** बंजर भूमि से एक साल में कमाए चार लाख पधर/कृष्ण भोज: मंडी जिला के किसान कड़ी मेहनत एवं सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं से सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। पधर उपमंडल के गांव मसेरन के दुनी चंद ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं को अपनाकर खेती से एक साल में ही लगभग 4 लाख की कमाई अर्जित की है। हिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड से वर्ष 2020 में सेवानिवृत होने के बाद पेंशन न होने के कारण जब उनके पास परिवार के भरण-पोषण का कोई जरिया न रहा तो वह खेती करके आय का स्रोत ढूंढने लगे। परन्तु बंदरों, आवारा पशुओं और जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने के कारण इसमें सफल नहीं हो पाए। ऐसी मायूसी में जब उन्हें एक किसान जागरूकता शिविर में कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिली तो उन्होंने खेतों की बाड़बंदी के लिए आवेदन किया। उनका आवेदन स्वीकार होने पर मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से उनकी 4 बीघा जमीन की बाड़बंदी हो गई। इसके उपरांत खेती का कार्य शुरू करने पर उन्होंने पक्षियों और ओलों से फसल को बचाने के लिए कृषि उत्पाद संरक्षण योजना से एंटी हेलनेट लगवाया और बेमौसमी सब्जी उत्पादन के लिए पॉलीहाऊस भी लगवा लिया। दुनी चंद का कहना है कि कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्होंने ऐसी जमीन पर जिस पर खेती करने से अभी तक शून्य कमाई हो रही थी, वहां एक साल में ही 4 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर ली। उन्होंने पॉलीहाऊस में विभिन्न बेमौसमी फसलें, एंटी हेलनेट में प्राकृतिक खेती से मौसमी सब्जियां तथा कोदरा, माह और मक्की की खेती की। खेतों में काम करने के लिए उन्होंने दो लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है।दुनी चंद ने बताया कि वह कृषि विभाग से मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाऊस योजना और कृषि उत्पादन संरक्षण योजना का लाभ लेकर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इससे पहले खेती से कोई आय नहीं हो रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार की योजनाएं उनके लिए वरदान साबित हुई हैं। वर्तमान में उन्होंने पॉलीहाऊस में टमाटर, खीरा और शिमला मिर्च की फसल उगाई है। नेट के अन्दर टमाटर लगाया है। खेत में तैयार सभी सब्जियां व अन्य फसलें खेत में ही बिक जाती हैं। दुनी चंद ने खेती से अच्छी आय होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अपनाने से खेती करके अच्छी आय अर्जित करने में सफल हुए हैं। उन्होंने किसानों, बागवानों और बेरोजगारों से अपील करते हुए कहा कि वे कृषि प्रोत्साहन योजनाएं अपनाकर उनका भरपूर लाभ उठाएं। इससे वे मेरी तरह अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकते हैं। द्रंग के कृषि विषयवाद् विशेषज्ञ सोनम कुमारी ने बताया कि दुनी चंद को मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत 2,19,459 रुपए और मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना में 1,40,649 रुपए कृषि उत्पादन संरक्षण योजना में 1,00,800 रुपए तथा पॉलीहाउस हाउस नवीकरण के तहत 20,482 रुपए का अनुदान प्रदान किया गया है। कृषि विभाग खंड द्रंग के ब्लॉक तकनीकी प्रबंधक ललित कुमार ने बताया कि आत्मा परियोजना के तहत प्राकृतिक खेती की जानकारी दी जाती है। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत किसानों को लाभ प्रदान करने के साथ ही दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है प्राकृतिक खेती के लिए प्लास्टिक ड्रम 200 लीटर 75 प्रतिशत उपदान पर किसानों को दिया जाता है। देसी गाय साहीवाल आदि के लिए 50 प्रतिशत उपदान, गौशाला का फर्श पक्का करने, जिसमें देसी गाय का गोबर गोमूत्र इकट्ठा कर लें, उसके लिए 80 प्रतिशत उपदान तथा प्रदर्शनी प्लांट में किसानों को फ्री बीज बांटा जाता है।
** टेस्ट करवाने के बाद लौट वापस घर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तबीयत एक बार फिर खराब हो गई है। आज सुबह स्वास्थ्य जांच के लिए सीएम सुक्खू आईजीएमसी अस्पताल शिमला पहुंचे। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका हेल्थ चेकअप किया गया एवं जरूरी टेस्ट लिए और उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। दरअसल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शनिवार सुबह 6 बजे आईजीएमसी अस्पताल पहुंचे। उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते वो जांच के लिए अस्पताल आए थे। जहां सीएम का अल्ट्रासाउंड किया गया और जरूरी टेस्ट किए गए, जिसके बाद उन्हें वापिस भेज दिया गया। गौरतलब है कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बीमार हो गए थे। उन्हें पेट में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद वो 25 अक्टूबर को शिमला के आईजीएमसी अस्पताल शिमला में एडमिट रहे थे। उसके बाद भी जब उनकी तबीयत ठीक नहीं हो पाई थी तो वो इलाज के लिए एम्स दिल्ली चले गए थे और 27 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक एम्स में एडमिट रहे थे। सीएम सुक्खू एम्स में 15 दिनों तक एडमिट रहे थे। जहां से सेहत में सुधार होने के बाद सीएम सुक्खू वापस हिमाचल प्रदेश लौट आए थे। हालांकि फिलहाल आईजीएमसी के डॉक्टरों ने बताया कि सीएम सुक्खू का स्वास्थ्य ठीक है और डॉक्टरों द्वारा इसे एक रूटीन चेकअप बताया जा रहा है।
** 300 यूनिट से ज्यादा खर्च करने पर सब्सिडी बंद हिमाचल में 90 हजार करोड़ कर्ज के बोझ के नीचे दबी प्रदेश सरकार ने आर्थिक सेहत सुधारने के लिए लोगों की जेब से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले जिस कांग्रेस में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी दी थी। प्रदेश की सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी उसी कांग्रेस की सरकार ने उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट देना शुरू कर दिया है। महंगाई का ये झटका अक्टूबर से 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं की जेब को लगेगा। ये इसलिए कि सुक्खू सरकार ने 300 से ज्यादा यूनिट बिजली खर्च होने पर सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। इस बारे में सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ बढ़ाने के लिए पत्र लिखा हैं। ऐसे में अब सरकार के फैसले के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को 300 से ज्यादा यूनिट बिजली खर्च करने पर पहले के मुकाबले अब महंगी बिजली मिलेगी। बिजली बेचकर देश के दूसरे राज्यों को रोशन करने वाले ऊर्जा राज्य हिमाचल में ही उपभोक्ताओं को अगले महीने से बिजली महंगी मिलेगी। प्रदेश में अभी 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 1.03 रुपये सब्सिडी की सुविधा दी जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को 300 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करने पर 5.22 रूपये का टैरिफ लगता है, लेकिन प्रदेश सरकार की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। ऐसे में सरकार ने अब अधिक बिजली खर्च करने पर दी जाने वाली 1.03 रुपये यूनिट सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है। इस तरह से अब 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च होने पर टैरिफ बढ़कर 6.25 रुपये हो जाएगा। यानी इस दर से अधिक बिजली खर्च करने पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिल थमाया जाएगा। अब अगर उपभोक्ता महंगाई की मार से बचना चाहते हैं तो उन्हें बिजली की अधिक खपत पर नियंत्रण रखना होगा, ताकि हर महीने बिजली के यूनिट 300 से कम रहे। तभी उपभोक्ता महंगाई की मार से बच पाएंगे। सरकार की बिजली महंगी करने का फैसला अक्टूबर महीने से प्रभावी हो जाएगा। प्रदेश में 300 से अधिक यूनिट बिजली खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 92 हजार से अधिक है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 780 मेगावाट की जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना को एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपने की मंजूरी दी गई। 1630 मेगावाट की रेणुकाजी और 270 मेगावाट की थाना प्लाउन पंप स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पक्ष में आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप समिति के गठन को मंजूरी दी, जिसमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यदविंदर गोमा शामिल होंगे। रोगी कल्याण समितियों को मजबूत करने के लिए सिफारिशें प्रदान करना। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम घोषित करने के लिए अधिकृत किया है, जबकि जांच और अदालती कार्यवाही के अंतिम परिणाम आने तक पोस्ट कोड 903 के तहत पांच पद और पोस्ट कोड 939 के तहत छह पद खाली रखे हैं। इसने शैक्षणिक अनुसंधान को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सोलन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को राज्य स्तर पर स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शीर्ष संस्थान के रूप में पदोन्नत करने को भी मंजूरी दे दी। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास प्रदान करने के लिए 12 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी) को मजबूत करने का निर्णय लिया। 'डॉ.' के लाभों को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 'यशवंत सिंह परमार ऋण योजना' विदेशी शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने के इच्छुक पात्र मेधावी छात्रों के लिए है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान करती है। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के सिविल अस्पताल देहरा और सिरमौर जिले के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना को मंजूरी दे दी, जिससे उन्हें आधुनिक देखभाल सुविधाओं से लैस किया जाएगा। देहरा में एचपीएसईबीएल के अधीक्षण अभियंता और खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। वन विभाग में सहायक वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया। मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 33 पद भरने को मंजूरी दी गई। इसमें लाहौल-स्पीति जिले के सिस्सू में एक नया पुलिस स्टेशन खोलने के साथ-साथ इसे कार्यात्मक बनाने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 18 पदों के सृजन और भरने पर सहमति व्यक्त की गई। चम्बा जिले के हटली में नई खुली पुलिस चौकी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पद सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, जिला जेल मंडी में पुलिस उपाधीक्षक के दो पद, डिस्पेंसर का एक पद, सहायक निदेशक (जीव विज्ञान और सीरोलॉजी) का एक पद और गृह में प्रयोगशाला सहायक (रसायन विज्ञान और विष विज्ञान) के तीन पद भरने का भी निर्णय लिया गया। विभाग। हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के 10 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला जिले के शोघी और सोलन जिले के कसौली, जाबली, बरोटीवाला, नालागढ़ और बद्दी के ईएसआई स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा अधिकारी (दंत) के छह पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक सेवा विभाग को छह मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान करने की मंजूरी दे दी।
मंडी: विद्युत बिल की अदायगी में लेट लतीफी बरतने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ महकमा शीघ्र ही कार्रवाई अमल में लाएगा। ऐसे उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति काट दी जाएगी, जिसके लिए महकमे ने उपभोक्ताओं को 25 सितंबर से पहले विद्युत बिल जमा करने का अल्टीमेटम दिया है। विद्युत विभाग उप मंडल पधर के सहायक अभियंता नितिन चंदेल ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने अपने विद्युत बिल अभी तक जमा नहीं कराए हैं। 25 सितंबर से पहले जमा करवाएं। उसके बाद बिना किसी सूचना के आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
** पधर: पनारसा, गोहर, पधर और सदर जॉन ने जीते वॉलीबॉल मुकाबले ** खोखो में बल्ह ने धर्मपुर और करसोग ने माहूंनाग जॉन हराया **कबड्डी में सुंदरनगर, पनारसा, सदर, बल्ह, जोगेंद्रनगर और साइगलू जॉन जीते पधर: नेता जी सुभाष चंद्र मेमोरियल उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर में आयोजित की जा रही अंडर-19 छात्र वर्ग जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के दूसरे दिन एक से बढ़कर एक रोचक मुकाबले दर्शकों को देखने को मिले। दूसरे दिन वॉलीबॉल, कबड्डी और खोखो के मुकाबले हुए। जिला स्कूली क्रीडा संगठन (डीएसएसए) मंडी के एडीपीओ सुखदेव ठाकुर ने कहा कि गुरुवार को हुए वॉलीबॉल मुकाबलों में पनारसा जॉन ने जोगेंद्रनगर, गोहर ने लडभड़ोल, पधर ने सराज और सदर ने भराड़ी जोन को शिकस्त दी, जबकि क्वार्टर सेमी मुकाबले में गोहर ने माहूंनाग और साइगलू ने जय देवी जॉन को हरा अगले चरण में प्रवेश किया। वहीं खोखो में करसोग ने बलद्वाड़ा, सदर ने सराज को हराया। क्वार्टर सेमी मुकाबले में बल्ह ने धर्मपुर और करसोग ने माहूंनाग को हरा कर अगले चरण में प्रवेश किया, जबकि कबड्डी के क्वार्टर सेमी मुकाबले में सुंदरनगर ने भराड़ी, पनारसा ने गोहर, सदर ने जयदेवी, बल्ह ने माहूंनाग, जोगेंद्रनगर ने सराज, साइगलू ने करसोग और सदर ने मेजबान पधर जॉन को हराकर सेमी फाइनल में जगह बनाई। शुक्रवार को खिलाड़ियों के अन्य रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे। शनिवार 21 सितंबर को प्रतियोगिता का समापन होगा, जिसमें पूर्व सीपीएस एवं पूर्व विधायक सुंदरनगर सोहनलाल ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
** हिमाचल में उपजे विवाद से करवाया अवगत ** सीएम को फोन कर घटनाओं को रोकने के केसी वेणुगोपाल ने दिए निर्देश हिमाचल प्रदेश के शिमला में मस्जिद विवाद के बाद पूरे प्रदेश में हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन किए जा रहे है। प्रदेश भर में मस्जिदों के बाहर नारेबाजी की जा रही है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। वही इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष इकबाल मुहमद की अगवाई में एक मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुचा, जिसमे कई मस्जिदों के इमाम भी शामिल थे । प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से मुलाकात की और उन्हें प्रदेश की स्थिति से अवगत करवाया ओर कहा कि हिमाचल में खास कर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है आए दिन मस्जिदों के बाहर प्रदर्शन किए जा रहे है, जिससे मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल बनाया जा रहा है और माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वही इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रतिनिधि मंडल को कांग्रेस महासचिव कैसी वेणुगोपाल के पास लेकर पहुचा और हिमाचल में एक समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं को रोकने की अपील की। वही मौके से ही वेणु गोपाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से फोन पर बात की और इन घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए। केसी वेणुगोपाल ने आश्वासन दिया कि कॉंग्रेस पार्टी आपसी सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध है और राहुल गॉंधी के मुहब्बत के नारे के साथ न्याय करने के लिए पुरज़ोर कोशिश कर रही है।
** प्राइवेट होटलों में दिया जा रहा डिस्काउंट हिमाचल प्रदेश में अब बर्फ से ढकी चोटियां पर्यटकों को आकर्षित करने लगी हैं। लाहौल-स्पीति और मनाली की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली में अब ऑक्यूपेंसी 30 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले टूरिस्ट व्हीकल का आंकड़ा भी 500 के पार हो गया हैं। इस वीकेंड में पर्यटन कारोबारियों को ऑक्यूपेंसी बढ़ने की उम्मीद है। अन्य राज्यों से मनाली पहुंचने वाली लग्जरी बसें का आंकड़ा 35 के पार हो गया। वहीं, रोहतांग पास में भी पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। बीते दिन भी लगभग 115 टूरिस्ट व्हीकल रोहतांग पहुंचे। इसके अलावा सैलानियों को कुल्लू-मनाली के निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। वहीं, पर्यटन कारोबारी भी दशहरा सीजन को लेकर आकर्षक पैकेज बनाने में जुट गए हैं। मनाली के पर्यटन कारोबारी दलीय, चुनी लाल, प्रताप व प्रेम ने बताया कि बीते दिन मनाली में पर्यटकों की बाहरी राज्यों से 35 लग्जरी बसें पहुंचीं। बरसात के चलते पर्यटन कारोबार चौपट गया था। सितंबर के पहले सप्ताह में लग्जरी बसों की संख्या 10 तक रह गई थी। इससे पहले अगस्त में मनाली के होटलों में ऑक्यूपेंसी 15 प्रतिशत थी, जो कि अब 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इस वीकेंड पर इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है। मनाली में अब पर्यटन कारोबारी नवरात्रि की तैयारी में जुटे है। स्नो वैली रिजॉर्ट के एमडी विम्पी बक्शी, मनाली ग्रैंड के मैनेजर हैप्पी, ग्लेशियर रिजॉर्ट के मैनेजर किशन व माहीन काटेज के मैनेजर राजू ने बताया कि कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान पर्यटन कारोबार में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। होटल एसोसिएशन मनाली के उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर ने कहा कि इस बार दशहरा सीजन बेहतर चलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मनाली के पर्यटन कारोबारी दशहरा व दिवाली सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
** न्यायमूर्ति राजीव शकधर की सिफारिश निरस्त शिमला: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पूर्व न्यायमूर्ति राजीव शकधर को हिमाचल हाईकोर्ट का सीजे नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के नाम की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को वर्ष 2011 में 30 सितंबर को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इस समय हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव हैं। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का स्थानांतरण हुआ है। उनके स्थान पर नया सीजे नियुक्त होना है। इसके लिए पहले न्यायमूर्ति राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हुई थी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर इसी साल 18 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट से सेवानिवृत हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इसी साल 11 जुलाई को राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हिमाचल हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर की थी। उस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब नई सिफारिश के अनुसार न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को नियुक्त करने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से ये सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को 18 अक्टूबर को न्यायमूर्ति राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। यहां बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति एमएस रामचन्द्र राव ने मई 2023 में कार्यभार संभाला था। पिछली सिफारिश के तहत उन्हें झारखंड के मुख्य न्यायाधीश बनाने की बात कही गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के सात राज्यों में हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की थी।
** प्रदेशभर में खोले 19 खरीद केंद्र हिमाचल में खरीफ सीजन में तैयार हो रही धान की फसल को बेचने के लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। किसानों को घर द्वार पर धान की फसल बेचने की सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार ने 19 खरीद केंद्र खोले हैं। इन केंद्रों में किसान अपनी सुविधा के मुताबिक धान की फसल को बेच सकते हैं। यही नहीं किसान समय पर अपनी फसल को बेच सके, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने धान की फसल की खरीद करने के लिए बुकिंग का पोर्टल भी खोल दिया हैं। इस तरह से किसान धान की फसल बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। धान की खरीद के लिए पोर्टल खुलने के साथ ही किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। विभाग ने किसानों का पंजीकरण करने के लिए hpappp.nic.in पोर्टल का लिंक तैयार किया हैं। हिमाचल में किसानों से सरकार धान की फसल खरीदेगी। विभाग के इस पोर्टल पर धान खरीद से जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध है। प्रदेश भर में स्थापित किए गए 19 केंद्रों में 10 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक धान की खरीद की जाएगी। किसानों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सरकार ने अबकी बार धान की फसल का खरीद मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। हिमाचल प्रदेश में धान खरीद के लिए 19 केंद्र बनाए गए है। इसमें एचपीएससीएससी चिड़गांव जिला शिमला, अनाज मंडी फतेहपुर, पांवटा साहिब धौलाकुंआ जिला सिरमौर, एपीएमसी रामपुर, मलपूर बद्दी जिला सोलन, रियाली, एचपीएससीएससी गोडाऊन कवार, एचपीएससीएससी गोडाऊन सलूणी जिला चंबा, एचपीएससीएससी गोडाऊन शिलाई, एचपीएससी एससी गोडाऊन तीसा, मार्केट यार्ड नालागढ़, एचपीएससीएससी गोडाऊन ददाहू, एचपीएससीएससी गोडाऊन हरिपुरधार जिला सिरमौर, मार्केट यार्ड टकारला, मीलवां, नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा, रियाली, औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल जिला ऊना में धान खरीद केंद्र बनाए हैं।
मंडी/डिंपल शर्मा: चोलथरा आर्य समाज के संस्थापकों में से एक बंसी लाल आर्य का पिछले कल निधन हो जाने से आर्य समाज तथा उनके अपने क्षेत्र में शोक की लहर है । 88 वर्षीय बंसी लाल आर्य हमेशा आर्य समाज पद्धति के पक्षधर रहे और उन्होंने आर्य समाज के नियमों में रहकर कट्टर आर्य समाजी बनकर अपना जीवन जिया। बंसी लाल आर्य, आर्य समाज चोलथरा के मुख्य संस्थापक गोविंद राम आर्य के सबसे छोटे भाई थे। बंसी लाल आर्य काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कल उन्होंने पंचकुला के सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस लेते हुए अपनी संसारिक यात्रा पूरी की। आज उनके पैतृक गांव कोठी में डी ए वी ग्रयोह के शास्त्री कमलेश आर्य ने वैदिक रीति नीति से उनका दाह संस्कार संपन्न करवाया । उनके पार्थिव शरीर को उनके पुत्र विजय कुमार, संजय कुमार तथा दीप कुमार आर्य ने मुखाग्नि दी। उनके निधन पर धर्मपुर के विधायक चंद्र शेखर, भाजपा नेता रजत ठाकुर, बीडीसी सदस्य विजय कुमार, प्रधान मेहर चंद, उप प्रधान विजय बनयाल पूर्व बीडीसी कुसुम वर्मा, पूर्व बीडीसी एवं समस्त गायत्री परिवार, पुरोहित संजीव कुमार, सुरेश ठाकुर, मुंडखर प्रधान गोवर्धन सिंह ठाकुर, मुख्य सलाहकार खूब सिंह पंडवाल, सह मीडिया प्रभारी प्रवीण वर्मा, ग्राम पंचायत सरौन प्रधान पवन ठाकुर, मनसा आर्य, वेद प्रकाश, सत्य प्रकाश, कमलेश, सीता वर्मा, कुसमी आर्य, सरवन सिंह, रमेश राणा, अर्जुन सिंह, महिला मंडल प्रधान शीला ठाकुर, डॉक्टर दिनेश ठाकुर, संजीव आर्य, शांता आर्य, शीला आर्य, कांता आर्य, राजीव, बीरी सिंह, चोलथरा बाजार एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष बिहारी लाल ठाकुर ने गहरी संवेदना प्रकट की है।
हिमाचल प्रदेश के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदरनगर में आयोजित अंडर-14 छात्र एवं छात्रा वर्ग खेलकूद प्रतियोगिता में चौहारघाटी के देव पशाकोट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोट के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए हैंडबॉल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। बेहतर प्रदर्शन रहने पर स्कूल की सात खिलाड़ी छात्राओं और एक छात्र का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है। प्रधानाचार्य राज कुमार ने बताया कि हैंडबॉल प्रतियोगिता में स्कूल की खिलाड़ी छात्राएं जिला स्तर पर विजेता रही। वही 200 मीटर दौड़ में खिलाड़ी सलोचना ने दूसरा और लॉन्ग जंप में प्रथम स्थान हासिल किया। खिलाड़ी दिया ने शॉट पुट में प्रथम और चक्का फेंक में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि खिलाड़ी छात्र नितिन सकलानी ने 400 मीटर दौड़ में दूसरा स्थान हासिल कर स्कूल का नाम रोशन किया। पाठशाला प्रधानाचार्य राजकुमार और स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष वंदना ठाकुर ने विजेता खिलाड़ी छात्र-छात्राओं, डीपीई हुक्म चंद और पीईटी राजकुमार सहित अन्य स्टाफ को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। साथ ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया।
हिमाचल प्रदेश के जो युवा पुलिस कांस्टेबल बनने की इच्छा पाले हुए हैं, उनके लिए एक सुख की खबर है। हिमाचल प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग जल्द ही कांस्टेबल के करीब 1250 पदों की भर्ती विज्ञापित करने वाला है। इसके लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस तरह एक साल बाद इंतजार खत्म होने वाला है। सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 14 सितंबर 2023 को 1226 पद भरने के कैबिनेट में फैसला लिया था। उसके बाद कई अड़चनों के कारण भर्ती नहीं हो सकी। बाद में पदों की संख्या भी बढ़ाई गई और आयु सीमा में भी छूट दी गई। पहले ये भर्ती पुलिस विभाग अपने स्तर पर करता था, लेकिन पूर्व की जयराम सरकार के समय हुए विवाद के बाद पुलिस मुख्यालय ने भर्ती प्रक्रिया से हाथ खींच लिया था। उसके बाद भर्ती का जिम्मा राज्य लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करने का फैसला लिया। इसके लिए आयोग ने एनआईसी (नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर) की मदद ली है। ये सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो गया है। आयोग ने इस सॉफ्टवेयर को विभिन्न स्तरों पर परखा है। अब लोकसेवा आयोग इस सॉफ्टवेयर की प्रक्रिया से संतुष्ट है और जल्द ही पदों को विज्ञापित किया जाएगा। विज्ञापन के समय भर्ती संबंधी सभी शर्तों को जारी किया जाएगा। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत में पद विज्ञापित हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों पर भर्ती कर रहा है। पुलिस कांस्टेबल के ये पद क्लास थ्री के तहत आते हैं। आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर खुद आईपीएस रह चुके हैं। वे भारतीय सेना में कैप्टन भी रहे है। अपनी स्वच्छ छवि, भारतीय सेना की बैकग्राउंड और आईपीएस अफसर की सेवा के अनुभवों के कारण कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर फूल प्रूफ सिस्टम तैयार करने में विश्वास रखते हैं। वे तकनीकी मामलों में भी सिद्धहस्त हैं इसलिए किसी भी प्रकार के सॉफ्टवेयर की जानकारी रखते हैं। उनकी अगुवाई में आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों की भर्ती कर रहा है। ऐसे में युवाओं में भी आयोग की भर्ती प्रक्रिया में भरोसा है। इस बार सुखविंदर सिंह सरकार ने कांस्टेबल भर्ती में महिलाओं का कोटा बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया है। महिला कांस्टेबल के कुल 292 पद होंगे। इस बार की भर्ती में ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर दौड़ को भी जोड़ा गया है। आयु सीमा में एक साल की छूट दी गई है। इसके अलावा पुरुष कांस्टेबल के पदों की संख्या 870 रहेगी। चालकों सहित अन्य पद भी भरे जाने है। राज्य सरकार ने इस साल जून महीने में हुई कैबिनेट भर्ती में 1226 पदों में 30 पद और जोड़े हैं। पहले ये पद जिलावार विज्ञापित होते थे और जिलावार ही भर्ती भी होती थी, लेकिन इस बार भर्ती स्टेट वाइज होंगीं। इस भर्ती में पूर्व की तरह ही फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट्स की जांच आदि भी पुलिस ही करेगी।
शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया ने अतारांकित प्रश्न संख्या 996 में आयुष मंत्री से सवाल पूछा था कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकार कितनी धनराशि ईनाम के तौर पर प्रदान कर रही है। खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रुप में कितनी धनराशि और अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं सरकार की ओर से प्रदान की जाती हैं। सरकार की ओर से लिखित जानकारी में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण जयंती खेल नीति-2021 बनाई गई है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकार की ओर से इनाम राशि प्रदान की जा रही है। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए दैनिक भत्ते एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। खिलाड़ियों को रोजाना डाईट मनी भी दी जाती है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को डाईट राशि 250 रुपये प्रतिदिन की दर से निर्धारित की है। खिलाड़ियों को विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 200 किलोमीटर की दूरी की यात्रा के लिए थर्ड एसी के किराये की प्रतिपूर्ति की जाती है। 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी के लिए इकॉनमी क्लास की हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। विभिन्न श्रेणी के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सीधी भर्ती के अर्न्तगत विभिन्न सरकारी विभागों/ बोर्डों/निगमों में 3 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 1999 से अब तक कुल 889 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उक्त योजना के अर्न्तगत रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को बीमा चिकित्सा सुविधा एवं खेल किट इत्यादि प्रदान की जा रही है। विभाग में खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना की गई है, जिसके अर्न्तगत अर्न्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करते समय यदि किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो उसे 10 हजार से 25 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
** मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट ** 24 सितंबर के बाद मॉनसून की विदाई की संभावना हिमाचल प्रदेश में अभी मॉनसून की बौछारों से राहत मिलने के आसार नही है। भले ही प्रदेश में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, बावजूद इसके सितंबर माह में जमकर बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने 18-19 सितंबर को येलो अलर्ट जारी किया है। 20 सितंबर के बाद बारिश के इस क्रम से राहत मिलने की संभावना है, लेकिन मध्यवर्ती क्षेत्रों में 24 सितंबर तक कुछ क्षेत्रों में मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश से मानसून की विदाई 24 सितंबर के बाद होने की संभावना है।राजधानी में आज दिनभर बादलों की लुक्का छिप्पी जारी रही और रुक रुक कर हल्की वर्षा होती रही मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने कहा कि गत 24 घण्टों के दौरान सोलन, सिरमौर, मंडी, बिलासपुर, शिमला व कांगड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई है।
** 283 करोड़ की लागत बनकर होगा तैयार जिला कुल्लू में विरोध के बावजूद भी बिजली महादेव रोपवे को वन संरक्षण अधिनियम (FCA) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल गई है।अनुमति मिलते ही अब रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। रोपवे का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड करेगी। निर्माण कंपनी को काम अवार्ड कर दिया गया है। वहीं, अब जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और पर्यटक भी आसानी से यहां पहुंच पाएंगे। एफसीए के तहत परमिशन मिलने के बाद अब जल्द यहां पर रोपवे तैयार किया जाएगा. वहीं, रोपवे के बन जाने से घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इस रोपवे के बनने से 36 हजार पर्यटक एक दिन में बिजली महादेव के दर्शन कर सकते हैं और यहां के पर्यटन को भी इससे काफी लाभ होगा। दशकों से लटके बिजली महादेव प्रोजेक्ट को अब जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में कुल्लू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये एक अहम कड़ी का काम करेगा। पांच मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल हमीरपुर से रोपवे का भूमि पूजन किया गया था। रोपवे बन जाने के बाद पर्यटक बिजली महादेव का सफर आसानी से कर सकेंगे। रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मौहल के साथ बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 2.33 किलोमीटर होगी। अभी तक बिजली महादेव के दर्शन करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बिजली महादेव का दौरा तब किया गया था, जब वह प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। उन्होंने चार जून 2000 को बिजली महादेव मंदिर में माथा टेका था। पांच नवंबर 2017 को वह कुल्लू आए थे। इस दौरान एक जनसभा में बिजली महादेव का जिक्र भी किया था। बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनाने का उनका ये सपना जल्द पूरा होने वाला है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि बिजली महादेव रोपवे के बन जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। कुल्लू से वाया रामशिला होते हुए रास्ते में जिन लोगों की दुकानें, ढाबे, होटल, रेस्तरां आता है, उन सभी को रोजगार चौपट हो जाएगा। इसके अलावा रोपवे के लिए पेड़ों का भी कटान किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि इसका लाभ बड़ी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है।
** न्यू शिमला पुलिस थाना भी पैदल हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सेशन संपन्न हुआ है। इस बार सेशन में 480 तारांकित व 299 अतारांकित सवाल पूछे गए। वहीं, सेशन में सरकार ने कुल 25 बिल पारित किए हैं। कांगड़ा जिले की इंदौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने 10 सितंबर को 999 प्रश्न संख्या (क) के तहत मुख्यमंत्री सीएम सुक्खू से प्रदेश के पुलिस थानों में स्थायी वाहनों को लेकर सवाल किया। विधायक ने सीएम से डिटेल मांगी थी कि प्रदेश में ऐसे कितने पुलिस थाने हैं, जिनके पास स्थायी वाहन नहीं है। अपने एक अन्य सवाल में विधायक ने पूछा था कि क्या यह सत्य है कि पुलिस थाना इन्दौरा में स्थायी वाहन नहीं है, यदि हां तो वाहन कब तक उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने इन दोनों प्रश्नों का जवाब देते हुए डिटेल दी और कहा प्रदेश में कुल 23 पुलिस थाने ऐसे हैं जिनके पास स्थाई वाहन नहीं है। दूसरे सवाल के जवाब में सीएम ने कहा जी हां पुलिस थाना इन्दौरा के पास अपना स्थायी वाहन नहीं है। पुलिस थाने को वाहन उपलब्ध करवाने के लिए मामला प्रगति पर है।
रुके लाभ जारी न होने के विरोध में 23 को सरकाघाट से भेजेंगे मांगपत्र और 10 अक्टूबर को मंडी में होगा विरोध मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य श्रम कल्याण उप कार्यालय सरकाघाट में बोर्ड के रुके कार्यों को पुनः बहाल करने के लिए बोर्ड के फैसलों को जल्द लागू करने बारे बोर्ड कर्मचारियों से चर्चा की। जिसका नेतृत्व सीटू के ज़िला प्रधान व श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने किया। बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मंडी ज़िला में सबसे ज्यादा मज़दूर धर्मपुर खण्ड के बोर्ड से पंजीकृत हैं जिनकी संख्या 19 हज़ार से अधिक हैलेकिन पिछले दो साल बोर्ड का काम लगभग बन्द रहा और मनरेगा मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण रोक दिया गया था लेकिन अब ये रोक हट गई है इसलिए सीटू से सबंधित यूनियन ने अगले एक महीने में पात्र मजदूरों का नवीनीकरण करवाने के लिए क्षेत्र स्तर पर शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है।जिसके चलते 16 सितंबर को कांगो का गहरा 17 को सजाओपीपलु 19 को लखरेहड़ 20 को टिहरा 21 को धर्मपुर 24 को संधोल और 28 को बरोटी में शिविर आयोजित किए जाएंगे,जिनमें नवीनीकरण बारे पूर्ण जानकारी मज़दूरों की दी जायेगी।अगले चरण में अक्टूबर माह में पंचायत स्तर पर भी ऐसे शिविर व बैठकें आयोजित किये जायेंगे ताकि अगले दो महीनों में सभी मजदूरों का नवीनीकरण हो सके।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड से पिछले तीन साल की लम्बित वित्तिय सहायता अभी भी सही तरीके से व समय पर जारी नहीं हो रही है और जो आवेदन बोर्ड राज्य कार्यालय शिमला को भेजे जाते हैं उन्हें बार बार ऑब्जेक्शन लगा कर वापिस लौटाया जा रहा है।मंडी ज़िला श्रम कल्याण अधिकारी कार्यालय में 31 हज़ार मज़दूरों के फ़ार्म लंबित पड़े हैं और जो सात हज़ार बोर्ड कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे थे उन्हें तीसरी चौथी बार वापिस लौटा दिया गया है इसलिए यूनियन बोर्ड की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ 23 सितंबर को सभी खण्डों से बोर्ड को ज्ञापन भेजेगी और 15 दिनों में ये लाभ जारी नहीं होते हैं तो 10 अक्टूबर को मंडी ज़िला के साथ साथ प्रदेश के सभी ज़िलों में बोर्ड के ख़िलाफ़ यूनियन प्रदर्शन करेगी। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इसके विरोध में गत बोर्ड बैठक की प्रोसिडिंग को भी अनुमोदित नहीं किया है और अध्यक्ष को तीन पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज़ करवाया है लेकिन बाबजूद उसके कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हो रहा है इसलिए अब मज़बूरी में आंदोलन करने के लिए निर्णय लेना पड़ा है लेकिन यूनियन अभी भी बोर्ड की कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त करने और लंबित लाभ जल्द जारी करने की मांग करती है।गत 5 अगस्त को हुई बोर्ड की बैठक में अगले तीन महीने में ये सभी लाभ जारी करने का फ़ैसला हुआ है लेकिन अभी तक मंडी ज़िला के एक भी मज़दूर की वित्तिय सहायता जारी नहीं कि गयी।
पधर(मंडी)। द्रंग मंडल भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भाजपा महामंत्री सुरेश कटारिया की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सिविल अस्पताल पधर में उपचाराधीन रोगियों को फल बांट शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। इस दौरान मंडल महामंत्री सुरेश कटारिया ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार देश का नेतृत्व कर पूरे विश्व में लोकप्रिय नेता उभर कर सामने आए हैं। उनके कुशल नेतृत्व में भारत विश्व गुरु उभर कर सामने आया है। देश में आम व्यक्ति के लिए कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है। जिससे समूचे देश की जनता लाभान्वित हुई है। इस दौरान जिला परिषद सदस्य शारदा ठाकुर, महिला मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष सपना ठाकुर, सचिव ममता मितल, अनुसूचित जाति मोर्चा प्रवक्ता राजकुमार, हुसन ठाकुर और कपिल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिले में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिले में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। बुधवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसों से यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा।
** यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवानों ने 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार से अधिक पेटी सेब मंडियों में भेजा यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था प्रदेश में सेब बागवानी के क्षेत्र में बहुआयामी प्रयास है, जिससे बागवानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम प्राप्त करने में मदद मिल रही है। सरकार के इस कदम से बागवानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है। प्रदेश में बागवानों को पैकिंग समाधान की आवश्यकता और सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है। पारम्परिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की शंका व कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिलेगी। यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे सेब को होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है व गुणवत्ता बनी रहती है। इससे जहां बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवान का बचाव होगा। यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए विशेष मानक भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें आकार, तहों की संख्या, वजन अथवा क्षमता आदि मानकों का पालन कर उच्च गुणवत्ता वाले कार्टनों के माध्यम से फलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए बागवानों का समर्थन, कार्टन की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था के माध्यम से कार्टन का सही उपयोग करने के प्रति जानकारी व जागरूकता प्रदान की गई। स्थानीय स्तर पर कार्टन निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहित कर बागवानों को कार्टन उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। बागवानों की आय में वृद्धि तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सल कार्टन महत्त्वपूर्ण कदम है। अन्य फसलों के लिए भी ये पहल एक आदर्श के रूप में देखा जा रही है। इस वर्ष सेब सीजन के दौरान प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 यूनिवर्सल कार्टन से सेब की फसल अभी तक देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जा चुकी है। हिमाचल प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अन्तर्गत मंडियों द्वारा तथा समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 13 लाख 1668 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया। कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1312, ऊना समिति द्वारा 918, बिलासपुर 456 तथा हमीरपुर के माध्यम से 1921 व चम्बा कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया। एचपीएमसी द्वारा भी लगभग 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं।
**MLA अनिल शर्मा बोल, मंडी सौंदर्यीकरण में सुक्खू सरकार से मिल रहा पूरा सहयोग मंडी शहर के छोटा पड्डल मैदान में खेलों इंडिया अभियान के तहत प्रस्तावित इंडोर स्टेडियम के लिए सदर विधायक अनिल शर्मा ने कसरत शुरू दी है। खेल विभाग के नाम जमीन होने के बाद शनिवार को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वास्तुकार विभाग की टीम ने प्रस्तावित जगह का दौरा किया। इस दौरान सदर विधायक अनिल शर्मा टीम के साथ पड्डल ग्राउंड पर पहुंचे और उसके बाद पूरी टीम के साथ विचार विमर्श कर इसका प्रारूप बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए। सदर विधायक अनिल शर्मा ने बताया कि मंडी के पड्डल में आधुनिक इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लगभग 6 खेल कोर्ट प्रस्तावित हैं, जिसमें वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, हैंड बॉल व बैडमिंटन के कोर्ट शामिल हैं। इसके साथ ही यहां पर पार्किंग स्थल भी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में देवता समिति के साथ भी वार्ता हो चुकी है, जिसके तहत मेले के दौरान इंडोर स्टेडियम को देवताओं के लिए खुला रखा जाएगा। अनिल शर्मा ने बताया कि इससे बच्चों को हर मौसम में खेलों से जुड़े रहने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि इंडोर स्टेडियम का प्रस्ताव कैबिनेट से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और जल्द ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोटली में बड़े खेल मैदान का कार्य शुरू कर दिया गया है और आने वाले समय में शहर के रघुनाथ के पधर में भी एक बड़ा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ने वाली है। वहीं, अनिल शर्मा ने बताया कि वह खेलों के बढ़ावा देने के साथ ही मंडी शहर के सौंदर्यीकरण के लिए भी भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार का सहयोग भी मिल रहा है। विधायक अनिल शर्मा ने बताया कि पर्यटन विभाग की तरफ से मंडी के कांगनी धार में बनने वाले शिवधाम प्रोजेक्ट के लिए 18 करोड़ की राशि जारी कर दी है। इसके साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह ने शिवधाम के लिए अतिरिक्त 125 करोड़ जारी करने की भी बात कही है।
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में वर्ष भर तीज त्यौहार हर्षों-उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। जिनका अपना विशेष महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन त्यौहारों की अपनी विशिष्ट पहचान है। जहां ग्रामीण बड़े शौक से इन त्यौहारों के आने की तैयारियां करते हैं। इनमें सायर पर्व एक बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। मंडी जनपद में सायर पर्व का बड़ा महत्व है। यह त्यौहार बरसात खत्म होते ही अश्विन माह की पहली तिथि को मनाया जाता है। जिसमें सबसे पहले सायर पूजन होता है। परिवार के सभी सदस्य ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने उपरांत सैर की पूजा करते हैं। देवताओं को नई फसलों और फल आदि का भोग लगाया जाता। इनमें धान की बाली, भुट्टा (गुल्लू), खट्टा (बड़ी नीबू), ककड़ी और अखरोट आदि की पूजा की जाती है। उसके बाद परिवार के छोटे सदस्य अपने से बड़ों को दृभ देकर आशीर्वाद लेते हैं। मंडी जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे और बड़े सभी सैर की द्रुभ का खासा आनंद लेते हैं। बच्चे टोलियों में निकल कर गांव गांव जाकर द्रुभ देकर बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। सैर त्यौहार की पूर्व संध्या को सग्रांद पर्व मनाया जाता है। जिसमें तरह तरह के व्यंजन पकाकर ग्रामीण एक दूसरे को मेहमानबाजी की दावत देते हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब गिफ्ट डीड लैंड पर ही सड़कों का निर्माण नहीं होगा। गिफ्ट डीड का पहले विभाग के नाम पर म्यूटेशन करवाया जाएगा। उसके बाद विभाग आगे की कार्रवाई शुरू करेगा, ताकि कोई भी लैंड होल्डर बाद में कोर्ट में मुआवजे की मांग न कर सके। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सालों पहले लोग गांव में सड़क निर्माण करते समय गिफ्ट डीड पर लैंड देते थे। सालों से ऐसा ही चलता आ रहा था। हमने भी उसी परंपरा का पालन किया। प्रदेश के अधिकतर गांवों में लोक निर्माण विभाग द्वारा गिफ्ट डीड के आधार पर सड़के निकाली गई हैं, लेकिन कई सालों बाद अब लोग इस गिफ्ट डीड से साफ इंन्कार करते हुए मुआवजे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे है। कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार को यह मुआवजा भी देना पड़ रहा है। इस मुआवजे के कारण प्रदेश सरकार की आर्थिक हालत और खराब होती जा रही हैं। प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस तरह के मामले आने के बाद सरकार ने सीख ली है और अब गिफ्ट डीड की गई जमीन पर बिना म्यूटेशन के सड़क नहीं बनाई जाएगी। इसे लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी आदेश जारी किए गए हैं। मंडी जिला के सराज विधानसभा के जंजैहली में सराज टेलेंट एवं टूरिज्म फेस्टिवल के शुभांरभ के मौके पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सराज के जंजैहली में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी भी बढ़ी है। इस क्षेत्र के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाएगी, ताकि कुल्लू मनाली की तरह इस क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके।
प्रदेशभर में हिंदू संगठनों द्वारा अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर आवाज उठाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद ने आज हिमाचल बंद का ऐलान किया है। दोपहर 1:30 बजे तक सभी दुकानें बंद रखने की अपील की है। वहीं, कुल्लू जिले में भी व्यापार मंडल ने आधे दिन के लिए कुल्लू और भुंतर में बंद का आह्वान किया है। मंडी में अवैध मस्जिद को तोड़ने के लिए नगर निगम ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है, जबकि सुन्नी में आज हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा, जिसे देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़े।
हिमाचल: विश्व सहयोग आर्थिक मंच और ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के परिसंघ ने पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को वैश्विक पुरस्कार नेताजी सुभाष चंद्र वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया है। 13-14 सितंबर को तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैक्लोडगंज में देश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से WCo-OPEF की ओर से आयोजित 'सहकारी आर्थिक ढांचे के माध्यम से असमानता को कम करने के लिए वैश्विक सहमति बनाने पर एशिया-प्रशांत सम्मेलन' में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उन्हें यह सम्मान दिया है। सार्वजनिक नीति में विधायक सुधीर शर्मा के नेतृत्व और सामाजिक कार्य, खेल और हिमालयी बागवानी में विशेष रुचि से ग्रामीण भारत के विकास के लिए उनकी उत्कृष्ट और अदम्य सेवा के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। मूल रूप से एक कृषक होने के नाते वे पहाड़ी कृषि के प्रति किसानों की क्षमता निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने शहरी विकास के लिए अपनी गहरी सोच के लिए महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त योगदान दिया है। मौजूदा वक्त में सुधीर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। साल 2003 में वे पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पांचवीं बार के विधायक हैं। राज्य में तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान साल 2012 से साल 2017 तक सुधीर शर्मा शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पिता पंडित संत राम राज्य के कद्दावर नेता रहे हैं। विधायक सुधीर शर्मा ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसे धर्मशाला की जनता को समर्पित किया है।
** आधा दर्जन पंचायतों के सैकड़ों लोग हुए धरना प्रदर्शन में शामिल ** विधायक ने सरकार को चेताया, शीघ्र चौकी खोलने की उठाई मांग मंडी के द्रंग की आधा दर्जन पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के बाद द्रंग में पुराने पुलिस थाने के पुराने भवन की नीलामी को स्थगित कर दिया गया है। पंचायत प्रधान टांडू शुभम शर्मा की अगुवाई में आयोजित धरने में ग्राम पंचायत पाली, शीलग, टांडू, मैगल, तरयांबली और कटिंडी के सैकड़ों लोग शामिल हुए। वहीं विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि द्रंग में पुलिस चौकी खोलने की मांग को लेकर व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा। अगर तब भी बात नहीं बनी तो आमरण अनशन पर बैठा जाएगा। बता दें कि द्रंग से पुलिस थाना डेढ़ साल पहले पधर शिफ्ट हो गया है। पुलिस चौकी ने द्रंग पुलिस थाना के पुराने भवन को अनसेफ घोषित कर दिया है। पुलिस विभाग द्वारा पुरानी इमारत की लकड़ी, पत्थर और अन्य सामग्री की बोली शुक्रवार को रखी गई थी। लेकिन जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के विरोध पर स्थगित कर दी गई। लोग पुराने पुलिस थाना भवन में चौकी खोलने की मांग कर रहे हैं। धरने की अगुवाई कर रहे टांडू पंचायत प्रधान शुभम शर्मा ने कहा कि यह जनता के संघर्ष की जीत है और आगामी लड़ाई के लिए भी जनता तैयार है। शुभम ने कहा कि पुलिस चौकी सही मायने में स्थानीय पंचायतों की आवश्यकता है। सरकार को जल्द इस बारे अधिसूचना जारी करनी चाहिए। इस मौके पर उपस्थित रहे द्रंग विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने कहा कि यह आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है। इस बारे व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा। अगर तब भी बात नहीं बनी तो आमरण अनशन पर बैठा जाएगा। इस मौके पर पंचायत समिति सदस्य कृपाल,पदम आदि मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य बिंदुओं से जुड़े मामले में पुनर्विचार के आदेश दिए हैं। केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित (जर्म फ्री) करने के बाद उसी स्थान पर वापिस छोड़े जाने के नियम बनाए हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत बनाए गए नियम में आवारा कुत्तों को नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित करने के बाद वापिस उसी स्थान पर छोड़ा जाता है, जहां से उन्हें नसबंदी के लिए पकड़ा जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है। अभी जो किया जा रहा है, वैसा करने से छोटे बच्चों व बुजुर्ग लोगों को कुत्तों के आक्रमण का खतरा अधिक है। हाईकोर्ट ने इस बात को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा कि उपरोक्त प्रावधान में उपरोक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसी तर्ज पर राज्य के वन विभाग को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए। इन आदेशों में राज्य सरकार को मानव-वन्यजीव संकट का व्यापक अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ निकायों को शामिल करने और सभी हितधारकों के साथ-साथ स्थानीय आबादी को इस बारे में जागरूक करने को कहा गया है। राज्य सरकार को बंदरों की व्यापक जनगणना और इनसे समस्या वाले क्षेत्रों/स्थानों की पहचान करने के आदेश भी जारी किए हैं। साथ ही फसल वाले खेतों की सुरक्षा के लिए अवरोध लगाने और सौर बाड़ लगाने पर भी विचार करने को कहा गय। ये ख्याल रखने के लिए भी आदेश दिए कि यह बाड़ जानवरों अथवा इंसानों के लिए घातक न हो। सरकार को पशु परिवहन नियम-1978 का पालन करते हुए पास के वन क्षेत्रों में बंदरों के पुनर्वास के लिए वन क्षेत्रों में फलदार पेड़ उगाने पर विचार करने को कहा गया है। बीमार और घायल बंदरों के बारे में जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने और इसका व्यापक प्रचार करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
** माैके पर भारी पुलिस बल तैनात हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला मुख्यालय के जेल रोड में बिना नक्शा पास करवाए मस्जिद में किए गए निर्माण कार्य के विरोध में मंडी शहर में हिंदू संगठन आज प्रदर्शन करेंगे। इसको देखते हुए जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने मंडी शहर के सात वार्डों में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है। पुलिस और प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट पर है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है। प्रदर्शन के दौरान मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे और हर स्थिति पर नजर रखेंगे। शहर की मुख्य सड़कों पर नाकाबंदी कर दी है मस्जिद के पास बेरिकेडिंग की गई। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है। जेल रोड मंडी सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 बजे तक बंद रहेगा। पुलघराट की ओर भी यातायात एकतरफा चलेगा। गाैरतलब है कि नगर निगम मंडी के तहत पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास मस्जिद में कथित अवैध निर्माण को लेकर उपजे विवाद के बाद मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी ने खुद निर्माण हटाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को आयुक्त कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने से 20 घंटे पहले समुदाय ने निर्माण गिराना शुरू किया। मुस्लिम वेलफेयर कम्यूनिटी के प्रधान रहीम अहमद और सदस्य इकबाल अली ने बताया कि लोनिवि की निशानदेही के बाद अवैध निर्माण गिराया जा रहा है। सुबह निर्माण हटाने को कहा था। मस्जिद अपनी मलकियत पांच बिस्वा जमीन पर बनी है। 33 वर्ग मीटर अवैध हिस्सा निकला है जिसे हटाया जा रहा है। अक्तूबर 2023 में निगम में नक्शे के लिए अप्लाई किया था। तब पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बारे में किसी ने अवगत नहीं करवाया था। अब निगम कार्यालय में मस्जिद में अवैध निर्माण हटाने को लेकर पत्र दिया है।
हिमाचल प्रदेश में आईएएस समेत सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों के कामकाज को अब गुड-वेरी गुड के मानक पर नहीं आंका जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब अधिकारियों के कामकाज को 1 से 10 तक के नंबरों से आंका जाएगा। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 1-2 या 9-10 नंबर देने का तर्क भी देना अनिवार्य कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने राजपत्र में रिपोर्ट बनाने के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। अब काम नहीं करने वाले अफसरों की रिपोर्ट में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों और अधिकारियों को कार्यभार मिलेगा। जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिकारियों के कार्य परिणामों में बदलाव लाने को सरकार ने नियमों को संशोधित किया है। कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया है। वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत और कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदंड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश की चर्चित एचएएस अधिकारी ओशीन शर्मा को नोटिस मिला है। लाइमलाइट में बनी रहने वाली HAS अधिकारी ओशिन शर्मा की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। सोशल मीडिया पर हीरो की भूमिका निभाने वाली ओशीन शर्मा अपनी ड्यूटी के मामले में जीरो साबित हुई हैं और यही कारण है कि उन्हें एसडीएम धर्मपुर ने नोटिस जारी कर ये पूछा है कि प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों में देरी क्यों की जा रही है। बता दे कि ओशिन शर्मा मंडी जिले के धर्मपुर के संधोल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। जब उन्होंने तहसीलदार संधोल के पद पर अपनी सेवाएं शुरू की थी तो उन्होंने दिन रात काम किया, जिससे उनकी खूब वाहवाही हुई लेकिन धीरे-धीरे ओशीन शर्मा इन कार्यों से दूर और सोशल मीडिया के करीब आती हुई नजर आई वो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं। वह लोगों को सोशल मीडिया पर परीक्षाओं की तैयारियों से संबंधित जानकारी भी देती हैं ओशीन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी करती हैं और सामाजिक कुरितियों के प्रति लोगों को सचेत करने में भी अपना योगदान देती हैं, लेकिन ओशिन शर्मा शायद सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा एक्टिव हो गई कि वे अपने प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों को भूल गई। यही कारण रहा कि जब डीसी मंडी ने उनके कार्यों की समीक्षा की तो वह संतोषजनक नहीं पाए गए और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
**राज्य में भूस्खलन से 37 सड़कें बाधित हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 17 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 12 व 13 सितंबर के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर, राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 37 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। वहीं दो पुल भी क्षतिग्रस्त चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त 106 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं। माैसम विभाग के अनुसार 12 सितंबर की देर रात से 14 सितंबर तक वर्षा की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान हल्की से मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा होगी। बारिश की अधिकतम तीव्रता 13 सितंबर को सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, किन्नौर और आसपास के क्षेत्रों में होगी। इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। मंडी, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। 14 सितंबर से वर्षा की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है। साथ ही अपनी यात्रा को माैसम की स्थिति के अनुसार प्लान करने की सलाह दी गई है।
शिमला के संजौली में बनी मस्जिदो को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आज प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि संजौली मुद्दे की गहराई तक जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रयास आगे न किए जा सकें। किन कारणों से ये परिस्थितियां बनी हैं, इसके कारण क्या रहे हैं। स्थानीय लोगों में रोष के कई कारण हैं। ऐसी अनेकों घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिली हैं। सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश का बंटाधार किया है। कांग्रेस को पता ही नहीं है कि सरकार चलानी कैसे है। कांग्रेस किए गए झूठे वायदे पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक-एक हफ्ता अपने वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा दिया। अब दूध और पर्यावरण के नाम पर सेस लगाने वाले हैं, किसी न किसी तरह जनता की जेब से पैसा निकालने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है और जनता पर बोझ डाल रही है। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं चला पा रही है तो इन्हें छोड़ देना चाहिए। वायदे पूरे करने के लिए जनता पर टैक्स का बोझ लादा जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि कर्नाटक की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में खुशहाली आई है। अब वहां पर्यटकों की भरमार है, भारी निवेश आने से नए रिकार्ड बने हैं और आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है, जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा और अपने लिए सुख सुविधाएं जुटाई, वर्तमान में उनके उम्मीदवार हारते हुए दिख रहे हैं। उमर अब्दुला पहले कहते थे मैं विधानसभा नहीं लडूंगा, अब दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों जगह हालत खस्ता लग रही है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस किस दिशा में जा रही हैं? जहां पर पत्थरबाजी, नशा बेचने, अलगाववादी औक आतंकवादी सोच वाले लोगों को जेलों से छोड़ने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि यह लोग जम्मू-कश्मीर में नई आफत खड़ी करना चाहते हैं। आफत खड़ी होने से जम्मू-कश्मीर की शांति भंग होगी। नेशनल कांफ्रेंस औक कांग्रेस धारा 370 को पुन: लागू करने की बात भी जम्मू-कश्मीर में कह रही हैं। ये दर्शाता है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां रिजर्वेशन खत्म करना चाहते हैं, वहीं इनकी पार्टी और परिवार ने लोकतंत्र की हत्या इमरजेंसी लगाकर की थी और संविधान में कई संशोधन पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक किए, जिससे साफ है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ हैं और अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनके हक भी छीनना चाहते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य जल्द ही क्लाउड पर शिफ्ट होगा। कार्य को क्लाउड पर शिफ्ट करने का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। क्लाउड सिस्टम पर जाने से जहां बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों को राहत मिलेगी, वहीं परीक्षा परिणाम देखने और आवेदन करने वालों को भी साइट के हैंग से पेश आने वाली समस्याओं से भी सदा के लिए निजात मिलेगी। स्कूल शिक्षा बोर्ड से सरकारी सहित कई निजी स्कूल संबद्धता प्राप्त किए हुए हैं, जिसके चलते बोर्ड प्रबंधन के पास हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों का डाटा पहुंचता है। यह अधिकतर ऑनलाइन ही रहता है। साइट पर डाटा अपलोड करने में दिक्कत पेश आती है। दूसरी ओर शिक्षा बोर्ड जब भी रिजल्ट निकालता है, तो अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट देखने में सर्वर स्लो होने के कारण दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा शिक्षा बोर्ड की ओर से जब अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाते हैं तो सर्वर के स्लो होने के कारण मुश्किल होती है। शिक्षा बोर्ड को बार-बार अंतिम तिथि में बदलाव करना पड़ता है। अब स्कूल प्रबंधन और अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाने सहित बोर्ड के अन्य कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए क्लाउड पर शिफ्ट किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा बोर्ड में पिछले कुछ दिनों से छात्र हित में काफी बदलाव किए गए हैं। इसी कड़ी में बोर्ड की कार्यप्रणाली को भी क्लाउड बेस्ड बनाया जा रहा है, ताकि रिजल्ट और आवेदन करने के दौरान अभ्यर्थियों को खासी राहत मिलेगी।
**फैसला सरकार पर छोड़ा हिमाचल के काॅलेजों के प्राचार्य प्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं हैं। प्राचार्य इस बार भी मेरिट आधार पर एससीए का गठन चाहते हैं। मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) और सरदार पटेल विवि (एसपीयू) की खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद की बैठक में विभिन्न काॅलेजों से पहुंचे प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। एचपीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने प्राचार्यों से चुनाव करवाने के बारे में राय ली। देर तक चली बैठक में प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव न करवाने की सलाह दी। प्राचार्यों ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव करवाने से काॅलेजों समेत विवि में अकादमिक सेशन गड़बड़ा जाएगा और कक्षाएं प्रभावित होंगी। अगर चुनाव प्रत्यक्ष करवाए जाते हैं तो चुनावी प्रक्रिया में कम से कम एक माह से अधिक का समय लगेगा, ऐसे में पढ़ाई प्रभावित होगी। लिहाजा, कॉलेजों में अप्रत्यक्ष रूप से मेरिट आधार पर एससीए का गठन होना चाहिए। कुलपति एक दो दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। चुनाव प्रत्यक्ष होंगे या मेरिट पर, अब इसका फैसला सरकार ही लेगी। बता दें कि विवि और कॉलेजों में हिंसा बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष चुनाव वर्ष 2013 में बंद हैं। बैठक में कुलपति ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को यूजीसी नेक टीम का दौरा करवाकर ग्रेडिंग करवाने के निर्देश दिए। कहा कि कॉलेज चाहे छोटा हो या बड़ा, ग्रेडिंग करवाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अब कॉलेजों के पात्र शिक्षक सभी विषयों में भी पीएचडी करवा सकेंगे, इसके लिए वे गाइड बन सकेंगे। यह फैसला हो चुका है, विवि जल्द अधिसूचना जारी करेगा। परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द निकाले जा सकें उसके लिए क्लस्टर प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके लिए काॅलेजों को जोन में बांटा जाएगा और एक नोडल महाविद्यालय बनाकर वहां पर ही पेपरों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे करीब डेढ़ महीने का समय बचेगा और परिणाम एक माह के भीतर निकाले जा सकेंगे। प्राचार्यों ने इस प्रयास की सराहना की और सहयोग करने की बात कही। प्राचार्यों ने कॉलेजों की व्यवस्थाओं में और सुधार लाने के सुझाव दिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का आभार प्रकट किया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल व हिमाचल वासियों का कल्याण सदा ही मोदी की प्राथमिकताओं में रहा है। चाहे प्रदेश में भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की मोदी सरकार ने हिमाचल के हितों से कभी कोई समझौता नहीं किया साथ ही विकास कार्यों में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। यह हर्ष का विषय है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी दी है। इस मंज़ूरी से प्रदेश के लाखों लोगों के सर पर पक्की छत का सपना पूरा होगा व मौसम की मार से बचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने हर परिवार को पक्का मकान देने की नीति के अंतर्गत देश के अन्य छोटे राज्यों में हिमाचल को प्राथमिकता देते हुए देवभूमि के लिए सबसे ज़्यादा घर मंज़ूर किए हैं। देवभूमि हिमाचल के हितों का विशेष ध्यान रखने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों के पात्रों को तीन किश्त में 1 लाख 50 हज़ार रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते हैं। यह ग़रीबों के प्रति मोदी की चिंता व उनके उन्नति के लिए प्रधानमंत्री की कर्तव्यपरायणता का प्रमाण है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आवंटन किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो 4 करोड़ से ज़्यादा घर दिये गए हैं उसमे 70% घर की मालकिन या संयुक्त मालकिन महिलाएं हैं। आवास योजना के अंतर्गत लगभग 54 से 55% लाभ हमारे एससी और एसटी भाइयों बहनों को मिला है” श्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में जब राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी, तब मोदी जी ने हिमाचलवासियों के बचाव और राहत से लेकर पुनर्वास तक के लिए सभी उपाय किए लेकिन कांग्रेस की सरकार केंद्र से मिले पैसों को भी सही से उपयोग नहीं कर सकी और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी रही। कांग्रेसी नेता अपनी उपलब्धि क्यों नहीं बताते? आज कांग्रेस के नेता सिर्फ़ बयानवीर बने हैं लेकिन आपदा के दौरान इन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया यह बताएँ। कांग्रेसी नेता यदि भूल गए हों तो उन्हें फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि कि हिमाचल में आपदा के दौरान मैं 3 बार तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हज़ार घर आवास योजना के अन्तर्गत व 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत मंज़ूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किस्तों में ₹180 - 180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिये भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिये गये हैं”
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कंपनियों ने 20 दिन में दूसरी बार सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी की है। रविवार रात को सीमेंट कंपनियों ने प्रति बैग पर 15 रुपये बढ़ाए हैं। इससे पहले 24 अगस्त को 10 रुपये की वृद्धि की गई थी। अब एसीसी सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। एसीसी गोल्ड का रेट भी 490 रुपये हो गया है। यही भाव अंबुजा और अल्ट्राटेक सीमेंट के भी हो गए हैं। सीमेंट कंपनियों ने 20 दिनों में प्रति बैग पर 25 रुपये की बढ़ोतरी कर लोगों को महंगाई का झटका दिया है। सोलन के सीमेंट विक्रेता हनी साहनी ने बताया कि सीमेंट के दामों 15 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। अब लोगों को सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। यह रेट सोमवार सुबह से ही लागू हो गए हैं।
मंडी: जिले के बल्ह उपमंडल के तहत आने वाले रिवालसर क्षेत्र के गांव सरध्वार के राहुल शर्मा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. राहुल शर्मा 7 सितंबर शनिवार को ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से पास आउट हुए. राहुल शर्मा भारतीय सेना की अति प्राचीन एवं गौरवशाली मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट का हिस्सा बने हैं. राहुल ने कक्षा दसवीं केंद्रीय विद्यालय ओएलएफ देहरादून से और प्लस टू की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर से की. इसके बाद राहुल ने बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री जवाहर लाल नेहरू गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर से और एमबीए की डिग्री भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान नोएडा से प्राप्त की. साल 2023 में राहुल का चयन भारतीय सेना में अधिकारी प्रशिक्षण के लिए हुआ. अक्टूबर 2023 से प्रतिष्ठित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए 11 माह का प्रशिक्षण पूरा किया. इस विशेष अवसर पर राहुल शर्मा के पिता केशव राम शर्मा, माता दुर्गी देवी के अलावा इनकी दो बहनें भी शामिल हुईं. राहुल के पिता केशव राम शर्मा ने भी 20 सालों तक भारतीय सेना में सेवाएं दी हैं. उन्हें अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए “चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड” से सम्मानित किया गया है. वर्तमान में राहुल के पिता केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर में लाइब्रेरियन हैं. राहुल की इस कामयाबी से क्षेत्र में खुशी का माहौल है. राहुल ने बताया कि उनका बचपन से ही सेना के प्रति गहरा लगाव रहा और सेना में ऑफिसर बनने का सपना था. इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने पढ़ाई के साथ स्काउट्स एंड गाइड का प्रशिक्षण लिया और “राज्य पुरस्कार” भी हासिल किया. कॉलेज के समय राहुल ने एनसीसी का प्रशिक्षण लिया जिसमें उन्हें सी सर्टिफिकेट भी मिला. राहुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों व परिजनों को देते हुए कहा कि इंसान कड़ी मेहनत के दम पर किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है.
मंडी: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने के लिए बनाई जा रही पॉलिसी पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट दौर के बीच आय के नए-नए विकल्पों को तलाशा जा रहा है. प्रदेश की मौजूदा सरकार भी हिमाचल की इनकम बढ़ाने के लिए आय के स्त्रोंतों को खोज रही है. भांग की खेती भी उसी का ही एक हिस्सा है और इसे लीगल करने के लिए पहले से ही कवायत शुरू हो गई थी. इस खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी ने सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसे विपक्ष ने भी स्वीकारा है. वहीं, जयराम ठाकुर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते नेश के प्रचलन के बीच भांग की खेती को व्यवहारिक तौर पर लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण कार्य है. उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि सरकार पहले भांग की खेती के नफे-नुकसान सही ढंग से जान ले और फिर उसके बाद ही इसे लागू करने की दिशा में प्रयास करें. जयराम ने साफ किया कि विपक्ष इस पॉलिसी के विरोध में नहीं है, लेकिन आने वाले समय में सरकार का इस पर क्या रुख रहता है, उस हिसाब से इसपर विचार किया जाएगा.इसके अलावा जयराम ठाकुर ने प्रदेश में सरकार द्वारा बंद किए जा रहे और बदले जा रहे संस्थानों को लेकर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मंडी जिले के साथ प्रदेश सरकार शुरू से ही भेदभाव कर रही है. पहले यहां पूर्व की सरकार द्वारा खोले गए सैंकड़ों संस्थान बंद कर दिए गए और अब संस्थानों को बदला जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सदन में भी इस बात को प्रमुखता से रखा गया है. संस्थान जनहित के लिए खोले जाते हैं और सरकार को इस बात को सोचना चाहिए. अगर किसी दूसरे स्थान पर संस्थान की जरूरत है तो वहां नया संस्थान खोला जाए.
कल से प्रदेश में स्कूलों की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। यहां बहुत सारे स्कूलों में पहले से ज्यादा बच्चों की चहल-पहल दिखाई देगी जबकि कई स्कूलों पर ताला लटका हुआ दिखाई देगा। दरअसल प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले शिक्षा निदेशालय को आदेश दिए थे कि प्रदेश में जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है उन्हें मर्ज कर दिया जाए।हिमाचल प्रदेश में मर्ज किए गए 419 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सोमवार से कक्षाएं नजदीकी स्कूलों में लगेंगी। शिक्षा विभाग ने मर्ज स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आसपास के स्कूलों में पंजीकृत करवा दिया है। प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को दो किलोमीटर और मिडल स्कूल के विद्यार्थियों को तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिए हैं। 9 सितंबर से इन विद्यार्थियों की कक्षाएं नए स्कूलों में ही लगेंगी। सरकार ने पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले 419 प्राइमरी और मिडल स्कूलों को मर्ज किया है। मर्ज किए गए 65 मिडल स्कूलों में कार्यरत 80 टीजीटी के अन्य स्कूलों में तबादले कर दिए गए हैं। अब जेबीटी और सीएंडवी वर्ग के करीब 500 शिक्षक अगले सप्ताह नए स्कूलों में शिफ्ट किए जाएंगे। इनके तबादले करने की प्रक्रिया इन दिनों प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में जारी है। विद्यार्थियों की स्कूलों में कम संख्या होने के चलते पड़ रहे वित्तीय बोझ को कम करने और बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के उद्देश्य से सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि टीजीटी वर्ग के तबादले कर दिए गए हैं। जेबीटी और सीएंडवी को बदलने की प्रक्रिया जारी है। सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि मर्ज किए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएं। कोई भी विद्यार्थी दाखिले लेने से छूटना नहीं चाहिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने और संस्थानों की मजबूती के लिए कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आंकड़ों ने हैरान किया है। प्रति विद्यार्थी सरकार 37 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं। कई जगह शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। इस सब कमियों को भी जल्द सुधारा जाएगा।
राजस्व संबंधी कार्यों के सुचारू संचालन और लंबित मामलों का समयबद्ध निपटारे और राजस्व कार्यो में तेजी लाने के उद्देश्य से करसोग में उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डीआरओ मंडी हरीश शर्मा व एसडीएम करसोग राजकुमार सहित तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय कानूनगो और करसोेेेेग क्षेत्र के सभी ग्रामीण राजस्व अधिकारियों (पटवारियों) ने भाग लिया। बैठक में उपायुक्त मंडी ने क्षेत्र में लंबित चल रहे तकसीम खानगी, निशानदेही व इंतकाल के मामलों की व्यक्तिगत रूप से एक-एक मामले की समीक्षा कर, उनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। गौरतलब है कि मंडी जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला है, जहां पर राजस्व कार्यो में तेजी लाने और प्राथमिकता के आधार पर उनका निपटारा करने के लिए तहसील, सब तहसील पर राजस्व मामलों की समीक्षा की जा रही है। जिसका जिम्मा उपायुक्त मंडी ने स्वयं संभाला हुआ है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन तहसील व सब तहसील स्तर पर स्वयं पहुंच कर लंबित चल रहे राजस्व मामलों की एक-एक कर समीक्षा कर रहे है ताकि लोगों को राहत प्रदान की जा सके। इससे पूर्व, मंडी जिला के धर्मपुर में भी उपायुक्त मंडी तहसील व उप-तहसील स्तर राजस्व कार्यो की समीक्षा कर चुके है। करसोग में समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त मंडी ने क्षेत्र के सभी पटवारियों और क्षेत्रीय कानूनगो को राजस्व संबंधी कामकाज को समयबद्ध सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि तकसीम खानगी, निशानदेही व इंतकाल के मामले, जो 6 माह या एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं, उनका निपटारा प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व संबंधी किसी भी मामले का समयबद्ध निपटारा नहीं किया जाता है तो दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2024 से पूर्व के सभी तकसीम खानगी, निशानदेही व इंतकाल के मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रिपोर्ट प्रेषित करे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग राज्य सरकार की रीढ़ है और हम सभी को इसे बनाए रखना है। उन्होंने सभी क्षेत्रीय कानूनगो और ग्रामीण राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां कहीं पर कोई कमी है उसे सुधारे और आमजन के राजस्व कार्यो के निपटारे में तेजी लाए। उपायुक्त ने करसोग क्षेत्र में इंतकाल संबंधी मामलों के निपटारे के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा भी की। उपायुक्त ने एक दिवसीय करसोग दौर के उप-तहसील बग्सयाड़ और पांगणा में भी राजस्व कार्यो की समीक्षा की। उपायुक्त मंडी ने अपने करसोग दौरे के दौरान करसोग में निर्माणाधीन मिनी सचिवालय का निरीक्षण भी किया और अंतिम दौर में चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण करने निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए। उन्होंने मिनी सचिवालय में प्रस्तावित लाईब्रेरी के कार्य की भी समीक्षा की और लाईब्रेरी में होने वाले इंटीरियर कार्यो की रूप रेखा तैयार करने के भी निर्देश दिए। उपायुक्त ने नगर पंचायत करसोग को लोगों की सुविधा के लिए करसोग बाजार में शीघ्र शौचालय निर्माण, सफाई व्यवस्था को बनाए रखने और कूड़ा कचरा प्रबंधन के संबंध में भी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बस स्टैंड करसोेग में उत्पन्न शौचालय की समस्या का भी शीघ्र समाधान करने के निर्देश आरएम करसोग को दिए। इस मौके पर एसडीएम करसोग राजकुमार ने उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन को प्रशासन की ओर से, जबकि तहसीलदार करसोग वरूण गुलाठी ने तहसील कार्यालय की ओर से उपायुक्त को शाॅल, टोपी भेंट कर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन से अधिक संगठनों से जुड़े लोगों व आमजन ने उपायुक्त मंडी को उनके करसोग दौरे के दौरान शाॅल, टोपी भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके एसडीएम राजकुमार, तहसीलदार वरूण गुलाठी, नायब तहसीलदार शांता शुक्ला सहित विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
**7सितंबर के बाद वर्षा से राहत के आसार हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दस्तक के साथ ही इसकी रफ्तार धीमी पड़ गयी थी। इस सीजन के दौरान पूरे प्रदेश में 22% कम बारिश हुई है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में सितंबर माह में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान कुछ क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई और प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में तीन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा इस वर्ष मॉनसून सीजन के दौरान 1 से 4सितंबर तक प्रदेश में 22% कम बारिश दर्ज की गई है।जबकि सितंबर माह में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार दिनों में तीन जिलों को छोड़कर वर्षा की रफ्तार में कमी आने की संभावना है।आज के लिए मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है।कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड के साथ सटे सोलन सिरमौर व शिमला के कुछ एक क्षेत्रों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश भी हो सकती है।वहीं 7 सितंबर के बाद पूरे प्रदेश में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी ।
पिछले सप्ताह जेबीटी बैच वाइज का रिजल्ट काफी लंबे समय के बाद आया और स्टेशन भी मिले जिससे जेबीटी बैचवाइज कैंडिडेट ने राहत की सांस ली। इस पर जेबीटी बेरोजगार संघ ने हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया और साथ ही सरकार से आग्रह किया कि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन में भी जल्द से स्टेशन दिए जाएं । जेबीटी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने कहा कि जेबीटी वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन की बैच वाइज कॉउंसलिंग नवबंर 2023 में हुई थी ,जिसका रिजल्ट 10 जुलाई 2024 को आ गया परंतु अभी तक स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं । जिस से वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन के काफी लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने बैच वाइज भर्ती के लिए 9-10 सालों से इंतजार किया लंबे इंतजार के बाद उनका रिजल्ट आया था परंतु स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं जबकि जेबीटी बैच वाइज की भर्ती का रिजल्ट और स्टेशन एक साथ लग गए हैं । जबकि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन वाले अभी तक अपने अप्पोइंटमेट का इंतज़ार कर रहे हैं । जगदीश परयाल ने सरकार से मांग रखी किया कि जेबीटी वार्ड वालो को भी जल्दी से नियुक्ति दी जाए ताकि जल्द से स्कूलों को नए अध्यापक मिले और इन लोगो की भी समस्या का समाधान हो जेबीटी यूनियन ने कहा कि उन्हें प्रदेश सरकार पर पूर्ण भरोसा है कि वह जल्द इन्हें नियुक्ति देकर आगे जेबीटी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करेंगे अभी प्रदेश में लगभग 4500 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं जेबीटी प्रशिक्षु 4-5 सालों से जेबीटी कमीशन का इंतजार कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का विलम्ब अब जेबीटी भर्ती में ना किया जाए क्योंकि जेबीटी वालो का बहुत शोषण पिछले काफी सालों से हो रहा है ।
मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टरों के ऊपर हमला करने की घटना सामने आई ह। इस घटना में एक डॉक्टर घायल हुआ है जबकि अन्य अपनी जान बचाकर मौके से भाग गए। प्रशिक्षु डॉक्टरों के ऊपर हमला उस समय हुआ जब रात की ड्यूटी पर तैनात कुछ प्रशिक्षु डॉक्टर अस्पताल और कॉलेज परिसर के बाहर टहल रहे थे। बताया जा रहा है कि हमलावर कार में आए थे और मरीज बनकर कॉलेज परिसर में घुसे जिससे मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षा गार्ड भी चकमा खा गए। हमलावरों ने प्रशिक्षु डॉक्टर की पिटाई की और उसे जान से मारने की धमकी दी. इस हमले के दौरान प्रशिक्षु डॉक्टरों ने एक हमलावर को पकड़ लिया जबकि तीन अन्य फरार हो गए। घटना से गुस्साए डॉक्टरों ने हमलावरों की गाड़ियां तोड़ दीं। घटना की सूचना मिलते ही कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीके वर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे। कॉलेज प्रबंधन इन शरारती तत्वों की पहचान करने के प्रयास में जुटा है। सुरक्षा की इस चूक के बाद प्रशिक्षु डॉक्टरों ने कॉलेज परिसर में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की मांग की है। बल्ह पुलिस थाने की टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और फरार अन्य हमलावरों की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि सभी लड़के लोकल हैं और उनमें से एक लड़का अस्पताल में वॉर्ड बॉय बताया जा रहा। एसपी साक्षी वर्मा ने कहा "हमला करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस तरह की वारदात को अंजाम देने के पीछे इनका क्या मकसद था पुलिस इसकी बारीकी से जांच कर रही है। " नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद डॉक्टरों में भारी रोष है। इस घटना ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है और वे कॉलेज प्रबंधन से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं।
हमीरपुर भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने प्रदेश सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोला है। हमीरपुर पहुंचे विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। आशीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास प्रदेश में सरकार की नाकामियों को छुपाने के अलावा और कोई काम नहीं है। सीएम सुक्खू और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने दो महीने का वेतन विलंबित करने की बात कह कर जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। बार-बार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। प्रदेश में लूटपाट और भ्रष्टाचार चरम पर है। युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर धोखा किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की गारंटी दी गई, लेकिन अभी तक महिलाओं को इनसे पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। लोग अब सरकार की कार्यप्रणाली को भली-भांति समझ रही है और अब जनता सरकार को जवाब देगी। हमीरपुर विधायक ने कहा कि सीएम सुक्खू के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा हिमाचल प्रदेश की जनता भुगत रही है। प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भुगत रहा है। प्रदेश सरकार अपने वादे भी पूरे नहीं कर पा रही है। अभी तक उन्होंने अपनी चुनावी गारंटियां पूरी नहीं की हैं। मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों पर दोनों हाथों से खजाने का पैसा लूटा कर प्रदेश को कर्ज के दलदल में इस कदर धकेल दिया है कि आने वाले कई सालों तक प्रदेश आर्थिक रूप से खड़ा नहीं हो पाएगा।
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और सरकार पर फिजूल खर्ची के आरोप लगा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट होने की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि जब से सरकार सत्ता में आई है, पहले दिन से हिमाचल को साल 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कही है। अर्थव्यवस्था में सुधार करने की प्रक्रिया में प्रदेश सरकार काम कर रही है। ये जो कहा जा रहा है कि प्रदेश में फाइनेंशियल मेस हो गया है ये गलत है। अगर हमने दो वेतन भत्तों को विलंबित किया है तो अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा जो 85 हजार करोड़ की देनदारियां की बात कर रही है वो भाजपा सरकार छोड़ कर गई है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों को 7% DA दिया। प्रदेश में 14 प्रकार की सब्सिडी दी जा रही है, जिनको आवश्यकता नहीं उन्हें भी मिल रही है। हजारों लोग सबसिडी छोड़ने की बात कह रहे हैं, हजारों लोगों ने बिजली पानी की सब्सिडी छोड़ने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाए हुए सिर्फ 19 महीने हुए हैं। पूर्व सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी। वर्तमान सरकार इसमें सुधार कर रही है। इसमें पैसों की जरूरत है। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी जो है, वो समय पर मिलेगी और पेंशन भी दी जाएगी। 28 कर्मचारियों को एरियर दे दिया है। केंद्र सरकार से 9200 करोड़ रुपए एनपीएस और 9300 करोड़ रुपए पीडीएन का मिलना है। बीबीएमबी में 4300 करोड़ रुपये का शेयर है, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट से निर्देश भी दिए हैं। वहीं, प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राजनीति करने के आरोप लगाए और कहा कि भाजपा नेता बिना तैयारी के बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कभी ड्रोन से जासूसी की बता कर रहे हैं कभी फाइनेंशियल मेस की बात कर रहे हैं। विपक्ष के नेताओं को होमवर्क करके आने की जरूरत है।
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों बाद शनिवार को कहीं भी बादल नहीं बरसे। राजधानी शिमला समेत सभी जिलों में धूप खिली रही। बिलासपुर और ऊना में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। रविवार को भी हिमाचल में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। दो और तीन सितंबर को कई जगह बारिश का येलो अलर्ट है। चार सितंबर से फिर मौसम साफ रहने की संभावना है। शनिवार शाम तक प्रदेश में 70 सड़कें और 22 बिजली ट्रांसफार्मर बंद रहे। शिमला जिला में 35, मंडी में 12, कांगड़ा में 11, कुल्लू में 9, लाहौल-स्पीति-ऊना और सिरमौर में एक-एक सड़क आवाजाही के लिए बंद है। राजधानी शिमला में शनिवार को दिन भर धूप खिली। बीते एक सप्ताह से शहर में सुबह या शाम बारिश हो रही थी।शनिवार को बारिश से राहत मिली। हालांकि शाम के समय शहर में बादल छा जाने से मौसम में कुछ ठंडक हुई। मैदानी जिलों के मौसम में धूप खिलने से उमस बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने दो और तीन सितंबर को कुछ क्षेत्रों में भारी व अन्य स्थानों पर सामान्य बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है। 26 जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में 471.1 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 613.8 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। शेष सात जिलों सोलन, चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, हमीरपुर और ऊना में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में महंगाई की मार से पहले ही परेशान लोगों को अब डिपुओं में सामान खरीदते वक्त झटका लगने वाला है। वित्तीय संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाला राशन महंगा कर दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों से डिपुओं के लिए राशन का कोटा भेजा जा रहा है। ऐसे में जब सितंबर की पहली तारीख को उपभोक्ता डिपुओं में राशन का कोटा खरीदने जाएंगे तो उन्हे इस महीने की तुलना में आटा और चावल के अधिक दाम चुकाना होगा। प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे। सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं। नए रेट कल यानी एक सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं। इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और चावल महंगा हुआ है। कल से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा। अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है। इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है। वहीं, आटे के भी अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे। अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इसी तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है। सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा कर दिया है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा। अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। ऐसे में बीपीएल परिवारों को चावल के 3.15 रुपए और आटे के 2.30 रुपए अधिक चुकाने होंगे। वहीं, दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है और राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है। ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है, जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं।
शिमला: स्वास्थ्य के मोर्चे पर चमकदार उपलब्धियों वाले राज्य हिमाचल के अस्पतालों में लाइफ सेविंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 498 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के धूल फांक रहे हैं। इन्हीं में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए। कुल उपलब्ध 914 वेंटीलेटर्स में से केवल 416 वेंटीलेटर्स का ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग हो रहा है। ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती की तरफ से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है। ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने चार हिस्सों में बंटे सवाल में वेंटीलेटर्स की संख्या, उनका उपयोग और ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि कुल 914 वेंटीलेटर्स हैं और उनमें से 416 का प्रयोग हो रहा है, बाकी 498 बेकार पड़े हैं और इन्हीं में से 128 खराब हैं। सतपाल सिंह सत्ती ने ये भी जानना चाहा था कि कौन-कौन से ऑक्सीजन प्लांट खराब हैं। हिमाचल के अस्पतालों में कुल 56 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट्स हैं। इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है। पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है। इन प्लांट्स में ऑक्सीजन उत्पादित होने के बाद स्टोर नहीं होती। इनमें से 24 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं. एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है। इसके अलावा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है। यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। रीजनल अस्पताल बिलासपुर के सभी 24 वेंटीलेटर्स कार्यशील हैं। वहीं, बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमीरपुर में 69 में से केवल 18 ही वेंटीलेटर्स काम कर रहे हैं। कुल 51 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हैं। तकनीकी स्टाफ की कमी इनके उपयोग में न लाए जाने का कारण बताया गया है। सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेटर्स हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं। किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के हैं। कुल्लू के रीजनल अस्पताल के हालात ये हैं कि यहां पर सभी के सभी 21 वेंटीलेटर्स तकनीकी स्टाफ न होने से उपयोग में नहीं लाए जा रहे। नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 60 बिना उपयोग के हैं। जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेटर्स प्रयोग में लाए जा रहे हैं। डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेटर्स ही काम कर रहे हैं। नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है। यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सदन से लेकर सड़क तक जयराम ठाकुर के निवास स्थान के आसपास उड़ने वाले ड्रोन का मामला छाया रहा। विधानसभा के मानसून सेशन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर पुलिस वाले उनके सरकारी आवास के आसपास ड्रोन उड़ा रहे हैं। ये जासूसी करने जैसा है और उनकी निजता का हनन है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की जांच की बात कही तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार किसी की जासूसी नहीं कर रही है। यदि नेता प्रतिपक्ष को ऐसा लगता है तो मामले की जांच की जाएगी। बाद में खुलासा हुआ कि जिसे जयराम ठाकुर जासूसी वाला ड्रोन समझ रहे थे, वो दरअसल शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड का ड्रोन था। ये शिमला शहर को राउंड दि क्लॉक पानी उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे को लेकर उड़ाया जा रहा था। इस सर्वे को लेकर जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने बाकायदा वीडियो जारी कर स्थिति भी स्पष्ट की है। शिमला शहर के सभी वार्डों के नागरिकों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जियो मैपिंग की जा रही है। इसी कड़ी में ये ड्रोन उड़ रहे हैं। इस बारे में संबंधित प्रशासन से अनुमति ली गई है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने स्वेज इंडिया कंपनी को जियो मैपिंग का काम सौंपा है।