सोलन: गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दो दिवसीय सीबीएसई कार्यशाला का आयोजन

गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज से दो दिवसीय सीबीएसई कार्यशाला का आयोजन किया हो रहा है जिसका आज आगाज़ हो गया है। पलहे दिन हुई इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के 120 प्रधानाचार्यों और वरिष्ठ अध्यापकों ने भाग लिया, और यह आयोजन सीबीएसई द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पंचकूला के सहयोग से हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें तरुण कुमार (संयुक्त सचिव, सीबीएसई), इंद्रजीत मित्तल, और संजीव कुमार पुरी ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन ने प्रतीकात्मक रूप से ज्ञान के प्रकाश को अज्ञानता के अंधकार से जीतने का संदेश दिया। इसके बाद, विद्यालय की छात्राओं ने भव्य देवी वंदना प्रस्तुत की, जिसने संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दिया। इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और विद्यालय के लिए गर्व की बात कही कि सीबीएसई ने इस कार्यशाला का आयोजन उनके स्कूल में किया। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था क्योंकि विद्यालय ने हमेशा अपने शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए प्रयास किए हैं, और इसके परिणामस्वरूप, गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोलन शहर का पहला स्कूल बन चुका है, जहां सभी शिक्षक सीबीएसई द्वारा निर्धारित 50 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित करना था, ताकि वे सीबीएसई के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भविष्य में संसाधन व्यक्ति (Resource Person) के रूप में भूमिका निभा सकें। तरुण कुमार, जो सीबीएसई पंचकूला के प्रमुख हैं, ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (ToT) प्रमाणन पाठ्यक्रम का हिस्सा है, जिसे सी० बी० एस० ई० ने ISTM, DoPT, भारत सरकार के सहयोग से शुरू किया है। इस कोर्स का उद्देश्य सभी प्रतिभागियों को प्रभावशाली शिक्षण की आवश्यक तकनीकों और प्रशिक्षण कौशल से सशक्त बनाना था। उन्होंने आगे बताया कि इस कोर्स के माध्यम से शिक्षकों को NEP 2020 के अनुसार 50 घंटों के निरंतर पेशेवर विकास (CPD) के लिए तैयार किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम एंड्रागॉजी, प्रशिक्षण डिजाइन, अनुभवात्मक शिक्षण और सक्रिय सहकर्मी शिक्षण के विषयों पर केंद्रित था।
कार्यशाला के पहले दिन का सत्र पूर्ण रूप से इंटरएक्टिव था, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साह और समर्पण के साथ भाग लिया। सी० बी० एस० ई० पंचकूला के अधिकारियों ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सी० बी० एस० ई० प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शिक्षक और प्रधानाचार्य को संसाधन व्यक्ति के रूप में प्रशिक्षित करना था। इस अवसर पर पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) और टीजीटी(ट्रैन्सजीन टीचर्स) भी कार्यशाला में भाग लेने के लिए उपस्थित थे। उन्हें भविष्य में सी० बी० एस० ई० के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संसाधन व्यक्ति के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यशाला ने विद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई और इसे शैक्षिक नवाचार की दिशा में नई ऊंचाई तक पहुंचाया। यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, क्योंकि इसने विद्यालय के शिक्षण पद्धतियों को अधिक प्रभावी, आधुनिक और प्रशिक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत योगदान दिया। इस कार्यशाला ने एक नई दिशा को जन्म दिया है, जिससे विद्यालय के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को एक नई प्रेरणा मिली है, और यह भविष्य में शिक्षा प्रणाली को अधिक सशक्त और उन्नत बनाने में मदद करेगा।