जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले किन्नौर आदित्य बिंद्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राशन कार्ड डाटाबेस में राज्य के सभी दिव्यांग जनों की प्रविष्टि करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत किन्नौर जिला के सभी दिव्यांग जनों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। आदित्य बिंद्रा ने बताया कि दिव्यांग लाभार्थी को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र व राशन कार्ड नम्बर, आधार कार्ड नम्बर तथा मोबाईल नम्बर प्रमाण-पत्र की पिछली तरफ अंकित कर अपनी उचित मूल्य की दुकान में जमा करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा निरीक्षक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कार्यालय में भी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जमा करवाया जा सकता है ताकि इसे अद्यतन कर किन्नौर जिला के सभी दिव्यांग जनों का डाटाबेस शीघ्र तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निरीक्षक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के कार्यालय, टोल फ्री नम्बर- 1967 या जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के कार्यालय दूरभाष नम्बर 01786-222207 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
जिला किन्नौर के एनएच- 5 पर पागल नाला के समीप कल रात पुलिस थाना टापरी के अंतर्गत एक आल्टो कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में सवार एक युवती की मौके पर ही मौत हो गई, व अन्य महिला गंभीर रूप से घायल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आल्टो कार एचपी 81 2394 राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 से 200 मीटर सतलुज नदी के किनारे जा गिरी थी। यह हादसा तब हुआ जब दोनों महिलाएं भावानगर से टापरी की तरफ आ रही थी। पुलिस द्वारा मृतक की पहचान उच्च मार्ग-5 में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता दिव्या मेहता पुत्री पदम सिंह रामनी के रूप में हुई है, तो वही घायल महिला की पहचान मीना कुमारी पत्नी धर्मेंद्र चगांव निवासी के रूप में हुई है। पुलिस द्वारा घायल महिला को पीएचसी टापरी में प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ लाया गया है। एएसआई रमेश शर्मा थाना टापरी ने बताया की धर्मेंदर घायल मीना कुमारी के पति ने कल रात 9:00 बजे के करीब बताया कि उसकी पत्नी सुबह 11 बजे से फोन नहीं उठा रही है। उसके उपरांत एसएचओ टापरी किरण कुमारी द्वारा उक्त महिला मीना कुमारी के नंबर पर लोकेशन ट्रेस किया तो रात साढ़े 9 बजे के करीब टापरी से 5 किलोमीटर दूर पागल नाले के समीप वाहन सतलुज नदी के समीप दुर्घटनाग्रस्त पाया गया है। एएसआई ने बताया कि यह दुर्घटना कल सोमवार 6 सितंबर की सुबह 11 बजे के करीब हुई है। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
12 सितम्बर, 2021 को विकास खण्ड निचार के तहत ग्राम पंचायत निचार के निगानी खेल मैदान में होने वाले जनमंच आयोजन स्थल में कुछ प्रशासनिक कारणों से परिवर्तन किया गया है। जिला प्रशासन के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि 12 सितम्बर को होने वाले जनमंच का आयोजन अब निगानी खेल मैदान निचार के स्थान पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निचार के खेल मैदान में किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनम नेगी ने कहा कि किन्नौर जिले में कोविड 19 से स्वस्थ होने वालों की संख्या 3342 है। जिले में शुक्रवार को कोविड-19 के 344 सेम्पल लिए गए, जिसमें 1 सैम्पल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है जबकि आई.जी.एम.सी भेजे गए 231 सैम्पल की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है जिसमें 2 सैम्पल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है जिसके कारण आज जिले में कोरोना पाॅजिटिव के 3 नए मामले सामने आए हैं। पॉजिटिव आने वालो में दो मामले रिकांगपिओ से तथा एक मामला किल्बा गांव से है। डॉ सोनम नेगी कहा कि जिले मे कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 31 है। उन्होंने बताया कि जिले मे अब तक कोविड 19 के कुल 71070 सेम्पल लिए जा चुके हैं। जिनमें से 67659 सेम्पल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है तथा अब तक जिले मे कुल 3411 मामले पॉजिटिव आये है। उन्होंने कहा कि जिले में कोविड-19 के कारण 38 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है।
30 सितंबर तक चलाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह के तहत शुक्रवार को नेहरू युवा केंद्र किन्नौर के कर्मचारियों व वाॅलन्टीयर्ज द्वारा जिले में लोगों को पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। नेहरू युवा केंद्र की जिला समन्वयक प्रियंका ने बताया कि एनवाईके द्वारा 30 सितंबर तक जिले के विभिन क्षेत्रो में पोषण व कुपोषण के बारे में जागरुक किया जाएगा। इस दौरान घर-घर जाकर लोगों को स्वस्थ आहार के बारे में बताया गया जिसके तहत पौष्टिक आहार के उपयोग के बारे में नागरिकों को जानकारी दी गई तथा कुपोषण से बचाव के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी से संबंधित सरकार द्वारा जारी मानक नियमों का पालन सुनिश्चित बनाते हुए यह अभियान पूरे सितम्बर माह मनाया जाएगा जिसके तहत सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से हर नागरिक को स्वस्थ आहार के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भोजन को पकाने का सही ढंगे व समय सावधानियां बरतने बारे भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के प्रथम सप्ताह में आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायतों एवं सार्वजनिक स्थलों में पोषण वाटिका के रूप में पौधारोपण किया जाएगा। दूसरे सप्ताह में गर्भवती महिलाओं बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूह के लिए आयुष और योग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान के तीसरे सप्ताह में सामग्री के साथ आंगनवाड़ी लाभार्थियों को सही आहार की पहचान और उनके लिए पौष्टिक भोजन के वितरण संबंधी अभियान चलाया जाएगा।
'हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह का ब्यान जिसमें उन्होंने बागबानों को सुझाव दिया है कि सेब को पैकिंग करने के बजाय क्रेट में बेचे, बेतुका व बागवानी विरोधी है' यह बात वीरवार को किन्नौर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा सूर्या बोरस ने जारी प्रेस ब्यान में कही। सूर्या बोरस ने कहा कि प्रदेश के बागवानी मंत्री का यह ब्यान पूरी तहर से बेतुका है। उन्होंने कहा कि मंत्री महेंद्र सिंह जिनके पास बागवानी विभाग है उन्हें अपने विभाग के बारे में ही जानकारी तक नही है, ऐसे में उन्हें तुरंत अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने बागवानी मंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि मंत्री जी बताएं कि बागवान सेब को क्रेटों में भर कर देश के किस मंडी में बेचे। उनका आरोप है कि प्रदेश बागवानी मंत्री कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ब्यान दे रहे है, जो पूरी तरह से बागवान विरोधी है।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) किन्नौर आबिद हुसैन सादिक द्वारा आज विकास खण्ड पूह के तहत पंचायती राज संस्थाओं के रिक्त पदों के उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिसके तहत पूह विकास खण्ड की ग्राम सभा पूह के वार्ड संख्या 2 व ग्राम सभा स्पीलो के वार्ड संख्या 5 के लिए उपचुनाव होंगे। अधिसूचना के अनुसार 13, 14 व 15 सितम्बर को प्रातः11 बजे से 3 बजे तक पंचायत मुख्यालय में सहायक रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नामांकन भरे जाएंगे। 16 सितम्बर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी तथा अभ्यर्थी 18 सितम्बर तक प्रातः 10 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। अभ्यर्थी द्वारा नाम वापस लेने के नियत समय की समाप्ति के तुरंत बाद चुनाव लड़ने वाले व्यक्तियों को प्रतीक चिन्ह आबंटित किए जाएंगे और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचि संबंधित पंचायत मुख्यालय कार्यालय के बाहर चिपकाई जाएगी। निर्वाचन करवाए जाने की दशा में 01 अक्तूबर को प्रातः 7 बजे से 3 बजे तक मतदान होगा तथा मतदान के तुरंत बाद ही संबंधित पंचायत के मुख्यालय में मतों की गणना की जाएगी व चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जुलाई माह में हरियाणा के सोनीपत में आयोजित राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले व भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। जुलाई माह में आयोजित राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में जिले से सीएसआर के तहत संचालित जेएसडब्लयू प्रशिक्षण केंद्र के 12 मुक्केबाजों ने भाग लिया था। जिसमें जिले की स्नेहा कुमारी ने 66 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण, कशिश ने 48 किलोग्राम वर्ग में रजत तथा 52 किलो वर्ग में रीतू व 54 किलोग्राम वर्ग में सपना थापा ने कांस्य पदक जीते थे। आबिद हुसैन सादिक ने इस अवसर पर 11 खिलाड़ियों जिनमें कशिश, रीतू व सपना थापा जिन्होंने रजत व कांस्य पदक जीते थे के अलावा विश्वजीत, प्रिया, अंजलि, सुनीधि, अंकित, अनीश, उपमन्यू व कोच उपेंद्र सिंह को नगद पुरूस्कार से सम्मानित किया, जबकि स्नेहा इस समय दुबई में आयोजित हो रही एशियन यूथ जूनियर बाॅक्सींग चैम्पयिनशिप में भाग ले रही है उन्हें बाद में सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। उपायुक्त ने सभी खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे और अधिक कठिन परिश्रम करें ताकि भविष्य में होने वाले ओलिंपिक व एशियन गेम्ज में भाग लेकर जिला व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। इस अवसर पर जेएसडब्लयू परियोजना प्रमुख कौशिक मलिक ने कहा कि हम बाॅक्सींग खेल को अगले स्तर तक ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह दिन दूर नहीं जब जिले के प्रतिभावान बाॅक्सर राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाॅक्सींग में जिले व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। इस अवसर पर सीएसआर प्रमुख दीपक डैविड व जे.एस.डब्लयू के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
किन्नौर जिले में आज यानि मंगलवार को दो अलग-अलग स्थानों पर दो बसों व निजी वाहनों में टकराव हुआ है। हादसे के दौरान कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, सभी यात्री सुरक्षित हैं। हालांकि वाहनों के आपस में टकराव से वाहनों को क्षति पहुंची है। दरअसल, रिकांगपिओ से सुबह 6 बजे चंडीगढ़ जा रही हिमाचल पथ परिवहन की बस और एक निजी वाहन का चौरा से 2 किलोमीटर पीछे अंधा मोड़ पर टकराव हो गया। आपसी टक्कर के कारण दोनों वाहनों को थोड़ी बहुत क्षति पहुँची है। गनीमत यह रही कि इस दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। दूसरा मामला रिब्बा रिकांगपिओ का है। हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस रिब्बा रिकांगपिओ चंडीगढ़ सुबह सवा 7 बजे रिकांगपिओ से निकली थी। ककस्थल नामक स्थान पर बस एक निजी वाहन टिपर के साथ टकरा गई। इस हादसे में हिमाचल पथ परिवहन की बस को क्षति पहुंची है, हालांकि बस में सवार सभी 37 यात्री सुरक्षित है। रिकांगपिओ एचआरटीसी अड्डा सह प्रभारी गोपाल नेगी ने बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में बैठे सभी यात्री सुरक्षित है, तथा अन्य वाहन के साथ टकराने से बस को थोड़ी क्षति पहुंची है।
दुबई में जारी एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सोमवार को भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा कायम रहा है। वंही 66 किलोग्राम वर्ग में यूएई की खिलाड़ी को हराकर किन्नौर जिला के सांगला से संबंध रखने वाली स्नेहा ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इस खबर से किन्नौर जिला सहित प्रदेश भर में ख़ुशी की लहर है। बता दें कि स्नेहा कुमारी पुत्री मनोज कुमार किन्नौर जिला के सांगला से संबंध रखती है। वंही स्नेहा के बॉक्सिंग कोच श्याम रत्न रेपालटो बेरिंग नाग बॉक्सिंग क्लब सांगला में बच्चों को बॉक्सिंग का प्रशिक्षण देते हैं। स्नेहा के कोच श्याम रतन ने स्नेहा के गोल्ड जीतने पर प्रदेश व जिला वासियों को बधाई दी। उन्होंने स्नेहा को भी देश के लिए गोल्ड जीतने पर बधाई दी। गौरतलब है कि इससे पहले भी सांगला की स्नेहा ने असम में खेलो इंडिया खेलो 2020 में गोल्ड मेडल जीता है।
प्रदेश में इस बार सेब की बम्पर फसल हुई है। लेकिन वंही सेब के सही दाम ना मिल पाने की कारण बागवान मायूस है। अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए देश भर में प्रसिद्ध किन्नौरी सेब तक को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। बागवानों का कहना है कि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छी फसल हुई है। लेकिन मंडियों में दाम गिरने के कारण बागवानों को आर्थिक नुकसान का डर सताने लगा है। सेब की 45,862 पेटिया अभी तक निचार, कल्पा और पूह खंड से मंडियों में भेजी जा चुकी है। 28 से 30 किलो पेटी का दाम 1500 से 1800 तक मिल रहा है ,जबकि इससे पहले 2000 से 3200 अधिकतम मूल्य बागवानों को मिलता था। 8 से 10 किलो पेटी का दाम 800 से 1200 मिल रहा है। गौरतलब है कि किन्नौर जिले से अभी तक रत्नपुर फल मंडी में 4546, शिमला 121, सोलन 2984, चंडीगढ़ 11263, दिल्ली 2622, मुंबई 6614, बिथल 6203, सैंज 2485, मतियाना 358, परवाणू 3510, नारकंडा 3103 और खेगसू मंडी में सेब की 1050 पेटियां भेजी गई हैं। टापरी फल मंडी में तीन दिनों में सेब की 2000 पेटियां पहुंची हैं। वंही, बागवानों ने प्रशासन और बागवानी विभाग से मांग की है कि बागवानों की हित में उचित कदम उठाया जाए।
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस ने रविवार को पी डब्ल्यू डी विश्राम गृह पूह में ब्लॉक युवा कांग्रेस की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने की। बैठक में मंडी लोकसभा चुनाव के लिए युवाओं को संगठित होकर हर बूथ पर जीत आश्वस्त करने के लिए कहा गया। पूह ब्लॉक के युवाओं ने इस मौक़े पर प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष युवा कांग्रेस की सदस्यता लेकर जवाईन किया। इसके बाद युवा कांग्रेस ने रोष मार्च भी निकाला। युवा कांग्रेस ने मुख्य रूप से देश के ज्वलंत मुद्दे जो कि मोदी द्वारा देश बेचो योजना के खिलाफ (National Monitization Pipeline) एवं प्रदेश के बाग़वानों को सेब के पिछले दो दिनों में घटते दामों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी ने सरकार पर प्रहार करते हुये कहा कि मोदी सरकार की ‘देश बेचो नीति’ राष्ट्रीय मुद्रिकरण पाइपलाइन (National Monitization Pipeline) का आना देश के हर एक नागरिक के साथ धोखा और विश्वासघात है। ऐरपोरट, रेलवे, मैदान आदी या अन्य कोई सरकारी सम्मपत्तियाँ, सरकार इन जनता के खून पसीने से सींचे हुए सब संपतियों को अपने गिने चुने दो चार पूँजीपति मित्रों को बेचना चाहती है । अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र पर किसी एक का अधिकार नहीं था, लेकिन जैसे जैसे सरकार निज़ी हाथों में सरकारी संपती को बेचेगी, युवाओं के लिए भी रोज़गार के अवसर सीमित होते जाएँगे। प्रदेश में बगवानों के लिये सबसे महत्वपूर्ण वक़्त सेब सीजन में रेट का एक दम नीचे गिरना प्रदेश सरकार की लापरवाही को उजागर करता है । जब सेब का कटान हो चुका है, और सेब मंडी में रखा पड़ा है उस समय रेट का गिर जाना सरकार की जानबूझ कर की गयी लापरवाही के साथ अड़ानी जैसे पूँजीपतियों को फ़ायदा देने की साज़िश को उजागर करता है। प्रदेश का बहुत बड़ा हिस्सा बाग़वानी से सम्बंध रखता है, जिस पर लाखों परिवारों की रोज़ी रोटी निर्भर होने के साथ साथ प्रदेश की बहुत बड़ी अर्थिकी भी सम्बंध रखती है। इसे लेकर बागवान बहुत चिंतित हैं। युवा कांग्रेस के द्वारा सरकार को चेतावनी दी गई कि बाग़वानी मंत्री नींद से जागें और केवल जल शक्ति विभाग तक सीमित ना रह कर बाग़वानी मंत्रालय को भी गम्भीरता से ले वरना युवा कांग्रेस पूरे प्रदेश में उग्र विरोध करेगी। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के सेब को होल्ड पर रखने के ब्यान को हास्यप्रद बताया और कहा कि यें कोई रेत बजरी ईंट पथर नहीं है जो बाज़ार में जब चाहे बिक जाये ।
पूर्ण राज्यत्व की स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर रविवार को उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी विभाग गत 50 वर्षों में जिले में हुई विभिन्न विकासात्मक उपलब्धियों को लेकर एक कार्य योजना तैयार कर 5 सितम्बर, 2021 तक उपायुक्त कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सहित किन्नौर जिले में भी पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रमों के अंतर्गत जिले में सभी विभागों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो गत 50 वर्षों में जिले में हुए विकास यात्रा पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले ने गत 50 वर्षों में विकास के अनेक आयाम स्थापित किए हैं और स्वर्ण जयंती वर्ष पर इन कार्यक्रमों को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी को गत 50 वर्षों में जिले की विकास यात्रा से अवगत करवाना है कि पूर्ण राज्यत्व प्राप्त करने के उपरान्त जिले ने किस प्रकार इन 50 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में विकास किया। जिले में हुए विकास कार्यों का जिले के लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा और लोगों के जीवन स्तर में किस प्रकार का बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती कार्यक्रमों के आयोजन की श्रृखंला में जिला मुख्यालय में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा गत 50 वर्षों में जिले मे किए गए विकास कार्यों से संबंधित प्रदर्शनियां, फिल्म, छाया चित्रों के माध्यम से विकास यात्रा दिखाई जाएगी। इसी प्रकार के कार्यक्रम उपमण्डल व ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि इस दौरान शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों के लिए भाषण, प्रश्नोत्तरी व चित्र-लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह अश्वनी कुमार, उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, सहायक आयुक्त मुनीष कुमार शर्मा, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष बैठक में उपस्थित थे।
उपमण्डलाधिकारी एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकारण (साडा) रिकांग पिओ के सदस्य सचिव स्वाति डोगरा ने शुक्रवार को साडा तथा साथ लगती ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को लेकर एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि रिकांग पिओ बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में खुले में कूड़ा फैकने वालों पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि ऐसे व्यक्तियों पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जा सके। बैठक में बताया गया कि दुनालू में कपड़ों के धोने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा उल्लघंन करने वालों पर ठोस कार्यवाही के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन्होंने दुनालू के साथ लगते सभी मकान मालिकों से भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने किराएदारों को दुनालू में कपड़े न धोने बारे जागरूक करें क्योंकि इससे साथ लगती कुल्ह का पानी दूषित हो रहा है। स्वाति डोगरा ने सभी पंचायतों को कलस्टर आधार पर श्रैडर व बेलर मशीन लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने का भी आग्रह किया ताकि उस कलस्टर में निकलने वाले प्लास्टिक व ठोस कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निष्पादन सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने साडा क्षेत्र में बंद पड़ी स्ट्रीट लाईटों को शीघ्र चालू करने के भी निर्देश दिए तथा रिकांग पिओ से आई.टी.बी.पी रोड़ होते हुए बस स्टैंड के बीच स्ट्रीट लाईट लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सबंधित पंचायतों के जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे उनके क्षेत्र में बंद पड़ी स्ट्रीट लाईटों की सूचना साडा कार्यालय को दें ताकि उनकी मुरम्मत की जा सके। स्वाति डोगरा ने साडा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी नागरिकों से भी आग्रह किया कि वे शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने में अपना पूर्ण सहयोग दें तथा गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखें ताकि इसका सही प्रकार से निष्पादन सुनिश्चित बनाया जा सके। बैठक में साडा क्षेत्र में रहने वाले सभी नेपाली व अन्य मजदूरों का पंजीकरण व भाड़ा सुनिश्चित करने का भी जन प्रतिनिधियों द्वारा सूझाव दिया गया जिस पर साडा सचिव ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही इन विषयों पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बैठक में उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर, खण्ड विकास अधिकारी कल्पा अमर पाल, जिला परिषद सदस्य शांता कुमार, हितैष कुमार, सरिता नेगी, पंचायत समिति कल्पा के अध्यक्ष गंगा राम, पंचायत समिति सदस्य ललिता देवी, कुसूम देवी, किशोर कुमार, ग्राम पंचायत युवारंगी की प्रधान गंगा देवी, प्रधान कल्पा सरिता कुमारी, प्रधान खवांगी सत्या कुमारी, प्रधान शुद्धारंग दलीप कुमार, प्रधान तेलंगी भूपेंद्र सिंह, प्रधान कोठी ओम प्रकाश नेगी, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सूरज भान सहित अन्य उपस्थ्ति थे।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का जनजातीय जिला लाहौल स्पीति का दो दिवसीय दौरा पूरी तरह से सफल रहा है। यह बात लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने कही है। मीडिया को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने अपने दौरे के दौरान घाटी के स्थानीय लोगों की समस्याएं जहां विस्तार पूर्वक सुनी, वहीं जो भी व्यक्ति उनसे इस दौरान मिलने पहुंचा उससे आराम से मिल व क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों व समस्याओं पर उनके साथ विस्तार से चर्चा की। रवि ठाकुर ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने दौरे के दौरान हिमाचल के बहुचर्चित सरचू सीमा विवाद को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा किया और इसे जल्द से जल्द सुलझाने की सलाह जयराम सरकार को दी। सीमा विवाद को लेकर मुकेश अग्निहोत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि लद्दाख के साथ चल रहा सीमा विवाद सुलझाया जाना चाहिए था, लेकिन इस मामले को लेकर विधानसभा में स्थानीय भाजपा विधायक एवं सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने मामला ही नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि अगर यही हालात चलते रहे तो लद्दाख धीरे-धीरे हिमाचल की सीमा के अंदर लगातार घुसपैठ करता रहेगा। इस मामले को गंभीरता से जयराम सरकार को लेना चाहिए था। रवि ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने लाहौल स्पीति की जनता को आश्वासन दिया है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही सरचू सीमा विवाद का भी समाधान किया जाएगा। रवि ठाकुर ने बताया कि मुकेश अग्निहोत्री ने लाहौल के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का भी दौरा किया और यहां प्रभावित परिवारों से मिल उनकी आवाज विधानसभा में उठाने की बात भी कही है । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का लाहौल स्पीति का दौरा पूरी तरह जहां सफल रहा है वहीं मुकेश अग्निहोत्री लाहौल स्पीति के लोगों का दिल जीतने में भी कामयाब रहे।
किन्नौर जिला के करच्छम स्थित जे.एस.डब्ल्यू बांध परिसर में बुधवार को भूकंप की बनावटी आपदा को लेकर एक मॉक ड्रील का आयोजन किया गया, जिसमें भटिंडा स्थित एनडीआ.एफ बटालियन के जवानों, सेना, आईटीबीपी सहित अन्य जवानों द्वारा भाग लिया गया। सहायक आयुक्त किन्नौर मुनीष कुमार ने कहा कि किन्नौर जिला के लिए इस प्रकार का पूर्वाभ्यास बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिले में वर्तमान में लगभग छोटी-बड़ी 20 जल विद्युत परियोजनाएं क्रियाशील है तथा लगभग 4000 मेगावाट की बिजली का उत्पादान यहां हो रहा है और कई परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल से हम भविष्य में होने वाली आपदाओं से सही प्रकार से निपटने में सक्षम हो सकते हैं। इस तरह के पूर्वाभ्यास से विभिन्न एजेंसियों में आपसी समन्वय भी स्थापित होता है तथा सभी को बहुत कुछ सिखने का भी सुअवसर प्राप्त होते है।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर चांगो के समीप एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। हादसे में वाहन में सवार हांगो निवासी महिला की मौके पर ही मौत गई। वाहन चालक व अन्य महिला घायल है। घायलों को उपचार के लिए चांगो अस्पताल भेजा गया है। सूचना मिलते ही किन्नौर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची व मामले की छानबीन शुरू कर दी है। बता दें कि किन्नौर जिले में जगह-जगह से भूस्खलन के मामले सामने आ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसरी में हुए भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने के कारणों का अध्ययन करने लिए केंद्र सरकार की कई टीमें पहुंची है। जियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के भू-वैज्ञानिक भूस्खलन का अध्ययन करे रहे हैं। गौरतलब है कि निगुलसरी के पास पहाड़ टूटने के हादसे के सातवें दिन मंगलवार को तीन और लोगों के शव निकाले गए थे। सभी शवों को निकाल लिया गया है। इस हादसे में मृतकों की संख्या 28 पहुंच गई है।
वैश्वीकरण के इस युग में पर्यावरणीय चुनौतियों और समस्याओं ने एक ऐसा माहौल बना दिया है जिसकी कल्पना शायद ही कभी किसी ने की हो। लगातार दरकते पहाड़ों से हिमाचल में मौत का मातम पसर गया है। पिछले एक महीने में किन्नौर में दो बड़े हादसे हुए है जिसमें कई लोगों की जान चली गई है। नेता अब सामने आकर प्रभावित हुए लोगों के परिवार वालों से सहानुभूति जता रहे है। वही नेता जो अब तक किन्नौर के पहाड़ों में गूंजती युवाओं की आवाज़ " नो मींज़ नो " को सुनकर भी अनसुना करते रहे। अब कोई विद्युत् परियोजनाओं को आपदा का कारण बता रहा है, कोई भारी बरसात को तो कोई जलवायु परिवर्तन को। कारण कोई भी हो सत्य ये है कि पहाड़ों की स्थिति ठीक नहीं है। आर्थिक विकास की खोखली नीतियों ने इन पहाड़ों को आंतरिक रूप से झकझोर कर रख दिया है जिससे इनके आंचल में बसें लोगों के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा है। हर राजनीतिक पार्टी सत्ता में आते ही विकास को गति देने की बात कहती है। प्रदेश की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए विकास ज़रूरी है, मगर अब किन्नौर में बने हाईडल प्राेजेक्ट्स संभवत: विकास की जगह विनाश का कारण बन रहे है। जिला किन्नौर में इस वक्त सतलुज बेसिन पर ही 22 छाेटे-बड़े विद्युत् प्राेजेक्ट्स बन चुके हैं और अब एक नया प्रोजेक्ट जंगी थोपन विद्युत् प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। घाटी के निवासी अप्रैल 2021 से सतलुज पर प्रस्तावित 804 मेगावाट के जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना (जेटीपी एचईपी) का विरोध कर रहे हैं। जानकार मानते है कि किन्नौर में सतलुज नदी के बेसिन पर 22 बिजली प्रोजेक्टों का निर्माण किया गया है जो नुक्सान का एक बड़ा कारण है। सतलुज ने 90 के दशक की शुरुआत से राज्य की जलविद्युत महत्वाकांक्षा का सबसे बड़ा भार उठाया है। जानकारी के अनुसार कुल स्थापित क्षमता में से 56 प्रतिशत विद्युत् उत्पादन (5720 मेगावाट) सतलुज बेसिन में किया जाता है। नदी की प्राकृतिक स्थिति के साथ इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी ने सतलुज बेसिन में जीवन, आजीविका और परिस्थिति को काफी प्रभावित किया है। इसके अलावा सड़कों के निर्माण के लिए होने वाले ब्लास्ट से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। किन्नौर जिले के अधिकांश पहाड़ अति संवेदनशील हैं। बरसात के दौरान यह सबसे ज्यादा दरकते हैं। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के पहाड़ बिजली प्रोजेक्टों के निर्माण से खोखले हो रहे हैं। लगातार ब्लास्टिंग बढ़ने से किन्नौर जिले में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। किन्नौर की स्थिति पर भूवैज्ञानिकों का मानना है की अंधाधुंध जल विद्युत दोहन से किन्नौर के पहाड़ दरकने लग गए हैं। किन्नौर के पहाड़ अति संवेदनशील हैं। किन्नौर में पहाड़ों की बनावट कुछ ऐसी है कि इनमें बरसात में काफी ज्यादा नमी उत्पन्न होती है। ये पहाड़ छोटी-छोटी चट्टानों के टुकड़ों और मिट्टी से बने हैं। भूकंप की दृष्टि से भी यह क्षेत्र सिस्मिक जोन पांच के तहत आता है। इन प्राकृतिक हादसों से सबक लेते हुए किन्नौर को तत्काल ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया जाना जरूरी हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार सतलुज नदी किन्नौर की जीवन रेखा है। इसके बगैर किन्नौर में जीवन असंभव है। वैदिक काल की जीवनदायी शतद्रु (सतलुज) ने कभी सोचा नहीं था कि उसे अंधाधुंध विद्युत दोहन के कारण 150 किलोमीटर में दम घुटकर भूमिगत सुरंगों में बहना पड़ रहा है। किन्नौर में सतलुज और उसकी सहायक नदियों पर पहले ही पन बिजली परियोजनाओं का जाल बिछा है। अब कोई भी बिजली परियोजना इस क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए। पर्यटन, पर्यावरण और विद्युत दोहन आपस मेें प्रतिपूरक हैं। सरकार ठंडे बस्ते से निकाले शुक्ला कमेटी की रिपोर्ट किन्नौर के पहाड़ कच्चे, खुरदरे और संवेदनशील हैं। इस कारण ये अपनी वास्तविक अवस्था से हिल-ढुल गए हैं। विशेषज्ञ मानते है कि पन बिजली परियोजनाओं के बारे में शुक्ला कमेटी की रिपोर्ट को सरकार को ठंडे बस्ते से निकाल लेना चाहिए। उस पर सरकार को अमल करना चाहिए। इस रिपोर्ट के मुताबिक ट्री लाइन से ऊपर कोई भी पन विद्युत परियोजनाएं नहीं बननी चाहिए। प्रोजेक्टों के बीच में भी एक निश्चित दूरी होनी चाहिए। रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) अभय शुक्ला ने अपनी रिपोर्ट में ये भी साफ किया था कि हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सभी तरह के प्रोजेक्ट्स पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए। विशेषकर रावी, चिनाव और सतलुज बेसिन पर कोई भी प्रोजेक्ट नहीं होना चाहिए। मुख्य नदियों पर लगने वाले बड़े-बड़े हाइडल प्रोजेक्ट उत्तराखंड जैसी त्रासदी को न्योता दे रहे हैं। सरकार को बनानी चाहिए मॉनिटरिंग एजेंसी विनय चौधरी जो एक जियोलॉजिस्ट प्लस हाइड्रो जियोलॉजिस्ट है और पिछले 11 सालों से इसी फिल्ड में काम कर रह है, मानते है कि किन्नौर की इस स्थिति का मुख्य कारण प्राइवेट कंपनियों द्वारा की जा रही कंस्ट्रक्शन और ब्लास्टिंग है। ये पहाड़ यूँ तो स्थिर है लेकिन ब्लास्टिंग और कटाई के बाद ये काफी हद तक अस्थिर हो जाते है। ये साफ़ है की ज़्यादातर भूस्खलन इन हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के आसपास ही हो रहे है। किसी भी टनल के निर्माण में इंजीनियरिंग और जियोलॉजी दोनों ही महत्वपूर्ण फैक्टर्स होते है। एक जियोलॉजिस्ट का काम है की वो किसी भी निर्माण के दौरान निर्माण स्थल में किस तरह के पत्थर सामने आ सकते है इसका पता लगाए और फिर बताए की किस इंटेंसिटी से ब्लास्टिंग की जा सकती है, जो सुरक्षित होगी और पहाड़ों को नुक्सान नहीं पहुंचाएगी। लेकिन जब निजी एजेंसियां ये काम करती है तो इन बातों का कम ध्यान रखा जाता है, इसलिए गड़बड़ तो होगी ही। ब्लास्टिंग किस ग्रेड की हो रही है इसे रिपोर्ट करने के लिए सरकार द्वारा कोई मॉनिटरिंग एजेंसी बनाई जानी चाहिए। आधा किन्नौर मानव जनित आपदाओं का घर किन्नौर के चौरा बॉर्डर से लेकर नाथपा एरिया तक का भाग एसजेवीएनएल से इफैक्टिड एरिया में आता है। नाथपा से आगे करच्छम तक जेएसडब्लू कंपनी से इफैक्टिड एरिया में आता है। इसी तरह करच्छम से आगे शौगठंग तक एचपीसीएल कंपनी के कारण इफैक्टिड एरिया में है। यही क्रम आगे भी है। कहने का मतलब है आधा किन्नौर छोटे बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की वजह से प्रभावित है व आधा किन्नौर मानव जनित आपदाओं का घर बन चुका है। फिर भी सरकार में बैठे किन्नौर के नेता एवं ब्यूराेक्रेट्स चुप्पी साधे हुए हैं। हमारा यही कहना है कि नाे मींज़ नाे। -ललित माेहन मेहता, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट। जल, जंगल, जमीन बचाने को पूरा क्षेत्र एकजुट हमारा मुख्य लक्ष्य है किन्नौर काे बचाना है। अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग करना गलत है। अति संवेदनशील क्षेत्र की जनता काे बचाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण काे बचाए रखने के लिए पूरा क्षेत्र एकजुट है। इसके लिए राजनीति से उपर उठ कर काम करना हाेगा। जंगी-थाेपन बिजली परियाेजना के खिलाफ पूरा किन्नौर एकजुट है। सरकार और एसजेवीएन काे हम आगाह करना चाहेंगे कि भूल कर भी किन्नौर में बिजली परियाेजना स्थापित करने की काेशिश न करें। अन्यथा कई क्षेत्र बटसेरी और निगुलसेरी की तरह दिखेंगे। इसलिए नाे मींज़ नाे। -नरेंद्र केविल कीर्ती नेगी, शिक्षाविध एवं साेशल एक्टिविस्ट। टनल प्रोजेस्ट्स के मैं सख्त खिलाफ : सूरत वन निगम के उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता सूरत नेगी का कहना है कि किन्नौर में बनने वाले टनल प्रोजेस्ट्स के वे सख्त खिलाफ है। इन प्रोजेक्ट्स को बनाने के लिए हो रही ब्लास्टिंग ही किन्नौर के दरकते पहाड़ों का कारण है। वे इस मुद्दे को उठाएंगे और सरकार से दरख्वास्त करेंगे कि ऐसे प्रोजेक्ट्स अब किन्नौर में और न लाया जाएं । बर्दाश्त की पराकाष्ठा हुई, अब पूर्ण विराम का वक्त: भंडारी प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष निगम भंडारी ने कहा कि पहाड़ाे से छेड़छाड़ ठीक नहीं है, अब नाे मींज़ नाे। उन्हाेंने कहा कि शांत वातावरण, साफ़ सुथरी जल धारा और उपजाऊ मिट्टी जैसे वरदान हम हिमाचल वासियों के पास थे, जिस पर हम गर्व महसूस करते थे। पर आज किन्नौर की धरती पर नदी के बहाव को रोकना, पहाड़ों के बीच सुरंग खोदना और लगातार ब्लास्टिंग से पहाड़ों को काटना जैसे कई काम किए गये जिस से आज किन्नौर वासी हर पल ख़तरा महसूस कर रहे हैं। लगातार बन रहे हाईड्रो प्रोजेक्ट्स से किन्नौर और किन्नौर वासी हर पल ख़तरे में जीवन जी रहे हैं। भण्डारी कहते है कि अब बर्दाश्त की पराकाष्ठा हो गई है। अब पूर्ण विराम का समय आ गया है। युकां अध्यक्ष का कहना है कि हिमाचल सरकार हाईड्रो प्रोजेक्ट पॉलिसी में ज़रूरी बदलाव लाए और किसी भी नये प्रोजेक्ट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
काफनू गावं के गोविंद कुमार 8 अगस्त से अपने ससुराल गांव बारंग से लापता है। इस संबंध में परिवार के सदस्यों ने पुलिस थाना रिकांग पिओ में मामला भी दर्ज करवाया है लेकिन इसके बावजूद भी उनका काकोई पता नहीं चल पाया है। उन्हें लापता हुए करीब 8 दिन का समय होने वाला है लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। जब उन्हें तलाशने के लिए पुलिस से मदद लेने परिजन रिकांग पिओ के थाने में गए तो वहां से भी उन्हें आनाकानी कर के वापस भेज दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह व्यक्ति कहां गया और पुलिस इसे तलाशने में नाकाम क्यों साबित हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यक्ति को तलाशने के लिए अभी फिलहाल किसी से पूछताछ भी नहीं हुई है। पुलिस की कारवाई से परिजन संतुष्ट नही है जब पुलिस से मदत मांगने थाने जाते है तो पुलिस खुद तलाशों का हवाला देकर वापस भेज देती है। हो सकता है कि व्यक्ति के साथ कोई हादसा हुआ हो या किसी मुसिबत मे हो या हो सकता है किसी ने हत्या की घटना को भी अंजाम दिया हो। ऐसी संभावना से भी नकारा नही जा सकता। पुलिस को चाहिए की जल्द से व्यक्ति की तलाश करें और सभी से कठोर पूछताश करे ताकि कोई सुराग मिल सके।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में पहाड़ टूटने के हादसे के बाद जारी खोज एवं बचाव अभियान के चौथे दिन दो और शव बरामद हुए हैं, मृतकों की संख्या 19 हो गई है। अभी भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है। इससे पहले, तीसरे दिन शुक्रवार को तीन शव निकाले गए थे। हादसे का शिकार हुई एचआरटीसी बस के 11 यात्री अब भी लापता हैं। घटनास्थल पर पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दोपहर बाद 4:38 बजे हाईवे से गुजर रही एचआरटीसी की बस पर पत्थर गिरने से महिला और युवक यात्री घायल हो गए थे। 200 मीटर खड़ी चढ़ाई पर सड़क बनाकर दोनों तरफ से लापता लोगों को खोजा जा रहा है। सर्च अभियान में जुटीं टीमों के लिए सतलुज जल विद्युत निगम खाने-पीने की व्यवस्था कर रहा है। लापता लोगों के परिजनों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है।
किन्नौर के निगुलसरी में हुए दर्दनाक हादसे पर हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस ने गहरा शोक प्रकट किया। इस प्राकृतिक हादसे में 15 से अधिक लोगों के शव मिल चुके है जबकि अभी भी बहुत से लोगो के लापता होने की आशंका हैं। भूस्खलन से हुए दर्दनाक हादसे वाले दिन ही प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी युवा कांग्रेस की टीम के साथ घटना स्थल पर पहुँचे और हालात का जायज़ा लिया। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अपने युवा साथियों के साथ निगुलसरी हादसे में अपनी जान गवां चुके लोगो के परिवारजनों से मिलकर अपनी संवेदनाये व्यक्त की और शोकाकुल परिवारों को विश्वास दिलाया कि इस मुश्किल समय मे हिमाचल युवा कांग्रेस परिवार उनके साथ खड़ा है। इस दौरान निगम भंडारी ने सुंगरा, काफनु, सापनी और काचे गाँव में शोकाकुल परिवारों से मुलाकात की। निगम भंडारी ने सरकार से माँग की कि मृतकों और घायलों के परिवारों को फ़ौरन राहत राशी प्रदान की जाए। मुआवज़े में किसी भी प्रकार की देरी ना की जाये। क्यूँकि अभी तक किन्नौर में पहले के प्राकृतिक हादसों के दौरान बगवानों को जिस मुआवज़े का वादा किया गया था वो अभी तक नहीं मिला है। साथ ही युंका अध्यक्ष ने माँग की कि हिमाचल सरकार हाईड्रो प्रोजेक्ट पालिसी में ज़रूरी बदलाव लाए और किसी भी नये प्रोजेक्ट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये। उन्होंने बताया कि पहाड़ों का शांत वातावरण, साफ़ सुथरी जल धारा और उपजाऊ मिट्टी आदी एसे वरदान हम हिमाचल वासियो के पास थे, जिस पर हम गर्व महसूस करते थे लेकिन आज किन्नौर की धरती पर नदी के बहाव को रोकना, पहाड़ों के बीच सुरंग खोदना और लगातार ब्लास्टिंग से पहाड़ों को काटना जैसे कई काम किए गये जिस से आज हम किन्नौर वासी हर पल ख़तरा महसूस कर रहे हैं। लगातार बन रहे हाईड्रो प्रोजेक्ट्स से किन्नौर और किन्नौर वासी हर पल ख़तरे में जीवन जी रहे हैं। निगम भण्डारी ने आक्रामक शब्दों में प्रदेश सरकार को कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के नाम पर किन्नौर की धरती को खोखला करना बंद करो। बर्दाश्त की अब पराकाष्ठा हो गई है। अब पूर्ण विराम का समय आ गया है। ना मतलब ना ! हम हिमाचल सरकार से मांग करते है कि सरकार जिला किन्नौर में प्राकृतिक आपदा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। निगम भण्डारी ने NDRF, ITBP और हिमाचल पुलिस के जवानों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने संसाधनों के अभाव में और ख़राब मौसम में भी अपनी जान पर खेल कर मलवे को हटाया और उनके द्वारा घायल लोगो को और मृतकों को मलवे से निकालने का मुश्किल कार्य लगातार किया जा रहा है ।
किन्नौर जिले में निगुलसरी के पास हुए भूस्खलन के तीसरे दिन मलबे से दो ओर शव निकाले गए हैं। अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है। मृतकों की संख्या 16 पहुंच गई है। अभी भी 14 लोग लापता हैं। नेशनल हाईवे-5 पर हुए भयावह भूस्खलन के दूसरे दिन गुरुवार को रेस्क्यू टीमों ने मलबे से चार शव निकाले थे। हादसे के करीब 20 घंटों बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बस के कुछ टुकड़े और टायरों को भी खोज निकाला गया था। हालांकि, बस में सवार यात्रियों में से 14 अब भी लापता हैं। जानकारी के अनुसार भूस्खलन की चपेट में आए टिपर, कारों, सूमो और अन्य वाहनों में सवार घायलों और मृतकों को निकाल लिया गया है। अब बस यात्री ही लापता हैं। वहीं, समय बीतने के साथ-साथ लापता लोगों के परिजनों की उम्मीदें कम होती जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को किन्नौर जिला के निगुलसरी के नजदीक दुमति में हुए भीषण भूस्खलन के कारण मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए वीरवार को घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मृतकों और लापता लोगों के परिजनों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भावानगर पहुंचकर घायलों का कुशलक्षेम भी जाना। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और चिकित्सा अधिकारियों को घायलों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये और गम्भीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये प्रदान करेगी। इसके अलावा, परिवहन विभाग इस हादसे में जान गंवाने वाले बस यात्रियों को एक-एक लाख रुपये देगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घायलों को निःशुल्क उपचार सुविधा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, राज्य पुलिस बलों और स्थानीय लोगों द्वारा राहत और बचाव अभियान कार्य के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस क्षेत्र का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण भी करवाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ने भावानगर में अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बचाव टीमों, लापता लोगों और घायलों के परिजनों के ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य संवेदनशीलता के साथ किया जाना चाहिए ताकि लापता लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को घायलों को समुचित उपचार सुविधा प्रदान करने और गम्भीर रूप से घायल लोगों को शीघ्र प्रमुख अस्पतालों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर, किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, राज्य वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी, पूर्व विधायक तेजवन्त नेगी, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन, पुलिस अधीक्षक किन्नौर एस.आर.राणा, आईटीबीपी के कमांडेंट सुनील कण्डपाल व एनडीआरएफ के प्रभारी हरिओम भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
किन्नौर हादसे में अब तक 14 लोगों के शव निकाले गए है, जबकि घायलों को मलबे से निकालने का कार्य जारी है। 60 लोगों की टीम राहत कार्य में जुटी है, वीरवार सुबह शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बस को भी ढूंढ निकाल दिया गया है। हालांकि पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया है। ड्रोन की मदद से हादसे में लापता हुए लोगों की तलाश जारी है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हेलिकॉप्टर से घटना स्थल का दौरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्च ऑपरेशन में एनडीआरफ व अन्य दल लगे हैं। बस को सुबह ढूंढ निकाला है। बस में सवार सभी को ढूंढने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम के चलते पिछले कल सर्च ऑपरेशन में रुकावट आई थी अभी भी पत्थर गिर रहे हैं जिसके चलते ऑपेरशन में रुकावट आई है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को 4 लाख व घायलों को 50 हजार देने की घोषणा की है। वन्ही आईटीबीपी अधिकारी का कहना है कि अभी सर्च ऑपरेशन को रोका गया है। सीएम को हर पहलू से अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपेरशन में रुकावट आ रही है जिससे आपरेशन में काफी समय लग सकता है। बता दें कि बुधवार को किन्नौर के न्यूगलसरी में पहाड़ी दरकने से एचआरटीसी बस समेत 6 वाहन मलबे में दब गए थे। बताया जा रहा है कि मलबे में करीब 40 लोग फंसे हैं।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भावानगर उपमंडल में बड़ा हादसा हुआ है। इसमें ज्यूरी रोड पर निगोसारी और चौरा के बीच में अचानक एक बड़ा पहाड़ दरक गया है। जिसमें एक एचआरटीसी की बस और कुछ ट्रक तथा हल्के वाहन दब गए हैं जिनमें कई लोग सवार थे ऐसे में बड़े पैमाने पर जान हानि होने का अनुमान लगाया जा रहा है। एसडीएम भावानगर मनमोहन सिंह ने बताया कि उन्हें जैसे ही घटना की सूचना मिली है तो मौके के लिए बस राहत एवं बचाव कार्य की एक टीम रवाना कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बसों में भी कई लोगों के सवार होने की सूचना है जिन सभी के लैंडस्लाइड में दबे जाने की खबर आ रही है जो कि बेहद दुखद है उन्होंने बताया कि अभी तक मौके पर पत्थर लगातार गिर रहे हैं जिससे कि राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने में भी प्रशासन एवं पुलिस को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला परिषद किन्नौर की त्रैमासिक बैठक उपायुक्त कार्यालय स्थित सभागार में जिला परिषद अध्यक्ष निहाल चारस की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिला परिषद सदस्यों द्वारा अपने-अपने वार्डों से संबंधित विकास कार्यों पर चर्चा की गई। निहाल चारस ने कहा कि हम सभी सदस्य का एकमात्र उद्देश्य जिले का समग्र विकास सुनिश्चित बनाना है और इस दिशा में सभी सदस्य कार्य भी कर रहे हैं। बैठक में सदस्यों द्वारा शौग-ठौंग करछम जल विद्युत परियोजना प्रबंधन द्वारा ग्राम पंचायत कल्पा को परियोजना से 500 दिन की न्यूनतम दिहाड़ी के बराबर धन राशि उपलब्ध करवाने का मामला भी उठाया गया जिस पर जिला परिषद अध्यक्ष ने शौंग-ठौंग करछम जल विद्युत परियोजना प्रबंधन को नवम्बर माह तक प्रभावितों को पूर्ण राशि उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। बैठक में सदस्यों ने जिले में बागवानी की नई तकनीकों व सघन बागवानी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर लगाने का भी आग्रह किया तथा जिले के बागवनों को उन्नत व नए किस्म के पौधे उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। इस पर बागवानी विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा समय समय पर बागवानों की सुविधा के लिए बागवान शिविरों का आयोजना किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि बागवनों को उनकी मांग के आधार पर उन्नत किस्म के पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रिया नेगी, जिला परिषद के सदस्य, पंचायत समिति कल्पा के अध्यक्ष गंगा राम व निचार पंचायत समिति की अध्यक्ष राजवंती व पूह पंचायत समिति की अध्यक्ष इंदू किरण, सहायक आयुक्त मुनीष कुमार शर्मा सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष बैठक में उपस्थित थे।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का किन्नौर जिले को ऑक्सीजन युक्त एक एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि गत दिवस महिंद्रा ग्रुप की और से सी.एस.आर के तहत मुख्यमंत्री को 5 ऑक्सीजन युक्त रोगी वाहन प्रदान किए गए थे जिसमें से एक रोगी वाहन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जनजातीय जिला किन्नौर को प्रदान किया। उपायुक्त ने कहा कि ऑक्सीजन युक्त इस वाहन के प्राप्त होने से कठिन भोगौलिक परिस्थितियों वाले जनजातीय जिले के रोगियों को अस्पताल पहुंचाने में सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि इस रोगी वाहन में रोगियों के लिए ऑक्सीजन सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। उन्होंने इसके लिए महिंद्रा ग्रुप का भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी भी उपस्थित थे।
जिला आयुर्वैदिक अधिकारी डाॅ.अशोक चंद्र ने बताया कि आयुर्वैदिक विभाग द्वारा गत दिवस कल्पा में लगाए गए बहु-उद्देशीय चिकित्सा शिविर में 295 रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई जबकि होम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा 103 रोगियों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान रोगियों के निःशुल्क टैस्ट किए गए व दवाईयां भी निःशुल्क प्रदान की गई। चिकित्सा शिविर का शुभारंभ ग्राम पंचायत प्रधान कल्पा सरिता कुमारी ने किया। शिविर में आयुर्वैदिक विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक सूरज नेगी, डाॅ. ईश्वर दत्त, डाॅ. कनिका नेगी तथा होम्योपैथिक चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. शिवानी नेगी ने रोगियों की जांच की। विभाग द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर निकट भविष्य में भी इस तरह के शिविर लगाए जाएंगे ताकि लोगों को उनके घर-द्वार के निकट निःशुल्क विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने आज सांसद आदर्श ग्राम योजना की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि योजना के तहत विभिन्न स्वीकृत कार्यों पर शीघ्र कार्य आरंभ करें ताकि लोगों को और अधिक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। जिले के कुन्नू-चारंग गांव को वर्ष 2020 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित किया गया था। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित गांव को सभी प्रकार की मूलभूत व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ समग्र विकास जिसमें वैयक्तिक, मानव, आर्थिक व सामाजिक विकास सुनिश्चित बनाना है। बैठक में वर्ष 2021-22 में ग्राम कुन्नू-चारंग में किए जाने वाले कार्यों को भी स्वीकृति दी गई जिसके तहत चारंग में महिला मण्डल का निर्माण व सरांय भवन का निर्माण, कुन्नू में महिला मण्डल व सामुदायिक भवन तथा कुन्नू में भू-संख्लन को रोकने के लिए चैक-डैम का निर्माण, दूफुक कुन्नू संपर्क मार्ग, खरतक-खड्ड पर पैदन चलने वाले चारंग पुल को जोड़ने का निर्माण, पेबग्या, चारंग व कुन्नू में प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करने को स्वीकृति दी गई। बैठक में लोक निर्माण विभाग द्वारा चांरग में बस-स्टैंड, चारंग से पेबग्या जीप योग्य संपर्क मार्ग, कुन्नू में बस-स्टैंड तथा चारंग पुल से लुंगसो तक सड़क का निर्माण कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उपायुक्त ने कुन्नू स्थित पाठशाला भवन के निर्माण के लिए शीघ्र नई निविदाएं जारी करने के भी निर्देश दिए। बैठक में लंबर से चारंग व कुन्नू गांव के लिए बिछाई जा रही एल.टी लाईन के कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। बैठक में सिंचाई विभाग की भी विभिन्न योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक की कार्यवाही का संचालन परियोजना अधिकारी एवं उपनिदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर ने किया। बैठक में उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, ग्राम पंचायत चारंग की प्रधान निर्मला, उपप्रधान सुशील सहित लोक निर्माण विभाग, वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जन-स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
प्रदेश सहित किन्नौर जिला में 9 अगस्त से 15 अगस्त स्वच्छ हिमाचल अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी आज उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जिला के विभागाध्यक्षों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संस्थाओं, महिला-मण्डलों, स्वयं सहायता समूहों व सरकारी तथा अर्ध-सरकारी कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने विभन्न विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित सफाई अभियान को लेकर एक कार्य योजना 7 अगस्त तक प्रस्तुत करें ताकि 9 अगस्त से समूचे जिले में इस अभियान को सक्रिय रूप से चलाया जा सके। उपायुक्त ने बताया कि यह अभियान एक साप्ताहिक कूड़ा-कचरा उन्मूलन, श्रम दान कार्यक्रम के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान क्षेत्र वार विभिन्न विभागों व संस्थाओं द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में स्थानीय पंचायतें, सरकारी, अर्ध-सरकारी व स्वयं सेवी संस्थाएं, व्यापार मंडल, जल स्त्रोतों, शहरी क्षेत्रों, राष्ट्रीय, राज्य व जिला मार्गों के आस पास आवासीय एवं विभागीय परिसरों, अस्पतालों इत्यादि की सफाई की जाएगी। इस दौरान घरों से कूड़ा-कचरा एकत्रित करने तथा ठोस कचरा प्रबंधन नियम व अवशिष्ट के पृथिकीकरण करने के बारे में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही प्लास्टिक कचरे से संबंधित योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त पंचायतें, जिला परिषद, पंचायत समितियां, ग्रामीण स्तरीय जल एवं स्वास्थ्य समितियां, महिला एवं युवक मण्डल, स्वयं सेवी समितियां, जैव विविधता प्रबंधन समितियां, जल स्त्रोतों, पंचायतों, अस्पतालों, ग्रामीण स्तरीय विभागीय परिसरों में सफाई अभियान चलाएंगे साथ ही लोगों को सफाई व स्वच्छता के बारे में भी जागरूक करेंगे और एकत्रित प्लास्टिक कचरे का वैज्ञनिक ढंग से निष्पादन सुनिश्चित बनाएंगे। उपायुक्त ने बताया कि वन विभाग इस दौरान वन क्षेत्रों, सड़कों व जल स्त्रोंतों की सफाई करेंगे। इसके अलावा पर्यटन एवं उद्योग विभाग ओद्यौगिक क्षेत्रों व पर्यटन क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाएंगे तथा इस कार्य में होटल व स्टे-होम एसोसिएशन का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिले के उच्च तथा माध्यमिक शिक्षण संस्थानों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षण संस्थानों व परीक्षण संस्थानों में पेंटिग, नारा लेखन, वाद विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिता के साथ साथ व्याख्यान श्रृखंला का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे दिन-प्रतिदिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रतिदिन मुख्यालय को प्रस्तुत करेंगे। बैठक की कार्यवाही का संचालन परियोजना अधिकारी एवं उपनिदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर ने किया। बैठक में उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, उमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा की अध्यक्षता में आगामी सेब सीजन के दौरान सेब ढुलाई व माल भाड़े को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपमण्डलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष सेब ढुलाई में लगे विभिन्न वाहनों के माल भाड़े में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह निर्णय बैठक में सर्व सहमति से लिया गया। बैठक में बागवानों को अपनी उपज को मंडी तक पहुंचाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े इस पर भी चर्चा की गई तथा बागवानों को भरोसा दिलाया गया कि सेब ढुलाई के लिए प्राप्त मात्रा में वाहन उपलब्ध होंगे। उन्होंने बागवानों से सेब सीजन के दौरान कोविड नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन सेब ढुलाई में लगे सभी वाहनों पर भी नजर रखेगा और यह सुनिश्चित बनाया जाएगा की कोई भी वाहन मालिक /ऑपरेटर जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित ढुलाई दरों से अधिक माल भाड़ा न वसूल पाए। बैठक में विभन्न ग्राम पंचायातों के प्रधानों, अन्य पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि, बागवान एवं किसान संघों के सदस्यों सहित पिक-अप ऑपरेटर्स के पदाधिकारी उपस्थित थे।
जवाहर नवोदय विद्यालय रिंकागपिओ जिला किन्नौर में सत्र 2021-22 के लिए छठी कक्षा में प्रवेश के लिए चयन परीक्षा 11 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह जानकारी जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य अरूण कुमार श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा के लिए जिले में चार स्थानों पर परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं जिनमे रिकांग पिओ, पूह, भावानगर तथा सांगला शामिल है। उन्होनें कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा के लिए अपना ऑनलाइन पंजीकरण किया था उनके प्रवेश पत्र सीबीएसई द्वारा जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के लिए जिन अभयर्थियों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था। उन्हें प्रवेश पत्र https://cbseitms.nic.in/index.aspx से अपने नजदीकी लोकमित्र के माध्यम से डाउनलोड कर सकतें हैं या किसी भी कार्य दिवस मे प्रातः 10 बजे से 4 बजे तक जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांग पिओ में आकर अपना प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान सभी अभ्यर्थियों को कोविड-19 के दिशा निर्देश की अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में आज मण्डी संसदीय क्षेत्र के आगामी उपचुनाव को लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों व चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए गठित विभिन्न टीमों के साथ आज एक पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न टीमों के प्रमुख व सभी नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में आगामी मण्डी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के लिए जिला में गठित वीडियो सर्विलैंस दल, वीडियो व्यूविंग दल, अकाउटिंग टीम, फ्लांइग सक्वैड दल व स्टैटिक सर्विलैंस टीम के प्रमुखों सहित नोडल अधिकारी शामिल हुए। पूर्वाभ्यास कार्यक्रम में विभिन्न टीमों व नोडल अधिकारियों के कार्यों व उत्तर दायित्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। उपायुक्त ने बताया कि आज के इस पूर्वाभ्यास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए गठित विभिन्न टीमों व जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को उनके कार्य व उत्तर दायित्व के प्रति जानकारी देने के साथ-साथ आदर्श चुनाव आचार संहिता का अक्षराक्षर पालन सुनिश्चित के बारे में जानकारी देना था ताकि निष्पक्ष व शांतिपूर्वक ढंग से उपचुनाव को संपन्न किए जा सकें। उन्होंने कहा कि बैठक में मतदाताओं को मतदान वाले दिन दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी चर्चा की गई ताकि मतदाता अपने मताधिकार का बिना किसी कठिनाई से प्रयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि इस बार के उपचुनाव अन्य चुनावों से भिन्न है क्योंकि इस समय पूरा देश कोविड महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में हमें चुनाव के दौरान कोविड से बचाव के लिए अनेक सावधानियां बरतनी होंगी। आबिद हुसैन सादिक कि इस उद्देश्य के लिए जहां मतदान केन्द्रों पर आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जाएंगी वहीं हर बूथ पर पुलिस के जवानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि मतदान के दौरान कोविड नियमों का सही प्रकार से पालन सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने सभी सैक्टर अधिकारियों को प्रत्येक मतदान केन्द्र पर रैम्प व अन्य सुविधाओं की जानकारी शीघ्र उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए ताकि यदि किसी मतदान केंद्र पर रैम्प की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो वहां समय रहते रैम्प बनाया जा सके। निर्वाचन विभाग के नायब तहसीलदार इन्द्र सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा सहित विभिन्न टीमों के प्रमुख व नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
प्रगति और विकास की दौड़ में तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ते हुए हम प्रकृति के लिए अपनी ज़िम्मेदारियों और समझ को पीछे छोड़ते जा रहे है। साल-दर-साल घायल होता हिमालय क्षेत्र आज हमारी उपलब्धियों के तमाम दावों को झुठलाने लगा है। ये दरकते पहाड़ विकास की तमाम नीतियों की खामियों को उजागर कर रहे और हम खामोश है। किसी ने सही कहा है कि अब साेया ताे सुन ले साथी कभी जाग न आएगी। लगता है किन्नौर की जनता ने ये बात गाँठ बांध ली है। मन में किन्नौर की वादियों को सुरक्षित रखने का दृढ़ निश्चय लेकर किन्नौर की जनता ने जिले में प्रस्तावित जंगी-थाेपन बिजली प्राेजेक्ट के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार पूर्व में स्थापित हुए पावर प्राेजेक्ट्स ने किन्नौर की स्थिति ख़राब कर दी है, आए दिन सामने आती प्राकृतिक आपदाओं ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए जंगी-थाेपन बिजली परियाेजना के दायरे में आने वाले बाशिंदाें ने संबंधित बिजली परियाेजना प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाथ में " NO MEANS NO, SAVE KINNAUR " के बैनर लिए इस क्षेत्र के युवा, बुद्धिजीवी समेत शिक्षाविध सड़कों पर उतर आए है। किन्नौरी बोली में क्यांग शब्द का इस्तेमाल करते हुए अपना संघर्ष शुरू कर दिया है। बता दें की क्यांग शब्द का हिंदी में अर्थ चिंगारी होता है। ऊर्जा राज्य हिमाचल में भले ही बिजली उत्पादन की भारी क्षमता है, मगर प्रदेश के पहाड़ अब खोखले हाेने की कगार पर है। जिला किन्नौर की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। किन्नौर की जनता इससे परेशान है और अब यहां के लोगों ने इन पहाड़ों और प्रकृति को बचाने के लिए नाे माेर प्राेजेक्ट इन किन्नौर, नाे मींज़ नाे का नारा देकर संघर्ष शुरू कर दिया है। दरअसल एसजेवीएन के तहत सतलुज बेसिन पर प्रस्तावित 804 मेगावाट क्षमता वाली जंगी-थाेपन बिजली प्राेजेक्ट से सात गांव प्रभावित होंगे। फिलवक्त इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ हैं पर निर्माण कार्य शुरु होने की स्थिति में सात गांव को खतरा हाे सकता है। कारण यह है कि जिस क्षेत्र में प्रोजेक्ट तैयार होना है वहां का पूरा एरिया चट्टानों से भरा है। रारंग गांव का पूरा क्षेत्र एनएच-5 के ऊपर ढांक पर बसा हुआ है। उसके बाद थाेपन, खादरा, आकपा, जंगी और लिप्पा गांव तक इस परियाेजना का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पिछले साल एनएच-5 काे चाैड़ा करने के लिए यहां बलास्टिंग हाे रही थी तब भी रारंग गांव के कुछ लाेगाें के मकानाें में दरारें आ गई थी। इसी के साथ लोगों का मानना है कि परियाेजना शुरु हाेने से इन क्षेत्राें में प्राकृतिक जल स्राेत सूख जाएंगे, जिससे सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित होगी। लोगों के मन में ये डर है कि प्रोजेक्ट बनने के बाद उन्हें विस्थापित किया जा सकता है। ऐसे में जंगी-थोपन बिजली परियोजना निर्माण कार्य शुरु होने से पहले ही सात गांव के लाेगाें ने एकजुट होकर संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। एसजेवीएन का दावा, कोई भी गांव नहीं होगा विस्थापित कई वर्षों से विवादों में रही जंगी-थोपन बिजली परियोजना को लेकर हल्ला बाेल के बीच एसजेवीएन ने दावा किया है कि काेई भी गांव विस्थापित नहीं हाेगा। एसजेवीएन का कहना है कि प्रोजेक्ट निर्माण कार्य शुरु होने में अभी तीन से चार साल लग सकते हैं। अभी प्रोजेक्ट प्रस्तावित है और निर्माण से पहले सर्वे किया जा रहा है। एसजेवीएन ने बताया कि जहां भी टनल, डैम, पावर हाउस स्थापित होंगे, सब जगहों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे हाे रहा है। सर्वे के बाद ही निर्माण कार्य शुरु हाेगा। एसजेवीएन का दावा है कि परियाेजना क्षेत्र में विकास ही हाेगा न कि विनाश। इसके साथ-साथ हिमाचल प्रदेश पावर पाॅलिसी के तहत प्रभावित गांव के परिवाराें काे नाैकरी भी दी जाएगी। एसजेवीएन का कहना है कि लोगों को डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि 804 मेगावॉट की क्षमता वाली जंगी-थोपन बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार के पास एसजेवीएन सहित चार पावर कारपोरेशन से ऑफर आया था। इसमें से एसजेवीएन के साथ एमओयू साइन किया गया। हालांकि इस परियोजना को स्थापित करने के लिए बीडिंग व प्रीमियम की शर्त नहीं हैं, लेकिन बिजली उत्पादन शुरू होने के 40 साल बाद परियोजना राज्य सरकार की होगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकारी शर्तों के अनुसार ही जंगी-थोपन बिजली परियोजना निर्माण कार्य शुरू होगा। ऐसा रहा प्रस्तावित जंगी-थोपन बिजली प्रोजेक्ट का इतिहास जंगी थोपन प्रोजेक्ट का काम 15 साल यानी वर्ष 2006 से लटका हुआ है। वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का टेंडर किया था और ब्रेकल को ये प्रोजेक्ट मिला। ब्रेकल ने इसका काम अदानी कंपनी को दिया और अदानी कंपनी से अपफ्रंट मनी की 280 करोड़ की राशि सरकार को मिली। उसके बाद ये प्राेजेक्ट रिलायंस काे दिया गया, लेकिन अपफ्रंट मनी के चक्कर में रिलायंस कंपनी भी पीछे हट गई। इसके बाद इस मसले पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को बड़ा फैसला लिया था। रिलायंस के पीछे हटने के बाद राज्य सरकार ने पीएसयू यानी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के साथ समझौता करने का फैसला किया, जिसके बाद ये प्रोजेक्ट एसजेवीएन को सौंप दिया गया। 281 हेक्टेयर भूमि की आवशयकता, 5708 कराेड़ हाेंगे खर्च जंगी-थाेपन बिजली परियोजना पर अनुमानित 5708 करोड़ रुपये व्यय होने है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक परियोजना के लिए अनुमानित 281.16 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी जिसमें से 247.12 हेक्टेयर भूमि वन भूमि होगी, जबकि 24.81 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 9.23 हेक्टेयर बीआरओ व लोक निर्माण विभाग से उपलब्ध होगी। बता दें कि परियोजना के तहत जंगी गांव के नजदीक बांध प्रस्तावित है, जबकि भूमिगत पाॅवर हाऊस का निर्माण काशंग नाला में किया जाएगा। परियोजना से कानम, जंगी, रारंग, मूरंग, स्पीलो व अकपा पंचायतें प्रभावित होंगी। परियोजना के तहत बनने वाली सुरंग आधुनिक तकनीक टीवीएम से बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना निर्माण के समय प्रभावितों के हितों का पूरी तरह से संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। आंदोलन की राह पर जनता, मंजूर नहीं प्रोजेक्ट, जारी रहेगा संग्राम प्रस्तावित जंगी-थोपन जल विद्युत परियोजना को लेकर जंगी, रारंग व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने जमकर विरोध करना शुरु कर दिया है। हाल ही में जल विद्युत परियोजना के प्रबंधन द्वारा जंगी-थोपन परियोजना के निर्माणाधीन स्थल पर सम्बंधित पंचायतों के एनओसी के बिना मशीनों को काम के लिए उतारा गया जिस पर ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। वैसे तो पहाड़ की टूट फ़ूट प्रकृति का चक्र है लेकिन बीते वर्षों मे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने से लोगों में डर है। जंगी व रारंग के ग्रामीणों की माने ताे विरोध की शुरुआत तब हुई जब परियोजना प्रबंधन ने बिना पंचायत एनओसी काम शुरू करना चाहा। ग्रामीणाें ने बताया कि बिना पंचायत की अनुमति के बड़ी-बड़ी मशीनें लाई गई। हालांकि एसजेवीएन का तर्क है जंगी-थाेपन जल विद्युत परियोजना प्रबंधन द्वारा केवल सर्वे किया जा रहा है और सर्वे के लिए एनओसी की जरूरत नहीं होती। पर ग्रामीण इस तर्क को सफ़ेद झूठ करार दे रहे है। ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर इसका विरोध किया है। ग्रामीणों व प्रबंधन के बीच नोकझोंक भी जारी है।परियोजना प्रबंधन द्वारा फिलहाल सर्वे के काम को भी रोक दिया गया है आगे की कार्रवाई सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद ही शुरू होगी। हमें किसी भी कीमत पर पावर प्रोजेक्ट मंजूर नहीं है, विकास के नाम पर विनाश होते हुए हम देख नहीं सकते। हमारी पंचायत इस बात पर अड़ी हुई है कि परियोजना का निर्माण होने नहीं दिया जाएगा। इस क्षेत्र में सिंचाई का एक मात्र साधन प्राकृतिक जल स्त्राेत है, साथ ही गांव चट्टानों पर बसे हुए है। यदि प्राेजेक्ट निर्माण कार्य शुरु हाेगा ताे संभवत: पूरे का पूरा क्षेत्र उजड़ जाएगा। इसके लिए सबकाे राजनीति से उठकर संघर्ष करना हाेगा, तभी जल, जंगल और जमीन काे हम बचा पाएंगे। -राजेंद्र नेगी, प्रधान ग्राम पंचायत रारंग। संघर्ष समिति रारंग ने यह ठान लिया है कि जंगी-थोपन बिजली परियोजना को किसी भी सूरत में शुरु होने नहीं दिया जा सकता। क्षेत्र काे बचाने के लिए सबको एकजुट होकर प्रोजेक्ट का विरोध करना होगा। हम पिछले साल से ही आंदोलन की राह पर अग्रसर है, लेकिन कुछ लोग इसमें भी राजनीति कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है। हम प्रकृति को बचाने के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर संघर्ष करना हाेगा। रारंग, खादरा और अकपा गांव की जनता ने विद्युत परियोजना प्रबंधन को पहले ही चेतावनी दे दी है कि प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ तो अंजाम भुगतने के लिए वे तैयार रहें। हमने कह दिया है कि NO MEANS NO -सुंदर नेगी, उपाध्यक्ष संघर्ष समिति रारंग। सीधी सी बात है कि थाेपन से लेकर जंगी तक का एरिया पावर प्राेजेक्ट के लिए अनुकूल नहीं हैं, यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है, जहां पर छाेटे-छाेटे पहाड़ हैं। प्रोजेक्ट बनने से ये क्षेत्र कभी भी उजड़ सकते हैं। हमारा यही मानना है कि जंगी-थाेपन बिजली परियाेजना का भार सहने के लिए प्राकृतिक एवं भाैगाेलिक दृष्टि से इन पहाड़ों में क्षमता नहीं हैं। हमने पहले दिन से इसका विरोध किया है, जाे अंतिम चरण तक जारी रहेगा। यह प्राेजेक्ट न ताे न्याय संगत है और न ही प्रकृति के अनुकूल। प्राकृतिक जल स्त्रोत से ही हमारे क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी होती है। यदि बिजली परियोजना का निर्माण कार्य शुरु हाेगा ताे सब कुछ लुप्त हाे जाएगा जिसे हम होने नहीं देंगे। -राेशन लाल नेगी, अध्यक्ष संघर्ष समिति जंगी।
जूनियर नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में किन्नौर जिले की लड़कियों ने अपने बॉक्सिंग पंच से कमाल कर दिखाया और रजत व कांस्य पदक हासिल किए है। यह प्रतियोगिता 26 जुलाई से 31 जुलाई तक हरियाणा के सोनीपत में आयोजित की गयी, जिसमें कशिश (48 किलोग्राम वर्ग) ने रजत पदक व सपना थापा (54 किलोग्राम वर्ग) ने कांस्य पदक जीता। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कशिश व सपना थापा को रजत व कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले की लड़कियों ने सोनीपत में आयोजित जूनियर बॉक्सिंग प्रतियोगिता में किन्नौर जिले सहित प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि गत दिनों चैथी यूथ पुरुष एवं महिला वर्ग की राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता भी हरियाणा के सोनीपत में 19 जुलाई से 23 जुलाई तक आयोजित की गयी थी। जिसमें जिले की स्नेहा कुमारी (66 किलोग्राम वर्ग) ने स्वर्ण पदक व ऋतू ने 52 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था। इन लड़कियों ने अपने बॉक्सिंग पंच से ऐसा कमाल दिखाया कि ज्यादातर मैच 5-0 से ही जीते। इन चार लड़कियों का चयन आगामी एशियन चैम्पियनशिप के लिए हो गया है जिस से किन्नौर जिला में खुशी का माहौल है। ये चारों बॉक्सर जिला प्रशासन, खेल विभाग व जेएसडब्लू के सहयोग से चलाये जा रहे शिखर केन्द्र सांगला में प्रशिक्षण ले रही हैं। जेएसडब्लू की कडछम वांगतू परियोजना के प्रमुख कौशिक मौलिक एवं सीएसआर प्रमुख दीपक डेविड ने विजेता लड़कियों को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं ।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के सम्बन्ध में जिला निगरानी समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अन्य जिलों की भांति जिला किन्नौर में भी सभी लोगों की टी बी रोग की जांच के लिए स्क्रीनिंग की जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सहित किन्नौर जिले में भी 1 अगस्त से 31 अगस्त तक “टीबी मुक्त हिमाचल अभियान” चलाया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संभावित टीबी के रोगियों का पता लगाकर उनकी जांच करेगी। उन्होंने कहा कि “टीबी हारेगा देश जीतेगा” कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है उन्होंने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को अक्षर अक्षर कार्यन्वित कर सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिये। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को क्षय रोग से बचाव व इसके लक्षणों के बारे लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये ताकि रोगी की प्राथमिक स्तर पर पहचान कर उपचार आरम्भ किया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनम नेगी ने बैठक में अवगत करवाया कि स्वास्थ्य विभाग पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करेगा। उन पंचायतो पर विशेष ध्यान दिया जायेगा जहां टी बी के लक्षण दिखेंगे। इस कार्य मे पंचायत जनप्रतिनिधियों की मदद भी ली जाएगी। डॉ नेगी ने बताया कि जिन व्यक्तियों को 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी हैं, जिन्हें शाम के समय बुखार आता हो, खांसते समय बलगम के साथ खून, छाती में दर्द , सांस फूलना भूख ना लगना व वजन कम होना इत्यादि लक्षण हो उन्हें टीबी की संभावना हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों को स्वयं ही समीप के स्वास्थ्य केंद्र जा कर अपनी जांच करवा लेनी चाहिए। ताकि समय पर रोग का पता चलने पर इलाज शुरू किया जा सके। डॉ नेगी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी टीबी रोगियों को उपचार अवधि के दौरान “निक्षय पोषण योजना” के तहत एकमुश्त 750 रू0 सहायता का प्रावधान है तथा 500 रू0 प्रति माह पोषण सहायता भी प्रदान की जा रही है। बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर सुधीर सिंह ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिला में क्षय रोग उन्मूलन सम्बन्धी योजना के बारे मेें विस्तृत जानकारी दी। बैठक में जिला आयुर्वेद अधिकारी अशोक चन्द्र, जिला निगरानी अधिकारी डॉ कविराज नेगी, जिला कार्यक्रम अधिकारी देव भगत नेगी सहित छेरिंग लाल व रमेश बलूनी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने जिला किन्नौर के निचार तहसील के सुंगरा गांव में पौधारोपण कार्यक्रम अभियान 2021 में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचने पर पौधारोपण किया तथा सभी लोगों को प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौैधे लगाने चाहिए। सूरत नेगी ने सभी लोगों विशेषकर महिला मण्डलों तथा युवक मण्डल के सदस्यों से आग्रह किया कि वे जिले को हरा-भरा बनाने के लिए अधिक से अधिक पेड पौधे रोपित करे ताकि देव भूमि किन्नौर अपने प्राकृतिक सौंन्र्दय के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी रहे। उन्होनें कहा कि पेड पौधों की भू-स्खलन रोकने में अहम भूमिका रहती है। उन्होनें वन विभाग को कहा कि वे जंगलो में फलदार पौधे लगाए जंगली जानवरो खास कर बंन्दरों इत्यादी को जंगलो में आहार उपल्बध हो इससे जंगली जानवर किसानों व बागवानों की फसल को भी नुकसान नहीं पहुचाएगें। इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम वासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस कार्यक्रम में सूरत नेगी के साथ वन मंडल अधिकारी किन्नौर रजनोल्ड राॅयस्टन, पंचायत समिति सदस्य निचार सुनील नेगी, निचार भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय नेगी, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट डायरेक्टर बलदेव, मंडल महामंत्री युवराज, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रवीण, आईटी सेल जिला सचिव रवि नेगी, पदम देव सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता तथा वन विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि किन्नौर जिले में भारी बरसात के चलते भूस्खलन, सडकों का टूटना, नदी नालों में उफान और भारी बाढ जैसी स्थिति बनी हुई है। पहाडों का दरकना जारी है जिससे जिले में कुछ दिन पहले जान माल का भी नुकसान हुआ है। उन्होनें जिले के जन साधारण एवं पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे नदी नालों के समीप व ऊंचाई वाले स्थानों पर न जाएं तथा सुरक्षित स्थानों पर रहे और किसी प्रकार का जोखिम न उठाए। मुख्य सडक मार्ग व सम्पर्क सडक मार्ग पर अनावश्यक यात्रा से बचें। यदि अति आवश्यक हो तो उपयुक्त मौसम के अनुसार ही यात्रा करें। उपायुक्त ने जिले के अन्तर्गत सभी होम-स्टे व होेटल मालिकों को भी निर्देश दिए है कि उनके यहां ठहरने वाले पर्यटकों को संभावित प्राकृतिक आपदाओं वाले स्थानों से अवगत करवाएं तथा ऐसे स्थानों पर न जाने के लिए सावधान करें। उन्होनें जिला की सभी ग्रांम पंचायत प्रधानों गैर सरकारी संगठनो, ट्रैकर्स एवं नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों एवं जन साधारण को जागरूक करे ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होनें कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा एवं घटना की स्थिति में जिला आपदा प्रबन्धन परिचालन केन्द्र के दूरभाष न0 01786-223151 से 223155 व टौल फ्री न0 1077 पर संपर्क करे।
सीबीएसई की ओर से शुक्रवार को जारी 12वीं कक्षा के (विज्ञान वर्ग) परिणाम में गांव कानम की छात्रा नितिका नेगी ने टॉप किया है। नितिका ने कुल 94.8 प्रतिशत अंक के साथ विद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया है। नितिका ने बातचीत में बताया कि वो अपने इस परिणाम का श्रेयः उनके गुरुजन और माता पिता को देना चाहती है। नितिका के पिता जगत कीर्ति नेगी कनिष्ठ अभियंता है जबकि माता राजेश्वरी देवी निजी स्कूल में अध्यापिका है। नितिका का कहना है कि बड़ों के मार्गदर्शन पर चलने और मेहनत से हम किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते है। नितिका ने इस सफलता के लिए अपने समस्त अध्यापकों का धन्यवाद किया जिन्होंने कोरोना काल में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिन रात एक कर ऑनलाइन कक्षाएं ली। वहीं, विद्यालय के प्राचार्य योगराज नेगी ने सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी। केंद्रीय विद्यालय रिकांगपिओ में लगातार चार वर्षों से 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। सभी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। नेगी ने कहा कि विद्यालय के प्लस टू में कुल 52 में से 7 बच्चों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। विज्ञान वर्ग की नितिका ने कुल 94.8 प्रतिशत अंक के साथ विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। विज्ञान वर्ग की ही सिमरन ने कुल 94.6 प्रतिशत अंक के साथ विद्यालय में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है और कॉमर्स वर्ग के हितेश कुमार ने 93.2 प्रतिशत अंक के साथ तृतीय स्थान हासिल किया। महक लामा ने 93 प्रतिशत अंक के साथ कला वर्ग में प्रथम एवं विद्यालय में चौथा स्थान हासिल किया है। विद्यार्थियों की इस शानदार उपलब्धि पर केंद्रीय विद्यालय रिकांगपिओ प्राचार्य योग राज नेगी ने सभी विद्यार्थियों, अध्यापकों और अभिभावकों को बधाई दी है और बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में सेब सीजन की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त किन्नौर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों की चुनौतियों के बावजूद भी हम सब को मिलजुल कर इसका हल करना होगा। आज पूरे विश्व मे कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा बना हुआ है जबकि दूसरी और हमें किसानों बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के संदर्भ में भी उचित कदम उठाने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाते हुए बागवानों के उत्पादों को उचित समय पर मंडियों तक पहुँचाने के प्रयास करने होंगे ताकि किसानों बागवानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सेब सीजन के दृष्टिगत जिले में बाहर से आने वाले मजदूरों का किन्नौर प्रवेश द्वार चैरा में ही कोविड जांच का प्रावधान किया जाए ताकि जिले में संक्रमण को रोक जा सके। बागवानी विभाग के विष्य वस्तु विशेषज्ञय अश्वनी चैहान ने बैठक का संचालन करते हुए बताया कि जिले में इस वर्ष 52 हजार 927 मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 26 लाख 46 हजार 350 सेब की पेटियों का अनुमान है। इन पेटियों को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए लगभग 6 हजार 616 ट्रकों की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होने कहा कि कल्पा उपमण्डल में इस वर्ष 18 हजार 857 मीट्रिक टन सेब के उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 9 लाख 42 हजार 850 बाॅक्स बनेगें और इनको मण्डियों तक पहुंचाने के लिए 2 हजार 357 ट्रकों की आवश्यकता होगी। इसी प्रकार निचार उपमण्डल में 13 हजार 590 मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है जिससे लगभग 6 लाख 79 हजार 500 सेब बाॅक्स तैयार हांेगे और इसकी ढुलाई के लिए1699 ट्रकों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि पूह उपमण्डल में 20 हजार 480 मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है। यहां से 10 लाख 24 हजार सेब बाॅक्स की ढुलाई के लिए 2560 ट्रकों की आवश्यकता होगी। उपायुक्त किन्नौर ने किनफैड व सेब बाॅक्स व्यापार से जुड़े अन्य विक्रेताओं को कहा कि वे बागवानों की जरूरत के अनुसार समय पर सेब बाॅक्स उपलब्ध करवाऐं ताकि बागवानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने बागवानों से आग्रह किया की वे आढ़तियों व सेब व्यापारियों को अपने उत्पाद का सौदा करने से पूर्व उनके साथ लिखित एग्रीमेंट पंचायत प्रधान की उपस्थिति में अवश्य करवांए, ताकि धोखा-धड़ी आदि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में बाहर से आने वाले सभी आढ़तियों व मजदूरों की कोविड जाचं करना आवश्यक बनाया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग, लोक निर्माण विभाग व बीआरओ को निर्देश दिए की सेब सीजन के दौरान सड़कों का बेहतर ढंग से रख-रखाव सुनिश्चित बनाएं, ताकि इस दौरान सेब ढुलाई में लगे वाहनों व अन्य वाहन चालकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को संवेदनशील स्थानों के नजदीक मशीनरी तैनात करने के भी निर्देश दिए, ताकि आपात स्थिति में अवरूद्ध सड़कों को तत्काल खोला जा सके। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जिले के सभी मार्गों का सही प्रकार से रख-रखाव सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए ताकि सेब उत्पादकों को अपने उत्पाद मण्डियों तक पहुंचाने में कठिनाई न आए। बैठक में पुलिस अधीक्षक एस.आर राणा, उपमण्डलाधिकारी कल्पा, स्वाती डोगरा, उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, अधिशासी अभ्यिन्ता लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय उच्च मार्ग व विभिन्न विभागों के अधिकारी, व्यापार मण्डल के अध्यक्ष, ट्रक यूनियन के पदाधिकारी व प्रगतिशील बागवान उपस्थित थे।
शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने को लेकर जिला कृषि विभाग की ओर से कल्पा स्थित बीज गुणन फार्म का जिला परिषद अध्यक्ष किन्नौर निहाल चारस ने निरीक्षण किया। जहर मुक्त खेती को लेकर कल्पा सहित बीज गुणन फार्म में राजमाह, धनिया, बन्दगोभी ,मूली आदि अन्य फसलों के बीजों को प्राकृतिक खेती से तैयार किया जा रहा है तथा इसके बीजों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी भेजा जाता है। जिला परिषद अध्यक्ष निहाल चारस ने लोगों से प्राकृतिक खेती को अपनाकर जहर मुक्त खेती करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा आगामी दिनों में जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने से संबंधित शिविर का आयोजन किया जाता हैं तो पंचायती राज संस्थान के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिविर में शामिल करें, ताकि किसान कम लागत पर प्राकृतिक खेती अपना कर अपनी आय को बढ़ा सके व जहर मुक्त खाद्य सामग्री के इस्तेमाल करने से होने वाले दुष्प्रभाव से भी बचे। उन्होंने कृषि विभाग को जिला परिषद की ओर से हरसंभव मदद देने की भी बात कही। वहीं उप-परियोजना द्वितीय निदेशक (आत्मा) डॉ बलबीर ठाकुर ने बताया कि रासायनिक खाद व कीटनाशकों से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए जिला के किसान प्राकृतिक खेती को अपनाते हुए जहर मुक्त खेती करें ताकि पर्यावरण सहित स्वयं के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर न पड़े। उन्होंने कहा कि आत्मा परियोजना के तहत विभिन्न स्कीमों में जैसे 3 ड्रम पर किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है ताकि प्राकृतिक घटकों को तैयार कर जहर मुक्त खेती कर सके। वही तीनों खंडों में संसाधन भंडारण खोला जा रहा है तथा पशुशाला निर्माण के लिए भी 8 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए समय समय पर जागरूकता शिविर भी आयोजन जा रहा है। इस अवसर पर विशेष रुप से प्रोजेक्ट एडवाइजरी कमेटी के सदस्य सुनीता देवी, कृषि विस्तार अधिकारी अतेंद्र कुमार ,कल्पा ब्लॉक तकनीकी प्रबंधक सुधाकर नेगी व सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक गुलशन कुमार सहित अन्य कृषि विभाग के सदस्य उपस्थित थे।
बटसेरी में लैंड स्लाइड की घटना के बाद पर्यटकों को किन्नौर न आने की सलाह दी गई है। इसके लिए किन्नौर डीसी ने एक एडवाइजरी भी जारी की है। लैंड स्लाइडिंग की जांच करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम चंडीगढ़ से आएगी। यह टीम जांच करने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी और लोक निर्माण विभाग छितकुल-सांगला संपर्क मार्ग का निरीक्षण करेगा । इन दोनों जांच के बाद लोक निर्माण विभाग जब फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करेगा, उसके बाद ही सड़कें खोली जाएंगी, तब तक सभी सड़कें बंद रहेंगी फिलहाल वाहनों की आवाजाही बैन रहेंगी। इसलिए जिन टूरिस्टों ने किन्नौर आने का प्लान बनाया है, वो कैंसल कर दें, ताकि अब आगे ऐसा वीभत्स हादसा न हो।
हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने जिला किन्नौर के आपदा प्रभावित स्थल बटसेरी गांव का दौरा किया। उन्होंने पिछले कल बटसेरी गांव में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया तथा बाहर से आए पर्यटकों की आपदा के कारण हुई दुखत मृत्यु के प्रति अपनी गहरी सवेदनां जताते हुए शोक व्यक्त किया। उन्होंने बटसेरी गांव में आपदा से क्षतिग्रस्त हुए पुल का भी निरीक्षण किया तथा बहुत ही जल्द पुल का पुनः निर्माण करने का भी आश्वासन दिया। इसके साथ साथ बाग बगीचों में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए प्रदेश सरकार से यथासंभव सहायता दिलवाने के लिए भी आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हर वर्ष बाढ आने के कारण बटसेंरी गांव को बचाने का कार्य आईपीएच विभाग के द्वारा सीसी वॉल लगाकर किया जा रहा है उसी प्रकार कभी भी किसी भी वक्त कुछ भी प्राकृतिक आपदा या किसी भी मुसीबत के वक्त प्रदेश सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री स्वयं हमेशा आपके साथ हैं। इस दौरान भाजपा कल्पा मंडल अध्यक्ष परविंदर नेगी, बटसेरी पंचायत के प्रधान प्रदीप कुमार, उपप्रधान चन्द्रिका, बीडीसी उपाध्यक्षा कल्पा मंडल छेःडोलमा, जिला परिषद सदस्य सांगला अराधना देवी, उपप्रधान कामरु विजेन्द्र सिंह, प्रधान गा्रम पंचायत सांगला देव सांकी व अन्य कार्यकर्ता सहित बटसेरी ग्रामवासी शामिल थे।
जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में आज उपायुक्त कार्यालाय सभागार में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने की। उन्होंने कहा कि आज देश उन महान सपूतों की पुनीत स्मृति एव शौर्य को नमन करता है जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों को न्यौछावर कर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। जिसे आज के दिन विजय दिवस के रूप में मना कर उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उपायुक्त ने जिला किन्नौर के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सेवानिवृत सूबेदार नगिन्द्र सिंह नेगी ने भूतपूर्व सैनिको की समस्याओं से उपायुक्त किन्नौर को अवगत करवाया। उपायुक्त ने उनकी समस्याओं का समाधान करने आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्होंने शौर्य चक्र विजेता नायब सूबेदार राज बहादुर की पत्नि प्रेम भगती, शहीद प्रवेश कुमार की माता घनश्याम देवी, शहीद राकेश कुमार की पत्नी श्रीमति गंगा देवी, शहीद शेर सिंह की पत्नी दौलत पति तथा भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने शहीदों के परिजनों, भूतपूर्व सैनिकों, उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों को शपथ भी दिलाई।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में रविवार को दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। लंबे समय से घर में कैद से आजादी पाकर खुशनुमा पल बिताने पहुंचे पर्यटकों के सिर पर मौत बरसी। किन्नौर में बीते दिन हुए लैंडस्लाइड में कुल नौ लोगों की मौत हो गई। इन्ही में आयुर्वेद की डॉक्टर दीपा शर्मा भी शामिल थीं, जिन्होंने आधे घंटे पहले ही अपनी तस्वीरें पोस्ट कर लिखा था- 'लाइफ इज नथिंग विद आउट नेचर।' दीपा शर्मा पहली बार सोलो ट्रिप पर गई थीं। दीपा सोशल मीडिया पर लगातार अपनी यात्रा को लेकर अपडेट कर रहीं थीं, प्रकृति के खूबसूरत नजारों से लोगों को रूबरू करा रहीं थीं, लेकिन दीपा शर्मा या सोशल मीडिया से जुड़े किसी को भी इस बात अंदाजा नहीं था कि ये उनके अंतिम पल होंगे। किन्नौर में हुए लैंडस्लाइड में डॉ.दीपा शर्मा ने अपनी जान गंवा दी। रविवार को जब किन्नौर में लैंडस्लाइड आई, उससे कुछ वक्त पहले ही डॉ. दीपा शर्मा ने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की थी। उन्होंने लिखा था कि वह इस वक्त भारत के आखिरी प्वाइंट पर खड़ी हैं, जहां तक आम नागरिकों को जाने की इजाजत है। इसके 80 किलोमीटर आगे तिब्बत है, जिसपर चीन ने कब्जा किया हुआ है। सोशल मीडिया पर लोगों ने दीपा शर्मा की इस तस्वीर को जमकर पसंद किया। उनके चेहरे पर इस टूर की खुशी भी झलक रही थी, लेकिन किसी को ये मालूम नहीं था कि यही आखिरी तस्वीर थी।
किन्नौर जिले के सांगला के निकट बटसेरी में चट्टानें गिरने के कारण आज पर्यटकों से भरा एक पर्यटक वाहन एच आर - 55 ऐ जी - 9003 चपेट में आ गया। जिसमें ड्राइवर सहीत 11 पर्यटक सवार थे। जिनमे से 8 पर्यटको की मोके पर ही मृत्यु हो गई और एक पर्यटक की मृत्यु अस्पताल ले जाते समय रास्ते मे हुई । इस हादसे में 9 पर्यटकों की मृत्यु हुई और 2 पर्यटक घायल हो गये। एक स्थानीय व्यक्ति भी घायल हुआ है। घायलों में शीरिल ओबराय वेस्ट दिल्ली, नवीन भारद्वाज मोहाली पंजाब, रणजीत सिंह बटसेरी गावँ किन्नौर जिला शामिल हैं। मृतकों में 4 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल है। -27 वर्षीय प्रतीक्षा सुनील पटेल महाराष्ट्र -34 वर्षीय दीपा शर्मा जयपुर राजस्थान -27 वर्षीय अमोक बापत छत्तीसगढ़ -42 वर्षीय वाहन चालक उमराव सिंह वेस्ट दिल्ली -37 वर्षीय कुमार उल्ल्हास वेद पाठक -31 वर्षीय अनुराग बियानी राजस्थान -55 वर्षीय माया देवी राजस्थान बियानी -25 वर्षीय रिचा बियानी राजस्थान -34 वर्षीय सतीश कटाक़बार छत्तीसगढ़ ये सभी पर्यटक शनिवार सायं दिल्ली से छितकुल पहुँचे थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही उपायुक्त आबिद सादिक हुसैन ने घटना स्थल पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक एस आर राणा भी उपस्थित रहे। घायलों को उपचार के लिये सांगला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा मृतकों के शवों को परिजनों को सौंपने की व्यवस्था की जा रही है।चट्टानें गिरने से एक पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले के लैंडस्लाइड होने से नौ पर्यटकों की दुखद मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट किया है और कहा कि मैं इस हृदयविदारक हादसे का समाचार सुनकर अत्यंत दुखी और स्तब्ध हूँ । नड्डा ने कहा कि अत्यंत दुःख की इस घड़ी में मैं दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ । दुःख की इस घड़ी में भारतीय जनता पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुझे बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रभावितों की मदद के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं । मृतकों एवं घायलों के लिए आर्थिक मुआवजे की भी घोषणा की गई है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवारों को इस विपत्ति को सहने की क्षमता प्रदान करें। मैं इस दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। ज्ञात हो कि किन्नौर में हुए हादसे पर प्रधानमंत्री ने भी गहरा दुःख प्रकट किया है और मृतकों एवं घायलों के लिए अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है ।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक से आज कनाड़ा के काउंसल जरनल मीयां यैन ने भेंट की। इस दौरान मीयां यैन ने उपायुक्त के साथ कनाड़ा द्वारा हथकरघा व हस्तशिल्प में किस तरह सहायता की जा सकती है पर चर्चा की। उपायुक्त ने उन्हें बताया कि जिला अपने हस्तशिप व हथकरघा उत्पादों के लिए देशभर में जाना जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा किन्नौर जिला में कोविड टीकाकरण का कार्यक्रम जारी किया है। जिसके तहत 26 जुलाई से 31 जुलाई तक जिले के विभिन्न स्थानों पर पात्र व्यक्तियों को कोविड का टीका लगाया जाएगा। डाॅ.सोनम नेगी ने बताया कि 26 जुलाई को स्वास्थय खंड सांगला के तहत क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ, निचार स्वास्थय खंड के तहत स्वास्थय उपकेन्द्र पानवी में टीकाकरण किया जाएगा। 27 जुलाई,2021 को स्वास्थय खंड सांगला के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला, निचार स्वास्थय खंड के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निचार, व भावानगर तथा पूह स्वास्थय खंड के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पूह में कोविड का टीका लगाया जाएगा। उन्होनें बताया कि 28 जुलाई को स्वास्थय खंड सांगला के तहत क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ, स्वास्थय खंड पूह के तहत प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र रिब्बा। 29 जुलाई को स्वास्थय खंड सांगला के तहत प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र सापनी, स्वास्थय खंड निचार के तहत स्वास्थय उपकेन्द्र तराण्डा तथा 30 जुलाई को स्वास्थय खंड सांगला के तहत क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ तथा स्वास्थय खंड निचार के तहत प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र टापरी में कोविड का टीका लगाया जाएगा। उन्होनें कहा कि ऐसे सभी व्यक्ति जिनकों कोविड का प्रथम टीका लगाए 84 दिन पूर्ण हो चुके है वे सभी व्यक्ति कोविड का दूसरा टीका लगाने के लिए पात्र है।