दो दिन की राहत के बाद एक बार फिर कोरोना के नए मरीजों की संख्या ने पचाल हजार का आंकड़ा पार कर लिया। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 50,040 नए कोरोना केस आए और 1258 लोगों की जान चली गई। वहीं देश में रिकरवी रेट बढ़कर 96.75% पर पहुंच गया। देश में अभी 5,86,403 एक्टिव मरीज हैं, जिनका अस्पतालों में या घरों में इलाज चल रहा है। बता दें कि शनिवार को 48,698 नए कोरोना केस आए और 1183 संक्रमितों की जान चली गई। इससे पहले 21 जून को 42,640 मामले आए थे। बीते दिन 64 लाख 25 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक 32 करोड़ 17 लाख से ज्यादा लोगों को वैकसीन लगाई जा चुकी है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है हालांकि इसकी रफ्तार जरूर कम हो गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने ये बात कही है। साथ ही उन्होंने कोरोना टेस्ट के पॉजिटिविटी रेट की जिला स्तर पर निगरानी करने की बात कही है। जिससे महामारी को स्थानीय स्तर पर ही रोक लिया जाए और तीसरी लहर की संभावना को भी टाला जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, देश में अभी 75 जिले ऐसे हैं जहां साप्ताहिक पॉज़िटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है। जबकि 92 जिले ऐसे हैं जहां अब भी पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 प्रतिशत के बीच बना हुआ है। इसके अलावा देश के 565 जिले ऐसे हैं जहां ये पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से भी कम है। वहीं ICMR की एक रीसर्च स्टडी के अनुसार कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी गंभीर और खतरनाक नहीं होगी। ये रीसर्च स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में 'भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना' शीर्षक से प्रकाशित हुई है। मैथमेटिकल मॉडल पर आधारित शोध के तहत इस रीसर्च स्टडी को तैयार किया गया है।
भारत में कोरोना संक्रमण मामले पिछले पांच दिनों में दूसरी बार 50 हजार से कम दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 48,698 नए कोरोना केस आए और 1183 संक्रमितों की जान चली गई है। इससे पहले 21 जून को देश में 42,640 मामले आए थे। वहीं पिछले 24 घंटे में 64,818 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 17,303 एक्टिव केस कम हो गए। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.31 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 97 फीसदी है। एक्टिव केस करीब 2 फीसदी हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
देशभर में अबतक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 51 मामले सामने आए हैं। कुल 12 राज्यों में ये केस दर्ज किए गए। इनमें से सबसे ज्यादा 22 मामले महाराष्ट्र से आए हैं। तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के 9 मामले आए है, जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, कर्नाटक में एक-एक मामला सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही भीड़ को रोकने, व्यापक जांच करने जैसे रोकथाम उपाय करने का आग्रह किया जहां कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात और हरियाणा को लिखे पत्रों में इन उपायों का सुझाव दिया है। उन्होंने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि कोविड संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्शिया की निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं ताकि क्लीनिकल महामारी विज्ञान संबंधी सहसंबंध स्थापित किए जा सकें। वहीं आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में किए गए नमूनों में 50 फीसदी से अधिक में डेल्टा वेरिएंट है। भारत में कोविड-19 के 90 फीसदी मामले बी.1.617.2 (डेल्टा) वेरिएंट के हैं। 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाए गए हैं।
कोविड टीकाकरण अभियान में हिमाचल प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है। हिमाचल के आसपास कोई भी राज्य नहीं हैं। पिछले एक सप्ताह में राज्य में रिकॉर्ड टीकाकरण किया गया है। प्रदेश में अब तक 49.7 फीसदी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। अभी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग की 55 लाख की आबादी को टीका लगाया जाना है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 23 जून तक 27 लाख 44 हजार 942 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अभी तक केवल 16 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लगी है। देश के 24 राज्यों में हिमाचल प्रदेश पहले स्थान पर बना हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली भी नौवें स्थान पर है। यहां अभी तक 34.3 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन लगी है। हिमाचल में 18 से 44 साल आयु वर्ग के 6 लाख 69 हजार 27 लोगों को पहला टीका लगाया जा चुका है।
भारत में कोरोना का कहर अभी जारी है। लगातार तीसरे दिन 50 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 51,667 नए कोरोना केस आए और 1329 संक्रमितों की जान चली गई है। इससे पहले बुधवार को 54069, मंगलवार को 50,848 नए मामले आए थे। वहीं पिछले 24 घंटे में 64,527 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 14,189 एक्टिव केस कम हो गए। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.30 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 96 फीसदी से ज्यादा है। एक्टिव केस करीब 2 फीसदी हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
भारत मे अब तक 30 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक कुल 30,16,26,028 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है जिसमें पहली और दूसरी डोज शामिल है. वहीं पिछले 24 घंटों में 64,89,599 वैक्सीन डोज दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक 30,16,26,028 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है जिसमे अब तक भारत मे 24,82,24,925 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज और 5,34,01,103 लोगों कोरोना के टीके की दोनो डोज दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि देश में एक बार भी बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 50 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 54,069 नए कोरोना केस सामने आए है और 1321 संक्रमितों की जान चली गई है। इससे पहले मंगलवार को 50,848 नए मामले आए थे। वहीं बीते दिन 68,885 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 16,137 एक्टिव केस कम हो गए।
सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों के टीकाकरण के लिए दो दिन विशेष अभियान चलाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में कॉलेजों में परीक्षाओं से पहले 28 और 29 जून को अंतिम वर्ष के छात्रों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। 26 जून दोपहर 1:00 बजे तक सभी जिलाधिकारियों को वैक्सीन लगाने वालों की सूची भेजनी होगी। स्कूल और कॉलेज परिसरों में विशेष शिविर लगाकर 250 से 300 का टीकाकरण किया जाएगा। 18 साल से अधिक आयु के विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावक भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्नातक डिग्री कोर्स बीए, बीएससी, बीकॉम और शास्त्री के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का संभावित शेड्यूल जारी कर दिया है। ये परीक्षाएं एक जुलाई से शुरू होंगी और अधिकतम छह अगस्त तक चलेंगी। प्रदेशभर में 156 परीक्षा केंद्रों में 35 हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। विवि ने ईयर सिस्टम के साथ ही बीएचएम, बीटेक और बीवॉक के ऑड सेमेस्टर की परीक्षाओं का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। एक जुलाई से कॉलेजों में प्रस्तावित परीक्षाओं को देखते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने 25 जून से शिक्षकों को भी कॉलेजों में बुलाया है। वहीं शीतकालीन स्कूलों और जिन स्कूलों में छुट्टियां नहीं की गई हैं, वहां एक जुलाई से शिक्षकों का आना अनिवार्य कर दिया गया है। 30 जून तक सभी शिक्षकों को वैक्सीन लगवाना सुनिश्चित करने की प्रिंसिपलों को जिम्मेवारी सौंपी गई है।
कोरोना मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। देश में 91 दिनों बाद सबसे कम कोरोना केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 42,640 नए कोरोना केस आए और 1167 संक्रमितों की जान चली गई है। इससे पहले 22 मार्च को 40,715 कोरोना केस दर्ज किए गए थे। बीते दिन 81,839 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 40,366 एक्टिव केस कम हो गए। देश में लगातार 40वें दिन कोरोना संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 21 जून तक देशभर में 28 करोड़ 87 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन रिकॉर्ड 86 लाख 16 हजार टीके लगाए गए। वहीं, अबतक 39 करोड़ 40 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 16 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से ज्यादा है। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.30 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 96 फीसदी है। एक्टिव केस घटकर 3 फीसदी से कम हो गए हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में 20 जून तक कुल 200410 व्यक्ति कोविड पाॅजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक माह के दौरान कोरोना पाॅजिटिव मामलों में निरंतर कमी आई है और कोविड पाॅजिटिव मामलों की संख्या 2711 रह गई हैं। 14 जून से 20 जून के दौरान कोविड के 1860 पाॅजिटिव मामले और पाॅजिटिविटी दर 1.3 प्रतिशत दर्ज की गई। इसी अवधि के दौरान जिला बिलासपुर में कुल 9655 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 104 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.1 प्रतिशत रही। चंबा में कुल 8899 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 222 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 2.5 प्रतिशत, हमीरपुर में कुल 9670 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 158 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.6 प्रतिशत, कांगड़ा में कुल 33060 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 434 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.3 प्रतिशत, किन्नौर में कुल 1994 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 48 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 2.4 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू में कुल 6355 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 99 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.6 प्रतिशत रही। लाहौल स्पीति में कुल 1081 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 21 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.9 प्रतिशत, मंडी में कुल 24342 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 276 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.1 प्रतिशत रही। शिमला में कुल 11714 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 211 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.8 प्रतिशत, सिरमौर में कुल 10032 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 116 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 1.2 प्रतिशत, सोलन में कुल 9626 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 83 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 0.9 प्रतिशत और जिला ऊना में कुल 12437 लोगों के कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें से 88 लोग पाॅजिटिव पाए गए और पाॅजिटिविटी दर 0.7 प्रतिशत दर्ज की गई। इसी अवधि के दौरान प्रदेश में 51 कोरोना मरीजों की मृत्यु दर्ज की गई हैं।
भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब थमने लगी है। देश में 81 दिनों बाद 60 हजार से कम कोरोना संक्रमण के 60 हज़ार से कम मामले सामने मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 58,419 नए कोरोना केस आए और 1576 संक्रमितों की जान चली गई है। इससे पहले 30 मार्च को 60 हजार से कम कोरोना केस दर्ज किए गए थे। बीते दिन 87,619 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 30,776 एक्टिव केस कम हो गए। देश में लगातार 38वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 19 जून तक देशभर में 27 करोड़ 66 लाख 93 हजार कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 38 लाख 10 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक 39 करोड़ 10 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 18 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से ज्यादा है।
कोरोना से मरने वाले सभी लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने में केंद्र ने असमर्थता जताई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने बताया है कि इस तरह का भुगतान राज्यों के पास उपलब्ध स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड से होता है। अगर राज्यों को हर मृत्यु के लिए 4 लाख रुपए के भुगतान का निर्देश दिया गया तो उनका पूरा फंड खत्म हो जाएगा। इससे कोरोना से निपटने की तैयारी के साथ ही बाढ़, चक्रवात जैसी आपदाओं से भी लड़ पाना असंभव हो जाएगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कोविड से होने वाली मौतों पर 4 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल हुई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और 2015 में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की तरफ से गाइडलाइंस जारी की गई थी, जिसमें आपदा की वजह से होने वाली मौतों पर पर 4 लाख रुपए मुआवजा देने की बात है। इस पर केंद्र की ओर से कहा गया है कि ये नियम भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर ही लागू होता है। वंही, केंद्र ने कहा है कि इस वित्त वर्ष में राज्यों को 22,184 करोड़ रुपए SDRF में दिए गए इसका एक बड़ा हिस्सा कोरोना से लड़ने में खर्च हो रहा है। केंद्र ने 1.75 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज घोषित किया है। इसमें गरीबों को मुफ्त राशन के अलावा वृद्ध, दिव्यांग, असमर्थ महिलाओं को सीधे पैसे देने, 22.12 लाख फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर्स को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर देने जैसी कई बातें शामिल हैं। इस समय केंद्र और राज्यों को राजस्व की कम प्राप्ति हो रही है। ऐसे में कोरोना से हुई 3 लाख 85 हज़ार मौतों के लिए 4-4 लाख रुपए का भुगतान करना आर्थिक रूप से बहुत कठिन है। राज्यों को इसके लिए बाध्य किया गया तो आपदा प्रबंधन के दूसरे अनिवार्य कार्य प्रभावित होंगे।
Covid-19 claimed ten more lives in Himachal Pradesh, taking the death toll due to the disease to 3,423, while 239 fresh cases pushed the infection count to 2,00,282, according to the information provided by department of health and family welfare Himachal Pradesh . The active cases have now dipped to 2990. The overall recoveries so far has reached 1,93,850 with 432 patients getting cured of the infection in the past 24 hours .
पहले तो जानवरों में घातक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आए लेकिन अब कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने भी जानवरों को अपनी चपेट में लेना शुरू कटर दिया है। तमिलनाडु के वंडालूर में स्थित अरिगनर अन्ना जूलॉजिकल पार्क में कोविड-19 से संक्रमित 4 शेरों में यह वेरिएंट मिला है। इन शेरों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के बाद यह बात सामने आई है। गौरतलब है कि डेल्टा वेरिएंट काफी तेजी से अन्य जानवरों में संक्रमित कर सकता है, इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। दरसल चिड़ियाघर प्रशासन ने 11 शेरों के नमूनों को भोपाल के आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में जांच के लिए भेजा था। इसके बाद तीन जून को संस्थान ने बताया था कि नौ शेरों के नमूनों में कोरोना संक्रमण का पता चला है। इसके बाद एनआईएचएसएडी के निदेशक यह जानकारी दी कि अन्ना चिड़ियाघर की ओर से भेजे गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिसके विश्लेषण से पता चला कि इनमें से चार शेरों के नमूनों में कोरोना का डेल्टा स्वरूप पाया गया। इससे पहले चिड़ियाघर की नौ साल की एक शेरनी नाइला और 12 साल के पथबनाथन नाम के शेर की इस महीने की शुरुआत में कोरोना से मौत हो गई थी।
कोरोना वायरस के कम होते मामलों के बाद राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में दोबारा केस बढ़ने का खतरा भी बना हुआ है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कोरोना से जुड़ी गाइडलाइंस के सख्ती से पालन करने की बात कही गई है। गृह मंत्रालय के सेक्रेटरी अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को लेटर लिखकर निर्देश दिया है कि लॉकडाउन खोलते समय कोविड अनुकूल व्यवहार, टेस्टिंग-ट्रैकिंग-इलाज और टीकाकरण के लिए रणनीति अपनाना बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित हो।
भारत में धीरे-धीरे कोरोना वायरस की रफ़्तार थमने लगी और साथ ही संक्रमण से रिकवरी रेट में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही। देश में अब कोरोना वायरस के एक्टिव मामले 74 दिनों बाद सबसे कम हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 60,753 नए कोरोना केस सामने आए और 1647 संक्रमितों की जान चली गई है। बीते दिन 97,743 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 38,637 एक्टिव केस कम हो गए। 18 जून तक देशभर में 27 करोड़ 23 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बते दिन 33 लाख टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 38 करोड़ 92 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है। गौरतलब है कि कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। बकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि ट्रक यूनियनों, निजी बस ऑपरेटरों, टैक्सी यूनियनों और होटल उद्योग से जुड़े लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्राथमिकता समूह श्रेणियों में शामिल किया गया है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि संबंधित श्रेणियों के लोगों को टीकाकरण के लिए पंजीकरण और प्रमाणीकरण के उद्देश्य से टीकाकरण के लिए निर्धारित पपत्र का संबंधित बस, टैक्सी, ट्रक आॅपरेटर या होटल के मालिक द्वारा प्रमाणीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन समूहों को कोविड-19 टीकाकरण के उद्देश्य से इन नई श्रेणियों को जोड़ा गया है और इससे लाभार्थी के पक्ष में कोई अन्य लाभ अर्जित नहीं होगा। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के दृष्टिगत लगाए गए प्रतिबंधों में आंशिक छूट प्रदान करने, सार्वजनिक परिवहन शुरू करने और राज्य में पर्यटकों के आगमन से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक गतिविधियों में शामिल लोगों का टीकाकरण करने से इस महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण के संबंध में भारत सरकार द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए है, जो 21 जून से प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा कि नए टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत प्रदेश को कोविशिल्ड की 2.5 लाख खुराक की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सुचारू संचालन और टीकाकरण रणनीति के संबंध में स्वास्थ्य सचिव द्वारा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व जिला टीकाकरण अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रैस के माध्यम से चर्चा कर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी पात्र लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए जून, 2021 माह के लिए भारत सरकार की ओर से मिलने वाली वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर जिलों के लिए नई टीकाकरण रणनीति तैयार की गई है। जिसके अन्तर्गत लक्षित लाभार्थियों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी-ए के लिए पहली खुराक के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लाभार्थी, 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कोविशील्ड की दूसरी खुराक के लिए सभी पात्र लाभार्थी, भारत सरकार द्वारा नामित सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, सभी अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता व राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सभी प्राथमिकता समूहों के पात्र लाभार्थी, जिन्हें टीकाकरण की पहली व दूसरी खुराक लगाई जानी है को शामिल किया गया है। जबकि 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थी जो उपरोक्त श्रेणी में शामिल नहीं हैं को श्रेणी-बी में रखा गया है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में 21 जून से 30 जून, 2021 तक दोनों श्रेणियों के लाभार्थियों का टीकाकरण करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई गई है ताकि दोनों श्रेणियों के लाभार्थियों का टीकाकरण अलग-अलग किया जा सके। दोनों श्रेणिायों के लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए दिन निर्धारित किए गए है जिसके अनुसार श्रेणी-ए के लाभार्थियों के लिए वीरवार, शुक्रवार व शनिवार के दिन टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे जबकि श्रेणी-बी के लाभार्थियों के लिए सोमवार, मंगलवार व बुधवार को टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे और रविवार के दिन टीकाकरण के लिए कोई सत्र आयोजित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि श्रेणी-बी 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थियों के लिए तैयार की गई रणनीति के अन्तर्गत ग्रामीण, जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में ऑन-स्पाॅट पंजीकरण की सुविधा जबकि शहरी क्षेत्रों जैसे नगर निगम, एनएसी व नगर परिषद आदि क्षत्रों में ऑनलाइन स्लाॅट बुकिंग के माध्यम से टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए सभी ऑनलाइन सत्र टीकाकरण की तिथि से एक दिन पूर्व दोपहर 12 से 1 बजे के बीच प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले निर्देशों के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग और अन्य श्रेणियों जैसे स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, अग्रिम पंकित कार्यकर्ता और प्राथमिकता वाले समूहों के लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए पहली खुराक की समय सीमा 30 जून, 2021 तक बढ़ाई गई है। उन्हांेने कहा कि जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की शत-प्रतिशत आबादी को कम से कम पहली खुराक प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसके लिए आन-स्पाॅट सत्र आयोजित किए जाएंगे और यदि आवश्यक हो, तो रविवार व अन्य छुट्टियों के दिन भी आॅन-स्पाॅट सत्र आयोजित किए जाएगे। उन्होंने कहा कि जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पात्र लाभार्थियों का शत प्रतिशत टीकाकरण 25 जून, 2021 तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जुलाई में बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल शुरू करेगा। इंस्टीट्यूट नोवावैक्स वैक्सीन बच्चों के इस्तेमाल के लिए टेस्ट करेगा जिसे अमरीका की बॉयोटेकनोलॉजी फर्म ने डेवेलप किया है, जिसे भारत में कोवोवैक्स के नाम से ब्रांडिड किया गया है। सीरम नोवावैक्स के साथ पार्टनर है और वो भारत में सितंबर तक कोवोवैक्स लांच करने की संभावना जाता रही है। टीका डेवलप करने वाली अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने अमेरिका में किए गए बच्चों पर ट्रायल के बाद कहा था कि अमेरिका राज्य मैक्सिको के 119 शहरों में इसके फेज-3 ट्रायल के बहुत अच्छे परिणाम सामने आए जिनका प्रतिशत 90.4% रहा। गौरतलब है कि भारत बायोटेक भी 12-18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन की क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। यह ट्रायल एम्स पटना और दिल्ली में कुल 525 बच्चों पर किया जाएगा। साथ ही जायडस कैडिला भी 12-18 साल के बच्चों के लिए अपनी कोविड वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। फार्मा कंपनी अब 5-12 साल के बच्चों पर भी क्लीनिकल ट्रायल की योजना बना रही है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर की बेकाबू रफ्तार पर अब धीरे-धीरे लगाम लग रही है। 73 दिनों बाद कोरोना के एक्टिव मामले 8 लाख से कम हुए हैं और 58 दिन बाद एक दिन में मौत का आंकड़ा 2 हजार से कम हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 62,480 नए कोरोना केस आए और 1587 संक्रमितों की जान चली गई है। बीते दिन 88,977 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 28,084 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले बुधवार को 67,208 केस दर्ज किए गए थे। देश में लगातार 36वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 17 जून तक देशभर में 26 करोड़ 89 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 32 लाख 59 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 38 करोड़ 71 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.29 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 96 फीसदी है। एक्टिव केस घटकर 3 फीसदी से कम हो गए हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच अब ब्लैक फंगस भी परेशानी बढ़ा रहा है। बड़ो के साथ-साथ अब बचे भी ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे है। ऐसा ही एक मामला मुंबई से सामने आया है। मुंबई में ब्लैक फंगस के शिकार हुए तीन बच्चों की आंख निकालनी पड़ी है। जानकारी के मुताबिक, तीनों ही बच्चे कोरोना से रिकवर हो चुके थे, लेकिन बाद में ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए। मुंबई के प्राइवेट अस्पतालों में आए इन केसों में तीनों बच्चों की उम्र 4, 6 और 14 साल है। डॉक्टर्स के मुताबिक, 4 और 6 साल के बच्चों में डायबिटीज़ के लक्षण नहीं हैं, जबकि 14 साल वाले बच्चे में हैं। इसके अलावा एक 16 साल का लड़की भी है, जो कोरोना से रिकवर होने के बाद डायबिटीज़ का शिकार हुई है। लड़की के पेट में ब्लैक फंगस पाया गया था। डॉक्टर के मुताबिक, 16 साल की बच्ची में पहले से डायबिटीज़ के लक्षण नहीं थे, लेकिन कोरोना से रिकवर होने के बाद उसमें कुछ दिक्कतें आईं। ब्लैक फंगस उसके पेट तक जा पहुंचा था, हालांकि बाद में उसे रिकवर किया गया। वहीं, 4 और 6 साल के बच्चों का इलाज एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में हुआ। अस्पताल के मुताबिक, अगर बच्चों की आंख को नहीं निकली जाती उनकी जान बचाना काफी मुश्किल हो जाता। गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस के हजारों मामले देश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ रहे है। कई ऐसे केस हैं, जहां पर मरीजों की आंख या नाक को हटाना पड़ा है या उनके चेहरे पर फंगस का बुरा असर पड़ा है।
मध्यप्रदेश में कोरान संक्रमण की दूसरी लहर भले ही कमजोर हो गई है, लेकिन खतरा अब भी बरकरार है। राज्य में कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट केस सामने आने से चिंता बढ़ गई है। भोपाल में एक महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। महिला के संपर्क में आए 20 अन्य लोगों की जांच की जा रही है। फिलहाल महिला घर पर है। दरअसल भोपाल में बरखेड़ा पठानी निवासी 65 साल की महिला में यह वैरिएंट मिला है। कुछ दिन पहले उसके सैंपल की जांच करने के लिए भेजा गया था। जीनोम सिक्वेंसिंग में महिला के सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने की पुष्टि हुई। साथ ही रिपोर्ट में डेल्टा और अन्य वैरिएंट भी मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अब महिला के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटा रही है। अभी तक इसमें 20 लोग की पहचान की गई है, जिनकी जांच चल रही है। हालांकि, महिला की रिपोर्ट निगेटिव है और अपने घर पर आइसोलेट है। देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है। अब इसी वैरिएंट का बदला रूप डेल्टा प्लस है। यह पहली बार भारत में ही पाया गया। अभी तक देश में 6 डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले मिल चुके हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि इस नए डेल्टा प्लस वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का भी असर नहीं हो रहा है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर काफी भयावह रही। हालाँकि, इसपर पर अब धीरे-धीरे काबू हो रहा है। लेकिन इस बार कोरोना के दौरान ही एक नया इंफेक्शन सामने आया जिसे फंगस इंफेक्शन कहा गया। ये कोरोना मरीजों में भी देखने को मिला था जिसका असर आंखो पर दिखाई दिया था। इसे ब्लैक, व्हाइट और येला फंगस नाम दिए गए लेकिन मध्य प्रदेश में एक कोरोना से ठीक हुए मरीज में ‘ग्रीन’ फंगस देखने को मिला है। डॉक्टर्स भी इसे एक नई चिंता बता रहे है। मध्य प्रदेश के एक सीनियर डॉक्टर के हवाले से बताया गया कि यहां एक कोरोना सर्वाईवर में ग्रीन फंगस सामने आया है और ये संभवत: देश का पहला मामला है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में ब्लैक और व्हाइट फंगस मिलने के बाद नया इंफेक्शन ग्रीन फंगस सामने आया है। वहीं, पिछले महीने ही एम्स चीफ रणदीप गुलेरिया ने फंगस को रंग वाले नाम देकर कंफ्यूजन पैदा करना बताया था। दरसल, मध्य प्रदेश के एक 34 वर्षीय मरीज ने दो महीने महामारी से लड़ाई लड़ने के बाद वह ठीक हो गया। इस दौरान उसे नाक से खून बहने और बुखार की परेशानी हुई थी जिसके बाद आशंका जताई गई उन्हें ब्लैक फंगस ने अपने शिकंजे में कस लिया है। लेकिन जब आगे टेस्ट हुए तो इस फंगस को ग्रीन फंगस पाया गया। ग्रीन फंगस की पहचान के बाद मरीज को इंदौर से मुंबई एयरलिफ्ट किया गया जहां उनका इलाज किया जाएगा।
देश में कोरोना के नए मामले पाए जाने की रफ्तार धीमी हो रही है। लगातार दसवें दिन संक्रमण के नए मामले एक लाख से कम दर्ज किए गए हैं। वहीं मौत का आंकड़ा भी पहले से कम हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 67,208 नए कोरोना केस आए और 2330 संक्रमितों की जान चली गई है। बीते दिन 1 लाख 3 हजार 570 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं, यानी कि कल 38,692 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले मंगलवार को 62,224 केस दर्ज किए गए थे। देश में लगातार 35वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 16 जून तक देशभर में 25 करोड़ 55 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 34 लाख 63 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 38 करोड़ 52 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.28 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 96 फीसदी है। एक्टिव केस घटकर 3 फीसदी से कम हो गए हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
देश में कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है। हालांकि संक्रमण दर पहले से काफी कम हो गई है लेकिन कोरोना संक्रमण से हुई मौतें अभी भी बड़ी चिंता का विषय है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के दैनिक मामले 1 लाख से कम दर्ज किए हैं। वहीं, बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है। बीते 24 घंटे मेें देश में कोरोना के 62,224 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2,542 मरीजों ने कोरोना संक्रमण से अपनी जान गवाई। इसी के साथ देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 8,65,432 है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई डाटा के मुताबिक, रिकवरी रेट बढ़कर 95.80 फीसदी हो गई है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम होकर वर्तमान में 4.17 फीसदी हुई है। दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.22 फीसदी है जो लगातार 9 दिनों से 5 फीसदी से कम है।
प्रदेश में अब 21 जून से हर आयु वर्ग के लोगों को अब बिना स्लॉट बुक करवाए कोरोना वैक्सीन लगेगी। अभी तक युवाओं यानी 18 से 44 आयु वालों को वैक्सीन लगाने के लिए स्लॉट बुकिंग करवानी पड़ रही है। 21 जून से युवाओं के लिए भी स्लॉट बुकिंग करवाने का झंझट खत्म हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे वैक्सीनेशन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के पास अभी भी 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए 7 लाख से ज्यादा डोज उपलब्ध हैं। ऐसे में 21 जून के बाद अब सभी एक ही श्रेणी में आ जाएंगे और यह 7 लाख डोज सभी आयु वर्ग को लगना शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि युवाओं को स्लॉट बुक करवाने के लिए परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। कई लोगों ने शिकायत की है कि स्लॉट बुक नहीं हो रहे हैं और उनका वैक्सीन लगाने में नंबर आएगा या नहीं, ये सबसे बड़ी दुविधा है।
कोरोना वायरस के तेजी से फैलने वाला 'डेल्टा' वैरिएंट अपना रूप बदलकर 'डेल्टा प्लस' या 'एवाई.1' बन गया है। लेकिन भारत में अभी इसे लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं। वैज्ञानिकों द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 'डेल्टा प्लस' प्रकार, वायरस के डेल्टा या 'बी1.617.2' प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी। यह वैरिएंट महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है, डेल्टा प्लस उस 'मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल' उपचार का रोधी है जिसे हाल ही में भारत में स्वीकृति मिली है। दिल्ली स्थित सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान में वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि के417एन उत्परिवर्तन के कारण बी1.617.2 प्रकार बना है जिसे एवाई.1 के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह उत्परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में सहायता करता है। आगे स्कारिया ने ट्विटर पर लिखा कि भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है। यह सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं। स्कारिया ने यह भी कहा कि उत्परिवर्तन, वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता से भी संबंधित हो सकता है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी भी जारी है। हालांकि अब नए मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन मौतों की संख्या अभी भी ज्यादा है। पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 60 हजार 471 नए मामले सामने आए हैं और 2726 लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि देश में 75 दिनों बाद एक दिन में इतने कम मामले सामने आए है। वहीं, कल एक लाख 17 हजार 525 लोग ठीक भी हुए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने बताया है कि भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 17 लाख 51 हजार 358 सैंपल टेस्ट किए गए।। जिसके बाद कल तक कुल 38 करोड़ 13 लाख 75 हजार 984 सैंपल टेस्ट किए जा चुके है।
देश लगातार सातवें दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले एक लाख से दर्ज किए गए हैं। कुल एक्टिव केस 10 लाख से कम हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 70,421 नए मामले सामने आए है। वंही, 3921 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 1 लाख 19 हजार 501 लोग कोरोना से ठीक भी हुए है। यानी कि बीते दिन 53,001 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले 30 मार्च 2021 को 53,480 केस दर्ज किए गए थे। देश में लगातार 32वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 13 जून तक देशभर में 25 करोड़ 48 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 14 लाख 99 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 38 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 14.92 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है।
केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 26 करोड़ 64 लाख से ज्यादा कोरोना की वैक्सीन डोज दी है। वहीं राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों में पास 1.53 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन डोज अभी भी उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना है। अगले तीन दिनों में राज्यों को 4 लाख 48 हजार 760 वैक्सीन डोज और मिल जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक, अब तक कुल 26 करोड़ 64 हजार 84 हजार 350 डोज मुफ्त श्रेणी और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के माध्यम से दी है। इसमें से वैक्सीन वेस्टेज सहित कुल 25 करोड़ 12 लाख 66 हजार 637 वैक्सीन डोज अब तक इस्तेमाल की जा चुकी है। जिसके बाद राज्यों के पास 1 करोड़ 53 लाख 79 हजार 233 वैक्सीन डोज बाकी है जिन्हें दिया जाना है। इसके अलावा 4,48,760 वैक्सीन डोज अगले 3 दिनों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जाएंगी। भारत में अबतक 25 करोड़ 31 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था। कोरोना टीकाकरण के अगले चरण की शुरुआत 1 मार्च से शुरू हुआ था जिसमें 45 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है उनका टीकाकरण शुरू हुआ था। वहीं, 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को टीकाकरण शुरू किया गया था। 1 मई से 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
देश में दैनिक कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ी गिरावट दर्ज की गई है। 71 दिनों बाद कोरोना के सबसे कम नए मामले आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 80,834 नए कोरोना केस आए और 3303 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 1 लाख 32 हजार लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 54,531 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले 31 मार्च को 72,330 केस दर्ज किए गए थे। वंही, देश में लगातार 31वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 12 जून तक देशभर में 25 करोड़ 31 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 34 लाख 84 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक 37 करोड़ 81 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन मौत के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 की वजह से एक बार फिर 3402 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि इस दौरान 91 हजार 226 नए केस सामने आए हैं। इससे पहले गुरुवार यानी 10 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 6148 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 92 लाख 73 हजार 338 हो गई है, जबकि 3 लाख 63 हजार 97 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 1.33 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है। इसके बाद भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 77 लाख 78 हजार 894 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आई है और 11 लाख 31 हजार 347 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और देशभर में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इस बीच सरकार ने एक बार फिर टीकाकरण को लेकर नियमों में बदलाव किया है और अब कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच का अंतर कम कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर बताया है कि विदेश यात्रा पर जाने वालों के लिए कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज का गैप कम किया गया है, जबकि आम परिस्थिति में लोगों को दूसरी डोज के लिए 84 दिन का इंतजार करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, विदेश में पढ़ने और नौकरी करने वाले लोग 28 दिन बाद कोविशील्ड की दूसरी डोज ले सकते है। इसके अलावा टोक्यो में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल के एथलीट, खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ भी कोविशील्ड की दूसरी डोज 28 दिनों बाद ही लगवा सकते हैं। गौरतलब है कि 16 जनवरी को जब देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई थी, तब कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर 4-6 हफ्ते तय किया गया था। इसके बाद 22 मार्च को इसमें बदलाव किया गया और इसे बढ़ाकर 6-8 हफ्ते कर दिया गया। इसके बाद 13 मई को कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर को एक बार फिर बढ़ा दिया गया और इसे 12-16 हफ्ते कर दिया गया।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इस दौरान मौत के आंकड़ों में 6148 की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 91 लाख 83 हजार 121 हो गई है, जबकि 3 लाख 59 हजार 676 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 1.51 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है।
केंद्र सरकार अगस्त से हर दिन 1 करोड़ वैक्सीन की डोज देने की तैयारी कर रही हैं। इसको लेकर इस महीने सौ करोड़ वैक्सीन की डोज के आर्डर भी दिए गए हैं। देश में वैक्सीन की सप्लाई को तेज करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस समय हर दिन वैक्सीन की 30 लाख डोज दी जा रही है। सरकार का अगला टारगेट एक करोड़ डोज प्रतिदिन देने का है। इसके लिए वैक्सीनेशन को लेकर नई नीति भी बनाई गई है। मंगलवार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त से वैक्सीनेशन सप्लाई को और तेज कर दिया जाएगा। पॉल ने बताया ने बताया कि सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को 44 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। इस वैक्सीन की सप्लाई अगस्त और दिसंबर के बीच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि 18-44 साल के आयुवर्ग के लिए वैक्सीनेशन को पूरा करने के लिए वैक्सीन के प्री-ऑर्डर कंपनियों को दिए जाएंगे। इसमें प्राइवेट अस्पतालों का कोटा 25 फीसदी है। ऐसे में इस ग्रुप के लिए 22 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है।
भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार पर ब्रेक लगता दिख रहा है, लेकिन इस बीच नए मामलों के साथ मरने वालों के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में एक बार फिर नए मामलों में बढ़ोतरी हुई है और 92 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 2219 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले मंगलवार यानि 8 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटों में कोविड-19 संक्रमण के 86498 नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2123 मरीजों की मौत हुई थी। बता दें कि भारत में अब कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 90 लाख 88 हजार 176 हो गई है, जबकि 3 लाख 53 हजार 557 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही अगर बात करें वैक्सीनेशन की तो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 8 जून सुबह 8 बजे तक कोरोना वैक्सीन की 23 करोड़ 61 लाख 98 हजार 726 डोज दी जा चुकी है। इनमें से 18 करोड़ 95 लाख 95 हजार 747 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, जबकि 4 करोड़ 66 लाख 2 हजार 979 लोग दोनों डोज लगवा चुके हैं।
सामाजिक आर्थिक विकास के कार्यों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना सतत सहयोग प्रदान कर समुदाय के कल्याण के प्रति अपने दायित्व की पूर्ति करते हुए जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लोगों के जीवन को बचाने और संक्रमितों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए अपना सक्रिय योगदान दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों के साथ-साथ जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों पर चुनकर आए सदस्यों व प्रतिनिधियों ने कोरोना की दूसरी लहर में जिला के बसंतपुर, मशोबरा, ठियोग, नारकंडा, ननखड़ी, रामपुर, जुब्बल, चैपाल, रोहड़ू, छौहारा कुपवी और टुटू समेत 407 पंचायतों में संक्रमण से बचाव और संक्रमित रोगियों की देखभाल के लिए सहयोग व सहायता प्रदान कर कार्य किया गया। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों व प्रतिनिधियों द्वारा क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की निरंतर निगरानी का कार्य किया जा रहा है होम क्वॉरेंटाइन में रहकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे रोगियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है। बाहर से आए व्यक्ति जिला के इन क्षेत्रों की विभिन्न पंचायतों में क्वॉरेंटाइन हैं जिनकी निगरानी व जांच कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिनमें उस क्षेत्र के पंचायत सदस्यों पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग मिल रहा है। पंचायती राज सदस्य व प्रतिनिधियों के सहयोग से जिला के विभिन्न पंचायतों में लक्षण प्राप्त 2710 लोगों की जांच का कार्य किया गया। प्रदेश सरकार के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला में 635 विभिन्न विवाह व धार्मिक अनुष्ठान कार्यों का निरीक्षण इनके द्वारा किया गया तथा इनमें भीड़ इकट्ठी ना होने देना की प्रतिबद्धता के प्रति जिम्मेदारी का निर्वाहन किया गया। होम आइसोलेशन रह रहे 1766 कोरोना संक्रमित रोगियों की जांच की गई। सभी विकास खंडों में सेनेटाइजेशन शिमला जिला की सभी विकास खंडों के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कोरोना संक्रमण की जंग लड़ने में इनका सहयोग सार्वजनिक क्षेत्रों को सैनिटाइज करने में भरपूर रूप से प्राप्त हुआ है जगह जगह गली मोहल्लाें, बाजाराें और पगडंडियों के सैनिटाइज के कार्यों को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के साथ इन पदाधिकारियों, सदस्यों ने अंजाम दिया। इसके अतिरिक्त जागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोविड-19 सकारात्मक व्यवहार और कोविड-19 से बचाव के लिए विशेष मानक संचालन की अनुपालना के प्रति जागरूकता प्रदान की गई। विभिन्न प्रचार सामग्रियों को लोगों तक पहुंचाने और उस पर अमल कर कोरोना से बचाव के प्रति सचेत किया गया। मास्क वितरण कार्य तथा लोगों को मास्क बना कर समाज को प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया, विशेष रुप से स्वयं सहायता समूह का योगदान इसमें लेकर उन्हें सेवा की मुख्यधारा से जोड़ा गया। हाेम आइसोलेशन के लाेगाें काे दी दवाई होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को राशन, सब्जी, दवाइयां आदि की उपलब्धता पंचायतों द्वारा भी सुनिश्चित की जा रही है। जिला में 129 होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को राशन उपलब्ध करवाया गया। पंचायत प्रतिनिधि,पंचायत सचिव तथा पंचायती राज ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोविड 19 जांच के लिए परस्पर जानकारी जुटाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है तथा टीकाकरण के लिए सभी विकास खण्डों में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति के दाह संस्कार आदि कार्यो में भी पंचायत प्रतिनिधि व पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य अपना सहयोग प्रदान कर रहे है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के राज्य नाट्य दल द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा लोगों को कोरोना महामारी से बचाव व सावधानियों के बारे जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में कलाकारों ने कोरोना महामारी से बचाव के विभिन्न उपायों जैसे साबुन से बार-बार हाथ धोनें, परस्पर दूरी बनाए रखने, ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाने, सेनिटाइजर का उपयोग करने इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान कलाकार लोगों को पारम्परिक लोक नाट्य और लोक गीतों के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न दिशा-निर्देशों के बारे में भी अवगत करवा रहे हैं। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस ब्रेसकाॅन ने बताया कि लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न जिलों के दूर-दराज क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ़्तार अब काम होने लगी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 636 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, कल 2427 लोगों की मौत हो गई. हालांकि कल एक लाख 74 हजार 399 लोग ठीक भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में आए कोरोना वायरस के नए मामले 61 दिनों में सबसे कम है. इससे पहले सबसे कम केस 7 अप्रैल को दर्ज किए गए थे, तब एक दिन में एक लाख 15 हजार से ज्यादा केस सामने आए थे. मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में अब दैनिक पॉजिटिविटी रेट 6.34 फीसदी हो गई है. वहीं, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस वैक्सीन की 13 लाख 90 हजार 916 डोज लगाई गईं हैं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 23 करोड़ 27 लाख 86 हजार 482 हो गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिष ने जानकारी दी है कि भारत में कल कोरोना वायरस के 15 लाख 87 हजार 589 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. जिसके बाद कल तक कुल 36 करोड़ 63 लाख 34 हजार 111 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.
शिमला। राज्य सरकार द्वारा वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने व इस बीमारी से संक्रमित लोगों के जीवन को बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं, उचित देखभाल व उपचार के परिणामस्वरूप कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 94 प्रतिशत तक पहुंच गई है। राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में तैनात हजारों चिकित्सकों,नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों द्वारा प्रदान की जा रही बहुमूल्य सेवाओं के फलस्वरूप अब तक प्रदेश में एक लाख 81 हजार 972 लोग इस महामारी को मात देकर स्वस्थ हो चुके है। प्रदेश में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों के अब तक 194727 मामले सामने आ चुके है, जिनमें से 181972 मरीज स्वस्थ्य हो कर अपने-अपने परिवार संग हंसी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। राज्य में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 9484 रह गई है।राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में व्यापक स्तर पर कोरोना परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों सहित अनेक स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड महामारी के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करवा कोरोना टेस्ट किए जा रहे है। प्रदेश में अब तक 2005214 लोगों का कोविड परीक्षण पाए गए हैं, जिसमें 1809866 लोगों का कोरोना परीक्षण नेगेटिव पाए गए हैं। प्रदेश में ब्लैक फंगस के 16 मामले भी सामने आए हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना महामारी को मात देकर जिदंगी की जंग जीतने वाले लोगों में कांगड़ा जिला प्रदेश भर में सबसे अग्रणी बना हुआ है। कांगड़ा जिला में अब तक सबसे ज्यादा 41052 कोरोना मरीज ठीक हुए है। जबकि दूसरे स्थान पर जिला मंडी है। मंडी जिला में ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 24651 है। इसके अलावा जिला बिलासपुर में 11709, जिला चंबा में 9224, जिला हमीरपुर में 12863, जिला किन्नौर में 2748, जिला कुल्लू में 7889, जिला लाहौल स्पीती में 2510, जिला शिमला में 22705, जिला सिरमौर में 14034, जिला सोलन में 20730 और जिला ऊना में 11857 लोग कोरोना महामारी से स्वस्थ हो चुके है।
स्पूतनिक वी वैक्सीन तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित पनेशिया कंपनी 20 जून तक स्टेट ड्रग कंट्रोलर से लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। अभी तक कंपनी ने केवल टेस्ट ट्रायल के लिए लाइसेंस लिया है। टेस्ट में खरा उतरने के बाद अब व्यावसायिक उत्पादन के लिए कंपनी लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। दिल्ली के उच्च न्यायालय ने कंपनी को टीके बनाने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार को 14 करोड़ जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस निर्णय से पनेशिया को उम्मीद बंधी है। अगर यह राशि कंपनी को मिलती है तो रूसी कोविड टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन में तेजी आएगी। आदेश के मुताबिक स्पूतनिक वी वैक्सीन की बिक्री आय का 20 प्रतिशत रजिस्ट्री के माध्यम से जमा किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए यह निर्देश जारी किए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में HIV पॉजिटिव महिला में 216 दिन तक रहा वायरस, 32 बार हुआ म्यूटेशन, जानिए पूरा मामला
कोरोना वायरस की भीषण तबाही को पूरी दुनिया ने देख लिया। अभी भी यह खतरनाक वायरस कई देशों में चौंकाने वाले कारनामे कर रहा है। ऐसा ही एक मामला दक्षिण अफ्रीका से सामने आया है जहां एक HIV पॉजिटिव महिला के अंदर कोरोना वायरस 216 दिन तक रहा और इस दौरान वायरस में 30 बार म्यूटेशन हुआ। डरबन स्थित क्वाजूलू-नेटल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसका खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि 36 वर्षीय महिला के शरीर में 13 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में देखे गए। यह वही प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को प्रतिरोधक तंत्र के हमले से बचाता है। हालांकि यह महिला में मौजूद म्यूटेशन का प्रसार अन्य लोगों में भी हुआ या नहीं इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजेलिस टाइम्स से बातचीत में स्टडी के लेखक टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया है कि अगर ऐसे और मामले मिलते हैं तो इससे आशंका नजर आएगी कि HIV इन्फेक्शन नए वेरिएंट का सोर्स हो सकता है। बताया गया कि सबसे पहले महिला को लक्षण दिखाई दिया तो उसका टेस्ट कराया गया और वह पॉजिटिव निकली। शुरुआती इलाज के बाद भी महिला में हल्के-फुल्के लक्षण थे, लेकिन वायरस उसके अंदर ही मौजूद रहा। फिर वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 13 बार म्यूटेशन हुआ, इसी स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर ही ज्यादातर वैक्सीन वायरस पर असर कर सकती है। इस महिला का मामला तब पता चला जब महिला 300 HIV पॉजिटिव लोगों पर की गई स्टडी में शामिल हुईं। ऐसे मरीजों में वायरस लंबे वक्त तक रहता है जिससे उसे म्यूटेट होने का मौका मिलता है। टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया कि इलाज के बाद भी वायरस महिला के अंदर मौजूद था। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह खोज महामारी की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण है। एचआईवी प्रभावित देशों में ऐसे मरीजों में वायरस को फैलने से रोकने के लिए इस मुहिम में तेजी आएगी। बता दें कि अफ्रीका देशों में कोरोना संक्रमण ने भी कहर बरपाया है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका में अब कोरोना का प्रसार कम हुआ है।
भारत में कोरोना वायरस की रफ़्तार धीरे-धीरे थमने लगी है। देश में पिछले घंटे में कोरोना के 1,20,529 नए मामले सामने आए है। इसके बाद देश में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,86,94,879 हो गई है। वहीं बीते 24 घंटे में 3,380 लोगों ने संक्रमण से जान गवाई है। अब देश में कुल मौतों की संख्या 3,44,082 हो गई है। इसी तरह 1,97,894 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,67,95,549 हुई। देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों यानी एक्टिव केस की बात करें तो फिलहाल ये आंकड़ा 15,55,248 के निशान पर रुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 28 मई से लगातार नए सामने आने वाले कोरोना केस दो लाख से कम हुए हैं। वहीं रोजाना औसतन 100 से ज्यादा नए मामले सामने आने वाले जिलों में भी लगातार कमी आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के मामले प्रतिदिन घटते जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण की दैनिक दर करीब 6 प्रतिशत है, जबकि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने की दर भी 93 प्रतिशत से ऊपर है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार अब धीरे-धीरे थमने लगी। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 1 लाख 34 हज़ार नए केस सामने आए हैं और 2899 मरीजों ने संक्रमणा से जान गवाई है। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 84 लाख 40 हजार 988 हो गई है, जबकि 3 लाख 38 हजार 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं इससे पहले बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 1 लाख 32 हजार 788 नए केस दर्ज किए गए थे और 3207 संक्रमितों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के आसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 2.11 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है। इसके बाद भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 63 लाख 82 हजार 897 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आई है और 17 लाख 20 हजार 78 लोगों का इलाज चल रहा है।
काेराेना महामारी ने देश और प्रदेश में इस वर्ष होने वाली जनगणना की प्रक्रिया को राेक दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पिछले साल दिसंबर माह में तैयारियां भी शुरु कर दी गई थी, लेकिन इस वर्ष जनगणना संभव हो पाना काफी कठिन लग रहा है। कारण यही है कि पूरा देश इस वक्त काेराेना से लड़ रहा है, हालाँकि कोरोना से जंग पूरी तरह जीतने के बाद शायद जनगणना की प्रक्रिया शुरु हाे जाए। प्रदेश सरकार ने जनगणना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यस्तरीय समन्वय समिति भी बना दी है। हिमाचल प्रदेश में जनगणना कार्य में पारदर्शिता और सही जानकारी के संकलन के लिए मोबाइल एप भी बनेगा। इसके माध्यम से राज्य में जनगणना 2021 का अधिकतम कार्य संपादित करवाया जाएगा। जानकारियों का संकलन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकेगा। बीते फरवरी व मार्च माह में उपायुक्तों और जिले के अन्य अधिकारियों को जनगणना के कार्य का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया है। निदेशक जनगणना के मुताबिक जनगणना कार्यालय द्वारा हिमाचल में 18 मास्टर ट्रेनर को पिछले साल नवंबर में प्रशिक्षण दिया गया था। ये मास्टर ट्रेनर मार्च में सभी जिलों में लगभग 418 फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण देने वाले थे। इनके द्वारा अप्रैल में राज्य के लगभग 19500 प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को जनगणना का कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना था, लेकिन काेराेना के बढ़ते केस काे देखते हुए ऐसा संभव नहीं हाे पाया। बताया गया कि जनगणना से पहले प्रगणक अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर मोबाइल एप के माध्यम से जनगणना का कार्य संपादित करेंगे। मोबाइल फोन के माध्यम से जनगणना कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 25 हजार और पेपर पर कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 17 हजार रुपये मानदेय भी दिया जाना है। 16 मई से 30 जून तक हाेना थी मकानाें की गणना जनगणना विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में प्रथम चरण में 16 मई से 30 जून तक मकानों की गणना कर उन्हें सूचीबद्ध किए जाने का शेडयूल तैयार कर दिया है। उपरोक्त कार्य के साथ-साथ राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर को भी अपडेट किया जाएगा। जनगणना के संपूर्ण कार्य का पर्यवेक्षण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। पर अभी इसके लिए हिमाचल के काेराेना मुक्त हाेने का इंतजार करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का कोटा बढ़ा दिया है। यह कोटा 18 से 44 साल और 45 साल से ऊपर के दोनों वर्गों के लिए बढ़ाया गया है। हिमाचल सरकार ने केंद्र से पहले 1,19,760 डोज मांगी थी। जबकि केंद्र सरकार ने इसमें 47,420 डोज बढ़ाकर हिमाचल को 1,67,180 डोज देने का फैसला लिया है। यह कोटा जून महीने के लिए जारी हुआ है। इसी तरह केंद्र सरकार ने 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी डोज बढ़ा दी है। इसमें 2,52,770 के अलावा 46,630 डोज बढ़ाई है। यह वैक्सीन एक सप्ताह के भीतर आ सकती है। 45 साल से ऊपर के आयु वर्ग के लिए यह डोज हिमाचल को केंद्र से निशुल्क मिलेगी। यह वैक्सीन जून के पहले पखवाड़े के लिए जारी की गई है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की कुल जनसंख्या के 27.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगा दी है। 18 साल से ऊपर की पात्र जनसंख्या के 34 प्रतिशत और 45 साल से ज्यादा उम्र के 89.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। 22 और श्रेणियों को प्राथमिकता से लगेगा टीका प्रदेश सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए 22 और श्रेणियां को शामिल किया है। इसमें सभी दिव्यांगों, सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के पूरे स्टाफ को प्राथमिकता से वैक्सीन लगेगी। जल शक्ति, लोक निर्माण, पशुपालन आदि महकमे के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा पशुपालन विभाग के कर्मचारी, टेलीकॉम प्रोवाइडर के कर्मचारी, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी, जल शक्ति विभाग के कर्मचारी, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी, ईपीएफओ और इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी, डाक विभाग के कर्मचारी, उद्योग विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारी, खाद्य आपूर्ति निगम के सभी कर्मचारी, ट्रेजरी विभाग के कर्मचारी जीएडी, एसएडी, विधानसभा, पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और राज्यपाल सचिवालय के कर्मचारी, रेलवे विभाग के सभी कर्मचारी, 18 साल से ऊपर के सभी एनसीसी कैडेट, जेलों में बंद सभी 18 साल से ऊपर के कैदी, हिमाचल प्रदेश टूरिज्म में सभी कार्यरत कर्मचारी और कोविड-19 में अपनी ड्यूटी निभा रहे सभी वालंटियर को स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता की सूची में डाला है। इन सभी को अपने संबंधित विभागों से सर्टिफिकेट लाना होगा। जिसमें यह पता लग सके कि यह उसी विभाग में कार्यरत है। दुर्गम क्षेत्रों में बिना स्लॉट बुकिंग लगेगा टीका प्रदेश सरकार ने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों के लिए स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है।अब वेबसाइट पर शेड्यूल बुक किया जा सकेगा। कोविड टीकाकरण रणनीति के लिए गठित स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे कम होने लगी है और नए मामलों में भारी कमी आई है। इसके साथ ही मौत के आंकड़े भी घटे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 1 लाख 52 हज़ार से ज़्यादा नए केस सामने आए हैं और 3129 मरीजों की मौत हुई है, जबकि इससे पहले रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे में 1.65 लाख नए मामले दर्ज किए गए थे और 3460 मरीजों की मौत हुई थी।वर्ल्डोमीटर के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 80 लाख 46 हजार 957 हो गई है, जबकि 3 लाख 29 हजार 127 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही, देशभर में पिछले 24 घंटे में 2.3 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 56 लाख 84 हजार 529 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट हुई है और देशभर में 20 लाख 33 हजार 301 लोगों का इलाज चल रहा था।
देश में यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले वक्त में लोगों को दी जाने वाली कोरोना की वैक्सीन में बहुत बड़े बदलाव हो सकते हैं। यह बदलाव किसी और वजह से नहीं बल्कि यह हाल भूल से लगाई जाने वाली कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ को देखते हुए हो रहा है। वैज्ञानिक अब इस शोध में लगने वाले हैं कि आने वाले वक्त में लोगों को "मिक्स एंड मैच" वैक्सीन की डोज दी जाए। मिक्स एंड मैच वैक्सिंग की डोज़ का मतलब होता है कि एक टीके की डोज किसी कंपनी की और दूसरे टीके की डोज किसी कंपनी की लगाई जाए। शोध के बाद आने वाले परिणामों को देखते हुए ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। कई बार ऐसा देखा गया है कि लोगों को दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ देने से उनके अंदर मजबूती और उनके अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता ज्यादा हो जाती है। क्योंकि हाल के दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में इस तरीके की घटनाएं सामने आई है। हालांकि यह घटनाएं लापरवाही की वजह से ही हुई हैं लेकिन वैज्ञानिक आधार पर इस तरीके की कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे जाते हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि देश में आने वाले वक्त में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की स्टडी की जाएगी। उनका कहना है कि हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों में स्ट्रांग इम्यूनिटी बनाने का है। इसके लिए लगातार शोध होते रहते हैं। यह भी उसी कड़ी का हिस्सा होगा। टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक तैयारियाँ पूरी हैं, बहुत जल्द ही इस पर शोध किया जाएगा।। जांच के लिए दो अलग-अलग वर्गों को वैक्सीन देने के लिहाज से बांटा जाएगा और उसके बाद इसके परिणाम को आंका जाएगा। वह कहते हैं कि टीकाकरण की पुरानी व्यवस्थाओं में भी ऐसा अक्सर देखा जाता रहा है कि अलग-अलग कंपनियों की अलग-अलग डोज़ देने से किसी भी तरीके का मरीज पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। अगर यह शोध सफल हो जाएगा तो देश में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। ऐसा करने से वैक्सीन लगाने की टाइमिंग से लेकर पूरे प्रोटोकॉल को नए स्वरूप में लाना होगा। हालांकि इस पूरे मामले को देखने वाले सदस्यों का कहना है कि वैक्सीन के प्रोटोकॉल के बदलने की कोई भी आवश्यकता नहीं होगी। देश में हो रहे टीकाकरण की व्यवस्था पर नजर रखने वाली टीम के सदस्य लगातार उन मरीजों को ऑब्जर्व कर रहे हैं जिनको अलग-अलग कंपनी की दो अलग-अलग डोज़ लगाई गई है। इस पूरे मामले में शोध करने वाली टीम का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ महीने में ही मिक्स एंड मैच व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। क्योंकि अगले 3 से 4 महीने के भीतर देश में और भी बहुत सारी कंपनियों की वैक्सीन आने वाली है। उनके आने से यह व्यवस्था और ज्यादा मजबूत हो सकेगी। साथ ही मिक्स एंड मैच टीकाकरण व्यवस्था से लोगों को बहुत ज्यादा टीके के लिए ना तो इंतजार करना पड़ेगा और ना ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर धीरे-धीरे मंद पड़ रही है लेकिन मौत की संख्या में मामुली गिरावट ही दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1 लाख 65 हजार 553 नए कोरोना केस आए और 3460 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 2 लाख 76 हजार 309 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 1,14,216 एक्टिव केस कम हो गए. इससे पहले शुक्रवार को 173,790 लाख और गुरुवार को 186,364 लाख नए केस दर्ज किए गए थे। आज देश में लगातार 17वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं. पिछले 46 दिन में आज कोरोना वायरस के सबसे कम नए मामले आए हैं। 29 मई तक देशभर में 21 करोड़ 20 लाख 66 हजार 614 कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 30 लाख 35 हजार 749 टीके लगाए गए। वहीं अबतक 34 करोड़ 31 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन करीब 20 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 8 फीसदी से ज्यादा है।
देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप हालाँकि अभी भी जारी है। लेकिन वंही अब दिन प्रतिदिन कोरोना के नए मामलों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना 1 लाख 73 हजार नए मामले सामने आए हैं, जोकि बीते 45 दिनों कोरोना संक्रमण का सबसे कम आंकड़ा हैं। देश में पिछले 24 घंटे में 2 लाख 84 हजार 601 मरीज़ ठीक भी हुए हैं। बता दें कि देश में अबतक कोरोना से 2 करोड़ 51 लाख 78 हजार 11 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में अब रिकवरी रेट बढ़कर 90.80 फीसदी हो गया है। वहीं, साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट अब 9.84 फीसदी हो गया है, जो लगातार पिछले पांच दिनों में दस फीसदी से कम है। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना से 3617 लोगों की मौत हुई है।


















































