मंडी से सांसद व अभिनेत्री कंगना रणौत ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते रूके हुए प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा। मंडी शहर का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार ने रोक रखा है। हालांकि किस तरह प्रोजेक्ट रोका गया है यह वह साफ नहीं कर पाईं। उन्होंने भाजपा सरकार बनने पर यह बात साफ होने का तर्क दिया। उन्होंने बुधवार को मंडी में अपने कार्यालय का विधिवत शुभारंभ किया। कंगना रणौत ने कहा कि एक काम पकड़ कर उसे पूरा करवाया जाएगा। इसके लिए जी जान उसके पीछे लगकर काम होगा। कंगना ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र में अब उनके तीन कार्यालय हो गए हैं। एक कार्यालय मनाली स्थित निवास पर है, जबकि दूसरा सरकाघाट वाले निवास पर है। तीसरा कार्यालय मंडी शहर में खुला है। लोग अपनी सुविधा के अनुसार उनसे इन कार्यालयों में आकर मिल सकते हैं। यदि वह कार्यालय में नहीं मिलती तो लोग यहां तैनात स्टाफ के पास भी अपनी बात लिखित में दे सकते हैं, उसका समाधान किया जाएगा। इस मौके पर कंगना ने लोगों से मुलाकात भी की और उनकी समस्याओं को भी सुना।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन चोर हर बार की तरह पुलिस की पहुंच से बाहर है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में सुंदरनगर थाना के तहत ग्राम पंचायत जुगाहन के जरल गांव में चोरों ने मंगलवार रात को करीब छह लाख के आभूषण और 11 हजार रुपये नकदी पर हाथ साफ कर दिया । चोरों ने ग्रिल उखाड़कर घर में प्रवेश कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात की रात मकान मालिक महिला घर पर अकेली थी। सुबह जब महिला जागी तो एक कमरे को अंदर से बंद पाया। जब महिला बाहर आंगन में गई तो देखा कि कमरे की ग्रिल किसी ने निकाल कर बाहर रखी हुई है और अंदर झांकने पर कमरे में सामान बिखरा पाया। इसके बाद पड़ोसियों को जगाया। कमरे में जाकर जांच करने पर अलमारी के लॉकर से सोने व चांदी के आभूषण और नकदी गायब थी। सूचना मिलने पर सुंदरनगर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि जुगाहन पंचायत के जरल निवासी प्रेम चौधरी के घर पर चोरों ने मंगलवार रात को सेंध लगा दी। चोरों ने घर के बाहर खिड़की को लगी ग्रिल को खोलकर कमरे में प्रवेश किया और भीतर से दरवाजे को कुंडी लगा दी। डीएसपी भारत भूषण ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश राज्य मिल्क फेडरेशन ने देसी घी, मक्खन समेत अन्य उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। अब उपभोक्ताओं को हिम घी प्रति लीटर 50 रुपये और हिम मक्खन प्रति किलो 30 रुपये महंगा मिलेगा। इस तरह अब घी 700 और मक्खन 580 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। दूध के दामों में बढ़ोतरी के बाद प्रबंधन ने अन्य उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। बढ़ी हुई दरें प्रदेशभर में लागू कर दी गई हैं। मिल्क फेडरेशन की ओर से कुल पांच उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। हिम पनीर अब 370 के बजाय 390 रुपये में मिलेगा। खुला पनीर प्रति किलो 340 के बजाय 360 रुपये में मिलेगा। पनीर में 20 रुपये प्रतिकिलो बढ़ोतरी हुई है। खुला दूध प्रति लीटर में दो रुपये बढ़ोतरी के साथ अब दाम 49 रुपये तय किए गए हैं। प्रबंधन की ओर से हिम खोया, बटर मिल्क, हिम दही, खुला दही, दूध पैकेट, फ्लेवर वाला दूध उत्पाद के दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई है। हिम खोया 340 रुपये प्रति किलो, बटर मिल्क 20 रुपये, हिम दही 70 रुपये, खुला दही 65 रुपये, दूध 60 रुपये, फ्लेवर वाला दूध 30 रुपये प्रतिलीटर मिलेगा। बता दें कि प्रदेशभर में मिल्क फेडरेशन के 150 से अधिक बिक्री केंद्र हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर से संबंध रखने वाले वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी और पूर्व जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। आईएएस अधिकारी आशुतोष गर्ग के पास वर्तमान में विशेष सचिव कार्मिक का अतिरिक्त जिम्मा है। कुल्लू के उपायुक्त पद से स्थानांतरण के बाद आशुतोष गर्ग को विशेष सचिव वित्त नियुक्त किया गया था। बाद में कार्मिक विभाग भी दिया गया। इसके अलावा प्रबंध निदेशक सामान्य उद्योग निगम भी नियुक्त किए गए।
यूनिवर्सल कार्टन में वजन के हिसाब से किलो के रेट पर सेब बिकेगा। आढ़तियों को फड़ (ऑक्शन यार्ड) पर अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्राॅनिक कांटे लगाकर पेटियों का वजन कर एवरेज के हिसाब से किलो की बोली लगा कर सेब बेचना होगा। बागवान भी बढि़या किस्म के यूनिवर्सल कार्टन में सेब की पैकिंग करें ताकि आढ़तियों और खरीदारों को नुकसान न हो। नियमों का उल्लंघन बागवान करे या आढ़ती सबके लिए कानून एक समान लागू होगा। यूनिवर्सल कार्टन को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति पर मंगलवार को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सचिवालय में सभी पहलुओं पर स्थिति स्पष्ट की। नेगी ने कहा कि जिन बागवानों के पास पिछले साल का कार्टन बचा है वह नाशपाती टेलिस्कोपिक कार्टन में पैक कर बेच सकते हैं। नाशपाती पर कोई रोक नही है। सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन की कोई कमी पेश नहीं आने दी जाएगी। एचपीएमसी के बिक्री केंद्रों पर यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया गया है। निजी कंपनियों का कार्टन भी बाजार में उपलब्ध है। 99 फीसदी बागवान यूनिवर्सल कार्टन से संतुष्ट हैं सिर्फ एक फीसदी परेशान हैं। पिछले सीजन में जब किलो के हिसाब से सेब बिक्री शुरू की थी तब भी कुछ लोगों को समस्या थी, सरकार ने सख्ती की तो व्यवस्था लागू हो गई। बागवानों से ठगी के मामलों में एसआईटी कार्रवाई करती थी लेकिन इस सीजन से एसआईटी के साथ एपीएमसी को सक्रिय किया जाएगा। बागवानों की शिकायत आते ही एपीएमसी पुलिस में मुकद्दमा दर्ज करवाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बागवान भी अगर चैक से फसल का पैसा ले रहे हैं और चैक बाउंस हो जाता है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। सेब सीजन में नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों को भी कार्रवाई की शक्तियां दी जाएंगी। सेब सीजन के दौरान ग्रामीण और मुख्य सड़कें बंद न होे इसका जिम्मा संबंधित डीसी और एसपी को सौंपा गया है। पराला मंडी की सड़क बन कर तैयार हो गई है। पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक कर हर जगह मशीनें रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हरित भारत संकल्प के तहत हिमाचल प्रदेश राजमार्ग प्राधिकरण प्रदेश में 50,000 पौधे रोप रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित के नेतृत्व में शिमला-चंडीगढ़ हाईवे किनारे एक बूटा मां के नाम पौधारोपण अभियान शुरू किया। इस दौरान फोरलेन के किनारे विभिन्न प्रजातियों के पौधे रौपे गए। उल्लेखनीय है कि एनएचएआई ने संपूर्ण पौधरोपण परियोजना के अंतर्गत अपनी फील्ड इकाई के प्रत्येक पौधे के स्थान, उसकी वृद्धि, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियां, लक्ष्य और उपलब्धियों की निगरानी के लिए 'हरित पथ' नाम का एक मोबाइल एप विकसित किया है। क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पौधारोपण अभियान शुरू किया गया है। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक पेड़ मां के नाम महिम शुरू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी राजमार्गों पर पौधे लगाए जा रहे हैं।
**कल- परसों प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी **लाहौल स्पीति और किन्नौर में बारिश न होने की संभावना **प्रदेश के 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में 16 जुलाई तक मानसून की बारिश का दौर जारी रहेगा। 11 व 12 जुलाई को कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज राजधानी शिमला व आसपास भागों में मौसम खराब बना हुआ है। उधर, बुधवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में 28 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। इसके अलावा 19 बिजली ट्रांसफार्मर व 16 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने 11 व 12 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। लाहौल-स्पीति व किन्नौर जिले के लिए किसी तरह का अलर्ट नहीं हैं।
शिमला: फल मंडी में सेब की दस्तक के साथ अब आवक बढ़ने लगी है। भट्टाकुफर फल मंडी में सोमवार को टाइडमैन सेब किलो के हिसाब से बिका। यूनिवर्सल कार्टन में करीब हजार पेटियां बिकने के लिए पहुंचीं। वहीं, आने वाले समय में सेब सीजन रफ्तार पकड़ेगा। शुरुआती दौर में कम संख्या में सेब की पेटियां फल मंडी पहुंच रही थीं। वहीं, अब सेब की आवक में बढ़ोतरी हुई है। सभी पेटियां मंडी में यूनिवर्सल कार्टन में ही पहुंच रही हैं। शुरुआती दौर में सेब का साइज छोटा है इसलिए कम दाम पर मंडियों में सेब बिक रहा है। फिलहाल 700 से 1500 रुपये प्रति पेटी मंडी में बिक रही है। वहीं, इस बार गर्मियों में बारिश ना होने के कारण सेब का आकर छोटा और रंग फीका भी है। इस वजह से बागवानों को सेब के दाम कम मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में अगर सेब का साइज व रंग बेहतर हुआ तो बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा स्टोन फ्रूट व नाशपाती भी फल मंडी में पहुंच रही है। भट्टाकुफ़्फ़र फल मंडी के आढ़ती जयकुमार ने कहा "फल मंडी में अब सेब की आवक में बढ़ोतरी हो रही है। स्टोन फ्रूट के साथ नाशपाती भी मंडी में पहुंच रही है। उन्होंने कहा इस बार सूखे की मार सेब पर पड़ी है जिस वजह से सेब का साइज छोटा है। वहीं, अभी मार्केट में स्टोरेज किया हुआ सेब बिक रहा हैं। इस कारण भी बागवानों को दाम कम मिल रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में सेब के दाम में बढ़ोतरी होने की संभावना कम है। भट्टाकुफर फल मंडी में पहुंचा करसोग का सेब 50 से 70 रुपये प्रतिकिलो बिका। वहीं, नाशपाती भी 70 से 80 रुपये प्रतिकिलो बिकी। देहा बल्सन से नाशपाती बेचने पहुंचे बागवान शशिकांत ने कहा इस बार फसल कम है और नाशपाती के दाम सामान्य ही मिल रहे हैं। उन्होंने सरकार द्वारा यूनिवर्सल कार्टन के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा अभी शुरुआती दौर है। इन कार्टनों में फ्रूट की पैकिंग किस तरह की जानी चाहिए ये अभी बागवानों को समझना पड़ेगा। बागवान ने कहा पहले एक पेटी में 35 किलो तक सेब भर दिया जाता था। अब यूनिवर्सल कार्टन लागू होने से यह नहीं होगा जो एक बेहतर पहल है। इससे सभी बागवानों को फायदा होगा। बागवान ने एक पेटी पर ढुलाई व स्पलाई के खर्च को लेकर बोला "पहले एक पेट्टी पर करीब 300 रुपये का खर्च आता था लेकिन अब यह देखना होगा कि गाड़ी में ढुलाई पेट्टी के हिसाब से होती है या वजन के हिसाब से अगर पेटी के हिसाब से ढुलाई होती है तो बागवानों को इसका नुकसान होगा और अगर वजन के हिसाब से ढुलाई की जाती है तो बागवानों को इसका लाभ मिलेगा।
मंडी: बग्गी स्थित निजी कॉलेज के पास बाइक और ट्रक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौ*त हो गई है। बाइक सवार युवक की पहचान इंद्रजीत कुमार उम्र 32 साल के तौर पर हुई है। युवक सुंदनरगर में पंजाब नेशनल बैंक का कर्मी था। सोमवार सुबह युवक घर से ड्यूटी के लिए जा रहा था। इस दौरान यह हादसा पेश आया। मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू दी है। वहीं, श*व को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मानसून की बारिश का दौर जारी है। राजधानी शिमला में भी सोमवार सुबह झमाझम बारिश हुई। राज्य में सुबह 10:00 बजे तक 70 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। इसके अलावा 84 बिजली ट्रांसफार्मर व 51 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में 14 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 11 व 12 जुलाई को कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल में बारिश जमकर हो रही है। हरियाणा में भी मानसून का आगमन हो चुका है। 1 जून से 7 जुलाई तक सामान्य से करीब 8 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान 70.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 78.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। हरियाणा के केवल 10 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं अंबाला, चरखी दादरी, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत व यमुनानगर में अभी भी लोगों को मानसून का इंतजार है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मानसून की वैसी सक्रियता देखने को नहीं मिल रही है। अभी भी खंड बारिश की स्थिति बनी हुई है। वहीं 8 जुलाई यानी आज के मौसम की बात करें तो पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश के पश्चिमी, दक्षिणी व उत्तरी हिस्सों पर देखने को मिल सकता है। लोगों को उमसभरी गर्मी का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं हिमाचल में मानसूनी बारिश के चलते पूरा मौसम बदल गया है। लोगों पर एक साथ दो-दो आफत टूट पड़ी हैं। एक तरफ तेज बारिश के कारण भूस्खलन देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कई इलाकों में पानी की सप्लाई बंद हो गई है। बीते 24 घंटे के मौसम की बात करें तो कई जिलों में जमकर बारिश हुई तो कहीं केवल बूंदाबांदी ही देखने को मिली।
सेब सीजन के रफ्तार पकड़ने से पहले ही सेब के मालभाड़े की दरें प्रति क्विंटल, प्रति किलोमीटर तय करने से बागवानों को झटका लगा है। पिकअप से सेब की ढुलाई का मालभाड़ा बीते साल के मुकाबले करीब 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने इस सीजन में पहली बार सेब की ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय की हैं। हिमाचल में सेब ढुलाई की दरें अब तक पेटी के आधार पर तय होती थीं। उपमंडल से प्रदेश और बाहरी राज्यों की बड़ी मंडियों तक प्रति पेटी के आधार पर प्रशासन ढुलाई की दरें अधिसूचित करता था। इस साल सरकार ने उपायुक्तों को ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय करने के निर्देश दिए हैं। बागवानों का कहना है कि पिकअप के किरायों में अनुचित बढ़ोतरी की गई है। सेब उत्पादक क्षेत्रों से सड़कें संकरी होने के कारण 80 फीसदी सेब पिकअप गाड़ियों से ही लोकल मंडियों तक पहुंचाया जाता है। पिकअप के किराये बढ़ने से बागवानों की लागत और फसल को मंडियों तक पहुंचाने का खर्चा बढ़ जाएगा। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान का कहना है कि सेब सीजन के लिए पिकअप का प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर किराये का निर्धारण पुन: किया जाना चाहिए। बीते साल के मुकाबले दरों में करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी से बागवानों पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। सोलन और परवाणू सेब मंडी में कारोबार की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। मंगलवार को पूजा-अर्चना के साथ यहां पर कारोबार भी शुरू हो जाएगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों से अर्ली किस्म का सेब पहुंचना भी शुरू हो गया है। जोकि अभी स्थानीय क्षेत्र में ही बिक रहा है। मंगलवार से बाहरी राज्यों के कारोबारी भी मंडी में पहुंचना शुरू हो जाएंगे। इसके लिए मंडी समिति की ओर से सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। परवाणू सेब मंडी में मंगलवार को चौपाल, करसोग, कुमारसैन और ठियोग से सेब किस्म टाइडमैन और नाशपाती की पहली खेप पहुंचेगी। परवाणू मार्किट कमेटी के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि सेब सीजन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली हैं।
पिछले साल नौ जुलाई को ब्यास की जल समाधि से बाहर आए पंचवक्त्र मंदिर की सुरक्षा का इस बार कोई भी प्रबंध नहीं किया है। सिल्ट और रेत को भी पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका है। मगर मंदिर की क्षतिग्रस्त दीवार और निकले पत्थरों को ठीक कर दिया गया है। मंदिर में नया दरवाज भी लगाया गया है। संबंधित विभाग और पुजारियों का कहना है कि मंदिर को ब्यास की तेजधारा से बचाने का कोई भी फार्मूला काम नहीं कर सकता क्योंकि जब बाढ़ आती है तो वह सब कुछ बहाकर ले जाती है। हालांकि पिछले साल यहां पर मंदिर के लिए बना पुल जो बह गया था वह इस शिवरात्रि को पूरी तरह से तैयार कर सभी की सुविधा के लिए लोकार्पित किया जा चुका है। वहीं मंडी के विश्वकर्मा मंदिर के पास पिछले साल ढही पहाड़ी पर भूस्खलन का खतरा नहीं टला है। इस पर कोई बड़ा डंगा नहीं लग पाया है। इस बार विभाग ने सुरक्षा के नाम पर यहां पर बस पूरी पहाड़ी को तिरपाल से ढक दिया है। पिछले साल नौ जुलाई को थुनाग बाजार में जलजला आया था। उस समय लकड़ी, पत्थर, मिट्टी आने से पूरा बाजार तहस-नहस हो गया था। सभी कारोबारी तबाह को गए थे, मगर अब यह बाजार दोबारा बस रहा है। नए भवनों का निर्माण हो रहा है। दुकानों का भी निर्माण किया जा रहा है। बेशक कारोबारियों और वहां के स्थानीय लोगों के जख्म अभी तक नहीं भरे हैं मगर यहां पर एक बार फिर से यह बाजार नए स्वरूप में नजर आ रहा है। अभी भी यहां पर बरसात में हालात खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले साल 13 और 14 अगस्त को बल्ह क्षेत्र में सुकेती ने पूरी घाटी को जलमग्न कर दिया था। हालात इस बार भी नहीं बदले हैं। बरसात में सुकेती में बाढ़ आने की पूरी संभावना रहती है। पिछले साल सुकेती ने मनाली चंडीगढ़ फोरलेन को भी अपनी जलधारा में ले लिया था। उस समय फोरलेन एक नदी के जैसा ही प्रतीत हो रहा था, जबकि पूरी क्षेत्र में लोगों के घर डूब गए थे। इस बार भी कोई हालात नहीं बदले हैं न ही खड्ड का तटीकरण हुआ है।
हिमाचल के स्कूलों में नशे के खिलाफ एंटी ड्रग स्क्वायड बनेंगे। बच्चों को नशे से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में नशा विरोधी दस्तों के गठन की घोषणा की है। यह पहल हिमाचल प्रदेश एकीकृत नशा निवारण नीति को लागू करने के प्रयास के हिस्से के रूप में की गई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी उप निदेशकों को स्कूलों में एंटी ड्रग स्क्वायड का गठन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। नशा विरोधी दस्ते का नेतृत्व स्कूल के प्रिंसिपल करेंगे। इसमें 2-3 स्टाफ सदस्य और 2 से 3 छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे। छात्र प्रतिनिधियों को स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) या पंचायतों (ग्राम परिषदों) जैसे निकायों से चुना जा सकता है। स्कूलों को ऐसी प्रणाली स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां छात्र-कर्मचारी गुमनाम रूप से किसी भी ड्रग से संबंधित रिपोर्ट कर सकते हैं। मासिक आधार पर जानकारी की एंटी-ड्रग स्क्वायड समीक्षा करेंगे। जरूरी हुआ तो स्क्वायड आगे की जांच और कार्रवाई के लिए पुलिस को जानकारी देंगे। छात्रों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में शिक्षित करने के लिए वाद-विवाद और निबंध लेखन प्रतियोगिता करवाई जाएगी। नशा विरोधी दस्तों को स्कूलों के भीतर, स्कूल आने-जाने के रास्तों और आसपास की दुकानों में संदिग्ध गतिविधि की निगरानी का काम सौंपा जाएगा। वहीं, दस्ते स्कूल समुदाय के भीतर संभावित ड्रग उपयोगकर्ताओं, विक्रेताओं या प्रभावित करने वालों के बारे में भी जानकारी एकत्र करेंगे। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे नशे के मामलों पर राज्यपाल भी चिंता जता चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि युवाओं को नशे की दलदल में डूबने से बचाने के लिए मिलकर सभी को प्रयास करने होंगे। युवा पीढ़ी के भविष्य को बचाने के लिए शिक्षण संस्थानों को भी आगे आना होगा और सख्त नियम बनाने होंगे। उन्होंने पुलिस को नशा तस्करों पर कार्रवाई के सख्त निर्देश भी दिए हैं और स्कूल, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के बाहर नशा बेचने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है।
मंडी के पंडोह डैम पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की तैयारी हो रही हैं। इससे फायदा यह होगा कि जैसे ही पानी छोड़ने के लिए डैम के गेट खुलेंगे तो बांध स्थल से लेकर मंडी शहर तक हूटर बजेंगे। बीबीएमबी के अधीक्षण अभियंता अजयपाल सिंह ने पंडोह डैम में बीएसएल परियोजना के 48वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, सेंसर आधारित अर्ली वार्निंग सिस्टम का टेंडर लगा दिया गया है। अगले दो महीने में इसे स्थापित किया जाएगा। डैम से लेकर मंडी शहर तक ब्यास नदी के किनारे 6 हूटर लगाए जाएंगे। हूटर न सिर्फ बजेंगे बल्कि इसमें आवाज के माध्यम से संदेश प्रसारित करने का भी प्रावधान होगा। हूटर चारों दिशाओं में सुनाई देगा। इससे पहले हूटर पंडोह डैम और बाजार के आसपास ही बजते थे। इससे उसे मैनुअली बजाना पड़ता था। अब ऑटोमेटिक सिस्टम लगाया जा रहा है। अजयपाल ने स्पष्ट किया, पंडोह कोई स्टोरेज डैम नहीं बल्कि डायवर्शन डैम है। यहां से बग्गी के लिए पानी भेजने के लिए जो टनल बनी है, उससे 8500 क्यूसेक पानी भेजा जाता है। बाकी पानी ब्यास नदी में छोड़ना पड़ता है। लोगों को बरसात के दौरान ब्यास नदी या अन्य सभी प्रकार के नदी नालों से दूर रहना चाहिए। जलस्तर कब बढ़ जाए, यह पता नहीं चलता।
मंडी शहर में शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी पेयजल के लिए हाहाकार मचा रहा। हालात यह है कि प्राकृतिक जल स्रोतों पर लोगों की भीड़ लग रही है। सुबह-शाम लोग प्राकृतिक स्रोतों से पानी लाकर गुजारा कर रहे हैं। मानसून की पहली ही बारिश से मंडी शहर की करीब 84 करोड़ रुपये खर्च कर बनाई ऊहल पेयजल योजना हांफ गई है। करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद बरसात में गाद भरने जैसी स्थिति से निपटने और निर्बाध पेयजल मुहैया करवाने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किए जा सके हैं। बरसात की शुरूआत में ही महत्वपूर्ण पेयजल योजना के हांफने से मंडी शहर के लोगों में भारी आक्रोश है। योजना के ठप होने से लगातार तीसरे दिन भी पेयजल की सप्लाई न मिलने से शहर में स्थिति बिगड़ने लगी है। लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लाना पड़ रहा है। इससे दिनचर्या के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, ऐसे में लोगों को पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। बावड़ियों और अन्य स्रोतों पर भी पानी के लिए लोगों की कतारें लग रही हैं। मंडी शहर के जैंचू नौण, शिवा बावड़ी, स्कूल बाजार, पैलेस कालोनी, पुलघराट आदि स्थानों पर शनिवार को दिनभर पानी के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। शहरवासियों में अशोक कुमार, रचना, रीता देवी, राजेश ठाकुर, नरेंद्र सैणी, राकेश, संजीव कुमार, निशांत, ओम प्रकाश, शिवम, धर्मचंद, रेखा आदि ने बताया कि पेयजल के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग को चाहिए कि बरसात में पेयजल के लिए पुख्ता इंतजाम करें। बारिश के कारण बरोट से लगातार पानी ऊहल नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नदी के आर-पार बनी ट्रेंच वीयर में बार-बार गाद भर रही है। ट्रेंच वीयर में लगा ट्रैश रैक बंद हो रहा है। इसे साफ करने के लिए कर्मचारी को ट्रेंच वीयर में उतरना पड़ेगा, जिसकी इस समय गहराई 4 से 5 फीट है। इसके ऊपर तीन से चार फीट पानी की गहराई है। ऐसे में इसकी अभी सफाई करना संभव नहीं हो पा रहा है। शहर के कुछ इलाकों में वैकल्पिक व्यवस्था से पेयजल सप्लाई देने का प्रयास किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को लेकर युवतियां और महिलाएं उत्साहित हैं। योजना के तहत 1500 रुपये के फार्म जमा करवाने के लिए इन दिनों जिला कल्याण कार्यालय (डीडब्लयूओ) में महिलाओं की लाइनें लग रही हैं। जिला कल्याण कार्यालय में शिमला ग्रामीण और शिमला शहरी के तहसील कल्याण कार्यालय हैं। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में महिलाएं आवेदन जमा करवाने पहुंच रही हैं। कई बार महिलाओं की संख्या अधिक होने से लाइनें कार्यालय के बाहर तक पहुंच रही हैं। जिला कल्याण विभाग के मुताबिक 17 मार्च से 30 जून तक जिलाभर से करीब 70,532 आवेदन मंजूरी के लिए पहुंचे हैं। इसमें चौपाल से सबसे ज्यादा 11,891, ठियोग से 9,377 और रोहड़ू से 7,167 आवेदन आए हैं। इसके अलावा रामपुर से 7,093, चिड़गांव से 5,724, कुमारसैन से 5,707, शिमला ग्रामीण से 5,652, कोटखाई से 4,500, जुब्बल से 4,189, सुन्नी से 3,779, ननखरी से 3,625, शिमला शहरी से 1,281 और डोडरा-क्वार से 547 आवेदन आए हैं। अब आवेदनों की छंटनी की जा रही है। प्रक्रिया पूरी होते ही इन्हें भी लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जिला कल्याण अधिकारी केआर चौहान के मुताबिक योजना के तहत महिलाओं के आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया जारी है। सुख सम्मान निधि योजना के तहत जिले में करीब 2,569 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। महिलाओं को अप्रैल से जून तक के प्रतिमाह 1500-1500 रुपये जारी किए हैं। प्रदेश सरकार ने 14 जून को जिले में करीब 2,569 महिलाओं को योजना के तहत तीन माह की राशि एकमुश्त जारी कर एक करोड़ 15 लाख 60 हजार 500 रुपये की धनराशि वितरित की थी। विभाग के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले (16 मार्च तक) फॉर्म जमा करवाने वाली महिलाओं को यह राशि जारी की है।
मंडी: शनिवार को मंडी शहर के टाउन हॉल में दो दिवसीय सातवां नेशनल स्वात फेडरेशन कप शुरू हो गया है। इस फेडरेशन कप का शुभारंभ नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने किया। स्वात फ्रेंच बॉक्सिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में 12 राज्यों हिमाचल, पंजाब, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, चंडीगढ़, राजस्थान और दिल्ली के 250 महिला व पुरुष खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में अवल्ल रहने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दमखम दिखाने का मौका मिलेगा। इस मौके पर नगर निगम मेयर ने मंडी में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता करवाने के लिए स्वात फ्रेंच बॉक्सिंग एसोसिएशन का शुक्रिया अदा करते हुए इंडोनेशिया में कांस्य पदक जीतने वाले मंडी के वरुण वालिया को भी बधाई दी। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर खेलों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की अपील की। वहीं, प्रेसिडेंट ऑल इंडिया स्वात फ्रेंच बॉक्सिंग हंसराज ने बताया कि वह पिछले 8 सालों से पूरे देश में 6 लाख बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखा चुके हैं। इस प्रतियोगिता के बाद नेशनल चैंपियनशिप करवाई जाएगी, जिसमें अवल्ल रहने वाले खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेकर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रतियोगिता के पहले दिन आयोजित मुकाबलों में हिमाचल के मंडी जिला के 3 बॉक्सर, 2 महिला खिलाड़ी होमानी और वरूणिका और एक पुरुष खिलाड़ी वरुण सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों ने भी बॉक्सिंग रिंग पर खूब पसीना बहाया। इस अवसर पर नगर निगम के पार्षद वीरेंद्र सिंह आर्य, स्वात फ्रेंच बॉक्सिंग एसोसिएशन के संस्थापक सुखविंद्र सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष हंस राज, राष्ट्रीय महासचिव परमजीत कौर व हिमाचल राज्य के महासचिव संतोष कुमारी व अन्य मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण योजना में पौधारोपण के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस राशि का उद्देश्य राज्य में हरित क्षेत्र का विस्तार और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। इस परियोजना के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये राज्य वन विभाग को आवंटित किए गए हैं। यह राशि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पौधरोपण और वन संरक्षण के कार्यों के लिए प्रयोग की जाएगी। वन विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए 1.8 करोड़ पौधों के रोपण की योजना बनाई है, जो 76 वन बीटों में फैले होंगे। करीब 1,500 हेक्टेयर में पौधारोपण किया जाएगा। इस वनीकरण अभियान के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि वन आवरण को बढ़ाकर पर्यावरणीय संतुलन को बहाल किया जा सके और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके। प्रदेश में पिछले साल आपदा के कारण पौधरोपण नहीं हो पाया था। विभाग का इस साल उस टारगेट को भी पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये की राशि प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) को आवंटित की गई है। कैंपा का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों में पौधरोपण करना है, जहां वन क्षेत्र को नुकसान हुआ है। यह राशि विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के माध्यम से वनों के पुनर्वास के लिए प्रयोग की जाएगी। कैंपा के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वन क्षेत्र के नुकसान की भरपाई की जा सके और जैव विविधता की रक्षा की जा सके। प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने बताया कि प्रदेश में पौधरोपण के जिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अभियान राज्य के पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभियान न केवल वन आवरण को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। जंगलों में आग के खतरे को देखते हुए वन विभाग ने चीड़ के पौधे नहीं लगाने का निर्णय लिया है। विभाग ने देवदार, अखरोट, कवार, चमेली, बान, शहतूत और ब्रास के पौधे तैयार किए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान में विभिन्न प्रकार के स्थानीय और दुर्लभ प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल कैंपा गिरिश होसुर ने बताया कि निर्माण कार्यों के लिए काटे गए सभी पौधों की भी भरपाई की जाएगी। कैंपा में 3,000 हेक्टेयर में नेट प्रेसेंट के लिए, 900 हेेक्टेयर में साइट के हिसाब से और 1,000 हेक्टेयर में निर्माण कार्यों के कारण नष्ट हुए जंगलों की भरपाई के लिए पौधे लगाए जाएंगे। कैंपा को अप्रैल में पेड़ लगाने की अनुमति मिल गई थी और पेड़ लगाने के लिए योजना बना ली गई है।
हिमाचल में सेब कारोबार से जुड़े लाखों लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए एचपीएमसी आज से कार्टन की सप्लाई शुरू कर देगा। इसके लिए पहले चरण में करसोग सहित कम ऊंचाई वाले ऐसे क्षेत्रों में सप्लाई भेजी जाएगी, जहां सेब की फसल तैयार है। इसके बाद बागवानों की मांग के मुताबिक प्रदेश के मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में एचपीएमसी विक्रय केंद्रों में कार्टन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में शिमला, रोहड़ू, जुब्बल, गुम्मा, रिकांगपिओ, रामपुर, चैल चौक व चिंडी आदि सेब उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में एचपीएमसी के कुल 12 फंक्शनल विक्रय केंद्र हैं। जहां पर सेब सीजन में कार्टन की अधिक मांग रहती है। ऐसे में बागवानों को इन सभी विक्रय केंद्रों में डिमांड के मुताबिक कार्टन उपलब्ध होगा। इसके लिए सरकारी उपक्रम एचपीएमसी ने शॉर्ट लिस्ट की गई तीन कंपनी शिवालिक कंटेनर्ज, जेज पैकर्स और जसमेर मेकर्स को पहले ही सप्लाई आर्डर जारी किया है। वहीं, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के मुताबिक बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन की कोई कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। बागवानी पर हर साल लागत बढ़ने से परेशान बागवानों के लिए राहत की बात है कि इस बार कार्टन पिछले साल की तुलना में 7 रुपए तक सस्ता मिलेगा। जीएसटी काउंसिल ने कार्टन पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी तय किया है। ऐसे में इस साल कार्टन पर जीएसटी पिछले साल के मुकाबले में 6 फीसदी कम लागू होगा, जिसका फायदा हिमाचल में लाखों बागवानों को होगा। एचपीएमसी ने यूनिवर्सल कार्टन के दाम फाइनल कर दिए हैं। इसके मुताबिक बागवानों को अलग-अलग कीमत में ब्राउन और सफेद कार्टन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसका न्यूनतम मूल्य 47.75 रुपए और अधिकतम मूल्य 56 रुपए तय किया गया है। जिस पर जीएसटी अलग से वसूला जाएगा। ऐसे में इस बार बागवानों को दोहरी राहत मिलने वाली है। एक तो इस बार मंडियों में यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो पैकिंग में सेब बिकेगा। जिससे बागवानों को अब पहले की तरह अधिक पैकिंग में सेब बेच कर नुकसान नहीं उठाना होगा। वहीं, इस बार बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन पिछले सालों के मुकाबले में 3.50 से 7.50 रुपए सस्ता मिलेगा। यूनिवर्सल कार्टन में अब 20 किलो सेब ही भरा जाएगा। इससे पहले टेलीस्कोपिक कार्टन में प्रति पेटी 7 से 8 ट्रे सेब भरा जाता था, जिसका प्रति पेटी वजन भी 30 किलो के करीब रहता था, लेकिन मंडियों में बागवानों को 24 किलो पेटी के हिसाब से ही सेब की कीमत दी जाती थी। इस कारण अधिक पैकिंग होने से बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। बागवानों को नुकसान न हो इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया गया है। ये कार्टन सिंगल बॉक्स का होगा। इसका साइज लंबाई में 500 एमएम, चौड़ाई में 300 एमएम और ऊंचाई में 310 एमएम होगा, जिसे घटाया और बढ़ाया नहीं जा सकता है। जिस कारण इसमें 20 किलो ही सेब भरा जाएगा। इससे मंडियों में वजन को लेकर इस बार विवाद होने से बचा जा सकता है।
**कई जगह जलभराव की स्थिति उत्पन हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इससे जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक एक नेशनल हाईवे व 150 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। सबसे ज्यादा सड़कें मंडी व सिरमौर जिले में ठप हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में 334 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। वहीं 55 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। जिला सिरमौर में शनिवार सुबह बड़ा सड़क हादसा टल गया है। जिले के रेणुका विधानसभा क्षेत्र में रेणुका-संगड़ाह सड़क पर कालथ के समीप बस पर एक चट्टान गिर गई। हादसे में बस चालक और एक महिला को चोटें आई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के संगड़ाह उपमंडल के कालथ के समीप शनिवार को एक निजी बस पर चट्टान गिरने के बाद बड़ा हादसा होने से टला है। जिला कुल्लू व लाहौल में तीसरे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। वहीं, जिला कुल्लू के साथ लाहौल घाटी में रातभर जमकर बारिश हुई। 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा में फाहे गिरने से मौसम कूल-कूल हो गया है। ब्यास के साथ चंद्रा, पार्वती नदी सहित नाले भी उफान पर हैं। बारिश से कुल्लू जिले में आठ सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि बारिश के बाद बंजार बस स्टैंड तालाब बन गया है। बस स्टैंड में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने से यहां पर यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर किसान व बागवान बारिश के बाद गदगद हैं। बारिश ने किसानों व बागवानों के चेहरों पर चिंता की लकीरों को मिटा दिया हैं। अब जहां बिजाई का कार्य शुरू होगा। वहीं सेब, नाशपाती, जापानी फल, मेरीपोजा, प्लम आदि के लिए बारिश लाभकारी साबित होगी। मंडी जिले में भारी बारिश से तबाही हुई है। भूस्खलन से जगह-जगह 112 सड़कें बंद हैं। मंडी-पठानकोट-हाइवे पर गलू के समीप पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली एनच पर मंडी-पंडोह, छह मील के पास पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। सुबह सात मील के पास एनएच ठप रहा। भूस्खलन के बीच मंडी-पंडोह का सफर जोखिम भरा हो गया है। फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। कांगड़ा जिले के शाहपुर में नेशनल हाईवे को भारी बारिश के काफी नुकसान हुआ है। हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं कई जगह जलभराव हुआ है।
**परिणाम के आधार पर मिलेंगे शिक्षक पुरस्कार हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल मर्ज किए जाएंगे। ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां आसपास में भी स्कूल स्थित होंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य सचिवालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए यह फैसला लेना जरूरी हो गया है। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि अब राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन का मुख्य आधार परीक्षा परिणाम रहेगा। अन्य गतिविधियों को भी देखा जाएगा, लेकिन प्राथमिकता सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले शिक्षकों को ही दी जाएगी। बैचवाइज आधार पर चयनित करीब 2000 जेबीटी और टीजीटी को इसी माह नियुक्तियां देने के शिक्षा मंत्री ने बैठक में निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर ही नवनियुक्त शिक्षकों को स्टेशन अलॉट कर दिए जाएंगे, जिन स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक हैं और विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, वहां नए शिक्षकों को पहली नियुक्ति दी जाएगी। बैठक के दौरान एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के लिए पुराने नियमों में संशोधन करने के प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए गए। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने को फैसला लिया है। एसएमसी शिक्षक पहले सीधी सीमित भर्ती (एलडीआर) से अनुबंध पर आएंगे और फिर दो साल बाद नियमित होंगे। बैठक के दौरान प्रिंसिपलों की पदोन्नति सूची जल्द जारी करने पर भी सहमति बनी। रोहित ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक शिक्षा विभाग में करीब 15 हजार पद रिक्त थे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने 6 हजार पद भरने को मंजूरी दी है। 2000 पद एक सप्ताह में भर दिए जाएंगे। बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
**गर्जन और बिजली को लेकर भी अलर्ट हुआ जारी हिमाचल प्रदेश में मौसम लगातार करवट ले रहा है। बीते दिनों जहां बारिश के कम होने की संभावना जताई गई थी, तो अब वहीं बारिश को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 3 जुलाई की रात से मौसम ने करवट ली है और बारिशों का दौर एक बार फिर शुरू हुआ। बारिश के कारण प्रदेश के कई स्थानों में तबाही का मंजर भी देखने को मिला है। जानकारी के अनुसार, 115 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। कई जगह सड़कें धंस गई हैं। कई स्थानों पर बारिश से भूस्खलन हुआ है। राज्य में 212 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज और कल भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही गर्जन और बिजली को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, इसके बाद मौसम के सामान्य रहने के आसार है। इस दौरान बारिशों का दौर थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन अधिकतर स्थानों ने बादल छाए रहेंगे।
करसोग: मंडी जिले में बारिश ने पिछले साल की तरह इस बार भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। करसोग के तलेहन में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से फ्लैश फ्लड जैसे हालात पैदा हो गए, जिसके कारण तलेहन में एचआरटीसी की बसें मलबे में दब गई हैं। वहीं, बसों के साथ अन्य गाड़ियां भी मलबे में फंसी हुई हैं। जानकारी के अनुसार रात्रि ठहराव के लिए तलेहन में सड़क किनारे एचआरटीसी की बसों को पार्क किया गया था। बस के ड्राइवर गुरदेव शर्मा ने बताया कि सुबह 4 बजे के करीब उन्हें पहाड़ी से एकाएक भारी मात्रा में पानी व पत्थर गिरने के आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही वे थोड़ी देर बाद जब मौके पर पहुंचे तो पाया कि भारी मात्रा में मलबा आने के कारण उनकी बसें व अन्य गाड़ियां मलबे में फंस गई हैं। एचआरटीसी की ये बसें तलेहन से शिमला व ततापानी रुट पर चलती हैं। करसोग में रात्रि दो बजे से लगातार बारिश हो रही थी और सुबह 4 बजे के करीब पहाड़ी से यह मलबा आया है। एचआरटीसी की इन बसों सहित कार व जीप भी मलबे में फंसे हुई हैं। सड़क किनारे जिस जगह यह गाड़ियां पार्क की गई थीं, वहां से सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। वहीं, एमआर करसोग उमेश कुमार ने बताया कि बसों को निकालने के लिए विभाग की मशीनरी मौके पर रवाना हो गई है। बसों के टायर ही मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे बसों को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री अपने साथ तबाही लेकर आई है। पिछले साल की तरह इस साल भी मंडी में बारिश राहत से ज्यादा मुसीबत बन गई है। भारी बारिश के कहर के चलते मंडी जिले में 107 सड़कें बाधित हैं। वहीं, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर सड़क जगह-जगह धंस गई है, डंगे ढह गए हैं, जिससे हाईवे बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। सराज में भी बीते रोज बरसाती नाले से आए मलबे में एक गाड़ी और बाइक फस गए थे, कई घरों को नुकसान पहुंचा था। वहीं, मौसम विभाग ने आगामी 1 सप्ताह तक प्रदेश में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआती बारिश के साथ ही तबाही की दस्तक होने लगी है। पिछले हफ्ते हल्की फुहारों के साथ आए मानसून के बाद प्रदेशभर में नदी नाले उफान पर हैं। उधर मौसम विभाग की ओर से चार दिन भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। प्रदेश में पहली बरसात के बाद ही आम जनजीवन पर असर पड़ा है। कई सड़कें बंद हैं तो कई जगह बिजली-पानी की किल्लत शुरू हो गई है। शुरूआती बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के आंकड़े सामने आए हैं। मानसून की पहली बारिश का सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में दिख रहा है। प्रदेशभर में कुल 115 सड़कें बंद हैं। इनमें से मंडी जिले में 107 सड़कें बंद हैं। मंडी जिले के सराज में सबसे ज्यादा 39 सड़कें बंद हैं। वहीं करसोग में 28, थलौट में 22, सुंदरनगर में 9, नेरचौक में 5 और मंडी, गोहर सब डिविजन में 2-2 सड़कें बंद हैं। मंडी में ही चंडीगढ़-मनाली हाइवे का एक हिस्सा धंस रहा है। पंडोह डैम के पास हाइवे पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे हाइवे पर खतरा मंडरा रहा है। मंडी के अलावा चंबा जिले में 4, सोलन जिले में 3 और कांगड़ा के इंदौरा में एक सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद है। बारिश के बाद प्रदेशभर के कई इलाकों में बिजली की समस्या हो गई है। हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक प्रदेशभर में गुरुवार सुबह तक 212 ट्रांसफार्मर बाधित हुए इनमें से सबसे ज्यादा 147 मंडी जिले में हैं। इसके अलावा कुल्लू में 42, चंबा में 16, सोलन में 7 ट्रांसफार्मर्स पर असर पड़ा है और इन इलाकों में बिजली बाधित हुई हैं। पहली बारिश से पेयजल सप्लाई योजनाओं पर भी असर पड़ा है। प्रदेशभर में 17 योजनाएं बाधित हुई हैं और ये सभी शिमला जिले में है। ठियोग सब डिविजन में 10 और कुमारसैन सबडिविजन में 7 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। गौरतलब है कि पिछले साल आई आपदा का दंश सबसे ज्यादा मंडी जिले ने ही झेला था। इस बार भी अब तक मानसून की शुरूआती बारिश में मंडी जिले में भूस्खलन से लेकर बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले हैं। मंडी जिले के सराज में मंगलवार रात आई तेज बारिश के बाद बुधवार सुबह जो नजारा दिखा उसने लोगों को पिछले साल की यादें ताजा करवा दी थी।यहां अनाह ग्राम पंचायत में तेज बारिश के बाद नाले में बाढ़ आ गई जिसके कारण गाड़ियां मलबे में दब गई और कई घरों को भी नुकसान हुआ। पहली बारिश के बाद नाले में आई बाढ़ के कारण कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है। उधर करसोग में बीती रात मूसलाधार बारिश के बाद फ्लैश फ्लड जैसे हालात हो गए। बाढ़ के साथ आए मलबे ने एचआरटीसी की बसों से लेकर, पार्किंग में खड़ी कार और जीप को भी जद में ले लिया। कई वाहन मलबे में फंस गए, जिससे वाहनों और सड़क को भी नुकसान हुआ है। बीती रात को हुई जमकर बारिश के बाद राजधानी शिमला में भी चक्कर क्रॉसिंग पर भारी मलबा सड़क पर आ गया, जिसके कारण दोनों तरह से वाहनों की आवाजाही घंटों तक बंद रही। PWD विभाग के मुताबिक जेसीबी की मदद से जल्द ही मलबे को हटा लिया जाएगा। इसके अलावा हिमलैंड-खलीणी लिंक रोड़ पर भी पेड़ टूटकर आ गिरा, जिससे सड़क पर आवाजाही बाधित हो गई। मौसम विभाग की ओर से बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर 7 जुलाई तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है और पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को नदी नालों के किनारे ना जाने की अपील की गई है। शुरुआती बारिश से ही इस बार लोग डरे हुए हैं क्योंकि बीते साल हिमाचल ने बीते 5 दशक से सबसे भयानक आपदा देखी थी, जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौ*त हुई थी, जबकि हजारों लोगों ने अपने आशियाने गंवाए थे। हिमाचल सरकार के मुताबिक पिछले साल हुई तबाही से प्रदेश को 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था।
**मंडियों में पहली बार कंपटीशन में बिकेगा सेब हिमाचल की फल मंडियों में बाहरी राज्यों के लदानी (खरीदार) भी सीधे बागवानों से सेब की खरीद कर सकेंगे। सरकार मंडियाें में आढ़तियों का एकाधिकार खत्म करने जा रही है। लदानियों को मंडियों में दुकानें उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा रही है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देशों पर कृषि उपज विपणन बोर्ड ने यह व्यवस्था बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी हफ्ते बागवानी सचिव के साथ इसे लेकर बैठक आयोजित होनी है। लदानियों को दुकानें मिलने पर आढ़तियों और लदानियों में प्रतिस्पर्धा से बागवानों को सेब के ऊंचे दाम मिलेंगे। मौजूदा समय में कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत प्रदेश में चल रही 10 एपीएमसी की मंडियों में सेब कारोबार के लिए आढ़तियों को दुकानें उपलब्ध करवाई गई हैं। आढ़तियों को एपीएमसी एक्ट के तहत लाइसेंस जारी किए जाते हैं, जिसका सालाना नवीकरण करना अनिवार्य होता है। मंडियों के बाहर कारोबार के लिए निदेशक कृषि विभाग की ओर से लाइसेंस जारी होते हैं। आढ़ती बागवानों का सेब लदानियों को बेचते हैं और इसके एवज में कमीशन वसूलते हैं। कुछ सेब खरीदार मंडियों के बाहर सड़क किनारे कारोबार कर रहे हैं। इन्हें भी मंडियाें में दुकानें दी जाएंगी। इतना ही नहीं, बाहरी राज्यों से सेब खरीदने के लिए आने वाले लदानी भी अगर मंडियों में सेब खरीद के लिए दुकानें लेने को आवेदन करेंगे तो उन्हें भी दुकानें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
मंडी में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा 7 जुलाई तक मंडी जिला के कई स्थानों पर भारी वर्षा, तेज हवाएं चलने की येलो चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी से प्राप्त सूचना के अनुसार 7 जुलाई तक सभी नागरिकों व पर्यटकों से नदी नालों, भू-स्खलन वाले क्षेत्रों तथा अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से परहेज करने एवं अपने घर में सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला के पंचायत प्रधानों, गैर सरकारी संगठनों, ट्रेकर्स एवं नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि वे इस बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करें ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। आपदा की स्थिति में सहायता के लिए पर्यटक व आम नागरिक जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र के दूरभाष नम्बर 1905- 226201, 202, 203, 204 अथवा टोल फ्री नम्बर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
मंडी जिले के सुंदरनगर में देर रात से हो रही बारिश के कारण कुछ सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इसे लेकर उपमंडल अधिकारी ने इन सड़क मार्ग से सफर नहीं करने की अपील की है। उपमंडल अधिकारी नागरिक सुंदरनगर गिरीश समरा ने कहा कि सलापड़-सेराकोठी मार्ग, पंडार-तातापानी मार्ग, मलोह-कटेरु मार्ग, खुराहाल-कंदार मार्ग, कटेरू-सलापड़-पोड़ाकोठी मार्ग, करंगल-किंदर मार्ग, सलापड़-तातापानी मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। उपमंडल अधिकारी ने कहा कि भारी बरसात से मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में सफर करने से परहेज करें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिला प्रशासन सहित उपमंडल प्रशासन के दिए गए नंबर 01907-266001 पर संपर्क करें। वहीं, सरकाघाट-मसेरन सड़क मसेरन गलू के पास भूस्खलन के कारण बाधित है।
** 6 से 10 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इससे कई जगह भूस्खलन व मलबा आने से सड़कों पर आवाजाही भी प्रभावित हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में 115 सड़कों पर आवाजाही ठप थी। सबसे ज्यादा सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में 212 बिजली ट्रांसफार्मर भी बाधित हैं। गाद आने से 17 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हो गई हैं। बीती रात को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य भागों में झमाझम बारिश हुई। मंडी जिले के सुंदरनगर में देर रात से हो रही बारिश के कारण कुछ सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इसे लेकर उपमंडल अधिकारी ने इन सड़क मार्ग से सफर नहीं करने की अपील की है। उपमंडल अधिकारी नागरिक सुंदरनगर गिरीश समरा ने कहा कि सलापड़-सेराकोठी मार्ग, पंडार-तातापानी मार्ग, मलोह-कटेरु मार्ग, खुराहाल-कंदार मार्ग, कटेरू-सलापड़-पोड़ाकोठी मार्ग, करंगल-किंदर मार्ग, सलापड़-तातापानी मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। उपमंडल अधिकारी ने कहा कि भारी बरसात से मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में सफर करने से परहेज करें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिला प्रशासन सहित उपमंडल प्रशासन के दिए गए नंबर 01907-266001 पर संपर्क करें। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में गुरुवार व शुक्रवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 6 से 10 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट है। आज भी शिमला व आसपास भागों में मौसम खराब बना हुआ है। बीती रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश से शिमला के विकासनगर में मलबा आने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। वहीं, हिमलैंड के समीप एक पेड़ गिरा है। शिमला-चक्कर-बिलासपुर मार्ग पर बारिश होने के कारण काफी ज्यादा मलबा आ गया। सड़क पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही दोनों तरफ रुक गई। हालांकि, अब मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 817 का नतीजा 20 जुलाई से पहले घोषित कर दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट और उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर पसंदीदा विभागों के आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। हिमाचल में पोस्ट कोड 817 के तहत 74 विभागों, बोर्ड और निगमों में करीब 1,867 पद भरे जाने हैं, लेकिन पेपर लीक प्रकरण और कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने से 12 पदों पर फिलहाल भर्ती नहीं होगी। भंग आयोग के पांच पद फिलहाल रिक्त रखे जाएंगे, जबकि सात पदों पर पेपर लीक प्रकरण की वजह से नतीजा घोषित नहीं होगा। दस्तावेजों की मूल्यांकन प्रक्रिया को पिछले माह पूरा कर लिया गया है। इस काम के लिए राज्य चयन आयोग हमीरपुर ने चार टीमें गठित की है। इसमें शिक्षा विभाग और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को शामिल किया गया है ताकि जल्द से जल्द कार्य को पूरा किया जा सके। चार-चार टीमों में काम करते हुए 20 कर्मियों ने अंतिम परिणाम तैयार कर दिया है। आयोग के करीब 12 कर्मचारी अब मेरिट और प्राथमिकता के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों के विभागों का आवंटन कर रहे हैं। अभ्यर्थी सालों से चयन की उम्मीद लगाए हैं। दरअसल पोस्ट कोड 817 के तहत पहले 1,388 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया हुई। इसके लिए चार हजार के करीब विद्यार्थियों को मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए चयनित किया गया। इस बीच मामला कोर्ट में पहुंच गया। इसके बाद पोस्ट कोड में 479 और पद जोड़े गए। अब सभी अभ्यर्थियों का एक साथ अंतिम परिणाम विभागों के आवंटन के साथ घोषित किया जाएगा। 73 विभागों, बोर्ड, निगमों में लिपिकीय स्टाफ की कमी परीक्षा परिणाम के घोषित होने से कुछ हद तक पूरी होगी। पोस्ट कोड के तहत शिक्षा विभाग और बिजली बोर्ड में सबसे अधिक पद भरे जाएंगे। प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया चर्चित रही है जिसमें एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने अपना भविष्य आजमाया था। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने 21 सितंबर 2020 में जेओए पदों के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। 21 अक्तूबर 2020 और 22 जनवरी 2021 को विभिन्न पदों से आ रही मांग के अनुसार 1,867 पदों पर भर्ती शुरू की थी। अब 479 पदों के लिए ली लिखित परीक्षा और टाइपिंग परीक्षा के आधार पर 1,375 अभ्यर्थियों को मूल्यांकन परीक्षा के लिए चयनित किया है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के प्रशासनिक अधिकारी जितेंद्र सांजटा ने बताया कि मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी कर परिणाम तैयार कर लिया गया है। मेरिट और चयनित अभ्यर्थियों की प्राथमिकता के आधार पर विभागों का आवंटन किया जा रहा है। विभागों का आवंटन मेरिट के आधार पर होगा। मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान सभी अभ्यर्थियों से विभागों को लेकर प्राथमिकता वैकल्पिक रूप से लिखित तौर पर ली गई है। अब मेरिट के आधार पर विभाग आवंटित किए जा रहे हैं। एक विभाग में पद भर जाने पर अभ्यर्थी की अन्य प्राथमिकताओं पर विभाग आवंटित होंगे।
हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरत प्राकृतिक वादियों के लिए पूरे विश्व भर में खासा पहचान रखता है। यही वजह है कि हर साल यहां के हसीन वादियों को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों सैलानी खींचे चले आते हैं। वहीं, इस साल देश के मैदानी राज्यों में पड़ी भीषण गर्मी की वजह से बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमालय की गोद में बसे पहाड़ी राज्य हिमाचल का रुख किया, जिसकी वजह से महज 6 महीनों में ही प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या 1 करोड़ के पार जा पहुंची। देश के मैदानी राज्यों में इस साल भीषण गर्मी पड़ी। इस साल पड़ी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने से हिमाचल का पर्यटन कारोबार गुलजार हो गया। बीते 6 माह की बात करें तो हिमाचल में जनवरी से लेकर जून माह तक एक करोड़ से अधिक सैलानियों ने प्रदेश के विभिन्न इलाकों का रुख किया है, जिससे यहां का पर्यटन कारोबार अपने चरम पर रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार को इस बात की भी उम्मीद है कि साल के अंत तक यह आंकड़ा 2 करोड़ पार कर जाएगा। पर्यटन विभाग लगातार पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की सुविधा का ख्याल रख रहा है। हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो जनवरी से लेकर मई माह तक जिला कुल्लू में 14 लाख 94 हजार 104 देसी सैलानी पहुंचे थे और 3 हजार 819 विदेशी सैलानियों ने भी कुल्लू जिला का रुख किया। वहीं, प्रदेश में दूसरे नंबर पर शिमला जिला रहा। यहां पर मई माह तक 9 लाख 86 हजार 467 देसी सैलानी पहुंचे और 12 हजार 598 विदेशी सैलानियों ने शिमला की वादियों का रुख किया था। ऐसे में जून माह में भी 25,000 से अधिक पर्यटकों की गाड़ियां हिमाचल में रोजाना आते रहे और जून माह में भी लाखों सैलानी प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पहुंचे थे। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार की अगर बात करें तो साल 2019 में सबसे अधिक 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी आये थे. साल 2020 में यह आंकड़ा 32 लाख 13 हजार 379 रहा था। साल 2021 में 56 लाख 37 हजार 102 सैलानी आए थे। साल 2022 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 51 लाख 227 रहा था और साल 2023 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 60 लाख 4 हजार 924 तक पहुंचा था। पर्यटन नगरी मनाली के होटल कारोबारी चमन कपूर और जसवंत ठाकुर का कहना है कि हिमाचल के पर्यटन स्थल इस साल सैलानियों से गुलजार रहे। हर साल लाखों सैलानी बर्फबारी को देखने के लिए भी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं। होटल कारोबारी भी सैलानियों की सुविधा का खास ख्याल रखते हैं और सरकार द्वारा भी पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है। ऐसे में सैलानियों की लगातार बढ़ रही संख्या एक अच्छा संकेत है। क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों लोगों को भी घर द्वार पर रोजगार मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ने बताया कि प्रदेश में इस साल सैलानी काफी संख्या में आए है और बरसात के बाद भी सैलानी प्रदेश के विभिन्न इलाकों का रुख करते है। विभाग को उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा 2 करोड़ पार कर जाएगा।
हिमाचल में दूध के साथ-साथ अब घी,पनीर,बटर भी महंगा हो गया हैं। मिल्क फेडरेशन की ओर से दूध के दामों में की गई बढ़ोतरी के बाद कीमतों में ये उछाल देखने को मिला है। फरवरी माह में दूध के दामों में 2 रुपए की बढ़ोतरी करने के बाद अब मिल्क फेडरेशन ने मिल्क प्रोडक्ट्स के भी दाम बढ़ा दिए हैं। दाम बढ़ने से लोगों को अब अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ेगी। वहीं, घी के दामों में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। घी की कीमत पहले 620 रुपये थी, नई कीमत पर अब घी 670 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलेगा। वहीं, पनीर 360 रूपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। पहले पनीर 340 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलता था। इसमें भी 20 रुपये का इजाफा किया गया है। इसके साथ ही बटर 580 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलना शुरू हो गया है। पहले इसकी कीमत 540 रुपये प्रति किलो थी। बटर की कीमतों में भी 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बढ़ोतरी की गई है। कीमतें 20 जून से लागू कर दी गई हैं। हिमाचल में मिल्क फेडरेशन के छह प्लांट हैं। मुख्य प्लांट शिमला के दतनगर में स्थित है। इस प्लांट में चिलिंग सेंटर से दूध एकत्रित किया जाता है। यहां से प्रतिदिन दूध, घी , पनीर और बटर प्रोसेस कर लोगों को उपलब्ध करवाया जाता है। वहीं, अब दूध, घी, पनीर,बटर के दामों में बढ़ोतरी से आम लोगों की जेब पर महंगाई की मार जरूर पड़ी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 'फेडरेशन ने पिछले वर्ष मार्च माह में दूध के दाम बढ़ाए थे, लेकिन इस बार तो फरवरी माह में ही दूध के दामों में वृद्धि कर दी थी। अब घी,पनीर, बटर के दाम भी बढ़ा दिए हैं। दाम के साथ दूध की गुणवत्ता को भी बढ़ाना चाहिए।
** प्रदेश में अब प्री प्राइमरी टीचर के भरे जाएंगे 6297 पद हिमाचल में सरकारी स्कूलों में नौकरियों का पिटारा खुलने जा रहा है। प्रदेश में दो साल की नर्सरी टीचर की ट्रेनिंग (NTT) का डिप्लोमा करने वालों को सरकारी स्कूलों में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर मिलने वाला है। प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी टीचरों के 6,297 पद भरने जा रही है। ये भर्ती राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन के माध्यम से की जाएगी। इस बारे में सरकार की तरफ से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को पत्र जारी किया जा चुका हैं। ऐसे में अब जल्द ही जरूरी प्रक्रिया को पूरी कर प्री प्राइमरी टीचरों की भर्ती की जाएगी। हिमाचल में अब नर्सरी टीचर की ट्रेनिंग करने वालों का इंतजार खत्म होने वाला है। प्रदेश के प्री प्राइमरी स्कूलों में करीब 60 हजार विद्यार्थी रजिस्टर हैं, लेकिन अभी तक प्री प्राइमरी स्कूलों में टीचर नहीं है। पिछले करीब डेढ़ सप्ताह पहले संपन्न हुई कैबिनेट मीटिंग में प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती को हरी झंडी दी गई थी, जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने भी इनकी भर्ती को लेकर आदेश जारी कर दिए है। सरकारी स्कूलों में भर्ती होने वाले प्री प्राइमरी टीचरों को 10 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। इसमें एजेंसी चार्जेज, जीएसटी, अन्य खर्च शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन वर्तमान में 5 फीसदी एजेंसी चार्ज लेता है। वहीं, 10 फीसदी की कटौती ईपीएफ के लिए होती है। आउटसोर्स भर्ती पर जीएसटी 18 फीसदी है। ऐसे में प्री प्राइमरी टीचरों को हर महीने करीब 7 हजार कैश इन हैंड मिलेगा। बता दें कि प्रदेश में दो सालों से प्री प्राइमरी टीचरों की भर्ती लटकी हुई थी। प्रदेश में अधिकतर युवाओं ने एनटीटी का एक साल का डिप्लोमा किया है, लेकिन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के मुताबिक एनटीटी के लिए 2 साल का डिप्लोमा जरूरी है।अब इसे लेकर स्पष्टीकरण मिलने के बाद प्री प्राइमरी टीचरों की भर्ती में अटका रोड़ा हट गया है।
**एक हफ्ते तक भारी बारिश की दी चेतावनी **लोगों को नदी-नालों के किनारे ना जाने की दी हिदायत **शिमला, सोलन और अन्य इलाकों में बीती रात से ही बारिश का दौर जारी हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग केंद्र शिमला की ओर से जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के तहत प्रदेश में 8 जुलाई तक भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा, कुल्लू, मंडी व शिमला के लिए बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की भी संभावना है। बारिश की संभावना के चलते पर्यटकों सहित आम लोगों को नदी-नालों के किनारे ना जाने की हिदायत दी गई है। बारिश के बाद जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहे हैं तो वहीं बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप है। इसके अलावा शिमला सहित सोलन और अन्य इलाकों में बीती रात से ही बारिश का दौर जारी है।
**राज्य सरकार ने मेधावियों को पुरस्कृत करने की योजना में किया बदलाव हिमाचल प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों के 10,000 मेधावी इस बार अपनी पसंद का कोई भी एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले सकेंगे। दसवीं, बारहवीं और कॉलेजों के मेधावियों को पुरस्कृत करने की योजना में राज्य सरकार बदलाव करने जा रही है। चयनित दुकानों से 15 से 18 हजार रुपये तक के पसंदीदा गैजेट लेने को मेधावियों को कूपन दिए जाएंगे। कौन-कौन से गैजेट योजना में शामिल होंगे, इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय विचार कर रहा है। राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन के माध्यम से गैजेट्स की कॉन्फ़िगरेशन तय करवाई जाएगी। योजना के तहत टैबलेट, स्मार्टफोन, आईपैड और किंडल देने का अभी प्रारंभिक स्तर पर विचार चल रहा है। एक माह के भीतर योजना तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के नतीजों में अव्वल रहने वाले दसवीं और बारहवीं कक्षा तक और कॉलेजों में फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ईयर के 10 हजार विद्यार्थियों को सरकार हर साल पुरस्कृत करती है। वर्ष 2007 में तत्कालीन धूमल सरकार के समय में लैपटॉप देने के साथ इस योजना को शुरू किया गया था। 2012 में वीरभद्र सरकार ने इस योजना को जारी रखते हुए विद्यार्थियों की संख्या का दायरा इस योजना में बढ़ाया। 2017 में जयराम सरकार योजना को बंद करने और जारी रखने की पसोपेश में फंसी रही। बाद में सरकार ने योजना जारी रखते हुए लैपटॉप दिए। बाद में टैबलेट दिए गए। अब सुक्खू सरकार योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इलेक्ट्राॅनिक्स गैजेट्स की एक बास्केट तैयार करने का फैसला लिया गया है। इस बास्केट के तहत कई गैजेट्स शामिल किए जाएंगे। मेधावी विद्यार्थियों को सरकार सम्मानित करते हुए एक कूपन देगी। इस कूपन के माध्यम से मेधावी अपनी पसंद की कंपनी का गैजेट ले सकेंगे। इसके तहत कंपनियों और दुकानों को चयनित किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय इन दिनों गैजेट्स की बास्केट में शामिल करने वाली चीजों को चुनने में जुटी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा और इलेक्टानिक्स कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल ने बताया कि जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर सरकार की मंजूरी को भेजा जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 15 से 18 हजार की कीमत के गैजेट्स देने पर विचार चल रहा है। क्या राशि तय होगी, इसको लेकर मंथन जारी है। अगर कोई मेधावी तय राशि से अधिक कीमत का गैजेट लेना चाहेगा तो इसकी मंजूरी मिलेगी। कूपन के तहत तय राशि के अलावा शेष राशि मेधावी को स्वयं दुकानदार को देनी होगी।
हिमाचल के मंडी जिले में सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत अनाह में मूसलाधार बारिश के कारण नाले में बाढ़ आ गई। लोग खुद ही मलबा हटाने में जुटे हैं। जानकारी के अनुसार बीती रात को हुई मूसलाधार बारिश के कारण अनाह के एक नाले में बाढ़ आने से मलबा एक घर को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ कार और कुछ बाइकों को भी नुकसान पहुंचा। स्थानीय लोगों ने कहा कि नाले के साथ लगते कुछ अन्य घरों पर भी खतरा बना हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह डैम के पास लगभग 40 करोड़ की लागत से डंगा लगाकर करीब आठ महीने बाद बहाल हुए चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। डंगा लगाकर तैयार किया गया नेशनल हाईवे एक बार फिर से धंसने की कगार पर आ गया है। हाईवे पर दरारें पड़ना शुरू हो गई हैं, जोकि धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। हालांकि अभी यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। जहां-जहां दरारें आई हैं, वहां-वहां स्थानीय लोगों ने पत्थर रखकर खतरे के संकेत चिहिन्त कर दिए हैं। पंडोह डैम के पास बीती बरसात में यह हाईवे पूरी तरह से जमींदोज हो गया था, जिसे बहाल में करने में करीब आठ महीनों का लंबा समय लग गया था। इस दौरान ट्रैफिक पंडोह डैम के पास से एक अन्य वैकल्पिक मार्ग से गुजारा गया। यदि यहां पर यह सड़क क्षतिग्रस्त होती है तो दोबारा से इसी सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ सकता है। बरसात की पहली बारिश में ही इतने बड़े डंगे के धंसने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। निर्माण कार्य और डंगे की गुणवता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। एनएच पर कैंची मोड़ के पास भूस्खलन हो गया। इसकी जद में एक ट्रक आ गया है। यह ट्रक खराब होने के चलते यहां खड़ा किया गया था। मलबे की चपेट में आने से ट्रक को नुकसान पहुंचा है। डंगा धंसने के कारण हाईवे के बंद होने का खतरा भी मंडराने लगा है। हालांकि, अभी यहां पर एकतरफा यातायात बहाल है लेकिन सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिस कारण हाईवे के और ज्यादा क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना बन गई है। यदि हाईवे यहां बंद होता है तो एक बार फिर कुल्लू मनाली आने जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वैकल्पिक मार्गों के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं रह जाएगा। लेकिन पंडोह और इसके साथ लगते इलाकों के लोगों को मंडी तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। यहां के बहुत से लोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए मंडी आते-जाते हैं। स्कूल और कॉलेज के बच्चे बड़ी संख्या में रोज इस हाईवे पर सफर करते हैं।
भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआईआरएफ) की ओर से जारी देश की टॉप-50 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैकिंग में वर्ष 2023 की अपेक्षा 2024 में ए++ ग्रेड प्राप्त हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्तर सात पायदान नीचे खिसक गया है। हालांकि बीते साल के मुकाबले अंक ज्यादा हासिल किए हैं। वर्ष 2023 में रैंकिंग में 42वां स्थान था, जबकि इस वर्ष जारी रैकिंग में सात पायदान नीचे लुढ़क कर सीयू 49वें नंबर पर पहुंच गई है। भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआईआरएफ) ने देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की है। आईआईआरएफ ने यह रैंकिंग सात विभिन्न मानदंडों को आधार बना कर दी है। टॉप पर रहने वाले दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के ओवरआल 989.28 अंक हैं, जबकि 49वें स्थान पर रहने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश को 894.36 अंक प्राप्त हुए हैं। इसी संस्था की ओर से वर्ष 2023 में किए सर्वे के अनुसार हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को 876.51 अंक प्राप्त हुए थे और उसे टॉप-50 में से 42वें स्थान मिला था। वहीं जेएनयू 983.12 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही थी। आईआईआरएफ ने यह सर्वे सात विभिन्न मानकों को आधार बना कर किया था। इसमें यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट परफॉरमेंस, टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेस एंड पेडागोजी, रिसर्च, इंडस्ट्री इनकम एंड इंटीग्रेशन, प्लेसमेंट स्ट्रैटेजी एंड सपोर्ट, फ्यूचर ओरिएंटेशन और एक्सटर्नल परसेप्शन एंड इंटरनेशनल आउटलुक शामिल था। प्लेसमेंट परफॉरमेंस में 217.3, टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेस एंड पेडागोजी में 199.2, रिसर्च में 179.9, इंडस्ट्री इनकम एंड इंटीग्रेशन में 142.2, प्लेसमेंट स्ट्रैटेजी एंड सपोर्ट 62, फ्यूचर ओरिएंटेशन में 54.8 और एक्सटर्नल परसेप्शन एंड इंटरनेशनल आउटलुक में 37.9 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि सीयूएचपी को ओवरऑल 894.36 अंक प्राप्त हुए हैं।
** मार्केट यार्ड, कोल्ड स्टोर निर्माण के लिए विश्व बैंक से चार माह बढ़ी मियाद हिमाचल प्रदेश में 1,134 करोड़ के बागवानी विकास प्रोजेक्ट को चार माह का विस्तार मिल गया है। विश्व बैंक की ओर से विस्तार को मंजूरी से संबंधित पत्र प्रदेश सरकार को मिला गया है। अब यह प्रोटेक्ट अक्तूबर में पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में 7 नए कोल्ड स्टोर का निर्माण और 8 कोल्ड स्टोर के उन्नयन किया गया है। प्रोजेक्ट के विस्तार से महेंदली में मार्केट यार्ड का काम पूरा होगा और जरोल टिक्कर में बनाए जा रहे कोल्ड स्टोर का निर्माण कार्य भी पूरा होगा। इसके अलावा करोेड़ों की सिंचाई योजनाओं का काम भी पूरा होगा। दो महीने पहले प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए विश्व बैंक की टीम हिमाचल आई थी। प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट की मियाद आगे बढ़ाने का आग्रह किया था, जिसे विश्व बैंक ने स्वीकृति दे दी है। प्रोजेक्ट के तहत अब तक विदेशों से उन्नत किस्म के करीब 30 लाख सेब, नाशपाती, चेरी, प्लम, बादाम व आड़ू के पौधे और रूट स्टॉक आयात किए जा चुके हैं। 500 विभागीय अधिकारियों और 5000 से अधिक किसानों-बागवानों को विशेषज्ञों की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा 70 विभागीय अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।
देशभर में आज रात 12 बजे से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लेगी। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रावधान लागू होंगे। महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक सूचना से भी FIR दर्ज हो सकेगी। एक जुलाई से पहले दर्ज हुए मामलों में नए कानून का असर नहीं होगा। यानी जो केस 1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए हैं, उनकी जांच से लेकर ट्रायल तक पुराने कानून का हिस्सा होगी। एक जुलाई से नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज हो रही है और इसी के अनुसार जांच से लेकर ट्रायल पूरा होगा। BNSS में कुल 531 धाराएं हैं। इसके 177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है, जबकि 14 धाराओं को हटा दिया गया है। 9 नई धाराएं और 39 उप धाराएं जोड़ी गई हैं। पहले CrPC में 484 धाराएं थीं। भारतीय न्याय संहिता में कुल 357 धाराएं हैं। अब तक आईपीसी में 511 धाराएं थीं। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं। नए कानून में 6 धाराओं को हटाया गया है। 2 नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ी गई हैं। पहले इंडियन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धाराएं थीं। नए कानून में ऑडियो-वीडियो यानी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर दिया गया है। फॉरेंसिक जांच को अहमियत दी गई है। कोई भी नागरिक अपराध के सिलसिले में कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकेगा। जांच के लिए मामले को संबंधित थाने में भेजा जाएगा। अगर जीरो एफआईआर ऐसे अपराध से जुड़ी है, जिसमें तीन से सात साल तक सजा का प्रावधान है तो फॉरेंसिक टीम से साक्ष्यों की जांच करवानी होगी। अब ई-सूचना से भी एफआईआर दर्ज हो सकेगी। गंभीर धाराओं में भी ई-एफआईआर हो सकेगी। वॉइस रिकॉर्डिंग से भी पुलिस को सूचना दे सकेंगे। E-FIR के मामले में फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करना जरूरी होंगे। फरियादी को एफआईआर, बयान से जुड़े दस्तावेज भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। फरियादी चाहे तो पुलिस द्वारा आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी ले सकता है। FIR के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी होगी। चार्जशीट दाखिल होने के 60 दिनों के भीतर कोर्ट को आरो तय करने होंगे। मामले की सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के भीतर जजमेंट यानी फैसला देना होगा। जजमेंट दिए जाने के बाद 7 दिनों के भीतर उसकी कॉपी मुहैया करानी होगी। पुलिस को हिरासत में लिए गए शख्स के बारे में उसके परिवार को लिखित में बताना होगा। ऑफलाइन और ऑनलाइन भी सूचना देनी होगी। महिलाओं-बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को BNS में कुल 36 धाराओं में प्रावधान किया गया है। रेप का केस धारा 63 के तहत दर्ज होगा। धारा 64 में अपराधी को अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 वर्ष कैद की सजा का प्रावधान है। धारा 65 के तहत 16 साल से कम आयु की पीड़ित से दुष्कर्म किए जाने पर 20 साल का कठोर कारावास, उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान है। गैंगरेप में पीड़िता यदि वयस्क है तो अपराधी को आजीवन कारावास का प्रावधान है। 12 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ रेप पर अपराधी को न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। शादी का झांसा देकर संबंध बनाने वाले अपराध को रेप से अलग अपराध माना गया है। यानी उसे रेप की परिभाषा में नहीं रखा गया है। पीड़ित को उसके केस से जुड़े हर अपडेट की जानकारी हर स्तर पर उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी। अपडेट देने की समय-सीमा 90 दिन निर्धारित की गई है। राज्य सरकारें अब राजनीतिक केस (पार्टी वर्कर्स के धरना-प्रदर्शन और आंदोलन) से जुड़े केस एकतरफा बंद नहीं कर सकेंगी। धरना- प्रदर्शन, उपद्रव में यदि फरियादी आम नागरिक है तो उसकी मंजूरी लेनी होगी। गवाहों की सुरक्षा के लिए भी प्रावधान है। तमाम इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी कागजी रिकॉर्ड की तरह कोर्ट में मान्य होंगे। मॉब लिंचिंग भी अपराध के दायरे में आ गया है। शरीर पर चोट पहुंचाने वाले अपराधों को धारा 100-146 तक बताया गया है। हत्या के मामले में धारा 103 के तहत केस दर्ज होगा। धारा 111 में संगठित अपराध के लिए सजा का प्रावधान है। धारा 113 में टेरर एक्ट बताया गया है। मॉब लिंचिंग के मामले में 7 साल की कैद या उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है। चुनावी अपराध को धारा 169-177 तक रखा गया है। संपत्ति को नुकसान, चोरी, लूट और डकैती आदि मामले को धारा 303-334 तक रखा गया है। मानहानि का जिक्र धारा 356 में किया गया है। दहेज हत्या धारा 79 में और दहेज प्रताड़ना थारा 84 में बताई गई है।
हिमाचल प्रदेश में रविवार को मानसून कमजोर पड़ गया। खराब माैसम के ऑरेंज अलर्ट में भी धूप खिली रही। 1 और 2 जुलाई तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 3 से 6 जुलाई तक यलो अलर्ट है। इस दौरान गर्जना के साथ बारिश और कई जगह बिजली गिर सकती है। हिमाचल प्रदेश में मानसून के प्रवेश के बाद से कुछ स्थानों पर ही हल्की बारिश हो रही है। ऊना का पारा रविवार को भी 36 डिग्री सेल्सियस के पार रहा।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में राशन कार्डों की eKYC करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई, 2024 तक बढ़ा दी गई है। यह सुविधा देश के सभी लोकमित्र केन्द्रों में उपलब्ध है। उन्होंने बाहरी राज्यों में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के सभी राशन कार्ड उपभोक्ताओं से भी आग्रह किया है कि वह अपने निकटतम लोक मित्र केन्द्र में जाकर eKYC करवाना सुनिश्चित करें।
हिमाचल में मानसून रविवार से फिर रफ्तार पकड़ेगा। 30 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज, 3 से 5 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी हुआ है। शनिवार को मंडी और शिमला में बूंदाबांदी हुई। अन्य क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली। अधिकतम तापमान में सामान्य से दो डिग्री की बढ़ोतरी हुई। ऊना में अधिकतम तापमान 37 और बिलासपुर में 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार से फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई है। निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि दो दिन के दाैरान प्रदेश के सभी क्षेत्रों में मानसून का प्रवेश हो जाएगा। पहाड़ी राज्यों में जहां बारिश के चलते भूस्खलन से सड़कें बंद हैं, वहीं मैदानी राज्यों में सड़कों पर पानी भर गया है। अरुणाचल प्रदेश में टेलीफोन की लाइनें टूट गई हैं। मौसम विभाग ने दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अगले चार दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने बताया कि उत्तर-पूर्व राजस्थान, पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी यूपी के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है।
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अगले साल से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम लागू होगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। नए सत्र के लिए अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकों की छपाई शुरू हो गई है। वर्ष 2024-25 से पहली-दूसरी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम शुरू हो गया है। अब तीसरी से पांचवीं कक्षा में इसे लागू किया जा रहा है। तीसरी से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी भाषा में गणित और पर्यावरण विषय पढ़ाए जाएंगे। प्रदेश के 10,300 प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नई व्यवस्था के लागू होने के बाद हिंदी माध्यम में पढ़ाई बंद हो जाएगी। निजी स्कूलों का मुकाबला करने और सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों का पलायन रोकने को सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण से पता चला कि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई न होने के चलते ही अभिभावक निजी स्कूलों को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। मौजूदा शैक्षणिक सत्र में सरकार ने पहली और दूसरी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम लागू किया है। पहली और दूसरी कक्षा में हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय पढ़ाए जाते हैं। इन कक्षाओं में गणित को अंग्रेजी में पढ़ाया जाता है। तीसरी से पांचवीं कक्षा में गणित, पर्यावरण, हिंदी और अंग्रेजी विषय पढ़ाए जाते हैं। नए सत्र से गणित और पर्यावरण विषय अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाए जाएंगे। नए शैक्षणिक सत्र से प्रदेश में लागू होने वाली नई व्यवस्था को सफलतापूर्वक चलाने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 20 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दे दिया है। ये अध्यापक पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाएंगे। बीते दिनों ही जिला और ब्लाॅक स्तर पर प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। राज्य सरकार ने नई व्यवस्था को शुरू करने की अनुमति दे दी है। राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड को अंग्रेजी माध्यम की किताबें छापने को कह दिया है। नए शिक्षा सत्र से सभी प्राइमरी स्कूलों की कक्षाएं इंग्लिश मीडियम पर चलेंगी। शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस प्रक्रिया से एनरोलमेंट भी बढ़ेगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 30 जून को हिमाचल प्रशासनिक सेवा (HAS) का एग्जाम होगा। सभी अभ्यर्थियों को एग्जाम शुरू होने से एक घंटे पहले पहुंचना होगा। सुबह और शाम को दो सत्र में ये एग्जाम होगा। इस बार आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा में केवल काले या नीले रंग के पेन का ही प्रयोग करना होगा। एचएएस एग्जाम के लिए अभ्यर्थी अधिकारिक वेबसाइट www.hppsc.hp.gov.in से ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा एग्जाम सेंटर में फोन और किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर पूरी तरह से मनाही है। इसके साथ ही एग्जाम सुबह 10 बजे से शुरू होगा। वहीं, शाम के सत्र की परीक्षा 2 बजे से शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HAS) की प्रीलिमिनरी परीक्षा में 32,371 उम्मीदवार बैठेंगे। इस परीक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी जिलों में एग्जाम सेंटर स्थापित किए हैं। एचएएस एग्जाम के लिए कुल 119 एग्जाम सेंटर स्थापित किए हैं। इन परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे, इसके लिए लोक सेवा आयोग ने तैयारियां कर ली है। वहीं, एग्जाम सेंटर में जैमर लगाए जाएंगे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी एग्जाम सेंटरों पर नजर रखी जाएगी. इस दौरान सीसीटीवी फुटेज को मॉनिटर किया जाएगा, ताकि एग्जाम के दौरान कोई गड़बड़ी न हो। एग्जाम सेंटर उन्हीं स्कूलों में बनाए गए हैं, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। आयोग की ओर से एचएएस की प्रीलिमिनरी एग्जाम के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एग्जाम सेंटरों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
**पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी हिमाचल प्रदेश में बरसात के चलते साहसिक खेल गतिविधियों पर 15 जुलाई से दो माह के लिए रोक लग जाएगी। प्रदेश के कुल्लू-मनाली, बीड़ बिलिंग, धर्मशाला, बिलासपुर, डलहौजी के खज्जियार और अन्य क्षेत्रों में साहसिक खेल गतिविधियों पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध रहेगा। दो माह न तो पैराग्लाइडिंग कर सकेंगे और न ही नदियों में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ सैलानी उठा पाएंगे। सैलानियों को पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग के लिए दो माह तक इंतजार करना पड़ेगा। बरसात में बारिश और भूस्खलन, बाढ़ आदि को ध्यान में रखते हुए दो माह के लिए साहसिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। वहीं, नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ पर्यटन विभाग की ओर कार्रवाई की जाती है। विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साइट बीड़-बिलिंग, धर्मशाला के इंद्रूनाग, कुल्लू-मनाली सहित अन्य पर्यटन स्थलों में सैलानियों को साहसिक गतिविधियों का आनंद लेने के लिए 2 माह का इंतजार करना होगा। अगर 15 जुलाई से पहले ही भारी बरसात होती है तो इन साहसिक गतिविधियों पर पहले भी रोक लगाई जा सकती है। उधर, जिला पर्यटन अधिकारी जिला कांगड़ा विनय धीमान ने बताया कि बरसात के मौसम में दो माह के लिए साहसिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रदेशभर में पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग सहित अन्य गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती हैं।
शिमला: हिमाचल में मौसम की बेरुखी का असर फसलों की पैदावार पर पड़ा है, जिससे मांग अधिक होने से बाजार में खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। इन दिनों खाद्य वस्तुओं सहित सब्जियां भी बहुत अधिक महंगी हो गई हैं। ऐसे में प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए उचित मूल्य की दुकानें ही सस्ते राशन खरीदने के लिए एकमात्र सहारा बची है, जिसके तहत सरकार ने जुलाई महीने के लिए सस्ते राशन का आवंटन कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के पांच लाख से अधिक डिपुओं में एपीएल परिवारों को अगले महीने 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। सरकार ने अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों दिए जाने वाले आटे और चावल के कोटे में कोई कट नहीं लगाया है। उससे पहले हर दो तीन महीने में राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता रहा है, लेकिन अब करीब एक साल से आटे और चावल की मात्रा से कोई फेरबदल नहीं किया गया है। हालांकि अधिक सदस्यों वाले परिवारों के लिए राशन की मात्रा अभी कम है। ऐसे उपभोक्ता राशन का कोटा बढ़ाए जाने की भी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने जुलाई माह के लिए राशन कोटे का आवंटन कर दिया हैं। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को समय पर सस्ता राशन उपलब्ध कराने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जुलाई महीने के लिए एपीएल परिवारों के लिए 25 हजार मीट्रिक टन से अधिक चावल और आटे के कोटे का आवंटन हुआ है। अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को परमिट जारी होंगे। ऐसे में लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में एक जुलाई से सस्ता राशन मिलना शुरू हो जाएगा।डिपो में समय पर सस्ता राशन उपलब्ध हो, इसके लिए सरकार ने पहले ही जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में राशन धारकों को आटे की तर्ज पर फोर्टिफाइड चावल दिया जा रहा है। इस चावल में आयरन के साथ विटामिन 12, फोलिक एसिड समेत शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्व मिलाए गए हैं। प्रदेश में एपीएल परिवारों की संख्या 12,24,448 है। इसमें एपीएल कार्ड धारकों की संख्या 11,52,003 है। वहीं, एपीएल टैक्स पेयर की संख्या 72,445 है. इसमें एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44,19,312 है, जिसमें एपीएल आबादी 41,26,583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2,92,729 है, जिन्हें अगले महीने 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड के दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के 3 जिलों में आज भारी बारिश का अनुमान है। मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग ने शनिवार के लिए तीन और रविवार को चार जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कल के लिए मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले 48 घंटों के दौरान इन जिलों के कुछ इलाकों में एक-दो बार भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी सतर्क रहने का आग्रह किया है। लोगों को ऊंचाई वाले, भूस्खलन वाले इलाकों और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। आईएमडी के मुताबिक अगले छह दिन यानी 4 जुलाई तक राज्य में लगातार बारिश की संभावना है। प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। अन्य जिलों में हल्की बारिश हुई है। बारिश के बाद प्रदेशभर में लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया, इस बार मई माह में 'रेमल' चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था।
**लोक निर्माण मंत्री ने नितिन गडकरी से सड़क परियोजनाओं पर चर्चा की लोक निर्माण निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर आगामी बरसात के दृष्टिगत प्रदेश की विभिन्न सड़क परियोजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया। केन्द्रीय मंत्री ने लोक निर्माण मंत्री के आग्रह पर जिला शिमला में केन्द्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत खमाड़ी-टिक्कर सड़क के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। लोक निर्माण मंत्री ने यह धनराशि स्वीकृत करने के लिए गडकरी का आभार व्यक्त किया। विक्रमादित्य सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली लोक निर्माण विभाग की सड़कों की मरम्मत के लिए केन्द्रीय मंत्री द्वारा पूर्व में घोषित 150 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून को ध्यान में रखते हुए यह धन राशि महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने मंडी जिले में कमांद-कटौला और चैलचौक-पंडोह सड़कों के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पहले से प्रस्तुत 30 करोड़ रुपये के अनुमानों को भी शीघ्र स्वीकृत करने का आग्रह किया क्योंकि यह वैकल्पिक सड़क मार्ग ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने में काफी सहायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यह सड़कें महत्त्वपूर्ण हैं और लोगों और पर्यटकों की सुविधा एवं कुल्लू-मनाली ट्रैफिक समस्या के समाधान में इन सड़कों का रख-रखाव महत्त्वपूर्ण है। लोक निर्माण मंत्री ने अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केन्द्रीय मंत्री के साथ शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग को टू-लेन की बजाय फोर-लेन के रूप में निर्मित करने का मामला पहले ही उठाया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों को एक समान उन्नयन के लिए एनएचएआई की संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं वार्षिक मसौदा योजना (ड्राफ्ट एन्नुअल प्लान) से हटा दी गई हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं को वार्षिक योजना 2024-2025 में शामिल करने का अनुरोध किया। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के एक हिस्से के सुधार के लिए केन्द्रीय मंत्रालय की प्रस्तुत 70 करोड़ रुपये की अनुमाति राशि भी लंबित है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आगामी अगस्त माह में मणिमहेश यात्रा के दृष्टिगत इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। प्रमुख अभियंता एनपी सिंह, मुख्य अभियंता सुरेश कपूर बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में कल से अगले छह दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट खास तौर पर 29 और 30 जून के लिए जारी किया गया है। ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर को छोड़कर नौ जिलों में आज और कल के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जब खतरा कम होता है तो येलो अलर्ट जारी किया जाता है। जब सावधानी की जरूरत होती है और खतरा ज्यादा होता है तो ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है और जब खतरा बहुत ज्यादा होता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है। इस दौरान बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। इस सीजन में मौसम विभाग ने पहली बार बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतनी होगी। स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी अधिक ऊंचाई वाले, लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाना चाहिए। प्रदेश के कई क्षेत्रों में प्री-मानसून की बारिश बीते तीन दिन से हो रही है। इससे प्रदेशवासियों ने भीषम गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर ऊना सहित दूसरे शहरों का तापमान अभी भी नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है।