उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार देर शाम श्री नयनादेवी जी मंदिर में शीश नवाया और प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की। नयनादेवी मंदिर न्यास की ओर से घवांडल सीएचसी के लिए पांच करोड़ जारी किए। मुकेश ने कहा कि श्री नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के विकास में पैसे की कमी नहीं आएगी। मंदिर के लिए लिफ्ट बनाने के कार्य को भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने श्री नयनादेवी क्षेत्र के लिए जो घोषणाएं की थीं उन सभी को वर्तमान सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से दो करोड़ और बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास की ओर से एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। समस्त मंदिर ट्रस्ट के सदस्य शिमला में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बड़े मंदिरों की तरह हिमाचल के मंदिरों का भी कायाकल्प होगा। बसों के माध्यम से सभी तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ा जाएगा। कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भरमौर में आपदा के दौरान पेयजल योजना की स्कीम में कार्य करते हुए गुड्डू राम की जान चली गई। उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं विभाग के अंतर्गत जिन व्यक्तियों ने आपदा के दौरान अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों को सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी। परिवार के किसी एक सदस्य को रोजगार देगी।
जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने जिला के निचार उपमंडल के भावानगर में स्थायी व अस्थायी पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित करते हुए बताया कि स्थायी पार्किंग एनएच-5 में सब्जी मंडी से पुराने एसडीएम ऑफिस तक रहेगी तथा अस्थाई पार्किंग एनएच-5 में विद्युत बोर्ड के 4 पोल से विद्युत कॉलोनी वाले मोड़ तक केवल आधे घंटे तक मान्य होगी। इसके अतिरिक्त अस्थायी पार्किंग एनएच-5 पर सब्जी मोड़ से उपर ढांक की और केवल आधे घंटे तक मान्य होगी। उन्होंने बताया कि बसों के ठहराव के लिए एनएच-5 यूनियन ऑफिस के सामने पुलिस गुमटी तक, टैक्सी पार्किंग एनएच-5 पर वर्षा शालिका से आगे केवल 8 टैक्सी के लिए, गुड़स पार्किंग एनएच-5 पर वर्षा शालिका की और 8 टैक्सी पार्किंग के बाद हाईमास्क लाईट तक। उन्होंने बताया कि बाजार क्षेत्र में निर्माण सामग्री गिराने व उठाने का सामान केवल 24 घंटे तक मान्य होगा तथा इसके लिए स्थान एनएच-5 पर गंगाबार की दुकान के सामने व नीचे, एनएच-5 पर आनंद एग्रो कैमिकल की दुकान के साथ उपर खाली जगह के पास तथा एनएच-5 पर बिजली बोर्ड ऑफिस मोड़ के उपर की और रहेगा। इसके अलावा स्कूल बसों के ठहराव के लिए स्थान वर्षा शालिका के पास, सतलुज व्यू पब्लिक स्कूल को जाने वाली पौड़ियों के सामने, अमर लालध्गुलेरिया की दुकान के पास मान्य होगा।
जिला के आखरी गांव सुमरा द्वारा मानवीय संवेदना का उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश व विदेश में अत्यंत प्रसिद्ध है। परंतु, हाल ही में आई आपदा के कारण राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है, जिसमें जान व माल को क्षति पहुंची है। इस कठिन समय में राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। जिला किन्नौर की आखरी ग्राम पंचायत सुमरा जिसकी कुल आबादी 235 व्यक्ति हंै, ने आपदा के इस कठिन समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने वाली हिमाचल प्रदेश की पहली पंचायत बनकर मानवीय संवदेना का उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया है। ग्राम पंचायत सुमरा की समस्त महिलाओं ने हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 10 हजार रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर भेंट की है। ग्राम पंचायत सुमरा के नौजवानों द्वारा भी मानवीय संवेदनाए प्रकट करते हुए युवक मंडल सुमरा द्वारा 10 हजार 01 रुपये की राशि भी मुख्यमंत्री राहत कोष की और भेंट की गई है। सुमरा पंचायत की महिलाओं और युवक मण्डल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में आई इस आपदा के कारण जो नुकसान हुआ है उसे जानकर वह अत्यंत आहात हुए हैं, इसलिए इस कठिन परिस्थिति में प्रदेश सरकार को संबल प्रदान करने के लिए, उनके द्वारा यह योगदान प्रदान किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस आपदा के समय अन्य ग्राम पंचायतें व अन्य लोग भी आगे आकर अपना अहम योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर भेंट कर प्रदेश को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करेंगे। किन्नौर जिला की ग्राम पंचायत शलखर के नंबरदार संजय कुमार तथा ग्राम कांग्रेस समिति शलखर के वरिष्ठ सदस्य आत्म प्रकाश बिश्ट ने भी हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के कारण प्रदेश भर में हुए भारी नुकसान के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में 5100-5100 रुपये का चैक भेंट किया।
लोक निर्माण मंत्री ने की प्रदेश में जारी सड़कों के बहाली कार्यों की समीक्षा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस यहां प्रदेश में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कार्यों की समीक्षा के लिए एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। इसमें विभाग के सभी जोन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में भारी बरसात से सड़कों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 600 से अधिक सड़क मार्ग बाधित हैं और इन्हें खोलने के लिए दैनिक आधार पर तय लक्ष्यों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिनों में लगभग 550 सड़कों की बहाली का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि तय समय अवधि में यह सड़कें बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वे साप्ताहिक आधार पर सभी चार जोन की बारी-बारी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश से सड़कों को बड़े स्तर पर हुए नुकसान का एक कारण समुचित ड्रेनेज सुविधा का अभाव भी रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी सड़कों पर ड्रेनेज, क्रॉस ड्रेनेज सहित बाधित कलवर्ट खोलने को प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप विभाग पूरी गंभीरता से कार्य सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मशीनरी की खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये विभाग को उपलब्ध करवाए गए हैं और इसकी खरीद की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार किराए पर भी मशीनरी लगाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि मंडी जिला में मंडी-कमांद-कटौला सड़क, पंडोह-चैलचौक-सुन्दरनगर सड़क पर यातायात सुचारू कर दिया गया है। कुल्लू जिला के लिए पंडोह से कैंचीमोड़ तक बीबीएमबी के सहयोग से सड़क निर्मित करने का कार्य जारी है और यहां से शीघ्र ही यातायात बहाल कर दिया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि कुल्लू घाटी को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग की निरन्तर निगरानी सुनिश्चित की जाए और यहां पर्याप्त मशीनरी एवं स्टाफ की तैनाती रखी जाए। कुल्लू से मनाली की तरफ वामतट सड़क मार्ग सभी वाहनों के लिए खोल दिया गया है। लोक निर्माण मंत्री ने कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर, भवारना तथा नगरोटा मंडल में क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र बहाली के भी निर्देश दिए। उन्होंने सोलन जिला के चक्की मोड़ में बार-बार मलबा गिरने के दृष्टिगत वैकल्पिक सम्पर्क मार्गों की बहाली एवं रख-रखाव पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने को भी कहा। शिमला जिला के सेब बहुल क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें 22 अगस्त तक बहाल करने के निर्देश भी दिए। इससे पूर्व लोक निर्माण मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक की, जिसमें संगठन के तहत आने वाली सड़कों के उचित रख-रखाव पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि बीआरओ के तहत किन्नौर तक सड़क यातायात सुचारू है। इसके अतिरिक्त मनाली-सरचू सड़क मार्ग के लिए केन्द्र से 48 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है। लोक निर्माण मंत्री ने सीमा सड़क संगठन से आग्रह किया कि किन्नौर के लिए पुराने हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग सहित चार वैकल्पिक मार्गों पर भी कार्य करें ताकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस जिला से वर्षभर सड़क सम्पर्क कायम रखा जा सके। बैठक में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अजय गुप्ता, सीमा सड़क संगठन के कर्नल विशाल गुलेरिया सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के उपरान्त पत्रकार वार्ता में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल एक बड़ी आपदा के दौर से गुजर रहा है और इसमें लोक निर्माण विभाग को अभी तक लगभग 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों से लोक निर्माण विभाग को सड़कों की बहाली के लिए मंडल स्तर तक पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अंतर्गत प्रदेश द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त लगभग 2,683 किलोमीटर लम्बी ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बरसात के बाद युद्ध स्तर पर कार्य आरम्भ किया जाएगा तथा विभाग का प्रयास रहेगा कि यह कार्य ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सम्पन्न किए जाएं। इससे कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का भी समावेश किया जा सकेगा।
सीएम बोले प्रदेश में 10 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रÓ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर संबंधित जिलों और विभागों द्वारा संपत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आकलन कर पुनर्निर्माण और उपयुक्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत सांय किन्नौर जिला के निचार उपमण्डल स्थित ग्रांगे में जनसमस्याएं सुनी और जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने प्राप्त हुई सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार पूरे प्रदेश सहित जनजातीय जिलों का हर एक क्षेत्र में विकास विकास पूर्ण तत्परता के साथ सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर बागवानी बहुल जिला है तथा जिला में बागवानी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए जिला के बागवानों को 50 करोड़ रुपये खर्च कर 2 लाख पौधे वितरित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त जिला के बागवानों को नवीन व विशेष तकनीकों से लैस करने के दृष्टिगत जिला में समय-समय पर विशेष बागवानी प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने जिला के किसानों से उच्च घनत्व वाली खेती करने को भी कहा। इस अवसर पर ग्राम विकास सोसायटी ग्रांगे द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई तथा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 15 हजार रूपए प्रदान करने की घोषणा भी की। इसके उपरांत, मंत्री ने एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता भी की।
राजस्व मंत्री ने पंचायत पानवी का दौरा कर सुनीं जनसमस्याएं राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपने किन्नौर प्रवास के दौरान आज ग्राम पंचायत पानवी का दौरा किया और जनसमस्याएं सुनीं। उन्होंने प्राप्त हुई सभी उचित मांगों का चरणबद्ध तरीके से निपटान सुनिश्चित करने को कहा। नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे, जिसमें गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समस्त प्रदेश सहित जनजातीय जिलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का विकास प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है उसी प्रकार का विकास जनजातीय जिला किन्नौर में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ इत्यादि के कारण राज्य ने हजारों करोड़ों का नुकसान झेला है, जो आने वाले समय में और बढ़ सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में प्रभावित हुए क्षेत्रों में राहत एवं बचाव का कार्य प्राथमिकता के आधार पर तत्परता से किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत पानवी द्वारा रखी गई मांगों को चरणबद्ध रूप से पूर्ण किया जाएगा और पानवी के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सेवा शीघ्र आरंभ करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत पानवी राजकुमारी ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का पंचायत पहुंचने पर टोपी भेंट कर सम्मानित किया। ग्राम कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने स्वागत संबोधन दिया और पूर्व प्रधान रोशन लाल ने ग्राम पंचायत पानवी की विकासात्मक मांगें मंत्री के समक्ष रखी। इसके उपरांत, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने 88.75 लाख रुपये की लागत से निर्मित डेट सुंगरा से रावले होते हुए साकीचरंग संपर्क मार्ग का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, उपपुलिस अधीक्षक निचार नरेश शर्मा व अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग प्रमोद उपरीति, अधिशाषी अभियंता विद्युत टाशी नेगी, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति अभिषेक शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
जवाहर नवोदय विद्यालय किन्नौर की प्राचार्या शशि कांता कुमारी ने आज यहां बताया कि जिला में सत्र 2023-24 के लिए छठी कक्षा में आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 25 अगस्त तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन आवेदन करने के लिए सभी पात्र अभ्यर्थी स्वयं, लोकमित्र केंद्र या अन्य किसी माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा नवोदय विद्यालय की वैबसाईट www.navodaya.gov.in पर जाकर ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य में विद्यालय आकर संपर्क किया जा सकता है।अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी जवाहर नवोदय विद्यालय से दूरभाष नंबर 01786-222232 या व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रदेश में स्वचालित मौसम केंद्र ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार सायं यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडब्ल्यूएस स्थापित करने से मौसम से संबंधित अद्यतन (रियल टाइम) डाटा उपलब्ध होगा, जिससे मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में समय पर उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में ऑब्जर्वेटरी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन उपकरणों से गिरे हुए लेंटर व स्लैब उठाने और भारी स्टील की कटिंग सुविधा उपलब्ध होने से आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों में अत्यधिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों की कटाई व निपटान वैज्ञानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों के स्थान पर पौधरोपण करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ।उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुल्लू जिला में सड़कें बाधित होने के दृष्टिगत गंभीर मरीजों को आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त (स्टैंड बाई) हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के आईटीडीपी भवन में राहत एवं पुनर्वास कार्य को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा के समय जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, विद्युत विभाग, राजस्व विभाग, भारतीय सेना, आईटीबीपी, होम गार्ड, पुलिस इत्यादि द्वारा किए गए राहत कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाढ़ व भारी बारिश के कारण हुई क्षति की बहाली का कार्य शीघ्र किया जाना चाहिए और संबंधित विभागों को इस संदर्भ में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र जमा करने को कहा। बैठक में बताया गया कि जिला किन्नौर में भारी बारिश, भूस्खलन व बाढ़ के कारण अब तक लगभग 107.354 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला किन्नौर में आपदा के कारण घर, दुकानों, घराट, गौशाला इत्यादि के नुकसान के लिए प्रभावित परिवारों को अब तक 1 करोड़ 43 लाख 88 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है। जिला किन्नौर में कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान के लिए अब तक लगभग 16 लाख 87 हजार रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला किन्नौर में आपदा के कारण जल शक्ति विभाग के रिकांग पिओ व पूह मंडल में अब तक 242 योजनाएं प्रभावित हुई हंै जिनका अनुमानित नुकसान 2639.50 लाख रुपये है। जिला किन्नौर में आपदा के कारण कृषि क्षेत्र में लगभग 119.11 लाख रुपये तथा पशुपालन विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई क्षति की रिपोर्ट के अनुसार जिला किन्नौर में अब तक मवेशियों व कुकट पक्षियों का नुकसान लगभग 1 करोड़ 4 लाख 90 हजार रुपये है। बैठक में बताया गया कि जिला किन्नौर में मलिंग नाला, उरनी ढांक तथा पंगी नाला में चट्टान स्थिरीकरण और विभिन्न स्थानों पर नदी व नालों के तटीकरण का कार्य करना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त मुख्य मार्ग, संपर्क सडक के साथ-साथ ढंगा लगाना ,मलबा व बडे पत्थरों को हटाना, इत्यादि जैसे कार्य प्राथमिकता पर किए जाने हैै। इसके उपरांत जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने साडा के तहत पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्यों की समीक्षा ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि साडा के तहत आने वाले क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रीकरण का कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा एकत्रीकरण के उपरान्त कूड़े का उचित निपटान किया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने साडा क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट, सार्वजनिक शौचालय तथा सीवरेज की व्यवस्था को सुचारू ढंग से बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने साडा क्षेत्र के तहत आने वाले मुख्य मार्गों व बाजार में लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए एहतियाती कदम उठाने के भी निर्देश दिए। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम के तहत किए जा रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों को पूर्ण करने में शीघ्र लाएं। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, वनमण्डलाधिकारी अरविंद, अतरिक्ति जिला दण्डाधिकारी पूह विनय मोदी, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, उपमण्डलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
कांगड़ा में 6, शिमला में 2 और मंडी व सिरमौर में 1-1 टीम कर रही बचाव कार्य हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और इमारत ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इस आपदा की घड़ी में मानसून सीजन के शुरुआत से ही 14 वाहिनी एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण पौंंग डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है तथा पौंग डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है पौंंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 6 टीमें बलजिंदर सिंह, सेनानी के मार्गदर्शन में कांगड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 3 टीमें इंदौरा, 1 टीम ज्वालामुखी और 2 टीमें फतेहपुर में, जबकि जिला शिमला में समर हिल में 2 टीमें, सिरमौर जिला के काला कालाअंब में 1 और जिला मंडी के धर्मपुर में 1 टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। एनडीआरएफ द्वारा अभी तक ज्वालामुखी क्षेत्र से 67 लोगों को, इंदौरा से 138 लोगों को एवं फतेहपुर से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वाहिनी की 2 अन्य टीमों द्वारा समर हिल शिमला से भूस्खलन रेस्क्यू ऑपस के दौरान अभी तक 4 मृत देह को मलबे से बाहर निकाला गया है। ऑप्स के दौरान सभी रेसस्क्यूर्स का मोराल बहुत उच्च दर्जे का है और सभी रेसस्क्यूर्स पूरे जोश के साथ रेस्क्यू ऑप्स में तैनात हैं। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। केवल रस्मी तौर पर ही तिरंगा फहराया जाएगा। प्रदेश में रविवार रात को सामान्य से 357 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सूबे में आठ नेशनल हाईवे और 621 सड़कें बंद हो गईं हैं। मंडी के पराशर रोड पर 250 पर्यटक फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित निकालना चुनौती बन गया है। शिमला में भी पर्यटक होटलों में ही कैद हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के दृष्टिगत १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल सेरेमोनियल होगें। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण प्रदेश में जानमाल की भारी क्षति हुई है। प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ है। मुख्यमंत्री ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला का दौरा भी किया तथा शिमला शहर के विभिन्न स्थानों में भूस्खलन से घायल हुए लोगों का कुशलक्षेम पूछा तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया निर्णय सभी जिलों के डीसी से फोन पर बात कर बारिश से हुए नुकसान का लिया फीडबैक हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान (स्कूल, कॉलेज) 14 अगस्त को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के आदेश पर शिक्षा सचिव ने सभी सरकारी, निजी स्कूलों, कॉलेजों को १४ अगस्त को बंद रखने की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने जिलों में भारी बारिश से हो रहे नुकसान की फीडबैक सभी डीसी से ली। उन्होंने सड़क मार्गों के बंद होने की जानकारी भी हासिल की। भूस्खलन और मकानों के क्षतिग्रस्त के कारण हुए नुकसान के बारे में भी उन्होंने जाना। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ ही सभी डीसी को निर्देश दिए हैं कि भारी बरसात के कारण बने हालात पर पूरी नजर बनाए रखें। प्रशासनिक अमला मुस्तैद रहे और सड़क मार्ग, बिजली, पानी की व्यवस्था सुचारू बनाए रखें।
मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में बादल फटा बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही पहाड़ी राज्य हिमाचल में भारी बारिश का कहर जारी है। पिछले 35 घंटे से अधिक समय से भारी बारिश हो रही है। इससे 500 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध हो गई हैं। चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला और शिमला-बिलासपुर नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद पड़ा है। शनिवार रात से हो रही बारिश हसे मंडी जिले की बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। पूरी घाटी जलमग्न होने से 300 से ज्यादा घरों, 35 से ज्यादा गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा है। किसानों की फसलें तबाह हुई हैं। मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में भी बादल फटने से घर खेत और पशु बह गए। लोगों का कहना है कि पहली बार उन्होंने ऐसी तबाही देखी है। पंचायत घर, पशु चिकित्सालय, क्क॥ष्ट, हटगढ़ स्कूल जलमग्न है। सलवाहन का गोसदन भी खतरे में है। 75 पशु कभी भी बह सकते हैं। 8 जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी मौसम विभाग ने आज प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। इसे देखते हुए 8 जिलों शिमला, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन में फ्लैश फ्लैड की चेतावनी दी गई है। बिलासपुर के डीब में भारी नुकसान बिलासपुर जिला में डीब नामक स्थान पर बारिश से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यहां पर बारिश के कारण आई बाढ़ और मलबे में 2 ट्राले, एक कार, गाय भैंस और बकरियां बह गईं। गनीमत रही कि कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ। यहां पर पहाड़ी में दरारें आ जाने से मकानों को खतरा पैदा हो गया है। लोगों घरों से बाहर निकल गए हैं।
वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं पर 196 करोड़ रुपये किए जाएंगे व्यय उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने आज जिला किन्नौर के सीमावर्ती गांव के विकास के लिए वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर में 55 गांव को वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत लाया गया है जिनमें से 27 गांव में 131 विकासात्मक परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। तोरूल रवीश ने कहा कि जिला किन्नौर के 27 सीमावर्ती गांव में छितकुल, बटसेरी, रकच्छम, पूह, नमज्ञां, टाशीगंग, नाको, लियो, चूलिंग, चांगो, चारंग, डूबलिंग, लाबरंग, नेसंग, कुन्नू, सुमरा, शलखर, यंगथंग, हंगमथ, हांगो, का, मलिंग, मलिंग डोगरी, थंगकर्मा, उपमोहाल डबलिंग, उपमोहाल दनमोछे तथा उपमोहाल खाब शामिल है। उपायुक्त ने कहा कि इन 27 सीमावर्ती गांव में प्रस्तावित विकासात्मक परियोजनाओं पर लगभग 196 करोड़ रुपये की राशि के कार्य प्रस्तावित है। उन्होंने उपस्थित संबंधित विभाग के अधिकारियों से वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत आने वाले गांव में कौशल विकास कार्यक्रमों पर बल देने को कहा। तोरूल रवीश ने विभिन्न विभागों को वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत आने वाले गांव में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां आयोजित करने के लिए वार्षिक कैलेण्डर तैयार करने को कहा। उन्होंने केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्यवन कर परिपूर्णता प्राप्त करने को कहा। बैठक का संचालन सहायक आयुक्त-उपायुक्त संजीव कुमार भोट ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला युवा अधिकारी किन्नौर अतुल शर्मा ने आज यहां बताया कि नेहरू युवा केंद्र किन्नौर द्वारा जिला की ग्राम पंचायत चांसू में 'मेरी माटी, मेरा देश' पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों कों नमन करने के साथ-साथ उन्हें सम्मान प्रदान करना है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत वीर सेनानियों की याद में देशभर में 9 से 15 अगस्त तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर पंचायतवासियों व युवक मंडल के सदस्यों ने मिलकर चिलगोजा और देवदार के 75 पौधे रोपे तथा उनकी उचित देखभाल करने का संकल्प भी लिया जिससे पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। नेहरू युवा केंद्र किन्नौर के स्वयंसेवक ठाकुर सेन नेगी ने इस कार्य के लिए सभी को बधाई दी और एक-एक पौधा अपने नाम करने के साथ-साथ भविष्य में उचित देखभाल करने का आह्वान किया। ग्राम पंचायत चांसू के प्रधान द्वारा वीरों का वंदन और पंच प्रण शपथ दिलाई गई। ग्राम पंचायत चांसू के प्रधान बीरबल सिंह, उप-प्रधान धर्म प्रकाश, सचिव जगदीश, युवक मंडल प्रधान रविकांत, उप-प्रधान श्रीकांत, सचिव ठाकुरसेन व महिला मंडल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
जवाहर नवोदय विद्यालय किन्नौर की प्राचार्या शशि कांता कुमारी ने आज यहां बताया कि जिला में सत्र 2023-24 के लिए छठी कक्षा में आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 17 अगस्त, 2023 तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सभी पात्र अभ्यर्थी स्वयं, लोकमित्र केंद्र या अन्य किसी माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा नवोदय विद्यालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में विद्यालय आकर सम्पर्क किया जा सकता है।
हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर तीन श्रेणियों में शुरू होंगे राज्य स्तरीय पुरस्कार राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां गेयटी थिएटर में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड का नाम च्हिमक्राफ्ट कॉर्पोरेशनज् करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस रीब्रॉडिंग का उद्देश्य निगम के कार्य को विस्तार प्रदान करना और बाजार में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में उत्पादों को बढ़ावा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्ट हुनर की पहचान कर प्रोत्साहन प्रदान करना है। व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक संकट के लिए पूर्व सरकार एवं उनकी नीतियां जिम्मेवार हैं। वर्तमान सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कर्ज पर निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और अगले दस वर्षों में हिमाचल देश का सबसे समृद्ध राज्य बन कर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में हाल ही में प्राकृतिक आपदा के कारण ८ से १० हजार करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान और पर्यटन क्षेत्र में इसके प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार स्थिति सामान्य करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सरकार क्षतिग्रस्त सड़कों के बावजूद किसानों के सेब और सब्जियों जैसे उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान कर इन्हें समयबद्ध बाजार तक पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव कर मुआवजा राशि में कई गुणा बढ़ौतरी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और उनसे अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने एनडीआरएफ के पिछले कुछ वर्षों से लंबित ३१५ करोड़ रुपये भी जारी करने का अनुरोध किया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की है। सरकार ने रिकॉर्ड समय में लगभग ७०,००० पर्यटकों और १५,००० वाहनों को सुरक्षित निकाला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने माइनस चार डिग्री तापमान में लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल पहुंच कर वहां फंसे २९० लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के कौशल में वृद्धि की जा सके। इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश किया जा रहा है और सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा रही है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर गेयटी थिएटर में पारंपरिक और आधुनिक परिधानों में फैशन शो का भी आयोजन किया गया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि प्रदेश के उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिनकी देश और विदेशों में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों, संस्कृति और हथकरघा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल हथकरघा उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है और हिमक्राफ्ट नाम से एक नया लोगो भी जारी किया गया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को चीनी का निर्धारित कोटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जुलाई माह के लिए 36,206 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया था। इसमें से 25,202 क्विंटल चीनी अत्याधिक वर्षा के कारण शाहबाद चीनी मिल में सभी गोदामों में पानी भरने के कारण प्राप्त नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस चीनी की मात्रा को अगस्त माह के लिए जारी किए गए आपूर्ति आदेश में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि अगस्त माह के लिए 60,121 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया है और एक-दो दिनों में प्रदेश के सभी गोदामों में चीनी की प्राप्ति शुरू होने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगस्त माह के आवंटित चीनी के साथ जुलाई माह की शेष बची चीनी की मात्रा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
किन्नर-कैलाश यात्रा-2023 15 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित की जाएगी। यह जानकारी आज यहां उपमंडलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने यात्रा के सफल आयोजन को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने यात्रा के आयोजन को लेकर जिला के सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूर्ण करें। उन्होंने पुलिस व होम-गार्ड के अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा व आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में जवानों की तैनाती करने को कहा। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान हर प्रकार की चिकित्सीय आवश्यकता को पूर्ण करें तथा यात्रा के अधिकतर स्थानों पर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाएं। उन्होंने वन विभाग को यात्रा की सम्पूर्ण तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा रास्ते का सुधारीकरण कार्य, मार्ग में सुगमता लाने व सी.सी.टी.वी कैमरा लगाने का कार्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जल शक्ति विभाग को यात्रा के दौरान पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश व प्रतिकूल मौसम के चलते यात्रा को देरी से शुरू किया गया है। इस वर्ष यात्रा 15 अगस्त, से आरंभ होगी तथा 30 अगस्त, 2023 तक चलेगी। उन्होंने बताया कि यात्रा के लिए पंजीकरण करवाना आवश्यक रहेगा तथा पंजीकरण 05 अगस्त, 2023 से आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यात्री ऑनलाईन या आफलाईन किसी भी माध्यम से पंजीकरण करवा सकते है। आफलाईन पंजीकरण के लिए जिला पर्यटन विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है तथा ऑनलाईन पंजीकरण के लिए https://hpkinnaur.nic.in पर जाकर पंजीकरण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन यात्रा के लिए कुल 350 व्यक्तियों की अनुमति रहेगी जिसमें 200 यात्रियों का पंजीकरण ऑनलाईन तथा 150 यात्रियों का पंजीकरण ऑफलाईन माध्यम से रहेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यात्रियों को मान्यता प्राप्त चिकित्सक से चिकित्सा प्रमाण-पत्र साथ लाना अनिवार्य रहेगा तथा चिकित्सा प्रमाण-पत्र जारी करने की अवधि यात्रा के 15 दिन पूर्व से अधिक न हो।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिमाचल के लिए विशेष आर्थिक पैकेज मांगा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री से हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत राशि जारी करवाने का अनुरोध किया। साथ ही बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम भेजने पर उनका धन्यवाद किया।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कार्यालय पूह में आज खंड स्तरीय ग्रीष्म उत्सव-2023 मनाने के दृष्टिगत एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह विनय मोदी ने की। इस दौरान मेले के सफल आयोजन के लिए मेले की रूप-रेखा तैयार की गई। बैठक में बताया गया कि 11 से 13 अगस्त तक खंड स्तरीय ग्रीष्म उत्सव-2023 गांधी स्टेडियम पूह में आयोजित किया जाएगा तथा समापन समारोह की अध्यक्षता राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। बैठक में बताया गया कि तीन दिवसीय ग्रीषमोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त तीनों दिन स्टार नाईट का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने जिला सहित पूह के समस्त नागरिकों से मेले के सफल आयोजन के लिए उनके सहयोग का आग्रह किया व साथ ही मेले में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने 830 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, संसाधन सृजन और बहाली कार्यों की गति में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त विशेष केंद्रीय सहायता का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के दौरान सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, सिंचाई योजनाओं, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों, पशुधन व मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुई भारी क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगभग 8000 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्वयं के अल्प संसाधनों से राहत और बहाली अभियान चलाया जो राज्य के बुनियादी ढांचे को पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त है। ऐस में उन्होंने केंद्र से समर्थन और सहायता का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से किया आग्रह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश एवं बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय समिति को प्रदेश में भेजने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राज्य को शीघ्रातिशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण में लगभग एक से दो वर्ष का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने इत्यादि की घटनाओं से हुए भारी नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की तुरंत राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने अवगत करवाया कि आपदा राहत के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से प्राप्त निधि सम्बंधित विभागों और उपायुक्तों को राहत अभियान के लिए जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 तथा वर्ष 2020-2021 के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत निधि के तहत लम्बित 315 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाए, क्योंकि अभी तक प्राप्त राशि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुई क्षति के विपरीत बहुत कम है। गृह मंत्री ने राज्य को हरसम्भव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी उपस्थित थे।
उपनिदेशक पशु स्वास्थ्य/प्रजन्न किन्नौर अशोक सैणी ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि जिला में लम्पी चमड़ी रोग के उपचार के लिए जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विभाग द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के नेतृत्व वाली तीन टीमों का गठन किया गया जिसके तहत जिला के विभिन्न स्थानों में लम्पी वाईरस से ग्रसित पशुओं का उपचार सुनिश्चित किया गया। उन्होंने बताया कि जिला में 22 से 31 जुलाई तक विभिन्न स्थानों में शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें 2895 पशुओं का निरीक्षण किया गया, 503 पशुओं का उपचार किया गया तथा 7 पशुओं के रक्त सैंपल लिए गए। इसके अतिरिक्त 113 भेड़ों का इलाज किया गया, 23 बांझपन व शल्य चिकित्सा उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 43 जागरुकता शिविरों का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से लोगों को लम्पी वाईरस के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा इस वाइरस के दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों से भी लोगों को अवगत करवाया गया। इसके अतिरिक्त लोगों को पशुओं में इस बीमारी के रोकथाम करने बारे उपाय भी बताए गए।
भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु प्रवेश जनवरी, 2024 के लिए चयन परीक्षा के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष और महिला उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। कमांडिंग आफिसर विंग कमांडर एसवीजी रेड्डी ने आज यहां बताया कि इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है और 17 अगस्त को रात 11 बजे तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा 13 अक्तूबर से ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 27 जून, 2003 से 27 दिसंबर, 2006 के बीच जन्में युवा आवेदन के लिए पात्र होंगे, जिसमें यह दोनों तिथियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के तहत विज्ञान विषय तथा विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के अभ्यर्थी पात्र होंगे। पंजीकरण और परीक्षा शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रवेश स्तर की योग्यता पर विस्तृत जानकारी तथा चिकित्सा मानक, नियम और शर्तें, ऑनलाइन आवेदन और पंजीकरण के लिए निर्देश इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार सुबह कुल्लू पहुंचे। भुंतर हवाई अड्डे में नितिन गडकरी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसके बाद गडकरी फोरलेन के निरीक्षण के लिए मनाली रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी उनके साथ मौजूद रहे। मनाली पहुंचकर गडकरी ने भारी बारिश व बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए फोरलेन का निरीक्षण किया। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावितों से भी मिले। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य कुल्लू पहुंचने से पहले गडकरी ने मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और फोरलेन का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हेलिकाप्टर में विक्रमादित्य ने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य के साथ सेल्फी भी ली। बताया जा रहा है कि फोरलेन का निरीक्षण करने के बाद नितिन गडकरी नग्गर के बड़ागढ़ रिजॉर्ट में एनएचएआई के साथ बैठक करेंगे। बता दें, बीते दिनों में भारी बारिश, बाढ़ व बादल फटने से सबसे अधिक फोरलेन को नुकसान कुल्लू और मनाली में हुआ है। यहां पर कई स्थानों पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है। बारिश और बाढ़ से कारण एनएचआई को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह कालका-शिमला फोरलेन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए २९ जुलाई को आयोजित होने वाली परीक्षा (ईएमआरएसएसटी-२०२३) स्थगित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा भारी बारिश से सम्पर्क मार्गों के अवरूद्ध होने तथा संचार सुविधा में बाधा उत्पन्न होने के दृष्टिगत स्थगित गई है। परीक्षा की आगामी तिथि पुनः घोषित की जाएगी।
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने और लोगों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी 'परिवार रजिस्टर' बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के परिवार रजिस्टर के रखरखाव नियम, 2023 के एक प्रारूप को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया गया है ताकि परिवार रजिस्टर के रखरखाव का प्रावधान किया जा सके। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का यह नवोन्मेषी कदम शहरी क्षेत्रों के लिए योजनाओं को तैयार करने के दृष्टिगत निर्णय लेने में मील पत्थर साबित होगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण डॉटा उपलब्ध होगा, जिसके उपयोग से संसाधनों के बेहतर आबंटन सुनिश्चित कर जन कल्याण के लिए स्टीक योजनाएं बना जा सकेंगी। अभी तक केवल ग्राम पंचायतों में ही परिवार रजिस्टर रखे जाते थे। इस पहल के साथ, शहरी आबादी की आपत्तियों और सुझावों के उपरांत अंतिम मंजूरी मिलने के बाद शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक परिवार रजिस्टर को संशोधित किया जा सकता है और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आवश्यक संशोधन किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार में रहने वाले सदस्यों, उनके व्यवसाय, जाति, शैक्षणिक स्थिति और अन्य आवश्यक विवरणों का रिकार्ड रखना महत्वपूर्ण है। पारिवारिक रिकार्ड सुनिश्चित होने से सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय निकायों के लोगों को लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। संशोधित नियमों के तहत वार्ड समिति के संबंधित सचिव को वार्ड के वास्तविक निवासियों के परिवारों के विवरण के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना आवश्यक होगा। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी या नगर पंचायत के सचिव या इसके लिए विशेष रूप से नामित सत्यापन अधिकारी द्वारा रजिस्टर सत्यापित किया जाएगा। सभी आवश्यक संशोधन और सत्यापन पूरे होने के उपरांत तैयार किया गया अंतिम परिवार रजिस्टर अनुमोदन के लिए सदन के समक्ष रखा जाएगा और राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी द्वारा यह डाटा ऑनलाइन मोड के माध्यम से आम जनता को उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 99.60 प्रतिशत राशनकार्ड लाभार्थियों के राशनकार्ड को आधार संख्या से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में कुल 74,60,584 लाभार्थी हैं, जिनमें से 74,30,737 लाभार्थियों के आधार राशनकार्ड से जोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लाभार्थियों ने अभी तक अपने राशनकार्ड को आधार से नहीं जोड़ा है वह 15 अगस्त से पूर्व नजदीकी राशन डिपो में जाकर अपना आधार दर्ज करवा सकते हैं। यदि कोई अपना आधार 15 अगस्त तक दर्ज नहीं करवाता है तो इस स्थिति में राशनकार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार की जानकारी उपलब्ध करवाने के बाद ही राशनकार्ड को फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राशनकार्ड धारकों की सुविधा के लिए लाभार्थिर्यों के मोबाइल नंबर को भी उनके राशनकार्ड के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि उचित मूल्य की दुकानों पर उपलब्ध करवाए जा रहे खाद्यान्नों की सुविधा संबंधित जानकारी उपभोक्ताओं को पंजीकृत मोबाइल पर दी जा सके। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर जाकर अपडेट मोबाइल नम्बर विकल्प के अधीन अपने 12 अंकों के आधार नम्बर दर्ज करवाने के उपरांत अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रहा है कि राशनकार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप ही हो। इस विषय में उपभोक्ता अधिक जानकारी विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी उचित मूल्य दुकानदारों को समयबद्ध ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किन्नौर जिले के छोल्टू-जानी संपर्क मार्ग पर बुधवार देर शाम अनियंत्रित होकर सतलुज नदी में गिरी पिकअप में सवार दंपती समेत तीन लोगों का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। एनडीआएफ और गृहरक्षक की टीम लापता लोगों की तलाश कर रही है। लेकिन उफनती सतलुज तलाशी अभियान में बाधा बन रही है। हादसे में एक महिला घायल है। बता दें पिकअप टापरी से जानी की ओर जा रही थी कि अचानक छोल्टू-जानी संपर्क सड़क पर तेनांग में गाड़ी सतलुज में जा गिरी। गाड़ी में सवार वाहन मालिक एवं चालक जीवन सिंह नेगी (43) उनकी पत्नी चंपा देवी (44) और अनीता (34) तीनों निवासी जानी जिला किन्नौर सतलुज के तेज बहाव में बह गए। अन्य महिला राजकुमारी गाड़ी से गिरकर नदी किनारे जा गिरी और घायल हो गई।
निगम भंडारी बोले- केंद्र ने देश के बॉर्डर में बसे इलाकों के साथ की बेइंसाफी केंद्र सरकार के द्वारा पारित वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 का युवा कांग्रेस ने विरोध किया है। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 से अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 100 किलोमीटर दायरे तक के क्षेत्र को सुरक्षा और वन संरक्षण के नाम पर अपने अधिकार क्षेत्र में लाने का केंद्रीय सरकार का निर्णय किन्नौर समेत देश के बार्डर में बसे इलाकों के साथ बेइंसाफी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसा कोई कानून नहीं बनाना चाहिए जहां स्थानीय लोगों की मज़ीर् के बिना उनके क्षेत्र में कोई भी काम करने का अधिकार केंद्र सरकार अपने पास सुरक्षित रखे। नेगी निगम भंडारी ने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में ग्राम सभाएं अपने अधिकारों की सुरक्षा और लोक कल्याण के लिये वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किन्नौर के अधिकार क्षेत्र में बिना स्थानीय ग्राम पंचायत की अनुमति या मज़ीर् से अपने निर्णय उन पर थोपने का जो कानून बनाया है हम उसका कड़ा विरोध करते हैं । ये कानून जनजातीय क्षेत्र के नागरिक अधिकारों का भी उल्लंघन है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा । नेगी निगम भंडारी ने कहा कि देश के बॉर्डर पर सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये किन्नौर वासी सरकार और फौज को हर मदद के लिये हमेशा तत्पर रहे हैं, लेकिन वन संरक्षण के नाम पर हमारे अधिकारों से छेड़छाड़ को हम सहन नहीं करेंगे ढ्ढ केंद्र सरकार की मनमानी और आधुनिकीकरण की मार को किन्नौर बाढ़, भू-स्खलन, नदियों के रूख मोड़ने और बादल फटने जैसी आपदाओं के रूप में भुगत रहा।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी किन्नौर डॉ. इंदु शर्मा ने आज यहां बताया कि 26 जुलाई, 2023 को जिला की मूरंग तहसील की ग्राम पंचायत मूरंग के भवन में एक दिवसीय नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आम जनता का नि:शुल्क ईलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में नेत्र रोग, आमवात, बावासीर, जटिल, जीर्ण व असाध्य रोगों का ईलाज किया जाएगा व साथ ही नि:शुल्क आयुर्वैदिक औषधियां भी रोगियों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिविर में डॉ. मीना कुमारी, डॉ. गगन दीप व डॉ. कुलदीप विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों का नि:शुल्क उपचार करेंगे तथा धर्म प्रेमी, मान सिंह व मोहन सिंह विशेषज्ञ औषधि विक्रेता नि:शुल्क दवाईयां प्रदान करेंगे।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम अपने होटलों में कमरों की बुकिंग पर 50 प्रतिशत तक छूट प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह छूट तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है और 15 सितंबर, 2023 तक जारी रहेगी। प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश के दृष्टिगत प्रदेश में पर्यटकों को सुलभ आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने तथा निगम के होटलों में आमद दर (अक्युपेंसी) बढ़ाने के दृष्टिगत लिया गया है।
उप निदेशक पशु स्वास्थ्य/प्रजन्न किन्नौर अशोक सैणी ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि जिला के कारा में भारी वर्षा व खराब मौसम के कारण फंसे हुए पर्वतीय चारागाह तथा स्थानीय भेड़ पालकों व भेड़ प्रजन्न प्रक्षेत्र काकस्थल की भेड़ों की देखभाल व उपचार के लिए जिला प्रशासन किन्नौर के दिशा-निदेशानुसार विभाग द्वारा डॉ. आशीष शर्मा के नेतृत्व में एक दल जिसमें एक पशु चिकित्सा अधिकारी, एक पशु औषधीयोजक व अन्य को भेड़ों के उपचार व देखभाल के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि चिकित्सक दल द्वारा 51 भेड़ पालकों (जिसमें अधिकतम जिला शिमला व जिला किन्नौर से हैं) की 6469 भेड़ों की जांच की गई तथा 615 बीमार भेड़ों का इलाज किया गया। भेड़ प्रजन्न प्रक्षेत्र की 187 भेड़ों में 176 भेड़े स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय दल द्वारा चारागाहों को उनकी भेड़ों की देख-भाल के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए गए तथा साथ ही उन्हें आश्यक दवाईयां भी प्रदान की गई।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आज उपायुक्त कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ जिला निर्वाचन आयुक्त तोरूल एस रवीश की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि 21/07/2023 से 21/08/2023 की अवधि के दौरान बी.एल.ओ घर-घर जाकर मतदान सूचियों में विद्यमान प्रविष्टयों का सत्यापन कर त्रुटि पाए जाने की दशा में उसे शुद्ध करने हेतु प्रपत्र-8 के माध्यम से कार्यवाही करेंगे। दिनांक 01 अक्तूबर को 18 वर्ष या उससे अधिक की आयु पूर्ण कर चुके छूटे हुए पात्र मतदाताओं की पहचान कर उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करेंगे। दिनांक 21 अक्तूबर, 2024 को 18 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले भावी मतदाताओं की पहचान कर उनकी सूची तैयार करेंगे। दिव्यांग मतदाताओं की पहचान, मतदान केंद्र के भवन की फोटो व जानकारी अपलोड तथा मतदान केंद्र की जनसंख्या की जानकारी प्राप्त करेंगे। मतदाता सूची में विद्यमान मतदाताओं की खराब व धूंधली फोटो को डिलिट कर रंगीन फोटो में परिवर्तित करेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा दिनांक 11/09/2023 व 12/09/2023 को समस्त राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया जाएगा तथा भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के पश्चात् दिनांक 25/09/2023 को मतदान केंद्रो की सूचियों को अंतिम रूप से प्रकाशित किया जाएगा। इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, तहसीलदार निर्वाचन जी.एस.राणा, इंडियन नैश्नल कांग्रेस से भागरथ नेगी, बी.एस.पी से अनिल कपूर तथा बी.जे.पी से कृष्ण गोपाल सहित निर्वाचन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
किन्नौर जिला के कई स्थानों में एक बार फिर बदल फटने की घटनाएं सामने आई हंै। आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे किन्नौर जिला के कामरू पंचायत क्षेत्र में गोटांग खालंग नामक नाले में बाढ़ आने से जहां एक दर्जन से भी अधिक निजी वाहनों को क्षति पहुंची है, वहीं कई ग्रामीणों के सैकड़ों सेब के पौधों सहित खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। कामरु गांव के साथ नाले में आया बाढ़ का मलबा प्राइमरी स्कूल सहित कई ग्रामीणों के मकानों में भी घुस गया है। घटना के बाद से ग्रामीणों सहित पुलिस व होमगार्ड के जवान राहत व बचाव कार्यों में जुट गए हैं। इसी तरह मीरू पंचायत क्षेत्र के पहाडिय़ों पर भी बदल फटने से रूनंग नाला में आई बाढ़ से राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 बंद हो गया है। किन्नौर जिला के कई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण करछम सांगला संपर्क मार्ग भी कई स्थानों पर बंद है, जिसे बहाल करने का कार्य जारी है।
केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल द्वारा 21 जुलाइ को किन्नौर जिला में भारी वर्षा के कारण प्रभावित क्षेत्र सांगला का दौरा प्रस्तावित है, जिस दौरान दल द्वारा सांगला में हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने दी। उपायुक्त तोरूल रवीश ने कहा कि केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल 21 जुलाई को प्रात: 8:15 बजे जिला के सांगला स्थित कूपा में वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए पहुंचेगा। तोरूल रवीश ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा केंद्रीय दल के समक्ष जिला में भारी वर्षा से हुए नुकसान के संबंध में विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। दल द्वारा सांगला के केएससी सड़क का ब्लोकेड प्वांइट, रूतुरंग, बू्रआ नाला तथा केएससी सड़क में अन्य भू-स्खलन प्वांइटों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके उपरान्त दल द्वारा सांगला बाजार में हुए नुकसान, जल शक्ति विभाग की विभिन्न पेजयल तथा मल निकासी योजनाओं को हुए नुकसान का निरीक्षण किया जाएगा। इसके उपरांत दल द्वारा सांगला के रूगती खड्ड में आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा तथा आजाद कश्मीर में पुल को हुए नुकसान का निरीक्षण भी किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल के दौरे में उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए
व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य में फील्ड दौरों के दौरान सामान्य तौर पर विभिन्न माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनरÓ (सलामी) को 15 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। हालांकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन आदेशों में छूट रहेगी। यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से वृहद स्तर पर जारी राहत व बचाव कार्यों के दृष्टिगत लिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि पर बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में संलग्न करने के बजाए इस संकट के समय में प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थागित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का और बेहतर उपयोग करेगी। इस निर्णय से सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत राहत पहुंचाने तथा इस कठिन समय में प्रभावी प्रशासन की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राहत तथा बचाव कार्य जारी है और प्रदेश सरकार इस आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मज़बूती से कार्य कर रही है। यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि देवभूमि हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोटखाई में हैवान चाचा द्वारा अपनी चार साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी जाती है। ऐसे आपराधिक मामले हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार में बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उस मासूम बच्ची से उसके चाचा ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर उसका शव बगीचे में छुपा कर रख दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसी निंदनीय घटना का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी अपराधिक घटनाओं पर मौन धारण करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए।ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी ना सके। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।
राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के भाबा घाटी में गत दिनों हुई मूसलाधार बारिश व बादल फटने के कारण हुई क्षति का निरीक्षण किया। इस दौरान भाबा घाटी में जिन तीन मकानों को पूर्ण क्षति हुई है उन्हें 10-10 हजार रुपये की फौरी राहत राशि प्रदान की गई। इसके अलावा पांच परिवारों के सामान का नुकसान हुआ है, जिन्हें 5-5 हजार रुपए की फौरी राहत राशि प्रदान दी गई तथा 17 परिवारों को आंशिक क्षति हुई है जिन्हें 5-5 हजार रुपये की राहत राशि प्रदान की गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को भाबा घाटी में बारिश के कारण असुरक्षित हुए मकानों को तुरंत सुरक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकानों को नुकसान होने का खतरा है उन्हें विश्राम गृह में टहराने के प्रबंध किए जाएं। उन्होंने शांगो गांव के 7 बेघर हुए लोगों को स्थानांतरित करने को कहा। उन्होंने होमत्ते गांव में बाड़ से हुए नुकसान का जायजा भी लिया। उन्होंने राजस्व विभाग को भावा घाटी में नुकसान का आंकलन तैयार कर रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाबा घाटी की पंचायतों को भविष्य में इस प्रकार की आपदा से बचाने के लिए यांगपा, काफनू, कटगावं आदि पंचायतों में भूमि कटाव को रोकने के लिए आपदा शमन के तहत क्षेत्र के ततीकरण का कार्य किया जाएगा जिसके लिए संबंधित विभाग को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने भी इस दौरान मंत्री महोदय के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया तथा प्रभावित परिवारों का कुशलक्षेम जानकर उनके प्रति सहानुभूति प्रकट की। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, उपमंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत टाशी नेगी, अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण प्रमोद ओपरेती व अधिशाषी अभियन्ता जल शक्ति अभिषेक शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिला तथा लाहौल-स्पिति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घंटे से निरंतर बचाव अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू एवं मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह गत तीन दिनों से कुल्लू, लाहौल-स्पिति तथा मंडी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया। उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतिपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हैलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चंद्रताल) पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया। अपनी गाड़ियां छोड़कर जाने को तैयार नहीं कई पर्यटक मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इन पर यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी तथा इसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें यह गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हेलिकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घण्टों में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुन: सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की। बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख की राहत राशि जारी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ौत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। किन्नौर के कड़छम, कुप्पा और सांगला में लिया नुकसान का जायजा मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिला के कड़छम, कुप्पा और सांगला घाटी का दौरा भी किया और वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने टापरी उप-तहसील के चोलिंग में स्थित सेना के राहत शिविर में सांगला से सुरक्षित निकाले गए लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में बादल फटने की घटना के बाद वहां फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल ने बेहतरीन कार्य करते हुए 118 लोगों को हेलिकाप्टर की छह उड़ानों में सांगला से चोलिंग (कड़छम) सुरक्षित पहुंचाया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और भारतीय सेना की सराहना भी की। इस अवसर पर मंडी में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा किन्नौर में उपायुक्त तोरुल रवीश सहित सेना एवं विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
किन्नौर जिला के जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपिओ की प्राचार्या शशि कांता कुमारी ने आज यहां बताया कि जिला किन्नौर में सत्र 2023-24 में कक्षा 11वीं की पार्श्व परीक्षा 22 जुलाई को प्रात: 11 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांग पिओ में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए प्रवेश-पत्र जारी कर दिए गए हैं जो नवोदय विद्यालय समिति की वैबसाईट ूूूण्दंअवकलंण्हवअण्पद पर उपलब्ध हैं तथा अभ्यर्थि वैबसाईट से प्रवेश-पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जिन अभ्यर्थियों को ऑनलाईन प्रवेश-पत्र निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है वह जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांग पिओ में किसी भी कार्य दिवस आकर प्रवेश-पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने आज यहां जानकारी दी कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा सांगला घाटी से 118 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जिला के चोलिंग में भारतीय सेना के शिविर में स्थापित किए गए बाड़ राहत कैम्प में सुरक्षित पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने भारतीय सेना, आईटीबीपी, जिला पुलिस व गृह रक्षा के सहयोग से इस बचाव अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। उन्होंने बताया की हेलीकॉप्टर की 6 सोर्टिस के माध्यम से 118 व्यक्तियों को सांगला से निकाला गया, जिसमें 6 विदेशी पर्यटक और 112 भारतीय पर्यटक शामिल हैं। सुरक्षित निकाले गए पर्यटकों में से पश्चिम बंगाल की शोनाली चेटरजी ने कहा की वह 34 लोगों का समूह है जो हिमाचल प्रदेश के भ्रमण पर आए थे जिसमें किन्नौर जिला का सांगला भी शामिल था, परंतु भारी बारिश के कारण वह गत पांच दिनों से सांगला में हीं फंसे हुए थे। शोनाली चेटर्जी कहती हैं कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को संपर्क करने के उपरांत उन्हे सांगला से सफलतापूर्वक हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला गया और चोलिंग पहुंचाया गया। इसके उपरांत, उन्हें बस के मध्यम से चंडीगढ़ तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें चिकित्सीय सेवा के साथ-साथ मानसिक व भावनात्मक सहयोग भी प्रदान किया गया। जिला किन्नौर के बारंग गांव की दारा नेगी बताती हैं कि वह सांगला अपने रिश्तेदारों से अपने तीन रिश्तेदारों और दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलने गए थे, परंतु भारी बारिश के कारण रविवार से ही सांगला में फंसे हुए थे। उन्हें सूचना प्राप्त हुई की जिला प्रशासन द्वारा भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोगों को निकाला जा रहा है तथा जैसे ही उन्होंने प्रशासन से सम्पर्क साधा उन्हें त्वरित सहायता प्रदान की गई। उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और उनका आभार व्यक्त किया। इजरायल की ताली बोलीं- थैंैक्यू हिमाचल सरकार इजरायल की ताली ने इस आपदा की स्थिति में तत्परता एवं सत्यनिष्ठा से बचाव एवं राहत कार्य करने के लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। वहीं, जिला किन्नौर के रकच्छम गांव के निवासी पंकज नेगी गुजरात में काम करते हंै और अवकाश पर घर आए थे। उनका कहना है कि उनकी छुट्टियां खत्म हो रही थीं तथा उनका कार्य स्थल पर पहुंचना आवश्यक था, जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन को संपर्क किया और जिला प्रशासन व भारतीय सेना की मदद से वह अब अपने कार्य स्थल समय पर पहुंच पाएंगे।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने जानकारी दी कि जिला किन्नौर के भावा वैली के कारा क्षेत्र में लगभग 28 व्यक्तियों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई थी, जिसके उपरांत पुलिस, एनडीआरएफ, आईटीबीपी व होमगार्ड के बचाव दलों को शीघ्र भेजा गया। उन्होंने कहा कि कारा में 28 व्यक्ति मवेशियों सहित फंसे हुए थे, जिनमें से 8 व्यक्ति ज्यूरी प्रजनन केंद्र, 4 ककस्थल फॉर्म, 3 नाथपा के निवासी और 10 भावा घाटी के निवासी थे, जिन्हें सुरक्षित मूलिंग गांव पहुंचाया गया है तथा 3 व्यक्ति कारा में मवेशियों की देख-रेख के लिए रुके हैं, जिन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा दी गई है। इसके अतिरक्ति इंडिया हाईक्स की ट्रैकर टीम के 18 व्यक्तियों को भी काफनू बेस में सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है।
जिला प्रशासन किन्नौर के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि गत दिनों से जिला में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले में संपर्क मार्गों तथा बाधित बिजली व पानी की समस्या को बहाल करने के लिए जल शक्ति, विद्युत व लोक निर्माण विभाग सहित पुलिस, होम-गार्ड व एनडीआरएफ के जवानों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण पेयजल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं जिन्हें खोलने के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा त्वरित व ठोस कदम उठाए जा रहे हैं जिसके तहत जिला के कल्पा तथा निचार उपमण्डल में 31 बाधित पेयजल आपूर्ति योजनाओं में से 17 योजनाएं तथ पूह उपमंडल में 24 बाधित पेयजल आपूर्ति योजनाओं में से 21 पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि जिला में बिजली की समस्या को बहाल करने के दृष्टिगत जिला में अब तक 436 ट्रांसर्फोमर है जिनमें से 308 ट्रांसर्फोमर को बहाल कर दिया गया है तथा 128 बाधित ट्रांसर्फोमर को बहाल करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि जिला के कल्पा, निचार तथा पूह उपमंडल में कुल 36 संपर्क मार्ग बाधित हैं, जिन्हें लोक निर्माण विभाग द्वारा खोलन के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और कृषि विभाग के प्रारंभिक अनुमान में फसलों को 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य भर में हुई तबाही अभूतपूर्व है, इसलिए केंद्र को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए। आज आयोजित एक बैठक में चंद्र कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रभावित कुल 28,495 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में से 6,978 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मक्का, धान, रागी, बाजरा और खरीफ दलहन को लगभग 21,517 हेक्टेयर पर करीब 17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, खेती की जमीन बह जाने और खेतों में आई गाद के कारण फसलों को लगभग 26 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ जोकि 23.38 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके बाद शिमला में 17.63 करोड़ रुपये, सिरमौर में 13.29 करोड़ रुपये, सोलन में 8.16 करोड़ रुपये, लाहौल स्पिति में 5.74 करोड़ रुपये, कुल्लू में 4.38 करोड़ रुपये, कांगड़ा में 3.99 करोड़ रुपये, ऊना में 2.99 करोड़ रुपये, चंबा में 1.53 करोड़ रुपये, बिलासपुर में 1.01 करोड़ रुपये, किन्नौर में 59 लाख रुपये और हमीरपुर में 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ। भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मृदा संरक्षण पर बल देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में मृदा संरक्षण की तकनीकों और तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र में गज खड्ड के उचित तटीकरण और राजोल, अवाड़ी, अनसुई और डेग गांवों के निवासियों द्वारा मिट्टी संरक्षण को अपनाने के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश से न्यूनतम नुकसान दर्ज किया गया हैै। चंद्र कुमार ने कहा कि कृषि और पशुधन के नुकसान के संबंध में उप निदेशकों को अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है और शीघ्र ही इससे संबंधित बैठक की जाएगी। बैठक में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा को भारी नुकसान हुआ है। इन सभी विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वर्तमान सत्र के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्यालय आदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों में अब यह रहेगा मानसून ब्रेक का शेड्यूल कुल्लू जिले के स्कूलों में अब मानसून अवकाश 10 जुलाई से 1 अगस्त तक 23 दिन का रहेगा। पहले यह 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होना था। इसी तरह लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों में समर अवकाश 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन का रहेगा। पहले ये छुट्टियां 17 जुलाई से 20 अगस्त तक होनी थीं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी व भरमौर में मानसून अवकाश 10 से 15 अगस्त तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के मुताबिक यह ब्रेक 22 से 27 अगस्त तक होना था। प्रदेश के अन्य शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में मानसून ब्रेक अब 10 से 15 जुलाई तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के तहत मानसून ब्रेक 22 से 27 जुलाई तक होना था।