगों को जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ किरयाने का सामान, भोजन, आश्रय और दवाइयां प्रदान कर लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों के आपातकालीन परिचालन केन्द्रों में भी टोल फ्री नम्बर-1077 स्थापित किया गया है। यह नम्बर 24 घण्टे सक्रिय रहता है। इन हेल्पलाइन नम्बरों की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक हजारों लोगों ने इन नम्बरों पर फोन कर अपनी समस्याएं सरकार तक पहुुंचाई और प्रदेश सरकार ने भी इन समस्याओं का समाधान कर लोगों तक राहत पहुंचाई है। इन हेल्पलाइन पर आवश्यक दवाओं, खाद्य सामग्री, चिकित्सीय जांच आदि समस्याओं को संबंधित विभागों तक पहुंचा कर इनका समाधान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा तेलंगाना में फंसे हमीरपुर जिला के ललित कुमार हो या जुब्बल के कुलदीप सूद इन जैसे हजारों लोगों को विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से ही समय पर सहायता प्रदान करने पर इन लोगों ने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है। लाॅकडाउन लगने के कारण चण्डीगढ़ में फंसे दीपेन्द्र को आशा नहीं थी कि वह इतने कम समय में अपने घर लौट पाएंगे। दीपेन्द्र ने प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत करवाया। दीपेन्द्र जैसे हजारों लोग जो प्रदेश में अपने घर लौटने के इच्छुक है, इन हेल्पलाइन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश आपातकालीन परिचालन केन्द्र में स्थापित इन नम्बरों में 24 मार्च, 2020 से 23 मई, 2020 तक 46,570 काॅल का आदान-प्रदान किया गया है, जिनमें से 46,007 काॅल विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त करने हेतु की गई। देश के विभिन्न भागों में रह रहे प्रदेशवासियों को कोविड-19 से जुड़ी जानकारी, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, क्वारन्टीन अवधि, शारीरिक दूरी संबंधी जानकारी भी केन्द्र द्वारा स्थापित नम्बरों के माध्यम से लोगों को प्रदान की जा रही है। इन हेल्पलाइन नंबरों से लोगों को जागरूक करने के लिए 563 काॅल की गई हैं। जिले में स्थापित केन्द्रों में भी लगातार हजारों की संख्या में काॅल आ रही हैं। इसमें सबसे अधिक कुल्लू जिला में 8,704 काॅल के माध्यम से लोगों ने विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल की। इसके अतिरिक्त चम्बा जिला के आपातकालीन कक्ष में 2,098, सिरमौर में 2,042, हमीरपुर में 1,825, सोलन में 700, ऊना में 526, किन्नौर में 509, मण्डी में 416, बिलासपुर में 241 और लाहौल-स्पीति में 15 काॅल आई हैं। इन केन्द्रों का संचालन करने वाले अधिकारियों के अनुसार अधिकतर काॅल प्रदेश वापसी, होम और संस्थागत क्वारंटीन नियम, कोविड-19 जांच, ई-पास, दवाईयों की उपलब्धता और रेड, आॅरेंज और ग्रीन जोन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए की गई हैं। अधिकारियों के अनुसार इस सुविधा का लाभ वरिष्ठ नागरिकों, प्रवासी श्रमिकों सहित गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को विशेष रूप से मिल रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने नैतिकता के आधार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से इस्तीफे की मांग की है। राकेश पठानिया ने विक्रमादित्य सिंह को याद दिलाया कि उस वक्त उनकी नैतिकता कहां थी, जब उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निजी आवास पर मुख्यमंत्री रहते हुए ई.डी. व सी.बी.आई. का छापा पड़ा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नैतिकता उस समय कहां थी, जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री का अधिकतर समय सी.बी.आई. की अदालतों में गुजरता था। पठानिया ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह को उस समय नैतिकता की याद क्यों नही आई, जब उनके परिवार द्वारा सेब की ढुलाई के लिए कथित तौर पर स्कूटर व टैंकरों के नम्बर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कांग्रेस के कार्यकाल में ही काॅपरेटिव बैंक भर्ती घोटाला भी सुर्खियों में रहा, जिसमें चेहतों को रेवड़ियो की तरह नौकरियां बांटी गई थीं। क्या उस समय विक्रमादित्य सिंह व उनके परिवार को नैतिकता का ध्यान नहीं रहा? नूरपुर के विधायक ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह को नैतिकता का बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनका पूरा परिवार ही जमानत पर है। उन्होंने कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नैतिकता पर चलने वाली पार्टी है तथा प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल द्वारा नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया जाना इस बात को दर्शाता है कि भाजपा के लिए नैतिकता के ऊपर कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जबकि वास्तविकता यह है कि डाॅ. बिंदल पर किसी भी प्रकार का इस बारे में कोई भी आरोप नहीं है। पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर एक स्वच्छ छवि व ईमानदार नेता हैं और जैसे ही सोशल मीडिया में कथित तौर पर लेन-देन की ऑडियो कैसेट आई तुरन्त कार्रवाई करते हुए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को बर्खास्त कर दिया और उनके विरूद्ध जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगी तथा दोषियों के विरूद्ध सख्ती कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में प्रदेशवासियों को स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर कांगेस पार्टी की सरकार का विगत पांच वर्ष का कार्यकाल कोर्ट कचहरी में ही व्यतीत हुआ था तथा उनका प्रदेश के विकास तथा लोगों के कल्याण के बारे में कोई ध्यान नहीं था। उन्होंने केवल अपने बचाव में ही पांच वर्ष व्यतीत कर दिए। राकेश पठानिया ने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में भी कांग्रेस नेता को इस तरह की ओच्छी राजनीति सूझ रही है, जबकि प्रदेश सरकार तथा भारतीय जनता पार्टी इस अवधि के दौरान प्रदेशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए अनेक सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने इस अवधि में जरूरतमंदों को ‘मोदी खाद्य किटें’ बांटी और लाखों लोगों को मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए कि उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए इस दौरान क्या किया है? राकेश पठानिया ने विधायक विक्रमादित्य सिंह को सलाह दी कि उन्हें इस तरह की अनर्गल बयानबाजी से गुरेज करना चाहिए क्योंकि वे अभी राजनीतिक तौर पर अपरिपक्व हैं और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के विरूद्ध इस तरह की बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती।
कोरोना के दृष्टिगत लगे लाॅकडाउन के कारण, जब लाखों लोग जो अपनी नौकरी खो चुके थे, अपनी आजीविका को बनाए रखना मुश्किल हो रहा था और अपने घर लौटने के लिए उत्सुक थे, हिमाचल प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों से सभी हिमाचलियों को वापस लाने के लिए पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेनों, बसों के माध्यम से उनकी प्रदेश वापसी सुनिश्चत की। देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के लोगों को सहायता देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश वापसी का अभियान भी चलाया। राज्य सरकार ने 25 मई, 2020 तक विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से 1,40,104 लोगों को वापस राज्य में लाया है। कांगड़ा के लगभग 61556, हमीरपुर के 16292 लोग, सोलन के 15728 लोग, मंडी के 10306 लोग, शिमला के 7274 लोग, ऊना के 6599 लोग, सिरमौर के 6109 लोग, बिलासपुर के 6071 लोग, चंबा के 5337 लोग, कुल्लू के 3739 लोग, किन्नौर के 870 लोग और लाहौल-स्पीति के 223 लोग विभिन्न राज्यों से वापस लाए गए हैं। लगभग 5474 व्यक्तियों को ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश वापस लाया बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अनुरोध पर विशेष ट्रेनें भी चलाईं, जिसके माध्यम से राज्य में लगभग 5474 व्यक्ति पहुंचे हैं। एक विशेष ट्रेन 26 मई को दिल्ली से ऊना पहुंची जिसमें 271 लोग सवार थे। 25 मई को चेन्नई सेंट्रल, तमिलनाडु से पठानकोट के चक्की बैंक रेलवे स्टेशन पर लगभग 211 लोग पहुंचे। 24 मई को दो विशेष ट्रेनें, अहमदाबाद से एक, ऊना रेलवे स्टेशन पर 545 व्यक्ति और दूसरे व्यक्ति चक्की बैंक रेलवे स्टेशन, महाराष्ट्र के पठानकोट से 580 व्यक्तियों को लेकर पहुंची। 23 मई को त्रिवेंद्रम, केरल से पठानकोट होते हुए हिमाचल प्रदेश के 35 लोगों को लेकर एक ट्रेन आई। लगभग 118 व्यक्तियों को हैदराबाद से वापस लाया गया और 20 मई को ट्रेन के माध्यम से पठानकोट पहुंचे। पुणे से ऊना के लिए एक और विशेष ट्रेन 19 मई को लगभग 617 व्यक्तियों को लेकर आई और मुंबई से ऊना रेलगाड़ी 18 मई को पहुंची, जिसमें 697 व्यक्ति थे। रेलगाड़ियों में प्रदेश पहुंचे नागरिक बीते 18 मई को बाहर फंसे हुए हिमाचलियों को लेकर आने वाली तीन रेलगाड़ियां राज्य में वापस पहुंची, जिसमें 259 व्यक्ति चेन्नई से पठानकोट पहुंचे, 589 गोवा से ऊना पहुंचे और 697 मुंबई से पहुंचे। राज्य के लगभग 1486 व्यक्तियों को थिविम, मडगांव करमाली (गोवा) से ऊना के लिए एक विशेष ट्रेन के माध्यम से गोवा से प्रदेश वापस लाया गया, जो 15 मई को ऊना पहुंची। नागपुर से पठानकोट तक 78 व्यक्तियों को ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई थी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार के प्रयासों से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के माध्यम से भी राज्य के लोगों को वापिस लाया गया। राज्य के 140 छात्रों को वापस लाने के लिए हिमाचल सड़क परिवहन निगम की नौ बसों को परवाणू से कोटा भेजा गया। ट्राई-सिटी क्षेत्र में फंसे 3500 से अधिक लोगों को चरणबद्ध तरीके से 144 बसों में लाया वापस चंडीगढ़ (ट्राइसिटी) में फंसे लोगों को सहायता भी दी गई, जिसके लिए बसों को बैचों में भेजा गया। ट्राई-सिटी क्षेत्र में फंसे 3500 से अधिक लोगों को चरणबद्ध तरीके से 144 बसों में वापस राज्य में लाया गया। 3 मई, 2020 को पहले बैच में ट्राई-सिटी क्षेत्र में फंसे 1314 व्यक्तियों को 51 बसों में वापस प्रदेश में लाया गया, जिसमें कांगड़ा जिले के 609 लोग, हमीरपुर जिले के 335 लोग, ऊना जिले के 132 लोग और चंबा जिले के 238 लोग शामिल थे। वापस लाए गए लोगों की हुई इन्फ्लुएंजा लक्षणों की जांच बीते 4 मई को 49 बसों में दूसरे बैच को प्रदेश में लाया गया, जिसमें मंडी जिला के 622 लोग, बिलासपुर जिले के 365 लोग, कुल्लू जिले के 191 और लाहौल-स्पीति जिले के 61 लोगों सहित 1239 लोगों को अन्य स्थानों से प्रदेश वापस लाया गया। इसी प्रकार तीसरा बैच 5 मई को राज्य के पांच जिलों के 1006 व्यक्तियों को 44 बसों में ट्राइसिटी से वापस लाया गया, जिसमें शिमला जिले के 585, सोलन जिले के 150, सिरमौर जिले के 170, किन्नौर जिले के 89 और बिलासपुर जिले के 12 लोग शामिल थे। यह देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हिमाचल के लोगों को राज्य में सुरक्षित वापस लाने का सबसे बड़ा अभियान था। इन सभी वापस लाए गए लोगों की इन्फ्लुएंजा लक्षणों की जांच की गई और इसके बाद उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा गया। आप भी डाउनलोड करें आरोग्य सेतु ऐप प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं और उन्हें आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है और साथ ही सामाजिक शिक्षा के महत्व के बारे में सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री प्रदान की जा रही है। इनके अलावा, हिमाचल प्रदेश के 29 निवासी, जिन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए लाॅकडाउन से पहले विभिन्न देशों की यात्रा की थी, उन्हें भी अन्य देशों से देश में वापस लाया गया है, जिनमें से 19 को दिल्ली में, पांच को केरल और पांच को पंजाब में रखा गया है। इसके बाद क्वारन्टीन अवधि पूरी होने पर उन्हें हिमाचल प्रदेश वापस लाया जाएगा।
फेसबुक पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट की गई है जिसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। दरअसल मामला ये है कि फेसबुक पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनकी छवि को बिगाड़ने के आरोप को लेकर राजधानी शिमला में मामला दर्ज किया गया है। शिक्षा मंत्री के ओएसडी ममराज पुंढीर की शिकायत पर छोटा शिमला थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 465, 469 व 67 आईटी एक्ट में केस दर्ज किया है। शिमला पुलिस के अनुसार मामराज पुंढीर ने शिकायत में कहा है कि मनोज ने 27 मई तथा राकेश मन्डोत्रा व राकेश जिन्टा ने 28 मई को अपनी फेसबुक में शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज के खिलाफ झूठी व आपत्तिजनक समाचार पत्र की खबर को अपलोड किया है कि मंत्री ने अपने सियासी रसूख के चलते केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में अपने एक करीबी को प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया है। इसे लेकर सोशल मीडिया में मंत्री के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर उनकी बेदाग छवि को धूमिल किया जा रहा है। उधर, एसपी शिमला ओमा पति जंबाल ने पुष्टि करते हुए कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कृषि विभाग के निदेशक डाॅ. आर.के. कौंडल ने बताया कि बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डों के संभावित आक्रमण के कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से इन टिड्डियों द्वारा फसलों को नष्ट करने की सूचना प्राप्त हुई है और प्रदेश में भी इनके आक्रमण की आशंका है, जिसके कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेषकर कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि टिड्डियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखने तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट अपने निकटतम कृषि अधिकारियों को तुरन्त देने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं और एक दिन में लगभग 5 से 130 किमी या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं। कृषि निदेशक ने बताया कि सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे टिड्डियों के हमले के प्रति किसानों में जागरूकता लाएं और उन्हें कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए प्रेरित करंे। उन्होंने कहा कि इसके बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजियम और बाॅवरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बना कर छिडकाव करना लंबे समय तक प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, कांगड़ा और मंडी को इन जैव कीटनाशकों को पर्याप्त मात्रा में तैयार करने के निर्देश दिए गए है। कृषि निदेशक ने कहा कि वर्तमान में राज्य के किसी भी हिस्से से टिड्डियों की गतिविधियों की कोई सूचना नहीं है और टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखने और खेतों में टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट कृषि निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए है।
हि.प्र. राज्य सहकारी बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष बी.डी. काजल ने संघ की ओर से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 1.11 लाख रुपए का चैक भेंट किया। इसके अतिरिक्त, राज्य भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व सचिव महेन्द्र रोहाल और भाजपा किसान मोर्चा जिला शिमला के पूर्व अध्यक्ष चन्दन शर्मा ने भी इस फंड में 51 हजार रुपये का अंशदान किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के प्रति अपनी "जीरो टॉलरेंस" की नीति पर कायम है। उन्होनें कहा कि प्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ रही है। मुख्यमंत्री के ध्यान में भ्रष्टाचार का जो भी मामला आया, उसके खिलाफ तुरंत कार्यवाही के आदेश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की कथित ऑडियो क्लिप जारी होते ही बिना समय गवाए कार्यवाही अमल में लाई गई। विजिलैंस की जांच शुरू करके निदेशक स्वास्थ्य विभाग को सस्पैंड कर तुरंत गिरफ्तार किया गया और आगे की जांच जारी है। त्रिलोक जम्वाल ने आगे कहा कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से केवल इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि कुछ तथाकथित लोग निराधार बयानबाजी करके भाजपा पर अंगुली उठा रहे थे। इसलिए उन्होनें अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए अपने पद से त्यागपत्र दिया ताकि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो सके और भाजपा हर प्रकार की जांच के लिए तैयार भी है। भाजपा महामंत्री ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं का भाजपा को नैतिकता का पाठ पढ़ाना "खुद मियां फजीहत औरों को नसीहत" कहावत को चरितार्थ करता है। जिस पार्टी ने भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित किए हों, जो पार्टी खुद आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त हो और अनेकों भ्रष्टाचार के आरोप उनके ऊपर लगे हो, उनका दूसरों को नैतिकता की सीख देना हास्यास्पद है। त्रिलोक जम्वाल ने कहा सर्वविदित है कि आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है और इस वैश्विक महामारी के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने जहां समाज सेवा के कार्य प्रारंभ कर प्रदेश की जनता की सेवा की वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस संकटकाल में भी केवल राजनीति ही करने का काम किया। भाजपा ने पूरे प्रदेश में 5 लाख से अधिक भोजन पैकेट, एक लाख से अधिक सूखा राशन, 22 लाख से अधिक मास्क बांटे और साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में 9 करोड़ से अधिक का अंशदान दिया। उन्होनें कांग्रेस पार्टी के नेताओं से प्रश्न करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बताएं कि कोरोना संकट के दौरान उन्होनें प्रदेश की जनता के लिए क्या किया ? वे बताएं कि इस संकटकाल में उन्होनें कौन सी समाज सेवा की ? परन्तु उनके पास इसका कोई भी जवाब नहीं होगा क्योंकि कोरोना कालखण्ड में कांग्रेसी नेता ’’बयान बहादुर’’ बनकर रह गए और कांग्रेसी नेताओं में बयानबाजी करने में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लग गई, जोकि निंदनीय है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए और प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए मीडिया में निराधार बयानबाजी कर जनता में अपनी उपस्थिति बनाए रखना चाहते हैं परन्तु प्रदेश की जनता उनके द्वारा फैलाई जा रही झूठी अफवाहों में नहीं आने वाली। इस पूरे प्रकरण को भारतीय जनता पार्टी के साथ अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ना कांग्रेस पार्टी की एक कुटिल चाल मात्र है जिसमें वे कभी कामयाब नहीं होंगे। त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जल्दी ही सच्चाई सबके सामने आ जाएगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।
सचिव ग्रामीण विकास डाॅ. आर.एन. बत्ता ने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश की मुख्यमंत्री एक बीघा योजना की सराहना करते हुए इस योजना को देश भर में लागू करने की घोषणा की है। डाॅ. आर.एन. बत्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा गत सप्ताह इस योजना का शुभारम्भ किया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना केे तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी।
नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को ज़िला कांगड़ा के जसूर मार्किट के व्यापारियों की ओर से एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 2.50 लाख रुपए का चैक भेंट किया। उन्होंने इस अवसर पर सेनेटाइजर मशीन भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंशदान कोरोना महामारी से लड़ने में सहायक सिद्ध होगा।
कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया के लिए कई चुनौतियां पेश की हैं। भारत भी इस बीमारी से लड़ रहा है। कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक दूरी को प्रोत्साहित कर रही है। संकट के इस समय में बहुत से लोगों ने इस बीमारी के कारण अपनी आजीविका खो दी है और अपने मूल राज्य की ओर रूख किया है। राज्य में 25 अप्रैल, 2020 से लेकर अब तक 1.40 लाख लोग वापस आ चुके हैं और लोग अभी भी आ रहे हैं। राज्य सरकार ने इन पेशेवर लोगों की क्षमता का दोहन करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य की श्रमशक्ति में भी बढ़ौतरी होेगी। कफ्र्यू के इस समय में भ्रम और अनिश्चितता को देखते हुए, राज्य सरकार लोगों के लिए एक लाभकारी योजना आरंभ कर लोगों को सुरक्षित रखने की तैयारी में बहुमूल्य योगदान दे रही है। शहरी क्षेत्र में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी योजना शुरू की गई है, जो इस वित्तीय वर्ष में हर घर में 120 दिनों का गारंटीड मजदूरी रोजगार प्रदान करेगी। इस योजना को हिमाचल प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों और छावनी बोर्ड में लागू किया जाएगा। राज्य सरकार इस संकट में लोगों को प्रभावशाली प्रोत्साहन के रूप में यह योजना प्रदान कर रही है। लोगों की मदद करने के लिए उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने मेें यह एक बड़ा कदम है। योजना का उद्देश्य मजदूरी से जुड़े व्यक्तियों के कौशल संवर्धन में मदद करना है ताकि उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान किए जा सकें। इसके अतिरिक्त उद्यमिता प्रशिक्षण के साथ-साथ सब्सिडी लिंक्ड क्रेडिट लिंकेज प्रदान करके अपने उद्यम स्थापित करना और शहरी बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने तथा शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्ता नागरिक सुविधाओं के प्रावधान द्वारा लोगों को बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करना भी योजना के लक्ष्यों में शामिल है। प्रत्येक घर के सभी वयस्क सदस्य काम करने के लिए पात्र होने के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। उन्हें शहरी स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में रहना और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा प्रदान की जा रही परियोजनाओं या स्वच्छता सेवाओं में अकुशल कार्य करने के लिए तैयार रहना अनिवार्य होगा। काम करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष होगी। इस योजना के तहत योग्य पात्र लाभार्थी को दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत ऋण के लिए आवेदन करने की सुविधा होगी। लाभार्थियों को पंजीकरण के सात दिनों के भीतर एक जाॅब कार्ड जारी किया जाएगा। पात्र लाभार्थी को पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर रोजगार दिया जाएगा अन्यथा शहरी स्थानीय निकायों द्वारा लाभार्थी को रोजगार भत्ते के रूप में 75 रूपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाएगा। पुरुष और महिला श्रमिकों दोनों को समान वेतन का भुगतान किया जाएगा। 15 दिनों के रोजगार के पूरा होने के सात दिनों के बाद पखवाड़े के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों द्वारा पात्र लाभार्थियों के बैंक खाते में मजदूरी की राशि सीधे जमा की जाएगी। पात्र लाभार्थी को योजना के तहत रोजगार प्रदान करने के बाद दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत सरकार द्वारा अधिसूचित की गई न्यूनतम मजदूरी के साथ अधिकतम चार सप्ताह के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पात्र लाभार्थियों को दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत बैंकों से जोड़ा जाएगा। लाभार्थियों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की किसी भी योजना के तहत चल रहे या नए स्वीकार्य कार्य में रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए शहरी स्थानीय निकायों के पास धन उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को 15वें वित्त आयोग या 5वें राज्य वित्त आयोग के तहत किसी भी स्वीकार्य कार्य के लिए, जिसके लिए शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान सहायता प्रदान की गई है और ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 और स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वीकार्य स्वच्छता कार्यो और सेवाओं में भी रोजगार प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से सभी लोगों तक पहुंच रही है। यह योजना रोजगार के लिए बाहर जाने की तुलना में अपने प्रदेश वापिस आने वाले लोगों को गृह राज्य में रहने में सक्षम बनाएगी, जिससे सभी को सुरक्षित रखा जा सकेगा। यह पहल वर्तमान परिस्थितियों में भी सर्वश्रेष्ठ तरीकों पर बल देती है और हमें स्मरण दिलाती है कि हम संकट में भी सही उपायों से परिस्थितियों को सकारात्मक बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाइफ साइंस एंड बायोटेक/फार्मा उद्योग सीआईआई उत्तरी क्षेत्र समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उद्योगपतियों, विशेष रूप से फार्मा उद्योग द्वारा कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने भी प्रदेश में स्थित सभी फार्मा उद्योगों को कोविड-19 के दौरान उनके उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए अपना पूर्ण सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न केवल उद्योग को हर संभव सहायता प्रदान की, बल्कि इन क्षेत्रों में श्रमिकों के सुचारू आवागमन को भी सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि आज 90 प्रतिशत से अधिक फार्मा उद्योगों ने अपना उत्पादन शुरू कर दिया है और बद्दी में फार्मा उद्योगों द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन निर्माण से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है, बल्कि इसकी आपूर्ति अमेरिका जैसे देशों को भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में इस तरह के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने पर विचार कर रही है, जहां विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को आपातकाल की स्थिति में उनके रहने का प्रबन्ध किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला और नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ उद्योगपतियों को भी सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने उद्योगपतियों से पीएम केयर्स और हि.प्र. एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅन्स फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने का भी आग्रह किया, जो कोरोना वायरस से प्रभावी रूप से लड़ने में सहायक सिद्ध होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, राज्य सरकार ने बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में अंतर राज्य आवागमन पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसमें छूट देने का फैसला लिया है और ट्राई सिटी में आने वाली औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों को कुछ प्रतिबंधों के साथ आवागमन की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पर्याप्त मात्रा में दवाइयो और जैनरिक दवाइयों के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है और देश के भीतर तथा बाहर बाजार के एक बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ बनाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश के सोलन जिला के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र में एक बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने का आग्रह किया है, जो पहले से ही एक फार्मा हब है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विभिन्न फार्मा इकाइयों ने भी राज्य में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने में रूचि दिखाई है। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य की भूमि मापदंडों में ढील देने का भी आग्रह किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि यदि हिमाचल प्रदेश के लिए इस तरह के बल्क ड्रग पार्क का आवंटन किया जाएगा तो प्रदेश निश्चित रूप से देश में सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस) और ड्रग इंटरमीडिएट्स के उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवा उद्योग की जरूरतों को पूरा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में महत्वपूर्ण की-स्टार्टिंग मैटेरियल/ड्रग इंटरमीडिएट्स और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक लाभकारी योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि रसायन और उर्वरक मन्त्रालय द्वारा प्रस्तावित इस योजना से भारतीय फार्मासीटिकल उद्योग को महत्वपूर्ण दवाइयों और रसायनों के निर्माण में वैश्विक प्रतिस्पर्धा, आत्म निर्भरता और आधुनिक तकनीकों के अनुकूलन को प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि उद्योगपतियों की उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। सीआईआई उत्तरी क्षेत्र समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश दुआ ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और उद्योगपतियों के विभिन्न मुद्दों को प्रस्तुत किया। समिति के सह अध्यक्ष बी.आर. सीकरी, वरिष्ठ निदेशक ग्लोबल काॅरपोरेट अफेयर्स अभूत हेल्थकेयर राकेश चितकारा, हैड काॅरपोरेट अफेयर्स सिपला आदिल इस्लाम और प्लांट हैड ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल सुनील ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कोरोना माहमारी के चलते प्रदेश भाजपा सरकार की छत्र छाया में व्याप्त भ्रष्टाचार की कड़ी निदा की है। उन्होंने कहा है कि इस संकट की घड़ी में रिश्वत लेने के आरोप में स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी से साफ है कि इसके तार सीधे भाजपा के बड़े नेताओं से जुड़े है। उन्होंने कहा है कि बिंदल का इस्तीफा, असल में भाजपा के भीतर जो अंतर्कलह चल रही है, उससे लोगों का ध्यान हटाने मात्र का यह एक असफ़ल प्रयास है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में कोरोना किट्स, वेंटिलेटर, मास्क, सेनेटाइजर और पीपीई जैसे आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति को लेकर रिश्वत और प्रदेश सचिवालय में सेनेटाइजर की आपूर्ति घोटाले ने भाजपा की कथित ईमानदारी की पूरी पोल खोल दी है। वीरभद्र सिंह ने कहा हैं कि उनके 60 साल के राजनैतिक केरियर में उन्होंने कभी कोई ऐसा दौर नही देखा जब ऐसी विपदा के समय कोई राजनैतिक दल संगीन भ्रष्टाचार के आरोप में संलिप्त पाए जाए। उन्होंने कहा है कि सरकार प्रदेश की चुनोतियो से निपटने में पूरी तरह असफल सावित हो रही है।लोगों को राहत देने की जगह महंगाई परोसी जा रही है। किसानों, बागवानों के साथ साथ आम लोगों की समस्याओं की ओर सरकार का कोई भी ध्यान नही है। सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन नज़र आ रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े इस रिश्वत मामलें की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि चूंकि यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए इसकी संवेदनशीलता ओर भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री को इसकी पूरी जांच किसी सिटिंग जज से करवानी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को जो जनहित के सुझाव दिए थे उस पर भी वह आज दिन तक खामोश बैठी है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस और भाजपा के विद्यायकों ने इसकी चर्चा के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की बात कही तो भाजपा अध्यक्ष को यह भी गवारा नहीं लगा। साफ है कि भाजपा और सरकार के भीतर कोई टकराव चल रहा है। उन्होंने कहा है कि उसके अंदर कुछ भी चले, यह उसका अंदरूनी मसला है पर इसमें प्रदेश के लोग नही पिस्से जाने चाहिए।कांग्रेस इसे कभी भी सहन नही करेगी।
भारतीय जनता पार्टी जिला युवा मोर्चा के पूर्व महामंत्री अंकुश चौहान को महासु जिला भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए जाने पर जुब्बल नावर कोटखाई के युवाओं ने खुशी जाहिर की है। युवा मोर्चा जुब्बल नावर कोटखाई ने उम्मीद जाहिर किया है कि अंकुश चौहान ईमानदार, जमीन से संघर्ष कर इस मुकाम तक पहुँचने वाले पार्टी के प्रति कर्मठ व्यक्ति हैं और इनकी सुझबुझ और प्रयासों से पार्टी जिला में बेहतर कार्य कर सकेगी जिससे पार्टी सशक्त होगी और कार्यकर्ता सक्रीय होगा। युवा मोर्चा अध्यक्ष अशोक जस्टा, थरोला पंचायत के प्रधान राकेश चौहान, उप प्रधान देव राज, बीडीसी सदस्य ओम चौहान, जिला महासू उपाध्यक्ष सुशील कदशोली, संदीप गांगटा, महामंत्री अजय बिष्ट, अनुपम चौहान, विकास भारती, जतिन चौहान, हैपी वर्मा, चेतन कड़ेइक, दलीप टायसन, अनिल चौहान, तारा सिंग रागटा, रितेश चौहान, रिंकू घालटा,अभिषेक नेनटा, रूपेंद्र कपालटा,मनमोहन कपालटा, सुनील शर्मा, रोहित राजटा, राजीव डोटका, राकेश भोलटा, सुनील चौहान, विशाल भिकटा, विकास कालटा, अभिषेक बरागटा, सुशांत भसोली, परवीन चौहान, चंदन धानटा, संजय चौहान, सुमित बरागटा, बलदेव दिवान, देवेन्द्र चौहान, अरुण दिवान, सुरेन्द्र चौहान, राहुल, तनुज चौहान, साहिल पनेईक , हितेश ख़ाकटा, रमन कवर ने अंकुश चौहान को जिला अध्यक्ष बनने पर बधाई दी है। युवाओं ने कहा कि इनके नेतृत्व में महासु जिला काफी मजबूत होगा एवं भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता इनकी नियुक्ति से काफी खुश है। अंकुश चौहान ने दिए गए दायित्व के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा, मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा, शिमला संसदीय क्षेत्र के संगठन मंत्री पुरुषोत्तम गुलेरिया, प्रभारी बिहारी लाल शर्मा, सह- प्रभारी कुसुम सदरेट, ज़िला महासु के अध्यक्ष अजय श्याम, जुब्बल कोटखाई मंडल अध्यक्ष गोपाल जबैईक सहित शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है।
बुधवार 27 मई, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे पर सरकार को घेरते हुए कहा की भाजपा के प्रदेश अध्य्क्ष डॉ राजीव बिंदल का इस्तीफा इस तरफ इशारा करता है कि राष्ट्रीय आपदा के समय भाजपा ने घोटाला किया है अभी कुछ और भी बाहर आना बाकि है। जिस तरह इस कोरोना महामारी के समय इन के यंत्रों की खरीद मे घोटाला हुआ है इसमें प्रदेश की साख पर दाग लग गया है। जबकि सारा देश इस लड़ाई में एकजूट है। विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र नेता रजत राणा ने पूछा हेल्थ डायरेक्टरेट बीजेपी के अंडर आता है या हिमाचल सरकार के? इस्तीफा तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बनता है, स्वास्थ विभाग तो खुद मुख्यमंत्री के पास था। अगर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उच्च नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे सकता है, तो प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग देख रहे हैं प्रदेश के मुखिया क्यों नही?
The State Cabinet in its meeting under the chairmanship of Chief Minister Jai Ram Thakur appreciated the intensive exercise undertaken by the Cabinet Sub Committee to ascertain fiscal space with different departments. The Cabinet expressed concern over the large unspent funds of various departments and directed the departmental secretaries to vigorously monitor the utilization of these funds regularly. The Cabinet directed the Administrative Secretaries of Public Works Department, Rural Development, IPH and Power to develop a monitoring mechanism at place for ensuring utilization of funds available with their departments. The PWD and Jal Shakti Vibhag were directed to immediately update their schedule of rates and simplify the procedures including tendering. The Cabinet approved the concept of Portal for registration of those people who have come to HP and are in need of either a job or upgradation of their skills. It was decided that the scheme for loans for working capital requirements with interest subvention for the tourism sector be prepared by the Tourism Department immediately. The Cabinet also stressed the need for promotion of e-NAM, Constant monitoring / touch with Ladaanis, Labour, Mandis etc., augmenting CA storage, milk procurement processing and active involvement of SHGs in marketing to facilitate the farmers. The Cabinet also decided to set up a Committee under the Chairmanship of Industry Minister with ACS MPP & Power, Principal Secretary Revenue, Principal Secretary Agriculture, Pr. Secretary to Chief Minister, Secretary IPH and Secretary Horticulture to discuss the issue of likely shortage of labour in different sector and come up with solutions. It also decided to set up a Committee under the Chairmanship of Social Justice and Empowerment Minister with ACS Labour and Pr. Secretary Finance to examine the present system of sanction of Schemes under the Scheduled Castes Sub Plan Demand 32 and to propose a system for simplification and better monitoring of these schemes. The Cabinet also decided to set up a Committee under the Chairmanship of Additional Chief Secretary Power, assisted by Director Energy and Director Industries to evaluate how CSR funding could be leveraged for development of the State. The Cabinet also decided to identify one hospital in each Sub Division and make a proposal to equip the same both in terms of manpower and equipments to create better health infrastructure at the ground level and avoid unnecessary referrals. It decided to regularize the services of all those part time water carriers in Education Department who have completed 13 years of combined services, which includes five years as daily wage and eight years as part time water carrier. Earlier, 14 years were required for regularization to this category. The Cabinet decided to allow the Education Department to procure and supply school uniforms through HP State Civil Supplies Corporation under ‘Atal School Vardi Yojna’ for the year 2019-20 for the students of 1st to 12th classes. This will benefit about 8.31 lakh students of the State. It gave its approval to fill up 10 posts of Statistical Assistants in Women and Child Development Department through direct recruitment on contract basis. The Cabinet also gave approval to fill up three posts of different categories in Sub Employment Office Paddal in district Mandi to man this office. It accorded its consent to start science classes in Government Senior Secondary School, Sari Bhekhali in Kullu district along with creation of two posts of lecturers to facilitate the students.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने संस्थागत क्वारंटाइन केन्द्रों में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने पर बल दिया। वह प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के कारण तीव्र बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के अधिकतर मामले ऐसे लोगों के हैं, जिनका यात्रा ब्यौरा महाराष्ट्र और दिल्ली से आने का हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की जिम्मेवारी है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सैलून के संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अपनाना तथा इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेड जोन से आने वाले सभी लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया जाए तथा कोविड-19 के परीक्षण में नेगेटिव आने के उपरांत ही होम क्वारंटाइन के लिए स्थानान्तरित किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य देशों से आने वाले हिमाचलियों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाने की आवश्कता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य भागों से आने वाले हिमाचलियों का पूरा डाटा भी संकलित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पाॅजिटिव मरीजों की स्क्रीनिंग और मरीज कैसे संपर्क में आया है इसका पता लगाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए ताकि समय पर उनका उपचार किया जा सके और वायरस को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को कोरोना मुक्त ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाए ताकि क्वारंटीन रखे गए लोगों की गतिविधियों की प्रभावी तरीके से निगरानी की जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि होम क्वारंटाइन तंत्र को भी मजबूत और प्रभावी बनाया जाए ताकि होम क्वारंटाइन में रखे लोग अलग-थलग रहें और वायरस के चक्र को तोड़ने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वारंटाइन में लगे कर्मचारियों को भी सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के काम कर सकें। मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, ओंकार शर्मा, संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल के इस्तीफे को एक राजनैतिक स्टंट और दबाब की राजनीति का एक अंश माना है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग हो या सचिवालय में सेनेटाइजर की खरीद, इस माहमारी के दौर में सरकार के सरक्षंण में भ्रष्टाचार चरम सीमा में चल रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उन्हें लगता है कि प्रदेश भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी सुलग गई है। बिंदल का इस्तीफा इसी ओर इंगित भी करता है। चूंकि स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए यह एक दबाव की राजनीति के सिवा कुछ नही है, क्योंकि बिंदल भी जानते है कि पार्टी उनका कम से कम इस समय इस्तीफा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी। विक्रमादित्य सिंह ने कोरोना माहमारी के दौरान हो रहें घोटालों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग और सचिवालय में सेनेटाइजर खरीद की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।उन्होंने कहा है कि इसकी जांच उच्च न्यायालय के अधीन की जानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर व कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से डॉ राजीव बिंदल इस्तीफे पर कहा है कि देश प्रदेश में कोरोना माहमारी के चलते भाजपा स्वास्थ्य विभाग में घोटाले और भ्रष्टाचार के पाप से मुक्त नही हो सकती। इन नेताओं ने कहा है कि बिंदल के इस्तीफे से साफ है कि दाल में कुछ काला है पर निष्पक्ष जांच के बाद कही पूरी दाल ही काली न मिले। राठौर व अग्निहोत्री ने एक सयुंक्त बयान में कहा है कि बिंदल के इस्तीफे से कांग्रेस के प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होते है। इन नेताओं ने कहा है चूंकि स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है,इसलिए वह भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी से नही बच सकते। इन्होंने कहा है कि माहमारी के चलते स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार प्रदेश सरकार की पूरी पोल खोलता है। इन्होंने कहा है कि अभी तो इस भ्रष्टाचार की एक पोल ही खुली है आगे आने वाले समय मे तो इसकी कई परते और जड़े खुलेगी। इन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग जुड़े घोटालों में ओर भी कई बड़े नेता शामिल हो सकतें है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि भाजपा के नेता जो अपने आप को हमेशा पाक साफ साबित करने में जुटे रहते है जल्द ही बेनकाब होंगे। कांग्रेस इनके सभी घोटालों को जनता की अदालत में लेकर आएगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ऐसा न हो की सरकार की जांच एजेंसियां कहीं इसपर लीपापोती कर इनके नेताओं को बचाने का प्रयास करें। उन्हें विजिलेंस की जांच पर भरोसा नही है, इसलिए इसकी जांच उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज से करवाई जानी चाहिए।
हिमाचल भवन दिल्ली के उप आवासीय आयुक्त विवेक महाजन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिल्ली में फंसे 271 हिमाचलियों को लेकर एक विशेष रेलगाड़ी गत सायं हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के लिए रवाना की गई। उन्होंने कहा कि आवासीय आयुक्त कार्यालय द्वारा सूचना एवं जन सम्पर्क सचिव रजनीश के निर्देशानुसार विस्तृत व्यवस्था की गई थी, जो दिल्ली राज्य के नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने कहा कि फंसे हुए हिमाचलियों को उनके घरों में भेजने के लिए दिल्ली सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर, नोडल अधिकारी रजनीश ने रेल मंत्रालय और दिल्ली सरकार के साथ इस मामले को उठाकर रेलगाड़ी में सभी पंजीकृत यात्रियों की प्रदेश वापसी की योजना पर काम किया। उन्होंने कहा कि आवासीय आयुक्त कार्यालय द्वारा सभी पंजीकृत व्यक्तियों को सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए रात 12 बजे से अंबेडकर स्टेडियम में रिपोर्ट करने के साथ-साथ यात्रियों की चिकित्सकीय जांच की गई और यात्रियों को यात्रा के दौरान दोपहर और रात के भोजन के लिए भोजन के पैकेट भी प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि अंबेडकर स्टेडियम के स्क्रीनिंग सेंटर से रेलवे स्टेशन पहुंचाने के लिए 15 बसों को भी तैनात किया गया हैं।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों, चारों संसदीय क्षेत्र में के प्रभारियों एवं चारों संसदीय विस्तारकों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, सभी मोर्चों के अध्यक्षों एवं महामंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक संपन्न की। बैठक में प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, प्रदेश महामंत्री राकेश जमवाल, त्रिलोक जमवाल एव त्रिलोक कपूर एवं उपस्थित रहे। डॉ० बिन्दल ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष 30 मई 2020 को पूरा होने जा रहा है। यह वर्ष ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा, कई दशकों से भारत के आम जनमानस की इच्छाओं एवं आकांक्षाओं का सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि इसी दिन केंद्र में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ अपने दम पर एक बार पुनः सरकार बनाई। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी सभी 68 विधानसभाओं में भाजपा को ऐतिहासिक बढ़त मिली थी एवं कुल 69 प्रतिशत का मत प्रतिशत भाजपा को प्रदेश में प्राप्त हुआ था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से पूरी दुनिया त्रस्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय रहते लॉक डाउन की घोषणा सहित अन्य प्रभावी कदम उठाये। इन कदमों के लिए विश्व के कई देशों व संगठनों ने प्रधानमंत्री की सराहना की है। गरीब कल्याण हेतु आर्थिक पैकेज, जनसामान्य के लिए अलग प्रकार की योजनाएं व्यापार व आर्थिक क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की आर्थिक स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है "आत्मनिर्भर भारत’’। डॉ० बिन्दल ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आह्वान पर देश के कोने-कोने में पार्टी कार्यकर्ताओं ने करोड़ों जन सामान्य एवं जरूरतमंद लोगों को अलग-अलग प्रकार की सहायता प्रदान करने का काम किया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी अनेकों सेवा कार्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार मोदी सरकार-2.0 के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा हिमाचल प्रदेश वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अनेकों कार्यक्रम करेगी जिसमें ऽ प्रधानमंत्री द्वारा लिखित एक पत्र जिसमें आत्मनिर्भर भारत का संकल्प विश्व कल्याण हेतु भारत की भूमिका एवं कोविड-19 के फैलने से बचाव हेतु सावधानियों एवं स्वस्थ रहने हेतु अच्छी आदतों के संकल्प के आह्वान को देश भर में 10 करोड़ घरों तक पहुंचाना है । ऽ प्रदेश के सातों मोर्चां द्वारा संपर्क अभियान चलाया जाएगा जिसमें प्रत्येक मंडल पर बड़े पैमाने पर फेस कवर व सैनिटाइजर वितरित किए जाएंगे । ऽ स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने हेतु सभी कार्यकर्ता संकल्प लेंगे । उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश डिजिटल संपर्क कार्यक्रम चलाएगी जिसमें :- ऽ राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का संबोधन 30 मई को फेसबुक लाइव के माध्यम से किया जाएगा। ऽ प्रत्येक बूथ पर व्हाट्सएप ग्रुप का गठन किया जाएगा। ऽ दीप कमल संदेश का डिजिटल प्रकाशन होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश वर्चुअल रैली करने जा रही है जिसमें 750 से अधिक की संख्या वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ेगी। प्रत्येक मोर्चा प्रदेश भर में 500-500 लोगों को जोड़ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वर्चुअल रैली करेंगे और इन वर्चुअल रैलियों के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की आर्थिक घोषणाओं एवं योजनाओं की समाज के सभी वर्गों के बीच में व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी। डॉ० बिन्दल ने बताया कि इन कार्यक्रमों के लिए चारों संसदीय क्षेत्रों के संयोजक नियुक्त किए गए हैं जिसमें हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, प्रदेश सचिव पायल वैद्य शिमला संसदीय क्षेत्र, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में प्रदेश सचिव विशाल चौहान तथा प्रदेश सह मीडिया प्रमुख अमित सूद मंडी संसदीय क्षेत्र में इन कार्यों को विशेष रूप से देखेंगे। इस बैठक में चारों संसदीय क्षेत्रों के अभी तक के कार्यों पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि अभी तक पूरे प्रदेश में 3322 वीडियो कांफ्रेंस हुई है जिसमें कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में 1408, मंडी 658, शिमला में 669 एवं हमीरपुर में 337 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने कि कोविड-19 महामारी के कारण लाॅकडाउन और आर्थिक मंदी के बावजूद शिमला, नूरपुर, कांगड़ा और सिरमौर क्षेत्रों की शेष बची खुदरा शराब दुकानों को आज 35.52 करोड़ रुपये में बेचा गया। उन्होंने कहा कि कुल खुदरा शराब दुकानों के 1190 करोड़ रुपये के व्यवसाय के मुकाबले आबकारी एवं कराधान विभाग राज्य में 1180 करोड़ रुपये का व्यवसाय करने में सफल रहा है। मंगलवार को हुई नीलामी को छोड़कर, शेष व्यवसाय पूरे मूल्य पर हुआ है। उन्होंने कहा कि पहली बार शराब की दुकानों की बिक्री नवीनीकरण निविदा एवं नीलामी आधार पर मोल-भाव के बिना हुई है। पिछले वर्ष खुदरा शराब कारोबार का मूल्य 1085 करोड़ रुपये था और मोल-भाव के बाद मूल्य 126 करोड़ रुपये घटा, जिसके परिणामस्वरूप शुद्ध व्यवसाय 959 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के 959 करोड़ रुपये के मुकाबले इस वर्ष कारोबार 1180 करोड़ रुपये में बेचा गया है। संजय कुंडू ने कहा कि शिमला क्षेत्र की शराब की दुकानें 2.30 करोड़ रुपये, नूरपुर की 6.03 करोड़ रुपये, कांगड़ा की 4.80 करोड़ रुपये और सिरमौर की 22.39 करोड़ रुपये में बेची गई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार के व्यवहारिक प्रयासों के कारण आबकारी एवं कराधान विभाग राज्य में सभी खुदरा शराब दुकानों को बेचने में सफल रहा है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, जिसमें टेक सिंह, मण्डी, पंकज हैप्पी, नुरपूर, अंकित चोपड़ा, बिलासपुर, संदीप छिंटा, महासू, कृष्णकांत, सिरमौर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी प्रकार विषय ठाकुर, सोलन तथा ज्योति कपूर, मण्डी को महामंत्री नियुक्त किया गया है। भाजयुमो अध्यक्ष ने बताया कि संदीप पनियाल, चम्बा, संजीव कुमार, कुल्लू, साकेश शर्मा, सिरमौर, चंद्रकांता, शिमला, भुवनेश ठाकुर, मण्डी, आशीष सिकटा, सिरमौर सचिव पद का कार्यभार संभालेंगे। विजय गुप्ता, महासू को मुख्य प्रवक्ता तथा अशोक कंवर, महासू, वेद ठाकुर, कुल्लू जितेन्द्र सिंह, शिमला तथा राकेश ठाकुर, बिलासपुर को सह-प्रवक्ता बनाया गया है। उन्होनें बताया कि सौरभ धीमान, सोलन को मीडिया प्रभारी तथा तपन मिन्हास, कांगड़ा, विशाल ठाकुर, सुन्दरनगर, जगदीप शर्मा (रिंपल), हमीरपुर तथा मोहर चंद भारद्वाज, शिमला (मोनू) सह मीडिया प्रभारी बनाया गया है। महेश शर्मा, शिमला को कार्यालय सचिव तथा शिवम मित्तल को कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। मैड़ी नरयाल, चम्बा सोशल मीडिया एवं आई0टी0 प्रमुख बनाया गया है। जिलाध्यक्षों में :- अनिल कुमार ढकोग, भरमौर को जिला चम्बा, प्रणव शर्मा, शाहपुर को जिला कांगड़ा, आदर्श कुमार, इंदौरा को जिला नुरपूर, नितिन ठाकुर, देहरा को जिला देहरा, अरविन्द कुमार, बैजनाथ को जिला पालमपुर, तेनजिन कारपा, केलांग को जिला लाहौल स्पिति, नवल नेगी, बंजार को जिला कुल्लू, राकेश वालिया, बल्ह को जिला मण्डी, अमीचंद, करसोग को जिला सुन्दरनगर, अजय रिंटू, हमीरपुर को जिला हमीरपुर, पंकज शर्मा, झण्डूता को जिला बिलासपुर, कमल सैणी, हरोली को जिला ऊना, नरेन्द्र ठाकुर, कसौली को जिला सोलन, पारूल शर्मा, शिमला ग्रामीण को जिला शिमला, अंकुश चौहान, जुब्बल कोटखाई को जिला महासू तथा प्रवीण मोयान, निचार को जिला किन्नौर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाजयुमो अध्यक्ष अमित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व से चर्चा के उपरांत मोर्चे के अन्य पदाधिकारियों व कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र अति शीघ्र की जाएगी।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना आपदा से राहत देने के के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल प्रदेश को लगभग 288 करोड़ से ज़्यादा राशि ट्रांसफ़र कर दिए जाने की जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और इस इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सभी देश युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। हमारा देश भी इस से अछूता नहीं है जिसे देखते हुए देश की मोदी सरकार अपने नागरिकों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी सम्भव उपाय कर रही है। कोरोना आपदा के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, विधवाओं व दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। पूरे देश में अब तक 41 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को 52 हज़ार 608 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा "हिमाचल प्रदेश में भी ज़रूरतमंदों प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का पूरा लाभ मिला है। पीएम किसान योजना के 8 लाख 70 हज़ार से भी ज़्यादा लाभार्थियों को 174 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि उनके खातों में ट्रांसफ़र कर दी गई है। पीएम जनधन योजना के 6 लाख 13 हज़ार से ज़्यादा खाताधारकों के बैंक खातों में 30 करोड़ से ज़्यादा की राशि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफ़र कर दी गई है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत 1 लाख 11 हज़ार से अधिक वृद्धों, विधवाओं और दिव्याँगों को लगभग 5 करोड़ 59 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन फंड के 1 लाख 6 हज़ार से अधिक लाभार्थियों को 21 करोड़ 35 लाख से अधिक की आर्थिक मदद केंद्र सरकार द्वारा की गई है। ईपीएफ़ओ के 5 हज़ार 681 से ज़्यादा लाभार्थियों को 11 करोड़ से 98 लाख से ज़्यादा की राशि ट्रांसफ़र कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश के अंदर अब तक लगभग 24 लाख लोगों को 12 हज़ार मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के प्रथम चरण से अभी तक केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को अप्रैल माह तक विभिन्न मदों के लिए कुल 1,821 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार की आय में कमी आई है इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 92 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए हैं।” अनुराग ठाकुर ने कहा ”भारत सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी ज़रूरी व प्रभावी कदम उठा रही है। यह वक्त पूरी एकजुटता के साथ इस आपदा से निपटने व अपनी राष्ट्रीय एकता को दिखाने का है। इस समय हमें पूरे संयम और दृढ़ संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुझाए सभी उपायों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है। सतर्कता से ही कोरोना के संक्रमण की रोकथाम संभव है। हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएँगे व हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे।
हाटू मन्दिर समिति, नारकण्डा जिला शिमला ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 1,01,101 रुपए का अंशदान किया है। समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र कंवर ने इस राशि का एक चैक मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस अंशदान के लिए समिति का आभार व्यक्त किया है। समिति के उपाध्यक्ष प्रेम सिंह खिमटा, सचिव ज्ञान डोगरा और सदस्य प्रेम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. रतनम के निधन पर शोक व्यक्त किया है, जिनका हाल ही में चेन्नई में निधन हो गया। वी. रतनम 10 से 29 जुलाई, 1994 तक प्रदेश के राज्यपाल रहे और प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार भी संभाला। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के साथ अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने शोक संदेश में कहा है कि न्यायमूर्ति वी. रतनम प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ थे। उन्होंने रतनम के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।
शिक्षा विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला विधानसभा क्षेत्र के समरहिल वार्ड नम्बर 5 के पन्ना प्रमुखों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनहित को सहयोग प्रदान करने के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लोगों को साथ जोड़कर जरूरतमंद व गरीबों की सहायता की। बहनों द्वारा बड़ी संख्या में मास्क बनाकर घर-घर जाकर बांटे गए। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों को मानते हुए लोगों द्वारा लाॅकडाउन का पालन करने के कारण ही अन्य देशों की अपेक्षा देश व प्रदेश के संक्रमण और मृत्यु दर कम हुई है। प्रदेश में अपना कोई मामला इस संबंध में नहीं आया है। प्रदेश के लोग जो बाहर से राज्य में लाया गया उनमें कुछ लोगों को संक्रमण के लक्षण पनपे है, जिन्हें क्वाॅरेंटाइन सैंटर में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी प्रकार की भय की आवश्यकता नहीं है। इस संदर्भ में लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार द्वारा पुख्ता प्रबंधन किए गए है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अधिक से अधिक लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने, बाहर न निकलने तथा अत्यंत आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने, बाहर निकलने पर मास्क अवश्य लगाने तथा घर के बड़े बुजुर्गों की विशेष चिंता करने व बच्चों व गर्भवती महिलाओं का ख्याल रखने के प्रति सबको जागरूकता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा आर्थिक पैकेज दिया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी। प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन आरम्भ होने पर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए शिक्षा व्यवस्था बहाल करने का प्रयत्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की सहुलियतों तथा प्रदेश सरकार की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में टैक्सों में सुविधा प्रदान की गई है। मजदूरों को खाद्य एवं सब्सिडी के तहत राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा इस दौरान जरूरतमंद लोगों को भोजन व मास्क बांटे गए, जो कि सराहनीय है। हम समाज में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए उन सभी योद्धाओं का सम्मान करें ताकि उनका हौंसला बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति और जिला चम्बा के पांगी, भरमौर और किलाड़ क्षेत्र के जिला परिषद, पंचायत समिति अध्यक्ष और विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जारी लाॅकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की समय अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित बना रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र कोविड-19 महामारी से सुरक्षित रहें। अधिकांश पंचायतें लोगों को इस बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने और घरों से बाहर निकलने पर फेस मास्क व फेस कवर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने का सराहनीय कार्य कर रहीं हैं। जय राम ठाकुर ने इस संकटकाल में देश को 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधार पैकेज प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया जिसमें समाज के सभी वर्गों के कल्याण की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से हिमाचल प्रदेश को भी काफी लाभ होगा। मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है, जिससे निश्चित रूप से राज्य के इन क्षेत्रों में विकासात्मक बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन-4 ने हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है कि हम सभी को इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक गतिविधियों को पुनः आरंभ करना होगा। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने भी आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए कुछ छूट प्रदान करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कफ्र्यू में कुछ ढील प्रदान की है ताकि राज्य में आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में लाखों विद्यार्थी, श्रमिक व अन्य लोग फंसे हुए हैं जिनके कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। विभिन्न स्थानों से उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है हालांकि इससे राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिमाचल प्रदेश के सभी लोगों को क्वारन्टीन में रखा जा रहा है। जांच के बाद नेगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जा रही है और वहां भी उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को भी होम क्वारन्टीन का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति क्वारन्टीन के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जाए, ताकि उल्लंघनकर्ता को संस्थागत क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही शिमला में जनजातीय भवन को कार्यशील बनाएगी ताकि ईलाज और किसी अन्य अपात स्थिति में शिमला आने पर जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को भोजन व ठहरने की सुविधा प्रदान की जा सके। ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार का प्रयास लोगों को ग्रामीण स्तर पर ही रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि उन्हें आजीविका के लिए शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करने की आवश्यकता न रहे। कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व मंो राज्य सरकार कोरोना महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र राज्य के अन्य भागों की तरह प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के निदेशक ललित जैन ने वीडियो काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों का स्वागत किया। जिला परिषद किन्नौर अध्यक्ष ताशी यंगजेन, जिला परिषद अध्यक्ष लाहौल-स्पीति रमेश, प्रधान ग्राम पंचायत कल्पा प्रवीण कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत सिस्सू सुमन, भरमौर की ग्राम पंचायत सनाह के प्रधान अशोक कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत पांगी प्रकाश चंद और प्रधान ग्राम पंचायत ताबो देई चन्द ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। सचिव ग्रामीण विकास और पंचायती राज डाॅ. आर.एन. बत्ता और मुख्य अभियंता सीमा सड़क संगठन एम.एस. बाघी भी इस अवसर पर अन्य लोगों के सहित उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रश्मि धर सूद ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश पदाधिकारियों में पांच उपाध्यक्ष, दो महासचिव, पांच सचिव, एक सोशल मीडिया एवं आईटी प्रभारी, एक कोषाध्यक्ष और एक कार्यालय सचिव होंगे। उन्हीने बताया शोभा डडवाल, नूरपुर, वीना शर्मा, हमीरपुर, धन्नो देवी, चंबा, देव ऋषि, किन्नौर एवं नीलम ठाकुर, देहरा को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली। इसी प्रकार वंदना गुलेरिया हमीरपुर एवम शीतल व्यास, शिमला को प्रदेश महामंत्री की जिम्मेवारी दी गई है। गायत्री कपूर, धर्मशाला, मीनाक्षी राणा, ऊना, मांचली ठाकुर, मंडी, द्रौपदी शर्मा, सिरमौर एवं मंजू जरियाल ऊना को प्रदेश सचिव का दायित्व सौंपा गया। रश्मि सूद ने बताया कि डॉ अर्चना ठाकुर कुल्लू को प्रदेश सोशल मीडिया एवं आईटी का दायित्व सौंपा गया और मधु सूद शिमला को प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई है। किरण बाबा शिमला, को डाटा डिजिटिकरण एवं कार्यालय सचिव का दायित्व सौंपा गया है। महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्षा ने बताया कि सभी 17 जिलों के जिला अध्यक्षाओ की भी नियुक्त कर दी गयी है जिसमें कांता ठाकुर को ज़िला चंबा, अनीता सिपहिया, देहरा, रंजू रस्तोगी, कांगड़ा, श्रेष्ठा ठाकुर, नूरपुर, ठाकुर रागिनी रकवाल, पालमपुर, शकुंतला को लाहौल स्पीति, शिवानी वर्मा को सिरमौर, अनीता वर्मा को महासू, अनिला कश्यप को शिमला, रवीना नेगी को किन्नौर, मनीषा सूद को कुल्लू, सुमन ठाकुर को मंडी, अंजू शर्मा को सुंदरनगर, राजकुमारी को हमीरपुर, प्रोमिला ठाकुर को ऊना, भुवनेश्वरी लुंबा को बिलासपुर एवं शकुंतला शर्मा को जिला सोलन की अध्यक्षा नियुक्त किया गया है। राशिमधर सूद ने कहा कि मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारियों एवं कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने 24 मार्च, 2020 से पूरे राज्य में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था, जिसके उपरान्त जिला दण्डाधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत संबंधित जिलों में कर्फ्यू लागू करने के आदेश जारी किए थे। राज्य सरकार के एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जिला दण्डाधिकारी अपने जिलों में दो महीनों से अधिक समय के लिए कर्फ्यू लागू नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में दो महीने की अवधि 24 मई को पूरी हो गई है, लेकिन राज्य में कोरोना महामारी पर अभी तक नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इसलिए यह महसूस किया गया कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि कफ्र्यू में आगामी विस्तार देना पड़े। प्रवक्ता ने कहा कि 23 मई, 2020 को आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में जिला दण्डाधिकारियों को धारा-144 के अन्तर्गत संबंधित जिलों में स्थिति की आवश्यकता के अनुसार 30 जून, 2020 तक कफ्र्यू बढ़ाने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में 31 मई, 2020 तक कफ्र्यू लागू है और उसके उपरान्त जिला दण्डाधिकारी इस मामले में आगामी निर्णय लेंगे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन और राज्य के मुसलमान भाईयों को दूरभाष के माध्यम से ईद-उल-फितर की बधाई दी। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की है कि यह त्योहार देश में एकता, शांति और आपसी भाई-चारे की भावना को और मजबूत करेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से जहां पूरी दुनिया प्रभावित है वहीं हिमाचल प्रदेश के किसानों ने इसे एक अवसर के रूप में लिया है। प्रदेश के किसान इस कोरोना काल में अपने खेत-खलियान और बाग-बगीचों से जुड़कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देने में आगे आए हैं वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी अपने कदम आगे बढ़ाते हुए डिजिटल तकनीक व मोबाइल क्रान्ति को खेतों तक पहुंचा कर खेती से जोड़ दिया है। व्हाट्सएप पर दिए जा रहे है खेती के टिप्स संकट के इस समय में किसानों की आर्थिकी को बनाए रखने, समस्याओं के समाधान व उन्हें खेती संबंधी सलाह देने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सोशल मिडिया व्हाट्सएप का सहारा लिया जा रहा है जिसके लिए ब्लाॅक, जिला व राज्य स्तर पर व्टसएप ग्रुप बनाए गए है। कृषि अधिकारी वीडियो काॅलिंग के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंच कर लाइव रू-ब-रू होकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे है और व्हाट्सएप पर ही किसानों को प्राकृतिक खेती करने के भी टिप्स दे रहे हैं। प्रदेश में 94 कृषि ग्रुप किए सक्रिय कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रदेश भर में लगभग 94 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन ग्रुपों से लगभग 5676 किसानों का अभी तक जोड़ा जा चुका है। कृषि अधिकारी इन ग्रुपों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के सही जानकारी किसानों को दे रहे हैं। ब्लाॅक स्तर पर 80 व्हाट्सएप ग्रुप, जिला स्तर पर 12 ग्रुप और प्रदेश स्तर पर 2 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है। प्रदेश के सभी 80 ब्लाॅकों में बनाए गए कृषि ग्रुपों से लगभग 4 हजार, जिला स्तर पर बनाए गए 12 ग्रुपों से लगभग 500 किसानों को जोड़ा गया है जबकि प्रदेश स्तर पर बनाए गए 2 व्हाट्सएप ग्रुपों से लगभग 1176 किसानों व अधिकारियों को जोड़ा गया है। इसके अलावा प्रत्येक ब्लाॅक में तीन अधिकारी और जिला स्तर पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एसएमएस और डीपीडी की तैनाती भी की गई है, जो लाॅकडाउन के दौरान भी किसानों के साथ फोन के माध्यम से लगातार संपर्क में हैं। 2921 पंचायतों में खड़े किए जा चुके है माॅडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार की ओर से दो वर्ष पूर्व प्रदेश में शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि से अभी तक 54 हजार किसान जुड़ चुके हैं। 70 हजार से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश में अब तक 2151 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। वर्ष 2022 तक समूचे प्रदेश को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लक्ष्य के तहत प्रदेश की 2921 पंचायतों में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के माॅडल खड़े किए जा चुके हैं। किसानों को सस्ते दामों पर तैयार आदान मिल सके इसके लिए 312 संसाधन भंडार भी तैयार किए गए हैं। नए किसानों का प्रेरित कर रहे पहले से जुड़े लोग लाॅकडाउन के दौरान इन किसानों ने अपने साथ हजारों नए किसानों को जोड़कर प्रदेश को प्राकृतिक खेती राज्य बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएं हैं। प्रदेश में लाॅकडाउन के कारण जहां किसानों के लिए मास ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित नहीं हो पा रहे है वहां पर संकट के इस समय में पहले से ही प्राकृतिक खेती कर रहे किसान नए किसानों को न केवल सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि प्राकृतिक खेती करने की विधि के अनेक माॅडल भी किसानों के खेतों में खड़े करवाए हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने वाले नए किसान बताते हैं कि खेती की इस विधि को अपनाने में उन्हें बाजार से कुछ भी खरीद कर लाने की जरूरत नहीं होती है, खेती में प्रयोग होने वाले सभी आदान घर पर और घर के आसपास ही मिल जाते हैं। किसानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रयास किए जा रहे है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। प्रकाशित की जा रही है सफलता की कहानियां किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि की तकनीक आसान और सरल भाषा में समझ आ सके इसके लिए विशेष साहित्य भी तैयार किया गया है। प्राकृतिक खेती परियोजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई की ओर से प्राकृतिक खेती विधि की तकनीक को लेकर 6 पुस्तकों का संकलन किया गया है। किसान इन पुस्तिकाओं में बताई गई विधि और कृषि सलाह को पढ़कर अपने खेतों में आदानों को प्रयोग कर सके। प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को आकर्षित करने के लिए, प्राकृतिक खेती को अपना चुके सफल किसानों की कहानियों का भी प्रकाशन किया जा रहा है। दी जा रही है कृषि सलाह प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान किसानों को आ रही समस्याओं का हर संभव समाधान किया जा रहा है। फसल को लगने वाली विभिन्न बीमारियों से फसल बचाव के संबंध में भी समय-समय पर किसानों का कृषि सलाह दी जा रही है जिसके लिए व्हाट्सएप का प्रयोग भी किया जा रहा है। किसानों के प्रदेश भर में व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है।