किन्नौर जिला के उपायुक्त कार्यालय में आज कर्मचारियों को ई-ऑफिस पोर्टल के संचालन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस दौरान कर्मचारियों को सभी कागज़ी कार्यों को ऑनलाइन करने बारे बताया गया। ई-जिला प्रबंधक किन्नौर शबनम ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के सरकारी व अर्धसरकारी विभागों को पेपर लैस करने की मुहिम चलाई गई है जिसके अंतर्गत आज किन्नौर जिला में उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कार्यालय में पेपरलैस कार्य को बढ़ावा देना है, ताकि पारदर्शिता व समय पर कार्य का निष्पादन सुनिश्चत किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम शनिवार सुबह 11 बजे घोषित करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी कारणों के चलते आज परिणाम घोषित नहीं किया जा सका। शनिवार सुबह 11 बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। रिजल्ट घोषित करने के लिए लगभग सारी औपचारिक्ताएं पूरी की जा चुकी हैं।
समृद्ध हिमाचल विविधताओं का राज्य है। यहाँ अलग-अलग जगहों पर परंपराएं, प्रथाएं और रीति-रिवाज सब भिन्न हैं। यहाँ एक ही धर्म और यहां तक की एक जाति में भी स्थान के आधार पर रीति रिवाज बिलकुल अलग होते हैं। इन रीति रिवाजों को अगर जानना है तो आप किसी त्यौहार, मेले और किसी शादी में पहुंच जाएं। यहाँ त्यौहार-मेले और शादियों में कुछ रिवाज़ अदा किये जाये है जिसको देख कर या जानकर आप भी चौंक जाएंगे। ऐसे ही कुछ रीति रिवाज़ो को लेकर पेश है फर्स्ट वर्डिक्ट की यह विशेष रिपोर्ट..... यहाँ बहन बनती है दूल्हा ! हिमाचल प्रदेश के जनजातीय इलाके लाहौल-स्पीति में बहन अपने भाई के लिए दूल्हा बनती है। इसके बाद बड़े धूम धूमधाम से बारात लेकर बहिन दूल्हे के रूप धारण कर भाई की ससुराल पहुंचती है। इसके बाद बहन ही भाभी के साथ 7 फेरे लेती है और नई दुल्हन को ब्याह कर घर ले आती है। जी हाँ, आप बेशक यह पढ़कर चौंक गए होंगे लेकिन ये वास्तविक है और इस रिवाज़ का वर्षों से निर्वहन किया जा रहा है। अगर किसी लड़के की बहन ही न हो तो ऐसी स्थिति में उसका छोटा या बड़ा भाई दूल्हा बनकर जाता है। फिर शादी की सभी रस्में निभाकर दुल्हन को घर ले आता है। यह परम्परा शुरू क्यों हुई यह कह पाना काफी जटिल है लेकिन कहा जाता है कि यह परंपरा लड़के के किसी कारण शादी के दिन घर पर नहीं होने की स्थिति के लिए शुरू किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक परंपरा बन गई। अब तो बहन ही सिर सजाकर दूल्हा बनती है और दुल्हन को घर में लाती है। ब्याह में जोगी रस्म की अदायगी जनेऊ को काफी पवित्र सूत माना जाता है। पुराने समय की बात की जाए तो पहले कम उम्र में ही जनेऊ धारण करवा दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि बचपन में जनेऊ धारण किया जाए। हालांकि हर जगह जनेऊ धारण करने का अलग तरीका होता है। हिमाचल प्रदेश में जनेऊ धारण करने का तरीका काफी अलग है। कुछ लोगों के घरों में जनेऊ संस्कार बचपन में ही संपन्न हो जाता है जबकि कुछ लोग इसे विवाह से पहले संपन्न कराते हैं। कहा जाता है कि जब तक कोई पुरुष जनेऊ धारण नहीं करता तब तक वह विवाह नहीं कर सकता है। ऐसे में इस रस्म को शादी समारोह के दौरान ही संपन्न करा दिया जाता है और अगर घर में बड़े भाई का विवाह होता है तो कुछ लोग बड़े भाई के साथ ही छोटे भाई को भी जनेऊ धारण करा दिया जाता है। इस रस्म में लड़के को पहले महंदी लगाई जाती है और फिर उस पर हल्दी का लेप लगाया जाता है. इसके बाद उसे स्नान कराकर भिक्षा दी जाती है, जिस व्यक्ति को जनेऊ पहनाया जाता है उसे जोगी बनाकर कानों में कुंडल की जगह भल्ले, हाथ में एक चिमटा, सोठी और कांधे पर एक थैली टांगकर घर से थोड़ा दूर भेजा जाता है। इस दौरान उसकी मां, बहने और परिवार की बुजुर्ग महिलाएं उसकी झोली में भिक्षा डालती हैं। इसके साथ ही घर की महिलाएं जनेऊ धारण करने वाले पुरुष गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर उसे निभाने की कसम देकर उसे घर वापस लाती हैं। हिमाचल प्रदेश की इस अनोखी जोगी रस्म को शादी ब्याह के अवसर पर हंसी-मजाक के साथ निभाया जाता है। यहाँ शादी में फेरे नहीं लिए जाते... हिमाचल में सबसे अद्भुत शादी किन्नौर की मानी जाती हैं। यहां का विवाह आम शादियों से बिल्कुल अलग होता हैं। यहाँ दूल्हा और दुल्हन न अग्नि के फेरे लेते है और न ही मांग भरना अनिवार्य होता है। यहाँ शादी में बलि दी जाती है। यहां देवी-देवता की मर्जी से ही शादी होती है। शादी से पहले यहां मंदिर में बलि दी जाती है। इसके बाद देवता को घर लाया जाता है। दुल्हन के घर जाने से पहले पुजारी नदी और नालों के पास बुरी शक्तियों को भगाने की पूजा करते हैं। शादी से ठीक पहले दूल्हा-दुल्हन मंदिर में पूजा के लिए जाते हैं। दहेज लेने और देने दोनों पर रोक है, लेकिन वर पक्ष नई नवेली दुल्हन के भविष्य के लिए कुछ सम्पति देने का कागजी वादा करते है, जिसे "पिठ" कहा जाता है। जिला किन्नौर की एक और रिवाज़ काफी प्रचलित है वो है बहु पति विवाह यानि Polyandrous marriage। जिला किन्नौर में महिलाओं को 4 शादियां करने की आजादी है। ज्यादातर मामलों में महिलाएं एक ही परिवार भाइयों से शादी करती हैं। इस विवाह के बारे में स्थानीय लोग बताते है कि महाभारत काल के दौरान पांडव जब अज्ञातवास पर थे, तब वे यहां आए थे। सर्दियों के दौरान गांव की एक गुफा में द्रौपदी और कुंती के साथ उन्होंने कुछ वक्त बिताया था। बाद में यहां के स्थानीय लोगों ने भी कई पतियों वाली परंपरा को अपना लिया। शादी के बाद अगर कोई भाई पत्नी के साथ कमरे में है, तो वह कमरे के दरवाजे के बाहर अपनी टोपी रख देता है। जिससे इस बात का अंदाज़ा लगाया जाता है कि पति-पत्नी एकांत चाहते हैं। ऐसे में उसके दूसरे पति कमरे में नहीं जा सकते। पत्थर मार कर मनाया जाता है मेला राजधानी शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूर धामी के हलोग में दीपावली के अगले दिन पत्थर मारने का अनोखा मेला लगता है। सदियों से मनाए जा रहे इस मेले को पत्थर का मेला या खेल कहा जाता है। दीपावली से दूसरे दिन मनाए जाने वाले इस मेले में दो समुदायों के बीच पत्थर मारे जाते हैं। ये सिलसिला तब तक जारी रहता है जब तक कि एक पक्ष लहूलुहान नहीं हो जाता। वर्षों से चली आ रही इस परम्परा को आज भी निभाया जाता है। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि माना जाता है कि पहले यहां हर वर्ष भद्रकाली को नर बली दी जाती थी, लेकिन धामी रियासत की रानी ने सती होने से पहले नर बली को बंद करने का हुकम दिया था। इसके बाद पशु बली शुरू हुई। कई साल पहले इसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद पत्थर का मेला शुरू किया गया। मेले में पत्थर से लगी चोट के बाद जब किसी व्यक्ति का खून निकलता है तो उसका तिलक मां भद्रकाली के चबूतरे में लगाया जाता है। ऐसी दो रातें जब लोग नहीं निकलते है रात को घर से बाहर हिमाचल प्रदेश में साल में 2 दिन ऐसे भी आते हैं जब यहां काली शक्तियों का साया रहता हैं। हिमाचल की ऐसी मान्यता है जिसपर यकीन करना आम इंसान के बस में नहीं हैं, लेकिन प्रदेश के कुछ एक जिलों में इसका खासा प्रभाव देखने को मिलता है। लोगों की माने तो साल के दो दिन ऐसे होते हैं जब शिव के गणों, भूत प्रेत सभी को अपनी मन मर्जी करने की पूरी आजादी होती हैं। तांत्रिक काली शक्तियों को जागृत करने के लिए साधना करते हैं। इस रात को डगयाली (चुड़ैल) की रात का पर्व भी कहा जाता है। राजधानी शिमला में तो लोग अपने दरवाजे में टिम्बर के पत्ते लगाते हैं और अपने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी करते हैं। माना जाता है कि इन 2 रातों में काली शक्तियां पूरे चरम पर होती हैं। इस माह सभी देवी-देवता सृष्टि छोड़ असुरों के साथ युद्ध करने अज्ञात प्रवास पर चले जाते हैं। इस माह की अमावस्या की रात को ही डगयाली या चुड़ैल की रात कहा जाता है। इनसे बचने के लिए ऊपरी शिमला में देवता रात भर खेलते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इस दौरान देवता बुरी शक्तियों से लड़ाई करने चले जाते हैं जिस डर के कारण लोग अपने घरों के बाहर दिए या मशाल जलाकर रखते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इस रात देवताओं और बुरी शक्तियों के बीच की लड़ाई में यदि देवता जीत जाते हैं तो पूरा साल सुख-शांति रहती है। इस दौरान लोगों को रात में बाहर निकलने से परहेज करने की भी बात करते है। बेहद अजीब परम्परा: यहाँ महिलाओं को पहनने पड़ते है कम कपड़े हिमाचल प्रदेश में कुल्लू में पीणी गांव में एक अजीबोगरीब परंपरा सदियों से निभाई जा रही है। यहां हर वर्ष अगस्त माह में पांच दिन तक काला माह मनाया जाता है और इन दिनों में पति-पत्नी एक दूसरे से हंसी-मजाक भी नहीं करते। ये परंपरा पूर्वजों के समय से ही निभायी जा रही है। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई महिला इस परंपरा का पालन नहीं करती है तो उसके घर कुछ अशुभ हो सकता है। अजीब बात ये भी है कि पिणी गांव की महिलाएं हर साल सावन के महीने में 5 दिन कपड़े बेहद कम पहनती हैं। कहा जाता है कि इस परंपरा का पालन नहीं करने वाली महिला को कुछ ही दिन में कोई बुरी खबर सुनने को मिल जाती है। इस दौरान पति-पत्नी एक दूसरे से पूरी तरह दूर रहते हैं। पुरुषों के लिए भी इस परंपरा को निभाना बहुत जरूरी माना जाता है। हालांकि, उनके लिए नियम कुछ अलग बनाए गए हैं। पुरुषों को सावन के पांच दिनों के दौरान शराब और मांस का सेवन करना वर्जित है । कहा जाता है कि बहुत समय पहले पिणी गांव में राक्षसों का बहुत आतंक था। इसके बाद ‘लाहुआ घोंड’ नाम के एक देवता पिणी गांव आए। देवता ने राक्षस का वध किया और पिणी गांव को राक्षसों के आतंक से बचाया। बताया जाता है कि ये सभी राक्षस गांव की सजी-धजी और सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठा ले जाते थे। देवताओं ने राक्षसों का वध करके महिलाओं को इससे बचाया। इसके बाद से देवता और राक्षस के बीच 5 दिन तक महिलाओं के कपड़े नहीं पहनने की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है कि अगर महिलाएं कपड़ों में सुंदर दिखेंगी तो आज भी राक्षस उन्हें उठाकर ले जा सकते हैं। निसंदेह इस परम्परा को सुन कर या जानकर कर हर कोई चकते में आ सकता है।
जिला किन्नौर में 25 मई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा। यह जानकारी उपयुक्त किन्नौर तोरुल रवीश ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग किन्नौर की राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस व विटामिन ए के लिए गठित जिला कार्य बल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में जानकारी दी गई की राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले में शून्य से एक वर्ष और 02 से 19 वर्ष के लगभग 16480 बच्चों को एलबेंडाजोल दवाई खिलाई जायेगी। इसके अतिरिक्त बच्चों को विटामिन ए की खुराक भी दी जाएगी। जो बच्चे किसी कारण से 25 मई को छूट जाते है उन्हे 31 मई 2023 को मॉप अप दिवस के दिन दवाई दी जाएगी। उपायुक्त ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सतर्कता के साथ कार्य करने को कहा ताकि जिले के बच्चे स्वस्थ जीवन यापन कर सके। उन्होंने बच्चों को कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले महत्वपूर्ण व्यवाहर की जानकारी देने पर भी बल दिया। इससे पूर्व उपायुक्त ने जिले के बंदीगृह व बंधित व्यक्तियों की एकीकृत एसटीआई, एचआईवी, क्षय रोग व हेपटाईटस के लिए 15 मई से 14 जून तक आयोजित होने वाले अभियान की बैठक की अध्यक्षता भी की। जिले में एक ही बंदीगृह है जिसमें 39 बंधित व्यक्ति है। बैठक का संचालन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनम नेगी ने किया। इस अवसर पर डॉ सुनिंदर नेगी, एसडीएम कल्पा डॉ मेजर शशांक गुप्ता, उप निदेशक उच्चतर शिक्षा सुरेन्द्र सिंह, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अशोक नेगी व अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।
जिला किन्नौर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सांगला में नेहरू युवा केंद्र किन्नौर व युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान एवं जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से कैच द रेन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह जानकारी जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि कैच द रेन कार्यक्रम पूरे जिले के 50 गांव में चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सभी ग्राम वासियों तथा युवाओं के सहयोग से वर्षा के जल सरक्षण हेतु चित्रकला, नारा लेखन, रैली, जनसंवाद, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अबतक लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक ठाकुर सेन ने युवाओं को कैच द रेन से संबंधित जानकारी दी और वर्षा के जल के सरक्षण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकों तथा विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। नारा लेखन प्रतियोगिता में स्नेहा कुमारी प्रथम उन्होंने बताया कि नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्नेहा कुमारी, द्वितीय स्थान रमेश व तृतीय स्थान दीपिका ने हासिल किया जबकि चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान श्रेया, द्वितीय स्थान कनिष्का व तृतीय स्थान पुनीत ने हासिल किया। इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सांगला के प्रधानाचार्य बलविंदर सिंह ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।
3 दिवसीय खंड स्तरीय जातरू मेला भावनगर का आयोजन जुलाई को होना तय हुआ है। यह जानकारी उपमंडलाधिकारी निचार जिला बिमला वर्मा ने खंड स्तरीय जातरू मेले की आयोजन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि पंचायत वासियों सहित खंड के लोगों के सक्रिय सहयोग से इस वर्ष मेले का आयोजन भव्य ढंग से किया जाएगा। बैठक में मेले के उद्घाटन व समापन समारोह में मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने को लेकर चर्चा की गई तथा बैठक में निर्णय लिया गया कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए जहां स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित किया जाए वहीं मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम,नुकड़ नाटक, खेल प्रतियोगिताएं व अन्य प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि इस दौरान विभिन्न महिला मण्डलों को भी रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाए।
राज्य सरकार वर्ष 2025 तक हिमाचल प्रदेश से क्षयरोग उन्मूलन के लिए कृत संकल्पित है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल किन्नौर जिले में टीबी मुक्त भारत अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त भारत अभियान को हासिल करने के लिए किन्नौर जिले के तीनों खंडों में एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया है। किन्नौर जिले के सभी तीन खंडों में 89,271 व्यक्ति हैं और 85,294 व्यक्तियों की एसीएफ में क्षय रोग की जांच की गई है, जिनमें से 546 संभावित मामलों की फील्ड एक्टिव केस फाइंडिंग में पहचान की गई है और लगभग 7 मामलों का फील्ड एसीएफ में पहचान की गई है।
सांसद प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में 24 अप्रैल प्रातः 11 बजे जिला किन्नौर के रिकांगपिओ स्थित परियोजना अधिकारी आईटीडीपी भवन के सम्मेलन कक्ष में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी (दिशा) की बैठक आयोजित की जाएगी। यह जानकारी उपायुक्त किन्नौर एवं सदस्य सचिव जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी (दिशा) तोरूल एस रवीश ने दी। उन्होंने बताया कि किन्नौर जिला के विकास कार्यों में तेजी लाने तथा विकास कार्यों की अद्यतन स्थिति के दृष्टिगत दिशा बैठक का आयोजन लोकसभा सदस्य की अध्यक्षता में किया जा रहा है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निदेश दिए कि वह 24 अप्रैल को परियोजना अधिकारी आईटीडीपी भवन के सम्मेलन कक्ष में निर्धारित समय पर पहुंचना सुनिश्चित बनाएं। साथ ही अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यान्वित किए जा रहे विभिन्न विकासात्मक नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रमों की अद्यतन रिपोर्ट भी साथ लाना सुनिश्चित बनाएं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर के सचिव ने आज यहां जानकारी दी कि जिला किन्नौर में राष्ट्रीय लोक अदालत 13 मई को आयोजित की जानी निश्चित की गई है। राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष निम्न प्रकार के मामले प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जिनमें धारा 138 के तहत एनआई अधिनियम से संबंधित मामले, मनी-रिकवरी, श्रम विवाद, बिजली व पानी, भरण-पोषण व अन्य (आपराधिक, कम्पाउन्डेंबल व दीवानी विवाद) से संबंधित मामले शामिल हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त न्यायलयों में लंबित मामले जिनमें क्रिमिनल कम्पाउन्डेंबल ऑफेन्स, धारा 138 के तहत एन.आई अधिनियम से संबंधित मामले, मनी-रिकवरी, वाहन दुर्घटना, श्रम विवाद, विद्युत व पानी के बिल, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भू-अधिग्रहण, सेवाओं से संबंधित तनख्वा व भत्ते, सेवानिवृति से संबंधित मामले, राजस्व मामले (केवल जिला व उच्च न्यायलय में लंबित) व अन्य दीवानी मामले (किराया, सुखभोग अधिकार (गुजारा भत्ता), हिदायत संबंधी, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) शामिल हैं। सचिव ने बताया कि अपने-अपने न्यायिक क्षेत्र के तहत जो कोई व्यक्ति भी उक्त मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में समाधान करना चाहते हैं तो वह न्यायिक न्यायालय परिसर रामपुर बुशहर, न्यायिक न्यायालय परिसर रिकांग पिओ जिला किन्नौर, न्यायिक न्यायालय परिसर आनी जिला कुल्लू, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रिकांग पिओ जिला किन्नौर के कार्यालय में अपने मामले की सुनवाई के लिए संपर्क कर सकते हैं।
किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू और आस-पास के ट्राइबल क्षेत्र के लोग हिमाचली टोपी पर सफ़ेद फूल लगाते है। क्या आप जानते है यह कौन सा फूल है? दरअसल ये फूल जैसा दिखने वाला एक बीज है। हालांकि इस का पौधा उन क्षेत्रों में नहीं मिलता है जहाँ ये फूल स्थानीय लोगों की पोशाक का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। इस पेड़ का नाम है ओरोक्सिलम सिग्नम जिसे अरलू या टाट पटनगा भी कहा जाता है। यह बीज बड़ी तलवार के आकार की फली में मौजूद होते हैं। इसका प्रयोग ट्राइबल क्षेत्र के हिंदू और बौद्ध धर्म से जुड़े लोग भी करते है। सफेद फूल के बिना किन्नौरी टोपी की शान अधूरी मानी जाती है। इसे किन्नौर में ख्वार और सिरमौर में टाट पटनगा के नाम से जाना जाता है। देश-विदेश में पहचान पाने वाली किन्नौरी टोपी पर सफेद फूल किन्नौर में न होकर जिला सिरमौर के मैदानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इस फूल को किन्नौर में ख्वार और चाम्खा, सोलन में टाट मरंगा जबकि सिरमौर में टाट पटनगा के नाम से जाना जाता है। अरलू एक छोटा से मध्यम आकार का पर्णपाती पेड़ है जो 12 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। हैरानी की बात है कि यह समशीतोष्ण क्षेत्र का पौधा नहीं है। यह लगभग सभी उपोष्णकटिबंधीय भारत में 1,200 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसमें बड़े यौगिक पत्ते होते हैं, जो कभी-कभी एक मीटर लंबा भी हो सकता है। पेड़ बड़े बैंगनी फूल धारण करता है। फली बड़ी, 60-90 सेमी लंबी और तलवार के आकार की होती है। ये फली के अंदर पंखों की तरह होते है। इसे निकालने के लिए चाकू से खोल दिया जाता है। इसके बाद इसे पिरोने के लिए पेटल्स को बीच में रखकर गेहूं के तनों से घुमाकर गुथ की तरह बनाया जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में "तेकेमा" कहा जाता है। इसके बाद इसमें पसंद अनुसार बखरी कान को सम्मिलित किया जाता है जिसे वैज्ञानिक रूप से "चोरिज़िया स्पीसीओसा" के नाम से जाना जाता है। बखरी कान कपास की गेंदों का प्रतिबिंब देती हैं। इन्हें गेंद के रूप में टैग करके बनाया जाता है और विभिन्न रंगों में रंगा जाता है। इस सफेद फूल और बकरी कान से बने फूल के बिना हिमाचली टोपी की शान अधूरी मानी जाती है।
मुख्य संसदीय सचिव (बहुउदेश्यीय परियोजनाएं, उर्जा, वन, पर्यटन एवं परिवहन) सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, उर्जा, निर्माण, आवास इत्यादि क्षेत्रों में लगभग 20 हजार करोड़ रूपये का निजी निवेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के इस प्रयास से आने वाले समय में लगभग 90 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों में वन स्वीकतियां देने में अधिक समय लगता है। ऐसे सभी मामलों में तेजी लाने के लिए सरकार ने जिला स्तरीय समितियां गठित की हैं जो समय-समय पर अपने जिलों के संबंधित अधिकारियों के साथ फाॅरेस्ट क्लीयरेंस मामलों की समीक्षा करेंगी। सुंदर सिंह ठाकुर आज जिला किन्नौर के रिकांगपिओ स्थित आईटीबीपी ग्राउंड में आयोजित जिला स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने हिमाचल दिवस की समस्त क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खु सरकार प्रदेश में सत्ता-सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त, संवेदनशील तथा जवाबदेह प्रशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कड़े कदम उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में व्यापत भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए जहां इसे भंग किया है तो वहीं संबंधित आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त शासन व प्रशासन उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां मनरेगा दिहाड़ी को 212 रुपये से बढ़ाकर 240 रुपये किया है तो वहीं जनजातीय क्षेत्रों में इसे 266 रुपये से बढ़ाकर 294 रुपये किया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है। इसी दृष्टिकोण के तहत जिला किन्नौर में 20 बीघा से कम भू-मालिकों को आने वाले समय में नो-तोड़ के तहत भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही, एफ.आर.ए को बहाल कर लोगों को व्यक्तिगत या सामुदायिक स्तर पर भी भू-पट्टे प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के तहत ही प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के पालन पोषण एवं शिक्षा इत्यादि की चिंता करते हुए 101 करोड़ रुपये का मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित किया है। सरकार के इस अहम निर्णय से प्रदेश में लगभग 6 हजार अनाथ बच्चे लाभान्वित होंगे। साथ ही, कहा कि विधवाओं एवं एकल नारियों को मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू की जा रही है तथा इस योजना के माध्यम से इस वर्ष लगभग 7 हजार महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। सी.पी.एस ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट के रूप में विकसित करने का अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत प्रदेश में 6 ग्रीन काॅरिडोर चिन्हित किए हैं जहां इलैक्ट्रीक वाहन के माध्यम से यातायात सुविधा प्रदान की जाएगी। इसी निर्णय के अंतर्गत जिला किन्नौर के एनएच-5 को भी ग्रीन काॅरिडोर में शामिल किया गया है तथा प्रत्येक 40 किलोमीटर के अंतराल पर यहां इलैक्ट्रीक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे तो वहीं शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास की असीम संभावनाओं को देखते हुए एश्यिन विकास बैंक के माध्यम से 1311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजनाएं शुरू की जा रही हैं। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को हवाई परिवहन सेवाओं से जोड़ने के लिए हैलीपोर्ट के निर्माण व विस्तार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर के रिकांग पिओ में भी जल्द ही हैलीपोर्ट स्थापित किया जा रहा है जिसके लिए जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। इसके अलावा जिला किन्नौर में विभिन्न पन बिजली परियोजनाओं के डैमों में जल क्रीड़ाएं शुरू करने की दिशा में भी सरकार प्रयास करेगी। इसके अतिरिक्त जिला के छितकुल से रकच्छम के बीच राॅफटिंग सुविधा विकसित करने का भी प्रयास करेगी। इससे जहां इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बल मिलेगा तो वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के नए साधन भी सृजित होंगे। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश में पिछली सरकार की नाकामियों के कारण बंद पड़ी पन विद्युत परियोजनाओं को पाॅवर काॅरपरेशन के माध्यम से पुनः शुरू किया जा रहा है। इससे जहां प्रदेश को औसतन एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय प्रतिवर्ष सृजित होगी तो वहीं हिमाचल प्रदेश को उर्जा प्रदेश बनाने के लक्ष्य को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में ऐसी कई पन बिजली परियोजनाओं को पुनः शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए पन विद्युत परियोजनाओं पर वाटर सैस लगाने का भी अहम निर्णय लिया गया है। साथ ही, कहा कि जिला किन्नौर में स्थापित एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की दिशा में भी प्रदेश सरकार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटियों को सम्पति में समान अधिकार प्रदान करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाते हुए भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम में संशोधन विधेयक को प्रदेश विधानसभा में पारित किया गया है। सरकार के इस कदम से अब बेटियों को पैतृक सम्पत्ति के भू-स्वामित्व में समान अधिकार सुनिश्चित बनाया है। प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में पहले से ही चल रहे स्कूलों में सभी गुणात्मक सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रही है। साथ ही, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं जहां सभी आधुनिक आवश्यक उपकरण शिक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगे तथा जिला किन्नौर में भी यह स्कूल जल्द स्थापित किया जाएगा जिसके लिए औपचारिकताओं को पूर्ण किया जा रहा है। इसके अलावा जिला किन्नौर में गुणात्मक शिक्षा की दृष्टि से सरकारी स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से अंग्रेजी माध्यम पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे तो वहीं अध्यापकों को भी डाईट के माध्यम से आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों बारे प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही सरकारी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा विकसित करने के लिए रैंकिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। उनहोंने कहा कि स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण लाडा के तहत पन विद्युत परियोजनाओं से मिलने वाली डेढ़ प्रतिशत राशि को भी नियमित अंतराल पर वसूल किया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों के विकास कार्यों को गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रदेश सरकार आने वाले समय में ठोस कदम उठाएगी। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा आई.टी.बी.पी, पुलिस, होमगार्ड, एन.सी.सी, एन.एस.एस व स्काउट एण्ड गाईडस की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। इससे पहले समारोह स्थल पर पहुंचने पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल एस रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ सी.पी.एस का स्वागत किया। इस मौके पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने देश भक्ति एवं लोक संस्कृति पर आधारित रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। अंत में मुख्य अतिथि ने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, खिलाड़ियों इत्यादि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वालों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल एस रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, मुख्य अरण्यपाल रामपुर अजीत, कमांडेंट आईटीबीपी देवेंद्र सिंह, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता, परियोजना अधिकारी आई.टी.डी.पी लक्ष्मण सिंह कनेट, सहायक आयुक्त राजेंद्र गौतम, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, पंचायत समिति सदस्य ललिता पंचारस व सूबेदार नरेंद्र, कांग्रेस के कल्पा ब्लाॅक के अध्यक्ष प्रीतम नेगी, पूह ब्लाॅक के अध्यक्ष प्रेम नेगी, विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि व अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्पिति घाटी के अपने पहले प्रवास के दौरान घाटी के रंग में रंगे नजर आए। अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने ‘जूले’ कहकर की, जिसका हिंदी में अर्थ है नमस्ते। जूले कहते ही स्थानीय लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने पारंपरिक परिधान "छूबा" पहनाकर उनका स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को भी स्पिति वासियों ने पारंपरिक परिधान पहनाया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थानीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों में गहरी रुचि दिखाई और कलाकारों की खुले मन से प्रशंसा की। उन्होंने कलाकारों को सम्मानित किया और सभी स्पितिवासियों को अपनी प्राचीन एवं अनूठी संस्कृति के संरक्षण के लिए बधाई भी दी।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रफ़्तार लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमण के आंकड़ों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, कोरोना की संक्रमण दर भी अब आठ प्रतिशत को पार कर चुकी है। बीते कल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में कुल 5226 लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 422 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दो लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इनमें एक मौत ऊना और एक मौत कुल्लू जिला में हुई है। कोरोना के नए मामले कोरोना वायरस के नए मामलों में बिलासपुर जिला में 30, चंबा में 10, हमीरपुर में 71, कांगड़ा में 126, किन्नौर में सात, कुल्लू में आठ, लाहुल-स्पीति में आठ, मंडी में 85, शिमला में 23, सिरमौर में 21, सोलन में 20 और ऊना जिला में 14 नए मामले आए हैं। इन मामलों के साथ ही प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस 1762 हो चुके हैं, जबकि संक्रमण दर प्रदेश में 8.7 प्रतिशत हो चुकी है। कोरोना का संक्रमण मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा है। एक्टिव केस की बात करें तो कांगड़ा जिला में 394, बिलासपुर में 143, चंबा में 171, हमीरपुर में 314, कांगड़ा में 392, किन्नौर में 26, कुल्लू में 60, लाहुल-स्पीति में 20, मंडी में 315, शिमला में 136, सिरमौर में 112, सोलन में 117 और ऊना में 56 एक्टिव केस है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करे।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी 13 अप्रैल को किन्नौर जिला के क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ से तीन रोगी वाहन (एंबुलेंस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इसके अलावा वह हैंड-हेल्ड पोर्टेबल एक्स-रे मशीन का भी शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी ने देते हुए बताया कि यह रोगी वाहन एयर कंडीशनर सहित बेसिक लाइफ सेविंग सुविधा से लैस है। इसी प्रकार हैंड-हेल्ड पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के लग जाने से जिला में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा जिससे लोगों का मौके पर ही एक्स-रे कर बीमारी का पता लगया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक रिकांगपिओ के सी.एस.आर के तहत रोगी वाहन व एक्स-रे मशीन को डोनेट किया गया है। उन्होंने बताया कि अगर किसी कारणवश 108 निःशुल्क एंबुलेंस सेवा उपल्ब्ध नहीं हो पाती है तो इन रोगी वाहनों को भुगतान आधार पर लोग प्रयोग कर सकते हैं जिसका भुगतान रोगी कल्याण समिति द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार करना होगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किन्नौर जिला के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन अगिम चैकी शिपकिला-पास का दौरा किया तथा भारतीय सेना व भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों का कुक्षल क्षेम जाना तथा उनका मनोबल बढ़ाया। राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। भारतीय सेना एवं भारतीय तिब्बल सीमा पुलिस का मनोबल बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसाधन अभाव के बावजूद हमारे जवान मुस्तैदी के साथ देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, जिस कारण भारत की जनता सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि आज भारत ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में है जिसका लोहा भारत ने पूरी दुनिया में मनवाया है तथा भारत प्रगति की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत प्रग्रति की राह पर अग्रसर रहे इसके लिए हमारा भी यह दायित्व बनता है कि हम अपनी जिम्मेदारियों का सही प्रकार से निर्वाह्न करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में देश के लिए बलिदान की परंपरा रही है तथा इस परंपरा को भारत के ये वीर जवान कायम रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं मां के कपड़ों के समान पवित्र होती हैं तथा सीमाओं की पवित्रता को हमारे जवान दिन-रात सत्रद्धता व तत्परता के साथ बनाए हुए हैं। इसके उपरांत केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा जिला की ग्राम पंचायत पूह सेे भावपूर्ण विदाई दी गई। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल एस रवीश, पुलीस अधीक्षक विवेक चाहल, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों सहित अन्य उपस्थित रहे।
जंगती युवा स्पोर्ट्स क्लब भावानगर द्वारा 21 दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भावानगर के सतलुज ग्राउंड में करवाई ड्रीम वन क्रिकेट प्रतियोगिता में पुरुषों की 64 एवं महिलाओं की 6 टीमों ने भाग लिया। पुरुष वर्ग में इलेवन स्टार दूनी की टीम विजेता बनी। विजेता टीम ने ट्रॉफी सहित एक लाख, एक हजार एक सौ एक रुपये की इनामी राशि हासिल की। वहीं, उप विजेता रही स्पार्टन इलेवन कांगोस की टीम ने ट्रॉफी सहित 50,000 रुपये की राशि हासिल की। दूसरी ओर महिला वर्ग में स्पार्टन इलेवन गर्ल्स कांगोस ने ट्रॉफी अपने नाम की। विजेता टीम को ट्रॉफी के साथ 15000 रुपये एवं उप विजेता रही जन साईरग गर्ल्स की टीम को ट्रॉफी सहित 10,000 रुपये इनाम के तौर पर दिए गए। प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में पूर्व अधिशासी अभियंता गुमान नेगी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। समापन कार्यक्रम में तेजिंदरा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष शेर सिंह नेगी, व्यापार मंडल भावनगर के प्रधान डॉ. कुलदीप मेहता सहित कई अन्य व्यक्ति भी पहुंचे थे। कार्यक्रम को स्पॉन्सर कर रहे व्यापार मंडल भावानगर के सचिव डॉ. आनंद नेगी व जंगती युवा स्पोर्ट्स क्लब के सदस्यों ने सभी लोगों का भव्य स्वागत किया।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत 10 व 11 अप्रैल को किन्नौर जिला के प्रवास पर होंगे। इस दौरान वह किन्नौर जिला के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण करेंगे। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का हिमाचल सरकार में राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी 10 अप्रैल को पूह हैलीपैड में स्वागत करेंगे। इसके उपरान्त वह 10 व 11 अप्रैल को जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान हिमाचल कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के साथ उपस्थित रहेंगे।
अधिशाषी अभियंता विद्युत उपमंडल भोक्टू निखिल चंदेल ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 केवी रिकांगपिओ लाइन फीडर में सीमनस सर्विस टीम द्वारा सब स्टेशन एवं लाइन के मरम्मत कार्य के चलते इसके तहत आने वाले गांव कल्पा, पांगी, तेलंगी, कोठी, तथा खवांगी में 7 अप्रैल को प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जन साधारण से सहयोग की अपील की है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपना पहला बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपना पहला बजट पेश करने के लिए इलेक्ट्रिक कार में पहुंचे। हिमाचल प्रदेश में बजट पेश होने से पहले ही विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में विपक्ष के विधायक काली पट्टी लगाकर सदन में पहुंचे। सीएम सुक्खू ने कई ऐलान किये है, जानिए प्रदेशवासियों की झोली में इस वर्ष प्रदेश सरकार ने क्या दिया ** प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी भूमि पर या लीज पर ली गई भूमि पर 200 किलो वाट से 2 मेगा वाट की परियोजना स्थापित करने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी अनुदान सहित दी जाएगी **प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को E -BUS खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से 50 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी ** नादौन और शिमला में ई बस डिपो बनेंगे, HRTC चलाएगी 1500 ई बस ** एनपीएस कर्मचारियों के 8 हजार करोड़ रुपये केंद्र से वापस लाने के लिए भी सदन में विपक्ष से सहयोग मांगा ** हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में बदलने की घोषणा, एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान की कही बात **नादौन और शिमला में ई-बस डिपो बनाया जाएगा **प्राइवेट ऑपरेटर्स को चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाएगी **हिमाचल प्रदेश में हर उपमंडल की दो पंचायतें ग्रीन पंचायतें बनेगी, प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी: सुक्खू ** वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ढ एज होम विकसित किए जाएंगे: CM सुक्खू ** सभी जिले हेलीपोर्ट से जोड़े जाएंगे: CM सुक्खू **मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये जारी करवाने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा ** हिमाचल के सभी मेडिकल कालेजों में इस साल रोबोटिक्स सर्जरी शुरू होगी, इस पर 100 करोड़ खर्च होंगे: CM सुक्खू ** प्रदेश के सभी विधानसभा में खुलेंगे राजीव गांधी डे बोर्डिग स्कूल ** सभी मेडिकल कालेजों में पेट स्केन स्थापित होंगे **हमीरपुर मेडिकल में कैंसर केयर के लिए एक सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा **नाहन, चम्बा, एवं हमीरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किये जाएगे : सीएम सुक्खू **इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान **सुक्खू सरकार ने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 3,139 करोड़ का बजट किया प्रस्तावित **हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाया जाएगा ,134 तरह के टेस्ट की होगी सुविधा ** प्रत्येक सीनियर सैकेंडरी स्कूल में स्थापित होगी लाइब्रेरी **हर विधानसभा क्षेत्र में एक अस्पताल को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाया जाएगा **प्रदेश के युवाओं को विभिन्न कॉम्पिटिटिव एक्साम्स की तैयारी के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की एक्सेस ओर आवश्यक पुस्तकों से लैस लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा **1311 करोड़ की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू होगी ** परवाणू -नालागढ़-ऊना, हमीरपुर-अंब-नूरपूर, पांवटा-नाहन-शिमला, शिमला-बिलासपुर हमीरपुर-चंबा, मंडी-पठानकोट, मनाली-केलोंग नेशनल हाईवे को ग्रीन कौरिडेर के तौर पर विकसित किया जाएगा **हर अनाज के अलग अलग क्लस्टर बनाएं जायेंगे ** विद्यार्थिओं को खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित करने को स्पोर्ट्स हॉस्टल में रह रहे खिलाडियों की डाइट मनी को 120 रूपए से बढाकर 240 रूपए प्रतिदिन करने की घोषणा ** शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 8 ,828 करोड़ प्रस्तावित किया गया **40 हजार नए लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की घोषणा ** पहले चरण में 2 लाख 31 महिलाओं को मिलेंगे 1500 रुपये मासिक दिए जाएंगे **हिम गंगा योजना होगी शुरू, दूध उत्पादकों की True Cost मिलेगी *विधवा और एकल नारी आवास योजना शुरू होगी, इसके तहत 7 हजार महिलाओं को डेढ़ लाख की राशि आवास के लिए दी जाएगी **20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी दी जाएगी **40 हजार नए लोगों को सोशल सिक्योरिटी पेंशन **नशाखोरी रोकने के लिए नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त अभियान शुरू करने की घोषणा ** नशाखोरी का कारोबार करने वालों के विरुद्ध इसी विधानसभा के बजट सत्र में कानून लाएगी सरकार **मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए जालीदार फेंसिंग को सब्सिडी देंगे **युवाओं को अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा ** अब से अनाथ बच्चे 'चिल्ड्रेन ऑफ स्टेट' कहलाएंगे ** साल में एक बार अनाथ बच्चों को हवाई यात्रा और तीन सितारा होटल में ठहरने की सुविधा दी जाएगी : सीएम सुक्खू ** निराश्रितों को हर महीने चार हजार रुपए की आर्थिक मदद **दूध उत्पादन, सब्जी, फलों-फूलों के उत्पादन को कृषि कल्स्टर बनाए जाएंगे ** सुरक्षित बचपन अभियान की शुरुआत **हिम उन्नति योजना शुरू करने का ऐलान **किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी, इस योजना के लिए 500 करोड़ की घोषणा ** नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा ** प्रदेश के गरीब परिवारों के बच्चों को तकनीकी कोर्स करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, इसके लिए 200 करोड़ रूपए की विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना शुरू करने का ऐलान ** 1292 करोड़ की लागत से हिमाचल में शिवा प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 28 विकास खंडों में 6000 हेक्टेयर क्षेत्रों में बागवानी का विकास करेगी, 15 हजार बागवान लाभान्वित होंगे ** मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान शुरू करने की घोषणा, इस अभियान के अंतर्गत POSCO के प्रावधानों के बारे में प्रदेश वासियो को जागरूक किया जाएगा **मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान शुरू करने की घोषणा, इस अभियान के अंतर्गत POSCO के प्रावधानों के बारे में प्रदेश वासियो को जागरूक किया जाएगा **मुख्यमंत्री लघु दुकानदार योजना शुरू करने की घोषणा ** पंचायत जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी ** मनरेगा के तहत ट्राइबल एरिया में मिलने वाली दिहाड़ी 266 रुपए से बढ़ाकर 294 रुपए किया, दिहाड़ी बढ़ने से 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा। इससे 9 लाख लोग लाभान्वित होंगे ** मनरेगा योजना के तहत मनरेगा दिहाड़ी को 212 से बढ़ाकर 240 रुपए करने की घोषणा ** मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा किसानों को ट्रेक्टर पर 50 फीसदी उपदान दिया जाएगा ** पंचायती राज प्रतिनिधयों का मानदेय बढ़ा **जिला परिषद् अध्यक्ष को 15 के बजाए 20 हज़ार मिलेगा, उपाध्यक्ष को 15 हज़ार ** नई पंचायतों में पंचायत घर बनाने के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान, 164 पंचायत सचिव के पद भरेगी सरकार ** ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग के लिए 1916 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है ** शिमला के पास जाटिया देवी में नया शहर बसाने का ऐलान **हिमाचल में नया वाटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन बिल लाएगी सरकार **जलशक्ति विभाग में 5 हजार पद भरने की घोषणा **मुख्यमंत्री लघु दुकानदार योजना शुरू करने की घोषणा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनआइसी के साथ मिलकर एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आइआरएडी) तैयार करने के लिए एप विकसित किया है जिसमें सड़क दुर्घटना से मृत व घायल होने वालों की सूचना अपडेट होगी। इस एप में दर्ज डेटाबेस का अध्ययन आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ करेंगे। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना के डेंजर जोन को चिह्नित कर घायल लोगों को गोल्डन आवर में जरूरी चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाकर मृत्यु दर के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बलवान नेगी ने बताया कि इस एप के इस्तेमाल लिए एनआइसी के रोल आउट मैनेजर अश्वनी नेगी ने पुलिस, स्वास्थ्य, हाईवे और परिवहन विभाग के लगभग 160 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है। अभी तक इस एप में पुलिस विभाग द्वारा 17 दुर्घटना अंकित की गई हैं। उन्होंने बताया कि इस एप्लीकेशन के जरिए पुलिस सड़क दुर्घटनाओं को मौके पर दर्ज कर रही है तथा परिवहन विभाग गाड़ियों का मोटर व्हीकल इंस्पेक्शन कर रहा है। इसी प्रकार हाईवे डिपार्टमेंट दुर्घटना स्थल की रोड डिटेल अपडेट करेगा तथा स्वास्थ्य विभाग सड़क हादसे के घायलों की सूचना अपडेट करेगा।
उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा जिला किन्नौर अशोक नेगी ने बताया कि प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की कला, गणित व विज्ञान विषयों की अनुबंध आधार पर भर्ती के लिए जिला के विभिन्न वर्गों के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 28 मार्च को उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय में होना निश्चित हुआ है। उन्होंने बताया कि इस सन्दर्भ में रोजगार कार्यालयों से नाम मंगाए गए थे तथा पात्र अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु पत्र भेजे गये हैं। सभी पात्र अभ्यर्थियों से अनुरोध किया किया है कि वह 28 मार्च को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक विज्ञान, कला व गणित विषयों के साक्षात्कार हेतु प्रातः 11 बजे उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक जिला किन्नौर स्थित रिकांगपियो के कार्यालय में पहुंच जाएं। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों से आवश्यक दस्तावेज व एक पासपोर्ट साईज फोटो लाना सुनिश्चित करने को कहा है।
नेहरू युवा केंद्र किन्नौर के सौजन्य से दो दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन ठाकुर सेन नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांग पीओ में 11 व 12 मार्च को करवाया गया। इसमें वॉलीबॉल, रस्साकस्सी, 100 तथा 400 मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में वॉलीबॉल में प्रथम स्थान कैलाश वारियर क्लब तांगलिंग और द्वितीय स्थान ब्लैक बुल्स ने प्राप्त किया। लड़कियों में प्रथम स्थान विकेंडस वारियर रिकांगपिओ और द्वितीय स्थान गर्ल्स फ्रॉम चीने कल्पा ने प्राप्त किया। रस्साकस्सी में प्रथम स्थान महिला मंडल पांगी ने हासिल किया और द्वितीय स्थान महाविद्यालय के छात्रों ने हासिल किया। 100 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान निखिल, द्वितीय स्थान ऋषि और तीसरा स्थान विरेंद्र ने हासिल किया। 400 मीटर दौड़ में गौरव नेगी ने प्रथम स्थान, अभिषेक अक्षयान ने दूसरा स्थान और सुभाष ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्रोफेसर ज्ञान कुमार उपस्थित रहे। उन्होंने विजेताओं को समृति चिन्ह भेंट कर पुरस्कृत किया तथा उन्हें आगे भी इस प्रकार से खेल गतिविधियों में भाग लेने का सुझाव दिया और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।
मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला ने 12 मार्च से 15 मार्च तक जिला किन्नौर में बर्फबारी व वर्षा की चेतावनी जारी की है। इस बाबत उपायुक्त किन्नौर तोरुल एस रवीश ने लोगों से आग्रह किया कि वह इस चेतावनी के मद्देनजर ऊपरी पहाड़ी भागो में जाने से परहेज रखें, जिससे वह सुरक्षित रह सके। उपायुक्त ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार इस दौरान जिला में होने वाले बारिश की आशंका व बर्फबारी के मद्देनजर सभी नागरिक व पर्यटक अधिक ऊंचाई वाले इलाको में ट्रैकिंग न करें एवं अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर रहे और किसी प्रकार का जोखिम न उठाये। उपायुक्त ने कहा कि इस सूचना को मदेनजर रखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में उच्च सतर्कता बनाये रखे तथा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या घटना की स्थिति में तत्काल प्रभाव से जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र के दूरभाष नंबर 8580819827, 9459457587, 01786-223155,51,52,53, 54 एवं टोल फ्री नम्बर 1077 पर सूचित करे।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला किन्नौर के निचार खण्ड स्थित एकलव्य मॉडल रिहायशी विद्यालय के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्माण कार्य में पूर्ण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने विद्यालय के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण करते हुए विभिन्न कक्षाओं, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, छात्रावास व निर्माणाधीन भवनों का भी दौरा किया। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान घटिया गुणवत्ता के दरवाजे, खराब पेंट, टूटी सीढ़ियां आदि से संबंधित पायी गई कमियों को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि अगर इन कमियों को अगले निरीक्षण तक ठीक नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को भी समय-समय पर निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि कमियों को साथ के साथ ठीक किया जा सके। कैबिनेट मंत्री ने निरीक्षण करते हुए सातवीं कक्षा का दौरा किया और पढ़ रहे बच्चों से संवाद भी किया। इस दौरान उन्होंने कक्षा में अच्छी गुणवत्ता वाले फाइबर के बोर्ड इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी विद्यार्थियों को नए बेंच उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। विद्यालय की प्रधानाचार्य गीतांजलि भूषण ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय में अभी कुछ कक्षाओं को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि 480 बच्चों की क्षमता के अनुसार विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर तहसीलदार निचार चंद्र मोहन ठाकुर, उपपुलिस अधीक्षक नरेश शर्मा, एसडीओ लोक निर्माण विभाग ज्ञान ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व विद्यालय प्रबंधन के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
उपनिदेशक उद्यान किन्नौर, के सभागार में क्षेत्रिय बागवानी अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केन्द्र मशोबरा तथा बागवानी विभाग जिला किन्नौर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय बागवानी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसमें कल्पा खण्ड के लगभग 50 प्रगतिशील बागवानो ने भाग लिया। प्रशिक्षण शिविर में डा0 संगीता शर्मा, कीट वैज्ञानिक क्षेत्रिय बागवानी अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केन्द्र मशोबरा, डा0 बलबीर सिहं, विषय विशेषज्ञ (उद्यान), डा0 शमशेर सिंह, विषय विशेषज्ञ (उद्यान) एंव डा0 राजेश कुमार, उद्यान विकास अधिकारी, ने बागवानी से जुडे. विभिन्न पहलुओं पर बागवानों को जानकारी प्रदान की। डा0 संगीता शर्मा, कीट वैज्ञानिक, ने सेब के विभिन्न कीटों से होने वाले नुकसान तथा उसकी रोकथाम बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होनें सेब में माईट की रोकथाम हेतु हरीकली से आधा इंच हरीकली अवस्था के बीच हार्टीकल्चर मिनरल आॅयल, 4 लीटर/200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सिफारिश की। उन्होंने विभिन्न मित्र कीटों की पहचान और संवर्धन करने हेतु बागवानो को जागरूक किया और बागवानो को सलाह दी कि बिना वैज्ञानिकों अथवा विशेषज्ञों के परामर्श से कोई भी कीटनाशक का छिडकाव न करें। शिविर में डा0 बलबीर सिंह, विषय विशेषज्ञ (उद्यान), ने बागवानी में मधुमक्खियों के महत्व एवं परागण में योगदान तथा रख रखाव बारे जानकारी प्रदान की। डा0 शमशेर सिंह, विषय विशेषज्ञ (उद्यान) ने मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के अंतर्गत बागवानो को दी जाने वाली सहायता एंव प्रशिक्षण बारे जानकारी दी। डा0 राजेश कुमार, उद्यान विकास अधिकारी, ने बागवानो को विभाग द्वारा परागण हेतु दी जाने वाली मधुवशं (बक्से) बारे जानकारी प्रदान की और बागवानों से इस सम्बध में मधुवशं (बक्से) की मांग देने हेतु जानकारी प्रदान की।
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रदेश के लोगों और पर्यटकों से वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण प्रतिवर्ष सैंकड़ों लोगों की मृत्यु होती है और हजारों लोग घायल हो जाते हैं। इसका सामाजिक परिवेश के साथ-साथ आर्थिक व्यवस्था पर भी कुप्रभाव पड़ता है। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 21.27 लाख वाहन पंजीकृत हैं जिनमें से नौ लाख से अधिक दो पहिया वाहन है। अधिकांश दो पहिया वाहनों का उपयोग युवाओं द्वारा किया जाता है। तेज रफ्तार और हेलमेट का प्रयोग नहीं करनेे से सड़क दुर्घटना व गंभीर चोटों का जोखिम और भी बढ़ जाता है। उन्होंने वाहन चलाते समय सीमित गति, हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग करने के साथ-साथ मोबाईल फोन का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया।
उप-निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अशोक नेगी ने आज यहां बताया कि जिला किन्नौर के प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में अनुबंध आधार पर शास्त्री अध्यापक के 6 पद तथा भाषा अध्यापक का एक पद भरा जाना है जिसके लिए साक्षात्कार 17 मार्च, 2023 को प्रातः 11बजे कार्यालय उप-निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रिकांग पिओ में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शास्त्री अध्यापक के कुल 6 पद भरे जाएंगे जिसमें तीन पद अनुसूचित जाति (सामान्य), दो पद अनुसूचित जाति (आई.आर.डी.पी) तथा एक पद अनुसूचित जनजाति (आई.आर.डी.पी) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाषा अध्यापक का कुल एक पद भरा जाएगा जो अनुसूचित जाति (आई.आर.डी.पी) के लिए आरक्षित है। उन्होंने बताया कि इन पदों को भरने के लिए रोजगार कार्यालय से नाम मंगवाए गए थे जिन्हें पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया है। उन्होंने सभी पात्र अभ्यर्थियों से आग्रह किया कि वह 17 मार्च को कार्यालय उप-निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रिकांग पिओ में सभी आवश्यक दस्तावेजों व एक पासपोर्ट साईज फोटो सहित पहुंचना सुनिश्चित बनाएं।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव बहुउद्देशीय परियोजनाएं विद्युत, पर्यटन, वन एवं परिवहन सुन्दर सिंह ठाकुर ने आज जिला किन्नौर के पांगी गांव स्थित कांशंग जल विद्युत परियोजना तथा शोंगठोंग जल विद्युत परियोजना का निरीक्षण किया और परियोजनाओं के अधिकारियों को कार्य गति को बढ़ाने के निर्देश दिए। काशंग परियोजना का निरीक्षण करते हुए केबिनेट मंत्री व सी.पी.एस ने परियोजना अधिकारियों को परियोजना स्थल के लिए जाने वाले सड़क मार्ग को दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुरंग से निकलने वाले मलबे का इस्तेमाल सड़क मार्ग की सोलिंग के लिए किया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने शरद ऋतु के चलते बंद पड़े कार्य को जल्द शुरू करने तथा कार्यस्थल पर सी.सी.टी.वी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। इसके उपरान्त केबिनेट मंत्री व सी.पी.एस ने काशंग परियोजना में लगे कामगारों के लिए उपलब्ध करवाई गई आवासीय सुविधा का भी जायजा लिया।इसके उपरान्त केबिनेट मंत्री व सी.पी.एस ने काशंग पावर हाउस का भी निरीक्षण किया और परियोजना अधिकारियों को जमीनी स्तर पर उतरकर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि परियोजना कार्य को गति मिल सके।शोंगठोंग परियोजना का निरीक्षण करते हुए केबिनेट मंत्री व सी.पी.एस को वहां उपस्थित कामगारों ने मेहनताना समय पर न मिलने की समस्या से अवगत करवाया, जिस पर उन्होंने संज्ञान लेते हुए परियोजना अधिकारियों को कामगारों को समय पर मेहनताना देने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कामगारों की अन्य समस्याओं का निदान भी आने वाले समय में करने का आश्वासन दिया। इसके उपरान्त केबिनेट मंत्री व सी.पी.एस ने शोंगठोंग परियोजना के एच.आर.टी सुरंग व सर्जशाॅफ्ट का भी निरीक्षण किया।इस अवसर पर सी.पी.एस की धर्म-पत्नी इंदिरा ठाकुर, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमेटिड हरिकेश मीणा, मुख्य अर्णयपाल अजीत ठाकुर, उपमण्डलदण्डाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता, हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमेटिड के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
किन्नौर जिला के कल्पा उपमण्डल में स्थित रकच्छम में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली के माध्यम से 14 दिवसीय स्कींग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 70 स्थानीय युवा 03 युवतियां भाग ले रहें हैं। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली के प्रशिक्षक अंकुश वर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण 27 फरवरी से 12 मार्च, 2023 तक चलेगा। इस 14 दिवसीय प्रशिक्षण में युवाओं को स्कींग से सम्बधिंत कौशल की जानकारी प्रदान की जा रही है ताकि युवा स्कींग के क्षेत्र में अपना नाम कर सकें। उन्होंने बताया कि उनके साथ दो अन्य प्रशिक्षक एल.सी नेगी व निश्चय राण्टा इन प्रशिक्षुओं को स्कींग के गुर सिखा रहे हैं। अंकुश वर्मा ने बताया कि किन्नौर जिला पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है तथा यहां सर्दियों के मौसम में पर्याप्त बर्फबारी होती है तथा इस अनुकूल परिस्थिति के मद्देनजर स्कींग मनोरंजन के साथ-साथ आय का अच्छा स्त्रोत भी है। इसी के साथ-साथ स्कींग विंटर गेम्ज व साहसिक खेलों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ाने में अच्छा योगदान कर सकती है। प्रशिक्षण में भाग ले रही रक्छम गांव की युवती दीक्षा ने बताया कि उनके लिए स्कींग सिखना एक अच्छा अनुभव है तथा यह प्रशिक्षण उनके लिए आगे चलकर काम आएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अन्य युवतियों से भी स्कींग कोर्स करने का आग्रह किया है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की जिला समन्वयक सतेंजिन लामो ने बताया कि यह प्रशिक्षण किन्नौर जिला के युवाओं को निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है तथा इन प्रशिक्षुओं को रहने व खाने-पीने की व्यवस्था निगम द्वारा प्रदान की जा रही है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि जिला किन्नौर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और किन्नौर जिला में स्कींग को बढ़ावा देने के दृष्टिगत 4 स्लोपस को विकसित किया जा रहा है जिसमें चाका-कंडा, सांगला-कंडा, रूकती तथा रकच्छम शामिल हैं। इसी के मद्देनजर रकच्छम में 14 दिवसीय स्कींग प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य किन्नौर जिला में शीतकालीन खेलों व पर्यटन को बढ़ावा देना है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करते हुए जेएसडब्ल्यू द्वारा सीएसआर के तहत शोल्टू स्थित चरखा स्वयं सहायता समूह की 136 महिलाओं को हैंडलूम का परीक्षण प्रदान कर उन्हें बुनकर कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। चरखा स्वयं सहायता समूह की प्रधान आशा नेगी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें यह कार्ड जेएसडब्ल्यू कंपनी के परियोजना प्रमुख कौशिक मौलिक ने शोल्टू स्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में वितरित किए l आशा कुमारी ने बताया की सभी महिलाओं को हैंडलूम का परीक्षण जेएसडब्ल्यू कंपनी द्वारा सीएसआर के अंतर्गत दिया गया था तथा प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत उन्हें बुनकर कार्ड भी उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि बुनकर कार्ड बनने के उपरांत अब सभी महिलाएं सरकार की ओर से बुनकरों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं का पूर्ण लाभ ले सकेंगी। उन्होंने जेएसडब्ल्यू कंपनी का महिला सशक्तिकरण के दिशा में किये जा रहे विभिन्न कार्यों के लिए धन्यवाद किया।
आगामी अग्निवीर भर्ती रैली के लिए ऑनलाइन वेबसाइट ज्वाइन इंडियन आर्मी डाट एन आई सी डांट आइ एन पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। पंजीकरण की प्रक्रिया 6 फरवरी 2023 से शुरू हो गयी है। यह आवेदन 15 मार्च 2023 तक स्वीकार किए जाएंगे। उम्मीदवारों की सुविधा के लिए वेबसाइट में वीडियों लिंक है जिन्हे उम्मीदवार बदली हुई प्रक्रिया पंजीकरण कैसे करे और ऑनलाइन परीक्षा में कैसे उपस्थित हों समझने के लिए देख सकते है। अग्निवीर जनरल ड्यूटी, क्लर्क, स्टोरकीपर, टैक्नीकल, ट्रेड्समैन और टैक्नीकल के लिए ऑनलाइन परीक्षा 27 अप्रैल 2023 से 04 मई 2023 के बीच विभिन्न केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी। उम्मीदवार आवेदन करते समय अपनी पसंद का केन्द्र चुन सकते है। सेना भर्ती कार्यालय शिमला के भर्ती निदेशक कर्नल शलव सनवाल ने जानकारी सी है कि भर्ती प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब पहले चरण में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी व दूसरे चरण में ऑनलाइन परीक्षा में मेरिट में चयनित अभ्यर्थियों को भर्ती रैली में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों का जन्म 01 अक्टूबर 2002 से 01 अप्रैल 2006 के बीच हुआ है वह भर्ती के लिए आवेदन कर सकते है। भर्ती निदेशक शिमला कर्नल शलव सनवाल ने यह भी बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए शुल्क के रूप में उम्मीदवारों को 250 रूपए का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। उन्होने कहा कि पंजीकरण के लिए साइबर कैफे की सेवाओं का उपयोग करने वाले उम्मीदवार अपने व्यक्तिगत और वित्तीय डाटा की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतें। एन. सी. सी. सी सर्टीफिकेट धारकों को देनी होगी परीक्षा इस बार एन. सी. सी. सर्टीफिकेट धारकों को भी ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी और उन्हे परीक्षा में बोनस अंक दिए जाएगे। उम्मीदवारों को उन्होने सलाह देते हुए कहा कि वे आवेदन करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उनका आधार डाटा उनके मैट्रिक प्रमाण - पत्र के डाटा के साथ मेल खाता हो जिसके बिना उन्हे पंजीकरण प्रक्रिया में समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।
हिमाचल की राजधानी शिमला आए हर व्यक्ति ने ये नाम तो सुना ही होगा, इस पॉइंट से गुज़रे भी होंगे लेकिन इस जगह पर ऐसा क्या स्कैंडल हुआ, जिससे इसका नाम स्कैंडल पॉइंट रख दिया गया, ये सवाल भी बहुचर्चित है। बात बहुत पुरानी है तो कहानियां भी बहुत सी बन गईं है। कुछ कहते कि इस जगह पर हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हुआ था तो कुछ इस तथ्य को मानने से इंकार करते है। स्कैंडल पॉइंट से जुड़ी कहानियों में से एक कहानी है पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह की। बात 1892 की है, ब्रिटिश शासन में शिमला के वाईस रॉय और पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह अच्छे दोस्त हुआ करते थे और अक्सर वाईसरॉय के घर पर आया जाया करते थे। उसी समय पटियाला के राजा को वाईसरॉय की बेटी से महब्बत हो गई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया लेकिन वाईसरॉय को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था और उन्होंने इसका विरोध भी किया। लेकिन दोनों प्रेमी अपना मन मना चुके थे। ब्रिटिश काल में शिमला के मालरोड पर शाम के समय ब्रिटिश अधिकारी अपने परिवार के साथ टहलने आया करते थे मगर यहां हिन्दुस्तानियों को आने की अनुमति नहीं थी। एक दिन शाम जब सब मॉलरोड पर टहल रही थे तो पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वाइसराय की बेटी को उठा लिया था। इसे पहला लव स्कैंडल कहा जाता है और जिस जगह पर यह कथित वारदात हुई उसे आज स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। महाराजा भूपिंद्र सिंह ने वाइसराय लार्ड कर्जन की बेटी को उठाया था। कहा जाता है कि महाराजा भूपिंद्र सिंह घोड़े पर सवार होकर आए और मालरोड पर टहल रही लार्ड कर्जन की बेटी को उठा ले गए। गुस्से में वायसराय ने उनका शिमला आने पर प्रतिबंध लगा दिया। महाराजा ने भी अपनी आन-बान और शान के लिए शिमला से भी ऊंचा नगर बसाने की ठान ली और चायल का निर्माण कर डाला। पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। वर्ष 1900 में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 38 साल तक राजपाट किया। उन्होंने ऑनरेरी लेफ्टीनेंट कर्नल के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे। वर्ष 1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी वही थे। यहां हुआ था हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हालांकि कुछ इतिहासकार इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि लार्ड कर्जन साल 1905 तक वाइसराय रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बड़ी बेटी आइरिन की उम्र उस समय महज 9 साल थी। पंजाब यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर रह चुकी मंजू जैदका अपनी किताब स्कैंडल पॉइंट में लिखती है कि इस जगह से उनकी बहुत सी यादें जुडी है, उन्होंने इस पर काफी शोध भी किया है लेकिन महाराजा भूपेंदर सिंह की उम्र का तकाज़ा रखते हुए ये कहानी सच नहीं हो सकती। लेखिका का मानना है कि इस कहानी में भूपेंदर सिंह के पिता राजेंदर सिंह को होना चाहिए क्यूंकि उनकी एक अँगरेज़ बीवी और बेटा था। हालाँकि सच क्या है ये तो एक रहस्य ही रहेगा, जो इतिहास में दफ़न हो चुका है।
नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर आई है। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार चयन सेवाएं संगठन आउटसोर्सिंग एजेंसी (एचपीयूएसएसए) मुख्य कार्यालय शिमला ने विभिन्न श्रेणियों के (687) पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की है। इन पदो के लिए आवेदन एजेंसी के व्हाट्सएप पर नंबर पर ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। प्रदेश के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन करने के लिए अपना बायोडाटा फोन नंबर सहित, पदनाम सहित, साधारण एप्लीकेशन लिखकर ,अपनी शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण पत्रों की छाया प्रति, आधार कार्ड, हिमाचली बोनाफाइड , पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र, रोजगार कार्यालय कार्ड, पीडीएफ फाइल/ स्कैनड बनाकर एजेंसी के व्हाट्सएप नंबर 89881-14000 पर अपना आवेदन निर्धारित तिथि तक भेज सकते है। आवेदन की अंतिम तारीख 12 फरवरी 2023 निर्धारित की गई है। संघ के निदेशक विनीत शर्मा ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में क्लर्क ऑफिस एग्जीक्यूटिव, एचआर कोऑर्डिनेटर, बैंक सेल्स ऑफिसर , बैंक डिलीवरी एसोसिएट्स , फोन बैंकिंग ऑफीसर, सिक्योरिटी गार्ड, आईटीआई ऑल ट्रेड पासआउट, कंपनी भर्ती अधिकारी , एक्स सर्विसमैन सिक्योरिटी सुपरवाइजर , बस कंडक्टर, कार्यालय सहायक, अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव , ऑफिस कोऑर्डिनेटर, बैंक कैश हैंडलिंग एग्जीक्यूटिव, ब्रांच सेल्स ऑफिसर, स्टोरकीपर, कंप्यूटर ऑपरेटर ,बिजनेस प्रमोशन एग्जीक्यूटिव , एक्स सर्विसमैन जेसीओ, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, जनरल वर्कर हेल्पर, ड्राइवर, लैब असिस्टेंट , आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट , स्टाफ नर्स एएनएम, स्टाफ नर्स जीएनएम , एमआई रिकवरी मैनेजर, फ्लाइंग ऑफिसर, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मैकेनिकल, वेल्डर, पंप ऑपरेटर, एक्स सर्विसमैन गनमैन पीएसओ, जेसीबी ऑपरेटर, बैंक रिलेशनशिप मैनेजर , पेपर सैटर , फॉर्म सेल्स एग्जीक्यूटिव, पीएन कम चौकीदार के पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इन पदों के लिए उम्मीदवार की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है. उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता वांछनीय योग्यता संबंधी जानकारी के लिए एजेंसी की आधिकारिक/ ऑफिशल वेबसाइट www.hpussa.in से जानकारी ले सकते हैं। एजेंसी द्वारा उम्मीदवारों का चयन छटनी/ लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू द्वारा ही चयन किया जाएगा. लिखित परीक्षा (150) क्रमांक एवं इंटरव्यू (30) क्रमांक का होगा. लिखित परीक्षा में हिमाचल सामान्य ज्ञान, एवरीडे साइंस ,भूगोल, गणित, इतिहास, जनरल हिंदी, इंग्लिश, कंप्यूटर न्यूमेरिकल एटीट्यूट से बहुविकल्पीय ऑब्जेक्टिव टाइप एमसीक्यू प्रश्न पूछे जाएंगे. एजेंसी द्वारा लिखित परीक्षा 19 फरवरी 2023 को ऑनलाइन ही आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को इनरोलमेंट नंबर ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। लिखित परीक्षा का परिणाम 17 मार्च 2023 को संघ की आधिकारिक ऑफिशियल वेबसाइट www.hpussa.in पर देख सकते है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता आठवीं, दसवीं, 12वीं , ग्रेजुएट, बीएससी बीएड, एमकॉम, बीकॉम, डीसीए, पीजीडीसीए, डिप्लोमा/ डिग्री होल्डर होनी चाहिए. संघ द्वारा नियुक्त किए गए उम्मीदवारों का मासिक वेतनमान 10750/- ग्रेड पे- से लेकर 40870/- सीटीसी ग्रेड पे- तक दिया जाएगा। इसके अलावा जनरल प्रोविडेंट फंड, पीएफ, ईएसआई, मेडिकल इंश्योरेंस , प्रमोशन , बोनस ओवरटाइम की सुविधा भी मिलेगी. यह सभी पद 2 वर्ष के अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे, जिन्हें बाद में पॉलिसी एक्ट के तहत रेगुलर किया जाएगा। नियुक्त किए गए उम्मीदवार प्रदेश की एमएनसी कंपनियों, सिपला, गोदरेज, कैडबरी , चेकमेट , डाबर, मारुति ,हीरो होंडा, विभिन्न बैंकिंग, मेडिकल कॉलेज , हिमाचल स्टेट रूरल कॉरपोरेशन, स्टेट पावर कॉरपोरेशन, पीएचसी हॉस्पिटल, हिमाचल स्टेट पावर प्रोजेक्ट, फाइनेंस सेक्टर, एलआईसी, स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी, मॉल, एनजीओ, सरकार के पंजीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। नियुक्त किए गए उम्मीदवारों को हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मंडी, सोलन, कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर ,उना ,मोहाली ,चंडीगढ़, जीरकपुर , दिल्ली, नोएडा, जालंधर क्षेत्रों में कहीं भी तैनाती दी जा सकती है। यह तमाम भर्ती प्रक्रिया मार्च माह के अंत में पूरी कर ली जाएगी। चुने गए उम्मीदवारों की सूची अधिकारिक वेबसाइट में भी प्रेषित कर दी जाएगी। उम्मीदवार अधिकतर जानकारी के लिए कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 94181-39918 94184-17434 62305-90985 पर संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश की बागवानों के बगीचों में अब यूएसए के गुठलीदार फलों के पौधे उग सकेंगे। हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार यूएसए से प्लम आडू, खुमानी व बादाम के 56,000 पौधे आयात करने जा रहा है। इन पौधों की खेप इसी माह हिमाचल पहुंच जाएगी। शिमला जिले के ठियाेग, कोटखाई, रामपुर, कुमारसैन और रोहड़ू सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है। वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए बागवानी मंत्री जगत नेगी ने बताया कि पौधों को एक साल के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा ताकि, यह सुनिश्चित हो सके की पौधों में कोई बीमारी तो नहीं है। अगले साल उद्यान विभाग बागवानों को यूएसए से आयातित पौधे का आवंटन करेगा। पौधों के आयात से पहले उद्यान विभाग के अधिकारी आपूर्ति पूर्व निरीक्षण भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक साल क्वारंटीन अवधि के बाद अगले साल बागवानों को यह पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि इसमें कोई समस्या न आए। अभी हार के गम में है जयराम-जगत सिंह नेगी जगत नेगी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी गम में हैं। इसलिए इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्ज लेते रही और संसाधन जुटाने में नाकामयाब रही। नेगी ने कहा कि कांग्रेस का काम करने का तरीका अलग है हम संसाधन जुटाएंगे, कर्ज भी लेंगे, लेकिन सभी काम एक दायरे में करेंगे। विपक्ष द्वारा विधायक निधि न दिए जाने के आरोप पर जगत नेगी ने कहा' "विधायक निधि दें कहाँ से, पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा, कर्ज तले दबा दिया है। प्रदेश की आर्थिकी डगमगा गई है।"
और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के परियोजना प्रबंधन को दिए निर्देश फर्स्ट वर्डिक्ट। रिकांगपिओ उपमण्डल दण्डाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने आज श्रम अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश उर्जा निगम लिमेटिड के अधिकारियों के साथ शोगटोंग-करच्छम में चल रही जल विद्युत परियोजना कार्य में लगे कामगारों के लिए उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया तथा परियोजना प्रबंधन को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कहा। उन्होंने शोंगटोंग तथा रली में कामागारों के लिए बनाए गए अस्थाई आवासों का निरीक्षण किया तथा वहां उपस्थित कामगारों से सुविधाओं से संबंधित समस्याओं बारे जानकारी हासिल की। इस दौरान कुछ कामगारों ने मेहनताना देरी से मिलने की समस्या से उपमण्डल दंडाधिकारी को अवगत करवाया, जिस पर उन्होंने परियोजना प्रबंधन को तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। परियोजना प्रबंधन के अधिकारियों ने डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता को बताया कि शोंग-टोंग में कामगारों के लिए चार खंड में आवासीय सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें लगभग 200 कामगार रह रहे हैं। इसी प्रकार रली में भी दो खण्ड में आवासीय सुविधा कामगारों को उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि कामगारों को बिजली, पानी, मैस तथा शौचालय की उचित व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा रही है। उपमण्डल दण्डाधिकारी ने कहा कि कामगारों के हितों की सुरक्षा तथा उन्हें हर मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है। इसी दिशा में उन्होंने परियोजना प्रबंधन को कामगारों के लिए और बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
02 से 06 फरवरी, 2023 तक सेना भर्ती कार्यालय शिमला में होगा दस्तावेजीकरण फर्स्ट वर्डिक्ट। रिकांगपिओ कर्नल शाहवाल सनवाल ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 15 जनवरी, 2023 को राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर शिमला में आयोजित भारतीय थल सेना भर्ती के अग्निवीरों की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा में उत्त्तीर्ण उम्मदीवारों का उनके रोल नम्बर के आगे दर्शायी गई तिथियों के अनुसार 02 फरवरी से 06 फरवरी, 2023 तक सेना भर्ती कार्यालय शिमला में दस्तावेजिकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अग्निवीर जीडी ट्रेड के रोल नंबर 140002 से 140304 के कुल 100 अभ्यर्थियों का 02 फरवरी, 140306 से 140614 के कुल 100 अभ्यर्थियों का 03 फरवरी, 140615 से 141009 के कुल 100 अभ्यर्थियों का 04 फरवरी तथा 141014 से 141277 के कुल 60 अभ्यर्थियों, अग्निवीर टेक ट्रेड के रोल नंबर 175001 से 175011 कुल 8 अभ्यर्थियों, अग्निवीर ट्रेडसमेन (दसवीं) ट्रेड के रोल नंबर 225002 से 225008 कुल 5 अभ्यर्थी, अग्निवीर ट्रेडसमेन (आठवीं) ट्रेड के रोल नंबर 250012 तथा अग्निवीर लिपिक/एस.के.टी ट्रेड के रोल नंबर 200003 से 200024 कुल 9 अभ्यर्थियों का 06 फरवरी, 2023 को सेना भर्ती कार्यालय शिमला में दस्तावेजिकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी उनके रोल नम्बर के आगे दर्शायी गई तिथि को सेना भर्ती कार्यालय शिमला में प्रातः 9 बजे अपने मूल दस्तावेज (दसवीं एवं बारहवी पास की अंकतालिका, मूल निवास स्थाई प्रमाण पत्र और डोगरा जाति प्रमाण पत्र केवल नायब तहसीलदार/तहसीलदार व एसडीएम (सी) द्वारा हस्ताक्षर, जाति प्रमाण पत्र, चरित्र पत्र जो कि समूह के अंदर का देना चाहिये, 12 रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो 21 वर्ष से कम उम्मीदवार अपने अविवाहित प्रमाण पत्र, एनसीसी/खेलकूद प्रमाण पत्र यदि हो तो तक पहुंचना सुनिश्चित करें।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छः मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, दून से विधायक राम कुमार चौधरी, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ से विधायक किशोरी लाल और अर्की से विधायक संजय अवस्थी को सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। इनमें से सूंदर सिंह ठाकुर, आशीष बुटेल और राम कुमार चौधरी को मंत्री पद की दौड़ में भी माना जा रहा था, लेकिन इन्हें सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी 6 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुंदर सिंह ठाकुर : दूसरी बार बने है विधायक 57 वर्षीय सुंदर सिंह ठाकुर लगातार दूसरी बार कुल्लू सदर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे है। सुंदर सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी (मेडिकल) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की। ठाकुर बागवानी एवं होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। सूंदर सिंह ठाकुर ने वर्ष 1985-86 में हिमसा चंडीगढ़ के संगठन सचिव के रूप में कार्य किया। इसके उपरांत वर्ष 1989-91 तक हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, 1991 में पंचायत समिति सदस्य, वर्ष 1991-94 तक पंचायत समिति कुल्लू के अध्यक्ष, वर्ष 1994-99 तक जिला परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009-2012 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के राज्य प्रतिनिधि तथा वर्ष 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद पर रहे। ठाकुर ने 2003-08 तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा वर्ष 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश खेल परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया। सुंदर सिंह दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए और जनरल डेवलपमेंट एंड सबोर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक के रूप में चुने गए। मोहन लाल ब्राक्टा : लगातार तीसरी बार बने विधायक 57 वर्षीय मोहन लाल ब्राक्टा ने विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है और एक अधिवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं। ब्राक्टा वर्ष 2012 में पहली बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2013 से 2017 तक इन्होंने प्राक्कलन, ग्राम नियोजन, सार्वजनिक उपक्रम, कल्याण, विशेषाधिकार एवं नीति समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह पुनः निर्वाचित हुए और कल्याण, नियम एवं ई-गवर्नेंस व सामान्य मामले समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए यह पुनः बतौर विधायक चुने गए है। मोहन लाल ब्राक्टा को होली लॉज खेमे का माना जाता है। राम कुमार चौधरी : मंत्री पद की दौड़ में थे शामिल राम कुमार चौधरी को सियासत विरासत में मिली है। उनके पिता लज्जा राम कई बार विधायक और मुख्य संसदीय सचिव रहे है। राम कुमार चौधरी ने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं। राम कुमार चौधरी हरिपुर संदोली ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अतिरिक्त चौधरी वर्ष 1993-95 में प्रदेश एनएसयूआई के महासचिव, वर्ष 2003 में राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वर्तमान में महासचिव हैं। वर्ष 2006 से 2011 तक यह जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रहे। यह दिसंबर 2012 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए है। आशीष बुटेल : शांता कुमार के गृह क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत किया पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री बृज बिहारी लाल बुटेल के सुुपुत्र आशीष बुटेल दूसरी बार पालमपुर से विधायक बने है। पालमपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का गृह क्षेत्र है और यहाँ से बुटेल ने दोनों मर्तबा भाजपा के दिग्गज नेताओं को हराया है। 2017 में उन्होंने इंदु गोस्वामी को हराया था और इस बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को हराया है। बुटेल ने सिम्बोयसिस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय पुणे से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। आशीष बुटेल को वर्ष 2011 से 2013 तक लोकसभा युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 2014 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। वह वर्ष 2017 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। आशीष बुटेल जिला कांगड़ा बॉस्केटबाल संघ के भी अध्यक्ष हैं। उनकी सामाजिक कार्यों तथा अध्ययन में विशेष रूचि है। किशोरी लाल : बैजनाथ से दूसरी बार बने है विधायक किशोरी लाल जिला कांगड़ा के बैजनाथ से दूसरी बार विधायक बने है। वह पांच बार पंचायत प्रधान तथा उप-प्रधान रहे हैं। वह ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव, जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। किशोरी लाल दिसम्बर, 2012 में प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में पुनः विधायक के रूप में चुने गए हैं। बैजनाथ पंडित संत राम की कर्मभूमि रही है और इसी सीट से उनके पुत्र सुधीर शर्मा भी दो बार विधायक बने है। ये सीट आरक्षित होने बाद यहाँ से कांग्रेस ने किशोरी लाल को चेहरा बनाया और वे तीन में से दो चुनाव जीतने में सफल रहे। संजय अवस्थी : क्रिकेट के मैदान से सियासी मैदान तक पहुंचे अवस्थी 57 वर्षीय संजय अवस्थी अर्की से दूसरी बार विधायक बने है। अवस्थी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है। संजय अवस्थी वर्ष 1996 से 2006 तक जिला क्रिकेट संघ सोलन के अध्यक्ष तथा वर्ष 2000 से 2005 तक नगर परिषद सोलन के पार्षद रहे। वह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। संजय अवस्थी 30 अक्टूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में प्रथम बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। संजय अवस्थी ने रणजी ट्रॉफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे है। महज 28 साल की उम्र में विक्रमादित्य सिंह 2017 में पहली बार शिमला ग्रामीण सीट से विधायक बने थे। इस बार विक्रमादित्य सिंह दूसरी बार विधायक बने है और अब 33 साल की उम्र में मंत्री भी बन गए है। अलबत्ता विक्रमादित्य सिंह को सियासत विरासत में मिली है लेकिन वे हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से है। अमूमन प्रदेश के हर निर्वाचन क्षेत्र में उनके समर्थक है और वे बीते चुनाव में कोंग्रस के स्टार प्रचारक भी थे। विक्रमादित्य ने इतिहास में स्नातक उपाधि सेंट स्टीफनज महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की। विक्रमादित्य 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह के मंत्री बनने के बाद उनके समर्थकों में ख़ासा उत्साह है और होली लॉज में एक बार फिर दिवाली सा माहौल है। गौरतलब है कि उनकी माता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी सीएम पद की दौड़ में थी लेकिन पार्टी ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया। इसके बाद होली लॉज समर्थकों में निराशा थी लेकिन अब विक्रमादित्य सिंह के मंत्री बनने से फिर नए उत्साह का संचार हुआ है।
जगत सिंह नेगी किन्नौर से पांचवी बार विधायक बने है और कांग्रेस के तेजतर्रार नेता है। उन्होंने बी.ए.एल.एल.बी. की शिक्षा डी.ए.वी. महाविद्यालय चण्डीगढ़ और पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है। जगत सिंह नेगी 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। इसके साथ ही जगत सिंह 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के अध्यक्ष भी रहे हैं। 1996 से 2011 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे। जगत सिंह नेगी ने पहली बार 1995 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। फिर 2003 में भी किन्नौर सीट पर जगत सिंह नेगी ने ही जीत हासिल की। 2007 का चुनाव वे हार गए लेकिन उसके बाद 2012 , 2017 और इस बार के चुनाव में लगातार तीन दफा जीत कर नेगी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। जगत सिंह नेगी इससे पहले विधानसभा उपाध्यक्ष भी रह चुके है और विपक्ष में रहते हुए अक्सर आक्रामक रहे है। संभवतः नेगी किन्नौर से पहले ऐसे विधायक है जो पुरे पांच वर्ष मंत्री रहेंगे।
जिला किन्नौर में इस बार भी विधानसभा चुनाव में भरपूर रोमांच देखने को मिला। पहले दिन से ही कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ जमकर खींचतान दिखी। कांग्रेस में जहाँ सीटिंग विधायक और वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी का टिकट अंतिम समय तक लटका रहा, तो भाजपा ने पूर्व विधायक तेजवंत नेगी का टिकट काटकर युवा सूरत नेगी को मैदान में उतारा। खफा होकर तेजवंत भी चुनावी समर में कूद गए और इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। नतीजन, भाजपा के बगावत का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी को मिला और जगत नेगी हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। जगत सिंह नेगी को 20696 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी सूरत नेगी को 13732 वोट प्राप्त हुए जबकि भाजपा के बागी तेजवंत नेगी ने 8574 मत लेकर भाजपा को डैमेज किया। किन्नौर के चुनावी इतिहास पर नज़र डाले तो अब तक सिर्फ ठाकुर सेन नेगी (तेते जी) ही जीत की हैट्रिक लगा सके है। ठाकुर सेन नेगी 1967 से 1982 तक लगातार चार चुनाव जीते। दिलचस्प बात ये है कि वे तीन बार निर्दलीय और एक बार लोकराज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। फिर वे भाजपा में शामिल हो गए और एक बार 1990 में भाजपा टिकट से भी जीतने में कामयाब हुए। ठाकुर सेन नेगी के अलावा जगत सिंह नेगी ही इकलौते ऐसे नेता है जो हैट्रिक लगाने में सफल हुए है।
फतेहपुर भाजपा के टिकट आवंटन के बाद सबसे चर्चित सीटों में से एक है। दरअसल ये वो सीट है जहाँ भाजपा ने नजदीकी निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी इम्पोर्ट किया है। नूरपुर से विधायक और कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया को भाजपा ने इस मर्तबा फतेहपुर फ़तेह करने का जिम्मा सौपा है। वैसे भी डॉ राजन सुशांत के पार्टी छोड़ने के बाद से इस क्षेत्र में भाजपा कभी कांग्रेस को जोरदार टक्कर नहीं दे पाई है। बगावत मानो यहाँ भाजपा की नियति बन चुकी है। यहाँ पार्टी दो उपचुनाव सहित लगातार चार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में पार्टी ने इस बार राकेश पठानिया को उतार कर बड़ा गैम्बल खेला है। दरअसल इस क्षेत्र में पार्टी टिकट के दो मुख्य दावेदार थे, बलदेव ठाकुर और कृपाल परमार। पिछले चुनावों को देखे तो पार्टी अगर एक को टिकट देती है, तो दूसरा नाराज हो जाता है। संभवतः पार्टी को लगा हो किसी तीसरे को लेकर पार्टी को एकजुट किया जा सकता है। पर दाव उलटा पड़ गया। कृपाल ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। दिलचस्प बात तो ये है कि कृपाल को मनाने के लिए खुद पीएम मोदी का फोन आया था, जो काफी वायरल भी हुआ। पर पीएम के मनाने पर भी कृपाल माने नहीं। अब कृपाल पर मतदाताओं की कितनी कृपा रही, ये देखना रोचक होगा। तो वहीं कभी भाजपा के नेता रहे पूर्व सांसद राजन सुशांत इस बार आम आदमी पार्टी से मैदान में है। पर डॉ राजन सुशांत का प्रचार प्रसार इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिखा है। पर इस क्षेत्र से वो चार बार विधायक रहे है और उनका एक सेट वोट बैंक है जिसके चलते उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। उधर कांग्रेस ने एक बार फिर भवानी सिंह पठानिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस में भवानी के नाम को लेकर कोई विरोध नहीं दिखा। भवानी सिंह पठानिया कॉर्पोरेट जगत की नौकरी छोड़कर अपने पिता स्व सुजान सिंह पठानिया की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए फतेहपुर लौटे है। पर पिछले चुनाव को जीत कर भवानी ने ये साबित कर दिया था की वे राजनीति के लिए नए नहीं है। बहरहाल कांग्रेस में 'जय भवानी' का नारा बुलंद है और समर्थक तो उन्हें भावी मंत्री भी बताने लगे है। जानकारों का मानना है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और भवानी भी ये चुनाव जीतते है तो उन्हें मंत्री पद या कोई अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है। बहरहाल, भवानी और विधानसभा के बीच भाजपा के बड़े नेता और मंत्री राकेश पठानिया, कृपाल परमार और राजन सुशांत जैसे दिग्गज है। अब फतेहपुर में युवा जोश की जीत होती है या अनुभव की, ये तो नतीजे ही तय करेंगे।
** मुश्किल हो सकती है भाजपा और आप की राह 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। किन्नाैर आज मुख्मंत्री जयराम ठाकुर ज़िला किन्नौर के कल्पा मेें श्याम सरण नेगी के परिजनों से मिले, जिनका देहांत 105 वर्ष की आयु में पिछले शनिवार 05 नवंबर 2022 को हुआ। श्याम सरन नेगी को भारत के पहले मतदाता होने का गौरव प्राप्त था। श्याम सरन नेगी, जिनका जन्म पहली जुलाई 1917 को हुआ था, वह आज़ाद भारत के पहले मतदाता थे। वह हिमाचल प्रदेश के कल्पा जिला किन्नौर में जन्मे और एक सेवानिवृत स्कूल शिक्षक थे। उन्होंने 1951 के आम उपचुनाव में पहला वोट डाला था। स्व. नेगी ने स्वतंत्र भारत का अपना पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को डाला। उन्हें चुनाव आयोग ने अपने सिस्टमेटिक वोटर एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन अभियान के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में नामित किया था। उन्होंने अपने जीवन को वोटर अवेयरनेस के लिए समर्पित किया और जागरूकता के लिए बहुत अभियान चलाए, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने की लिए अहम साबित हुए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने श्याम सरन नेगी के घर जाकर उनके परिजनों से नेगी के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और उनके निधन पर दुःख जताया और मुख्यमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
देश के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी का जन्म 1917 को किन्नौर जिला के कल्पा गांव में हुआ। 106 साल के श्याम शरण अपने पुश्तैनी गांव में रहते हैं। 1940 से 1946 तक वन विभाग में गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने। देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ। लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते 6 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए। पहले चुनाव के समय श्याम शरण किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे। चुनाव करवाने में उनकी ड्यूटी लगी थी, लेकिन वोट डालने का इतना शौक था और ड्यूटी शोंगठोंग के मुरंग में थी और वोट कल्पा में डालना था तो उन्होंने सुबह-सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। सुबह-सुबह ही वह अपने मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान पार्टी पहुंची। नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोल कर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और श्याम शरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने श्याम सरन नेगी की सराहना की और उन्हें देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की एक अहम कड़ी बताया। उन्होंने लिखा कि नेगी का वोट डालने के प्रति उत्साह हमारे युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करता है। वहीं सुंदरनगर में अपने सम्बोधन के दौरान भी पीएम मोदी ने श्याम सरन नेगी को याद किया। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी को श्रद्धांजलि दी।
भारत के पहले वोटर रहे श्याम सरन नेगी अपने अंतिम सफर पर निकल गए हैं। उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर शोंगठोंग स्थित सतलुज किनारे श्यमशान घाट तक ले जाया गया। जहां पर होमगार्ड बैंड बजाकर राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। इस दौरान किन्नौर पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। नेगी के अंतिम संस्कार में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं, चुनाव ऑब्जर्वर, उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक, SP विवेक चहल, SDM कल्पा शशांक गुप्ता सहित प्रशासन की टीम यात्रा में शामिल हुई और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं श्याम सरन नेगी के परिवार को सांत्वना देने के लिए केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त करीब 4 बजे किन्नौर पहुंचेंगे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निवासी 106 वर्षीय वयोवृद्ध श्याम सरन नेगी ने शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
भारत के पहले वोटर रहे श्याम सरन नेगी दुनिया को अलविदा कह दिया। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निवासी 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी ने शनिवार को अंतिम साँस ली। आजादी के बाद भारत में 1951-52 में जब पहले आम चुनाव हुए थे तो श्याम सरन नेगी ने ही उसमें सबसे पहले मतदान किया था। वहीं इस बार भी वह दुनिया से जाने से पहले भी अपना फर्ज अदा करके गए। जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन ने कहा कि हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नेगी ने पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालने की इच्छा जताई थी, लेकिन तबियत खराब होने के कारण उनके घर पर ही पोस्टल बैलट पेपर से मतदान करवाया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पुलिस बैंड और पूरे राजकीय सम्मान के साथ नेगी को अंतिम विदाई दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में के ऊपरी क्षेत्रों में हुए ताजा हिमपात से तापमान में और गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में धूप खिलने के बावजूद अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, जबकि न्यूनतम तापमान में विशेष कोई बदलाव नहीं आया है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट नारकंडा में 2.7, पालमपुर में 1.8 डिग्री सेल्सियस तक आई है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन मौसम साफ रहेगा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी। हालांकि, सुबह और शाम ठंड बढ़ेगी। वहीं सोमवार को रोहतांग, कुंजम, शिंकुला व बारालाचा सहित ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरने का क्रम शुरु हो गया है। हल्की बर्फ़बारी के बीच मनाली लेह, ग्रांफू काजा, दारचा पददुम व तांदी संसारी मार्ग में वाहनों की आवाजाही सुचारू है। पुलिस अधीक्षक लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने वाहन चालकों व पर्यटकों से आग्रह किया कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही सफर करें। हिमपात होने की सूरत में सफर से बचें।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ‘प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष’ कार्यक्रमों की श्रृंखला में किन्नौर जिला के टापरी के समीप छोल्टू में आयोजित समारोह के दौरान किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग 62 करोड़ रुपये लागत की 23 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने छोल्टू में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश की स्वतंत्रता में अतुलनीय योगदान देने वाले सेनानियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाया जिसे देश सहित हिमाचल में भी अपार समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि हिमाचल भी अपने गठन के 75वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और राज्य की उन्नति व समृद्धि में योगदान देने वाले यहां की मेहनतकश व ईमानदार जनता तथा नेतृत्व का आभार व्यक्त करने के लिए ‘प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष’ कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 19.84 करोड़ रुपये की पांच विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास भी किए। इनमें तहसील कल्पा में रिकांगपिओ और समीप के क्षेत्रों के लिए 15.54 करोड़ रुपये के जलापूर्ति योजना के स्रोत सुदृढ़ीकरण का कार्य, ग्राम पंचायत निचार में ईएमआरएस स्कूल निचार के लिए 1.13 करोड़ रुपये लागत का मल निकासी संयंत्र, ग्राम पंचायत असरंग में स्टेजिंग हट का 1.30 करोड़ रुपये का पुनः निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत पूह में 98 लाख रुपये की लोअर पूह कुहल सिंचाई योजना तथा ग्राम पंचायत पूह में सिंचाई योजना पूह कुलह के 89 लाख रुपये की लागत से कमान्द एरिया विकास कार्य का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 42.15 करोड़ रुपये की 18 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए, जिनमें तहसील सांगला की ग्राम पंचायत रिशवाल में 56 लाख रुपये की जलापूर्ति योजना सांगला कण्डा, होलदो नाला से रिस्पा गांव के लिए सिंचाई योजना का 1.42 करोड़ रुपये का जीर्णोंद्धार कार्य, तहसील मुरंग की ग्राम पंचायत जंग्गी में जंग्गी विश्राम गृह से खारोडो ऑर्चड के लिए 1.25 करोड़ रुपये की सिंचाई योजना, तहसील मुरंग के अकपा उपमण्डल में 70 लाख रुपये लागत के सहायक अभियन्ता कार्यालय व आवास, रूकटी (सांगला) में 1.66 करोड़ रुपये का 22 केवी नियंत्रण प्वांइट, डुमटी में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, ऋषि डोगरी में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 2.47 करोड़ रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, लुकमा-1 में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 56 लाख रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, लुकमा-2 में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 98 लाख रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, सांगला में 93 लाख रुपये की मल्टीपर्पज पार्किंग, एक करोड़ रुपये लागत की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला न्यूगलसेरी, निचार में 3.56 करोड़ रुपये के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में छात्रा छात्रावास, 11 करोड़ रुपये लागत की चौड़ा मजगांव (रूपी) सड़क, काठी में 4.12 करोड़ रुपये लागत की देवी चण्डीका राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, रारंग में 4 करोड़ रुपये लागत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का भवन, असरंग में 2.33 करोड़ रुपये का राजकीय उच्च विद्यालय, पूह में 1.42 करोड़ रुपये लागत का बस अड्डा तथा रिकांगपिओ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के लिए 1.20 करोड़ रुपये लागत के टाइप-2 आवास शामिल हैं।