खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। ई-केवाईसी के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया को 31 अक्तूबर पूर्ण किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि विभागीय सर्वर में अचानक आई तकनीकी समस्या के दृष्टिगत ई-केवाईसी की प्रक्रिया बाधित हो गई थी, जिसे दुरूस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21 अक्तूबर से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पुन: सुचारू रूप से कार्य करना आरंभ कर देगी। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि संबंधित उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए विभाग का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी उचित मूल्य की दुकान में राशन प्राप्त करने में कोई असुविधा हो रही हो तो इसका समाधान 24 अक्तूबर तक कर दिया जाएगा।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल पूह पीसी नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि 66 केवी अकपा-पूह सिंगल सर्किट ट्रांसमिशन लाईन में मरम्मत कार्य के चलते सुन्नम वैली, पूह, हंगरंग वैली, खाब, नमज्ञां, डूबलिंग व समस्त स्पीति खण्ड में 21, 28 अक्तूबर तथा 5 नवंबर को प्रात: 7 बजे से दोपहर ं2 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
-मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ओक ओवर से मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने दुग्ध प्रसंघ को बाजार में मांग आधारित उत्पाद तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगी। त्योहारों के मौसम को देखते हुए हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड ने गिफ्ट पैक, शादी की भाजी और शुगर फ्री मिठाइयां बाज़ार में उतारी हैं। नए गिफ्ट पैक तीन तरह की पैकिंग में उपलब्ध होंगे, जिनका मूल्य क्रमश: 620, 1000 तथा 1500 रुपए रखा गया है। मिल्कफेड के सभी बिक्री केंद्रों तथा जिला मुख्यालयों पर यह उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के डगवार में लगभग 226 करोड़ रुपये की लागत से 'स्टेट ऑफ द आर्टÓ दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण प्रस्तावित है, जहां दूध के अनेक तरह के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ-साथ अन्य संयंत्रों में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञा-पत्र में किसानों से 80 रुपए प्रति किलो गाय का दूध और 100 रुपये प्रति किलो भैंस का दूध खरीदने का वादा किया है, जिसके लिए मिल्कफेड के प्लांट को आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि किसानों से खरीदे गए दूध से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार किए जा सकें। मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सभी उत्पादों को तैयार करने में उच्च गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। शुगर फ्री मिठाइयों की मांग को देखते हुए मिल्कफेड ने इन्हें बाज़ार में उतारा है। इसके साथ-साथ मिल्कफेड की मिल्क केक, पहाड़ी बर्फी, कोकोनट बर्फी, के साथ-साथ 16 प्रकार की मिठाइयां बाज़ार में उपलब्ध होंगी। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हड़ताल पर चल रहे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। निदेशक पंचायती राज रुग्वेद ठाकुर की ओर से वीरवार को सीईओ जिला परिषद को जारी आदेशों में 167 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बिलासपुर में 6, चंबा 13, हमीरपुर 10, कांगड़ा 38, किन्नौर 3, कुल्लू 11, लाहौल स्पीति 2, मंडी 32, शिमला 17, सिरमौर 13, सोलन 12 और ऊना में 10 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 167 जूनियर इंजीनियर के पद अब आउटसोर्स आधार पर भरे जाएंगे। आउटसोर्स आधार पर बिलासपुर और चंबा में 7-7 पद, हमीरपुर 13, कांगड़ा 35, किन्नौर 3, कुल्लू 13, लाहौल स्पीति 1, मंडी 25, शिमला 22, सिरमौर 13, सोलन 16 और ऊना में 9 पद भरे जाएंगे। आउटसोर्स पदों को भरने की जानकारी हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को भेजी जाएगी और यह पद एक साल के लिए भरे जाएंगे। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद भी यह इंजीनियर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। सरकार का तर्क है कि जेई की अनुपस्थिति से मनरेगा के विकार्स कार्य, मनरेगा मजदूरों को भुगतान और आपदा कार्यों की बहाली में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
हिमाचल में करीब 80,000 शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश सरकार ने पुराने नियम बदल दिए हैं। अब शिक्षकों के तबादले 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे। एक स्थान पर तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद अब शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। तबादले करने के लिए सरकार ने दूरी को पांच किलोमीटर बढ़ा दिया है। पहले 25 किलोमीटर के भीतर तबादले होते थे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी। एक स्कूल में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा होते ही आपसी सहमति से नजदीकी शिक्षक के साथ स्कूल बदलने के तबादला आदेश जारी करवाने वाले शिक्षकों के लिए अब राह आसान नहीं रहने वाली है। शहरों के आसपास सटे स्कूलों में ही सेवाएं देने वाले शिक्षकों को थोड़ा और बाहर के क्षेत्रों में भेजने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव कर दिया है। विभागीय अधिकारियों की ओर से 30 की जगह 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर शिक्षकों के तबादले करने का प्रस्ताव था, लेकिन सरकार ने इस दूरी को 30 किलोमीटर ही रखने की मंजूरी दी है। इस नई व्यवस्था से अब ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, जहां कोई भी जाने को तैयार नहीं होता था।
किन्नौर जिला के निचार विकास खंड की ग्राम पंचायत निचार में विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से आम जनता को अवगत करवाया गया। जागरूकता शिविर में स्थानीय पंचायत के कुल 49 लोगों ने भाग लिया जिसमें 33 पुरुष व 16 महिलाएं शामिल रहीं। जागरूकता शिविर को कृषि विभाग द्वारा आयोजित किया गया। शिविर में उद्धान विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्धोग विभाग, उद्यान विभाग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग, अनुसूचित जाति व जनजाति निगम, खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति विभाग तथा लीड बैंक किन्नौर से आए अधिकारियों ने उनके संबंधित विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान कर जागरूक किया।
-बागवानी मंत्री ने एचपीएमसी के नए वेब पोर्टल का किया शुभारंभ -कहा, एचपीएमसी ने एमआईएस के तहत 32454 मीट्रिक टन सेब खरीदा बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के निदेशक मंडल (बीओडी) की 213वीं बैठक मंगलवार को आयोजित हुई। बागवानी मंत्री ने औपचारिक रूप से एचपीएमसी के नए वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। सीए व कोल्ड स्टोर्स की बुकिंग, बाजार मध्यस्थता योजना (एमआईएस) और बागवानी खाद व उपकरण की बिक्री जैसी एचपीएमसी की सभी सेवाएं वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कर दी गई हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा कि एचपीएमसी ने बाजार मध्यस्थता योजना-2023 के तहत अब तक 32454 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। राज्य में भारी वर्षा के कारण हुई आपदा के बावजूद एचपीएमसी योजना के तहत खरीदे गए सेब की पूरी मात्रा उठाने में कामयाब रही है। एचपीएमसी ने वर्तमान सेब सीजन के दौरान अपने तीन फल प्रसंस्करण संयंत्रों पराला, परवाणु और जड़ोल (मण्डी) में रिकॉर्ड 1288 मीट्रिक टन सेब जूस कंसन्ट्रेट का उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि नव स्थापित एचपीएमसी फल प्रसंस्करण संयंत्र पराला का परीक्षण और कमीशनिंग वर्तमान सेब सीजन के दौरान सफलतापूर्वक आयोजित की गई। एचपीएमसी सुविधा में एप्पल जूस कन्सन्ट्रेट, पेक्टिन, रेडी टू सर्व जूस और पेय, फलों की वाइन और एप्पल साइडर विनेगर का उत्पादन करेगा। एचपीएमसी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 120 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार दर्ज किया है। बैठक के दौरान वर्तमान सेब सीजन के दौरान उत्पादित एप्पल जूस कन्सन्ट्रेट की दरें भी तय की गईं। बैठक में सभी एचपीएमसी उत्पादों की पैकेजिंग डिजाइन को चरणबद्ध तरीके से बदलने का निर्णय लिया गया। बीओडी ने सेब उत्पादकों को उचित मूल्य पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बागवानी इनपुट की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने का निर्णय लिया। एचपीएमसी ने अगले सेब सीजन के दौरान सेब उत्पादकों को केवल यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने और टेलीस्कोपिक कार्टन की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है। एपीएमसी मार्केट यार्ड पराला, सोलन और परवाणु में सेब व्यापारिक गतिविधियों को अगले वर्ष के दौरान जारी रखने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया गया और इस संबंध में एक नीति को मंजूरी दी गई। एचपीएमसी ने विभिन्न माध्यमों से अपने उत्पादों की बिक्री को गति प्रदान करने के लिए अपनी वितरण नीति शुरू की है। बागवानी मंत्री ने एचपीएमसी अधिकारियों से राज्य के बाहर स्थित संपत्तियों और संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करके और किसानों के सर्वोत्तम हित में सभी व्यावसायिक गतिविधियों की कार्यप्रणाली सुव्यवस्थित कर और दक्षता बढ़ाकर निगम को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्होंने निगम को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए नए और दीर्घकालिक व्यावसायिक उद्यमों पर भी बल दिया। बैठक के दौरान सचिव बागवानी सी. पालरासु, निदेशक बागवानी संदीप कदम, प्रबंध निदेशक एचपीएमसी सुदेश कुमार मोख्टा और प्रबंध निदेशक एचपी एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन रीमा कश्यप और एचपीएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल सांगला ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 केवी करच्छम-रूकती फीडर में मरम्मत कार्य के चलते सांगला फीडर के सांदला-3, केतरा, बारचो उपकेंद्रों व छितकुल फीडर में 19 अक्तूबर को प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने बताया कि यदि मौसम खराब रहता है तो मरम्मत कार्य अगले दिन किया जाएगा। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
-मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर दिया सम्मान -स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का किया शुभारंभ -कहा, राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन आवश्यक -सीबीआरआई रुड़की और हिमकॉस्टे के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है। इस आपदा में हिमाचली लोगों के परस्पर सहयोग तथा संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ नि:शुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डी.सी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने समर्थ कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और इस दौरान आयोजित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। विशेष सचिव डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र शर्मा, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
-जल रक्षकों, मल्टी टास्क वर्कर्स, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटर के मानदेय में बढ़ोतरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की 'वन मित्र' योजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र को लगाया जाएगा। जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और वन विभाग में अनुबंध के आधार पर वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटरों के मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पम्प ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपये, 4400 रुपये, 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे प्रणाली स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की। परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी पदान की। बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबन्धकों और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा। बैठक में सीसे (लैड) पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रेवलर्ज के 100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों तथा पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितम्बर, 2023 को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की। इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारोें के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी। कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों कोे हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया। सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं। मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया।
-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से मांगी सूची हिमाचल प्रदेश में 1,409 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से 25 वर्ष पहले बीएड करने वालों को भी सरकारी नौकरी करने का मौका मिलने जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय टीजीटी कला संकाय के 652, नॉन मेडिकल के 492 और मेडिकल के 265 पद भरेगा। टेट पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। अनुबंध आधार पर भर्ती होने वाले शिक्षकों को 22,860 रुपये का फिक्स वेतन मिलेगा। विभाग ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं नहीं देने के इच्छुक अभ्यर्थियों से काउंसलिंग में न आने की अपील की है। किस कोटे में कितने पद टीजीटी के 898 पद अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से भरे जाएंगे। इसके अलावा पूर्व सैनिक कोटे से 353, खेल कोटे से 68 और दिव्यांग कोटे से 90 पद भरे जाएंगे। 898 पदों के लिए जिला रोजगार कार्यालयों से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले और बीएड पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। टीजीटी के 898 पदों की भर्ती के लिए नॉन मेडिकल संकाय में बीएड करने वालों का वर्ष 1999 का बैच पात्र होगा पूर्व सैनिक कोटे के तहत टीजीटी कला में 159, नॉन मेडिकल में 130 और मेडिकल में 64 पद भरे जाएंगे। निदेशक सैनिक कल्याण विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। बैचवाइज भर्ती के लिए कला संकाय में अनारक्षित वर्ग के लिए वर्ष 2001, मेडिकल में 2002 का बीएड बैच चल रहा है। कला संकाय की भर्ती के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का मई 2003, ओबीसी का 2003, एससी और एसटी वर्ग का वर्ष 2004 का बैच चल रहा है। नॉन मेडिकल भर्ती के लिए ईडब्लूएस का 2002, ओबीसी का 2003, एससी का 2006 और एसटी का 2008 का बैच चल रहा है। मेडिकल संकाय में ईडब्लूएस का 2005, ओबीसी का 2006, एससी-एसटी का वर्ष 2006 का बैच चल रहा है 6 से 15 नवंबर तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग टीजीटी की बैचवाइज भर्ती के लिए जिला स्तर पर 6 से 15 नवंबर तक काउंसलिंग होगी। जिला उप निदेशक शिक्षा भर्ती करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से 20 अक्तूबर तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची देने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की जगह जिला उप निदेशक कार्यालयों में अभ्यर्थियों के नाम देने को कहा गया है।
न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ जिला किन्नौर ने रविवार को मिनी स्टेडियम रिकांगपिओ में आभार रैली का आयोजन किया। आभार रैली में जिला किन्नौर के तीन खंडों से कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। रैली में प्रदेश के राजस्व, बागवानी एंव जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। न्यूज पेंशन कर्मचारी महासंघ जिला किनौर ने पुरानी पेंशन बहाल होने की खुशी में आभार रैली का आयोजन किया। न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ के प्रधान विजेंद्र जिन्टू, उपाध्यक्ष बलदेव बिष्ट, जिला महासचिव मोती नेगी और संज्ञा नेगी ने बताया कि एनपीएस कर्मचारियों की मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने पूरा सहयोग दिया है। कांग्रेस सरकार ने सता में आते ही पहली ही कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल करके एतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया। इस दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कर्मचारियों के साथ नाटी भी डाली।
क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी सीमा गुप्ता ने आज यहां बताया कि जिला किन्नौर में एसआईएस इंडिया लिमिटेड आरटीए बिलासपुर द्वारा सिक्योरिटी गार्ड के लिए 150 पद निकाले गए हैं, जिसमें वेतन 16500 से 19000 रुपए प्रतिमाह होगा। इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास, आयु वर्ग 21 से 37 वर्ष, अभ्यर्थी की लंबाई 168 सेंटीमीटर से ऊपर, वजन 56 किलोग्राम से अधिक होना अनिवार्य है। इच्छुक उम्मीदवार जो इस पद से संंबंधित योग्यता रखते हो, वह अपने सभी अनिवार्य दस्तावेजों व रिज्यूम सहित 9 अक्टूबर को उप रोजगार पूह, 10 अक्टूबर को उप रोजगार कार्यालय रिकांगपिओ, 11 अक्टूबर को उप रोजगार कार्यालय निचार प्रात: 11:30 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी 85580-62252 पर संपर्क कर सकते हैं
राजस्व बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत सायं जिला किन्नौर के कल्पा खंड की दूनी ग्राम पंचायत का दौरा किया और जन समस्याएं सुनीं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा की कंडो को संपर्क सड़कों से जोड़ने की आवश्यकता है ताकि कंडो में भी सड़क सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय जिला किन्नौर में हर प्रकार की मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हंै। बोक्टू-कूल को पक्का किया जाएगा ताकि सिंचाई के लिए पानी की सुविधा को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने लोगों से टपक सिंचाई प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी योजना के तहत जिला किन्नौर के लिए 50 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। बागवानी मंत्री ने कहा की लोगों को प्रदेश सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचे इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत चांगो ग्राम पंचायत में 10 अक्तूबर को संयुक्त विभागीय जागरूकता शिविर प्रस्तावित है। उन्होंने चांगो गांव की समस्त जनता को इस जागरूकता शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लेने को कहा ताकि वे प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने जिला के बागवानों से सेब उगाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए कहा ताकि सेब की फसल अधिक मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता भी प्रदान करे और जिला की आर्थिकी और अधिक सुदृढ़ हो सके। मंत्री जगत सिंह ने कहा की 07 जुलाई से 30 सितंबर प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर में आई आपदा से जो नुकसान हुआ है उसके दृष्टिगत लोगों के हितों में प्रदेश सरकार द्वारा कई हितकारी फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत दूनी को विकास की दृष्टि से विकसित करने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं जिसके तहत दूनी में पशुपालन फार्मासिस्ट की तैनाती की गई है और पशुचिकित्सालय भवन का निर्माण भी दूनी पंचायत में ही किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कल्पा में लोगों के लिए एक पशुपालन अस्पताल भी बनाया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम कांग्रेस समिति दूनी और कमल किशोर ने 51-51 हजार रूपए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए प्रदान की। राजस्व मंत्री ने आपदा राहत कोष में अंशदान के लिए जिला किन्नौर के लोगों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य जय कृष्ण नेगी ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथिगणों का स्वागत किया। राम मोहन नेगी ने भी मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्रधान दूनी पंचायत दीवान सिंह ने पंचायत की विकासात्मक मांगे राजस्व मंत्री के समक्ष रखी तथा महिला मंडल प्रधान वसंत प्रभा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर सुशीला नेगी उपस्थित थे। खंड विकास समिति के प्रधान अनिल ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के निर्देश के बाद परिवहन निगम ने बसों में सामान ले जाने को लेकर रिवाइज्ड भाड़ा सूची जारी की है। इसमें बसों में नि:शुल्क ले जाने वाली वस्तुओं के साथ नए उत्पादों के लिए किराया विवरण भी जारी किया है। बस में सवारी अपने साथ घरेलू सामान 30 किलोग्राम तथा किसी भी साइज के दो बैग, बच्चों की ट्राली, तिपहिया साइकिल, व्हील चेयर, लैपटॉप, सेब बॉक्स के साथ सेब का एक गिफ्ट पैक फ्री में कहीं भी ले जा सकते हैं, लेकिन अगर सवारी साथ नहीं है, तो फिर एक गिफ्ट पैक का हाफ टिकट कटेगा। सवारी के साथ एक से ज्यादा गिफ्ट पैक पर एक चौथाई किराया लिया जाएगा, जबकि फुल पेटी का पूरा एक सवारी का किराया कटेगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने सवारियों के साथ और बिना सवारी के साथ एचआरटीसी की बसों में ढोए जाने वाले सामान के लिए रिवाइज्ड भाड़ा निर्धारित किया है। एचआरटीसी की ओर से रिवाइज्ड भाड़े के मुताबिक सवारी के साथ ऑफिस या डाइनिंग चेयर का एक चौथाई किराया वसूल किया जाएगा। डाइनिंग व ऑफिस टेबल फुल टिकट होगा। पांच सीटर सोफा सेट का डबल टिकट कटेगा। सिंगल बेड बॉक्स का फुल टिकट कटेगा। डबल बेड बॉक्स का डबल टिकट कटेगा, अलमारी का भी डबल टिकट कटेगा। सिलाई मशीन व पंखे का एक चौथाई किराया कटेगा। प्लास्टिक व फोल्डिंग चेयर का एक से तीन कुर्सियों का एक चौथाई किराया कटेगा। छह कुर्सियों का हॉफ टिकट व इससे ज्यादा का फुल टिकट कटेगा। साइकिल का हाफ किराया। बच्चों की ट्रॉली व दिव्यांगों की व्हील चेयर का कोई किराया नहीं लगेगा। दिव्यांग व्यक्ति के बस में न होने पर कुर्सी का एक चौथाई किराया काटा जाएगा। कंप्यूटर, एलईडी, एलसीडी का एक चौथाई किराया कटेगा। सवारी के साथ दो लैपटॉप बिना किराए के ले जा सकते हैं। दो से ज्यादा पर एक चौथाई किराया काटा जाएगा। वहीं, वॉशिंग मशीन का फुल टिकट कटेगा।
-कहा, आपदा से नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव जरूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में कड़ा कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में गृह निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की अनुमति, भूमि के भार वहन करने की क्षमता का पता लगाने के साथ-साथ जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने इसमें लोगों से राज्य सरकार को सहयोग का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आज आपदा से अमूल्य जीवन एवं संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाकर ही आपदा की संभावना तथा इससे होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियां, विषय पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आज यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में इस बार बरसात में भारी बारिश, बादल फटने और बांधों से अत्याधिक पानी छोड़े जाने के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से ही राज्य में बारिश हो रही थी और मानसून में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस आपदा के लिए मानवीय लालसा व असंवेदनशीलता इत्यादि भी कारण रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत नालों इत्यादि से समुचित दूरी पर घर बनाने और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसमें चूक से आपदा में जान-माल के नुकसान की आशंका और भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही की बरसात में राज्य में बादल फटने की बहुत घटनाएं हुई हैं, जिनका व्यापक अध्ययन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी दृष्टिगोचर हो रहा है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इस बार काफी ज्यादा बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने आपदा के दौरान बेहतर काम किया और रिकॉर्ड 48 घंटों के भीतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और टेलीफोन सहित अन्य आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गई। राज्य में किसानों-बागवानों को भी असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखते हुए सेब व अन्य नकदी फसलों को समय पर मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में बेहतर प्रयासों के लिए अधिकारियों सहित सभी लोगों की पीठ भी थपथपाई।
जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी के पास भूस्खलन होने से नेशनल हाईवे-5 एक बार फिर से बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि पहाड़ी से भूस्खलन होने से मार्ग अवरुद्ध हुआ है। इसके कारण दोनों ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप है। किन्नौर जिले में इन दिनों सेब सीजन जोरों पर है लेकिन बार-बार हाईवे बंद होने से बागवानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले दिनों निगुलसरी के पास भारी भूस्खलन होने से अवरुद्ध हाईवे 10 दिन बाद बहाल किया गया था। एक बार फिर से भूस्खलन होने से जिले के लोगों को परेशान होने पड़ रहा है। वहीं एक्सईएन नेशनल हाईवे केएल सुमन ने बताया सुबह के समय भूस्खलन होने से हाईवे बंद हो गया है। जल्द एनएच को बहाल कर दिया जाएगा।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में जितने दिन स्कूल बंद रहे, उतने दिन या घंटे तक एक्स्ट्रा कक्षाएं लगानी होंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसे लेकर प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा निदेशक ने सर्कुलर जारी कर सभी डिप्टी डायरेक्टर को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेशों में स्पष्ट कहा गया कि रोजाना एक घंटे एक्स्ट्रा क्लासेज लगाई जाएं। यदि बीच में दो-तीन दिन की छुट्टियां आती हैं तो एक दिन स्कूल खुले रखकर बच्चों को पढ़ाई कराई जाए। इन आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर को एक्स्ट्रा क्लाजेस का टाइम टेबल बाकायदा डिप्टी डायरेक्टर को शेयर करने को बोला गया है। बरसात में महीना भर बंद रहे थे कुछ स्कूल इस बार भारी बारिश के कारण कई जगह शिक्षण संस्थान मानसून सीजन में एक महीने से भी ज्यादा समय तक बंद रखे गए थे। इनमें मंडी, कुल्लू और शिमला जिला के ज्यादातर स्कूल शामिल हैं। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, कोटखाई, कुल्लू के आनी, मंडी व सिरमौर के कई क्षेत्रों में बार-बार स्कूल बंद किए गए हैं।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के आईटीडीपी भवन में जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के लोगों की सभी शिकायतों का निवारण प्राथमिकता से करें ताकि जिला के लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा उनके हित में आरंभ किए गए कार्यों का लाभ प्राप्त हो सके। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार विभिन्न जन-कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं के माध्यम से समस्त प्रदेश के लोगों के कल्याण व सुविधा के लिए निरंतर तत्परता से कार्य कर रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न नीतियों व योजनाओं का लाभ आम जन-मानस तक पहुंचाने में शीघ्रता के साथ कार्य करें। बैठक में जिला की शिकायत निवारण समिति के गैर-सरकारी सदस्यों से प्राप्त हुई शिकायतों के मदों पर चर्चा की गई तथा राजस्व मंत्री ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों का हल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में भावानगर के रीसूरो से कुलिड़गा तक प्रस्तावित सिंचाई कुहल का कार्य शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा बैठक में बताया गया कि निचार में मल निकासी प्रणाली बनाने के लिए शीघ्र निविदा आमंत्रित कर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। बैठक में वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले पौधरोपण व करेट वॉल पर विस्तृत चर्चा की गई तथा वन विभाग के अधिकारियों द्वारा जिला में किए गए पौधरोपण बारे अवगत करवाया गया। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जिला में अधिक से अधिक पौधरोपण करें व करेट वॉल को लगाने के कार्य में शीघ्रता लाएं। बैठक में जिला में आवारा पशुओं व पशुशालाओं की समस्या बारे भी चर्चा की गई जिस पर उप-निदेशक पशुपालन विभाग जिला किन्नौर ने अवगत करवाया कि वर्तमान में जिला में गौ-सेवा समिति बादंग व श्री महेश्वर गौ-सेवा भावा वैली क्रियाशील है जिन्हें 30 से अधिक गौ वशंज की देखभाल के लिए 700 रुपये प्रति गौवंश प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त रल्ली में एक गौसदन का निमाण खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय कल्पा के माध्यम से किया जा रहा है। बैठक में जिला के रकच्छम में किसानों व बागवानों की घरों के उपर से जाने वाली विद्युत लाईनों को हटाने के निर्देश दिए। रकच्छम गांव में विद्युत पोल को हटाने तथा रकच्छम गांव से रेस्टहाऊस तक पक्का डंगा लगवाने के निर्देश दिए गए। बैठक में स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से शोंग में लंबित पड़े विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया। इसके अलावा जिला की लाबरंग पंचायत में प्रस्तावित व लंबित पड़े विभिन्न विकासात्मक कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए। बैठक में सांगला तहसील के तहत विभिन्न पंचायतों व गांव में लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को सड़कों व सिंचाई से संबंधित सभी शिकायतों का निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा तराण्डा व निगुलसरी पंचायत से प्राप्त हुए मदों के निवारण के लिए भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में रिकांग पिओ में मुख्य स्थानों पर कूड़ादान लगाने पर चर्चा की गई तथा सदस्य सचिव, साडा ने अवगत करवाया कि रिकांग पिओ में कूड़ादान लगाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं तथा शीघ्र ही कूड़ादान लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा, रिकांग पिओ बाजार व क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में बंद पड़े सी.सी.टी.वी कैमरों की शीघ्र मरम्मत करने व रिकांग पिओ बाजार में फांउटेन को सुचारू करने के निर्देश दिए गए। बैठक में कोठी पंचायत को जल जीवन मिशन के तहत सभी मकानों को जोड़ने व पाईप लाईनों में पानी सुचारू रूप से बनाए रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिला के पूह उपमंडल में पानी की समस्या का निवारण शीघ्र अति शीघ्र करने के निर्देश दिए गए। पूह में विद्युत समस्या को बहाल करने व विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने की समस्या को भी शीघ्र हल करने के आदेश दिए गए। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह विनय मोदी ने किया। बैठक में उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के निदेशक बिक्रम सिंह, वनमण्डलाधिकारी अरविंद, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता व उपमण्डलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
-मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना औपचारिक रूप से शुरू -मुख्यमंत्री ने पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ के वित्तीय लाभ किए वितरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को व्यापक सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इसके साथ ही हिमाचल अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर यह योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना के पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ का वितरण भी किया। इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 अनाथ बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपये तथा मासिक व्यय के रूप में 11.52 लाख रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 अनाथ बच्चों को 7.02 लाख रुपये फीस तथा 4.08 लाख रुपये मासिक व्यय का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने पालक देखभाल एवं प्रायोजन (फोस्टर केयर) के अन्तर्गत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ हस्तांतरित किए। इसके अतिरिक्त बाल देखभाल संस्थानों के 12वीं कक्षा के 30 मेधावी छात्रों को 10वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तीन लाभार्थियों को छह लाख रुपये का आवंटन भी किया। सरकार अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वे बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है। 27 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह मिलते रहेंगे 4000 रुपये मुुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत नए चिन्हित किए गए लगभग 2700 अनाथ बच्चे, जो कि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के संरक्षण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और इस योजना में मातृत्व देखभाल की आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे के लिए एक परिचारिका का भी प्रावधान किया गया है और प्रत्येक बढ़ते तीन बच्चों के लिए एक मैट्रन का भी प्रावधान है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा, जिस दौरान उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को प्रदत्त यह अधिकार दया के रूप में नहीं अपितु एक कानून बनाकर उन्हें उपलब्ध करवाया गया है। बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि एकाग्रता, दृढ़ इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत सफलता की ओर ले जाती है और यह बच्चे हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह बच्चे जीवन में अकेले नहीं हैं और समस्त समाज उन्हें समाहित करने के लिए आगे आ रहा है। 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 10 हज़ार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोज़गार के लिए प्रेरित हो सकें। 10वीं में बेहतर प्रदर्शन के लिए 30 मेधावी छात्रों को प्रदान किए लैपटॉप सीएम सुक्खू ने इस पहल के द्वितीय चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधवा, एकल नारी और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों सहित विभिन्न वंचित वर्गों को पेंशन और अपंगता राहत भत्ते की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उन्हें आय सीमा में भी छूट प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। आपदा प्रभावितों की मदद को 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मुख्यमंत्री ने लोगों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत नई कल्याणकारी योजनाएं आरंभ करने की भी घोषणा की और संकट के समय बहादुरी के साथ आपदा का सामना करने के लिए प्रदेशवासियों के प्रयासों व जीवट की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित 16500 परिवारों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके अतिरिक्त पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। साथ ही आपदा में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे एवं पक्के मकानों के लिए मुआवज़ा राशि एक लाख रुपये की गई है। सुक्खू ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनाथ बच्चों के साथ दोपहर भोज में भी शामिल हुए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों और सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के महत्त्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन के नए मामले स्वीकृत करने सहित सामाजिक कल्याण की दिशा में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विधवा पुनर्विवाह भत्ता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 995 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 7 बीडीओ यानी खंड विकास अधिकारियों का तबादला किया है। इन अधिकारियों के तबादलों के संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब निशांत शर्मा को हमीरपुर जिला के नादौन विकास खंड के बीडीओ का कार्यभार सौंपा गया है। अभी तक वह शिमला के टूटू विकास खंड में बतौर बीडीओ सेवाएं दे रहे थे। वहीं वर्तमान में बीडीओ बिलासपुर कुलवंत सिंह को बीडीओ भोरंज का कार्यभार सौंपा गया है। मंडी जिला के गोलापुर में बतौर बीडीओ सेवाएं दी रही अस्मिता ठाकुर पोस्टिंग के नए आदेशों तक राज्य हेडक्वार्टर को ज्वाइन करेगी। वहीं बीडीओ कुनिहार विवेक पॉल भी राज्य मुख्यालय में पोस्टिंग के आगामी आदेशों तक सेवाएं देंगे। बीडीओ गगरेट हिमांशी को बीडीओ हमीरपुर लगाया गया है। बीडीओ धर्मशाला ओमपाल को बीडीओ अंब बनाया गया है। इसके अलावा सुशील कुमार को जो वर्तमान में बीडीओ अंब है। वह आगामी आदेशों तक राज्य मुख्यालय को ज्वाइन करेंगे।
कमांडेंट 17वीं वाहिनी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल किन्नौर बसंत कुमार ने आज यहां बताया कि भारत सरकार एवं महानिदेशालय भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा जिला किन्नौर के योग्य नवयुवकों/नवयुवतियों के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में कांस्टेबल (जनरल डयूटी) के पदों की भर्ती 5 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक 17वीं वाहिनी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 अक्तूबर से 8 अक्तूबर तक अभ्यर्थी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। 9 अक्तूबर से 14 अक्तूबर तक शारीरिक दक्षता परीक्षण व दस्तावेज़ीकरण किया गया। 15 अक्तूबर को लिखित परीक्षा व परीक्षा का परिणाम तथा मेडिकल परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। 18 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक मेडिकल परीक्षा आयोजित की जाएगी तथा 25 अक्तूबर को सभी मानकों में पास हुए योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भर्ती के लिए सामान्य वर्ग की आयु 2 अगस्त, 2000 से 1 अगस्त, 2005 के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आयु सीमा 2 अगस्त, 1995 से 1 अगस्त, 2005 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 2 अगस्त, 1997 से 1 अगस्त, 2005 तक निर्धारित की गई है। इसके अलावा भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से दसवीं कक्षा पास तथा भौतिक मानक के तहत पुरूष अभ्यर्थियों की ऊंचाई 165 सेंटिमीटर तथा महिला अभ्यर्थियों की ऊंचाई 155 सेंटिमीटर होनी चाहिए।
-दोनों पर पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ ठगने का आरोप -विधायक होशियार सिंह ने सदन में उठाया था मामला हिमाचल में लोगों से क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी के मामले में एसआईटी ने गुजरात से दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। ये दोनों जिला मंडी के रहने वाले हैं। मामले में जांच के लिए गठित पुलिस अधिकारियों की एसआईटी ने गुजरात पुलिस की मदद से गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मास्टरमाइंड हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को गिरफ्तार किया है। आरोपी हिमाचल में लोगों से ठगी करने के बाद गुजरात में छिपे हुए थे। एसआईटी ने भोजदा गांव के एक फार्म हाउस से दोनों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों ने पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ रुपये की ठगी की थी। गौर रहे कि प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी होने का मामला उठाया था। सरकार के निर्देश पर डीजीपी संजय कुंडू ने क्रिप्टो करंसी घोटाले को लेकर राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी का अध्यक्ष डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर को बनाया गया और इसमें एसपी साइबर क्राइम अध्यक्ष रोहित मालपानी, प्रवीन धीमान एएसपी साइबर क्राइम, मनमोहन सिंह एएसपी साइबर क्राइम मंडी और डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा, डीएसपी पालमपुर लोकेंद्र नेगी व डीएसपी जवाली वीरी सिंह को शामिल किया था। ऐसे फंसाए लोग आरोपियों ने पीड़ितों से वादा किया था कि उनका निवेश दोगुना हो जाएगा। एसआईटी ने करोड़ों की ठगी के आरोपी हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को भोजदा गांव के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर क्रिप्टो करंसी घोटाले के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने फार्म हाउस पर छापा मारकर क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
-पहाड़ी से चट्टानें गिरने से सैकड़ों वाहन फंसे हिमाचल के किन्नौर जिले के निगुलसरी में हिंदुस्तान-तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-5 पर रविवार सुबह फिर से भारी लैंडस्लाइड हो गया। इससे समूचे किन्नौर जिले का शेष देश दुनिया से संपर्क कट गया। हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई हैं। निगुलसरी में एनएच-5 बंद होने से सैकड़ों पेटी सेब और मटर की फसल टापरी मंडी और ट्रकों में फंस गई है। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ गई है। लोक निर्माण विभाग सड़क की बहाली में जुटा हुआ है, लेकिन पहाड़ी से बार बार गिर रहे पत्थर इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इससे पहले भी बीते छह और सात सितंबर को यहां भारी लैंडस्लाइड हुआ था और सड़क का करीब 400 मीटर हिस्सा धंस गया था। उस दौरान हाईवे 11 दिन तक बंद रहा। दिन-रात सड़क बहाली का काम किया गया। तब जाकर सड़क को खोला गया। दैनिक उपभोग की वस्तुओं की सप्लाई ठप सड़क बंद होने से आज किन्नौर जिले में दैनिक उपभोग की खाद्य वस्तुएं दूध, दही, ब्रेड, मक्खन, सब्जियों इत्यादि की सप्लाई भी नहीं पहुंच पाई।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रलाय द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के गांव छितकुल को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव-2023 के लिए सम्मानित किया गया। उपमंडलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने जिला पर्यटन विभाग की ओर से नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इस पुरस्कार को पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट से प्राप्त किया। जिला किन्नौर का छितकुल गांव हिमाचल प्रदेश का एक मात्र गांव है, जिसे यह सम्मान दिया गया। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रालय की हालिया पहल ट्रैवल फॉर लाइफ भारत सरकार की टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन ने वैश्विक एकता और सहयोग बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया और सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श ने स्थायी भविष्य के लिए राष्ट्रों की सामूहिक आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया है। उपमंडलाधिकारी ने प्रत्येक सैलानी, प्रत्येक व्यवसाय और हर एक नागरिक से इस कार्यक्रम को अपनाने और जिम्मेदारी से यात्रा करने, हमारे पर्यावरण का सम्मान करने और हमारी दुनिया को इतना खूबसूरत बनाने वाली विविध संस्कृतियों को समझने और सराहने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ट्रैवल फॉर लाइफ कार्यक्रम मिशन लाइफ का एक हिस्सा है जो हमारी धरती को टिकाऊ बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही हैं। ई-के.वाई.सी. के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया में आम जनता का विभाग को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गत दिनों में हुई भारी वर्षा व आधार से सम्बन्धित तकनीकी समस्याओं के मद्देजर विभाग द्वारा आधार संख्या पंजीकृत व ई-के.वाई.सी. करवाने की तिथि 30 सितंबर तक बढ़ाई गई थी, परंतु अभी भी कुछ उपभोक्ताओं द्वारा किसी कारणवश उनके राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या को पंजीकृत नहीं किया जा सका है। ऐसे उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-के.वाई.सी. अपडेट करने की तिथि को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया गया है। इसलिए उपभोक्ताओं से आग्रह है कि अपनी नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया निर्धारित तिथि से पहले करवाएं। यदि कोई अपना आधार 31 अक्तूबर, 2023 तक जमा नहीं करवाता है तो उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार उपलब्ध करवाने के बाद ही राशन कार्ड को फिर से शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त लाभार्थी विभाग से नवीनतम, सक्रिय मोबाईल नम्बर साझा कर खाद्यान्नों संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट एवं पारदर्शिता पोर्टल http://epds.co.in पर राशन कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण किन्नौर द्वारा जिला में स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण मिशन-2023 द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में जिला में जिला और खण्ड स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली 6 पंचायतों को सम्मानित करने के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने कल्पा खण्ड की चांसू ग्राम पंचायत को 2000 तक की आबादी में जिला भर में प्रथम स्थान, कल्पा की ही सांगला पंचायत को जिला स्तर पर 2000 से 5000 तक की आबादी के लिए प्रथम पुरस्कार, खण्ड स्तर पर कल्पा की खवांगी पंचायत को प्रथम पुरस्कार, पूह की चारंग पंचायत को 2000 की आबादी में खंड स्तर पर प्रथम, निचार की छोटा-कम्बा पंचायत को 2000 तक की आबादी में प्रथम स्थान, निचार की ही बरी पंचायत को 2000 से 5000 तक की आबादी वाले सर्वेक्षण में प्रथम पुरस्कार के साथ सम्मानित किया। उपायुक्त ने जिला की इन 6 पंचायत के प्रधानों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस सर्वेक्षण में जिला स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली पंचायत को 3 लाख और खण्ड स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली पंचायत को 01 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि इस राशि को स्वच्छता को और बेहतर करने के लिए खर्च करें। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि जिला किन्नौर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए घरों और दुकानों से निकलने वाले कूड़े-कचरे का सही निपटारा करने के लिए प्लास्टिक, कागज, शीशा और लोहा को अलग-अलग रखें। इस अवसर पर सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, बीडीओ निचार विजय नेगी, प्रधान सांगला देव सांकी, उपप्रधान लोकेश, प्रधान ग्राम पंचायत चांसू बीरबल सिंह, उपप्रधान धर्म प्रकाश, प्रधान ग्राम पंचायत छोटा-कम्बा स्नेह लता, प्रधान ग्राम पंचायत बरी छुनिद डोलमा, प्रधान ग्राम पंचायत चारंग सुशील कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल सांगला ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 केवी रूकती-छितकुल फीडर में मरम्मत कार्य के चलते बारचो, केतरा, थापासारिंग, थेमगरंग, बटसेरी, रकच्छम व छितकुल में 29 सितंबर को प्रात: 9:30 बजे से सायं 5:30 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला के साथ किन्नौर जिला के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन कल्पा उपमंडल के बटसेरी गांव का दौरा किया। राज्यपाल ने गांव में बने विष्णु नारायण मंदिर में माथा टेका। उन्होंने महिला मंडलों व अन्य स्वयं सेवी संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि यहां के स्थानीय निवासी पूरी तरह अपनी जड़ों से जुड़े हैं और सेवानिवृति के बाद भी गांव आकर अपने गांव के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की रक्षा के लिये सीमा पर हमारे जवान तैनात हैं उसी तरह देश के इन प्रथम गांव के लोग भी हमारी रक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को इन प्रथम गांव भेजकर यह संदेश दिया है कि इन गांव का विकास हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सांगला घाटी को उसके पुराने स्वरूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि किन्नौर के लोगों का ह्रदय विशाल है और वे अपने रीति-रिवाजों को मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सड़क और कृषि गतिविधियों को विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इससे पूर्व, ग्राम पंचायत बटसेरी के प्रधान प्रदीप कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस अवसर पर बटसेरी के लोगों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर किन्नौरी संस्कृति की झलक दिखाता सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। लेडी गवर्नर और उपायुक्त ने भी किन्नौरी नाटी डाल कर संस्कृति का आनंद लिया। राज्यपाल ने सांगला बाजार का दौरा भी किया जहां पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा से काफी नुकसान हुआ था। बाद में, राज्यपाल ने भारत-तिब्बत सीमा बल की मस्तरंग चैकी का दौरा किया। उन्होंने बल के जवानों के साथ बातचीत कर उनका हौंसला बढ़ाया। लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी राज्यपाल के साथ थीं। उन्होंने कहा कि बल के ये जवान देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों के साथ भी समन्वय स्थापित कर विकास में सहयोग कर रहे हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा आईटीबीपी के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-किसान मेला में किया प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्राकृतिक कृषि की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस कृषि पद्धति को अपनाने से न केवल किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी बल्कि प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। राज्यपाल किन्नौर जिले के कल्पा में डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानीकि विश्वविद्यालय नौणी के कृषि विज्ञान केंद्र, शारबो में 'किसान मेलाÓ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों की मेजबानी के दौरान विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भारत में प्राकृतिक कृषि से तैयार मीलट्स का भोजन दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ रहने के लिए आज प्राकृतिक उत्पाद को अपनाना पड़ेगा और इसके लिए मीलट्स को उगाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले में मोटे अनाज की काफी संभावनाएं हैं जिसका लाभ यहां के किसानों को लेना चाहिए। उन्होंने विशेषकर काला ज़ीरा की खेती को प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया। उन्होंने बागवानी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से भी इस दिशा में कार्य करने और किसानों को प्रोत्साहित करने व प्रशिक्षण देने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और किसान मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे तो इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने जिला प्रशासन से विपणन व्यवस्था को विकसित करने का आग्रह किया तथा कहा कि यदि स्वयं सहायता समूहों को अच्छा बाजार उपलब्ध होगा तो वे भी अधिक प्रोत्साहित होंगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कृषि उत्पाद को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इससे पूर्व, बागवानी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति एवं निर्देशक विस्तर शिक्षा डॉ. इंद्र देव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र शारबो की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों ने सेब की खेती, महिला सशक्तिकरण एवं कृषि, प्राकृतिक खेती, औषधीय पौधे और मधुमक्खी पालन को लेकर अपने अनुभव भी सांझा किए। शारबो केंद्र के सह निदेशक डॉ. अशोक ठाकुर ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने सब्जी उत्पादन अनुसंधान केंद्र कल्पा का दौरा भी किया और यहां उच्च घनत्व के सेब के कृषि फार्म को देखा। उन्होंने ड्रोन प्रदर्शन को भी देखा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुरूप आज किसानों को तकनीक का उपयोग कृषि में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च घनत्व पौध रोपण तथा ड्रोन तकनीक का उपयोग कर किसान काफी लाभ ले सकते हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कल्पा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल ने कहा कि काई भी सरकार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के बल पर चलती है और सरकार का संदेश जनता तक अधिकारियों के माध्यम से ही जाता है। क्योंकि योजनाएं सरकार के कर्मियों के माध्यम से लागू होती हैं। इसलिए कार्य के प्रति निष्पक्षता, ईमानदारी और समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की गतिशीलता को बनाए रखने के लिए वे अधिक समर्पण से कार्य करें। राज्यपाल ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांव पहला गांव है। लेकिन हमारी सीमा उसके बाद भी है। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से सूचना का आदान-प्रदान तभी हो पाएगा जब लोग गांव में रह सकेंगे। इसलिए, इन गांव के लिए ऐसी योजनाओं पर कार्य किया जाना चाहिए जिससे लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर पानी की कमी से उन्हें अवगत करवाया गया है। जल शक्ति मंत्रालय से समन्वय स्थापित कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। बैठक में सड़क परियोजनाओं, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, विद्युत क्षेत्र में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, शिक्षा विभाग में मिड डे मील योजना, समग्र शिक्षा, कृषि क्षेत्र में आत्मा परियोजना, बागवानी विभाग में एकीकृत बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा विभिन्न केंद्रीय योजनाओं और जिले में गत दिनों प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने जिले से संबंधित अन्य गतिविधियों की जानकारी भी दी। उपमण्डल पूह और मलिंग नाला तथा कल्पा, निचार, काफनू इत्यादि में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जानकारी से अवगत करवाया। सांगला से पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए अभियान से भी उन्हें अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान मलिंग खट्टा के पास भी बचाव अभियान को चलाया गया जिसके कारण कई श्रद्धालुओं को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि हर विभाग का 138 करोड़ से अधिक के नुकसान का आंकलन किया गया है। बैठक में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जिले में 55 गांव को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत रखा गया है जिनमें से 33 गांव ही आवासीय हैं। राज्य के सचिव श्री राजेश शर्मा तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी बेठक में उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत आज किन्नौर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बसे नमज्ञा गांव का दौरा किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। राज्यपाल ने क्षेत्र की संस्कृति में अपने आपको शामिल किया तथा स्थानीय व्यजनों का आनंद भी लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वह किन्नौर की संस्कृति से इतने प्रभावित हुए हैं कि वह बार-बार यहां आना चाहते हैं। संस्कृति से जुड़े होने के कारण लोगों में आतिथ्य भाव है। लेकिन, लोगों का जीवन कठिन है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच है जिसका उद्देश्य है देश के इन प्रथम गांव को कैसे अधिक सुविधायें दी जा सकती हैं। यहां कैसे अधोसंरचना विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं जिनका लाभ इस कार्यक्रम के तहत लोगों को मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि वह जनजातीय क्षेत्रों में जाने के लिये उत्सुक थे। उन्होंने स्थानीय समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिये उपायुक्त को दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य मांगों को उचित स्तर पर उठाकर उनके समाधान का प्रयास किया जाएगा। तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि करीब 360 की जनसंख्या वाले इस गांव में सेब की फसल प्रमुखता से की जाती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, कारपेट वीविंग तथा हैंडलूम इत्यादि सुविधाओं पर योजना तैयार की जा रही है। ग्राम पंचायत नमज्ञा के प्रधान बलदेव सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा स्थानीय मांगों से अवगत करवाया। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अपने तीन दिवसीय किन्नौर दौरे में आज 13000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर शिपकिला स्थित सेना की पोस्ट और भारत तिब्बत सीमा बल की चैकी का दौरा किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उनके साथ थीं। सेना के अधिकारियों ने राज्यपाल को सीमा की सैन्य व्यवस्था से अवगत करवाया। राज्यपाल का शिपकिला का यह पहला दौरा था। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि वह यहां तैनात जवानों के उत्साह से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यहां जवान कठिन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा में समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने से जवान यहां तैनात हैं, जिनका एक ही धर्म है देश की सुरक्षा। उन्होंने कहा कि इन वीर सैनिकों के कारण ही हम सुरक्षित हैं। उन्होंने इन्हें देश का 'सुरक्षा चक्रÓ कहा। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे उनके बीच हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, कमांडर ब्रिगेडियर आरपीसिंह, उपायुक्त तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, शिपकिला सैन्य पोस्ट के हेड मेजर जॉय कपफोह, आईटीबीपी के एसीजीडी विनोद कुमार भारती तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
-कहा, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से बढ़ेगी विकास की रफ्तार राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला के साथ वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के नाको व लियो गांंव का दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की। लियो गांव में राज्यपाल ने कहा कि किन्नौर जिला के 55 गांव वाइब्रेंट विलेज में शामिल किए गए हैं जहां विकास को गति देने के लिये विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें सीमावर्ती गांव जिन्हें वाइब्रेंट विलेज कहा जाता है, जाने का आग्रह किया था। ऐसे गांव में सुविधाएं देने का काम भारत सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा के कारण उन्हें यहां का दौरा रद्द करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की सड़क संबंधी मांगों को हल करने के लिये हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय की बाध्यता नहीं होगी तो नोतोड़ और एफ.आर.ए. मामलों को उचित स्तर पर बातचीत कर हल करने का प्रयास किया जाएगा ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। इससे पूर्व, राज्यपाल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत तैयार किये गए उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यह प्रदर्शनी फुलसुम खण्डी व निरूप स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाई गई थी। उपायुक्त किन्नौर सुश्री तोरूल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा इन क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। लियो के प्रधान नमग्युल कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा स्थानीय समस्याओं से अवगत करवाया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने नाको गांव का दौरा किया और लोगों से बातचीत की। उन्होंने उनकी समस्याएं भी सुनीं। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी यहां लोगों को संस्कृति ने जोड़े रखा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल संस्कृति का प्रदेश है और हर गांव की समृद्ध संस्कृति है। इसलिए इसे देवभूमि भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज के तहत आज सीमावर्ती गांव का विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री ने देश के आखिरी गांव को पहला गांव कहा है। इसी कारण जनप्रतिनिधियों का इन क्षेत्रों का दौरा सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सहित अन्य मांगों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। इस अवसर पर, हंगरंग रिंछेंन बौद्ध संस्कृति धरोहर संस्थान के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल तथा लेडी गवर्नर ने यहां स्थापित मठ का दौरा भी किया तथा गांव भी गए। उन्होंने नाको झील भी देखी। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भो इस अवसर पर उपस्थित थे।
-डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की होंगे अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के मामलों की जांच डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता वाली एसआईटी करेगी। जांच कमेटी में सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों में काम कर चुके निपुण अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान देहरा से विधायक होशियार सिंह के सवाल पर यह एलान किया। मुकेश ने कहा कि बहुत जल्दी पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोग इस तरह के झांसे में आ रहे हैं। उधर, विधायक ने धोखा करने वाली कंपनियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया। कहा कि देहरा क्षेत्र में ही दस करोड़ से अधिक की ठगी हो चुकी है। गरीब लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने सदन में 425 लोगों की सूची रखी, जिन्होंने यह धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए। 200 करोड़ का घोटाला हमीरपुर में, 250 करोड़ का कांगड़ा, 100 करोड़ का ऊना में हुआ है। आरोप लगाया कि राजनीतिक संरक्षण से यह ठगी की जा रही है। उन्होंने कुछ कंपनियों के नाम भी बताए। उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। उन्होंने अपने विस क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि फ्रॉड करने वाले ये लोग राजनीतिज्ञों के साथ देखे जाते हैं। अभी तक 6 एफआईआर, 56 शिकायतें जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामले पूरे प्रदेश में आए हैं। अभी तक 6 एफआईआर पुलिस ने दर्ज की हैं। 56 शिकायतें पुलिस के पास आई हैं। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। कहा कि राजनीतिक संरक्षण वाले आरोप की उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय हुई है। व्यवस्था परिवर्तन करते हुए कांग्रेस सरकार ने इस वर्ष शराब ठेकों का नवीनीकरण करने की जगह नीलामी से आवंटन किया। नीलामी से इस वित्त वर्ष में कुल 1815 करोड़ रुपये की आय होगी। अगस्त 2023 तक 1301 करोड़ रुपये सरकारी कोष में जमा भी हो गए हैं। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में शराब के ठेकों का आवंटन नवीनीकरण के माध्यम से किया गया। 2022-23 में 1296.94 करोड़ रुपये में ठेकों का नवीनीकरण हुआ था। इस साल सरकार ने ऑक्शन कम टेंडर के आधार पर नीलामी का निर्णय लिया। सरकार के इस पारदर्शी कदम से 39.97 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। ठेकों की नीलामी से पिछले वर्ष के मुकाबले 518.41 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज अपने तीन दिवसीय दौरे के तहत जनजातीय जिला किन्नौर पहुंचे। उन्होंने समदोह के सैन्य शिविर, भारत-तिब्बत सीमा बल की फारवर्ड पोस्ट लेपचा तथा सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उन्होंने विभिन्न गांवों का दौरा भी किया। लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी उनके साथ थीं। राज्यपाल का यह पहला जनजातीय जिला किन्नौर का दौरा है। आज प्रात: समदोह हैलीपैड पहुँचने पर ब्रिगेडियर आर.पी.सिंह., ब्रिगेड कमांडर ने राज्यपाल का स्वागत किया। लाहुल-स्पीति तथा किन्नौर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने करीब 13000 फीट की ऊंचाई पर भारत तिब्बत पुलिस बल की फारवर्ड पोस्ट का दौरा भी किया। वह लेपचा पोस्ट गए और यह पहला मौका है जब किसी विशिष्ट व्यक्ति ने इस पोस्ट का दौरा किया। नियंत्रण रेखा पर बनी इस पोस्ट से तिब्बत के तीन गांव चुरुप, शकटोट और घुमुर नजर आते हैं। राज्यपाल को सैन्य अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि सेना के जवान किस तरह विपरीत परिस्थितियों में दिन-रात यहां सीमाओं की चैकसी करते हैं। लेपचा में आईटीबीपी की पोस्ट में जवानों के साथ बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि वह भारत सीमा को सुरक्षित रखने वाले जवानों को सलाम करते हैं, जो शून्य से भी कम तापमान में सीमा की रक्षा करने के लिए पूर्ण सतर्कता के साथ डटे हैं। उन्होंने कहा कि वह जवानों के जज्बे को नमन करते हैं क्योंकि हर प्रकार की परस्थितियों के लिए हमारे जवान तैयार हंै। राज्यपाल ने कहा कि भारत की सुरक्षा हमारे जवानों के कंधों पर है। उन्होंने कहा कि भारत का हर व्यक्ति आईटीबीपी के जवानों के प्रति जो आदर रखता है, वह हमारे जवानों के जज्बे को बढ़ाता है। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को अपनी किसी भी प्रकार की समस्या उनके साथ सांझा करने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर, आईटीबीपी के कमांडेंट श्री श्रीपाल ने राज्यपाल का स्वागत किया और बल की इस फ्रंटियर पोस्ट के बारे में अवगत करवाया। समदोह सैन्य शिविर में राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल तथा लेडी गवर्नर श्रीमति जानकी शुक्ल ने देवदार का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर, राज्यपाल ने सैनिकों के साथ बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा 'सैनिकों का उत्साह, जज्बा और देश के लिये समर्पण अदभुत है। इस लिये हमारी सेना दुनिया की सर्वश्रेठ सेना में शामिल है।Ó उन्होंने कहा कि दुश्मन के हर नापाक इरादों को ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाले हमारे बहादुर सैनिक दिन-रात देश की सुरक्षा में तैनात हैं। समदोह सैन्य शिविर के कमांडर ब्रिगेडियर आरपी सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया और शिविर के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर, राज्यपाल और लेडी गवर्नर ने सैन्य शिविर परिसर में देवदार का पौधा भी रोपित किया। बाद में, सीमावर्ती गांव के लोगों ने राज्यपाल से भेंट कर उन्हें अपनी मांगों से अवगत करवाया। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें वाईब्रेंट विलेज कार्यकम के तहत यहां आने के लिये कहा था। यहां आकर मुझे अच्छा लगा कि अब अधोसंरचना विकास इस क्षेत्र में तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि पेयजल अथवा अन्य सुविधाएं यहां उपलब्ध करवाई जा रही हैं, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों के यह गांव सुदृढ़ हो सके। लाहुल-स्पिति के उपायुक्त राहुल कुमार तथा पुलिस अधीक्षक मयंक चैधरी ने राज्यपाल को सम्मानित किया। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, किन्नौर की उपायुक्त तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-कहा, हर चीज के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावितों को दोहरे जोखिम दे रही सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय कर रही है, आए दिन जनविरोधी फैसले ले रही है। सत्ता में आते ही डीज़ल पर टैक्स बढ़ा दिए। बिजली-पानी के शुल्क बढ़ा दिए। आज दस गुना स्टांप ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की तानाशाही से जनविरोधी फैसले जनता पर नहीं लाद सकती है। सरकार ने राजस्व के विभिन्न कार्यों में जहां सौ रुपये का स्टाम्प लगता था। उस जगह पर अब एक हज़ार जा स्टांप लगाने जा रही है। एक साथ दस गुना बढ़ोतरी आज तक प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। नेता प्रतिपक्ष ने का कहा कि इस अधिनियम का विरोध करते हुए बीजेपी के विधायकों ने सदन से 'वॉकआउटÓ किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोगों को सुविधा देने के नाम पर कांग्रेस प्रदेश के लोगों से झूठ बोला। सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश के लोगों को दुख देने वाले काम शुरू कर दिये। चुनाव के पहले दस गारंटी का वादा करने वाली कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और लोगों के ऊपर टैक्स पर टैक्स लगाए जा रही है। आपदा के समय में भी इस तरह की जनविरोधी गतिविधि सरकार कर सकती है। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश आपदा से गुजर रहा है लेकिन सरकार आए दिन किसी न किसी प्रकार के आर्थिक बोझ से प्रदेश के लोगों को परेशान कर रही है। आपदा से उबरने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता है उन्हें महंगा कर रही है। लोगों के घर टूटे हैं, जिन्हें बनाने में सीमेंट, रेता स्टील की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिये। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली महंगी कर दी। इससे स्टील और अन्य महत्वपूर्ण चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। डीज़ल के दाम बढ़ा दिये, जिससे आम जन-जीवन में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजों के दामों पर असर पड़ा। आपदा के समय में इस तरह का बर्ताव कभी किसी सरकार ने नहीं किया। सरकार को इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ. सोनम नेगी ने आज यहां बताया कि आयुष्यमान भारत डिजिटल मिशन के तहत पूरे देश व प्रदेश सहित जिला किन्नौर में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा अकाउंट) बनाए जा रहे हैं, जिसके तहत लाभार्थी अपने साथ आधार कार्ड लेकर नजदीकी हेल्थ वेलनेस सेंटर में जाकर अपना हेल्थ अकाउंट बनवा सकते हैं तथा अपने स्वास्थ्य से संबंधित सभी जानकारी हेल्थ अकाउंट से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 34 हजार 449 हेल्थ अकाउंट बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ अकाउंट बनवाने के लिए आम नागरिकों को अपने हेल्थ वेलनेस सेंटर जाना होगा जहां सीएचओ या डाटा एंट्री ऑपरेटर के माध्यम से यह अकाउंट बनवाए जाएंगे। इसके अलावा यह अकाउंट आशा कार्यकर्ता के माध्यम से भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस हेल्थ अकाउंट के बन जाने से लोगों को उनके स्वास्थ्य दस्तावेजों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी तथा स्वास्थ्य दस्तावेजों के खो जाने की स्थिति में लोग डिजिटल माध्यम से अपने दस्तावेजों को प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस अकाउंट में सभी मेडिकल दस्तावेज और रिपोर्ट सुरक्षित रहेगी। उन्होंने जिला के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वह शीघ्र अति शीघ्र आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा अकाउंट) बनाएं तथा इस योजना का लाभ उठाएं।
नियमों की अवहेलना करने पर 18210 रुपये जुर्माना वसूला सहायक आयुक्त एवं जिला नियंत्रक, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग जिला किन्नौर संजीव कुमार भोट ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा सांगला तहसील के मुख्य बाजार सांगला में थोक/परचून लाभांश एवं मूल्य सूची प्रदर्शन की जांच के लिए बाजार की सभी दुकानों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान सब्जी, करियाना, होटल/ढाबा, मीट व चिकन की कुल 21 दुकानों की जांच-पड़ताल की गई। जांच के दौरान अधिकतर मीट/चिकन की दुकानों पर मूल्य सूची प्रदर्शित न करने तथा निर्धारित लाभांश से अधिक विक्रय वसूले जाने के कारण 27 किलोग्राम मीट (बकरा) व 15 किलोग्राम चिकन जब्त किया गया तथा 18 हजार 210 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी व्यापारियों को निर्देश दिए कि व्यापारिक परिसर में स्पष्ट शब्दों में मूल्य सूची प्रदर्शित करें तथा कोई भी व्यापारी जिला दंडाधिकारी किन्नौर द्वारा तय किए गए लाभांश से अधिक मूल्य उपभोक्ताओं से न वसूलें। उन्होंने कहा कि जनहित के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के निरीक्षण जारी रहेंगे।
-कहा, बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। हिमाचल प्रदेश में अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि टेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। बाहरी राज्यों में भी किलो के हिसाब से ही सेब बेचा जाएगा। नहीं मानने वाले प्रदेशों के उच्च न्यायालयों में मामला उठाया जाएगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर की ओर से मामले पर उठाए गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का मामला उठाया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सेब को किलो के हिसाब से बेचना ऐतिहासिक निर्णय है। इसमें समस्या आएगी भी, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। लेकिन यह संभव नहीं था कि एक-एक पेटी को बाजार में तोलने की व्यवस्था की जाए। भ्रम की स्थिति बनी रही। कई जगह बागवानों में भी नाराजगी हुई। यह नियम केवल हिमाचल प्रदेश में है। बाहर नहीं है। वहां इस तरह की व्यवस्था नहीं है। जब भ्रम की स्थिति बनी तो बहुत से बागवानों से प्रदेश से बाहर जाकर सेब बेचा। इससे राजस्व की हानि हुई। करोड़ों रुपये खर्च करके यहां पर मंडियां बनाई गई हैं। करोड़ों की लागत से हिमाचल प्रदेश में मंडियां विकसित की गई हैं। बागवानी मंत्री भी मंडियों का दौरा करते रहे। मंत्री रोहित ठाकुर भी बागवानों से लगातार मिलते रहे। उनका यह कहना है कि इसका एक सबसे बढ़िया उपाय है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि इससे हमेशा के लिए अच्छी व्यवस्था बने। राठौर ने बागवानी मंत्री से अनुरोध किया प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था को लागू किया जाए। बाजार में इससे अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। गुणवत्ता वाला सेब जाएगा तो अच्छा होगा। एक ही मापदंड होने चाहिए। हिमाचल में किलो के हिसाब से बिक रहा है। बाहर किलो के हिसाब से नहीं बिक रहा है। सेब बागवानी के खर्चा देखा जाए तो यह लाभ का काम नहीं रह गया है। इस वक्त बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सेब पर आयात शुल्क घटाए जाने से भी बागवानों को नुकसान हो रहा है। यह मसला पूरे प्रदेश से जुड़ा हुआ है। सेब का सालाना कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये है। बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सभी लोग सहयोग करें। आयात शुल्क बढ़ाया जाए। कुलदीप राठौर ने कहा कि अफगानिस्तान के रास्ते ईरान का सेब आ रहा है। अफगानिस्तान के साथ देश की निशुल्क व्यापार की संधि है। इस बारे में भी सोचे जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला स्टील सिटी बन गई है। पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के मूल सवाल और राजेश धर्माणी व हरीश जनारथा के सप्लीमेट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधायक निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायतें करते हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। नॉन टेक्निकल लोगों ने दी टेक्निकल काम की मंजूरी विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी बड़ा रोल है।
उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश ने आज निगुलसरी के सिंकिंग प्वाइंट का निरीक्षण किया और यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने निगुलसरी में यातायात पर संतुष्टि जताई और कहा की स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन के कारण क्षेत्र में सुचारू यातायात सुनिश्चित हो पाया है। उपायुक्त ने कहा की निगुलसरी में राष्ट्रीय उच्चमार्ग अवरुद्ध होने के कारण उत्पन स्थिति से तत्परता से निपटने के लिए संबंधित विभागों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। उन्होंने कहा की निगुलसरी में यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस एवं गृह रक्षक के जवानों की तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण विभाग द्वारा निगुलसरी में सड़क के विस्तारीकरण का कार्य भी सांय 7 बजे से प्रात: 8 बजे तक किया जा रहा है तथा कार्य के लिए उपयुक्त मशीनरी भी तैनात की गई है। तोरूल रवीश ने बताया कि जिला के निगुलसरी में 7 सितंबर को पहाड़ के दरकने से लगभग 380 मीटर सड़क पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो गई थी जिसे खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया गया तथा 17 सितंबर को सड़क को यातायात के लिए सुचारू किया गया, परंतु भू-स्खंलन वाले क्षेत्र में पानी का रसाव व पहाड़ से छोटे-मोटे पत्थरों के गिरने की स्थिति के दृष्टिगत पुलिस बल की तैनाती तुरंत प्रभाव से की गई ताकि यातायात को सुचारू ढंग से चलाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में सेब का सीजन चालू है तथा ऐसे में जिला के किसानों व बागवानों की सेब व अन्य नकदी फसलों को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए सुचारू यातायात बनाए रखने की आवश्यकता है तथा इसके तहत निगुलसरी में यातायात बनाए रखनेे के लिए वाहनों की आवाजाही के लिए समय-सारणी बनाई गई व पुलिस द्वारा इसकी अनुपालना सुनिश्चित की जा रही है तथा यातायात सुचारू रूप से बहाल किया जा रहा है।
-सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे सुक्खू सरकार पर जनता को नहीं रहा भरोसा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि जिन्होंने अपनी जान को ख़तरे में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा की, आज छह महीनें से उनका वेतन नहीं दिया गया हैं। इस महीने उन सबकी सेवा ख़त्म करने का नोटिस दे दिया गया है। सरकार हर मुद्दे पर झूठ बोल रही है। सदन में भी सही जवाब नहीं दे रही है। आज हर दिन विधान सभा के बाहर लोग अपनी मांगें लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सब सही है, लेकिन सब सही नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह से फेल हैं। जनहित के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे हैं कि सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दस महीनें में ही लोग सड़कों पर आ गये हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। दस महीनें में ही प्रदेश के लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर आ गये हैं क्योंकि सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। आज भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी परीक्षा के परिणाम नहीं जारी किए जा रहे हैं। युवा आये दिन परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक सिर्फ आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब हमें मौक़ा मिला तो हमने प्रदेश में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित, किसी कारण से अशक्त हुए लोगों के लिए सहारा योजना लाई। उसके तहत तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही थी। जिससे ऐसे लोगों की मदद हो जाए। अब मुझे उन लोगों के फ़ोन आते हैं कि पेंशन नहीं मिल रही है। यह गलत परंपरा हैं। ऐसी व्यवस्थाएं सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह समाज में जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई गई योजना है।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 25 से 27 सितंबर तक किन्नौर जिला के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वह पूह विकास खंड के तहत आने वाले सीमवर्ती क्षेत्र तथा कल्पा विकास खण्ड का दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्यपाल 25 सितंबर को समधू पहुंचेगे तथा लेपचा में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की अग्रणी चैकियों का दौरा करेंगे। इसके उपरांत वह समधू में सेना के जवानों के साथ वार्तालाप करेंगे। राज्यपाल इसके बाद नाको का दौरा कर स्थानीय ग्रामवासियों से मिलेंगे। इसके उपरानत वह लियो के ग्रामवासियों से संवाद स्थापित करेंगे तथा ब्रिगेड केंद्र पूह में अधिकारियों व जवानों से वार्तालाप करेंगे। उपायुक्त ने बताया कि राज्यापल 26 सितंबर को शिपकिला में सेना व आईटीपी के जवानों के साथ संवाद करेंगे तथा नमज्ञां में स्थानीय ग्रामवासियों से मिलेंगे। इसके उपरांत वह कल्पा विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कल्पा में पौधरोपण करेंगे तथा ड्रोन प्रदर्शन का अवलोकन करेंगे। राज्यपाल इसके उपरांत परिधि गृह कल्पा में स्थानीय लोगों से मिलेंगे। राज्यपाल आईटीडीपी हॉल में किसान मेले में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे तथा जिला अधिकारियों के साथ केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं संबंधित बैठक करेंगे। इसके उपरांत वह दुर्गा किला तथा कल्पा गोम्पा का अवलोक करेंगे। राज्यापल 27 सितंबर को जिला की बटसेरी ग्राम पंचायत के श्री बदरी नारायण मंदिर के परिसर में स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करेंगे तथा स्थानीय महिला मंडल व स्वयं सेवी समूहों द्वारा जिला की संस्कृति पर आधारित रंगा-रंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अवलोकन करेंगे। इसके उपरांत वह मस्तरंग में आईटीबीपी कैंप का दौरा करेंगे।
पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद से केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार पर ऋण लेने पर पाबंदियां लगा दी हैं। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कही। उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार को बीते 5 साल में विभिन्न एजेंसियों से 10,000 करोड़ का ऋण मिला। अब पाबंदियां लगने से वर्तमान सरकार को 3 साल में 2,944 करोड़ रुपये का ही ऋण लेने का सीमित कर दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से शिवधाम मंडी और कन्वेंशनल सेंटर धर्मशाला को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति का पत्र देने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दौरे करने से कई जानकारियां मिल रही हैं। जिस स्वीकृति की बात जयराम ठाकुर करते हैं, वो कहां है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव वर्ष 2018 से कागजों में ही चल रहा है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक से इस प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं मिली है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मिलने वाले ऋण की सीमा को कम कर दिया है। केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने ऋण सीमा पर पाबंदी लगाई है। विश्व बैंक, जायका, जापान के बैंक सहित अन्य एजेंसियों से मिलने वाले ऋण भी इसमें आते हैं। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद से यह पाबंदियां लगी हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर के मैंझा में मैरिज डेस्टिनेशन बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 100 कनाल भूमि पर करीब 40 करोड़ की राशि से मैरिज डेस्टिनेशन बनाया जाना है। यह बनने से क्षेत्र में मैदान की कमी हो जाएगी। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंझा की जगह इसे पालमपुर या सुलह के किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को विधायक परमार के साथ बैठकर हल कर लिया जाएगा।
-केंद्र से 12,000 करोड़ की विशेष मदद मांगी -वोटिंग के वक्त विपक्ष रहा मौन हिमाचल विधानसभा में बुधवार देर शाम राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पास हो गया। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने थ्रू-वायस वोट इस प्रस्ताव को सदन में पास कराया। इस दौरान विपक्ष ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकारी संकल्प का न समर्थन किया और न विरोध। सत्तापक्ष के विधायकों ने हां में हां भरी। स्पीकर ने प्रस्ताव पारित होते ही सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। अब यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव पर तीन दिल चली चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए केंद्र से 12000 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा तबाही का मंजर पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में 441 लोगों की जान गई और 39 लोग अभी भी लापता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से 12 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। 16658 पशुओं की मौत, 2621 घर पूरी तरह नष्ट, 12 हजार से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान, 318 दुकानें, 238 झोपडिय़ां, 540 घराट और 5917 गौशालाएं तबाह हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग, पंडोह, पार्वती-2 डैम प्रबंधन को बिना सूचना पानी छोडऩे पर नोटिस जारी किए गए, क्योंकि इससे डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ है। सभी बांध प्रबंधन को पानी छोडऩे से पहले अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से सरकार करुणामूलक नौकरियां देगी। मंगलवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक केएल ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस मामले पर कुछ काम नहीं किया। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी के साथ दो बार चर्चा हो चुकी है। जल्द कार्य योजना सामने लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने करुणामूलक आधार की नौकरियों के सरकारी विभागों में 1,766 और निगमों-बोर्डों में 734 आवेदन रिजेक्ट किए। सिर्फ 25 फीसदी को ही नौकरियां दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल में करुणामूलक नौकरियों के लिए सरकारी विभागों में 4,099 और निगम-बोर्डों में 2,971 आवेदन आए। इस मामले पर गंभीरता से सोचना होगा। उधर, मुख्यमंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आधार पर सबसे अधिक नौकरियां पूर्व सरकार ने दी हैं। भाजपा सरकार ने नौकरियां देने के लिए नियम बदले। पहले 50 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को नौकरी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने प्रावधान किया कि अगर सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी मृत्यु होती है तो करुणामूलक नौकरी दी जाएगी। जयराम ने कहा कि आयु की शर्त में भी भाजपा सरकार ने छूट दी। विधायक केएल ठाकुर ने पूछा था कि करुणामूलक आधार की नौकरियां कब तक दी जाएंगी।
-दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ हिमाचल प्रदेश में तीनों बड़ी कंपनियों ने सीमेंट के दाम 10 रुपये प्रति बैग बढ़ा दिए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश में अल्ट्राटेक, अंबुजा और एसीसी सीमेंट कंपनी ने दामों में बढ़ोतरी की है। वहीं सूत्रों के अनुसार आगामी कुछ दिनों में सीमेंट के दामों में पांच रुपये और बढ़ोतरी होने की संभावना है। एसीसी सीमेंट का दाम 430 रुपये से बढ़कर 440 रुपये हो गया है। जबकि एसीसी गोल्ड के दाम 470 से 480 रुपये हो गए हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट के दामों में भी 10 रुपये बढ़ोतरी हुई है। अल्ट्राटेक सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़कर 440 रुपये प्रति बैग हो गए हैं। अंबुजा सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़ाकर 440 रुपये प्रति बैग किए गए हैं। प्रदेश में सभी सीमेंट कंपनियों की ओर से एक साथ दामों में बढ़ोतरी की है। बढ़े दाम बीती रात 12 बजे से लागू कर दिए गए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से निर्माणाधीन मकानों के मालिकों का बजट बिगड़ गया है। एसीसी सीमेंट के विक्रेता किशन लाल एंड सन्स के मालिक पवन बरूर और सत्या प्रकाश एंड कंपनी के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि सीमेंट के दामों में 10 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है।
राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अमरीकी सेब पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने के निर्णय का खंडन करते हुए कहा की अमेरिकी सेब के आयात शुल्क घटाने से हिमाचल प्रदेश के बागवानों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार द्वारा जी-20 सम्मिट के दौरान अमरीकी सेब के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया, जिस पर केंद्र सरकार को पुन: विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार द्वारा पहले सेब आयात शुल्क को 75 प्रतिशत से कम कर 50 प्रतिशत किया गया और अब 15 प्रतिशत किया जा रहा है, जो हिमाचल प्रदेश व अन्य क्षेत्रों के बागवानों की आर्थिकी के लिए नुकसानदायक है। बागवानी मंत्री ने कहा की केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश की मंडियां विदेशी सेब से भर जायेगी और राज्य के बागवानों की आर्थिकी को क्षति पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य सेब उत्पादक राज्य के बागवानों के लिए अपने निर्णय पर पुन: विचार करना चाहिए। राजस्व मंत्री ने कहा कि निगुलसरी में बाधित हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तथा इसकी बहाली के कार्य में जुटे जवान दिन-रात बहाली का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला के बागवानों की सेब की फसल को नुकसान न हो इसके लिए निगुलसरी में रज्जू-मार्ग लगाया गया जिसके माध्यम से जिला के किसानों व बागवानों की सेब व मटर की फसलों को मंडियो तक पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के बाधित होने से जिला अन्य जिलों से कट चुका है तथा आवश्यक खाद्य वस्तुओं व पेट्रोल डीजल की आपूर्ति वाया काजा-किन्नौर मार्ग तथा ढुलाई के माध्यम से करवाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया एचपीएसईबीएल के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां अभियंता दिवस के अवसर पर शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को अब अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा, बल्कि वे घर बैठे ही आसानी से बिलों का भुगतान कर सकेंगे। इसके अलावा लोग अब नए बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन की प्रगति की भी निगरानी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पोर्टल पर एचपीएसईबीएल द्वारा दी जाने वाली नाम परिवर्तन और लोड समायोजन आदि विभिन्न सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य बिजली बोर्ड में कागज रहित कार्य संस्कृति की शुरुआत करना है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित होंगी और सेवाओं में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कुशल और सुलभ सेवाएं प्राप्त होंगी। इसके अलावा पोर्टल पर ऊर्जा उत्पादन डेटा उपलब्ध होगा और यह उपभोक्ताओं को कार्यालय में आए बिना आईपीपी द्वारा ऑनलाइन चालान जमा करने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में अभियंताओं के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में भारी वर्षा के कारण आई आपदा ने राज्य के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इसके वाबजूद प्रदेश के विभिन्न विभागों के इंजीनियरों के समर्पित प्रयासों से सरकार ने 48 घंटे की अल्पावधि में आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल की। इस आपदा के कारण प्रदेश में सड़क, बिजली और जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं और अभी तक हुए कुल नुकसान का आकलन 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। डिजिटलीकरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभाग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ उनके घर-द्वार पर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभियंताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से जलवायु परिवर्तन को एक सामूहिक जिम्मेदारी मान कर इससे निपटने में पूर्ण सहयोग देने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, एचपीएसईबीएल के निदेशक डॉ. अमित कुमार शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।