- एसएमसी शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी -अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय भी 2000 रुपये बढ़ा -मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों, निगमों के तहत विभिन्न समूह-सी पदों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने विभाग को मजबूत करने के लिए पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का निर्णय लिया, जिसमें 877 पुरुष कांस्टेबल, 292 महिला कांस्टेबल और 57 कांस्टेबल ड्राइवर शामिल हैं। कैबिनेट ने एसएमसी शिक्षकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया गया। 1 अप्रैल, 2023 से 2000 प्रति माह जिससे 2115 व्यक्तियों को लाभ होगा। इसके अलावा, शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 3900 से रुपये 1 अप्रैल, 2023 से 4400 प्रति माह, जिससे 283 व्यक्ति लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल ने अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उद्योग विभाग में खनन निरीक्षक के 12 पद, सहायक खनन निरीक्षक के 24 पद और खनन गार्ड के 38 पद भरने का भी निर्णय लिया। बागवानी विभाग में बागवानी विस्तार अधिकारियों के 50 पद भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी सहायक के 10 पद भरने को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी दी और रुपये आवंटित करने का फैसला किया। योजना के तहत 40 करोड़ रु. यह योजना छोटे उद्यमियों और कौशल आधारित श्रमिकों जैसे मोची, दर्जी, नाई, मोबाइल रिपेयरिंग विक्रेता, सब्जी और फल विक्रेता आदि को अपने व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करने के बेहतर अवसर प्रदान करेगी। राजस्व न्यायालय के मामलों के विलंबित निर्णयों के मुद्दे को संबोधित करने और विभाजन, सुधार, उत्परिवर्तन, अपील जैसे विभिन्न राजस्व कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने का निर्णय लिया गया। और जनता की सुविधा के लिए सीमांकन आदि। लंबित मूल्यांकन मामलों और बकाया जो मुकदमेबाजी के अधीन थे या अभी तक जीएसटी के तहत मूल्यांकन नहीं किया गया था, को निपटाने के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 के तीसरे चरण को शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राजस्व के अनुकूलन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 से एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और ऊर्जा निदेशालय के संबंध में व्यापारिक रणनीतियों और बिजली के लेनदेन के समन्वय के लिए एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया। इसने जलवायु, स्थलाकृतिक और अन्य संबंधित कारणों से मंदी की अवधि के दौरान ऊर्जा की कमी का प्रबंधन करने के लिए स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति, 2021 में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। नए प्रावधान छत आधारित सौर परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करेंगे और बिजली उत्पादन में योगदान देंगे।
विदेशी सेब पर आयात शुल्क घटाए जाने पर हिमाचल के बागवान भड़क गए हैं। फैसल के विरोध में बागवान सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बागवानों का मानना है कि इससे हिमाचल का सेब बाजार में पिट जाएगा। विदेशी सेब का आयात बढ़ेगा। अफगानिस्तान के रास्ते से आ रहे ईरान के सेब की मार हिमाचली सेब पर सबसे ज्यादा पड़ रही है। प्रदेश के बागवान सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी तक करने के लिए सरकार पर लंबे अरसे से दबाव बना रही है लेकिन आयात शुल्क घटाने पर बागवानों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। अमेरिका से भारत आने वाले सेब पर 35 फीसदी आयात शुल्क घटाए जाने की बात सामने आ रही है। बागवान संघ मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री के माध्य से यह मामला केंद्र से उठाएंगे। हिमाचल में हर साल 5,000 हजार करोड़ का कारोबार सेब से किया जाता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेब की अहम भूमिका रहती है। अधिकांश बागवानों की सालभर की कमाई भी सेब पर ही टिकी है। दूसरी ओर विदेशी सेब ने हिमाचल के बागवानों के सामने चुनौती खड़ी कर रखी है। पहले से ही बड़ी मात्रा में विदेशी सेब के आने से हिमाचल के सेब को अच्छे रेट नहीं मिल रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नामित आरोपी नितिन आजाद की जमानत रद्द कर दी है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने अपने निर्णय में कहा कि नितिन गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जमानत मिलने के बाद याचिकाकर्ता कानूनी परिणामों से बचने के लिए फरार हो सकता है। अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने अभी तक मामले की जांच पूरी नहीं की है। एजेंसी का शक है कि वह किसी अन्य समानांतर मामले में संलिप्त हो सकता है। आरोपी नितिन के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7ए, 8, 12 और 13(1)(ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज है। अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत की गई कि संजीव कुमार उर्फ संजय ने उसे जेओए (आईटी), पोस्ट कोड संख्या 965 की परीक्षा के पेपर चार लाख रुपये में बेचने की बात कही थी। उसके बाद शिकायतकर्ता ने संजीव कुमार उर्फ संजय की बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी। उसके बाद प्रश्नपत्र के लिए कीमत पर ढाई लाख रुपये में सौदेबाजी की गई। प्रश्नपत्र के लिए संजीव कुमार ने शिकायतकर्ता का परिचय निखिल नाम के व्यक्ति से करवाया। इसके बाद संजीव कुमार और निखिल ने प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने की पेशकश की। मामले की आगामी जांच में नितिन आरोपी पाया गया और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। इससे पहले अप्रैल में भी आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन की जानकारी दें सरकार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नियमानुसार प्लास्टिक अपशिष्ट का निष्पादन न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार से शपथपत्र के माध्यम से प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी तलब की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 में इसके निष्पादन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। मामले की सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 के तहत सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीकृत उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड-मालिकों की संख्या अदालत के समक्ष स्पष्ट रूप से बताई जाए। इसके अलावा प्लास्टिक अपशिष्ट के निष्पादन के लिए चिन्हित स्थानों की जानकारी भी तलब की गई है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश ठोस कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 में उन व्यक्तियों या प्राधिकरणों की संख्या भी तलब की है, जिनके विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत जुर्माना लगाया हो। इसके अतिरिक्त अदालत ने प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों का निरीक्षण की रिपोर्ट दायर करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अदालती आदेशों के बावजूद भी कचरे का निस्तारण नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। बता दें कि अदालत के समक्ष हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों से अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट स्थापित करने के लिए स्थल विवाद और अनुपचारित सीवरेज और ठोस अपशिष्ट की रिहाई से जुड़ी याचिकाएं दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और इसके कार्यान्वयन पर अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश 59 शहरी समूह के साथ भारत का सबसे अच्छा शहरीकृत राज्य है। लेकिन, कचरे की कम मात्रा भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। हिमाचल में 29 नगर परिषद और 5 नगर निगम है। कहीं भी कचरे का नियमानुसार निष्पादन नहीं किया जा रहा है।
नेहरू युवा केंद्र किन्नौर के जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने बताया कि 2 अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर संसद भवन भारत में राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें भाग लेने के लिए जिला स्तरीय तथा राज्य स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाएंगी, जिसमें से चयनित हुए प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेने का मौका प्राप्त होगा। जिला युवा अधिकारी ने बताया कि इस संदर्भ में 15 सितंबर को जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसका विषय लाल बहादुर शास्त्री-अमृतकाल में उनके जीवन के सबक और विरासत होगा। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को नेहरू युवा केंद्र कार्यालय रिकांग पिओ में 14 सितंबर तक पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के लिए आयु सीमा 18 से 29 वर्ष निर्धारित की गई है। प्रतिभागी की आयु 2 अक्तूबर तक 29 वर्ष होनी चाहिए तथा यदि किसी प्रतिभागी की आयु 2 अक्तूबर को 29 वर्ष से अधिक पाई जाती है तो उसका पंजीकरण रद्द किया जाएगा।
-परिवार सहित सड़कों पर उतरने की भी दी चेतावनी प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा बोले- 2555 एसएमसी शिक्षक स्कूलों में दे रहे सेवाएं -सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार यदि 30 सितंबर 2023 तक एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी नहीं बनाती है तो 2 अक्तूूबर से प्रदेश में सत्याग्रह किया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों ने प्रदेश सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे परिवारों के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। बता दें कि प्रदेश में 2555 एसएमसी शिक्षक मौजूदा समय में कार्यरत हैं और अपने लिए सरकार से पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं। शिमला में एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा आज पत्रकार वार्ता को संबोधित किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा शिक्षा सचिव को एसएमसी अध्यापकों द्वारा नियमित करने के संदर्भ में अल्टीमेटम दिया गया है। संघ ने कहा कि 2555 एसएमसी अध्यापक 2012 से निरंतर प्रदेश के विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार द्वारा कोई भी नीति न बनने के कारण अभी तक शोषण के शिकार हो रहे हैं, जबकि अन्य सभी अस्थाई अध्यापक पीटीए, पैट, पैरा व उर्दू पंजाबी पीरियड आधार तथा तकनीकी शिक्षा में पीरियड आधार शिक्षकों को कम अंतराल में ही नियमित किया जा चुका है। एसएमसी अध्यापक बहुत ही कम वेतन में शिक्षा विभाग में सभी कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और प्रदेश के सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे चल रहे हैं। एसएमसी अध्यापकों द्वारा शिक्षा विभाग को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि 30 सितंबर तक एसएमसी अध्यापकों को नियमित नीति में लाया जाए, अन्यथा 2 अक्तूबर से ही एसएमसी अध्यापक मजबूरन अपने परिवार और बच्चों सहित सत्याग्रह, धरना-प्रदर्शन पैन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस संदर्भ में एसएमसी अध्यापकों ने विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार ने हमें गंभीरता से सुना और सरकार हमें नियमित करेगी। मुख्यमंत्री ने भी हमें आश्वासन दिया है कि एसएमसी अध्यापकों को सितंबर माह तक नियमित किया जाएगा। इस मौके पर अध्यक्ष सुनील शर्मा, उपाध्यक्ष निर्मल ठाकुर, महासचिव बेला राम वर्मा,सचिव वेद प्रकाश ठाकुर, और सुरेश चौहान उपस्थित रहे।
कहा- प्रदेश सरकार अदा करेगी आवास का किराया मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने योजनाओं व विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण घर क्षतिग्रस्त होने से जो लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें प्रदेश सरकार किराए पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाएगी। मकान का किराया प्रदेश सरकार अदा करेगी। इसके दृष्टिगत दो व तीन कमरों के सेट किराए पर लेने का प्रावधान किया जाएगा। इस संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर निगम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। उन्होंने शिमला में विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों व गिरे हुए डंगों के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र से कृत्रिम मेधा (एआई) के पाठ्यक्रम आरम्भ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में भविष्य की चुनौतियों के आधार पर एआई पाठ्यक्रम आरम्भ करना समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हेलीपोर्टस के निर्माण कार्य की प्रक्रिया की प्रगति की हर सप्ताह समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कटहल की खेती की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को कटहल की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन व समयादेश (अपॉइंटमेंट) के लिए प्रभावी ऑन-लाईन प्रणाली विकसित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा, भरत खेड़ा, आरडी. नजीम, देवेश कुमार, डॉ. अमनदीप गर्ग और विभिन्न सचिव उपस्थित थे।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर में भारी बारिश व बाढ़ से हुए नुकसान की राहत एवं पुनर्वास कार्य की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिला के निगुलसरी में पहाड़ के दरकने से लगभग 380 मीटर तक अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की बहाली कार्य की समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की। बागवानी मंत्री ने कहा की राष्ट्रीय उच्चमार्ग-5 की बहाली तक सेब और मटर की फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए निगुलसरी में रज्जू-मार्ग स्थपित किया गया है, जिसमें जिला के किसानों व बागवानों की सभी प्रकार की फसलों को नि:शुल्क भेजा जाएगा। उन्होंने जिला किन्नौर के लोगों तक सब्जी, दूध, अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थ इत्यादि सभी दैनिक उपयोग की वस्तुओं को पहुंचाने के लिए अधिकारियों को वस्तुओं की ढुलाई करवाने के निर्देश दिए ताकि जिला के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अवरुद्ध मार्ग की बहाली में मशीनरी व तकनीकी सहयोग के लिए पटेल कंपनी, भारतीय सेना, सतलुज जल विद्युत निगम लिमेटिड, जे.एस.डब्लयू, शोरंग परियोजना, व अन्य ठेकेदारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, हिमाचल पथ परिवहन निगम, लोक निर्माण, जल शक्ति विभाग, पुलिस विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों का निगुलसरी भूस्खलन में तत्परता से कार्य करने के लिए उनके कार्य की सराहना की। इसके अतिरिक्त उन्होंने व्यापार मण्डल भावानगर, स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधि, स्थानीय लोगों व अन्य संस्थाओं द्वारा सहयोग प्रदान करने के लिए भी उनका आभार व्यक्त किया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि निगुलसरी में अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है तथा उन्होंने स्वयं मौके पर पहुंच कर बहाली कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जिला में सेब व मटर की फसलों का सीजन चालू है तथा ऐसे में सड़क को शीघ्र बहाल करना अति आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बहाली के कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि जिला किन्नौर के किसानों व बागवानों की नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाया जा सके तथा जिला को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। बैठक में बताया गया कि निगुलसरी में अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की बहाली के लिए 40 श्रमिकों की तैनाती की गई है जिसमें 35 निजी ठेकेदार के तथा 5 राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के श्रमिक शामिल हैं। इसके अलावा 1 कनष्ठि अभियंता, 1 डोज़र, 2 आरओसी मशीने तथा 3 वायु संपीड़न मशीनों की तैनाती की गई है। बैठक में बताया गया कि 380 मीटर तक अवरूद्ध हुई सड़क में से 280 मीटर सड़क को बहाल कर लिया गया है तथा बची हुई 100 मीटर सड़क की बहाली का कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके अलावा जिला में वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में दवाईंया उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त जिला में किरयाना व सब्जियां भी उपलब्ध हैं तथा जिला में पेट्रोल व डीजल आज शाम तक वाया काजा मार्ग से उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश, वन मंडलाधिकारी अरविंद, उप मंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी, उपपुलिस अधीक्षक नरेश शर्मा, भारतीय सेना के अधिकारी, अन्य प्रशासनिक अधिकारियों सहित पटेल कंपनी, सतलुज जल विद्युत निगल लिमेटिड, जेएसडब्ल्यू, शोरंग परियोजना व बहाली कार्य से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
सीएम ने जी-20 सम्मेलन के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज में लिया भाग मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उनके समक्ष प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में भारी बारिश के कारण आई आपदा से हुए नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और उनसे प्रदेश में हुई त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदाÓ घोषित करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि गत दो महीनों में भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण प्रदेश में 400 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है और 13 हजार से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है, जिस कारण हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि इस आपदा से उबरने के लिए प्रदेश को केंद्र की ओर से आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है। आपदा के कारण प्रदेश में हुए अभूतपूर्व नुकसान के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भुज और केदारनाथ मेें आई आपदा की तर्ज पर हिमाचल को भी विशेष राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा उठाए गए प्रदेश हित के मद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि प्रदेश की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित अन्य देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, 19 आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-सौरभ वैद और दरशोक ठाकुर को चुना वरिष्ठ उपाध्यक्ष - प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए चुनाव प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के चुनाव आज प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए। चुनाव प्रक्रिया में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एसएस जोगटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। चुनाव प्रभारी लाल सिंह चावला तथा सह प्रभारी हेम सिंह ठाकुर की देखरेख में संपन्न हुए। चुनाव में सभी 12 जिलों के अध्यक्षों तथा उनके प्रतिनिधि और 90 विभिन्न कर्मचारी संगठनों केअध्यक्ष-महासचिव व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभागार में लगभग 1100 कर्मचारी उपस्थित रहे। चुनाव में प्रदीप ठाकुर को सर्वसम्मति से प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुना गया। चुनाव में सौरभ वैद जिला कांगड़ा तथा दरशोक ठाकुर जिला हमीरपुर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। महासचिव भरत शर्मा जिला शिमला तथा कोषाध्यक्ष इंद्रजत शर्मा जिला सिरमौर से चुने गए। शमशेर ठाकुर मुख्य सलाहकार, कुशल शर्मा मुख्य प्रवक्ता, एम आर वर्मा मुख्य संरक्षक, पंकज शर्मा मीडिया प्रभारी, सुनील तोमर उपाध्यक्ष, नसीब सिंह, सोनम, मोहनलाल कश्यप, हंसराज उपाध्यक्ष रजनीश प्रवक्ता, अंकुर सचिव, ईश्वर उपाध्यक्ष, प्रवेश, हितेश शर्मा सचिव, कश्मीर सचिव, विनोद सलाहकार, नवीन रविकांत सोलन उपाध्यक्ष, मराठा सलाहकार, देव नेगी कार्यालय सचिव, नित्यानंद, रामेश्वर, कंवर सिंह ठाकुर, सुनीता मेहता उपाध्यक्ष, संजय कुमार, रजनीश, कमल शर्मा, सुरेश कुमार, जीवन गौतम, सरवन, पूजा सेन, भावना ठाकुर इत्यादि को राज्य कार्यकारिणी में चुना गया। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने उन्हें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुनने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त कार्यकारिणी कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान हेतु प्रयास करेगी, जिसके लिए आज शाम को ही कार्यकारिणी की बैठक कर रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने प्रदेश भर से पहुंचे सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सभी समस्याओं को उनके समक्ष रखा जाएगा। उनसे जल्द संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक हेतु भी आग्रह किया जाएगा, ताकि संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कर्मचारियों के सभी समस्याओं का निपटारा हो सके।
मंत्री ने टापरी मंडी का दौरा कर बागवानों व आढ़तियों को दिया आश्वासन राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के टापरी स्थित मंडी का दौरा किया और उपस्थित बागवानों और आढ़तियों को आश्वासन देते हुए कहा की सेब की फसल को जिले के बाहर भेजने के लिए उपयुक्त प्रबंध किए जा रहे हैं। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर के बागवानों की प्रमुख आजीविका सेब की फसल है। ऐसे में यह प्रदेश सरकार का दायित्व है कि सेब की फसलों को मंडी तक पहुंचाने में बागवानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि निगुलसरी में बाधित हुई सड़क को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तथा बागवानों को उनकी सेब तथा मटर सहित अन्य नकदी फसलों को मंडी तक पहुंंचाने में किसी प्रकार की बाधा न हो इसके लिए निगुलसरी में स्पेन की सुविधा तुरंत प्रभाव से आरंभ कर दी जाएगी। वर्तमान प्रदेश सरकार बागवानी हितैषी सरकार बागवानी मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार बागवानी हितैषी सरकार है तथा प्रदेश के किसानों व बागवानों की फसलों से होने वाली आमदनी में बढ़ौतरी के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में जहां किसानों व बागवानों को उन्न्त किस्म के पौधे वितरित किए जा रहे हैं वहीं बागवानी विभाग के माध्यम से समय-समय पर बागवानी प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं जिसके माध्यम से किसानों व बागवानों को खेती करने के लिए नवीन उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं तथा खेती की नवीन तकनीकों से भी अवगत करवाया जा रहा है। किन्नौर कैलाश एग्रो फ्रेश कंपनी का किया दौरा इसके उपरांत, बागवानी मंत्री ने मीरु पंचायत के चोलिंग में स्थापित किन्नौर कैलाश एग्रो फ्रेश कंपनी लिमेटिड ग्रेडिंग और पैकिंग इकाई का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर बागवानों को संबोधित करते हुए, बागवानी मंत्री ने कहा की जिला किन्नौर में बागवानों को एकजुट हो कर कार्य करने के लिए फार्म प्रोड्यूसर कंपनी (एफ.पी.सी) का स्थापित होना प्रशंसनीय है। बागवानों का समृद्ध होना आवश्यक उन्होंने कहा कि बागवानों का समृद्ध होना आवश्यक है तथा बागवानों व किसानों को समृद्ध करने और एकजुट करने के उद्देश्य के लिए ऐसे एफपीसी का गठन अनिवार्य है। उन्होंने कहा की जिला किन्नौर में इस प्रकार की पहल सराहनीय है। उन्होंने उम्मीद जताई की बागवानों के हितों में यह संगठन बढ़-चढ़कर कार्य करेगा। उन्होंने कहा की जिला किन्नौर के चोलिंग में स्थापित एफपीसी में 17 विभिन्न गांव के बागवान से संयुक्त तत्वावधान में स्थापित की गई है। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस दौरान एग्रो फ्रेश कंपनी के सदस्यों के साथ बैठक की तथा सदस्यों द्वारा रखी गई सभी उचित मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। रिकांगपिओ अस्पताल में रक्तदान शिविर का किया शुभारंभ इसके उपरांत राजस्व मंत्री ने क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में आयोजित किए जा रहे रक्तदान शिविर का भी शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि रक्तदान एक महादान है जिस दान से हम जरूरतमंद इंसान की जान बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ व्यक्ति को साल में दो बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने जिला के सभी लोगों से रक्तदान शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने इस दौरान क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ का निरीक्षण भी किया तथा अस्पताल के अधिकारियों को अस्पताल में व्यवस्था से संबंधित उचित दिशा-निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य विभाग ने आपदा कोष में दिया 1 लाख का अंशदान इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आपदा राहत कोष के लिए 1 लाख 1 हजार 1 रुपये के अंशदान का चैक राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को भेंट किया गया।
बिलासपुर जिले के लुहणु मैदान में चल रही अग्निवीर सेना भर्ती रैली में हजारों की संख्या में युवा भारतीय सेना में शामिल होने के लिए भाग ले रहे हैं। जिला ऊना के गांव नलवाड़ी तहसील बंगाना के जुड़वा भाई सौरव कुमार और गौरव कुमार जो हमीरपुर में हुई रैली में सफल नहीं हो पाए थे, लुहणु मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया। आश्चर्यजनक बात यह है कि दोनों जुड़वा भाई एक साथ सभी पायदानों को पार करते हुए सेना के लिए चुने गए हैं। विगत रैली की असफलता से सबक लेकर दोनों भाइयों ने कठोर परिश्रम के साथ सभी बाधाओं को पार करने की मन में ठानी। माता-पिता के आशीर्वाद तथा विभिन्न लोगों से प्रेरणा प्राप्त कर इस रैली में सफल हुए इन दोनों भाइयों का कहना है कि सेना भर्ती रैली में परिश्रम के माध्यम से ही स्थान पाया जा सकता है। सौरव और गौरव का कहना है कि रैली से पूर्व सी टेस्ट की सुविधा होने से छंटनी हो कर अभ्यर्थी शारीरिक क्षमता के विभिन्न आयोजनों में भाग लेता है। इससे दौड़ने में अधिक भीड़ न होने से अभ्यर्थी द्वाराअपनी क्षमता को बेहतर रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सेना का आभार व्यक्त किया। दोनों भाईयों ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट मुकाम प्राप्त किया है बावजूद इसके अन्य विकल्पों के होते हुए भी उन्होंने सेना में भर्ती होकर देश सेवा को सबसे बेहतर विकल्प के रूप में चुना। इनके पिता बलवंत सिंह का कहना है कि उन्होंने इन दोनों बेटों को सेना के लिए समर्पित किया है यद्यपि एक और बेटा है जो मानसिक दिव्यांग है। उन्होंने अग्नि वीर सैन्य भर्ती के प्रति अपनी पूरी आस्था जताते हुए बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर की। ऐसे ही जिला हमीरपुर के काकडियार के जुड़वा भाई अखिल राठौर और निखिल राठोर भी इस रैली में अपने बचपन के सपने को साकार करने में सक्षम हुए हैं। बड़े भाई व बहुत से परिवार जन भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं यही जज्बा अखिल और निखिल के मन में भी भरा हुआ था यह दोनों भाई बताते हैं कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें जहां परिवारजनों से प्रेरणा मिली वही गांव के कुछ लोग भी मार्गदर्शक बने। यह फौज में अपने सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए आतुर है। अखिल और निखिल कहते हैं कि आज बहुत से युवा भारतीय सेवा का अंग प्रत्यंग बन देश की सेवा के लिए तत्पर है युवाओं में इसके लिए होड़ लगी है। जिला ऊना के हरोली क्षेत्र से संबंध रखने वाले मनीष कुमार ने जमा दो की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की परिवार तथा स्वयं के समक्ष जीवन यापन के लिए अनेक विकल्पों में से इन्होंने सेना में जाकर देश के प्रति अपने कर्तव्य के निर्वहन को ही सबसे उचित समझा। मनीष कुमार का कहना है कि अग्नि वीर सैनिक में यदि योग्यता और समर्थ है तो वह सेना में लंबे समय के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता है। गौरतलब है कि लुहणु मैदान में आयोजित अग्नि वीर भर्ती रैली में बहुत से ऐसे युवाओं ने भाग लिया जो न केवल शैक्षणिक योग्यता में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किए हुए थे, अपितु अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग या किसी और विषय में भी महारत रखते थे, किंतु इन्होंने उन सब को दरकिनार कर भारतीय सेना का सिपाही बन देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का लक्ष्य ही चुना।
सेना भर्ती कार्यालय शिमला के कर्नल पुष्विंदर कौर ने आज यहां बताया कि 18 से 24 नवंबर तक मिलट्री स्टेशन ओवेरीपट्टी, रामपुर बुश्हर जिला शिमला में अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित की जाएगी जिसमें शिमला, सोलन, सिरमौर व किन्नौर जिला के युवक भाग ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि भर्ती के दौरान उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पुलिस विभाग, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, खेल, राजस्व, परिवहन व दमकल विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
मंत्री ने स्वयं मौके पर पहुंचकर सड़क बहाली का कार्य करवाया आरंभ राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के निगुलसरी में राष्ट्रीय उच्चमार्ग-5 पर गत रात भारी भूस्खलन से सड़क कटने के कारण अवरुद्ध हुए यातायात का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। जनजातीय विकास मंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय उच्चमार्ग-05 के अधिकारियों व अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवरूद्ध हुई सड़क को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र अति शीघ्र सड़क बहाली का कार्य पूर्ण किया जाना चाहिए ताकि जिला किन्नौर के लोगों की साल भर की मेहनत उनकी सेब व मटर सहित अन्य फसलों को समय पर मंडी तक पहुचाया जा सके और उन्हें उनकी मेहनत का उचित दाम प्राप्त हो सके। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्वयं मौके पर पहुंचकर राष्ट्रीय उच्चमार्ग-5 के अधिकारियों को शीघ्र मशीनें बुलवाकर अवरूद्ध सड़क को खोलने का कार्य आरंभ करवाया। उन्होंने अवरुद्ध मार्ग की स्थिति का ड्रोन के माध्यम से निरीक्षण किया और लोगों की सुविधा के लिए ट्रांसशिपमेंट की सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने विद्युत विभाग को बिजली बहाली और जल शक्ति विभाग को पानी सुचारू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला किन्नौर के लोगों की सेब व मटर की फसलों को समय पर मंडी तक पहुंचाने के लिए तराण्डा निगुलसरी मार्ग में स्पेन को तुरंत प्रभाव से आरंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के लिए सोल्डिंग में आवाजाही रोकने को कहा और पैदल यात्रियों के लिए खाने का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्चमार्ग के अवरुद्ध स्थान पर पैदल यात्रियों के लिए चिकित्सीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उप मंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, उप पुलिस अधीक्षक नरेश शर्मा, अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग प्रमोद, अधिशाषी अभियंता विद्युत टाशी नेगी, स्वास्थ्य चिकित्सक, जल शक्ति विभाग, वन, एनएचएआई व हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मंत्री ने कल्पा के विभिन्न कंडो में पर्यटन गतिविधियों को तलाशने के दिए निर्देश राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर जिला की कल्पा ग्राम पंचायत का दौरा कर विभिन्न निर्माण कार्योंं का निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर निर्माणाधीन कार्यों से संबंधित विभागों के अधिकारियों को सभी कार्य को गति प्रदान कर निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला कल्पा के नए भवन के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पशु चिकित्सालय कल्पा के भवन व आवास भवन का निरीक्षण किया तथा निर्माणाधीन कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कल्पा में बनने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन स्थल का भी निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को भवन को निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करने को कहा। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कल्पा में बन रहे आइस स्केटिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया तथा लोक निर्माण विभाग को बचे हुए कार्य को इस वर्ष के अक्टूबर माह तक पूर्ण करने के आदेश दिए। उन्होंने सड़को के साथ लगती जमीनों के मालिकों की समस्याएं सुनीं व उनकी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान राजस्व मंत्री ने कल्पा कंडा, दूनी कंडा व ख्वांगी-कोठी कंडा की सड़को का निरीक्षण किया तथा सड़कों की स्थिति को बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कल्पा कंडा में बनने वाले मेडिटेशन सेंटर के स्थल का भी निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्य कंडो का भी निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को पर्यटन गतिविधियों को तलाशने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य हितेश नेगी, बीडीसी ख्वांगी ललिता पंचारस, कल्पा ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम नेगी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य महेश नेगी, ग्राम कांग्रेस कमेटी ख्वांगी के अध्यक्ष विद्या देव नेगी, अनित नेगी, पूर्व उपप्रधान ख्वांगी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग दिनेश कुमार सेन, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग अभिषेक शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में निजी शिक्षण संस्थान फर्जी दावे करते रहे और शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दावों को सत्यापित करते रहे। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है। ईडी की ओर से गिरफ्तार चार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है। मामले में हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति का बजट जारी हुआ है। इन आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 के प्रावधानों के कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आरोपियों की संपत्ति, बैंक खाते से लेनदेन, कैसे छात्रवृत्ति को इधर से उधर किया गया, इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान ने फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति घोटाला किया। यह है मामला छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 250 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। इस मामले में सीबीआई और ईडी कई अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
प्रदेश के किन्नौर के निगुलसरी में बीती रात पूरा पहाड़ सड़क पर गिर गया। इसके बाद हिमाचल का ट्राइबल जिला किन्नौर पूरी तरह से देश-दुनिया से कट गया है। निगुलसरी में बीती रात 11:30 बजे पूरा पहाड़ हाईवे पर आ गया। इससे भारत-तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाला चंडीगढ़-शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 पूरी तरह बंद हो गया है। निगुलसरी में 150 से 200 मीटर सड़क का नामो निशां तक मिट गया है। इससे हाईवे के जल्दी बहाल होने की भी उम्मीद नहीं बची। हालांकि यहां बुधवार रात और गुरुवार को दोपहर के वक्त भी यहां लैंडस्लाइड हुआ था। आज सड़क बहाल होने का दावा किया जा रहा था। इस बीच बीती रात में तीसरी बार लैंडस्लाइड हुआ। इसके बाद अब किन्नौर जिला कई दिनों के लिए अलग-थलग पड़ गया है। सड़क किनारे फंसे सेब से लदे ट्रक हाईवे पर अब दोनों और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी सेब बागवानों को हो रही है। किन्नौर जिले के निचले इलाकों में सेब की फसल तैयार हो गई है। ऐसे में सड़क बहाल नहीं होने तक बागवानों को सेब सड़ने का डर सताने लगा है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित महकमा सड़क की बहाली में जुट गया है। पिछले कल यहां दो सेब से लदी गाड़ियां दबीं निगुलसरी में पिछले कल भी लैंडस्लाइड के बाद सेब से लदी दो गाड़ियां पिकअप और ट्रक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। इससे 15 से 20 लाख रुपए का सेब भी बर्बाद हो गया। गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। लैंडस्लाइड के लिए पावर प्रोजेक्ट को दोषी मान रहे लोग किन्नौर के स्थानीय लोग बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड के लिए पावर प्रोजेक्ट को दोषी ठहरा रहे हैं। जिस जगह बीती रात में लैंडस्लाइड हुआ है, उसके नीचे भी एनजेपीसी के नाथपा झाखड़ी प्रोजेक्ट की टनल बनी हुई है।
केंद्र सरकार को भेजी 10 करोड़ रुपये की डीपीआर हिमाचल सरकार प्रदेश में तीन नए नर्सिंग कॉलेज खोलेगी। यह कॉलेज चंबा, हमीरपुर और जिला सिरमौर के नाहन में खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी है। तीनों नर्सिंग कॉलेज में आधारभूत ढांचा विकसित करने पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति नर्सिंग संस्थान को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी जानी है। वर्तमान में हिमाचल में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और मंडी में दो ही सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। जबकि नर्सिंग स्कूलों की संख्या 15 से ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने नए खोले जाने वाले नर्सिंग कॉलेजों में 40-40 सीटें निर्धारित करने का फैसला लिया है। जैसे-जैसे आधारभूत ढांचा विकसित होगा। केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी। हिमाचल में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं नर्सिंग और मिडवाइफ के कोर्स कर रही हैं। निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों फीस कम है। इसमें एक साल का खर्च करीब 70 हजार के पास रहता है। हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र को भेज दी गई है।
किन्नौर जिला के निगुलसरी के पास गुरुवार सुबह एनएच से गुजर रही पिकअप वाहन पर चट्टान आ गिरी, जिससे वाहन में लदे सेब पूरी तरह सडक़ पर बिखर गए। इस दौरान कई घंटो तक एनएच बंद रहा, जिसे बाद में एनएच प्राधिकरण द्वारा खोल दिया गया। सतीश जोशी कनिष्ट अभियंता एनएच प्राधिकरण ने बताया कि सडक़ मार्ग बहाल होने के बाद सभी वाहनों की आवाज शुरू हो गई है।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के आईटीडीपी भवन में आयोजित परियोजना सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला में विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से चलाए जा रहे विभिन्न विकासात्मक व जन-कल्याणकारी कार्यों को समय पर पूर्ण किया जाए। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त उपलब्धियों पर विभिन्न विभागों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने लोक निर्माण विभाग को सड़कों की टायरिंग करने व टायरिंग के कार्य में गुणवत्ता लाने, सड़कों के गड्डे भरने और उपरूक्त स्थान पर मिल पत्थर लगाने को कहा। उन्होंने जल संबंधित समस्याओं के निपटान के निर्देश दिए और पेयजल व सिंचाई योजनाओं को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लंबित विभिन्न सड़क व जल योजनाओं की विस्तृत जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों से अधोसंरचना विकास के कार्यों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा कैट प्लान के तहत हो रहे कार्यों के निरीक्षण के लिए सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों की उप-समिति का गठन किया जाएगा तथा जिला किनौर में लोक निर्माण विभाग के जिस उपमंडल में सड़कों के रख-रखाव और निर्माण का बेहतरीन कार्य किया जा रहा है, उस मंडल को सर्वश्रेष्ठ उपमंडल घोषित करने के लिए सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों की समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने जिले में खेल कूद को बढ़ावा देने के लिए कल्पा, स्किबा, पूह, सांगला व रिकांग पिओ में खेल स्टेडियम की सतह (सरफेस) को ठीक करने का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जिला किन्नौर में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत लगभग 93 करोड़ 29 लाख रुपए के बजट का प्रावधान है, जिसमें से लगभग 24 करोड़ 61 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं। बैठक में अवगत करवाया गया कि सामुदायिक अस्पताल रिकांग पिओ के निकट पार्किंग का प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है और क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पियो में एम.डी मेडिसिन का पद भरा जा चुका है और शीघ्र रेडियोलॉजिस्ट भी उपलब्ध करवाया जायेगा। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेश सरकार की विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे संयुक्त जागरूकता शिविरों की नियमित रूप से समीक्षा करने को कहा ताकि जागरूकता शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से अवगत करवाया जा सके तथा लोग योजनाओं का लाभ उठा सकें। सहायक आयुक्त उपायुक्त किन्नौर संजीव कुमार भोट ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह विनय मोदी, उपमंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनम नेगी, जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्यों सहित अन्य सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण कर सकते हैं सैलानी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन में कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सड़कों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में आगंतुकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं। नादौन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विपदा के समय में भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आहवान किया। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और उत्तराखंड और गुजरात में प्रदान की गई सहायता के समान वित्तीय सहायता प्रदान करने की बार-बार अपील की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हिमाचल प्रदेश के 16 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मंगलवार सुबह शिक्षक दिवस पर राजभवन शिमला में राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर इन शिक्षकों को सम्मानित किया। कांगड़ा, बिलासपुर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर से एक भी शिक्षक का पुरस्कार के लिए चयन नहीं हुआ है। जिला शिमला से चार, कुल्लू-ऊना और हमीरपुर से दो-दो शिक्षकों को चुना गया है। मंडी-सोलन-सिरमौर और चंबा जिला से पुरस्कार के लिए एक-एक शिक्षक का चयन हुआ है। 10 शिक्षकों का चयन प्रदेशभर से प्राप्त हुए 39 आवेदनों के आधार हुआ था। तीन शिक्षकों किशोरी लाल, दलीप सिंह और हरीराम शर्मा को सरकार की ओर से गठित राज्य स्तरीय कमेटी ने चयनित किया। कार्यक्रम में इन शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया गया। वहीं, पुरस्कार के लिए एक शिक्षक का नाम समारोह के दौरान ही घोषित किया गया। इसके अलावा बीते वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिमला के वीरेंद्र कुमार व चंबा के युद्धवीर सिंह को भी राज्य पुरस्कार दिया गया पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल आनी, कुल्लू प्रिंसिपल दीपक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बजौरा, कुल्लू डीपीई हेम राज वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हिमरी, शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल त्यूरी, ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा प्राथमिक स्कूल गिरथरी, हमीरपुर मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार प्राथमिक स्कूल सलोह, सोलन जेबीटी शिव कुमार प्राथमिक स्कूल ककराना, ऊना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा केंद्रीय प्राथमिक स्कूल लालपानी, शिमला जेबीटी किशोरी लाल उपशिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल वासनी, सिरमौर प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नेरवा, शिमला प्रिसिंपल सुरजीत सिंह राठौर छोटा शिमला स्कूल प्रवक्ता
विधानसभा के तीसरे सत्र (मानसून सत्र) के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 25 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसून सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहना होगा। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने के लिए भी कहा है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए। अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे ऑफिस में होना चाहिए। इनकी छुट्टियां हुई हैं रद्द अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कॉलेज, स्कूल उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्रेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी। विभाग में विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद सृजित हैं, कितने पद रिक्त हैं। कितने पद भरे गए हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कितने स्कूलों, कॉलेजों का निरीक्षण किया। कितने नए स्कूल, कॉलेज खोले गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्या स्टेटस है।
कहा- सभी कंपनियां 7 से 10 तारीख तक करें वेतन का भुगतान राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज किन्नौर जिला के आई.टी.डी.पी भवन में जिला के एचपीपीसीएल और पटेल कंपनी के प्रतिनिधियों, इंटक यूनियन के प्रतिनिधियों व ठेकेदारों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने पटेल कंपनी के अधिकारियों को कंपनी में कार्यरत मजदूरों का रुका हुआ वेतन 5 से 15 सितंबर तक देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रम विभाग को श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने व कानूनों की अवेहलना करने पर संबंधित कंपनी या ठेकेदार के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सभी कंपनियों के अधिकारियों को कंपनी में कार्यरत मजदूरों और दिहाड़ीदारों को हर माह की 7 से 10 तारीख तक हर हाल में वेतन की अदायगी करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कंपनियों के श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा मजदूरों के किसी भी प्रकार के शोषण के प्रति असहिष्णु है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों के उत्थान व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है तथा उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कड़े प्रयास कर रही है।
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस बार 13 शिक्षकों को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। चयनित शिक्षकों को मंगलवार को राजभवन शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सम्मानित करेंगे। शिक्षकों के यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और विद्यार्थियों को पढ़ाने में विशेष रुचि लेने के लिए दिया जा रहा है। इनमें से तीन शिक्षकों को सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान जीएसएसएस आनी प्रिंसिपल दीपक कुमार जीबीएसएसएस चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार जीबीएसएसएस मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल जीएसएसएस बजौरा डीपीई हेम राज जीएसएसएस हिमरी शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर जीएसएसएस त्यूरी ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा जीपीएस गिरथरी मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार जीपीएस सलोह जेबीटी शिव कुमार जीपीएस ककराना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा जीसीपीएस लालपानी जेबीटी किशोरी लाल उप शिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह जीएसएसएस वसवानी प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा जीएमएसएसएस नेरवा प्रिंसिपल
देश व प्रदेश स्तर पर मनाए जा रहे पोषण माह के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग किन्नौर द्वारा जिला के विकास खंड पूह में पोषण जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय महिलाओं को पोषण से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। जिला कार्यक्रम सहायक आरजू ने शिविर में उपस्थित महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष सितंबर माह में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण से पूर्णत: निपटना है, जो मिशन पोषण 2.0 की आधारशिला है। इस दृष्टिकोण पर आधारित, पोषण माह 2023 का केंद्र बिंदु महत्वपूर्ण मानव जीवन चरणोंरू गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है इसका उद्देश्य सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत (पोषण-समृद्ध भारत, शिक्षित भारत, सशक्त भारत) पर केंद्रित थीम के माध्यम से पूरे भारत में पोषण संबंधी समझ को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर उप प्रधान पूह तनजिन दोरजे स्वास्थ्य अधिकारी प्रतिभा नेगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूह तथा स्थानीय महिलाएं उपस्थित थी।
विकास कार्यों में तेजी लाने और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित प्रशासनिक सचिवों की मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी फाइलें ई-फाइल प्रणाली के माध्यम से भेजी जाए। इससे समय की बचत होगी और कार्यों को शीघ्र निपटाने में मदद भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जन सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली समयबद्ध कार्यान्वित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गवर्नेंस में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को विशेष अधिमान दे रही है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता के साथ-साथ दक्षता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने सभी नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों का पूर्णतया डिजिटाइजेशन सुनिश्चित करने को भी कहा। इससे लोगों को अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उनके घर में ही प्राप्त हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने नींबू प्रजाति फल उत्पादन बहुल क्षेत्र में अतिरिक्त जूस से साइडर बनाने के लिए आधुनिक संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उन्होंने शिमला, रिज स्थित पुस्तकालय के खुलने का समय बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, राजीव गांधी रोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न प्रधान सचिव और अन्य सचिव उपस्थित थे।
साकिचरंग मंदिर के निर्माण के लिए उचित राशि प्रदान करने का दिया आश्वासन राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत दिवस किन्नौर जिला के निचार उपमंडल स्थित विकासनगर में 25 लाख 50 हजार रुपए की राशि से निर्मित रावा से विकासनगर स्पेन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की इस स्पेन के बनने से क्षेत्र के किसान व बागवान सेब तथा अन्य नकदी फसलों को मंडी तक और अधिक शीघ्रता से पहुंचा सकेंगे। इसके उपरांत राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सुंगरा पंचायत के बारो-भादो मेले में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने इस अवसर पर जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर समृद्ध एवं पारंपरिक संस्कृति के लिए पूरे देश भर में जाना जाता है। यहां की वेश-भूषा, खान-पान, मेले एवं त्यौहार अपने आप में एक अलग पहचान रखते हैं जिससे जिला किन्नौर की एक अलग पहचान कायम है। उन्होंने जिला के सभी नौजवानों से किन्नौर की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया तथा जिला में आयोजित होने वाले मेले एवं त्यौहारों में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने बारो-भादो मेले के सफल आयोजन के लिए उचित राशि का प्रावधान करने का भी आश्वासन दिया। राजस्व मंत्री ने साकिचरंग मंदिर के निर्माण के लिए उचित राशि प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने महिला मण्डल बारो-साकिचरंग की महिलाओं द्वारा रखी गई सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने जनसभा को संबोधत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय जिलों का समग्र विकास सुनिश्चित कर रही है तथा लोगों को हर प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा की वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही विकास के हर एक क्षेत्र में कार्य किया है तथा प्रदेश को विकास की दृष्टि से देश का अग्रणी राज्य बनाने की और अग्रसर है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूरे प्रदेश ने भारी बारिश व बाढ़ से हुई तबाही का मंजर देखा है, परंतु इसके बावजूद भी प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा होने की और अग्रसर है और प्रदेश सरकार क्षति की भरपाई का भरसक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावितों को उचित राशि प्रदान कर पुन: स्थापित किया जा रहा है। इससे पूर्व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने बरी पंचायत के विकासनगर में भी जनसभा को संबोधित किया तथा प्राप्त हुए सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन दिया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का बरी पंचायत पहुंचने पर ग्राम पंचायत प्रधान छूनित डोलमा व स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष उमेश नेगी, किनफैड चेयरमेन चंद्रगोपाल नेगी, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के निदेशक बिक्रम सिंह, जिला कांग्रेस समिति के महा सचिव जगदीश नेगी, सुंगरा पचंायत के प्रधान राकेश नगी, पूर्व उपप्रधान सुंगरा पंचायत अमृत लाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण रूप से विकसित और शांतिप्रिय व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्तियों का निर्माण करना है, जिनका पोषण विश्व और उनके आसपास के समाज के लिए कुछ बड़ी सोच रखने के लिए किया गया हो। एक बालक को केवल सूचनाएं प्रदान करने की प्रक्रिया के द्वारा नहीं बल्कि समग्र रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का मानना है, 'कक्षा में बैठने से ही कोई शिक्षित हो रहा है, हम ऐसा नहीं मान सकते। हमें बच्चे के मन और शरीर के संपूर्ण विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ उसमें अपनापन, साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना, प्रेम, अहिंसा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर भी ध्यान देना होगा।Ó एक सुंदर विचार है, जो प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का हिस्सा था, जिसे आज पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। एक अच्छा शिक्षक सदा यही चाहेगा कि उसका छात्र विजयी हो और एक अच्छा छात्र उस शिक्षक की जीत की कामना करेगा, जिसका ह्रदय विशाल है। छात्र जानता था कि उसके अल्प ज्ञान की विजय केवल दुख लाएगी, जबकि गुरु के महान ज्ञान की जीत केवल अच्छाई लाएगी। इस सोच ने छात्र और शिक्षक के मध्य एक स्वस्थ संबंध बनाया, जहां छात्र और शिक्षक अपनी वृद्धि और विकास की यात्रा पर एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे। अच्छे शिक्षक का धैर्यवान होना जरूरी एक अच्छे शिक्षक को बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। एक शिक्षक का धैर्य छात्रों के जीवन में चमत्कार पैदा कर सकता है, भले ही वे सीखने में थोड़े धीमे हों। माता-पिता को घर पर केवल एक या दो बच्चों को संभालना होता है, जबकि शिक्षकों को छात्रों से भरे कक्ष को संभालना होता है। यह स्पष्ट रूप से शिक्षकों के लिए अधिक तनावपूर्ण और कठिन है। इसलिए शिक्षकों को अधिक केंद्रित होने की जरूरत है। ध्यान और श्वास अभ्यास जैसी विधियाँ शिक्षकों को शांत और केंद्रित रहने के लिए तैयार करने में काफी मदद कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे हर समय शिक्षकों को देख रहे होते हैं और उनसे सीख रहे होते हैं। शिष्य को प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता आज शिक्षकों के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि छात्र कहां खड़े हैं और उन्हें वहां से अंतिम लक्ष्य तक जाने में प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यहां हम भगवान कृष्ण से सीख सकते हैं कि किस तरह वे कदम दर कदम धैर्य और प्रेम के साथ अर्जुन को अंतिम मंजिल तक ले जाते हैं। आरंभ में अर्जुन भ्रमित थे और उनके मन में बहुत सारे सवाल थे। जैसे-जैसे एक छात्र बड़ा होता है, उसे बहुत अधिक भ्रम होना स्वाभाविक है क्योंकि उसकी अवधारणाएं टूटती रहती हैं। उदाहरण के लिए, हम सीखते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है, बाद में हमें पता चलता कि वास्तव में ग्रह कैसे गति करते हैं। इसलिए एक अच्छा शिक्षक छात्र के मन में उठने वाले इन सवालों के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्ध होता है। एक अच्छा शिक्षक जानकार होता है और छात्र को इन भ्रमों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करता है। साथ ही कई बार जरूरत पड़ने पर शिक्षक भ्रम पैदा भी कर सकते हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत शिक्षकों को एक नाजुक संयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए जो है प्रेम के साथ दृढ़ता। ऐसे शिक्षक हैं, जो बहुत प्रेम करते हैं और कुछ अन्य केवल कठोर हैं। ऐसे बच्चे हैं जो विद्रोही हैं और ऐसे बच्चे हैं जो भीरु और शर्मीले हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत है। आपको उन्हें प्यार और उनकी देखभाल का एहसास कराना चाहिए और यह एहसास दिलाना चाहिए कि वे आपके अपने हैं। लेकिन जो बच्चे शर्मीले और डरपोक हैं, उन्हें खुलकर आगे आने और बोलने में सक्षम बनाने के लिए आप थोड़ा दृढ़ हो सकते हैं। उनके साथ सख्ती से पेश आएं और प्रेम भी करें। अक्सर हम इसका विपरीत करते हैं। शिक्षक विद्रोही बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और शर्मीले बच्चों के साथ उदार बन जाते हैं। तब उनका व्यवहार का क्रम बेहतरी के लिए नहीं बदलेगा। आपको कठोर और कोमल दोनों होने की आवश्यकता है, अन्यथा आप छात्र का मार्गदर्शन उस दिशा की ओर नहीं कर पाएंगे जहां आप उन्हें ले जाना चाहते हैं।
त्योहारी सीजन से पहले ही हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। फेडरेशन ने अलग-अलग उत्पादों के 2.50 से 50 रुपये तक दाम बढ़ा दिए हैं। फेडरेशन का हिम देसी घी 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 650 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। हालांकि दूध के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई। फेडरेशन ने देसी घी के अलावा पनीर के 200 ग्राम पैकेट के दाम में छह रुपये बढ़ोतरी की है। हिम खोया में प्रतिकिलो के हिसाब से 20 रुपये बढ़ोतरी की गई है। हिम बटर में 25 रुपये आधा किलो के हिसाब से बढ़ाए गए हैं। मिल्क फेडरेशन के चक्कर स्थित प्लांट के यूनिट प्रभारी शुभम ने बताया कि दुग्ध उत्पादों के बढ़े हुए दाम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने आज यहां राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 24 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोड़कर किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाड़ियों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितंबर तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।यह निर्णय प्रदेश में भारी बरसात के कारण आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मानवीय जीवन, आधारभूत संरचना, पारिस्थितिकी की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार देर सायं सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें अपने जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान का तीन दिन के भीतर आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त जिलों में क्षति का मूल्यांकन कर सम्बंधित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत राशि के उचित वितरण के लिए एसडीएम और उपायुक्तों सहित राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपये और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपये की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपये की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, नए प्रावधानों के अनुसार दुधारू और भारवाहक मवेशियों की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और भेड़, बकरी और सुअर की मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश में धंसते क्षेत्रों के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थितियों का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावितों की सम्पत्ति पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ईमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश से बाहर इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस आदेश की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान उपायुक्तों द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप 48 घंटों के भीतर विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बहाल की गई। उन्होंने कहा कि अब विभाग सड़कों की मरम्मत पर विशेष ध्यान दे ताकि किसान अपनी उपज समयबद्ध बाजार तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनें किराये पर लेने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। बैठक में प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित व अद्यतन बनाए रखने के उदेश्य से बी.एल.ओ. द्वारा 21-07-2023 से अपने मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदाता सूचियों में विद्यमान प्रविष्टियों के सत्यापन का कार्यक्रम आरम्भ किया गया था जो कि दिनांक 21-08-2023 तक चला। इस दौरान 01-10-2023 की अहर्ता तिथि के आधार पर 18 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त कर चुके 32,403 मतदाताओं की पहचान कर प्रारूप 6 पर आवेदन प्राप्त कर लिये गये है। सत्यापन के दौरान 18,445 मतदाता अनुपस्थित व 41,488 स्थानान्तरित मतदाता चिन्हित किये गये। इसके अतिरिक्त मतदाता सूची में 3,335 दोहरे रूप से पंजीकृत, व 40,939 मृत मतदाताओं की पहचान की गई तथा फोटो मतदाता सूची में 21,723 मतदाताओं की खराब व धुन्धली फोटो को रंगीन फोटो से परिवर्तित करने हेतु पहचान की गई। इसके अतिरिक्त उन्होने यह भी बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश के समस्त 68 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन का कार्यक्रम भी समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों एवं उप-मण्डलाधिकारी की देख रेख में दिनांक 22-08-2023 से 31-08-2023 तक चलाया गया था। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 25 के प्रावधानुसार 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक मतदान केंद्रों की सूचियां प्रारूप में प्रकाशित की जायेंगी। यह सूचियां समस्त जिला निर्वाचन कार्यालयों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी एवं उप-मण्डलाधिकारी (नागरिक), समस्त तहसीलों व उप-तहसीलों के कार्यालयों में जनसाधारण के निःशुल्क निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेेंगी। इस दौरान यह सूचियां https://ceohimachal.gov.in पर भी देखी जा सकती हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेशवासी मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के सम्बंध में अपनी कोई आपत्ति अथवा परामर्श 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक अपने जिले से सम्बंधित जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधीश), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एडीएम/एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
कहा-पात्र विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये का ऋण प्रदान करने की सुविधा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, उस परिवार का छात्र इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बैंक को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने में समय लग रहा है, संबंधित संस्थान को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर एक कोष बनाया जाएगा ताकि छात्र को संस्थान में प्रवेश लेने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग से पात्र छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के बदले ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए नोडल बैंक नामित करेगी। उन्होंने कहा कि नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा। उन्होंने कहा कि ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी पसंद के संस्थान में प्रवेश पाने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा और योजना के तहत अपने आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके पश्चात विद्यार्थी को प्रवेश में चयनित होने का प्रमाणन करने से संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। विद्यार्थी के पात्र पाए जाने पर उच्च शिक्षा निदेशक ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत पात्र विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली कक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पैरा मेडिकल फार्मेसी, नर्सिंग, विधि इत्यादि में डिप्लोमा व डिग्री कोर्स तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, बहुतकनीकी संस्थानों से तकनीकी कोर्स तथा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से पी.एच.डी. करने के लिए एक प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण लेने के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक ऋण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पंजीकरण एवं प्रवेश तिथि को आयु सीमा 28 वर्ष निर्धारित की गई है। सुक्खू ने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित अवधि में योजना के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग शिकायत निवारण अधिकारी नामित करेगा, जिसके पास छात्र ईमेल, डाक या किसी डिजिटल माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब छात्रों को उनकी क्षमता के अनुरूप जीवन में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगी।
जब आंखों के सामने ही सपनों का आशियाना धराशायी हो जाए तो दर्द कितना होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऐसा ही दर्द मंडी जिले के उप मंडल सरकाघाट के कई परिवारों का है। इनमें से एक अति निर्धन परिवार उप मंडल की ग्राम पंचायत रिस्सा के गांव रिस्सा का है। रिन्टू पुत्र टेक चंद के परिवार पर आपदा एक कहर बनकर आ बरसी है। इस बरसात ने इनका नया और पुराना घर दोनों छीन लिये हैं। यही नहीं गांव की सारी जमीन भूस्खलन की चपेट में आ गई है तथा मौजूदा समय में रिन्टू अपने पूरे परिवार के साथ रिस्सा के सरकारी स्कूल में अपना कष्ट भरा समय गुजार रहे हैं। आप सभी दानी सज्जनों से एक सादर अपील है कि आपकी छोटी से छोटी मदद भी इन सबको एक कुटिया बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। ये लोग सरकार से भी अपील कर रहे हैं मदद की। दानी सज्जन निम्नलिखित अकाउंट नंबर में आप स्वेच्छा अनुसार सहयोग कर सकते हैं। Rintu S/O Tek Chand VPO Rissa, Sarkaghat, Mandi HP 175024 Himachal Pradesh Framing Bank Account Details 87491700075321 IFSC Code PUNBOHPGB04 इनके फोन नंबर हैं 78078 73145, 7807177180
केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि हिमाचल प्रदेश में आपदा पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार 6,000 घर बनाएगी। पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर मंजूरी देने के लिए आभार जताया। अनुराग ने बताया कि हाल ही में 5,000 घरों को मंजूरी मिली थी। इस आपदा में केंद्र से अब तक कुल 11,000 घर मंजूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्र हिमाचल की हरसंभव सहायता कर रहा है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो बच्चों की संख्या वाले 143 स्कूल डि नोटिफाई किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 117 प्राथमिक विद्यायल और 26 माध्यमिक विद्यालय बंद किए जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। बिलासपुर जिले में 6, चंबा में 8, हमीरपुर में 4, कांगड़ा में 17, किन्नौर में 5, कुल्लू में 4, लाहौल-स्पीति में 19, मंडी में 18, शिमला में 25, सिरमौर में 3, सोलन में 7 और ऊना में 1 प्राथमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। चंबा जिले में 2, कांगड़ा में 3, किन्नौर में 2, लाहौल-स्पीति में 7, मडी में 5, शिमला में 6 और सिरमौर में 1 माध्यमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। वहीं विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर हिमाचल सरकार ने बंद किए 20 स्कूलों को दोबारा खोलने की अधिसूचना जारी की है। चंबा, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, सोलन और मंडी जिले में ये स्कूल दोबारा खोले गए हैं।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय निचार में नए प्रवेश तथा विद्यालय में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों के दृष्टिगत उपायुक्त कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एकलव्य विद्यालय में नए सत्र में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए 60-60 छात्र/छात्राओं की सीटों को भरे जाने के लिए 10 सितंबर को परीक्षा आयोजित की जा रही है। परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिए कि परीक्षा से पूर्व सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच कर ली जाए कि वे सभी चालू हालत में है। विद्यालय में चल रहे चार दीवारी खेल मैदान तथा संपर्क सड़क के कार्य को इस सत्र के अंत तक संबंधित विभागों को पूर्ण करने के आदेश दिए। उन्होंने लोक निर्माण को निर्देश दिए कि संपर्क मार्ग में जल निकासी का कार्य सुचारू रूप से हो। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह निचार में 11 व 12 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने विद्यालय के प्रबंधन को निर्देश दिए कि यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र व छात्राओं को खेल गतिविधियों में भाग लेने का भी पूर्ण अवसर प्रदान किया जाए। विद्यालय की प्रधानाचार्य गीतांजलि भूषण ने बैठक का संचालन किया तथा विद्यालय में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों और गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, एसडीएम भावानगर बिमला वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 6,000 से अधिक पद भरने के लिए अक्तूबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नया भर्ती आयोग गठित होते ही शिक्षा विभाग भर्तियां शुरू करेगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 5,300 और उच्च शिक्षा विभाग में 1,000 पद भरे जाएंगे। प्रदेश कैबिनेट ने इन पदों को भरने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री ने कहा है विभाग अपने स्तर पर भी प्रयास कर रहा है कि रिक्त पद जल्द भरे जाएं। पदोन्नति और बैचवाइज आधार पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। पांच वर्ष बाद नियमित प्रिंसिपल कॉलेजों में पदोन्नत कर दिए गए हैं। अन्य श्रेणियों के शिक्षकों के पद पदोन्नति से भरे जा रहे हैं। बैचवाइज आधार पर भी जिला शिक्षा अधिकारी भर्तियां कर रहे हैं। बीते दिनों ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में भर्तियां करने के लिए नया आयोग गठित करने की बात कही है। इसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के मिलते ही नया भर्ती आयोग गठित किया जाएगा। पेपर लीक मामले में भंग किए गए हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की जगह नया भर्ती आयोग बनाया जाना है।
चार साल की समायरा का वो मुस्कुराता चेहरा अब कभी नहीं दिखेगा। घर के उस आंगन में हंसती खेलती समायरा अब कभी नजर नहीं आएगी। कुदरत के इस कहर ने न जाने कितने परिवारों को उजाड़ दिया है। तबाही की ये तस्वीरें जब भी जहन में आती है रूह कांप उठती है। ये त्रासदी इतने गहरे जख्म देगी इस बात का अंदेशा भी नहीं था। शिव बावड़ी का वो हादसा भुलाए नई भूलता। पल भर में मंदिर मलबे में तब्दील हो चुका था। सोमवार का वो दिन उन लोगो के लिए काल का दिन बनकर आया था जो उस दिन शिव बावड़ी मंदिर में मौजूद थे। समायरा का पूरा परिवार इस हादसे में खत्म हो चुका है। 7 लोगों का एक साथ चले जाना बेहद दुखद है और उससे भी ज़्यादा दुखद अपनों की आखिरी झलक को तरस जाना। 11 दिन बीत चुके जाने के बाद समायरा का शव आज बरामद किया गया है। 11 दिन तक वो परिवार उस नन्ही सी बेटी की आखरी झलक देखने के लिए तरस गया था। वो परिवार पूरी तरह से बिखर चुका है। इस हादसे ने वो नासूर दर्द दिया है जो शायद ही किसी के जहन से कभी जाए।
मां की नजरे अपने दुलारे बेटे का इंतजार करती रही, एक पत्नी अपने सुहाग की सलामती के लिए दिन-रात प्रार्थना करती रही और वो नन्ही बच्ची रोज पूछती थी पापा कब आएंगे। नीरज के परिवार की नजरें घटनास्थल पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी और आस थी कि कुछ ऐसा चमत्कार हो जाए की नीरज सकुशल लौटे। दिन बीतता गया और परिवार की हिम्मत और आस्था अब जवाब दे रही थी। नीरज के सकुशल लौटने की उम्मीद दिन-व-दिन कम होते जा रही थी। 24 अगस्त को शिमला के शिव बावड़ी हादसे के घटनास्थल से नीरज का शव 11 दिन बाद मिला। हादसे वाले दिन नीरज शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए गया था, लेकिन चंद लम्हों में शिव बावड़ी मंदिर का नामोनिशान तक नहीं रहा। तबाही के उस मलबे में 20 लोगों ने अपनी जान गवां दी। जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों पर दुखो का पहाड़ टूट चूका है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। नीरज के परिवार वालो का दु:ख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। 11 दिन तक वो परिवार इस आस में बैठा रहा की शायद नीरज वापस लौट आएंगे। हर रोज इसी उम्मीद में वो नम आंखें इंतजार में रहीं, लेकिन आज लापता नीरज ठाकुर का शव बरामद कर लिया गया है। नीरज समरहिल के रहने वाले थे। नीरज का कुल्लू में होटल का कारोबार था। इस दुखद हादसे में नीरज ठाकुर अपनी मां शांति देवी, पत्नी समा ठाकुर और बेटी सान्या को पीछे छोड़ गए हैं। पल भर में नीरज के परिवार की खुशियां खत्म हो गई है। इस आपदा ने लोगो को जो जख्म दिए हैं, वो कभी नहीं भूल सकते।
मकान नहीं, जीवन भर की पूंजी थी। वो सपनों का आशियाना था जो पल भर में तबाह हो गया। कितना दर्दनाक रहा होगा वो मंजर जब लोगों ने अपने घरों को अपनी आँखों के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखरते हुए देखा होगा। ये सोचना भी बेहद मुश्किल है। हिमाचल में आसमान से बरस रही आफत से सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं। दरकते पहाड़, धंसती जमीन और टूटते मकान इस ओर इशारा कर रहे है कि हिमाचल पर ये संकट बड़ा है और ये संकट अभी टला नहीं है। आफत की बरसात ने ऐसा कोहराम मचाया है कि लोग रात को अपने घरों में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। 24 जून वो तारीख थी जब हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की एंट्री हुई थी। तबसे अब तक भारी बारिश का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन की तरफ से जारी रिपोर्ट में अब तक 2220 घर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। जबकि 11 हजार के करीब घरों में दरारें आई हैं। इसी तरह 9819 घर ऐसे है जिन्हे थोड़ा बहुत नुक्सान पहुंचा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बारिश और फ्लैश फ्लड में 4695 से अधिक गौशालाएं बह गई हैं। 300 से अधिक दुकानें बारिश में ढह गई हैं। भारी बारिश के कारण हिमाचल में अब तक 8 हजार 99 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कुदरत के इस कहर के कारण अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस आपदा से जो हिमाचल को नुक्सान पहुंचा है शायद वो कुछ वक्त के बाद सामान्य भी हो जाए, कुछ समय बाद सब वापिस पटरी पर लौट आए, लेकिन जिन लोगों ने इस त्रासदी में अपनों को खोया है वो अब कभी लौट कर नहीं आएंगे। जब भी तबाही की ये तस्वीरें जहन में आएंगी उन लोगो की आंखें फिर नम हो जाएंगी। आपदा के दिए ये जख्म सदा हरे रहेंगे।
14 अगस्त को नितिका का जन्मदिन था। हमेशा की तरह वो अपने पापा के विश करने का इंतज़ार कर रही थी। नितिका अपने पापा की फोन कॉल का इंतज़ार करते-करते थक गयी। जब उसके पापा का कॉल नहीं आया तो उसने खुद कॉल की लेकिन नंबर नहीं लगा। इसके बाद जो खबर शिमला के समरहिल से आई वो दिल दहला देने वाली थी ।यहाँ सावन की शिवरात्रि की पूजा के लिए जिस शिव बावड़ी मंदिर में सात लोगों का पूरा परिवार पूजा करने गया था, वहां लैंडस्लाइड हुआ और सभी मलबे में दब गए हैं। वो लुधियाना से तुरंत शिमला के लिए निकली। शाम को यहां पहुंचीं तो देखा कि सात में से चार परिजन उनकी मां संतोष शर्मा, भाई अमन और भाई की बेटियों नायरा और साशा के शव मलबे से निकाले जा चुके थे। सावन का छठा सोमवार और 14 अगस्त का वो दिन, नितिका अब शायद कभी नहीं भूल पाएगी। इन चार शवों को मुखाग्नि भी नितिका ने ही दी। तीसरे दिन उनके भाई अमन की पत्नी अर्चना का शव मिला, जिसका संस्कार अर्चना के भाई ने किया। परिवार में इकलौती बची नितिका का कहना है कि उसे 14 अगस्त का दिन कभी नहीं भूल सकता। पापा पवन शर्मा और भतीजी समायरा अभी भी लापता हैं। नितिका का रो रो कर बुरा हाल है। नितिका कहती है, 'वक्त बीत जायेगा, लेकिन यह जख़्म कभी नहीं भर पायेगा।Ó
हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी ने जो दर्द दिया है वो नासूर है। त्रासदी ने जो गहरे जख्म दिए हैं, इन जख्मों का न मरहम है और न कोई दवा और न ही आने वाला वक्त ये जख्म भर सकता है। मंडी के पड़ोह के रहने वाले नितीश भी इसी दर्द से गुजर रहे हैं। 14 अगस्त की वो सुबह नितीश के परिवार के लिए नया सवेरा नहीं, बल्कि काल का ग्रास ले आया। 14 अगस्त की सुबह लगभग 5 बजे नितीश के घर के पीछे अचानक ढेर सारा मलबा आ गया। अफरातफरी में सभी घर से बाहर निकल आए, लेकिन 6 महीने की सानिया घर के अंदर ही रह गई थी। नितेश की 18 वर्षीय पत्नी मोनिका और 17 वर्षीय बहन रविता उस दुधमुंही को बचाने के लिए घर के अंदर गई। ये दोनों यही सोचकर घर में गई कि बच्ची को उठाकर तुरंत बाहर आ जाएंगी, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। अचानक मलबा घर पर आ गया और तीनों घर सहित उस मलबे में दब गईं। 45 वर्षीय माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आ गई और उसके साथ बहती चली गई। इतने में गांव वालों को पता चल गया और उन्होंने दोनों मां-बेटी को बाहर निकाल दिया। नितीश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाह्नवी भागकर खुद को बचाने में कामयाब हो सके। मां के पांव में गंभीर चोट लग चुकी थी। पांव का इन्फेक्शन इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों को घुटने से नीचे पांव ही काटना पड़ गया। माता हॉस्पिटल में उपचारधीन है, लेकिन अभी पत्नी, बेटी और बहन का कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिवार के इकलौते सहारे नितीश के सिर पर दुखों का पहाड़ टूटने के साथ-साथ जिम्मेदारियों का बोझ भी है। अब नितीश को समझ नहीं आ रहा कि वो अस्पताल में उपचाराधीन मां को संभाले या फिर सांबल में आकर दिन भर अपनी पत्नी, बेटी और बहन के लिए चल रहे तलाशी कार्य को देखे। नितीश पर जो दुखो का पहाड़ टूटा है उस दर्द को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है और नामुमकिन है इस हानि की भरपाई कर पाना।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में आज भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए आज ऑरेंज अलर्ट और कल के लिए यलो अलर्ट दिया गया है। परसों से मानसून के कमजोर पड़ने के आसार हैं।रहा है। वहीं किसानों को मार्केट तक अपने उत्पाद पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
44 मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि, 59 मरीजों में टाइफाइड के लक्षण हिमाचल प्रदेश में जलजनित रोग पांव पसारते जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जलजनित रोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों को आसपास साफ-सफाई और उबालकर पानी पीने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी की आशंका के चलते प्रदेश के अस्पतालों में 129 मरीजों के सैंपल लिए गए। इसमें 44 लोगों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई। इसके अलावा 217 लोगों की टाइफाइड को लेकर जांच की गई। इनमें 59 मरीजों में बीमारी के लक्षण पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों को लेकर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अलर्ट किया है। ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के टेस्ट कराने को कहा गया है। अस्पताल प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते लोगों के घरों में मटमैला पानी की सप्लाई हो रही है। इससे जलजनित के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। एनएचएम के निदेशक सुदेश मोक्टा ने कहा कि प्रदेश में जलजनित रोग के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट किया गया है। प्रतिदिन जिलों से बीमारी से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है। बीमारी के लक्षण तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना शरीर में अकड़न या शरीर टूटा लगना अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आना
इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का फैसला वापस लिया हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बीच एचआरटीसी को बड़ी राहत मिली है। एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली प्रति लीटर डेढ़ रुपए की छूट अब जारी रहेगी। इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का अपना फैसला वापस ले लिया है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के फैसले से निगम को प्रति माह करीब एक करोड़ रुपए की बचत होगी। वहीं, सालाना 10 से 15 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। गौरतलब है को इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने पहले एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली छूट को बंद करने का फैसला लिया था। इसके बाद एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर की ओर से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया गया था। इनके आग्रह पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने फैसला वापस ले लिया है। इस बारे में एक पत्र के माध्यम से एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर को इंडियन ऑयल कारपोरेशन की ओर से जानकारी प्रदान की गई है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर के सचिव ने आज यहां जानकारी दी कि जिला किन्नौर में राष्ट्रीय लोक अदालत 9 सितंबर को आयोजित की जानी निश्चित की गई है। राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष निम्न प्रकार के मामले प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जिनमें धारा 138 के तहत एन.आई अधिनियम से संबंधित मामले, मनी-रिकवरी, श्रम विवाद, बिजली व पानी, भरण-पोषण व अन्य (आपराधिक, कंपाउन्डेंबल व दीवानी विवाद) से संबंधित मामले शामिल हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त न्यायलयों में लंबित मामले जिनमें क्रिमिनल कंपाउन्डेंबल ऑफेन्स, धारा 138 के तहत एन.आई अधिनियम से संबंधित मामले, मनी-रिकवरी, वाहन दुर्घटना, श्रम विवाद, विद्युत व पानी के बिल, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भू-अधिग्रहण, सेवाओं से संबंधित तनख्वा व भत्ते, सेवानिवृत्ति से संबंधित मामले, राजस्व मामले (केवल जिला व उच्च न्यायलय में लंबित) व अन्य दीवानी मामले (किराया, सुखभोग अधिकार (गुजारा भत्ता), हिदायत संबंधी, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) शामिल हैं। सचिव ने बताया कि अपने-अपने न्यायिक क्षेत्र के तहत जो कोई व्यक्ति भी उक्त मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में समाधान करना चाहते हैं तो वह न्यायिक न्यायालय परिसर रामपुर बुशहर, न्यायिक न्यायालय परिसर रिकांग पिओ जिला किन्नौर, न्यायिक न्यायालय परिसर आनी जिला कुल्लू, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रिकांग पिओ जिला किन्नौर के कार्यालय में अपने मामले की सुनवाई के लिए संपर्क कर सकते हैं।
स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का लिया निर्णय, अब 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा एमओयू हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में भारी बारिश के कारण हुई भारी तबाही के कारण जान गंवाने वाले लोगों पर दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को हुए भारी नुकसान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कैबिनेट ने बैठक में शिक्षा विभाग में उन अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई, जिन्होंने 31 मार्च, 2023 और 30 सितंबर, 2023 को संयुक्त दैनिक वेतन और अंशकालिक सेवाओं के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसमें एमओयू 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा। रॉयल्टी पहले 12 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत और शेष 10 वर्ष की अवधि के लिए 30 प्रतिशत होगी। इसके बाद परियोजना राज्य सरकार को नि:शुल्क और सभी बाधाओं और देनदारियों से मुक्त होकर वापस कर दी जाएगी। हालांकि विस्तारित अवधि के लिए राज्य को देय रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी। इसमें 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 66 मेगावाट धौलासिद्ध, 382 मेगावाट सुन्नी बांध और 500 मेगावाट डुगर जलविद्युत परियोजनाओं के लिए एसजेवीएनएल और एनएचपीसी के पक्ष में क्रमबद्ध मुफ्त बिजली रॉयल्टी के लिए दी गई छूट को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं पर लिए जाने वाले जल उपकर की दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में वर्ष 2023-24 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत खरीदे जाने वाले सेब, आम और नींबू वर्गीय फलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी। अब से सेब और आम का समर्थन मूल्य 12 रुपये प्रति किलो होगा। साथ ही किन्नू, माल्टा और संतरे का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। बैठक में मिड डे मी योजना के तहत कुक कम हेल्पर का मानदेय 1 अप्रैल 2023 से बढ़ाकर 2000 रुपये करने पर सहमति दी गई। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ाई गई। इसके तहत गैरजनजातीय क्षेत्रों में 240 रुपए जनजातीय क्षेत्रों में 294 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। बैठक में कीरतपुर-मनाली चार पर यातायात प्रबंधन और नियंत्रण तथा सडक़ सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में नव स्थापित तीन यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद बनाने और भरने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का भी फैसला किया। कैबिनेट ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नाम बदलकर श्रम रोजगार एवं विदेशी प्लेसमेंट विभाग करने पर सहमति दे दी। सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा कैबिनेट ने राज्य के सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने पर सहमति दी। इसने राज्य में अगले पांच वर्षों में तैनात किए जाने वाले पटवारियों और 16 चेन-मैन के रूप में 874 उम्मीदवारों का चयन और प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया। वन भूमि से पेड़ कटान को मंजूरी वन भूमि से बचे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता, परिवहन लागत में कमी, राजस्व में वृद्धि, फील्ड स्टाफ की बेहतर और बढ़ी हुई दक्षता और कच्चे रूपों में रूपांतरण सुनिश्चित होगा। ई टैक्सी पर सबसिडी बैठक में किसी भी सरकारी विभाग/स्थानीय प्राधिकरण/ स्वायत्त निकाय/ बोर्ड/ निगम/सरकारी उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिक्रयाओं (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इस योजना से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सबसिडी प्रदान करेगी जो प्रदूषण को कम करने में काफी मदद करेगी और हरित राज्य बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगी। इसे 2 अक्तूबर, 2023 से लागू किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने ग्रुप सी और डी यानी क्लास 3 और क्लास 4 कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश के अनुसार 21 अगस्त से 31 अगस्त और फिर 20 सितंबर से 30 सितंबर के बीच प्रतिबंध हट जाएगा। इस दौरान संबंधित कैबिनेट मंत्री ट्रांसफर आर्डर कर सकेंगे। इसके बाद फिर से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। ट्रांसफर बैन की अवधि में सिर्फ मुख्यमंत्री को ही तबादला आदेश जारी करने का अधिकार है। सोमवार को जारी आदेशों के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल युक्त और जिला उपायुक्तों को ये निर्देश भेजे गए हैं। इसके अनुसार संबंधित मंत्री 3 साल का स्टे पूरा करने वाले कर्मचारियों के आवेदनों पर ही विचार करेंगे, लेकिन यदि प्रशासनिक जरूरत है तो 2 साल एक स्टेशन पर पूरा करने वाले कर्मचारी भी तबादले के लिए कंसीडर किए जा सकेंगे। ये तबादले कुल कैडर के 3 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होंगे। यदि तबादले का आवेदन कंप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल 2013 के अनुसार नहीं है, तो मुख्यमंत्री को मामला अनुमति के लिए भेजना होगा। तबादला आदेश करती बार संबंधित विभाग अध्यक्ष को यह भी ध्यान होगा कि आपदा राहत और पुनर्वास के कामों में लगे कर्मचारियों के तबादले न हों।
निगम की बसों में पहली बार बिना यात्री भी भेज सकेंगे सामान हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) निगम प्रबंधन ने लोगों की सुविधा, आय बढ़ाने और परिचालकों की मनमानी रोकने के लिए बसों में ले जाने वाले सामान के टिकट की दरें तय की हैं। सब्जी, फल, फूल सहित लोग अब ऑफिस और डाइनिंग चेयर, टेबल, सोफा सेट, बेड बॉक्स और अलमारी भी निगम की बसों पर ले जा सकेंगे। नई दरों में निगम की बस में अब लैपटॉप व वॉशिंग मशीन का फुल और अलमारी का डबल टिकट कटेगा। यात्री अब सफर के दौरान बिना अतिरिक्त किराया चुकाए 30 किलो घरेलू सामान या दो बैग साथ ले जा सकेंगे। इसके अलावा बसों में पहली बार बिना यात्री सामान भेजने की सुविधा मिलेगी। 40 किलो का आधा टिकट और 80 किलो का पूरा टिकट बनता था। अब 30 किलो से अधिक सामान के लिए 15 किलो का एक चौथाई टिकट लेना होगा। पहले 25 किलो पर एक चौथाई टिकट लेना होता था। सेब का हाफ बॉक्स मुफ्त जाएगा। फुल बॉक्स के लिए आधा टिकट लगेगा। बिना यात्री हाफ बॉक्स के लिए आधा टिकट, फुल बॉक्स के लिए पूरा टिकट लगेगा। अब तक एक यात्री अपने साथ सेब का एक फुल बॉक्स मुफ्त ले जा सकता था। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, एसिड, गन पाउडर, गुटका, पान मसाला सहित 25 अन्य सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्री के साथ दो लैपटॉप मुफ्त और बिना यात्री के पूरे टिकट के पैसे देने होंगे। यात्रियों को सुविधा मिलेगी, आय भी बढ़ेगी एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि यात्रियों की सुविधा, आय में बढ़ोतरी और गड़बड़ी करने वालों पर नकेल के लिए व्यवस्था लागू की है। कुछ लोग बिना यात्रा किए बसों से सामान भेजते हैं, लेकिन निगम को इससे आय नहीं हो रही, अब यात्री साथ हो या न हो सामान की टिकट अनिवार्य होगी। बिना टिकट सामान मिला तो कंडक्टर ड्राइवर नपेंगे नई व्यवस्था के तहत अब अगर बस में बिना टिकट सामान मिला कंडक्टर, ड्राइवर पर कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। सवाल : बिना कैरियर बसों में कैसे जाएगा सामान? दिल्ली सहित अन्य लंबी दूरी के रूटों पर निगम की बिना कैरियर वाली बीएस-6 बसें संचालित की जा रही हैं। इन बसों में छोटी डिग्गी की सुविधा है ऐसे में लंबी दूरी के लिए भारी सामान का परिवहन कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।