हिमाचल में दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर शिमला न आना पड़े, इसके लिए सुक्खू सरकार ने खुद घरद्वार पर जाकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए अनूठी पहल की है। इसके तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र डोडरा-क्वार की महिलाओं को ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ से लाभान्वित करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम डोडरा-क्वार में करेंगे। ऐसे में सीएम सुक्खू देर शाम तक लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनका मौके पर समाधान करने की भी कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दूरदराज के गांवों में जाकर लोगों की शिकायतों का उनके घरद्वार पर निवारण करना है। इसी तरह के निर्देश मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी जारी किए गए हैं। जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे, ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के समाधान के लिए जिला मुख्यालयों में न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की पहल और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने गांवों की ओर रुख करने का फैसला लिया है, ताकि विकास कार्यों के जरिए उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि गांव के लोग भोले-भाले और मेहनती होते हैं। जो रोजमर्रा की कठिनाइयों का डटकर सामना करते हैं। ऐसे में वर्तमान सरकार उनकी कठिनाइयों को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनके घरद्वार पर जाकर उनसे संवाद करेगी और जन समस्याओं का मौके पर निपटारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार दौरे के दौरान जनसमूह को संबोधित करने के अलावा उनसे व्यक्तिगत रूप से भी मिलेंगे और अधिकारियों को लोगों की शिकायतों का तत्काल समाधान करने के निर्देश देंगे ।
हिमाचल प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की अन्य विभागों के कामों में तैनाती पर रोक लगा दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देशों का पालन करने के लिए पत्र जारी किया है। पत्र में स्पष्ट किया है कि चुनाव और जनगणना के कार्यों के अलावा किसी अन्य विभाग के काम के लिए शिक्षक नहीं जाएंगे। प्रशिक्षण और सेमीनार में जाने के लिए भी निदेशालय की मंजूरी लेनी होगी। शिक्षकों की गैरहाजिरी के चलते स्कूलों में प्रभावित हो रही पढ़ाई व्यवस्था का इसके लिए हवाला दिया गया है। सरकारी स्कूलों में गिरते शैक्षिक मानकों के मद्देनजर प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षकों की मौजूदगी के महत्व पर जोर देते हुए यह निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में किए गए निरीक्षणों में चिंताजनक परिणाम सामने आए हैं, जिसमें राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) में राज्य की रैंकिंग 2021 में 13 से गिरकर 21 हो गई है। इसको देखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के लिए अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देना शुरू किया गया है, लेकिन छात्रों की शिक्षा पर बाहरी गतिविधियों के लिए शिक्षकों की तैनाती के नकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं। कई प्राथमिक विद्यालय केवल एक या दो शिक्षकों के साथ संचालित होते हैं, जिससे उनकी अनुपस्थिति विशेष रूप से पढ़ाई का नुकसान कर रही है। ऐसे में निदेशालय ने अनिवार्य किया है कि चुनाव या जनगणना कर्तव्यों से संबंधित गतिविधियों के लिए शिक्षकों को निदेशालय से पूर्व अनुमति के बिना अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए। शिक्षकों की अनधिकृत तैनाती के लिए जिला उपनिदेशकों को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। पत्र में कहा है कि छात्रों के शैक्षिक अनुभवों की सुरक्षा के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों से सामूहिक प्रयासों का आह्वान भी किया है। इन आदेशों का पालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित शिक्षक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
** सभा मे मौजूद समिति और जिला परिषद सदस्यों ने लिया मामले का संज्ञान ** प्रस्ताव पारित कर डीसी मंडी और सीएम को भेजा, कार्रवाई की उठाई मांग **समिति अध्यक्षा शीला ठाकुर की अध्यक्षता में हुई त्रैमासिक बैठक पधर: पंचायत समिति द्रंग खंड की त्रैमासिक बैठक में अधिकारियों के न पहुंचने पर समिति सदस्यों ने तल्खी दिखाई। गुस्साए सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर जिला उपायुक्त और मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। त्रैमासिक बैठक समिति अध्यक्षा शीला ठाकुर की अध्यक्षता में खत्म हुई। जोगेंद्रनगर उपमंडल के किसी भी विभाग के कोई अधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे, जिसका सभा मे मौजूद सदस्यों ने कड़ा संज्ञान लिया। साथ ही पधर उपमंडल से भी उपमंडल स्तर के अधिकारी बैठक से नदारद रहने पर तल्खी जताई। यहां सहायक अभियंता स्तर के अधिकारियों की जगह कई विभागों के कनिष्ठ अभियंता बैठक में पहुंचे। जो समिति सदस्यों द्वारा उठाए गए मामलों का संतोषजनक जबाब नहीं दे पाए। इस दौरान समिति सदस्यों ने वर्ष 2022-23 का बजट जो पंचायतों को भेजा गया है, उस बारे समीक्षा की। पंचायत समिति अध्यक्षा शीला ठाकुर ने फियूनगलू-धरमेहड़-सुधार की खस्ताहालत का मामला सदन में रखते हुए सड़क की शीघ्र मुरम्मत की मांग की। उपाध्यक्ष कृष्ण भोज ने सरवाला-खुंड़-सास्ती-देवधार और उरला नौशा सड़क को पक्का करने की मांग रखी। वहीं खजरी-गलमाठा सड़क निर्माण के लिए एफआरए केस को शीघ्र मंजूरी का मामला उठाया। उरला पंचायत के गैल गांव में बिजली की लो वोल्टेज समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने की मांग की। अन्य समिति सदस्यों ने अपने अपने वार्ड से सबंधित समस्याएं सदन में रखी। इस दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेंद्र सैनी, तहसील कल्याण अधिकारी सरला शर्मा, कृषि विष्यवाद विशेषज्ञ डॉ सोनम, वन परिक्षेत्र अधिकारी उरला शिवम रत्न, द्रंग मंजू देवी, चिंता ठाकुर, कनिष्ठ अभियंता जल शक्ति विभाग प्रेम भारद्वाज, लोनिवि रामचंद्र ठाकुर सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने विभागों से सबंधित जानकारी दी। जिसमें उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, जिला परिषद सदस्य रविकांत, कुशाल भारद्वाज, विजय भाटिया, शारदा ठाकुर, कार्यकारी अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी विनय चौहान, पंचायत निरीक्षक हुक्म चंद, उपनिरीक्षक जोगिंदर सिंह सहित समस्त सदस्य और विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे ।
**रेस्क्यू के लिए मंगवाया हेलीकॉप्टर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बीड़ बिलिंग से उड़े तीन विदेशी पैराग्लाइडर कुल्लू जिला की ऊंची पहाड़ियों में फंसे गए हैं, जिनको रेस्क्यू करने के लिए कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा सरकार से हेलीकॉप्टर की मांग की गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि बीड़ बिलिंग से तीन विदेशी पैराग्लाइडरों ने उड़ान भरी थी। जो दिशा भटक कर कुल्लू जिला में फोजल की ऊंची पहाड़ियों के बीच में फंस गए हैं, जिनमें एक पैराग्लाइडर यूके दूसरा न्यूजीलैंड तथा तीसरा ऑस्ट्रेलिया का बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें उड़ान भरने वाला एक पैराग्लाइडर चालक घायल हो गया है। बताया कि तीनों विदेशी पैराग्लाइडर जिला की लगभग 4 से 5000 फीट की ऊंचाई पर फोजल की पहाड़ियों के बीच में फंसे हुए हैं, जिनको रेस्क्यू करने के लिए गई टीम ने हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने का आग्रह किया है। विकास शुक्ला के मुताबिक प्रशासन द्वारा तीनो पेराग्लाइडरों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर मंगवाया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
**निर्माण कार्य को समयबद्ध पूर्ण करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार सांय नई दिल्ली के द्वारका में निर्माणाधीन हिमाचल निकेतन का दौरा कर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को इसका निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल निकेतन के निर्माण से हिमाचलवासियों को विभिन्न कार्यों के लिए राजधानी में ठहरने की सुविधा मिलेगी। इसकेे बनने से विशेषकर विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। इस पांच मंजिला भवन का निर्माण 57.72 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला: पुलिस भर्ती की इच्छुक लड़कियां हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर जाकर जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करें।आयोग की वेबसाइट पर ये आवेदन 31 अक्टूबर रात 11.59 बजे तक किया जा सकेगा। उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया क्लोज कर दी जाएगी। इस तरह हिमाचल की बेटियों के पास अब सिर्फ छह दिन का समय बचा है। पुलिस में लड़कियों के 380 पद भरे जाने हैं । ये नियमित भर्ती है और इसमें लेवल-3 का पे-बैंड मिलेगा। यानी पे-स्केल 20200-64000 होगा। बड़ी बात है कि लड़कियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जा रहा है। ये भर्ती नशे के खिलाफ विशेष कमांडो फोर्स के रूप में होगी। यदि किसी बेटी ने स्कूल में या कॉलेज में एनसीसी लिया होगा तो उसे चार अंक मिलेंगे। इसके अलावा हाइट के अंक भी मिलेंगे। इनमें से सामान्य वर्ग के लिए अनारक्षित 104 पद, स्वतंत्रता सेनानी परिवार वर्ग के 9, एक्स सर्विसमैन परिवार के लिए 31, होमगार्ड के 24 पद होंगे । इसके अलावा एससी वर्ग के लिए अनारक्षित पद 46, इसी वर्ग के स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों के लिए 5, बीपीएल के लिए 10, इसी वर्ग में एक्स सर्विस मैन वर्ग के लिए 11 पद हैं कुल पद 168 बनते हैं. एससी वर्ग में होम गार्ड के लिए 13 पद रखे गए हैं । इसमें कुल पद 85 बनते हैं । इसी तरह एसटी वर्ग के लिए अनारक्षित पद 13, इसी वर्ग के बीपीएल के लिए 3, वार्ड ऑफ एक्ससर्विस मैन कैटेगरी में 4 पदों को मिलाकर कुल 20 पद भरे जाने हैं । आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए अनारक्षित पद 32 हैं । इसके अलावा तीन पद होम गार्ड के लिए हैं । ओबीसी में अनारक्षित वर्ग के लिए 38, वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर्स के लिए 5, बीपीएल के लिए 11, व वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन के लिए 7 पद रखे गए हैं । सभी वर्गों में ये कुल 380 पद बनते हैं ।
दिवाली से पहले हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य के डॉक्टरों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के निर्देशों पर राज्य सरकार ने पीजी कोर्स, सीनियर रेजीडेंसी (एसआरशिप) या डीएम स्तर की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों को अध्ययन अवकाश के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है। इससे पहले मंत्रिमंडल के एक निर्णय में अध्ययन अवकाश पर जाने वालों का वेतन 40 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया था। इससे आगे की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से अब पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सकों को उनका पूरा वेतन मिलेगा और उनकी पढ़ाई को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रशिक्षुओं को अब अपने कोर्स के दौरान पूरा वेतन मिलेगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सक अपनी शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करते हैं। चिकित्सा क्षेत्र में उनके व्यावसायिक विकास और राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए दोनों के मध्य सामंजस्य महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार की ओर से चिकित्सकों को पूरा वेतन प्रदान करने का उद्देश्य उनके समर्पण भाव को प्रोत्साहित करने के साथ उनके प्रशिक्षण तथा लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करना है। इससे मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित होगी और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुदृढ़ होगी, जिससे प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हाल ही में हुई बैठक में इनसे संबंधित मामलों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्वरित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संबंधित मामलों का निवारण करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने अब पीजी पाठ्यक्रम करने वाले चिकित्सकों के लिए पूर्ण वेतन देने को स्वीकृति प्रदान की है। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने वाले चिकित्सकों को पूर्ण वेतन प्रदान करने के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से चिकित्सकों की एक बड़ी चिंता का समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ मामले पर विचार-विमर्श किया और चिकित्सकों के हित में त्वरित समाधान किया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया।इस निर्णय से चिकित्सकों का मनोबल और अधिक बढ़ा है। यह निर्णय मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुदृढ़ होगी। इसके अतिरिक्त यह निर्णय राज्य भर में मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में योगदान देगा क्योंकि चिकित्सक अपनी पीजी पढ़ाई पूरी करने के बाद राज्य के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर प्रदेश के समग्र स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करेंगे।
दिवाली पर शिमला से प्रदेश भर के रूटों पर 37 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। शिमला आईएसबीटी स्थित एचआरटीसी कंट्रोल रूम में आई डिमांड के आधार पर 29 और 30 अक्तूबर को अतिरिक्त बसें चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं। मंडलीय प्रबंधक एचआरटीसी शिमला की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 29 और 30 अक्तूबर को शिमला से रिकांगपिओ के लिए 2, शिमला से कांगड़ा 3, शिमला से रामपुर 3, शिमला से रोहड़ू 3, शिमला से कुल्लू 3, शिमला से मंडी 2, शिमला से सरकाघाट 2, शिमला से पालमपुर 2, शिमला से धर्मशाला 3, शिमला से चंंडीगढ़ 5, शिमला से दिल्ली 4 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। निगम प्रबंधन ने अतिरिक्त बसें उपलब्ध करवाने का जिम्मा रिकांगपिओ, तारादेवी, रामपुर, रोहड़ू, शिमला ग्रामीण, शिमला लोकल, सोलन और करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधकों को सौंपा गया है। 30 अक्तूबर के लिए निगम को गुरुवार दोपहर तक मिली बसों की अतिरिक्त डिमांड के चलते शिमला से चौपाल रूट पर 1, शिमला से हमीरपुर के लिए 2 और शिमला से मंडी के लिए 2 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। दिवाली पर्व के मद्देनजर लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े, इसके लिए एचआरटीसी अतिरिक्त बसों का संचालन कर रहा है। शिमला से प्रदेश के विभिन्न जिलों और शिमला जिले के अलग अलग क्षेत्रों के लिए बसों की डिमांड के चलते 37 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। यदि बसों की और अधिक मांग आती है तो उसे भी पूरा किया जाएगा।
** प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा बोर्ड को लिखा पत्र माचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले 245 स्पेशल एजुकेटर का टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट (टेट) होगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने टेट करवाने के लिए शिक्षा बोर्ड को पत्र लिख दिया है। परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम भी स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ही तैयार करेगा। टेट पास को ही भर्ती में शामिल किया जाएगा। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए यह शिक्षक नियुक्त किए जाए रहे हैं। 21 वर्ष बाद इस श्रेणी में नियमित भर्ती होने जा रही है। शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर के 245 पद भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग ने भर्ती से संबंधित नियम अधिसूचित कर दिए हैं। प्राइमरी में 138 और अपर प्राइमरी में 107 एजुकेटर रखे जाएंगे। राज्य चयन आयोग हमीरपुर भर्ती करेगा। 18 से 45 वर्ष की आयु वाले भर्ती के लिए पात्र होंगे। हिमाचल में वर्ष 2003 के बाद पहली बार तृतीय श्रेणी यानी ग्रुप-सी के पदों पर नियमित आधार पर भर्ती होने जा रही है। 21 साल से आयोग के माध्यम से अनुबंध पर ही भर्तियां हो रही हैं। अब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद होने जा रही स्पेशल एजुकेटर की भर्ती में पुरानी व्यवस्था बदल दी गई है। भविष्य में भर्ती नियमों में अनुबंध आधार पर नियुक्तियां करने का प्रावधान रखा गया है। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने वाले 138 स्पेशल एजुकेटरों के लिए 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक की शैक्षणिक योग्यता रखी गई है। स्पेशल एजुकेटर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे। हिमाचल में विशेष आवश्यकता वाले 5,000 से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हैं। इन्हें स्पेशल एजुकेटर न होने के कारण सामान्य स्कूलों में ही पढ़ाना पड़ रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से इनके लिए अलग से सुंदरनगर में एक सेंटर बनाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में बनीं हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों समेत कुल 23 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं, जबकि देशभर में कुल 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्टेट ड्रग कंट्रोलर की ओर से दवाओं के सैंपल लिए गए थे। सीडीएससीओ के 49 में से 20 और ड्रग कंट्रोलर के 18 में से 3 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। 23 में से 12 सोलन, 10 सिरमौर और एक दवा कांगड़ा में बनी हैं। दवाएं मानकों पर सही न पाए जाने पर ड्रग कंट्रोलर की ओर से कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही इन दवाओं को बनाने के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं। ड्रग कंट्रोलर ने कंपनियों को दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाने के निर्देश दिए हैं। सितंबर के ड्रग अलर्ट में दवाओं के सैंपल फेल होने का खुलासा हुआ है। सिरमौर की पुष्कर फार्मा कंपनी की प्रसव में काम आने वाली ऑक्सीटोसिन और बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी में बनी हार्ट अटैक की दवा कैल्शियम ग्लूकोनेट, पांवटा साहिब की जी लेबोट्री कंपनी में बनी निमोनिया की सेफ्ट्रिएक्सोन, संक्रमण की जेंटामाइसिन और ब्लड शुगर की दवा जेनरिकार्ट के सैंपल फेल हुए हैं। झाड़माजरी की इनोवो केपटेप कंपनी की निमेसुलाइड, सेलीब्रेटी बायोटेक कंपनी की सिप्रोविन, मखून माजरा की ऐरिसो फार्मास्युटिकल कंपनी की मोटोसेप के दो सैंपल फेल हुए हैं। कालाअंब के नितिन लाइफ साइंस की प्रोमेथाजिन, क्वालिटी फार्मास्युटिकल कंपनी की कैंसर की दवा इफोस्फामाईड, कालाअंब की डिजिटल विजन कंपनी की बुप्रोन एसआर, बद्दी की सेफोपेराजोन, पाइपेरासिलिन के सैंपल फेल हुए हैं। साइसरोज रेमडीज कंपनी की विटामिन-बी की न्यूरोपाइन दवा, सोलन स्थित जेएम लैब की ब्लड प्रेशर की दवा टोर्सेमि, बद्दी स्थित क्लस्टा फार्मास्युटिकल कंपनी में मधुमेह की दवा न्यूरोकेम, झाड़माजरी वेडस्प फार्मास्युटिकल कंपनी की संक्रमण की दवा इंडक्लेव और बद्दी की ट्रिविजन हेल्थ केयर कंपनी का दर्द की दवा स्टे हैप्पी ट्रिपसिन भी मानकों पर सही नहीं पाई गई है।
प्रदेश में 23 दिनों से बारिश नहीं हो रही है बारिश पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश से बादल और बारिश इन दिनों गायब नजर आ रहे हैं। लंबे वक्त से बारिश न होने की वजह से मौसम शुष्क बना हुआ है । राज्य में रेनफॉल एक्टिविटी में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, दो अक्टूबर मानसून के विदाई के साथ ही राज्य में रेनफॉल एक्टिविटी में जमी आई है। इसकी वजह से राज्य में ड्राई स्पेल देखा जा रहा है. ने वाले दिनों में भी मौसम साफ बने रहने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर महीने के अंत तक मौसम साफ रहेगा। प्रदेश भर में दोपहर के बाद धूप खिल रही है, लेकिन सुबह और शाम के वक्त ठंड महसूस की जा रही है । हिमाचल प्रदेश के छह जिले ऐसे हैं, जहां 100 फ़ीसदी तक कम बारिश हुई. यहां बीते 23 दिनों में शून्य मिलीमीटर बारिश हुई है । राज्य के बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौर और सोलन जिला में शून्य मिलीमीटर बारिश हुई है। बात अगर अन्य छह जिलों की करें, तो बीते 23 दिनों में कांगड़ा में 1.5, किन्नौर में 0.4, लाहौल स्पीति में 0.1, मंडी में 3.4, शिमला में 0.2 और ऊना में 8.6 मिलीमीटर ही बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, अक्टूबर महीने में अमूमन कम ही बारिश होती है। राज्य में सामान्य तौर पर 22.3 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार अक्टूबर महीने में सिर्फ 0.7 मिलीमीटर ही बारिश हुई. आने वाले दिनों में भी मौसम साफ बने रहने का ही अनुमान है ।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उरला में आयोजित उप मंडल स्तरीय चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस प्रतियोगिता में असेंट स्कूल पधर का दबदबा रहा।स्कूल के प्रधानाचार्य गुलाब सिंह चौहान ने बताया कि मेथ ओलिंपियाड के जूनियर वर्ग में आठवीं कक्षा का अनिकेत और सीनियर वर्ग में दशवी कक्षा की मनीषा प्रथम स्थान पर रही। वहीं सीनियर सेकेंडरी वर्ग में बारहवीं कक्षा की सुप्रिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। साइंस क्विज प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में दसवीं कक्षा की शानवी और इशिका प्रथम स्थान पर रही। वहीं सीनियर सेकेंडरी वर्ग में बारहवीं कक्षा की नविता और रितिका तृतीय स्थान पर रही। इनोवेटिव मॉडल प्रतियोगिता में ग्यारहवीं कक्षा के नमन और यश का मॉडल उप मंडल स्तर पर प्रथम रहा। उन्होंने सभी विजेता प्रतिभागियों, अभिभावकों और स्कूल स्टाफ को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कमाना की।
हिमाचल प्रदेश में अब नदी में आपदा के समय रात के समय भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सकेगा। रिवर राफ्टिंग के माध्यम से युवा रात के समय रेस्क्यू कर सकेंगे और नदी में कोई शख्स फंस गया होगा तो उसे भी बचाया जा सकेगा । इसी विषय को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय के साथ लगते पीरडी में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान 18 युवाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का कोर्स करवाया जा रहा है। इसमें नाइट रेस्क्यू का विषय भी विशेष रूप से शामिल है। नाइट रेस्क्यू के तहत युवाओं को इस बात का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि नदी में किस तरह से रात के समय आपदा में बचाव कार्य किया जा सके और किस तरह से रात को रेस्क्यू करने में उन्हें आसानी हो सके। रिवर राफ्टिंग गाइड कोर्स के इंस्ट्रक्टर विक्की ने बताया "राफ्टिंग सेंटर पीरडी कुल्लू में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के माध्यम से एडवांस राफ्टिंग गाइड कोर्स कुल्लू घाटी के स्थानीय रिवर गाइड्स के लिए चलाया जा रहा है। इनको राफ्ट रेस्क्यू, नाइट नेविगेशन मार्च, कैजुअल्टी, इवैक्यूएशन आदि ड्रिल्स सिखाई जा रही है। इसी विषय के तहत प्रतिभागियों को आधी रात को ब्यास नदी में उतारा गया, जिसके चलते नदी में पूरी रात यह प्रतिभागी नाइट सर्च ऑपरेशन करते रहे । इंस्ट्रक्टर विक्की ने कहा एडवांस कोर्स में सर्वाइवल नाइट और नाइट सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन इस कोर्स का पार्ट है जो हर एक गाइड को करना अनिवार्य है । इसके अलावा रिवर राफ्टिंग के माध्यम से युवा अपने लिए रोजगार भी स्थापित कर रहे हैं और पर्यटक भी ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में अब उच्च पदों पर युक्तिकरण होगा। जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की नियुक्तियां की जाएंगी। सचिवालय में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया। पड़ोसी राज्यों से भी अधिक प्रदेश की सप्लाई कॉस्ट को भी कम करने के लिए योजना बनाने पर सहमति बनी। कमेटी ने विभिन्न कर्मचारी यूनियनों से भी चर्चा की। अगली बैठक में कैबिनेट को सौंपने के लिए रिपोर्ट तैयार हो सकती है। बोर्ड को आर्थिक तौर पर मजबूती के लिए मंत्री धर्माणी की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। मीडिया से मंत्री धर्माणी ने कहा कि बोर्ड के 261 अफसर पावर कॉरपोरेशन व ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन में सेवाएं दे रहे हैं। इन पदों की पदोन्नितयां बिना पद सृजित कर दी गईं। इसका असर फील्ड स्टाफ पर पड़ा। इसे चलाए रखने के लिए मेंटनेंस गैंग और आउटसोर्स पर भर्तियां करनी पड़ीं। काॅस्ट कटिंग के लिए फील्ड स्टाफ पर कट लगा। अब उच्च पदों पर युक्तिकरण का फैसला लिया गया है। विद्युत विनियामक आयोग ने बोर्ड को वित्तीय स्थिति में सुधार, कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दिए हैं। आयोग विद्युत क्षेत्र में सुधार और विद्युत दरें निर्धारित करता है। वर्तमान में बिजली की खरीद लागत 3.50 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि आपूर्ति की वास्तविक लागत 6.79 रुपये प्रति यूनिट हैै। देश में सबसे कम खरीद लागत के बावजूद उच्च कर्मी लागत के कारण उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली नहीं मिलती। जो सुधार के कदम उठाए जा रहे हैं, उनका असर पांच-छह वर्ष बाद दिखेगा। पूर्व सरकार की नीतियों के चलते बोर्ड में 11,500 पद रिक्त हैं।
** सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक खिरामणि शर्मा ने किया स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन ** समापन समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर बांधा समां पधर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झटिंगरी में सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर सोमवार को समापन हुआ। समापन समारोह में सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक खिरामणि शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। पाठशाला के कार्यवाहक प्रधानाचार्य संजीव ठाकुर ने मुख्यातिथि को शॉल टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। सात दिवसीय विशेष शिविर में 23 स्वयंसेवी छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए मुख्यातिथि खिरामणि शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों में सेवा भाव का जज्बा पैदा करने के उद्देश्य से ही स्कूलों में एनएसएस यूनिट स्थापित की गई हैं, जिसके तहत समय समय पर शिविर लगाकर विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना जगाई जाती है। सात दिवसीय विशेष शिविर में स्वयंसेवकों को सेवाभाव के साथ साथ हर परिस्थिति में किस तरह अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करना है, यह सिखाया जाता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि शिविर में आयोजित हर गतिविधियों को व्यवहारिक रूप से जीवन मे अमल में लाते हुए श्रेष्ठ समाजसेवी बनें। उन्होंने एनएसएस गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी ओर से 11000 नगद राशि भी भेंट की। इससे पहले एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी यादव चौहान और प्रियंका शर्मा ने विशेष शिविर में आयोजित गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक ने स्कूल परिसर के साथ लगते बावड़ी का जीर्णोद्धार किया। ग्वालन गांव का भृमण कर साफ सफाई की। झटिंगरी पंचायत घर और बाजार को संवारा। फुलाधार की ट्रैकिंग कर यहां स्वच्छता को अंजाम दिया,जबकि अंतिम दिन देव पशाकोट मंदिर परिसर नालदेहरा में साफ सफाई कर यहां खुले बिखरे कूड़े कचरे का सुरक्षित निदान किया। समापन समारोह के दौरान स्वयंसेवकों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांधा।
जलवायु परिवर्तन के चलते हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लाइन की तरह अब कई प्रजातियों के पेड़ भी ऊपर की तरफ खिसक रहे हैं। बढ़ते तापमान के कारण कई प्रजातियां निचले क्षेत्रों में खत्म हो रही हैं। कई पेड़ अब ऊंचे क्षेत्रों में ही दिख रहे हैं। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला के हालिया अध्ययनों में सामने आया है कि कई पेड़ अब पहले के बजाय 100 से 300 और कुछ 1000 मीटर तक ऊंचाई की ओर बढ़ गए हैं। देवदार जो पहले 1,500 से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता था अब 3,000 मीटर के करीब ही देखा जा रहा है। हर दशक में पेड़ औसतन 20 से 25 मीटर ऊपर खिसक रहे हैं। अध्ययनों से पता चला है कि समग्र वृक्ष रेखा विशेष रूप से अल्पाइन क्षेत्रों में हर दशक में औसतन 20 से 25 मीटर ऊपर खिसक रही है। कम ऊंचाई की प्रजातियां जैसे बान ओक और चीड़ मध्य ऊंचाई के जंगलों में प्रवेश कर रही हैं। ऊंचाई की प्रजातियां सीमित होती जा रही अल्पाइन क्षेत्रों में सिमट रही हैं। हालांकि, बदलाव समान रूप से नहीं हो रहा है। कुछ प्रजातियां तेजी से प्रतिक्रिया कर रही हैं। अन्य धीमी गति से ऊपर बढ़ रही हैं। हिमालयी फर करीब 200–250 मीटर तक ऊपर खिसक चुका है। बर्च पहले से ही वृक्ष रेखा के निकट था, इसमें करीब 100–150 मीटर तक का बदलाव दिखा है। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक विनीत जिस्टू ने माना कि जलवायु परिवर्तन से लगातार वनस्पति की ऊंचाई में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ प्रजातियों पर बहुत बुरा असर हो रहा है और वे विलुप्त होने के कगार पर हैं। जलवायु परिवर्तन से वनस्पति पर हो रहे बदलाव को समझने के लिए वन विभाग और हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान वर्ष 2010 से शोध कर रहा है। शोध में कल्पा के चौरा कंडा, किन्नौर के नरदा कंडा और ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में उग रही वनस्पति की ऊंचाई को दर्ज किया जा रहा है। शोध के प्रारंभिक नतीजों में भी प्रजातियों की ऊंचाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सनातन धर्म के अनुसार इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा । यह त्योहार भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और यक्षराज कुबेर की कृपा पाने के लिए मनाया जाता है और इस दिन खरीदारी करने का भी शास्त्रों में विधान लिखा गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो खरीदारी की जाती है, उसका तीन गुना अधिक फल मिलता है । धनतेरस के साथ दीवाली त्योहार का भी शुभारंभ हो जाता है। आचार्य विजय कुमार ने कहा, "कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि भी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिस कारण इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी तिथि के नाम से जाना जाता है। इस साल त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा । इसके अलावा इस दिन गोधूलि काल शाम 6 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. ऐसे में भक्तों के लिए धनतेरस की पूजा के लिए 1 घंटा 42 मिनट का समय मिलेगा । आचार्य विजय कुमार ने कहा, "धनतेरस की पूजा हमेशा प्रदोष काल में की जाती है और इसी भगवान धन्वंतरि की पूजा करने के साथ साथ दीपदान भी किया जाता है। भक्त अपने घर के मेन गेट, या पानी के पास एक एक दीपक भी जलाए । शास्त्रों में मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। आचार्य विजय कुमार ने बताया कि धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है । इस योग में खरीदारी करना बहुत शुभ होता है। यह योग सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन तक 10 बजकर 31 मिनट पर रहेगा. इस योग में की गई खरीदारी करने से चीजों में तीन गुणा वृद्धि होती है । धनतेरस के दिन अभिजीत मुहूर्त बन रहा है। इस योग में खरीदारी करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी । 29 अक्टूबर के दिन 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट के बीच लोग जरूर खरीदारी करें। धनतेरस के दिन सुबह भक्त स्नान करने के बाद भगवान गणेश, लक्ष्मी और कुबेर देव की स्थापना करें। उसके बाद इन सभी देवी देवताओं को मोली अर्पित करें । फिर पूजा में रोली अक्षत, पान का पत्ता, मिठाई, फल, फूल आदि चीजें भी अर्पित करें। साथ ही कुबेर देव को अपनी श्रद्धा के अनुसार चीजें अर्पित करें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें और घी के दीपक से आरती उतारें। पूजा के बाद प्रसाद को सभी में बांट दें और रात्रि जागरण भी करें। शाम के समय मेन गेट और आंगन में दीपक भी जलाएं। क्योंकि दीपावली के पर्व की शुरुआत होती है ।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया है। अंबोटा ऊना के कुलदीप कुमार धीमान को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। कुलदीप कुमार पूर्व में उद्योग मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। वह विधानसभा उपाध्यक्ष व अध्यक्ष वित्त आयोग भी रहे। वहीं जवाली कांगड़ा के दिग्विजय मल्होत्रा को आयोग का सदस्य बनाया गया है। इस संबंध में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
** संयुक्त मोर्चा ने किया विरोध हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में आउटसोर्स से लगे 81 चालकों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी है। इसका हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी एवं इंजीनियर संयुक्त मोर्चा ने विरोध किया है। संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा कि संयुक्त मोर्चा इस विषय को सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस बारे बोर्ड की ओर से जारी किए गए निर्देश को तुरंत वापस लिया जाए। नेताओं ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि जिन आउटसोर्स कर्मियों ने 10-12 वर्ष बिजली बोर्ड में अपने उज्ज्वल भविष्य का सपना देखकर कम वेतन पर लंबे समय तक अपनी सेवाएं दीं और आज उनकी सेवाएं समाप्त करना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं, बल्कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि प्रदेश सरकार यदि आउटसोर्स कर्मियों के हित मे कोई नीति नहीं बना सकती है तो कम से कम उनको नौकरी से तो नहीं निकाला जाना चाहिए। यह लोकतांत्रिक सरकार की सामाजिक उत्थान की जिम्मेवारियों के अनुरूप नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस महंगाई के दौर मे यह कर्मी जहां मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे हैं, वहीं अपनी अगली पीढ़ी को बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। मोर्चा ने बिजली बोर्ड मैनेजमेंट से आग्रह किया कि छंटनी के इन आदेशों को तुरंत रद्द किया जाए और आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी नीति बनाई जाए। फ्रंट ने मांग की है कि बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए 51 पदों को तुरंत बहाल किया जाए। आउटसोर्स पर रखे गए यह चालक बिजली बोर्ड के नहीं, बल्कि कंपनी के थे। बोर्ड इनकी सेवाएं ले रहा था। अब बिजली बोर्ड में स्क्रैप पॉलिसी में वाहनों को हटा दिया गया है तो अब इनसे काम नहीं लिया जा रहा था। इन्हें कंपनी ने ही वापस बुलाया है।
** सोलन डाइट ने की पहल जेबीटी प्रशिक्षुओं को निजी शिक्षण संस्थानों में भी नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए डाइट सोलन ने पहल की है। इसमें डाइट की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों के लिए कैंपस इंटरव्यू आयोजित कर प्रशिक्षुओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अब तक प्रशिक्षु जेबीटी करने के बाद कई वर्षों तक सरकारी नौकरी को लेकर घर पर बैठ जाते थे। अब उनके इस इंतजार के बीच में उन्हें रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। हाल में डाइट सोलन के आठ प्रशिक्षुओं का चयन सोलन समेत शिमला के निजी शिक्षण संस्थानों के लिए हुआ है। इसमें कुछ प्रशिक्षुओं को आउटऑफ स्कूल के लिए एक निजी संस्था ने चयनित किया है। इसमें उन्हें संस्था और विभाग की ओर से भी अच्छा पैकेज दिया गया है। डाइट सोलन के प्रिसिंपल डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षु अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी पाने के लिए बारी के इंतजार में कई वर्ष घर पर ही लगा देते हैं। इस बीच न तो उनकी पाठन प्रक्रिया का विकास होता है, और नहीं उनके पास कोई अपना अनुभव रहता है। नई मुहिम के तहत वह कैंपस इंटरव्यू में भाग लेकर निजी शिक्षण संस्थानों में भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इससे उनका अनुभव भी बढ़ेगा। हाल ही में डाइट सोलन के आठ प्रशिक्षुओं का चयन निजी शिक्षण संस्थानों के लिए हुआ है।
**उप प्रधानाचार्य थमन सिंह ठाकुर ने सम्मानित किए स्वयंसेवक **देवांशु रावत और खुशबू चुने सर्वश्रेष्ठ एनएसएस वालंटियर पधर: राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला द्रंग में सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर के समापन दौरान उप प्रधानाचार्य थमन सिंह ठाकुर ने स्वयंसेवकों को मेडल वितरित कर सम्मानित किया। स्वयंसेवी तेजस्विनी ठाकुर ने सात दिवसीय शिविर की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान देवांशु रावत और खुशबू को बेस्ट वालंटियर के खिताब से नवाजा गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि थमन सिंह ठाकुर ने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि विशेष शिविर में आयोजित गतिविधियों को जीवन में व्यवहारिक रूप से अमल में लाते हुए सेवाभाव का जज्बा दिखाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे नशा एक चुनौती बनकर सामने आया है। युवा वर्ग नशे की गर्त में जाकर जीवन को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि नशे जैसी बुराइयों से बचने के लिए युवा खेलकूद गतिविधियों में भाग लें। समय का सदुपयोग करते हुए समाज और राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान दें। इससे पहले एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सुंदर सिंह यादव और कंचन देवी ने मुख्य अतिथि को सम्मानित करने उपरांत विशेष शिविर में आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय शिविर दौरान स्वयंसेवकों ने तन्मयता और सच्ची निष्ठा से अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन किया। स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समा बांधा। इस अवसर पर स्कूल का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को दिवाली से पहले कई तोहफे दिए हैं। सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों को नए संशोधित वेतनमान के बाद पेंशन का बकाया 22.50 प्रतिशत बचा एरियर देने के आदेश जारी किए हैं। कुल 45 प्रतिशत एरियर में से आधा यानी कि 22.50 फीसदी सरकार 9 अक्तूबर को पेंशन के साथ दे चुकी है। सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के करीब तीस हजार पेंशनरों को एक माह के अंदर ही पूरा एरियर दे दिया है। बताया जा रहा है कि 22.50 प्रतिशत एरियर पेंशनरों को 28 अक्तूबर को पेंशन के साथ ही जारी किया जा सकता है। सरकार ने हिमाचल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी नए वेतनमान का एरियर जारी करने के आदेश दिए हैं। इनकी संख्या करीब 25 हजार के आसपास बताई जा रही है। ग्रुप डी यानी चतुर्थ श्रेणी के हर कर्मी को नए वेतनमान के बकाया एरियर के 20 हजार रुपये जारी करने के सरकार के आदेश हैं। कर्मचारियों को एरियर अक्तूबर में ही देने के आदेश दिए गए हैं। एक जनवरी 2016 से नया वेतनमान लागू होने के बाद से इनका एरियर देय है। प्रधान सचिव वित्त ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हिमाचल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, मंडलीय आयुक्तों, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में एक चिट्ठी भेजी है। बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एरियर देने की घोषणा पहले ही की थी। एरियर हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेज संशोधित वेतनमान नियम 2022 के तहत देय होगा। इससे पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 60-60 हजार दिए गए थे और अब 20-20 हजार रुपये और दिए जाएंगे। हिमाचल सरकार के वित्त विभाग ने राज्य के करीब पौने दो लाख पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ता जारी करने के भी आदेश जारी किए हैं। इसी माह पेंशन के साथ भत्ता दिया जाएगा। डीए की किस्त एक अक्तूबर 2024 से 38 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत की गई है। एक जनवरी 2023 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक के डीए के एरियर का भुगतान अलग आदेश के तहत किया जाएगा।
पधर: राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर में क्लस्टर स्तर पर आयोजित बाल मेले में स्कूली विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा की चमक दिखाई। समारोह की अध्यक्षता प्रधानाचार्य ललित ठाकुर ने की। इस दौरान क्लस्टर के अधीन 24 स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया,जिसमें प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला साहल प्रथम और द्रंग दूसरे स्थान पर रहा। रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टांडू प्रथम रहा। साइंस प्रोजेक्ट एग्जीबिशन में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला साहल प्रथम और द्वितीय तथा राजकीय उच्च पाठशाला गवाली तृतीय रहा। कविता पाठन में चौहारघाटी की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोपा की प्रतीक्षा प्रथम, रावमापा सरणी की दीक्षा दूसरे और पधर तीसरे स्थान पर रहा। छात्र वर्ग चेस में रावमापा साहल का प्रियांश प्रथम और द्रंग का चिराग दूसरे स्थान पर रहा, जबकि छात्रा वर्ग में रावमापा रोपा की साधना प्रथम और राजकीय उच्च पाठशाला गरलोग की रिया दूसरे स्थान पर रही। शिक्षण अधिगम सामग्री(टीएलएम) में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धार प्रथम और साहल दूसरे, गणित-विज्ञान में साहल प्रथम, फोटो बूथ में धार प्रथम और साहल दूसरे तथा पेंटिंग में मिडल स्कूल जुंढर विजेता रहा।
**एसडीएम सुरजीत ठाकुर ने अधिसूचना जारी कर लागू किए दिशा निर्देश **दुकानदारों के लिए पधर, कुन्नू, पाली, उरला और बरोट में चिन्हित किए स्थान दीपावली पर्व के दौरान लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पधर उपमंडल के कस्बों और बाजारों में पटाखा बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। पटाखा विक्रेताओं को पटाखा बिक्री के लिए उपमंडल प्रशासन द्वारा खुले स्थान चिन्हित किए गए हैं। आवंटित स्थान को छोड़कर किसी दूसरी जगह पर पटाखों की बिक्री या भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश 19 अक्तूबर से एक नवंबर तक प्रभावी रहेंगे।एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि दिवाली के त्यौहार के दौरान पटाखों की दुकानों में आग लगने जैसी घटनाओं की संभावना को न्यून करने और बाजार में भीड़भाड़ के कारण लोगों की सुरक्षा, उनकी संपत्ति की सुरक्षा को देखते हुए यह आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पधर में पंचायत कार्यलय डलाह के मैदान, उरला में पटवार सर्किल कार्यलय के पीछे मैदान, कुन्नू में हरड़गलू मैदान, पाली में पटवार सर्किल के समीप और बरोट में लक्कड़ बाजार में पटाखा बिक्री के लिए स्थल चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा बाजार या अन्य जगह पर किसी भी प्रकार के पटाखे बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इसकी अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी आदेश जारी किए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति वैध लाइसेंस के बिना आतिशबाजी और पटाखे की बिक्री नहीं करेगा। इसके लिए दुकानदार को ई चालान के माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा करवा 29 अप्रैल से पहले एसडीएम कार्यलय से अनुमति लेनी होगी। इन आदेशों को लागू करने के लिए उपमंडलीय पुलिस अधिकारी(एसडीपीओ) और पुलिस थाना प्रभारी पधर को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों का उल्लंघन करने पर कानून के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
** लाखों परिवारों की दिवाली में घुलेगी मिठास हिमाचल में फेस्टिव सीजन में महंगाई के बढ़ते बोझ ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है। दिवाली के पहले ही बाजार में महंगाई ने एक तरह से आग लगा दी है। प्रदेश भर के बाजारों में रोज़मर्रा की ज़रूरतों की चीजों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है। त्योहारी सीजन में प्याज के दाम बढ़कर 60 रुपए तक पहुंच गए हैं। टमाटर पहले ही 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं, खाद्य तेल की कीमतें 200 प्रति लीटर तक के आंकड़े को छू रही हैं। आटा-दाल चावल और चीनी के भाव भी सातवें आसमान पर हैं इससे त्योहारी सीजन में बाजार से राशन खरीदना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है ।खासकर आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने से गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए राहत की खबर ये है कि डिपुओं के जरिए सरकार 100 ग्राम प्रति व्यक्ति अतिरिक्त चीनी का फेस्टिवल कोटा दे सकती है । इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने एक प्रस्ताव सरकार को भेजा है। यहां से मंजूरी मिलते ही 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को चीनी का फेस्टिवल कोटा जारी किया जाएगा। त्योहारी सीजन में मिठाइयों की अधिक डिमांड रहती है, जिससे इन दिनों बाजारों में चीनी की खपत भी ज्यादा रहती है। ऐसे में चीनी का रिटेल भाव भी 48 रुपए किलो तक पहुंच गया है। वहीं, डिपुओं के जरिए लोगों को यही चीनी बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध कराई जाती है। प्रदेश में 5200 से अधिक डिपुओं के माध्यम से बीपीएल परिवारों को 13 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चीनी दी जा रही है। इसी तरह से नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों को यही चीनी 33 रुपए प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध हो रही है। वहीं, टैक्स पेयर उपभोक्ताओं को डिपुओं में चीनी प्रति किलो के हिसाब से 44 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। उचित मूल्य की दुकानों के जरिए सरकार प्रति व्यक्ति 500 ग्राम चीनी का कोटा देती है, लेकिन फेस्टिवल सीजन में 100 ग्राम अतिरिक्त चीनी का कोटा मिलने से प्रति व्यक्ति 600 ग्राम चीनी मिलेगी ।
मंडी: जिला मंडी में सड़क पर चलती एचआरटीसी की खटारा बसों में खराबी आने के बाद अब एचआरटीसी व सुक्खू सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। बस में खराबी का ताजा घटनाक्रम मंडी जिले के करसोग में सामने आया है। यहां एचआरटीसी की एक बस सड़क पर धुआं छोड़ती हुई नजर आ रही है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सड़क पर धुंधा करती एचआरटीसी बस का यह वीडियो बीती रोज 16 अक्तूबर का है. ये बस करसोग से मैंढी रूट पर जा रही थी। बस की सवारियों ने बताया कि बीते रोज आधे रास्ते में ही ये बस खराब हो गई और अचानक इसमें से धुआं निकलने लगा। बस में बैठी सवारियों को जैसी ही बस में खराबी का एहसास हुआ तो सभी लोग अपनी जान बचाते हुए बस से नीचे उतर गए, जिसके बाद मौके पर मौजूद सवारियों ने धुआं छोड़ती इस बस का वीडियो बना लिया। सवारियों का कहना है कि एचआरटीसी की इन खटारा बसों के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। वहीं, थोक में धुंआ छोड़ रही इन बसों के कारण पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। जब इस बारे में आरएम करसोग हुमेश ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया, बस के टर्बो शॉट टूटने के कारण गाड़ी धुआं छोड़ रही थी। टर्बो शॉट टुटने के बाद इंजन ऑयल साइलेंसर में चला गया, जिससे गाड़ी और ज्यादा धुंधा छोड़ने लगी. बस में अन्य तरह की और कोई भी खराबी नहीं पाई गई है, कुछ देर बाद बस को ठीक करने के बाद रूट पर भेज दिया गया। गौरतलब है कि मंडी जिले में एचआरटीसी बस की खराबी की ये पहली घटना नहीं है। पिछले 6 महीने में जिले में आधा दर्जन के करीब ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीते 15 अक्टूबर को भी करसोग डिपो की एक बस की अचानक ब्रेक फेल हो गई थी। बीती 18 अप्रैल को एचआरटीसी की सेमी डीलक्स बस का चलते-चलते पिछला हिस्सा टायरों समेत खुल गया था। ये बस जोगिंद्रनगर से अमृतसर जा रही थी और धर्मपुर के नेरी में ये हादसा पेश आया था। वहीं, इसके तीन बाद 21 अप्रैल को एचआरटीसी की खड़ी बस में से अचानक धुआं उठने से आग भड़क गई थी। रात्रि ठहराव के लिए ये बस धर्मपुर के भराड़ी में खड़ी की गई थी। बस ड्राइवर समेत स्थानीय लोगों ने पानी फेंककर आग पर काबू पाया था। इसके अलावा 8 मई को भी सुंदरनगर से केरन जा रही एचआरटीसी की बस का चलते-चलते टायर खुल गया था। इस बस में स्कूली बच्चे भी सवार थे।
** अगले महीने समीक्षा करेंगे सीएम हिमाचल में राजस्व से संबंधित लंबित मामलों का अब जल्द ही निपटारा होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा किया जा रहा है। इसमें और तेजी लाई जाने की आवश्यकता हैं। लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से छुटकारा मिलना चाहिए, जिस पर राजस्व अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को घर द्वार पर सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है और लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करना अति आवश्यक है।उन्होंने सभी मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को दुरूस्ती से सभी लंबित मामलों का 31 अक्टूबर, 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं, जिसकी समीक्षा नवंबर महीने में की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी उपायुक्त लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा के लिए अपने जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें। इसकी सूचना डीसी को सरकार को भेजनी होगी, ताकि लंबित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाया जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्तों को नायब तहसीलदार तक खाली पड़े पदों को भरने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह नवंबर माह में इस मामले की दोबारा समीक्षा करेंगे। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज के रूप में 4500 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इस धनराशि से प्रभावित परिवारों की सहायता करने को कहा गया है, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर छत नसीब हो सके। बता दें कि पिछले साल मानसून सीजन में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा 10 करोड़ रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। पिछली बरसात में 23 हजार परिवार प्रभावित हुए थे, जिनके पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने 4,500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज लागू किया है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। आज इस योजना के अंतर्गत पांच युवाओं का पहला बैच अपनी नई भूमिका शुरू करने के लिए सऊदी अरब पहुंच गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन युवाओं को 31 अगस्त, 2024 को शिमला में नियुक्ति पत्र प्रदान किए थे। इन युवाओं में ऊना जिला के रजत कुमार, सुनील कुमार, जसप्रीत सिंह और अभिनव तथा जिला हमीरपुर के दिनेश शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने यूएई स्थित दुबई में ईएफएस फैसिलिटीज़ सर्विसिज ग्रुप लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है। दिसम्बर, 2023 में मुख्यमंत्री की दुबई यात्रा के उपरांत इएफएस ने विदेश भर्ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिमाचल से 15-20 प्रतिशत भर्तियां करने का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत आतिथ्य, तकनीकी सेवाओं, हाउस कीपिंग, खाद्य व पेय पदार्थ और कार्यालय सहायक जैसे क्षेत्रों में प्रदेश से प्रतिवर्ष लगभग 1000 उम्मीदवारों को दुबई में रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा, श्रम एवं रोजगार विभाग को विदेश में कार्य कर रहे युवाओं का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रदेश सरकार की विदेश में राज्य के युवाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने सिर्फ 20 माह के अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी क्षेत्र में 31000 पद सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य कर रही है ताकि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के लिए विदेश में और अवसर प्राप्त हो। इस पहल से राज्य के युवा ऐजेंटों के शोषण से बचेगें और विदेश में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना भी आरम्भ की है। इस योजना से राज्य के युवा स्वयं के उद्यम और स्थायी आजीविका अर्जन के लिए प्रेरित होंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे।
सिविल अस्पताल पधर में आयोजित दिव्यांगता शिविर दौरान स्वास्थ्य जांच के लिए मरीजों की खूब भीड़ उमड़ी। शिविर में 56 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि शिविर में नेत्र, हड्डी, मानसिक, शिशु, नाक कान व गले के रोगियों की जाँच की गई, जिन में शिशु रोग के 3, मेडिसिन के 7, मनोचिकित्सक रोग के 4, शल्य चिकित्सा के 4, नेत्र रोग के 8 और हड्डियों की समस्या के 15 लोगों की दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए जांच की गई। शिविर में मुख्यतः शिशु रोग विशेषज्ञ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आर एल कौंडल, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. स्वाति सोनी, शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अभिनव, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुनील दत्त नेगी, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुनील चौहान, मनोचिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. अनीता ठाकुर, नैदानिक मनोचिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार, नेत्र चिकित्सक सहायक अनिमा सूद उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर पुलिस ने लाखों रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में एक आरोपी को धर दबोचा है।आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने एजेंसी दिलाने के नाम पर पीड़ित से 30.87 लाख रुपए की ठगी की थी। आरोपी के खाते में ठगी के लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन भी हुई है। मामले में गठित एसआईटी इस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी हुई है। मामला सदर पुलिस थाना नाहन से जुड़ा है। एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि गत 23 सितंबर को नाहन पुलिस थाने में पीयूष गुप्ता निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नाहन ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई थीं। शिकायत के मुताबिक पीयूष गुप्ता के साथ ‘कीया’ की एजेंसी दिलाने के नाम पर 30.87 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई। इस पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मामले की जांच के लिए नाहन शहर की गुन्नूघाट पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई सुरेश मेहता के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने जांच के दौरान इस मामले में आरोपी अनुराग गौतम निवासी बेगूसराय, बिहार को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी के खाते में ठगी के करीब 26.65 लाख रुपए की ट्रांसजेक्शन हुई है। अब एसआईटी इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। पूछताछ के बाद सामने आएगा कि शातिर किस तरह से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते थे और कौन-कौन इस गिरोह में शामिल हैं।
हिमाचल के पालमपुर में मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण आपदा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसलिए आपदाओं का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित कर हमें इन चुनौतियों के साथ जीना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि व्यय कर लोगों को आपदा से निपटने की तैयारियों के बारे में जागरूक कर रही है और आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्राधिकरण को सदैव तैयार रहना चाहिए। इस दिशा में फ्रांस की एजेंसी एएफडी के सहयोग से 800 करोड़ रुपये की परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है और मिटीगेशन फंड से 500 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर में एक मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा भी की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछले साल मानसून के दौरान प्रदेश के लोगों ने तबाही का मंजर देखा, जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 10 हजार करोड़ रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 23 हजार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया और 4,500 करोड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज लागू किया है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपए की गई है। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत प्रयासों में राजनीतिक हस्तक्षेप की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश को अभी तक आपदा उपरांत आवश्यकता आकलन (पीडीएनए) के 10 हजार करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। विपक्ष की ओर से खड़ी की गई हर बाधाओं के बावजूद उनके निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए और प्रभावित लोगों को पूरी सहायता प्रदान की जानी चाहिए। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 72 घंटे तक उन्होंने स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बचाव व राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राज्य से 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार वाहनों को सुरक्षित निकालने का अभियान चलाया। सीएम ने कहा कि इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा के बावजूद 48 घंटों के भीतर, बिजली, पानी और संचार जैसी आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल किया गया. जिससे राहत कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिली। राज्य सरकार ने किसानों, विशेष रूप से सेब उत्पादकों की उपज को सुरक्षित रूप से मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की, ताकि उन्हें अपने उत्पादों के बेहतर दाम मिले। विश्व बैंक, नीति आयोग और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राज्य के प्रभावी आपदा प्रबंधन कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने आपदा के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने लाहौल-स्पीति जिले के चंद्रताल से 303 फंसे पर्यटकों को सफलतापूर्वक बचाया और सभी पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई।
हिमाचल प्रदेश में फेस्टिव सीजन में सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए देने के साथ पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान का ऐलान किया है। वहीं, कर्मचारियों और पेंशनर्स को अगले महीने यानी नवंबर में दी जाने वाली सैलरी और पेंशन को भी एडवांस में दिवाली से पहले 28 अक्टूबर को देने की घोषणा की गई है। ऐसे में त्योहारी सीजन में कई सौगातें एक साथ मिलने पर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की नाराजगी सरकार के प्रति कुछ हद तक दूर हो गई है। फेस्टिवल सीजन में 4 फीसदी डीए की किश्त देने, पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान और अगले महीने की सैलरी और पेंशन एडवांस में 28 अक्टूबर को डाले जाने के ऐलान से कर्मचारी और पेंशनर्स खुश हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ लंबित मांगों को लेकर सचिवालय कर्मचारियों का आज दोपहर बाद 1.30 जनरल हाउस होने जा रहा है, जिसमें सीएम सुक्खू की सरकार की ओर से कर्मचारी डीए की 4 फीसदी किश्त देने सहित एडवांस सैलरी और पेंशन सहित मेडिकल बिलों के बिलों के भुगतान करने के फैसले पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद करेंगे।इसके साथ ही कर्मचारियों की अन्य लंबित मांगे भी सरकार के ध्यान में लाई जाएंगी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए सहित मेडिकल बिलों के भुगतान और अगले महीने की सैलरी और पेंशन एडवांस में 28 अक्टूबर को डाले जाने के ऐलान को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा "जहां तक जनरल हाउस की बात है तो ये पहले से ही प्रस्तावित है। हमने कहा था कि 15 अक्टूबर को जनरल हाउस करेंगे। इस बीच सरकार कुछ देती है तो हम धन्यवाद करेंगे, वरना आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। संजीव शर्मा का कहना है कि जनरल हाउस में कर्मचारियों को 2016 से 2022 के बीच का एरियर के भुगतान, साल में अनुबंध कर्मचारियों को दो बार नियमित करने और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने की मांग रखी जाएगी। उनका कहना है कि जनरल हाउस में प्रिविलेज मोशन को वापस लेने की भी मांग रखी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की आरटीओ यानी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर सोना चंदेल ने पंजाब रोडवेज के अमृतसर डिपो-2 के जीएम को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं संबंधित डिपो की पांवटा साहिब-अमृतसर रूट पर बिना परमिट के चलने वाली एक बस पर 10,000 रुपए का चालान भी किया गया है। आरटीओ की ओर से जीएम को जारी नोटिस में संबंधित बस के ड्राइवर-कंडक्टर को आरटीओ कार्यालय नाहन में तलब किया गया है। आरटीओ ने यह कार्रवाई नाहन निवासी एक यात्री के. टांक की शिकायत पर अमल में लाई है। दरअसल के. टांक ने 18 सितंबर 2024 को इस बाबत आरटीओ सिरमौर को ई-मेल के जरिए पांवटा साहिब-अमृतसर रूट पर पंजाब रोडवेज बस की शिकायत भेजी थी। अमृतसर डिपो-2 की यह बस पांवटा साहिब से शाम 6:25 पर चलती है, जो शाम करीब साढ़े 7 बजे नाहन से 3 किलोमीटर दूर दोसड़का पहुंचती है। टांक ने बताया कि वह प्रतिदिन पांवटा साहिब से नाहन तक सफर करते हैं। आरटीओ को शिकायत करने से कुछ दिन पहले वह इसी बस में पांवटा साहिब से नाहन आ रहे था। बस का रूट पांवटा साहिब-नाहन-अमृतसर था, जैसे ही बस दोसड़का पर पहुंची, तो नाहन आने वाली सवारियों को दोसड़का पर ही उतार दिया गया, जिसमें वह भी शामिल थे. जबकि टिकट की एवज में पैसे पूरे नाहन तक के लिए गए। टांक ने बताया कि इसको लेकर बस के ड्राइवर-कंडक्टर देरी का बहाना बनाकर नाहन न आकर दोसड़का से ही बस लेकर अपने निर्धारित गंतव्य की तरफ निकल गए। यही नहीं 100 रुपए पूरा किराया वसूलने के बाद जो टिकट उन्हें दिया गया, उस पर भी बस का रूट पांवटा साहिब-नाहन दर्शाया गया है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत आरटीओ नाहन कार्यालय से की। शिकायत पर आरटीओ सिरमौर ने न केवल बिना परमिट पर संबंधित बस का 10,000 रुपए का चालान किया, बल्कि गत 7 अक्टूबर 2024 को पंजाब रोडवेज अमृतसर-2 के जीएम को भी कें. टांक की शिकायत के साथ एक नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया है कि इस शिकायत के अलावा टेलीफोन पर भी इस बारे में काफी शिकायतें मिल रही हैं। वहीं, अमृतसर डिपो की बसों के नाहन-दोसड़का से रूट बदलने की सूचनाएं भी बार-बार मिल रही हैं। इसके चलते यात्रियों खासकर बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं को सामान सहित दोसड़का में उतारा जा रहा है, जबकि उनसे नाहन तक का किराया पूरा वसूल किया जा रहा है। नोटिस में जीएम से कहा गया कि पंजाब रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर को 16 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे आरटीओ कार्यालय नाहन में उपस्थित होने और इस लापरवाही के कारणों को बताने का निर्देश दें। साथ ही यह भी कहा गया कि संबंधित बसों को नाहन के जरिए अपने निर्धारित मार्ग पर बस चलाने के लिए भी निर्देशित करें। ऐसा न होने की सूरत में आरटीओ कार्यालय एमवी एक्ट 1998 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
पधर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उरला में सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर के चौथे दिन स्वयंसेवकों ने उरला स्थित प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई कर जल सरंक्षण का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने बावड़ियों की साफ सफाई के साथ यहां पानी की समुचित निकासी को लेकर ड्रेन का निर्माण भी किया। वहीं बावड़ियों के आस पास कंटीली झाड़ियों और अन्य खरपतवार की साफ सफाई की। प्रातःकालीन सत्र में एसएमसी प्रधान एवं कराटे प्रशिक्षक भूप सिंह धरवाल ने स्वयंसेवकों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए। कार्यक्रम अधिकारी पंकज ठाकुर और बंता देवी ने बताया कि स्वयंसेवक शिविर के दौरान आयोजित की जा रही तमाम गतिविधियों का दिलचस्पी के साथ निर्वहन कर रहे हैं।
** गीत-संगीत से किया आपदा, भूकंप और आगजनी से बचाव बारे जागरूक पधर में नुक्कड़ नाटक और गीत संगीत के माध्यम से लोगों को प्राकृतिक आपदा के प्रति जागरूक किया गया। आपदा जोखिम न्यूनीकरण समर्थ 2024 अभियान के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर और ग्राम पंचायत पाली में आपदा जागरूकता कार्यक्रमों का अयोजन किया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबंधित राधिका म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और गीत संगीत के माध्यम से लोगों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं में बचाव के प्रति जागरूक किया। जागरूकता कार्यक्रम में राधिका म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने सुरक्षित भवन निर्माण, प्राकृतिक आपदा, आगजनी की घटना आदि के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की । कलाकारों ने नुक्कड़-नाटक के माध्यम से बताया कि घर का निर्माण करने से पूर्व चयनित जमीन की जांच करवाना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिस जमीन पर वे घर बना रहे हैं वह भूकंप आदि की दृष्टि से सुरक्षित है या नहीं। कलाकारों ने बताया कि नदी नालों के नजदीक घर बनाने से बचना चाहिए ताकि भविष्य के ख़तरों से बचा जा सके। इसके अलावा, कलाकारों ने आग की घटना होने और भूकंप आदि आने की स्थिति में कैसे बचाव किया जाए इसकी भी जानकारी प्रदान की। राधिका म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों में नीलम शर्मा, नागेंद्र कुमार देव राज और उनकी पूरी टीम ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले जल शक्ति विभाग में 12 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने 184 जल रक्षकों को अब पंप अटेंडेंट बनाया है। जल शक्ति विभाग ने अनुबंध अवधि पूरी किए जाने के बाद इन्हें पंप अटेंडेंट बनाने का फैसला लिया है। ऐसे में अब दो साल की अनुबंध अवधि पूरी करने के बाद ये सभी कर्मचारी विभाग में रेगुलर किए जाएंगे, जिससे इन्हें राज्य सरकार की ओर से तय वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा। इस तरह से इन कर्मचारियों की अब दिवाली रोशन होने वाली है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जल रक्षकों के लिए 12 साल की अनुबंध अवधि तय की है, जिन्हें 5400 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। प्रदेश भर में 184 कर्मचारियों ने 12 साल की तय अवधि को पूरा कर लिया है। इस लिए इन्हें पंप अटेंडेंट बनाया गया है। प्रदेश में इस समय छह हजार जल रक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन जल रक्षक को 60 फीसदी भुगतान जल शक्ति विभाग के माध्यम से मिल रहा है, वहीं 40 फीसदी भुगतान पंचायत करती हैं। हिमाचल प्रदेश में अब भी करीब 700 कर्मचारी ऐसे हैं, जो इस अवधि को पूरा कर रहे हैं और इसी साल दिसंबर तक इनका 12 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। ऐसे में जल शक्ति विभाग को दिसंबर में इन कर्मचारियों को लेकर भी फैसला करना होगा। वहीं, जल रक्षक इस 60-40 के कोटे को खत्म कर खुद को पूरी तरह से जल शक्ति विभाग के अधीन किए जाने की मांग कर रहे हैं। जल रक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रूप लाल ने 184 कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन अभी भी जल रक्षकों को 12 साल की अवधि पूरी होने के बाद ही नियमित किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पंप अटेंडेंट बनने वाले सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। डिप्टी सीएम ने कहा, "अब कठिन समय पूरा करने वाले सभी कर्मचारियों का भविष्य उज्जवल होगा। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दो साल की समयावधि तय की है। अब कर्मचारी दो साल के बाद नियमित हो जाएंगे।
** रिलायंस जियो में जॉब करता था मृतक युवक, गांव में मातम मंडी-पठानकोट नेशनल हाइवे में बीते रोज गवाली के पास हुए सड़क हादसे में जख्मी युवक प्रमोद ने शनिवार को पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया। इलाका दुंधा की ग्राम पंचायत बड़ीधार के खजरवाहल गांव का प्रमोद कुमार (28 वर्ष) रिलायंस जिओ कंपनी में जॉब करता था। बीते रोज प्रमोद की बाइक की कार से सीधी टक्कर हुई थी। घटना में युवक गंभीर जख्मी हो गया था। मेडिकल कॉलेज नेरचौक से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया था। जहां उपचार के दौरान युवक ने प्राण त्याग दिए। इस घटना से इलाका दुंधा में शोक की लहर है। प्रमोद के पिता दूनी चंद लोक निर्माण विभाग में बेलदार हैं, जबकि माता गृहणी हैं। भाई ललित कुल्लू में अपना निजी कार्य करता है। प्रमोद की अभी शादी नहीं हुई थी। यह खबर मिलते ही स्वजनों का रो रो कर बुरा हाल है। युवक का शव शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है। पंचायत समिति सदस्य घनश्याम ठाकुर ने घटना पर शोक जताते हुए संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताई है।
** रिटायर्ड आरओ एवं बह पंचायत प्रधान पीर सहाय ने प्रेरित किए स्वयंसेवक पधर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुफरी में सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर का शुभारंभ सेवानिवृत्त वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं ग्राम पंचायत बह के प्रधान पीर सहाय ठाकुर ने किया। विशेष शिविर में 29 स्वयंसेवी छात्र छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। पाठशाला के प्रधानाचार्य अमरीक सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत करने उपरांत शिविर में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस दौरान मुख्य अतिथि पीर सहाय ठाकुर ने स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में अनुशासन के साथ-साथ सेवा भाव का होना नितांत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से स्कूल और कॉलेज स्तर पर एनएसएस यूनिट बना कर ऐसी गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि सात दिन तक आयोजित की जाने वाली तमाम गतिविधियों का पूरी तन्मयता और निष्ठा के साथ निर्वहन करें।उन्होंने शिविर के सफल आयोजन को लेकर 13000 रुपए की नगद राशि स्कूल प्रबंधन को सौंपी। वहीं उच्च पाठशाला खील के मुख्याध्यापक रूप सिंह कटारिया ने भी 2100 रुपए राशि भेंट की। इस दौरान स्कूली छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। इस मौके पर एसएमसी प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर सहित स्कूल का शिक्षक और गैर शिक्षक वर्ग भी मौजूद रहा।
** स्कूल लेक्चरर की परीक्षा की उत्तीर्ण मंडी जिले की करसोग तहसील गांव ममेल की निवासी पूजा देवी ने कड़ी मेहनत करके अपने पहले ही प्रयास में स्कूल लेक्चर की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने माता-पिता और गांव का नाम रोशन किया है, जिसके लिए स्थानीय लोगों ने उनको बधाइयां भी दी। पूजा देवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों, सास-ससुर, माता-पिता और अपने पति तिजेंद कुमार को दिया है। अब पूजा स्कूल में कॉमर्स विषय को पढाएगीं । बता दे कि पूजा केवल 25 वर्ष की है इन्होंने काफी कम उम्र में अपने लक्ष्य को हासिल किया है। इन्होंने शादी के बाद अपनी पढ़ाई को लगातार जारी रखा और शादी के बाद इन्होंने एमकॉम की डिग्री HPU से हासिल की और लगातार 2 साल तक अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करके अपने लक्ष्य को हासिल किया और अपने गांव के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी। इन्होंने गृहस्त जीवन में रहकर भी अपना यह लक्ष्य पूरा किया।
* एरियर भुगतान न होने पर पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ जताई नाराजगी *मेडिकल बिल, लीव इन केशमेंट और जीआईएस का भुगतान करने की भी रखी मांग हिम.आंचल पेंशनर्स कल्याण संघ ने 2016 से बकाया एरियर का भुगतान न होने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। पेंशनरों ने मांग उठाई कि एरियर का एकमुश्त भुगतान शीघ्र किया जाए। शनिवार को वन विश्राम गृह उरला में द्रंग ब्लाक पेंशनर्स कल्याण संघ अध्यक्ष एमसी चौहान की अध्यक्षता में आयोजित संघ की बैठक में पेंशनरों ने उनकी मांगों को पूरा न करने पर प्रदेश सरकार को खरी-खोटी सुनाई। ब्लाक अध्यक्ष एमसी चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 75 वर्ष की आयु के ऊपर के पेंशनरों का बकाया एरियर भुगतान कर दिया है, जिसके लिए पेंशनर्स सरकार के आभारी हैं। इसी तर्ज पर अन्य पेंशनरों को भी यह सुविधा शीघ्र प्रदान की जाए। पेंशनरों की कम्यूट कटौती सरकारी नियमानुसार दस वर्ष आठ माह बाद बंद की जाए। हर माह की पहली तारीख को पेंशन दी जाए। इसके अलावा उन्होंने चिकित्सा बिलों का भुगतान, लीव इन केसमेंट और जीआईएस का भुगतान करने की भी मांग की। इस दौरान पेंशनरों ने भूतपूर्व सैनिकों की तर्ज पर वन रैंक वन पेंशन का मामला भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे नीतिगत प्रावधान करे। इस अवसर पर सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर भूप सिंह वर्मा, एनआर शर्मा, मनोज ठाकुर, गोकल चंद, पुरखी राम, राम सिंह, कश्मीर राज, रोशन लाल, रेवत सिंह, नागणु राम, हरदेव सिंह और केसी नेगी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
हिमाचल देशभर समेत हिमाचल प्रदेश में भी आज धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। शाम के समय प्रदेशभर में रावण दहन किया जाएगा। वहीं, हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा जिला भी हैं,जहां पर रावण दहन नहीं होगा। प्रदेश के बाकी शहरों की तरह यहां पर जिला स्तरीय दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही यहां पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर शहर में दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है और न ही यहां पर विजयदशमी का उत्सव मनाने को लेकर कोई तैयारी की गई है। पिछले 3 सालों से यहां पर दशहरे का त्योहार नहीं मनाया जाता है। हालांकि हमीरपुर शहर में राम नाटक क्लब द्वारा भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है। शहरवासियों ने यहां भी दशहरा पर्व मनाने की प्रशासन से अपील की है। दरअसल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश हैं कि स्कूल के मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं, जिसके चलते हमीरपुर शहर में पिछले तीन सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाते हैं। हमीरपुर में दशहरा उत्सव स्कूल मैदान में मनाया जाता था। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद से स्कूल मैदान में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। वहीं, शहर के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि हमीरपुर में भी अन्य शहरों की तरह दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। दशहरा कमेटी हमीरपुर के पूर्व प्रधान दीप बजाज का कहना है, "हमीरपुर शहर में दशहरे का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाता था। तीन सालों से अब तक हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बाल स्कूल के मैदान में गतिविधियां नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही बाल स्कूल मैदान में कोरियन ग्रास लगाए जाने से भी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। हमीरपुर शहर के लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में अब तय समय अवधि ही नहीं, परीक्षा परिणाम भी शिक्षकों की पदोन्नति का आधार बनेगा। कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की एसीआर में निगेटिव टिप्पणी भी लिखी जाएगी। प्रदेश सरकार ने पदोन्नति और एसीआर से जुड़ी पुरानी व्यवस्था को बदल दिया है। लगातार प्रदर्शन में गिरावट आने पर शिक्षकों की वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी। प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा देने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। अभी तक एसीआर में नकारात्मक टिप्पणी करने का प्रावधान नहीं था। इस वर्ष से पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए नए प्रावधान कर दिए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन लगातार कम होता जा रहा है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में देश में हिमाचल 21वें स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश की गिनती कुछ वर्ष पहले तक टॉप तीन राज्यों में हाेती थी। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में भी बड़ी कमी आई है। बीते दो दशकों में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में 5 लाख से अधिक की कमी आई है। इस कारण प्रदेश में बीते दिनों 500 से अधिक स्कूलों को मर्ज भी करना पड़ा है। इन कमियों को दूर करते हुए अब सरकार ने शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए कड़े फैसले लिए हैं। इसी कड़ी में पदोन्नति को परीक्षा परिणाम के साथ जोड़ा गया है। अब पदोन्नति सिर्फ तय समय अवधि पूरी करने पर ही नहीं मिलेगी। परीक्षा परिणाम को भी आंका जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों की एसीआर में भी कम परिणाम को दर्ज किया जाएगा। निगेटिव टिप्पणियां भी अब एसीआर में की जाएंगी। बीते दिनों ही स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के नतीजों में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलोंं के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी हुए हैं। इन प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) को इस बार वार्षिक इंक्रीमेंट नहीं मिलेगी। कुल 116 स्कूलों में 30 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। भविष्य में इस तरह के परिणाम ना आए, इसके लिए शिक्षकों को सतर्क करने के लिए पदोन्नति और एसीआर से परीक्षा परिणाम को जोड़ा गया है।
** 33 लाख से निर्मित स्वाखरी पंचायत भवन जनता को समर्पित **बोले, सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर नाकाम, बदले की भावना से कर रही काम विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने स्नोरघाटी की ग्राम पंचायत स्वाखरी में 33 लाख की लागत से नवनिर्मित भवन का लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया। इस दौरान क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व की जय राम सरकार के समय में स्वाखरी नई पंचायत बनाई गई, जिसके भवन निर्माण को लेकर तैंतीस लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया था। आज नया भवन जनता को लोकार्पित किया गया है, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय जनता को बेहतर सुविधा मिलेगी। यहां विकास कार्यों को गति देने के लिए माकूल बजट प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने कार्यकाल में प्रदेश को नई दिशा दी है। मंडी जिला विकास के मामले में अग्रणी रहा है, जबकि सुक्खू सरकार अब बदले की भावना से कार्य कर रही है। यहां खोले गए संस्थान बंद कर जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। प्रदेश सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। मंडी जिला को फूटी कौड़ी की सौगात नहीं मिल पाई है। बरसात में हुई भीषण आपदा में पीड़ित परिवारों को राहत राशि मिलना तो दूर कुशलक्षेम जानने तक मुख्यमंत्री समय नहीं दे पाए हैं। मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुए हैं। ऐसी जनविरोधी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का मन अब प्रदेश की जनता बना चुकी है। इस दौरान द्रंग भाजपा मंडल अध्यक्ष मेहर चंद भारती, महामंत्री राज ठाकुर, स्थानीय पंचायत प्रधान नर्वदा देवी, टिक्कर पंचायत प्रधान वंदना भंडारी, पलसेहड़ पंचायत प्रधान भूप सिंह, उप प्रधान केसर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
** तैयारियों को लेकर एसडीएम ने लीअधिकारियों की बैठक पधर: आपदा जोखिम न्यूनीकरण अंतरराष्ट्रीय दिवस के अंतर्गत 14 अक्तूबर सोमवार को नेता जी सुभाष चंद्र मेमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर के प्रांगण में उपमंडल स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार को एसडीएम सुरजीत सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि एक से 15 अक्तूबर तक आपदा जोखिम न्यूनीकरण अंतरराष्ट्रीय दिवस (समर्थ) मनाया जा रहा है। इस माॅक ड्रिल का उद्देश्य भूकंप जैसी प्राकृतिक घटना घटित होने पर राहत व बचाव के संबंध में त्वरित उठाए जाने वाले विभिन्न प्रभावी कदमों की तैयारियों को सुनिश्चित करना है। ताकि इस प्रकार की आपदा के समय में प्रभावित लोगों के बचाव के संबंध में समय रहते प्रभावी कदम उठा जान माल के नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की आपदा के समय सबसे पहले स्थानीय लोग ही मौके पर पहुंचते है। इसलिए आम लोगों का आपदा के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है। यदि आम लोग आपदा के प्रति जागरूक होंगे तो आपदा के समय होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐसे में समर्थ अभियान के अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। ताकि लोगों को आपदा से बचाव व आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने माॅक ड्रिल के सफल आयोजन को लेकर संबंधित विभागाध्यक्षों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
** नशे से बचने के लिए खेलकूद और सामाजिक क्रियाकलापों में हिस्सा लें युवा: राकेश चंदेल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उरला में सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर गुरुवार को शुरू हुआ। शुभारंभ अवसर पर सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता राकेश चंदेल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर शिविर का विधिवत शुभारंभ किया। प्रधानाचार्य संजीव ठाकुर ने मुख्य अतिथि को सम्मानित करने उपरांत विशेष शिविर में सात दिन तक आयोजित की जाने वाली गतिविधियों बारे ब्यौरा प्रस्तुत किया। शिविर में कुल पच्चीस स्वयंसेवी छात्र छात्रा हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान मुख्य अतिथि राकेश चंदेल ने स्वयंसेवकों से पूरी तन्मयता के साथ विभिन्न गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। चरित्र निर्माण पर बल देते हुए कहा की आज के दौर में युवा वर्ग को नशे के चंगुल से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशे जैसी बुराइयों से बचने के लिए खेलकूद और सामाजिक क्रियाकलापों में दिलचस्पी लेना बेहद अनिवार्य है। उन्होंने स्वच्छ भारत तथा भारत निर्माण में एक स्वयंसेवी की भूमिका बारे जागरूक किया। प्रधानाचार्य संजीव ठाकुर ने एनएसएस की आज के दौर में उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी स्वयंसेवकों को दी। एनएसएस प्रभारी पंकज कुमार प्रवक्ता भौतिक शास्त्र व बंता देवी प्रवक्ता हिंदी ने इस सात दिवसीय शिविर की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विशेष शिविर में स्वयंसेवकों द्वारा एनएसएस वाटिका का सरंक्षण, आयुष केंद्र परिसर, बाजार, प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत और वन विश्राम गृह परिसर की साफ सफाई के साथ अन्य क्रियाकलाप किए जाएंगे। इस दौरान एसएमसी प्रधान भूप सिंह धरवाल, शिक्षक और गैर शिक्षक वर्ग सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने बिजली सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी खत्म करने से सरकार अपने खजाने को ब्रीदिंग स्पेस देना चाहती है, लेकिन इससे उद्योगपति नाराज हो गए हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि सब्सिडी खत्म करने के बावजूद हिमाचल में उद्योगों को पड़ोसी राज्यों से सस्ती बिजली मिल रही है। वहीं,उद्योगपति इस दावे से इनकार करते हुए कह रहे हैं कि बिजली पड़ोसी राज्यों से महंगी है। इसे लेकर भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में ऊर्जा सचिव राकेश कंवर से भी मुलाकात की है। ऊर्जा सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि हिमाचल व पड़ोसी राज्यों की बिजली दरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। साथ ही इस मामले को सीएम सुक्खू के समक्ष रखा जाएगा। अगले हफ्ते इस मामले में फिर से सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी। हिमाचल प्रदेश को देश का उर्जा राज्य कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश बैंकिंग सिस्टम के जरिए देश के अन्य राज्यों को बिजली सप्लाई करता है। राज्य में पांच नदियां ऐसी हैं, जो बारहमासी हैं। हिमाचल में 24 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, लेकिन अभी तक 11209 मेगावाट जल विद्युत ही उत्पादन हो रहा है। राजस्व की बात की जाए तो हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2023-24 में बिजली उत्पादन से 1434 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है। हिमाचल में उद्योग जगत सबसे बड़ा बिजली का उपभोक्ता है। उद्योग जगत में 2023-24 में 6382.64 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। ये कुल बिजली खपत का 58.26 फीसदी है। ये आंकड़ा दिसंबर 2023 तक का है। यानी उद्योगों को सबसे अधिक बिजली दी जाती है। राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली पर सब्सिडी प्रदान करती है। राज्य सरकार ने इस सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। उसके बाद से बिजली महंगी हुई है। सरकार का तर्क है कि बिजली में सब्सिडी से सरकार के खजाने पर सालाना 900 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है। सीएम सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार ने उद्योगों को दी जाने वाली विद्युत सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। सीएम का दावा है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल में उद्योगों को सस्ती दर पर पावर सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 33 केवी (किलोवाट) से 220 केवी तक की वोल्टेज आपूर्ति वाले बड़े उद्योगों को पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की तुलना में एक रुपए प्रति यूनिट से अधिक सस्ती दर पर बिजली दी जाएगी। सीएम का कहना है कि राज्य में केवल 159 इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं, जिन्हें 33 केवी से 220 केवी तक बिजली की आपूर्ति की जरूरत है। आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में 33 केवी से 220 केवी तक वोल्टेज आपूर्ति के बड़े उद्योगों के अलावा 11 केवी और 22 केवी की वोल्टेज आपूर्ति वाले 2,011 उद्योग है। इन यूनिट्स को भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक रुपए प्रति यूनिट से अधिक सस्ती दर पर बिजली दी जा रही है। इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विद्युत शुल्क को 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। राज्य में कुल 31,298 लघु और मध्यम उद्योग इकाइयां हैं। इन्हें पहले की तरह ही सब्सिडी मिलती रहेगी। हिमाचल प्रदेश में सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, ऊना आदि जिलों में सबसे अधिक उद्योग हैं। यहां के उद्योगपति सरकार के बिजली सब्सिडी खत्म करने के फैसले से खुश नहीं हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्वाचन क्षेत्र हरोली में बल्क ड्रग पार्क का निर्माण होना है। यहां हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने बिजली सब्सिडी की बहाली की मांग उठाई है। एसोसिएशन के पदाधिकारी राकेश कौशल का कहना है कि ऊना के टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र की नौ इंडस्ट्रियल यूनिट्स जो 33 केवी से 220 केवी की खपत वाली हैं, पर अनुदान खत्म होने से 14 करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ेगा। यदि सब्सिडी बहाल न हुई तो तालाबंदी कर पलायन की नौबत आ जाएगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन के मुखिया मेघराज गर्ग का कहना है कि राज्य सरकार ने दो साल में बिजली की दरों में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंघल का कहना है, हिमाचल में पंजाब के मुकाबले पचास पैसे प्रति यूनिट अधिक रेट है। पंजाब, हरियाणा व जेएंडके सहित उत्तराखंड से अधिक दरें अब हिमाचल की हैं। वहीं, राज्य सरकार के ऊर्जा सचिव राकेश कंवर का कहना है कि पड़ोसी राज्यों की दरों के साथ हिमाचल की दरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। उद्योगपतियों के प्रतिनिधियों से साथ फिर से बैठक की जाएगी। उद्योग जगत का कहना है कि हिमाचल में एक रुपए सब्सिडी खत्म होने के बाद बिजली पड़ोसी राज्यों से यहां बिजली महंगी हो गई है। वहीं, सरकार का दावा है कि बिजली अभी भी पड़ोसी राज्यों से सस्ती है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हिमाचल प्रदेश में अभी बिजली सब्सिडी खत्म करने के बाद 66 केवी उपभोग वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स को 7.70 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। ये दरें एक रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी खत्म होने के बाद की हैं। वहीं, इससे पहले 31 मार्च 2023 को ये दर 5.29 पैसे प्रति यूनिट थी। इसमें लोड फैक्टर का भी हिसाब होता है। वहीं, 220 केवी उपभोग करने वाले उद्योगों को अब 7.58 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। ये पहले 5.19 पैसे प्रति यूनिट थी। वहीं, जेएंडके में ये दर 5.37 पैसे प्रति यूनिट, हरियाणा में 6.76 पैसे प्रति यूनिट व पंजाब में 7.45 पैसे प्रति यूनिट है। ये आंकड़े 24 सितंबर को दरें बढ़ाने के बाद के है। फिलहाल अब उद्योगपतियों को अगले हफ्ते ऊर्जा सचिव के साथ मीटिंग का इंतजार है। राज्य सरकार का दावा है कि सब्सिडी खत्म होने के बाद उसे सालाना अधिकतम 600 करोड़ रुपए बचेंगे। अभी राज्य सरकार सभी उद्योगों को बिजली सब्सिडी पर 900 करोड़ सालाना खर्च कर रही है। इसमें से छोटे यूनिट्स को सब्सिडी जारी है और उनकी बिजली ड्यूटी भी घटाई गई है।
हिमाचल प्रदेश में देहरा में आयोजित हुए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच में तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। आजादी के महापर्व के दिन डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने वाले कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं। विभिन्न कर्मचारी महासंघ सरकार से बार-बार डीए और एरियर के भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया है। वहीं, सीएम सुक्खू ने स्वस्थ होने के बाद से सचिवालय में अब अपना रूटीन का कार्य संभाल लिया है, जिस पर कर्मचारियों ने सीएम को वार्ता के लिए बुलाए जाने के लिए दो दिन का समय दिया था, जो अब पूरा हो गया है, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ ने 15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुला लिया है। इस दिन फिर से अब सुक्खू सरकार पर कर्मचारियों का गुबार उतरेगा। हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कर्मचारियों ने 21 और 23 अगस्त को जनरल हाउस बुलाया था, जिसमें सरकार को विधानसभा के मानसून सत्र समाप्त होने के बाद डीए और एरियर के भुगतान किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ भाषणबाजी करने पर नोटिस जारी किए गए। यही नहीं कैबिनेट मंत्री के खिलाफ बोलने पर प्रिविलेज मोशन भी लाया गया है। ऐसे में सीएम के साथ वार्ता से पहले कर्मचारी प्रिविलेज मोशन और नोटिस को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं। इस पर भी सरकार की तरफ से कोई फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। ऐसे में नाराज चल रहे कर्मचारियों के सब्र का बांध फिर से टूट गया है, जिसके बाद अब 15 अक्टूबर को सचिवालय परिसर में कर्मचारियों का जनरल हाउस होगा। ऐसे में सीएम सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं। हाल ही में सचिवालय में कर्मचारियों की बैठक हुई थी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, मीटिंग अब 15 अक्टूबर को जनरल हाउस करने का फैसला लिया गया है। ये जनरल हाउस सचिवालय परिसर में दोपहर बाद 1.30 होगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठन भी जुटेंगे। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है,15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुलाया गया है। कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान को लेकर भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। इसके अलावा पेंशनर्स को इस महीने 9 तारीख को पेंशन जारी की गई पिछले महीने सितंबर में कर्मचारियों को भी वेतन 5 तारीख को दिया गया। वहीं पेंशनर्स के खाते में भी 10 तारीख पेंशन डाली गई थी। इसलिए अब जनरल हाउस बुलाया गया है, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को उनके 62वें जन्मदिवस पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अग्निहोत्री की दीर्घ आयु तथा उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है। उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री के समर्पण भाव के साथ प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मुकेश अग्निहोत्री इसी प्रकार भविष्य में भी प्रदेश के विकास और कल्याण में प्रतिबद्धता से अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे।
पधर: राजकीय महाविद्यालय द्रंग स्थित नारला में डॉ. कल्याण चंद मंढोत्रा ने प्राचार्य के रूप में पदभार संभाला। डॉ. मंढोत्रा इससे पहले महाविद्यालय में संगीत विषय के प्रध्यापक रहे हैं। महाविद्यालय में बतौर प्राचार्य कार्यभार संभालने उपरांत उन्होंने अध्यापकों, कर्मचारियों, और छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कॉलेज को एक उत्कृष्ट शैक्षिक संस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। विद्यार्थियों को शैक्षिक, नैतिक और सामाजिक रूप से विकसित करना मूल उद्देश्य रहेगा,जिससे युवा वर्ग आत्मनिर्भर और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बन सके। उन्होंने कहा कि वे पहले से ही द्रंग कॉलेज के साथ जुड़े हैं। तीन वर्ष तक इसी कॉलेज में कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में कार्य करने का अनुभव रहा है।उन्होंने सभी शिक्षक और गैर शिक्षक वर्ग से आह्वान किया कि आपसी तालमेल और समन्वय के साथ कार्य करते हुए कॉलेज को एक आदर्श कॉलेज बनाने के लिए भरपूर सहयोग दें।
** 47 चयनित उम्मीदवारों की सूची हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में प्रवक्ता (स्कूल न्यू) वाणिज्य के पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। आयोग ने लिखित वस्तुनिष्ठ और विषय योग्यता परीक्षा के बाद दस्तावेज सत्यापन में उनके प्रदर्शन के आधार पर योग्यता के क्रम में 47 उम्मीदवारों की सूची प्रवक्ता वाणिज्य पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित की है। अनुशंसित उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से उनके दस्तावेजों/प्रमाणपत्रों के सत्यापन के अधीन है। भर्ती परिणाम आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड़ कर दिया है।